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Fantasy राजा

Nevil singh

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ऐसे ही समय बीतता गया और वह समय भी आ गया जब औरत ने अपनी संतान को जन्म दिया। जन्म के साथ ही उसकी खूबसूरती में और भी ज्यादा निखार आ गया ऐसे मैं उसे देख कर कोई यह नहीं कह सकता था वह एक बच्चे की माँ है ।महारानी ने उस सन्तान का नाम आर्यन रक्खा ।
कहानी के पात्रों से परिचय
सीमा शर्मा हीरो की मां जिन्होंने बच्चे को जन्म दिया ।

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रूपा (रूपलेखा) हीरो की कथित माँ


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आर्यन (आर्या)कहानी का हीरो
रंजीत सिंह सहर के सबसे बड़े बिजनेसमैन और राजघराने से सम्बन्ध रखते है

मधु सिंह एक घरेलू महिला लेकिन दिखने में किसी भी हीरोइन को फेल कर दे

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इनकी 3 संतान है एक बेटा और दो बेटियां है
रेनू सिंह अपनी माँ की तरह ही खूबसूरत और बहुत ही नेकदिल लड़की है ।यह सबकी मदद करती है चाहे वह कोई जीव जंतु हो या कोई आदमी अपनी माँ से बहुत प्यार करती है

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दीपाली सिंह यह भी अपनी माँ की तरह खूबसूरत है लेकिंन पैसे के घमण्ड हैंऔर अपने आगे किसी को भी नही समझती है

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आरव अपने पापा की तरह कमीना और घर की ही लड़कियो पर गंदी नजर रखता है खासकर रेनू पर ।
विजय सिंह रंजीत का छोटा भाई और उनके हर अच्छे बुरे कामो में भागीदार ।इसने अपनी बीवी को भी अपने भाई के कहने पर अपनी समझ से मार डाला है ।यानी कि एक नम्बर का कमीना इन्शान है ।
रूपाली विजय की दूसरी बीवी यह भी बहुत अच्छी हैं पर इनको विजय की पहली शादी के बारे में कुछ भी नही मालूम है और यह अपने पति को देवता मानती है।क्यूंकि यह काफी गरीब घर की लड़की थी तो बहुत ही सुलझी हुई औरत है

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इनकी एक मात्र बेटी है जो कि काफी गुस्से वाली है
मिताली

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दानव सम्राट ऐलिस
इनके 1 बेटा ओर 1 बेटी है
राजकुमार पारस
राजकुमारी ऐनी

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Laajwaab
 

Nevil singh

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अभी बच्चे के जन्म को कुछ ही समय हुए थे कि उसकी सक्तियो का स्पंदन पूरे ब्रह्मांड में हुआ । चाहे वह अच्छी सक्तिया हो या बुरी ।क्यूंकि इस बच्चे के अंदर अंधेरे के सम्राट का आधी सक्तिया मौजूद थी जो कि किसी को डर से कपा देने के लिए बहुत थी ।उस सक्तियो को महसूस करके जंहा राजकुमार बुरी तरह से गुस्से में भर उठा वही दूसरी तरफ़ कुछ महाराज के मित्र और उनके सुभचिंतक महारानी से मिलने के लिए धरतीलोक पर आए और महारानी को अपने साथ ले जाने को बोले और बच्चे की उचित पालन पोषण की व्यवस्था करने को बोले तो महारानी बोली कि
महारानी "आप लोग इस मुसीबत की घड़ी में हमारे साथ खड़े है यही हमारे लिए बहुत बड़ी बात है और आप लोग हमारी बिल्कुल भी चिंता नही करे और रही बात इसके लालन पोषण की तो वो एक माँ से बेहतर और कोई नही कर सकता है और इसकी तो यंहा पर दो माँ है ।"
तो उनमें से एक बोलता है कि
आदमी 1"महारानी आप ऐसा बोल कर हमें सर्मिन्दा कर रही है और रही बात इस बच्चे की पालन पोषण की तो इसमें हम लोग बाधा नही डालना चाहते है हम तो केवल इतना चाहते है कि इसकी सक्तियो को सही दिशा दिखाई जाए और इसके साथ समय आने पर युद्ध कला और पुरातन ज्ञान को पढ़ाने की व्यवस्था की जाए।"
महारानी " आप लोग निश्चिन्त रहे समय आने पर जब हमको आपकी जरूरत पड़ी तो हम आपको जरूर याद करेंगे और रही बात इसकी सक्तियो को इसके काबू में लाने की बात तो उसकी शिक्षा हम करा देंगे ।इतना तो आप लोग हम पर विश्वास कर ही सकते है ।"
आदमी 2 "महारानी हम लोगो को आपकी सक्तियो और साहस पर पूरा विश्वास है और हम यह भी जानते है जो विद्यया आप दे सकती है वह कोई और नही दे सकता है ।मैने आपकी युद्धकुशलता और मायावी सक्तियो पर जो आपका नियंत्रण है वह महाराज के अलावा और किसी के पास नही है ।"

महारानी "हम आप लोगो को एक बात बताना चाहते है जो हमे लगता है कि आप सभी लोगो को ध्यान से सुनना चाहिए ।"
आदमी 1 "ऐसी कौन सी बात है जिसकी वजह से आप हम सभी को सावधान करना चाहती है ।"
महारानी " वैसे तो हमारे लिए किसी भी प्रकार की चिंता करने की कोई जरूरत नही है क्यूंकि जो बच्चा पैदा हुआ है वह कोई मामूली इन्शान का बच्चा नही है वह पहले दानव सम्राट है जिनकी सक्तिया आज भी इस ब्रह्मांड में बिखरी हुई है और उनसे ज्यादा ताकतवर तो ना तो उस समय कोई था और ना ही अब कोई होगा ।"
आदमी 2 "मतलब की वह भविष्यवाणी सत्य सिद्ध होगी यानी कि वह समय ज्यादा दूर नही है जब पूरे ब्रह्मांड में दानवी सकक्तियो का ही राज होगा ।"
महारानी "महारानी यह सत्य है लेकिन इसका एक विनाशकारी परिणाम भी होगा ।"
सभी एक साथ "वो क्या महारानी "
महारानी "अगर ऐसा हुआ तो वही समय प्रलय का होगा सब खत्म हो जाएगा इसलिए हमें पाप और पुण्य दोनों को संतुलन में रख कर ही चलना होगा और वैसे अभी इन सब बातों में समय हैअब तुम लोगो को जब भी मिलना हो ध्यान अवस्था मे ही मिलो ।मैं नही चाहती कि हमारी एक गलती की वजह से महाराज की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी।"

आदमी "जैसा आप को उचित लगे वैसा ही हम करेंगे ।हमारे लिये अगर कोई भी कार्य हो तो हमे जरूर याद कीजियेगा ।हम तुरन्त ही सेवा में हाजिर हो जाएंगे ।"
महारानी "आप लोग बस एक कार्य कीजिये कि मेरी बेटी को किसी भी तरह से संदेश पहुचा दीजिये की उसकी माँ ने उसे याद किया है और दूसरा काम यह है कि आप लोग एक स्थान का चुनाव करे जो कि सुरक्षित हो और वहां पर युद्ध का अभ्यास किया जा सके ।समय आने पर आप लोगो को बुला लिया जाएगा ।"
वही दूसरी तरफ रंजीत लगातार अपनी बेटियों के किस्मत के बल पर दिन दूनी रात चौगनी तरक्की के सफर बढ़ रहा था ।उसके दिमाग से सीमा और उसकी माँ के साथ किये गए दुष्कर्म को वह पूरी तरह से भूल चुका था ।उसके बाद उसने फिर कभी पीछे मुड़ कर नही देखा ।देखते ही देखते वह विश्व मे टॉप के 3 अमीरों में से एक बन गया ।उसकी तरक्की से जंहा एक तरफ खुशी का माहौल था वही दूसरी तरफ सीमा की चिंता बढ़ती जा रही थी कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह अपना बदला कैसे पूरा करेगी ।वही अब वह बच्चा समय के साथ पूरे 5 वर्ष का हो चुका था तो महारानी एक दिन अपने साथियों को याद किया और उन्हें बुलाया और उनसे बोली कि
महारानी " देखो अब वह समय आ चुका है कि अब तुम लोग इस बालक को युद्ध और पुरातन शिक्षा दो।"
आदमी "लेकिन महरानी हमे लगता है कि इस बालक को पुरातन विद्यया के साथ साथ आज के समय का पूरा ज्ञान होना चाहिए ।"
महारानी "हा मैं जानती हूं इसलिये आप लोग इस बात की बिल्कुल भी चिंता ना करे क्यूंकि मैं इस बालक को दो भागों में विभक्त कर दूंगी एक को आप लोग लेकर चले जाइयेगा और दूसरा हमारे साथ यंहा की सारी सभ्यता को सीखेगा और उसके साथ साथ मैं उसे ध्यान योग और संसार मे उपस्थित मायावी विद्यया का ज्ञान दूंगी।"
आदमी 2"महारानी इससे तो वह कमजोर हो जाएगा ।"
महारानी "अभी के समय मे कमजोर जरूर होगा लेकिन समय के साथ दोनों ही महान योद्धा और महासक्तिशाली होंगे ।"
आदमी "ठीक है जैसा आप कहे ।हम वैसा ही करेंगे ।"
इसके बाद महारानी ने सोते हुए बालक पर कुछ मंत्र पढ़ी और इसके बाद वह बालक दो भागों में बट गया।
Kamaal ka update dost
 

Nevil singh

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महारानी ने उस बालक के एक भाग को अपने साथ लेकर वंहा से दूर चली आयी और अपने साथ उन सभी लोगो को लेकर भी आई और फिर बोली
रूपलेखा :- "देखो तुम लोग इस बात का खास ध्यान रखना की आर्यन के बारे में जितने कम लोगो को पता चले उतना ही अच्छा होगा नही तो इसकी जान को खतरा हो सकता है और अगर ऐसा हुआ तो समझ लेना कि महाराज को छुड़ाना फिर नामुमकिन हो जाएगा ।"
आदमी 1 :-"महारानी आप बिलकुल भी चिंता ना करे हम अपनी जान देकर भी इसकी रक्षा करेंगे ।
महारानी :-आप लोग इसे इस संसार मे जितने तरह के युद्ध कला है और पुरातन ज्ञान है वह प्रदान करियेगा ।
सब एक साथ बोलते है जी ऐसा ही होगा और इसके बाद वह सब महारानी को प्रणाम करके वंहा से चले जाते है फिर महारानी भी वापस आकर अपने बिस्तर पर सो जाती है ।
सुबह होते ही वह अपने समय से उठती है तो देखती है सीमा बहुत ध्यान से आर्यन को देख रही है उसे इस तरह से देखते हुए देख कर रूपा बोलती है कि
(दोस्तो महारानी जब पाताल लोक के निवासियों से बात करेंगी तो उन्हें रूपलेखा और जब धरतीलोक के वासियो से बात करंगी तो रूपा लिखूंगा )
रूपा :क्या बात है सीमा बहुत ध्यान से आर्यन को देख रही हो ।
सीमा :दीदी मैं यही देख रही हु की आर्या कल के अपेक्षा आज कुछ कमजोर दिखाई दे रहा है ।
रूपा :ऐसी कोई बात नही है बस यह तूम्हारे मन का भर्म है और कुछ भी नही।
सीमा :ठीक है दी मुझे भी ऐसा ही लग रहा है चलिए कोई बात नही है मै आज थोड़ा जल्दी ऑफिस जा रही हु बॉस ने कुछ काम दिया है जो आज पूरा करना है ।
रूपा :हा जा तू लेकिन एक बात का ख्याल रखना कि
सीमा :हा मैं जानती हूं आखिर कितनी बार एक बात समझोगी दी आप ।
रूपा :हा मैं जानती हूं तू बहुत समझदार हो गयी है लेकिन मेरी बात को भूलना मत समझी की नही ।
सीमा : हा मैं समझ गयी और अगर आपकी इजाजत होतो क्या मैं अब जा सकती हूं।
रूपा :हा जाओ।
इसके बाद सीमा तैयार होकर अपने काम पर चली जाती है और रूपा आर्यन को तैयार करके स्कूल निकल जाती है और उसे वंहा छोड़ कर घर आ जाती है ।जब वह घर पहुचती है तो देखती है कि उसकी बेटी एनी घर मे बैठी उसका इन्तजार कर रही थी। अपनी बेटी को देखकर महारानी बहुत ही खुश होतीं है और अपनी बेटी के गले लगती है और उसे बैठने को बोलती है फिर एनी बोलती है कि

एनी :माँ आखिर कर यह सब क्या हो रहा है मुझे तो कुछ भी समझ मे नही आ रहा है ।वंहा पर पिता जी को भाई ने बन्दी बना कर कारागार में डाल दिया है और इधर आप एक मामूली इंसान की जिंदगी जीने पर विवश है ।जो भाई पिता जी के सामने सर नही उठा सकता था आज वह पिता जी को बन्दी बना रखा है ।
रूपलेखा :बेटी मैं तुम्हे ज्यादा तो नही बता सकती बस इतना जान लो अतीत एक बार फिर से खुद को दोहराने वाला है और अगर ऐसा हुआ तो समझ लो सब खत्म हो जाएगा ।बस हम लोग उसी से बचने का उपाय कर रहे है ।
एनी : मा मुझे जब सूचना मिली तो इसके बाद मैं किसी तरह से बच कर यंहा तक आने में सफल हो सकी है तो बताये आखिर किस लिए आपने मुझे याद किया है।
रूपलेखा :हमने तुम्हे बस इसलिए बुलाया है कि तुम्हे कुछ बातों से अवगत करा सकू।
एनी :ऐसी कौन सी बात है माँ जो आप इतना परेशान हो रही हो।
रूपलेखा :सुनो बेटी तुम और तुम्हारी जैसी चार लड़कियों की तलाश तुम्हारा भाई कर रहा है और अगर उसे यह पता चला कि तुम उनमे से एक हो तो यह हम सबके लिए ठीक नही होगा।
एनी :माँ आखिर आप कहना क्या चाहती है कुछ समझी नही।
रूपलेखा :तुमने पाताल लोक के प्रथम राजा का इतिहास तो पढ़ी हो ना तो बातओ उनकी कुल कितनी पत्नी थी ।
एनी : माँ जंहा तक मुझे याद है उनकी कुल 5 पत्निया थी ।एक मिनट आपके कहने का मतलब यह तो नही है ना कि मैं उनमे से एक हु ।
रूपलेखा : हा मैं यही कहना चाहती हु इसलिए जब तक तुमको तुम्हारे पूर्वजन्म के सम्राट नही मिल जाते तब तक तुम किसी के साथ शादी नही कर सकती और कुछ भी नही।
एनी : हा माँ मैं समझ गयी लेकिन मैं यह पूछ सकती हूं वह कौन है और इस वक्त कहा है ।
रूपलेखा :जब वह तुम्हारे सामने आएंगे या तुमको छू भी लिया तो तुम्हारा रूप परिवर्तन हो जाएगा
Awesome update dost
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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Iska

Is story ko suru kiya tha tab accident ho gya uske baad band kar diya tha or ab iska plot nikal gya hai dimag se isliye filhal to band hi usko khtm karne ke baad isko dekhate hai
itna jaan lijiye ki agar is kahani complete kiya aapne to ye story xf ke best stories mein ek hogi... :check: aur yahan ke top 5 fantasy stories ki list mein hogi ye kahani...
story plot itni superb hai ki shabd nahi mile bayan karne ko.... :bow:
Sath hi kahani devnagari mein... to baat hi kuch aur hai..
 

Nevil singh

Well-Known Member
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itna jaan lijiye ki agar is kahani complete kiya aapne to ye story xf ke best stories mein ek hogi... :check: aur yahan ke top 5 fantasy stories ki list mein hogi ye kahani...
story plot itni superb hai ki shabd nahi mile bayan karne ko.... :bow:
Sath hi kahani devnagari mein... to baat hi kuch aur hai..
Intjaar rahega dost ish superhit kahani ke agle ansh ka
Jara jaldi aana mitr pyare
Saare mousham beet gaye
Per ye bairy
Saawan ki jhadi nahi kattie
Intjaar me
 

Svin

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अभी बच्चे के जन्म को कुछ ही समय हुए थे कि उसकी सक्तियो का स्पंदन पूरे ब्रह्मांड में हुआ । चाहे वह अच्छी सक्तिया हो या बुरी ।क्यूंकि इस बच्चे के अंदर अंधेरे के सम्राट का आधी सक्तिया मौजूद थी जो कि किसी को डर से कपा देने के लिए बहुत थी ।उस सक्तियो को महसूस करके जंहा राजकुमार बुरी तरह से गुस्से में भर उठा वही दूसरी तरफ़ कुछ महाराज के मित्र और उनके सुभचिंतक महारानी से मिलने के लिए धरतीलोक पर आए और महारानी को अपने साथ ले जाने को बोले और बच्चे की उचित पालन पोषण की व्यवस्था करने को बोले तो महारानी बोली कि
महारानी "आप लोग इस मुसीबत की घड़ी में हमारे साथ खड़े है यही हमारे लिए बहुत बड़ी बात है और आप लोग हमारी बिल्कुल भी चिंता नही करे और रही बात इसके लालन पोषण की तो वो एक माँ से बेहतर और कोई नही कर सकता है और इसकी तो यंहा पर दो माँ है ।"
तो उनमें से एक बोलता है कि
आदमी 1"महारानी आप ऐसा बोल कर हमें सर्मिन्दा कर रही है और रही बात इस बच्चे की पालन पोषण की तो इसमें हम लोग बाधा नही डालना चाहते है हम तो केवल इतना चाहते है कि इसकी सक्तियो को सही दिशा दिखाई जाए और इसके साथ समय आने पर युद्ध कला और पुरातन ज्ञान को पढ़ाने की व्यवस्था की जाए।"
महारानी " आप लोग निश्चिन्त रहे समय आने पर जब हमको आपकी जरूरत पड़ी तो हम आपको जरूर याद करेंगे और रही बात इसकी सक्तियो को इसके काबू में लाने की बात तो उसकी शिक्षा हम करा देंगे ।इतना तो आप लोग हम पर विश्वास कर ही सकते है ।"
आदमी 2 "महारानी हम लोगो को आपकी सक्तियो और साहस पर पूरा विश्वास है और हम यह भी जानते है जो विद्यया आप दे सकती है वह कोई और नही दे सकता है ।मैने आपकी युद्धकुशलता और मायावी सक्तियो पर जो आपका नियंत्रण है वह महाराज के अलावा और किसी के पास नही है ।"

महारानी "हम आप लोगो को एक बात बताना चाहते है जो हमे लगता है कि आप सभी लोगो को ध्यान से सुनना चाहिए ।"
आदमी 1 "ऐसी कौन सी बात है जिसकी वजह से आप हम सभी को सावधान करना चाहती है ।"
महारानी " वैसे तो हमारे लिए किसी भी प्रकार की चिंता करने की कोई जरूरत नही है क्यूंकि जो बच्चा पैदा हुआ है वह कोई मामूली इन्शान का बच्चा नही है वह पहले दानव सम्राट है जिनकी सक्तिया आज भी इस ब्रह्मांड में बिखरी हुई है और उनसे ज्यादा ताकतवर तो ना तो उस समय कोई था और ना ही अब कोई होगा ।"
आदमी 2 "मतलब की वह भविष्यवाणी सत्य सिद्ध होगी यानी कि वह समय ज्यादा दूर नही है जब पूरे ब्रह्मांड में दानवी सकक्तियो का ही राज होगा ।"
महारानी "महारानी यह सत्य है लेकिन इसका एक विनाशकारी परिणाम भी होगा ।"
सभी एक साथ "वो क्या महारानी "
महारानी "अगर ऐसा हुआ तो वही समय प्रलय का होगा सब खत्म हो जाएगा इसलिए हमें पाप और पुण्य दोनों को संतुलन में रख कर ही चलना होगा और वैसे अभी इन सब बातों में समय हैअब तुम लोगो को जब भी मिलना हो ध्यान अवस्था मे ही मिलो ।मैं नही चाहती कि हमारी एक गलती की वजह से महाराज की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी।"

आदमी "जैसा आप को उचित लगे वैसा ही हम करेंगे ।हमारे लिये अगर कोई भी कार्य हो तो हमे जरूर याद कीजियेगा ।हम तुरन्त ही सेवा में हाजिर हो जाएंगे ।"
महारानी "आप लोग बस एक कार्य कीजिये कि मेरी बेटी को किसी भी तरह से संदेश पहुचा दीजिये की उसकी माँ ने उसे याद किया है और दूसरा काम यह है कि आप लोग एक स्थान का चुनाव करे जो कि सुरक्षित हो और वहां पर युद्ध का अभ्यास किया जा सके ।समय आने पर आप लोगो को बुला लिया जाएगा ।"
वही दूसरी तरफ रंजीत लगातार अपनी बेटियों के किस्मत के बल पर दिन दूनी रात चौगनी तरक्की के सफर बढ़ रहा था ।उसके दिमाग से सीमा और उसकी माँ के साथ किये गए दुष्कर्म को वह पूरी तरह से भूल चुका था ।उसके बाद उसने फिर कभी पीछे मुड़ कर नही देखा ।देखते ही देखते वह विश्व मे टॉप के 3 अमीरों में से एक बन गया ।उसकी तरक्की से जंहा एक तरफ खुशी का माहौल था वही दूसरी तरफ सीमा की चिंता बढ़ती जा रही थी कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह अपना बदला कैसे पूरा करेगी ।वही अब वह बच्चा समय के साथ पूरे 5 वर्ष का हो चुका था तो महारानी एक दिन अपने साथियों को याद किया और उन्हें बुलाया और उनसे बोली कि
महारानी " देखो अब वह समय आ चुका है कि अब तुम लोग इस बालक को युद्ध और पुरातन शिक्षा दो।"
आदमी "लेकिन महरानी हमे लगता है कि इस बालक को पुरातन विद्यया के साथ साथ आज के समय का पूरा ज्ञान होना चाहिए ।"
महारानी "हा मैं जानती हूं इसलिये आप लोग इस बात की बिल्कुल भी चिंता ना करे क्यूंकि मैं इस बालक को दो भागों में विभक्त कर दूंगी एक को आप लोग लेकर चले जाइयेगा और दूसरा हमारे साथ यंहा की सारी सभ्यता को सीखेगा और उसके साथ साथ मैं उसे ध्यान योग और संसार मे उपस्थित मायावी विद्यया का ज्ञान दूंगी।"
आदमी 2"महारानी इससे तो वह कमजोर हो जाएगा ।"
महारानी "अभी के समय मे कमजोर जरूर होगा लेकिन समय के साथ दोनों ही महान योद्धा और महासक्तिशाली होंगे ।"
आदमी "ठीक है जैसा आप कहे ।हम वैसा ही करेंगे ।"
इसके बाद महारानी ने सोते हुए बालक पर कुछ मंत्र पढ़ी और इसके बाद वह बालक दो भागों में बट गया।
To uski maa 2 se thodi shadi kar sakti hai. Our 2 jism ek jan bat nahi jami
 

Rahularya

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Intjaar rahega dost ish superhit kahani ke agle ansh ka
Jara jaldi aana mitr pyare
Saare mousham beet gaye
Per ye bairy
Saawan ki jhadi nahi kattie
Intjaar me
itna jaan lijiye ki agar is kahani complete kiya aapne to ye story xf ke best stories mein ek hogi... :check: aur yahan ke top 5 fantasy stories ki list mein hogi ye kahani...
story plot itni superb hai ki shabd nahi mile bayan karne ko.... :bow:
Sath hi kahani devnagari mein... to baat hi kuch aur hai..
Agar aap log bolte hai to mai is kahani ko phir se suru karta hu par ho sakta hai ki kahani me kuchh badlaw bhi dekhane ko mile or dusari baat do kahani likhane me MAI OR MERA PARIVAAR par fark padega thoda
 

Raj Singh Thakur

Active Member
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Agar aap log bolte hai to mai is kahani ko phir se suru karta hu par ho sakta hai ki kahani me kuchh badlaw bhi dekhane ko mile or dusari baat do kahani likhane me MAI OR MERA PARIVAAR par fark padega thoda
Ha bhai ye khani pir se suru kro bhut achchi khani hi please bhai
 

Nevil singh

Well-Known Member
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Agar aap log bolte hai to mai is kahani ko phir se suru karta hu par ho sakta hai ki kahani me kuchh badlaw bhi dekhane ko mile or dusari baat do kahani likhane me MAI OR MERA PARIVAAR par fark padega thoda
Ok bhai
Hum intjaar karenge tera kayamat tak
Khuda kare ke qyamat ho aur tu aaye

Koi baat nahi dost

Jaishe aapko sulabh ho update dena mitr

Per kahani chalegi to karvan banega rukne se to kuchh na hoga na bhai

Schedule bana kar chaliye jo dono kathao per baraber kaam kare
 
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