रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - १५
तभी देर रात चंदा उठके मंजुके रुमके पास आइ ओर खीडकीसे जांकने लगी तो देखा मंजु देवायतको कसके पकेडके उनकी बाहोमे सोइ हुइ थी तब वो समज गइ देवायत मंजुकी नींद खराब करना नही चाहता तब वो वापस आके अपने बेडपे सो गइ लेकीन आज चंदाकी आंखोसे नींद कोसो दुर थी वो करवटे बदलते सीर्फ देवायतके बारेमे ही सोचती रही ओर उसे कब नींद आगइ पताही नही चला....अब आगे
सुबह मंजु जल्दी उठ गइ ओर नहाके कंपलीट होगइ फीर देवायतके पास बेठ गइ ओर उसे प्यारसे देखने लगी तो देवायत सोते हुअे बहुतही मासुम लग रहा था तब वो देवायतके कंधेपे हाथ रखके उनको पलटते जगाती हे ओर उनके होंठ चुम लेती हे.. तब देवायत इनको अपने पास खीचके साथमे सुला देता हे तो मंजुभी उनके सीनेमे सर रखते लेट जाती हे तब देवायत दोनोके उपर चदर डालके उनके होंठ चुमने लगता हे
मंजु : जानु उठ जाओ.. देखो सुबह होगइ हे.. आप अपना सब काम नीपटालो.. फीर टाइमपे खाना खाने आजाना.. वो धिरेनको लेने जाना हे..
देवायत : हां बेबी सुबह सुबह मेरी खुबसुरत बीवीका दीदार होगया.. चल नहाते हे..
मंजुला : (हसते) बाबु मे नहा चुकी हु आप फटाफट नहालो.. पता नही वो महारानी उठी हेकी नही..
देवायत : कोन..?
मंजुला : (हसते) अरे वो आपकी मौसी.. चलो.. फटाफट नहाके आजाओ उनको जगाती हु फीर चाइ नासता करते हे.. (हसते) बेचारी रातमे ठीकसे सोइ नही होगी.. हें..हें..हें..
देवायत : (बेडसे उतरते) कहासे सोयेगी.. तुने उनको सादीका डोज जो दे दीया हे हें..हें..हें..
मंजुला : देवु प्लीज.. मेने जो कहा हे उनके बारेमे सोचना.. वो बहोत अच्छी हे..
देवायत : (बाथरुमकी ओर जाते) मंजु.. तु फीर सुबह सुबह सुरु होगइ.. चल नहाने दे..
कहेके देवायत बाथरुममे घुस गया ओर ब्रस करते चंदाके बारेमे सोचने लगा.. तब उनका लंड तनके उपरकी ओर जाने लगा जेसे कीसी रोकेटको लोन्च कर रहा हो.. तब दुसरी ओर मंजु चंदाको जगाती हे ओर गुडमोर्नींग वीस करती हे तब चंदा उठके मंजुको हग करलेगी हे फीर उनके सरको चुमके सीधेही बाथरुममे घुस जाती हे.. तबभी उनके मनमे देवायतका दमदार लंड घुम रहा था
तब उनकी चुतभी फडफडा रहीथी ओर अपने आप हरकत करते गीली होने लगीथी तब चंदा आइनेके सामने नंगी होगइ ओर अपना सौन्दर्य देखने लगी फीर खुदही सरमाते हसने लगी फीर नहाते उनके बुब्स साफ करते उतेजीत होने लगी ओर अपनी चुतमे उंगली डालके आंख बंध करली ओर जोरोसे हीलाने लगी तब कुछही देरमे वो जड गइ तब खुब सरमाइ फीर नाहाके बहार आगइ.. ओर तैयार होने लगी..
मंजुला : (तब बेडपेही बेठी थी) मौसी अच्छेसे तैयार होना.. आप पतीके साथ जा रही हो.. आइ मीन मेरे पतीके साथ.. हें..हें..हें..
चंदा : (चोंकते सरमाते) मंजु.. तुम भीना.., कुछ भी बोलती हे.., कुछतो सरम कर..
मंजुला : मौसी.. मुहसे अेसेही नीकल गया..क्या आपको बुरा लगा.. तो सोरी.. (सर नीचा करते)
चंदा : (उनके पास बेठते हग करलीया) नही बेबी..सोरी मत बोल.. तुतो मेरी भांजी नही मेरी बहेन हे.. ओर बहेनोके बीच अेसे सोरी माफी कोइ सब्द नही होते.. मुजे अच्छा लगा तुम मेरे बारेमे इतना सोचती हो मेरी केर करती हो.. अरे पगली तेरे जेसी बहेन मुजे कहा मीलेगी.. लेकीन जो तु कहेना चाहती हे वो मे नही कर सकती.. बस मेरी कुछ मजबुरीया हे.. वरना तेरी बात जरुर मानती..
मंजुला : मौसी मुजे पता हे आपकी मजबुरी.. मे उन उलजन को खतम कर दुगी..
कहेके मंजु बहार जाने लगी तब चंदा उसे अेक नजरसे जाते हुअे देखती रही.., आज उसे मंजुने इस वीसयको छेडके जंजोर दीयाथा ओर उनकी बातोपे सोचनेके लीये मजबुर करदीया था लेकीन वो कीस मुहसे कहेकी मेने तेरे पतीके साथही सादी करली हे.. वो बडीही कस्मकसमे थी, फीर भारी मनसे तैयार होगइ ओर बहार आगइ तब मंजु अकेले सोफेपे बेठी सोचमे डुबी हुइ थी.. तब चंदा उनके पास बेठ गइ..
चंदा : (उनका सर सहेलाते) क्या सोच रहीहे मेरी बहेन..
मंजुला : (चंदाके सामने देखते सर ना मे हीलाते) कुछ नही मौसी ये जींदगीभी बडी अजीब हेनां..?
चंदा : (हसते) हां.. मे इस बारेमे ज्यादा नही सोचती, भगवानने जो हमारी कीस्मतमे लीखा हे वो होकरही रहेता हे.. फीर चाहे मे ओर तुम मानो या ना मानो..
मंजु : ठीक हे मौसी जेसी आपकी मरजी.. चलो चाइनास्ता नही करना..देवुभी नही आया..
देवायत : (आते) आ गया बेबी..चलो चलो.. मुजे जाना भी हे भानु आगया होगा..
फीर तीनो चाइनास्ता करने लगतेहे तब चंदा बार बार चोर नजरसे देवायतको देखती रही तब मंजु बरोबर उनकी नजरका पीछा करते तीरछी नजरोसे देखती रही.. तब मंजुने कहा..
मंजुला : जानु.. आप कीतने बजे नीकलने वाले हो..
देवायत : मंजु तीन बजे वकीलको मीलना फीर आघा अेक घंटा लग जायेगा.. बस खाना खाके ही नीकलना हे.. पता नही धिरेन कब आने वाला हे..
चंदा : मुजेभी टाइम नही बताया सायद चार पांच बजे आजायेगा..
मंजुला : कोइ बात नही आप लोग उनका वेइट करलेना.. ओर सीधे अहीपे लेआना..
चंदा : नही मंजु अब मे घर जाउगीनां.. इधरभी तीन चार दीन होगये.. फीर तेरी डीलीवरीके टाइम आजाउगी
मंजुला : मौसी वहाभी क्या काम हे.. वेसेभी धिरेनकी छुटीया चल रही हेनां..? वोभी इधर आजायेगा तबतक लखन ओर पुनमभी आजायेगे तो सब बच्चो साथमे रहेगे तो आपसमे मील जुल लेगे.. क्यु देवु..?
देवायत : (हाथ धोते) हां मौसी.. मंजु ठीक केह रही हे.. ओर उन लोगोको लेने जाना हे तब खरीदीभी तो करनी हे तो धिरेनभी साथ चलेगा..उनकी पसंदका सब आजायेगा.. मे दोनोको इधरही ले आउगा..
चंदा : (हसते) अरे मे आजाउगीनां.. क्यु जीद कर रहे हो..?
मंजुला : नही मौसी मेरे पतीने केह दीया सो केह दीया.. देवु वरना जबरदस्ती इनका अपहरण करके लेआना, हें..हें..हें..
तब देवायत हसने लगा तो चंदाभी सरमके मारे सर नीचा करते हसती रही.. अेसेही मजाक करते सबने चाइ नास्ता फीनीस कीया.. तो देवायत दोनोको हग करके नीकल गया वो गोडाउन गया वहा सब काम देखके मुनीमके घरकी ओर नीकल गया तब वहा बेठनेके लीये कोइ नही था बस उनकी दो पडोसन बेठीथी देवायतको देखतेही नमस्ते करके वापस घर चली गइ तब घरमे सीर्फ देवायत ओर चंपाही थे..
तब चंपाने उसे बेठनेके लीये कहा ओर पानी लेने चली गइ फीर देवायतको पानी पीलाया ओर वही खडी रही.. आज उनके चहेरेपे गम काफी कम दीख रहा था.. उनको अब सीर्फ देवायतपेही उमीद थी..
देवायत : भाभी सब अच्छेसे करना पैसोकी चीन्ता मत करना.. (जेबसे पांच हजार नीकालके देते) ये लीजीये.. इनको रख लीजीये.. जब यहाका कार्य पुरा होजाये तब आप हवेलीपे आजायेगा.. वही काम करीयेगा.. मंजुकोभी कंपनी मील जायेगी..
चंपा : देवरजी क्या उनकीभी डीलेवरीका टाइम होगया हेनां..? होस्पीटल कब जाना हे..?
देवायत : बस अेक हप्तेके बादकी डेट हे.. मेरी मौसीजी आने वाली हे.. तबतक इधरभी सब कार्य सम्पन हो जायेगा फीर आजाना..
चंपा : आपने मुजपे बडी महेरबानीकी इतनातो कोइ सगे वालेभी नही करते.. देवरजव अब मुनीमजी के कुछ कागजात पडे हे मेरेतो कोइ कामके नही.. अब आपही लेजाइयेगा.. क्या पता कीसी गांवके वहीवटके कामके हो.. पता नही पंचायतका कागज घरपे क्यु रखा हे.. वहा उतनी बडी ओफीस तो हे..
देवायत : भाभी ये कागज आप अभी आपके पासही रखीये अेक दो दीनमे फ्रि होजाउगा तब लेकर जाउगा.. ओर इनका जीकर कीसीसे मत करना.., भाभी अब मे सोच रहा हु.. रश्मीभाभी को मुनीमकी जगाह रखलु..
चंपा : हां वो अच्छी हे पढीलीखी भी हे.. पता नही ये सरपंचके पले केसे पड गइ.., वेसे क्या हुआ उनका..
देवायत : बस कुछ नही.. अब तो जबतक जींदा रहेगे अेसेही बीस्तमे रहेगे जेसे होस्पीटलमे थे..
चंपा : चलो अच्छा हुआ.. कभीना.., कभीतो पापका घडा भरेगाही.. जो इनकी सजा मील गइ दोनो को..
देवायत : दोनो को..? इसमे मुनीमजीकी क्या गलती हे..?
चंपा : (दरवाजा बंध करके आइ) देवरजी सारी फसातकी जड आपके भाइसाबही थे.. इन्होनेही सब कागजात सरपंचको नीकालके दीये हे.. तब मेने रुमसे सुना वो आपकी जमीन ओर कुछ खजानेकी बात कर रहेथे.. मे ठीकसे सुन नही पाइ.. इसीलीयेतो सब कागजात आपको दे रही हु.. बस मेरा खयाल रखीयेगा..
कहेते सरमाते देवायतके पास बगलमे सर जुकाके बेठ गइ तब देवायत समज गया ओर उनके हाथपे अपना हाथ रख दीया ओर धीरेसे दबा दीया तब चंपा सरमसे पानीपानी होगइ ओर तीरछी नजरसे देवायतकी ओर देखती हसती रही उसने अपना हाथ हटानेकी कोइ कोसीस नहीकी तब अचानक देवायत उनको बेठे बेठेही बाहोमे कसके भरलेता हे तब चंपा खुब सरमाइ ओर मुस्कराते देवायतकी बाहोमे समा गइ..
अपना अेक हाथ देवायतके सीनेपे रखके सहेलाने लगी तो देवायतने उनका चहेरा अपनी ओर कीया ओर दोनोके होंठ मील गये ओर स्मुच करने लगे.. तभी देवायतने अेक हाथ कीस करतेही उनके उरोजोपे रख दीया ओर हल्केसे दबाके मसलने लगा तब चंपाके मुहसे सीसकारीया नीकलने लगी ओर देवायतका पुरा साथ देने लगी.. देवायतभी कल चंदाके पास नही जा सका इसलीये उनको कलसे ठरक चडी हुइ थी..
चंपा : (धिरेसे सरमाते) देवरजी इधर कोइ भी आ सकता हे.. अंदर चलीयेनां..
तब देवायत अलग हो जाते हे ओर चंपा उसे अपने बेडरुममे लेजाती हे ओर पीठके बल लेटतेही अपनी सारीको कमर तक उची करके अपने ब्लाउसके बटन खोलने लगती हे.. तब देवायतने देर ना करते अपने पेन्टकी क्लीप खोलदी फीर पेन्ट ओर नीकर नीचे करलीया तब चंपाकी चुतको देखतेही देवायतका लंड जटके मारने लगा तो देवायत उनके पैरके बीच बेठने लगा तब चंपाने अपने दोनो पैर फैला दीये..
देवायत : (चंपाकी चुतपे लंड घीसते) सरपंचके साथ कीतनी बार चुदी हो..?
चंपा : (सरमाते मुह दुसरी ओर करते) वो मुआ इधर कहा दारु पीने आताथा.. बस मेरे पतीको तीन चार पेग पीलादो उनको कोइ होसही नही रहेता फीर सरपंच अंदर आजाता, वो यहा मेरे साथ मजे करनेही आता था
देवायत : (उतेजनामे आके लंड घुसाते) अब मेरे साथ चुदेगीना.. मे तुजे रोज चोदुगा..
चंपा : देवरजी अबतो सीर्फ आपहीका सहारा हे अब आपके सीवा मेरी प्यास कोन बुजायेगा..? मे अेसे वेसी ओरत नही हु.. ओर अबतो आपसेही चुदवाउगी.. आपका हथीयारभीतो सबसे बडा हे ओर मोटाभी हे..
तब देवायत चंपाकी चुतमे लंड फसाके उनपे जुक जाता हे ओर होंठ चुमते कमरको अेक जोरका जटका मारता हे तब लंड चंपाकी चुतको चीरते अंदर घुस जाता हे तो चंदाकी हल्कीसी चीख नीकल गइ ओर आंसुभी टपक गये तब उसने अपने मुहपे हाथ रखदीया ओर छटपटाने लगी ओर देवायतको रुकनेको कहेने लगी.. तब देवायत लंबे लंबे सोट मारते चंपाको चोदने लगा..
चंपा : उउउउउइइइइइ मांमामाआआआ मममररर गगगगइइइइइ मोमोमोटाटाटाट हेहेहेहे.. रुकीयेयेये.. नही नही नही..सीसीसीसइइइइइइइ बस..बस..बस.. कीजीये...रुकीये...जलन हो..ती.. हेहेहेहे..सीसीसीइइइइइ
लेकीन देवायत कहा रुकने वालाथा, चंपाकी हालत दर्दके मारे खराब होने लगी ओर वो देवायतके सीनेमे दोनो हाथसे धका मारते उनको अपने उपरसे हटानेकी कोसीस करने लगी..तभी थोडीही देरके बाद उनकी दर्द भरी चीखे कामुक आवाजमे बदलने लगी ओर वो आधी आंख चडाते मदहोसीकी हालतमे चली गइ फीरतो वोभी कमर हीलाके देवायतका साथ देने लगी तब अचानक देवायतको बाहोमे भीच लीया..
ओर उनकी चुतने जवाब देदीया.. फीरभी देवायत उसे चोदेही जा रहा था तब थोडी देर वो सीथील होके पडी रही ओर देवायत उसे जटके मारते चोदता रहा तब उनके बुब्स देवायतके हर धकेके साथ उछल रहेथे, चंपाको आज असली मर्द मील गयाथा जो वो जड गइ उनके बावजुद चुद रही थी.. अेसा सुख ना उसे मुनीमसे पायाथा ओर नाही सरपंचसे पाया था.. वो आज बहुत खुस होगइ.. तब देवायतने स्पीड बढादी.. ओर लंडको जड तक घुसाते जोरोसे लंबे लंबे सोट मारते काफी देर तक चंपाकी चुदाइ करता रहा.. तब चंपाकी हर धकेके साथ आहे नीकलती रही.. तो बीच बीचमे देवायत उनके होंठ ओर उनके दोनो बुब्स चुमता रहा..
तो चंपा फीरसे गरम होगइ ओर देवायतको बाहोमे भीचलीया ओर अपनी कमर आडी टेडी करके हीलाने लगी तब देवायतके सरीरमे हलचल तेज हो गइ ओर उसने चंपाको चीपकते जोरोसे बाहोमे भीच लीया तब चंपानेभी देवायतको कसके बाहोमे भरलीया ओर देवायत चंपाकी गरदनमे चुमते उनको होठोको भीचके लीपलोक करलीया तब चंपाकी आंखभी बडी होगइ ओर उसको अपने गर्भासयपे देवायतका गरम विर्य महेसुस होने लगा तब देवायत जटके मारते जड रहाथा तो चंपा अेक बार फीसे उतेजीत होके साथमे जडने लगी..
ओर देवायत चंपाके सीनेपे ढेर होगया दोनोही पसीने पसीने होगये ओर अपनी सांसे दुरस्त करते रहे तबतक चंपा देवायतकी पीठ सहेलाती रही जब दोनोही सांत हुअे तब चंपा देवायतसे नजर नही मीला पा रहीथी उनका कारण देवायतकी दमदार चुदाइ थी चंपाने अेसी दमदार चुदाइ कभी नही करवाइ थी.. तभी देवायत उनके चहेरेको दोनो हाथसे पकडके अपनी ओर कर लेता हे तब चंपा उनकी ओर नजर करते सरमके मारे अपनी नजरे नीचे करलेती हे तो देवायत उनके होंठ चुमने लगता हे..
देवायत : चंपा अब मुजे जाना चाहीये.. सहेरभीतो जाना हे..
चंपा : (धीरेसे सरमाते) देवरजी आते रहीयेगा.. आज ये चंपा आपकी अमानत होगइ.. अब मे सीर्फ आपसेही चुदवाउगी मेरा खयाल रखीयेगा.. ओर मे रहुगी इधरही.. सीर्फ कामके लीये वहा आउगी.. ताकी हम यहा मील सके.. ओर हो सकेतो हमारी बातका जीक्र कीसीसे नही करीयेगा..
देवायत : (गाल चुमते) ठीक हे चंपा डार्लींग.. चलो मुजे जाना हे..
कहेके देवायत चंपाके उपरसे उतर गया तब लंडसे फच..की आवाज आइ जीसे सुनके चंपा सरमसे पानीपानी हो गइ तब उनकी चुतसे दोनोका काम रस चुतसे बहेने लगा तब चंपा कपडेसे अपनी चुतको साफ करने लगी उनको हीलनेकीभी ताकात नही थी वो वेसेही पडी रही तब देवायत बाथरुममे लंड साफ करने चला गया फीर बहार आगया तबभी चंपा अेसेही पडीथी तब देवायतने उनकी मदद करनेको कहा तो मना करदीया..
फीर देवायत दरवाजा खोलके बहार आगया ओर अपनी कार लेके गोडाउनपे आगया.. उनको चंपाको चोदनेमे कोइ मुस्कील नही लगा क्युकी उनको मालुम था चंपा बहुतही कामुक ओरत हे ओर हमेसा सरपंचसे चुदती हे इसीलीयेतो चंपा कोइ ना नुकुर करे बगैरही देवायतसे चुदवानेको तैयार होगइ.. देवायत आके बेठाही थाकी भानु आगया.. ओर उनके पास बेठ गया..
भानु : भाइ वो रश्मीभाभीका फोन आयाथा कल उनको छुटी दे रहे हे उसे लेने जाना पडेगा..
देवायत : ठीक हे कल लेके आजायेगे.. वेसेभी अब उनको घरपे हीतो रखना हे.., ओर सुन मे सहेर जा रहा हु.. वो धिरेन आ रहा हे ओर वो वकीलकोभी मीलना हे..
भानु : भाइ जीनका केश चल रहा हे वोतो खटीयामे पडा हे.. आप तारीखही लेलो..अबतो जबतक गुजर नही जाता अेसेही तारीख लेना हे.. फीर कुछ करते हे.. हम रश्मीभाभीको कहेके सारे कागजात नीकलवा लेगे..
देवायत : चल ठीक हे देखतेहे वकील क्या कहेता हे.. वो हरीयाको चाइकातो कहेदे फीर नीकलनाभी हे..
तभी भानु हरीयाको आवाज लगाता हे फीर दोनो चाइ पीतेहे ओर कुछ बाते करते देवायत नीकल जाता हे जब हवेलीपे पहोचतेहे तब चंदा बीलकुल तैयार होके बेठीथी आज वो कयामत लग रहीथी मंजुने उनके कपडे जबरदस्तीसे बदलवा दीये थे तो देवायत उसे देखता ही रहातो मंजु उनको देखते जोरोसे हसने लगी तब चंदाभी हसते सरमसे पानीपानी हो रहीथी.. तब मंजुने मजाक करते कहा..
मंजुला : (हसते) कंट्रोल पती देव कंट्रोल..आपकी मौसीजी हे अेसे ताडीये मत.. हें..हें..हें..
चंदा : (जुठे गुसेसे) मंजु.. बस यार कुछ तो सरम कर.. कुजभी बोलती हे..
देवायत : (जेंपते अंदर आते) मंजु तुभीनां.., वेसे मौसीजी सच कहु.. इस कपडेमे आप कयामत लग रही हे.. आप नीकलोगीतो हम नेसे नौजवानोकी लाइन लग जायेगी हें..हें..हें..
चंदा : (अेकदम सरमाते हसते) क्या देवुजी आपभी.. दोनोके दोनो पती पत्नी अेक जेसेही हो.. मुजे नही आना बहोत सरम आ रही हे.. मे ये कपडे चेन्ज करती हु..
मंजुला : (जटसे) नही नही नही..मौसी अब हम मस्ती नही करेगे बस..? आइअे खाना रेडी हे देवु आप फ्रेस होके आइअे तबतक खाना नीकलवाती हे फीर दोनोको जानाभी हे..
चंदा : (हसते खडे होते) तुजे हमे भगानेकी बडी जल्दी हे.. तेरा इरादातो नेक हेना..? हें..हें..हें..
मंजुला : अरे मौसी फीकर मत करो मेरे पतीको भगाके लेजाओ तोभी गम नही हे हें..हें..हें..
तब चंदा उसे सरमाते हसते अेक पीठमे मुका मारदेती हे फीर दोनो खानेपे चली जातीहे तबतक देवायतभी आगया ओर वोभी मंजुके पास बेठ गया तब चंदा बार बार देवुकी ओर देखते सरमा रहीथी फीर हल्की मुस्कानके साथ नजरे जुका लेती थी तब मंजु चंदाकी हर हरकतको नोटीस कर रहीथी ओर मनही मन खुस हो रहीथी उनका नीसाना बीलकुल सही लग रहाथा फीर तीनोने मजाक मस्ती करते खाना फीनीस कीया तो दया सब बरतन उठाके ले गइ ओर तीनो सोफेपे आके बेठ गये तबतक १ बज चुकाथा..
देवायत : तो मौसी हम चले..? सहेरभीतो यहासे दुर हे..
चंदा : (सरमाके हसते) जी.. चलीये..
तब मंजु थोडी मायुस होगइ देवायत उनके चहेरेका भाव फौरन पहेचान गया तीनोही खडे हो गये तब देवायत मंजुके पास चला गया ओर उनकी आंखोमे प्यार भरी नजरोसे देखता रहा ओर बहारकी जानेके लीये नेसेही मुडा तब मंजुने हीमत करके फोरन देवायतका चहेरा अपने हाथोमे लेलीया ओर उनको अेक होठोपे चुंबन जड दीया तब चंदाभी मुह घुमाते सरमसे पानीपानी होते हसने लगी फीर मंजुके सामने देखके सरारतसे नैन नचाने लथी तब मंजु खुब सरमाइ ओर मुहको दुसरी ओर करते हसने लगी
फीर देवायत ओर चंदा दोनोही कारमे बेठ गये ओर मंजुको बाय करते हवेलीके बहार नीकल गये तब कार सीधी गांवके रास्तेसे जंगलमे होकर सहेरकी ओर दोड पडी तब चंदा देवायतके सामने देखके हसती रही आज चंदा कारमे बेठते कयामत लग रहीथी ओर बार बार अपने बालोको कानके पीछे लेजा रही थी.. तब देवुभी इनकी ओर हसता रहेता था वो अेक हाथसे कार चलाता रहा ओर दुसरा हाथ चंदाके हाथोपे रख दीया तब दोनोने अपने हाथोकी उंगलीया आपसमे फसाली..
चंदा कुछ इस तराह दीखती थी, आखीर देवायतने अपनी चुपकी तोडी..
देवायत : बेबी देखा तेरी सौतननेही हमे भेजदीया.. क्या तुमसे उन्होने कोइ बात की हे..?
चंदा : (सरमाके हसते) हां.. बहोत पीछे पड गइ हे..की सादी करलो सादी करलो.. अब उसे केसे कहुकी मेने तेरेही पतीसे सादी करली हे.. मुजेतो बहोत सरम आरही थी.. ओर देवु पता हे अेक बार क्या कहा.. कहेतीथी अगर मेरी सौतन बननाहे तोभी मुजे कोइ अेतराज नही हे.. देवु मुजे लगताहे उनको हम पर सक होगया हे..
देवायत : (सीरीयस होते) नही चंदा.., मुजे लगताहे मामला कुछ ओर ही हे.. कल रातमे भी मुजे यही केह रही थी.. की आप मौसीसे सादी करलो मुजे कोइ अेतराज नही.. उसनेतो अपनी कसम तक देदी.. इतना फोर्स करतीथी मुजसे.. जरुर कोइ ओर बात हे.. क्या बातो बातोमे तुजे कुछ नही बताया..?
चंदा : (आस्चर्यसे सीरीयस होते) नही जानु.. मुजे कुछभी नही बताया.. अगर प्रोबलेम होती तो कमसे कम मुजेतो बतातीही हे.. हम दोनो सब बाते अेक दुसरेसे सैर करते हे..
देवायत : बेबी मेरातो जी गभरा रहा हे.. मुजे लगता हे वो हमसे कुछतो छीपाती ही हे..
चंदा : (याद आते) हेय..हेय.. जानु अेक मीनीट..मुजे कुछ याद आया.. धिरेन केह रहाथा.., कुछ.. याद हे.. हमने सादी की तब हमने दो दीन सुहागरात ओर दीन मनायेथे.. तब धिरेन मंजु भावु सब बडी दीदीके घर थे.. तब धिरेन केह रहाथा वो मंजु दीदीके साथ सहेर गया था.. कुछ तबीयत खराब लग रहीथी अेसा केह रहाथा.. सायद धिरेनको पता होगा मे छुपकेसे उनसे बात करलुगी..
देवायत : चंदा कुछतो हे तभीतो बार बार मुजे तुमसे सादी करलेनेको केह रहीथी.. अपनी कसम तक देदी..
चंदा : (सीरीयस होते) जानु आप टेन्शन मत लो मे सब जान लुगी.. अगर होस्पीटल गइथी तो इनके पेपर घरपेही कही छुपाके रखे होगे.. आप उसे ढुंढना..
देवायत : (गभराते) हे..भगवान फीर कोइ नइ मुसीबत ना आजाये.. कास हमारा सक जुठा नीकले..
चंदा : (तब चंदा कारमे बेठेही देवुको हग करके उनके कंधेपे सर रख देती हे) जानु मे हुनां जरुरत पडीतो मे वहा आजाउगी.. मुजे धिरेनकी कोइ परवा नही.. वो अब बडा होगया हे अच्छा बुरा सब समजता हे.. मे आपको अेसे तकलीफ या चीन्तामे नही देख सकती.. ओर जो हमे मालुम ही नही उनके बारेमे गलत क्यु सोचना.. बाबु स्माइल करो.. आपके साथ इतनी खुबसुरत बीवी घुमने आ रही हे, हें..हें..हें..
देवायत : (हसते) हं.., सही केह रही हो.., बेबी तुम घर आजाओ.. मुजे आप दोनोसे बहोत बहोत प्यार करना हे.. अब मे आपके बीना नही रेह सकता.. हो सकेतो धिरेनसे बात करलो..
चंदा : नही नही.. अभी नही.. पहेले उनकी सादी होजानेदो वो अपनी बीवीमे बीजी होजायेगा तब हम बात करेगे.. तब हमारी बात समज भी सकेगा ओर मानभी लेगा..
देवायत : तो फीर जल्दी सादी करवादो.. अब भानुकी मां को नही मुजे जल्दी हे.. हें..हें..हें..
चंदा : (सरमाके हसते बाजुमे मुका मारते) नोटी..बोय.. अरे बाबा जीतनी जल्दी आपको हे उतनीही मुजेभी हे.. जानु कुछ दीन इन्तजार करलो.. प्लीज.. मेरे अच्छे बच्चे.. हें..हें..हें..
तब चंदा सरमाते तीरछी नजरसे देवातको देखती रहेती हे.. दोनोही घने जंगलसे गुजर रहेथे तब देवायतने अचानक कारको जंगलकी ओर मोड दी तब चंदा हसते देवायतकी ओर देखने लगी ओर सरमसे पानीपानी होने लगी, उनको पता था देवायतने कार क्यु जंगलमे लेली.. तब नजरे जुकाते सरमाने लगी ओर मंद मंद मुस्कराती रही फीर तीरछी कातील नजरोसे धीरेसे पुछा..
चंदा : (सरमाते) आपने कारको इधर जंगलमे क्यो लेली..? जनाबका इरादातो नेक नही लगता..
देवायत : (पेन्टमे लंडको अेडजेस्ट करते मजाकमे) बेबी आपतो बहुत समजदार हो.. हें..हें..हें.., (सीरीयस होते) नही हम बाबाके पास जा रहे हे..
चंदा : जानु लेकीन आपको वकीलको मीलना था..
देवायत : नही उनसे सीर्फ तारीख लेनी हे.. वो फोनपे बात होजायेगी.. वेसे आपको भी बाबाको मीलना थाने..?
चंदा : हां लेकीन इतनी जल्दी मुलाकात.. क्या वो हमारे बारेमे सबकुछ जानते हे..?
देवायत : हां.. तुम चलतो रही हो.. खुद देख लेना.. ओर बाबासे सब जानभी लेना..
तब दोनोही अेक आश्रमके पास रुक जाते हे ओर नीचे उतरने लगते हे तब चंदा तो देखतीही रही.. की इतने घने जंगलमे इतना बडा आश्रम.. वो कुछ घबरासी गइ ओर देवायतके पास जाके उनका हाथ पकडलीया.. तब देवायत समज जाता हे ओर उनके हाथको थाम लेता हे फीर दोनोही अंदरकी ओर चलने लगतेहे तब चंदा यंत्रवत उनके साथ कदम मीलाते चलने लगती हे तब देवायत उनसे सब बताने लगता हे..
देवायत : चंदा तु अपने सरको पलुसे ढकले.. ये हमारे कुलगुरु हे.. पता नही इनकी उमर कीतनी हे.. हमारे परदादाके टाइमसे यही हे.. कहेते मे अेक मक्सदसे आया हु.. पर हमे बताते नही..
चंदा : हां तबतो कोइ महान संतही होगे.. आज दर्शन करनेका मौका मील गया..
दोनोही बाते करते अंदर जाने लगे तब वहा बहोत सारे सेवक काम कर रहे थे सभी देवायतको देखते नमस्ते ठाकुरसाब.. कहेते अभीवादन करते रहे.. ओर आखीर दोनो अेक होलमे चले जातेहे वहा सामने अेक सीहासन जेसी गादीपे बाबा बेठे थे.. तो दोनोको देखतेही मुस्कराने लगे.. तब देवायत ओर चंदा उनके पैर छुने लगे तब बाबाने दोनोके सरपे हाथ रख दीया ओर चंदाकी ओर मुस्कराते कहा....
कन्टीन्यु