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Fantasy राजा

Naik

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ऐसे ही समय बीतता गया और वह समय भी आ गया जब औरत ने अपनी संतान को जन्म दिया। जन्म के साथ ही उसकी खूबसूरती में और भी ज्यादा निखार आ गया ऐसे मैं उसे देख कर कोई यह नहीं कह सकता था वह एक बच्चे की माँ है ।महारानी ने उस सन्तान का नाम आर्यन रक्खा ।
कहानी के पात्रों से परिचय
सीमा शर्मा हीरो की मां जिन्होंने बच्चे को जन्म दिया ।

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रूपा (रूपलेखा) हीरो की कथित माँ


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आर्यन (आर्या)कहानी का हीरो
रंजीत सिंह सहर के सबसे बड़े बिजनेसमैन और राजघराने से सम्बन्ध रखते है

मधु सिंह एक घरेलू महिला लेकिन दिखने में किसी भी हीरोइन को फेल कर दे

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इनकी 3 संतान है एक बेटा और दो बेटियां है
रेनू सिंह अपनी माँ की तरह ही खूबसूरत और बहुत ही नेकदिल लड़की है ।यह सबकी मदद करती है चाहे वह कोई जीव जंतु हो या कोई आदमी अपनी माँ से बहुत प्यार करती है

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दीपाली सिंह यह भी अपनी माँ की तरह खूबसूरत है लेकिंन पैसे के घमण्ड हैंऔर अपने आगे किसी को भी नही समझती है

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आरव अपने पापा की तरह कमीना और घर की ही लड़कियो पर गंदी नजर रखता है खासकर रेनू पर ।
विजय सिंह रंजीत का छोटा भाई और उनके हर अच्छे बुरे कामो में भागीदार ।इसने अपनी बीवी को भी अपने भाई के कहने पर अपनी समझ से मार डाला है ।यानी कि एक नम्बर का कमीना इन्शान है ।
रूपाली विजय की दूसरी बीवी यह भी बहुत अच्छी हैं पर इनको विजय की पहली शादी के बारे में कुछ भी नही मालूम है और यह अपने पति को देवता मानती है।क्यूंकि यह काफी गरीब घर की लड़की थी तो बहुत ही सुलझी हुई औरत है

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इनकी एक मात्र बेटी है जो कि काफी गुस्से वाली है
मिताली

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दानव सम्राट ऐलिस
इनके 1 बेटा ओर 1 बेटी है
राजकुमार पारस
राजकुमारी ऐनी

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Very nice intro
 

Naik

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अभी बच्चे के जन्म को कुछ ही समय हुए थे कि उसकी सक्तियो का स्पंदन पूरे ब्रह्मांड में हुआ । चाहे वह अच्छी सक्तिया हो या बुरी ।क्यूंकि इस बच्चे के अंदर अंधेरे के सम्राट का आधी सक्तिया मौजूद थी जो कि किसी को डर से कपा देने के लिए बहुत थी ।उस सक्तियो को महसूस करके जंहा राजकुमार बुरी तरह से गुस्से में भर उठा वही दूसरी तरफ़ कुछ महाराज के मित्र और उनके सुभचिंतक महारानी से मिलने के लिए धरतीलोक पर आए और महारानी को अपने साथ ले जाने को बोले और बच्चे की उचित पालन पोषण की व्यवस्था करने को बोले तो महारानी बोली कि
महारानी "आप लोग इस मुसीबत की घड़ी में हमारे साथ खड़े है यही हमारे लिए बहुत बड़ी बात है और आप लोग हमारी बिल्कुल भी चिंता नही करे और रही बात इसके लालन पोषण की तो वो एक माँ से बेहतर और कोई नही कर सकता है और इसकी तो यंहा पर दो माँ है ।"
तो उनमें से एक बोलता है कि
आदमी 1"महारानी आप ऐसा बोल कर हमें सर्मिन्दा कर रही है और रही बात इस बच्चे की पालन पोषण की तो इसमें हम लोग बाधा नही डालना चाहते है हम तो केवल इतना चाहते है कि इसकी सक्तियो को सही दिशा दिखाई जाए और इसके साथ समय आने पर युद्ध कला और पुरातन ज्ञान को पढ़ाने की व्यवस्था की जाए।"
महारानी " आप लोग निश्चिन्त रहे समय आने पर जब हमको आपकी जरूरत पड़ी तो हम आपको जरूर याद करेंगे और रही बात इसकी सक्तियो को इसके काबू में लाने की बात तो उसकी शिक्षा हम करा देंगे ।इतना तो आप लोग हम पर विश्वास कर ही सकते है ।"
आदमी 2 "महारानी हम लोगो को आपकी सक्तियो और साहस पर पूरा विश्वास है और हम यह भी जानते है जो विद्यया आप दे सकती है वह कोई और नही दे सकता है ।मैने आपकी युद्धकुशलता और मायावी सक्तियो पर जो आपका नियंत्रण है वह महाराज के अलावा और किसी के पास नही है ।"

महारानी "हम आप लोगो को एक बात बताना चाहते है जो हमे लगता है कि आप सभी लोगो को ध्यान से सुनना चाहिए ।"
आदमी 1 "ऐसी कौन सी बात है जिसकी वजह से आप हम सभी को सावधान करना चाहती है ।"
महारानी " वैसे तो हमारे लिए किसी भी प्रकार की चिंता करने की कोई जरूरत नही है क्यूंकि जो बच्चा पैदा हुआ है वह कोई मामूली इन्शान का बच्चा नही है वह पहले दानव सम्राट है जिनकी सक्तिया आज भी इस ब्रह्मांड में बिखरी हुई है और उनसे ज्यादा ताकतवर तो ना तो उस समय कोई था और ना ही अब कोई होगा ।"
आदमी 2 "मतलब की वह भविष्यवाणी सत्य सिद्ध होगी यानी कि वह समय ज्यादा दूर नही है जब पूरे ब्रह्मांड में दानवी सकक्तियो का ही राज होगा ।"
महारानी "महारानी यह सत्य है लेकिन इसका एक विनाशकारी परिणाम भी होगा ।"
सभी एक साथ "वो क्या महारानी "
महारानी "अगर ऐसा हुआ तो वही समय प्रलय का होगा सब खत्म हो जाएगा इसलिए हमें पाप और पुण्य दोनों को संतुलन में रख कर ही चलना होगा और वैसे अभी इन सब बातों में समय हैअब तुम लोगो को जब भी मिलना हो ध्यान अवस्था मे ही मिलो ।मैं नही चाहती कि हमारी एक गलती की वजह से महाराज की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी।"

आदमी "जैसा आप को उचित लगे वैसा ही हम करेंगे ।हमारे लिये अगर कोई भी कार्य हो तो हमे जरूर याद कीजियेगा ।हम तुरन्त ही सेवा में हाजिर हो जाएंगे ।"
महारानी "आप लोग बस एक कार्य कीजिये कि मेरी बेटी को किसी भी तरह से संदेश पहुचा दीजिये की उसकी माँ ने उसे याद किया है और दूसरा काम यह है कि आप लोग एक स्थान का चुनाव करे जो कि सुरक्षित हो और वहां पर युद्ध का अभ्यास किया जा सके ।समय आने पर आप लोगो को बुला लिया जाएगा ।"
वही दूसरी तरफ रंजीत लगातार अपनी बेटियों के किस्मत के बल पर दिन दूनी रात चौगनी तरक्की के सफर बढ़ रहा था ।उसके दिमाग से सीमा और उसकी माँ के साथ किये गए दुष्कर्म को वह पूरी तरह से भूल चुका था ।उसके बाद उसने फिर कभी पीछे मुड़ कर नही देखा ।देखते ही देखते वह विश्व मे टॉप के 3 अमीरों में से एक बन गया ।उसकी तरक्की से जंहा एक तरफ खुशी का माहौल था वही दूसरी तरफ सीमा की चिंता बढ़ती जा रही थी कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह अपना बदला कैसे पूरा करेगी ।वही अब वह बच्चा समय के साथ पूरे 5 वर्ष का हो चुका था तो महारानी एक दिन अपने साथियों को याद किया और उन्हें बुलाया और उनसे बोली कि
महारानी " देखो अब वह समय आ चुका है कि अब तुम लोग इस बालक को युद्ध और पुरातन शिक्षा दो।"
आदमी "लेकिन महरानी हमे लगता है कि इस बालक को पुरातन विद्यया के साथ साथ आज के समय का पूरा ज्ञान होना चाहिए ।"
महारानी "हा मैं जानती हूं इसलिये आप लोग इस बात की बिल्कुल भी चिंता ना करे क्यूंकि मैं इस बालक को दो भागों में विभक्त कर दूंगी एक को आप लोग लेकर चले जाइयेगा और दूसरा हमारे साथ यंहा की सारी सभ्यता को सीखेगा और उसके साथ साथ मैं उसे ध्यान योग और संसार मे उपस्थित मायावी विद्यया का ज्ञान दूंगी।"
आदमी 2"महारानी इससे तो वह कमजोर हो जाएगा ।"
महारानी "अभी के समय मे कमजोर जरूर होगा लेकिन समय के साथ दोनों ही महान योद्धा और महासक्तिशाली होंगे ।"
आदमी "ठीक है जैसा आप कहे ।हम वैसा ही करेंगे ।"
इसके बाद महारानी ने सोते हुए बालक पर कुछ मंत्र पढ़ी और इसके बाद वह बालक दो भागों में बट गया।
Bahot behtareen shaandaar update bhai
 

Naik

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महारानी ने उस बालक के एक भाग को अपने साथ लेकर वंहा से दूर चली आयी और अपने साथ उन सभी लोगो को लेकर भी आई और फिर बोली
रूपलेखा :- "देखो तुम लोग इस बात का खास ध्यान रखना की आर्यन के बारे में जितने कम लोगो को पता चले उतना ही अच्छा होगा नही तो इसकी जान को खतरा हो सकता है और अगर ऐसा हुआ तो समझ लेना कि महाराज को छुड़ाना फिर नामुमकिन हो जाएगा ।"
आदमी 1 :-"महारानी आप बिलकुल भी चिंता ना करे हम अपनी जान देकर भी इसकी रक्षा करेंगे ।
महारानी :-आप लोग इसे इस संसार मे जितने तरह के युद्ध कला है और पुरातन ज्ञान है वह प्रदान करियेगा ।
सब एक साथ बोलते है जी ऐसा ही होगा और इसके बाद वह सब महारानी को प्रणाम करके वंहा से चले जाते है फिर महारानी भी वापस आकर अपने बिस्तर पर सो जाती है ।
सुबह होते ही वह अपने समय से उठती है तो देखती है सीमा बहुत ध्यान से आर्यन को देख रही है उसे इस तरह से देखते हुए देख कर रूपा बोलती है कि
(दोस्तो महारानी जब पाताल लोक के निवासियों से बात करेंगी तो उन्हें रूपलेखा और जब धरतीलोक के वासियो से बात करंगी तो रूपा लिखूंगा )
रूपा :क्या बात है सीमा बहुत ध्यान से आर्यन को देख रही हो ।
सीमा :दीदी मैं यही देख रही हु की आर्या कल के अपेक्षा आज कुछ कमजोर दिखाई दे रहा है ।
रूपा :ऐसी कोई बात नही है बस यह तूम्हारे मन का भर्म है और कुछ भी नही।
सीमा :ठीक है दी मुझे भी ऐसा ही लग रहा है चलिए कोई बात नही है मै आज थोड़ा जल्दी ऑफिस जा रही हु बॉस ने कुछ काम दिया है जो आज पूरा करना है ।
रूपा :हा जा तू लेकिन एक बात का ख्याल रखना कि
सीमा :हा मैं जानती हूं आखिर कितनी बार एक बात समझोगी दी आप ।
रूपा :हा मैं जानती हूं तू बहुत समझदार हो गयी है लेकिन मेरी बात को भूलना मत समझी की नही ।
सीमा : हा मैं समझ गयी और अगर आपकी इजाजत होतो क्या मैं अब जा सकती हूं।
रूपा :हा जाओ।
इसके बाद सीमा तैयार होकर अपने काम पर चली जाती है और रूपा आर्यन को तैयार करके स्कूल निकल जाती है और उसे वंहा छोड़ कर घर आ जाती है ।जब वह घर पहुचती है तो देखती है कि उसकी बेटी एनी घर मे बैठी उसका इन्तजार कर रही थी। अपनी बेटी को देखकर महारानी बहुत ही खुश होतीं है और अपनी बेटी के गले लगती है और उसे बैठने को बोलती है फिर एनी बोलती है कि

एनी :माँ आखिर कर यह सब क्या हो रहा है मुझे तो कुछ भी समझ मे नही आ रहा है ।वंहा पर पिता जी को भाई ने बन्दी बना कर कारागार में डाल दिया है और इधर आप एक मामूली इंसान की जिंदगी जीने पर विवश है ।जो भाई पिता जी के सामने सर नही उठा सकता था आज वह पिता जी को बन्दी बना रखा है ।
रूपलेखा :बेटी मैं तुम्हे ज्यादा तो नही बता सकती बस इतना जान लो अतीत एक बार फिर से खुद को दोहराने वाला है और अगर ऐसा हुआ तो समझ लो सब खत्म हो जाएगा ।बस हम लोग उसी से बचने का उपाय कर रहे है ।
एनी : मा मुझे जब सूचना मिली तो इसके बाद मैं किसी तरह से बच कर यंहा तक आने में सफल हो सकी है तो बताये आखिर किस लिए आपने मुझे याद किया है।
रूपलेखा :हमने तुम्हे बस इसलिए बुलाया है कि तुम्हे कुछ बातों से अवगत करा सकू।
एनी :ऐसी कौन सी बात है माँ जो आप इतना परेशान हो रही हो।
रूपलेखा :सुनो बेटी तुम और तुम्हारी जैसी चार लड़कियों की तलाश तुम्हारा भाई कर रहा है और अगर उसे यह पता चला कि तुम उनमे से एक हो तो यह हम सबके लिए ठीक नही होगा।
एनी :माँ आखिर आप कहना क्या चाहती है कुछ समझी नही।
रूपलेखा :तुमने पाताल लोक के प्रथम राजा का इतिहास तो पढ़ी हो ना तो बातओ उनकी कुल कितनी पत्नी थी ।
एनी : माँ जंहा तक मुझे याद है उनकी कुल 5 पत्निया थी ।एक मिनट आपके कहने का मतलब यह तो नही है ना कि मैं उनमे से एक हु ।
रूपलेखा : हा मैं यही कहना चाहती हु इसलिए जब तक तुमको तुम्हारे पूर्वजन्म के सम्राट नही मिल जाते तब तक तुम किसी के साथ शादी नही कर सकती और कुछ भी नही।
एनी : हा माँ मैं समझ गयी लेकिन मैं यह पूछ सकती हूं वह कौन है और इस वक्त कहा है ।
रूपलेखा :जब वह तुम्हारे सामने आएंगे या तुमको छू भी लिया तो तुम्हारा रूप परिवर्तन हो जाएगा
Bahot khoob shaandaar update
 

Naik

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दोस्तो आखिर बहुत समय के बाद मैं इस कहानी को फिर से सुरु कर रहा हु इसलिए हो सकता है कि कहानी में थोड़ा बदलाव हो तो चलिए सुरु करते है।

Restart update 1
जैसा कि आप लोग जानते है कि सीमा और उसकी माँ ने काली सक्तियो को खुश करके पुत्र के रूप में दानवराज का अंश पाना चाहती है जो कि उनके बदले को पूरा कर सके । जिसमे वह लोग सफल भी होते है और उन्हें उनकी कीमत भी चुकानी पड़ती है जो कि सीमा को अपनी पहचान और माँ दोनो ही खोना पड़ता है ।उसकी माँ ने जो उसे नया चेहरा दिया उसकी मदद से वह अपनी एक नई पहचान बना लेती है ।वही दूसरी तरफ दानवराज के पुत्र को जब यह सूचना मिलती है तो वह अपने पिता को ही बन्दी बना लेता है और पूरे दानव लोक में अपना राज्य कायम कर लेता है इधर दानव रानी को जैसे ही इस बारे में पता चला तो वह दानवराज से मिलने के लिए जाती है ।जंहा पर दानवराज उनको धरती लोक पर भेजते है सीमा की मदद के लिए और सीमा की मदद करके दानवराज के पुत्र के रूप में पहले दानव सम्राट का जन्म होता है जिनके बारे में बहुत कम लोगो को ही मालूम होता है। इधर सीमा और रूपलेखा दोनो ही अपनी अलग पहचान बनाने में सफल होती है ।इधर रूपलेखा अपनी बेटी एनी को बुला कर सभी बातों से अवगत कराती है और यह भी बोलती है कि वह पहले दानवराज की बीवियों में से एक है और उसे अपने भाई से बचकर ही रहना होगा।।।।।।।।

अब आगे

अपनी माँ से यह सब बातें जानकर राजकुमारी को एक झटका लगता है और वह अपनी माँ से बोलती है
एनी :
माँ मुझे ऐसा लग रहा है कि आपको जरूर कोई गलतफहमी हो रही है वरना भला एक दानव कन्या और एक इंसान में भला कोई संबंध कैसे हो सकता है।

रूपलेखा : पुत्री अब जो सच है वह यही है और भूलो मत दानवराज का जन्म चाहे इन्शान से हो या फिर किसी दानव कन्या के गर्भ से उससे उनकी पहचान नही बदल जाएगी और यह बात तो तुम जानती ही हो कि जब उनका जन्म हो चुका है तो तुम्हरी तीन सौतन ने भी कंही ना कंही जन्म लिया ही होगा इसलिए मैं चाहती हु की तुम उनको खोजो और उनके सुरक्षा की प्रबंध करो ।

अभी वह इसके आगे कुछ और बोलती इससे पहले ही वंहा पर एक साया प्रकट होता है जिसे देखकर रूपलेखा चकित हो जाती है और तुरन्त ही घुटनो के बल बैठ कर प्रणाम करती है और बोलती है

रूपलेखा : गुरुदेव आप यंहा पर आने का कष्ट क्यों किया मुझे बुला लिया होता मैं ही आ गयी होती ।

साया : कोई बात नही महारानी मैं तो बस आपको यह बोलने के लिए आया था कि जो काम आप राजकुमारी को करने को बोल रही है उसे रोक दीजिये क्यूंकि जब तक उनकी बीवियों का मिलन दानवराज से नही होगा तब तक कोई चाह कर उनके बारे में कुछ भी नही पता लगा सकता है और उनकी सुरक्षा का प्रबंध दानवराज ने पहले ही कर दिया था ।राजकुमारी सहित उन पांचो कन्याओ में दानव राज के सक्तियो के अंश है जो की उन्हें हर तरह के मुशीबत से दूर रखेगा और कोई चाह के भी कुछ नही कर सकता है।

एनी : तो गुरुदेव ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए ।

साया : राजकुमारी अभी तो आपके लिए यही बेहतर होगा कि आप अपने लोक में ही रहकर दानवराज के वंहा पर आने का इन्तजार करे और जब वह अपनी सक्तियो के तलाश में आप से मिलेंगे तो ही दानव लोक का कल्याण होगा।

रूपलेखा : गुरुवर लेकिन अब मुझे नही लगता है कि इसका वंहा पर रहना सुरक्षित होगा क्यूंकि इतने वक्त में तो उन लोगो को यह मालूम हो चुका होगा कि यह वंहा पर नही है तो ऐसे में यह केवल मेरे पास ही आ सकती है तो ऐसे में इसका वंहा पर जाना ठीक नही होगा।

साया :उसकी चिंता आप ना करे महारानी इनकी सक्तियो की वजह से इनके दानव लोक से बाहर आते ही एक प्रतिरूप ने इनका जगह ले लिया था जिसकी वजह से वंहा पर तो किसी को इस बात का एहसास तक नही है कि दानव राजकुमारी अपने लोक में नही है।

इधर सीमा जो कि उसके बॉस ने काम है करके बुलाया था पर जब वह ऑफिस पहुची तो देखा कि आज ऑफिस स्टाफ में से कोई भी नही आया है तो यह देखकर उसको थोड़ा डर भी लगा कि बॉस ने आज उसको अकेले क्यों बुलाया है फिर भी वह उनके केबिन की तरफ जाती है तो उसे अंदर से कुछ आवाजे सुनाई देती है और जो कुछ सुना उसकी वजह से उसका दिमाग हिल गया क्यूंकि उसका बॉस उसके साथ आज जबरदस्ती करने के लिए बुलाया था और उसमें उसका साथ दे रहा था उसका खास आदमी जो कि उसका कुत्ता है। इधर दानव रानी रूपलेखा को इस बात की जानकारी हो जाती है कि सीमा के साथ क्या होने वाला है तो वह तुरन्त खड़ी हो जाती है और उनका पूरा सरीर इस वक्त गुस्से में उबल रहा था तो यह देखकर एनी बोलती है

एनी : क्या हुआ माँ आप इतने गुस्से में क्यों हो और इसका कारण क्या है।

रूपलेखा : बेटी मुझे इस वक्त ही जाना होगा क्यूंकि मैंने तुम्हारे पिता को सीमा और आर्यन की सुरक्षा का वचन दिया है ।

साया यह सब देख रहा था और रूपलेखा को शांत रहने को बोलता है और फिर कहते है कि

साया : महारानी आप को चिंता करने की कोई जरूरत नही है ।उन्हें कुछ भी नही होगा अब वह समय आ गया है जब उसे उसकी सक्तियो का परिचय कराया जाए क्यूंकि अब यह बहुत जरूरी हो चुका है ।दुश्मन अपनी सक्तिया बढ़ा रहा है और ऐसे में अगर उनसे लड़ना है तो केवल मायावी सक्तिया ही नही बल्कि धरतीलोक के इंसानो की तरह हर तरह से पावरफुल होना होगा।

उस साया की बात सुनकर रूपलेखा ने अपना सर हिलाते हुए बोली

रूपलेखा : आप सच कह रहे है गुरुदेव अब अगर यंहा पर इज्जत से जीना है तो खुद को इतना ऊँचा करना होगा कि लोगो की नजर भी ना पहुचे वंहा तक और अब तक इन सबने केवल एक लाचार औरत को देखा है लेकिन अब उनके सामने एक पॉवरफुल लड़की को देखेगा जिसके सामने आंख उठा कर देखना भी मुश्किल हो जाएगा।

इधर सीमा को समझ मे ही नही आ रहा था कि वह क्या करे तभी उसके सामने महारानी रूपलेखा प्रकट हुई और बिना कुछ बोले ही उसका हाथ पकड़ा और गायब होकर यंहा अपने घर पर आ गयी तो सीमा उन्हें हैरत से देख रही थी क्यूंकि आज पहलीबार धरती लोक पर आने के बाद महारानी ने अपनी सक्तियो का प्रयोग किया था तो वह बोली

सीमा : दीदी यह सब क्या है आपने तो बोला था कि आप एक नॉर्मल जीवन जीना चाहती है फिर यह सब क्यों।

रूपलेखा : वह इसलिए क्यूंकि अब मै एक बात जान चुकी हू कि यह दुनिया नॉर्मल लोगो को आसानी से जीने नही देती है इसलिए अब हमे अपने आप को बदलना होगा और वैसे भी तुम्हारे दुश्मन इतने आगे जा चुके है। हमे उनसे टक्कर लेने के लिए उनके बराबर मे जाना ही होगा और जिसमे हमे टाइम लगेगा इसलिए इसकी सुरूवात हमे करनी होगी।

सीमा ने जब रूपलेखा के मुह से अपने परिवार के दुश्मन के बारे मे सुनी तो उसकी सभी घाव ताजे हो गए और उसके आंखो मे अश्रु आ गए जिन्हें देख कर रूपलेखा बोली

रूपा : नही सीमा अब रोने का दिन नही है अगर तुम ऐसे ही खुद को कमजोर कर लिया तो आगे की लड़ाइ कैसे लड़ोगी क्योंकि अब बहुत जल्द हम उन लोगो का सामना भी करेंगे।

सीमा : पर जब तक आर्यन बड़ा होकर यह सब करने के लिए तैयार ना हो जाए तब तक हमे उसे उन लोगो से बचाना होगा।।

रूपलेखा : हा तो सीमा उसकी तैयारी हमे अब शुरू करनी ही होगी और वैसे भी आज से तैयार होगा तभी तो वह अपने मकसद मे कामयाब
Fir se kahani restart kerne k aapka bahot bahot shikriya
Bahot shaandaar update
Dekhte h seema ko kaise tayyar kia jata h apne dushmano se badla lene k liye
Lajawab update bhai
 

sunoanuj

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Bahut samay ke baad aaye mitr khani ko vapas yaad karne mai. Thoda waqt laga …

please ab update regularly dena …
 

Rahularya

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Update 2

सीमा रूपलेखा की बातो को समझ नही पाती है तो वह बोलती है कि

सीमा :
दीदी आप क्या बोल रही हो मै कुछ समझ नही पा रही हु आप जरा खुल कर बताएंगी।

रूपलेखा : इसमे ना समझ पाने वाली कौन सी बात है। मै यही कहना चाहती हु कि अब हमको इस गुमशुदा जिंदगी से बाहर आना ही होगा और अब समय आ गया है कि आर्यन की ट्रेनिंग और पढ़ाई दोनों ही शुरू कर देना चाहिए। अब आर्यन की स्कूल मे एडमिशन हो गया है और अब मै उसे मॉडर्न फाइट की शिक्षा दूंगी।

सीमा : ठीक है दीदी जी जैसा आपको उचित लगे आप वैसा करिए मैं तो वैसे भी उसकी सिर्फ जननी हूं बाकी तो पूरे मां का फर्ज आप ही निभा रही हो इसलिए सही मायने में उसकी मां आप ही हो और दुनिया की नजर में भी तो आप भी हो मैं तो उसकी होने वाली बीवी हूं ।

अभी तक सीमा की नजर एनी पर नहीं पड़ी थी और रूपरेखा भी जैसे उसको भूल गई थी तो यह देखकर एनी बोली कि

एनी :
अगर आप लोगों की बातें खत्म हो गई हो तो क्या हमारे ऊपर भी आप लोग ध्यान दे सकती हो । यहां तो ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं यहां पर हूं ही नहीं।
सीमा की नजर जब एनी पर पड़ी तो वह उसकी खूबसूरती देखकर एक बार के लिए तो मोहित ही हो गई । अब एनी थी ही इतनी खूबसूरत की किसी की भी नजर उसके ऊपर से ना हटे। एनी सीमा को इस तरह खुद को अपनी तरफ देखते हुए पा कर बोलती है

एनी :
क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हो आप मुझे।

सीमा कुछ बोलती नही बस मुस्कुरा के रह जाती है और फिर सवालिया नजरो से रूपलेखा की तरफ देखती है तो रूपलेखा अपनी बेटी का परिचय करवाती है और कुछ देर तक उन तीनो मे कुछ बाते होती है और उसके बाद एनी वापस लौट जाती है। इधर सीमा की ऑफिस मे उसका बॉस सीमा का वेट् कर रहा था पर जब वह नही आयी तो वह सीमा को फोन लगाता है लेकिन रूपा(रूपलेखा) उन्हे उठाने नही देती है। इसके बाद रूपा ने अपने मन मे किसी को याद किया तो कुछ ही देर मे एक आदमी उनके सामने खड़ा था जो महारानी रूपलेखा को देख कर झुक गया और फिर बोला

आदमी :
महारानी आपने इस गुलाम को याद किया। यह तो मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। आज आपने इस गुलाम का मान बड़ा कर दिया।।

रूपलेखा : मैंने तुम्हे यहा पर जिस काम को करने के लिए भेजा था उसका क्या हुआ।

आदमी : महारानी जी मैंने आपके कहे गए आदेश का पुरा पालन किया है और जैसा आप ने कहा था कि आपको धरती लोक मे अपने आदमी जिसके बारे मे आपके बेटे को ना मालुम हो मैंने वैसा ही किया है और वह सब बहुत ही यकीन के आदमी है और मैंने यहा पर अच्छा खासा बिजनेश् भी खड़ा कर दिया है। अब केवल आपका ही इंतजार है।


इतना सुन कर रूपलेखा बहुत खुश हुई और फिर सीमा का परिचय अपनी धर्म पुत्री के रूप मे करवाती है और बोलती है की

रूपलेखा :
हां तो सुनो अब तुम्हारा यहा का काम खत्म हो चुका है और अब तुम दानव लोक जा कर वंहा पर क्या समाचार है इस बारे मे हमे पूरी जानकारी दोगे पर उसके पहले मेरी बेटी सीमा को उस सब का जो आज तक दुनिया के नजर मे तुम्हारा था उसकी मालकिन घोषित करके जाओ और हा एक बात का खास ध्यान रखना की किसी को भी यह पता ना चले कि तुम हमसे मिले हो कभी वरना तुम्हारी मुस्किल और बढ़ जाएगी। जबसे मैंने पाताल लोक छोड़ कर यहा पर आयी हु तबसे मेरा बेटा मुझे खोज रहा है पर अभी तक उसे सफलता नही मिली है।।।

वह आदमी रूपलेखा की बातो को सुनता है और हा मे सर को हिला देता है और फिर बोलता है
आदमी :
जैसा आप का आदेश महारानी मै वैसा ही करूँगा। मै आज शाम तक सब काम निपटा कर दानव लोक लौट जाऊंगा।

इतना बोल कर वह आदमी गायब हो जाता है तो सीमा उनके तरफ देखती है और पूछती है कि

सीमा :
दीदी आप ने ऐसा क्यू किया आप तो बोलती थी कि यह लोग राजगद्दी के लिए वफादर होते है तो क्या ऐसे मे यह आपके पुत्र को यहा के बारे मे नही बता सकता है।

रूपलेखा : जरूर बता देता पर तुमने सुना नही की वह हर बार मुझे महारानी बोल रहा था इसका मतलब यह है कि मेरे बेटे ने महाराज को बंदी जरूर बना लिया है पर अभी तक उस राजगद्दी प्र बैठने के काबिल नही बन पाया है और उस काबिल होने के लिए अभी उसको अपनी ताकत को बढाने होंगे या फिर पूर्व राजा उसे अपना वारिस घोषित करे जो उन्होंने नही किया या फिर एक और तरीका हैं की राजा को बंदी बना लो जो उसने किया है और जिस किसी को राजा ने वरिश घोषित किया है उसे मार दो तब ही वह उस गद्दी के काबिल होता है और मैंने देवी मा की तप करके कुछ वरदान पाया था जिसका उपयोग मैंने हम तीनो के ऊपर किया है और जिसकी वजह से आर्यन के 18 वर्ष तक होने तक हमारा पता उसे या किसी को नही चलेगा जब तक मै ना चाहू।

इधर उस आदमी ने जाकर सभी बोर्ड ऑफ मेम्बर की मीटिंग बुला कर यह बोल दिया की आज D GRUP OF COMPANY की असली मालकिन आ रही है। दोस्तो यह वही कंपनी है जिसमे सीमा वंहा पर मैनेजर जूनियर असिस्टेंट के रूप मे काम करती थी और आज वह उसी कंपनी की मालकिन की मालकिन बन चुकी थी। यह कंपनी देश के टॉप पांच मे से एक थी लेकिन अभी भी रणजीत सिंह से बहुत ही पीछे थी। उसकी कंपनी internetionl थी और यह अभी उतनी नही फैल पाई थी पर भारत के हर बड़े सहर मे इसका ब्रांच हो गया था और ऐसे ही एक ब्रांच मे सीमा काम कर रही थी। ऐसे ही करीब दो दिन बीत गए और वह समय भी आ गया जब सीमा अपने नये आवतार मे सबके सामने आने वाली थी। वैसे तो उसे बहुत लोग जानते नही थे पर जो जानते थे उनके लिए यह बहुत बड़ा झटका सबित होने वाली थी।
 
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