अभी बच्चे के जन्म को कुछ ही समय हुए थे कि उसकी सक्तियो का स्पंदन पूरे ब्रह्मांड में हुआ । चाहे वह अच्छी सक्तिया हो या बुरी ।क्यूंकि इस बच्चे के अंदर अंधेरे के सम्राट का आधी सक्तिया मौजूद थी जो कि किसी को डर से कपा देने के लिए बहुत थी ।उस सक्तियो को महसूस करके जंहा राजकुमार बुरी तरह से गुस्से में भर उठा वही दूसरी तरफ़ कुछ महाराज के मित्र और उनके सुभचिंतक महारानी से मिलने के लिए धरतीलोक पर आए और महारानी को अपने साथ ले जाने को बोले और बच्चे की उचित पालन पोषण की व्यवस्था करने को बोले तो महारानी बोली कि
महारानी "आप लोग इस मुसीबत की घड़ी में हमारे साथ खड़े है यही हमारे लिए बहुत बड़ी बात है और आप लोग हमारी बिल्कुल भी चिंता नही करे और रही बात इसके लालन पोषण की तो वो एक माँ से बेहतर और कोई नही कर सकता है और इसकी तो यंहा पर दो माँ है ।"
तो उनमें से एक बोलता है कि
आदमी 1"महारानी आप ऐसा बोल कर हमें सर्मिन्दा कर रही है और रही बात इस बच्चे की पालन पोषण की तो इसमें हम लोग बाधा नही डालना चाहते है हम तो केवल इतना चाहते है कि इसकी सक्तियो को सही दिशा दिखाई जाए और इसके साथ समय आने पर युद्ध कला और पुरातन ज्ञान को पढ़ाने की व्यवस्था की जाए।"
महारानी " आप लोग निश्चिन्त रहे समय आने पर जब हमको आपकी जरूरत पड़ी तो हम आपको जरूर याद करेंगे और रही बात इसकी सक्तियो को इसके काबू में लाने की बात तो उसकी शिक्षा हम करा देंगे ।इतना तो आप लोग हम पर विश्वास कर ही सकते है ।"
आदमी 2 "महारानी हम लोगो को आपकी सक्तियो और साहस पर पूरा विश्वास है और हम यह भी जानते है जो विद्यया आप दे सकती है वह कोई और नही दे सकता है ।मैने आपकी युद्धकुशलता और मायावी सक्तियो पर जो आपका नियंत्रण है वह महाराज के अलावा और किसी के पास नही है ।"
महारानी "हम आप लोगो को एक बात बताना चाहते है जो हमे लगता है कि आप सभी लोगो को ध्यान से सुनना चाहिए ।"
आदमी 1 "ऐसी कौन सी बात है जिसकी वजह से आप हम सभी को सावधान करना चाहती है ।"
महारानी " वैसे तो हमारे लिए किसी भी प्रकार की चिंता करने की कोई जरूरत नही है क्यूंकि जो बच्चा पैदा हुआ है वह कोई मामूली इन्शान का बच्चा नही है वह पहले दानव सम्राट है जिनकी सक्तिया आज भी इस ब्रह्मांड में बिखरी हुई है और उनसे ज्यादा ताकतवर तो ना तो उस समय कोई था और ना ही अब कोई होगा ।"
आदमी 2 "मतलब की वह भविष्यवाणी सत्य सिद्ध होगी यानी कि वह समय ज्यादा दूर नही है जब पूरे ब्रह्मांड में दानवी सकक्तियो का ही राज होगा ।"
महारानी "महारानी यह सत्य है लेकिन इसका एक विनाशकारी परिणाम भी होगा ।"
सभी एक साथ "वो क्या महारानी "
महारानी "अगर ऐसा हुआ तो वही समय प्रलय का होगा सब खत्म हो जाएगा इसलिए हमें पाप और पुण्य दोनों को संतुलन में रख कर ही चलना होगा और वैसे अभी इन सब बातों में समय हैअब तुम लोगो को जब भी मिलना हो ध्यान अवस्था मे ही मिलो ।मैं नही चाहती कि हमारी एक गलती की वजह से महाराज की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी।"
आदमी "जैसा आप को उचित लगे वैसा ही हम करेंगे ।हमारे लिये अगर कोई भी कार्य हो तो हमे जरूर याद कीजियेगा ।हम तुरन्त ही सेवा में हाजिर हो जाएंगे ।"
महारानी "आप लोग बस एक कार्य कीजिये कि मेरी बेटी को किसी भी तरह से संदेश पहुचा दीजिये की उसकी माँ ने उसे याद किया है और दूसरा काम यह है कि आप लोग एक स्थान का चुनाव करे जो कि सुरक्षित हो और वहां पर युद्ध का अभ्यास किया जा सके ।समय आने पर आप लोगो को बुला लिया जाएगा ।"
वही दूसरी तरफ रंजीत लगातार अपनी बेटियों के किस्मत के बल पर दिन दूनी रात चौगनी तरक्की के सफर बढ़ रहा था ।उसके दिमाग से सीमा और उसकी माँ के साथ किये गए दुष्कर्म को वह पूरी तरह से भूल चुका था ।उसके बाद उसने फिर कभी पीछे मुड़ कर नही देखा ।देखते ही देखते वह विश्व मे टॉप के 3 अमीरों में से एक बन गया ।उसकी तरक्की से जंहा एक तरफ खुशी का माहौल था वही दूसरी तरफ सीमा की चिंता बढ़ती जा रही थी कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह अपना बदला कैसे पूरा करेगी ।वही अब वह बच्चा समय के साथ पूरे 5 वर्ष का हो चुका था तो महारानी एक दिन अपने साथियों को याद किया और उन्हें बुलाया और उनसे बोली कि
महारानी " देखो अब वह समय आ चुका है कि अब तुम लोग इस बालक को युद्ध और पुरातन शिक्षा दो।"
आदमी "लेकिन महरानी हमे लगता है कि इस बालक को पुरातन विद्यया के साथ साथ आज के समय का पूरा ज्ञान होना चाहिए ।"
महारानी "हा मैं जानती हूं इसलिये आप लोग इस बात की बिल्कुल भी चिंता ना करे क्यूंकि मैं इस बालक को दो भागों में विभक्त कर दूंगी एक को आप लोग लेकर चले जाइयेगा और दूसरा हमारे साथ यंहा की सारी सभ्यता को सीखेगा और उसके साथ साथ मैं उसे ध्यान योग और संसार मे उपस्थित मायावी विद्यया का ज्ञान दूंगी।"
आदमी 2"महारानी इससे तो वह कमजोर हो जाएगा ।"
महारानी "अभी के समय मे कमजोर जरूर होगा लेकिन समय के साथ दोनों ही महान योद्धा और महासक्तिशाली होंगे ।"
आदमी "ठीक है जैसा आप कहे ।हम वैसा ही करेंगे ।"
इसके बाद महारानी ने सोते हुए बालक पर कुछ मंत्र पढ़ी और इसके बाद वह बालक दो भागों में बट गया।