• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती

dilavar

Active Member
875
1,891
124
दोस्तो आप सभी पाठकोने मेरी पहेली कहानी ये केसी अनुभुती आप लोगोने मुजे उत्साहीत करके जो प्यार दीया और आप लोगोने मुजे दुसरी कहानी रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती लीखनेको प्ररीत कीया मे आप सभी लोगोका दीलसे आभार व्यक्त करके स्वागत करता हु और आपहीकी डिमांडपे आज दुसरी कहानी लीखने जा रहा हु यही समजलो ये कहानीका दुसरा पार्ट हे आशा हे आप लोग मुजे कोमेन्ट करते उत्साहीत करके वोही प्यार देगे

जाहीरसी बात हे मेने मेरी पहेली कहानी
ये केसी अनुभुती मेंही दुसरी कहानीका उलेख करदीया था तो इस कहानीमे वोही केरेक्टर दुसरे जन्म लेके आयेहे ओर यही सब शक्तिया इस जन्ममे प्राप्त करेगे पर इस बार कहानीमे इन्सेस्ट रीलेशनके साथ भरपुर प्यार (सेक्स) ओर अ‍ेक्शनभी होगा ताकी कहानीमे थोडा सस्पेन्स बना रहे ओर सब केरेक्टरका जरुरतके हीसाबसे बीच बीचमे परीचय देता रहुगा ताकी सब केरेक्टरको आप याद रख सके
Update 1Update 2Update 3Update 4Update 5
Update 6Update 7Update 8Update 9Update 10
Update 11Update 12Update 13Update 14Update 15
Update 16Update 17Update 18Update 19Update 20
Update 21Update 22Update 23Update 24Update 25
Update 26Update 27Update 28Update 29Update 30
Update 31Update 32Update 33Update 34Update 35
Update 36Update 37Update 38Update 39Update 40
Update 41Update 42Update 43Update 44Update 45
Update 46Update 47Update 48Update 49Update 50
Update 51Update 52Update 53Update 54Update 55
Update56Update 57Update 58Update 59Update 60
Update 61Update 62Update 63Update 64Update 65
Update 66Update 67Update 68Update 69Update 70
Update 71Update 72Update 73Update 74Update 75
Update 76Update 77Update 78Update 79Update 80
Update 81Update 82Update 83Update 84Update 85
Update 86Update 87Update 88Update 89Update 90
Update 91Update 92Update 93Update 94Update 95
Update 96Update 97Update 98Update 99Update 100
Update 101Update 102Update 103Update 104Update 105
Update 106Update 107Update 108Update 109Update 110
Update 111Update 112Update 113Update 114Update 115
Update 116Update 117Update 118Update 119Update 120
Update 121Update 122Update 123Update 124Update 125
Update 126Update 127Update 128Update 129Update 130
Update 131Update 132Update 133Update 134Update 135
Update 136Update 137Update 138Update 139Update 140
Update 141Update 142Update 143Update 144Update 145
Update 146Update 147Update 148Update 149Update 150
Update 151Update 152Update 153Update 154Update 155
Update 156Update 157Update 158Update 159Update 160
Update 161Update 162Update 163Update 164Update 165
Update 166Update 167Update 168Update 169Update 170
Update 171Update 172Update 173Update 174Update 175
Update 176Update 177Update 178Update 179Update 180
Update 181Update 182Update 183Update 184Update 185
Update 1861Update 187Update 188Update 189Update 190
Update 191Update 192Update 193Update 194Update 195
Update 196Update 197Update 198Update 199Update 200
 
Last edited:

Napster

Well-Known Member
4,462
12,426
158
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
मुझे लगता हैं इस अपडेट में आने वाले भविष्य की दिशा लगभग तय कर दिया हैं जो बाते बाबाजी ने चंदा से की वो भविष्य के गर्भ में क्या क्या होने वाला हैं वो समझा दिया और उस बदलाव को आत्मसात करने की सलाह भी दी खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

dilavar

Active Member
875
1,891
124
रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - १७
फीर तीनोने वहा आइसक्रिम खाइ तब बीचमे धिरेन अपनी टुरकी बाते करता रहा.. फीर बहार देवायतने बील पेकीया ओर तीनो कारमे बेठ गये ओर अपने गांवकी ओर चल दीये.. तब पुरे रास्ते चंदा पीछे बेठते कारके सेन्ट्रल मीररसे देवायतके चहेरेको देखती रही ओर देवायतभी चंदाको मीररसे देखता रहा.. जब धिरेनका ध्यान बहारकी ओर होता तो दोनोही अ‍ेक दुसरेके सामने आंख मारके हसने लगते.. दोनोका ही सफर अ‍ेक दुसरेके दीदार करनेमे खतम होगया ओर बीच बीचमे धिरनकी टांग खीचाइ करते रहे आखीर हवेलीपे आगये....अब आगे

कारकी आवाज सुनतेही मंजु जटसे हसती हुइ बहार आने लगी तब धिरेन उनको देखतेही उनके पास दोड पडा ओर धीरेसे उनका खयाल रखते उनके गले लग गया तब मंजुने उनका सर चुमलीया.. ओर उसे देखतीही रही.. तब देवायत ओर चंदा कारसे उतरके उन दोनो भाइ बहेनका प्यार देखते रहे.. तभी मंजु धिरुनका हाथ पकडके उसे सोफेकी ओर ले गइ फीर धिरेनको बीठाके खुद उनके पास बेठ गइ ओर उनके चहेरेको पकडके उनके गाल सहेलाती रही.. तब दोनोका प्यार देखके देवायतकोभी थोडी ज्वेलेसी फील हुइ..

देवायत : (धीरेसे अंदर आते) देखा चंदा भाइ मील गयातो पतीकोभी भुल गइ.. हें..हें..हें..

चंदा : (सरारतसे हसते) कोइ बात नही पत्नीका प्यार उनके भाइकी मां दे देगी.. हें..हें..हें..

तब दोनोही हस पडे ओर अंदर आके दोनोके साथ बेठ गये तब दया सबके लीये पानी लेके आइ तब देवायतको पानी देते उनके सामने कातील स्माल करने लगी.. फीर ग्लास लेके चली गइ..

मंजुला : (हसते) भाइ अब जबतक तेरी सादी ना करवादु तबतक तुजे ओर मौसीको यही रहेना हे अभीसे केह देती हु..

धिरेन : लेकीन दीदी मुजे कोलेजभीतो जाना पडेगा रीजल्ट लेने..

मंजुला : कोइ बहाना नही चलेगा.. रीजल्ट लाना हेतो यहासे कार लेके लेआना.. वेसेभी तुजे कार चलानातो आताही हे.. अरे बाबा मौसी मेरे साथ होस्पीटल भीतो आयेगी.. वहा अकेला क्या करेगा..? फीर लखन पुनम भीतो आजायेगे.. तेरा टाइम नीकल जायेगा.. हें..हें..हें..

धिरेन (सरमाते) हां अब आपभी मेरी टांग खीचो.. पुरे रास्ते मोम ओर जीजुनेतो परेसान कीया हे..

मंजुला : (गालको सहेलाते जोरोसे हसते) अलेले..मेरे भाइको परेसान कीया.. देख लुगी दोनो को..

चंदा : बेटा.. सफरसे थक गया होगा जा पहेले नहाले.. तेरा रुम उपरही हे.. जा.. फीर कुछ खा पीले..

तब धिरेन उपर चला जाता हे वो यहा कइ बार आचुका था तबही उन्होने पुनमको इधर देखाथा, तबसे ही वो पुनमको पसंद करने लगाथा उनको क्या पताथा की पुनम अपने भाइको अपना ड्रिमबोय मानती थी.. जबसे समजदार हुइ ओर दुनीयादारीका ज्ञान हुआ तबसेही अपने भाइमे अपने पतीको देखती थी जबसे उनके भाइने उसे मोबाइल दीलवाया था तब होस्टेलमे फ्रि टाइम अ‍ेसी कामुक कहानीया पढती रहेतीथी तभी इनकी अ‍ेसे इन्सेस्ट रीस्तोमे दीलचस्पी बढने लगी थी ओर अपने भाइ देवायतका गठीला बदन देखके उनकी ओर पहेलेसे ज्यादा आकर्सीत होगइ थी..,

लेकीन भाइकी सादीभी होगइ ओर दुनीया अ‍ेसे रीस्तेको पसंद नही करती.., कमसे कम गांवमेतो अ‍ेसे रीस्तेको कभी स्वीकृती नही मीलती तब पुनमने अपना मन मारलीया ओर भाइ कहे वहा सादी करनेका सोच लीयाथा.. जब भाइने उनके रीस्तेकी बातकी तब उसे नही पताथाकी उनके भाइने उनका रीस्ता तैय करलीया हे जबसे उनके भाइने उनके रीस्तेकी बातकी तबसे उनकी जवानी नीखरने लगी ओर हर रात अपने भाइको इमेजींग करते अपने आपको सांत करने लगीथी..

जब धिरेन नहाके कंपलीट होगया तब नीचे आगया ओर सब डीनर करने बेठ गये तबभी खाना खाते धिरेन अपनी टुरकीही बाते करता रहा.. फीर सबने डीनर फीनीस कीया ओर होलमे आके बेठ गये.. धिरेन काफी थका हुआ लगता था तो चंदाने उसे सोनेके लीये उपर भेज दीया फीर सब उठ गये ओर अपने अपने रुममे सोने चले गये.. तब जाते वक्त चंदा देवायतकी ओर ना मे गरदन हीलाके अंदर चली गइ

क्युकी आज देवायतने उनकी जबरदस्त चुदाइ करडाली थी जीनकी वजहसे उनको अभीभी चुतमे जलन महेसुस हो रहीथी.. तो देवायतभी मुस्कराते मंजुको लेके रुममे चला गया.. अंदर जातेही दोनोने चेन्ज करलीया ओर बेडपे आगये तब मंजु देवायतके सीनेपे सर रखके सीना सहेलाने लगी.. ओर लगातार उनकी आंखोमे प्यार भरी नजरोसे देखती रही.. तो देवायतने उनकी ओर देखते कहा..

देवायत : बेबी क्या हुआ..? अ‍ेसे क्यु देख रही हो.. कोइ परेसानी..?

मंजुला : (हसते गरदन ना मे हीलाते) नही जानु.. कोइ परेसानी नही हे.. जानु अब वो पुनम लखनको कब लेने जाना हे..? उनका फोन बोन आया था..?

देवायत : (हसते) हं.. समज गया.. तुजे बडी जल्दीहे उनकी सगाइ करनेकी.. हें..हें..हें..

मंजुला : (सरमाके हसते) हां.. जल्दीतो होगीना.. मेरी अ‍ेकलोती ननंद ओर भाइ हे.. हें..हें..हें..

देवायत : चलो ठीक हे वो आतेही हम सगाइ कर देगे.. इनसे पहेले उसे लेनेभी जाना हे तब सब खरीदी भी करके आयेगे देखते हे पुनमका कब फोन आता हे.. वो लताको भी साथ लेजाना हे..

मंजुला : (हसते) चलो ठीक हे अब सोजाओ.. हें..हें..हें..

देवायत : बस..अ‍ेसेही सोजाना हे..? बेबी मुजे तुमको प्यार करना हे.. चल आजा..

मंजुला : (प्यारसे) देवु.. इस हालतमे प्यार करोगे..? चलो कोइ बात नही आज मेरे बाबुको अ‍ेसेही ठंडा करदुगी नीकालो कपडे.. हें..हें..हें.. जानु मेरा गाउनभी नीकालदो आज दोनो पुरी रात अ‍ेसेही सोयेगे..

तब देवायत खुदके फीर मंजुकेभी कपडे नीकाल देता हे तभी मंजु देवायतको धका देते उसे पीठके बल सुला देती हे उनके पैरके पास बेठ जातीहे फीर लंडको मुठीमे पकडते हीलाने लगी तो देवायत आंख बंध करते सीकारीया करने लगता हे.. तभी मंजु थोडा जुकके अपनी जीब(टंग) नीकालते देवायतके लंड को चाटने लगती हे ताकी लंड गीला हो जाये ओर आसानीसे अपने मुहमे लेसके..
55
जब लंड गीला होगया तब आसानीसे लंडको मुहमे लेलीया ओर लंडको मुहमे अंदर बहार करने लगी तब देवायत बहुतही उतेजीत होगया ओर आंख बंध करते मुह चोदनका मजा लेने लगा तब थोडीही देरमे लंडसे तेज बहाव महेसुस करते मंजुके मुहमे अपने गरम लावेकी पीचकारीया छोडने लगा तो मंजुका पुरा मुह भर गया जीसे मंजुने अपनी हलकमे उतर लीया ओर कामुक नजरसे देवायतकी ओर देखते लंडको चाटके साफ करने लगी फीर बाथरुममे जाके मुहको साफ करके वापस देवायतके पास लेट गइ
71
तभी देवायत उनपे जुक गया ओर उनके बुब्सको अपने मुहमे लेके चुसने लगा तो मंजुने अपना अ‍ेक पैर मोडके थोडा उपर करलीया तभी देवायतने हाथकी अ‍ेक उंगली मंजुकी चुतमे घुसादी ओर हीलाके अंदर बहार करने लगा तब मंजु जोरोसे सीकारीया करते कामातुर होगइ वो दोनो तरफसे ज्यादा हमला बरदास्त नही करपाइ ओर थोडीही देरमे उनकी चुतसे पानी नीकल गया ओर वो सांत होगइ फीर दोनो नंगेही सोने लगे तब मंजुभी देवायतके सीनेमे सर रखके लेइट गइ ओर दोनोही नींदकी आगोसमे चले गये..
80
देर रात देवायतको पानीकी प्यास लगी तब वो धीरेसे मंजुको साइडमे सुलाके धीरेसे बीना आवाज कीये कीचनमे चला गया ओर ओर फ्रिजसे पानी नीकालके बोटलही मुहपे लगादीया फीर पानी पीके जेसेही पलटा उनके सामने चंदा खडी थी जब दोनोकी नजर मीली तब चंदा दोडके देवायतकी बाहोमे समा गइ फीर उनके चहेरेको पकडके पुरे चहेरेको पागलोकी तराह चुमने लगी तब दोनोही बहेकने लगे..
Hairy-Sour-Kronosaurus-max-1mb
तब थोडीही देरमे दोनोके जीस्मसे कपडे अलग होगये तभी देवायतने चंदाको पीछेसे बाहोमे भरलीया ओर उनके उरोजोपे हाथ घुमाते मसलने लगा तब दोनोही कामातुर होने लगे रातके अंधेरेमे दोनोही अ‍ेक दुसरेके अंदर समाजानेको बेकरार होगये तब दंवायतने चंदाका पेटीकोट ओर ब्लाउसभी नीकाल दीया ओर चंदाको दिवालके सहारे दोनो हाथके पंजेमें उंगलीया फसाके सटा दीया ओर उनसे चीपकके खडा होगया..
91
तभी चंदाको अपनी चुतपे देवायतका लंड ठोकर मारते महेसुस हुआ तभी दोनोकेही होंठ मील गये ओर अ‍ेक दुसरेमे समा जानेको बेकरार होगये तब चंदाने हाथ नीचे लेजाते देवायतका लंड पकढ लीया ओर अ‍ेक पैर उचा करते अपनी चुतपे दो तीन बार घीसलीया ओर लंडका टोपा अपनी चुतके लव होलमे फसा दीया फीर देवायतके नीतंबपे दोनो हाथसे उनकी कमरको दबा दीया तो लंड थोडा अंदर चुतमे घुस गया तो चंदाकी आहे नीकल गइ ओर देवायतके कंधेपे दोनो हाथ रखके उसे बाहोमे भरके चीपक गइ तब देवातने खडे खडेही अ‍ेक जटका मार दीया तो लंड पुरा चंदाकी चुतमे उतर गया ओर देवायत धीरे धीरे जटके मारने लगा तब हर जटके के साथ चंदाकी आहे नीकलने लगी..
321
दोनोही खडे खडे चुदाइमे मसगुल होगये ओर धमाकेदार चुदाइ सुरु होगइ चंदा सीसकारीया करते आहे भरती रही दोनोमेसे कोइ कुछ नही बोल रहाथा चंदाने पुरी रात देवायतका वेइट कीया.. अब चंदाको देवायतके बीना रात काटना मुस्कील होने लगा तभीतो बार बार वो बहार नीकलके देखती रही ओर आखीर देवायतको कीचनमे जाते देखलीया ओर वो छुपकेसे बीना आवाज कीये उनके पीछे आगइ
8
ओर दोनोका मीलन होगया देवायतसे खडे खडेही चुदाइ करवाने लगी तभी दोनोही अकडने लगे ओर अ‍ेक साथ दोनोने अ‍ेक दुसरेको बाहोमे भीचलीया ओर लीपलोक करलीया तभी दोनोके लावा अ‍ेक साथ फुट पडे ओर जडने लगे.. तब देवायत अलग होगया ओर चंदाकी चुतसे दोनोका कामरस बहेते उनके पेरपे उतरने लगा

तब चंदाने वहीसे अ‍ेक कपडा लेलीया ओर अपना पैर ओर चुतको साफ करने लगी फीर देवायतका लंड भी अपने हाथोसे साफ करदीया फीर दोनोने अपने कपडे पहेन लीये तब चंदा अ‍ेक बार फीर देवायत के सीनेपे सर रखते उनकी बाहोमे समा गइ.. तब देवायतने उनका सर चुम लीया..
73
चंदा : (धीरेसे) जानु अब आपके बीना राते काटना बहुतही मुस्कील हे.. आप कुछभी जुगाड करलो मे आपके साथ रहेना चाहती हुे.. धिरेनको केसे समजाना हे वो आप देखलो..

देवायत : बेबी बस थोडे दीन वेइट करले हम कुछना कुछ सोचते हे.. चल अब हम कल बात करेगे..

चंदा : हां.. आप जाओ.. अगर इस बार मंजु मेरी सादीकी बात करेतो हां केह देना.. जाओ..

फीर दोनो अ‍ेक बार फीर अ‍ेक दुसरेकी बाहोमे समा जातेहे ओर दोनोके होंठ मील जातेहे फीर दोनोही जटसे अपने अपने कमरेमे चले जातेहे तब मंजु गहेरी नींदमे सोइ हुइ थी देवायत धीरेसे उनको पीछेसे बाहोमे भरते सो जातेहे तब मंजुभी सरकते देवायके साथ चीपक जाती हे.. ओर दोनो सो जाते हे..
30
अ‍ेसेही सुबह होगइ सब उठ गये बस धिरेन ओर देवायत कुछ देर सोते रहे.. फीर वोभी नहाके कंपलीट होके नीचे आगये ओर सब चाइनास्ता करने बेठ गये.. आज चंदा देवायतको देखते कुछ ज्यादाही सरमा रहीथी.. वो देवायतके सामने देखती रही जब दोनोकी नैन मीलते तो चंदा धिरेनकी ओर देखके आंखसे ही इसारा करती रही तब देवायतभी समज गयाकी चंदा क्या कहेना चाहती हे..

देवायत : मंजु.. आज वो सरपंचको लेने होस्पीटल जाना हे सायद देर होजायेगी.. आप सब लोग खाना खा लेना.. वरना मे धिरेनको खेतो पे ले जाता..

मंजुला : नही.. धिरेन आज भलेही घरपे रहेता आज आरामभी करलेगा.. फीर सामको लेजाना..

धिरेन : दीदी.. वहा भानुजीजु भी होगेनां..?

देवायत : धिरेन हम दोनोही जा रहे हे.. तभीतो केह रहा हु.., सामको ही चलना..

धिरेन : (हसते) ठीक हे जीजु.. तबतो दीदीसे बातेभी हो जायेगी.. बहोत दीन होगये.. बाते नही की..

मंजुला : (हसते) हां.. मुजेभी तुमसे बहोत सारी बाते करनी हे.. चल चाइ नास्ता करले.. फीर हम इधर ही घुमेगे.. (देवायतकी ओर देखते) देवु आप फ्रि होके पुनमसे बात कर लेना सायद आज कलमे उनकी अ‍ेक्जाम खतम हो रही हे..

देवायत : (हसते) हां बाबा.. करलुगा.. वेसे तुमभीतो उनसे बात कर सकती हो.. उसे बताभी देना.. की हमने तेरा रीस्ता कहा तैय कीया हे..

मंजुला : (हसते) नही.. वो जब आप लोग उसे लेने ओर खरीदी करने जाओ तबही कहेना.. उसे सरप्राइज मील जायेगी फीर देखना केसे सरमाती हे हें..हें..हें..

चंदा : (जोरोसे हसते) अरे बाबा मेरी बहुपे अ‍ेसा जुल्म मत करो.. हें..हें..हें..

धिरेन : (सरमाके हसते धीरेसे) तो क्या.. आप लोगोने उसे अभी तक नही बताया..?

मंजुला : (हसते) नही.. तेरे जीजु उनको सरप्राइज जो देना चाहते थे.. तु टेन्शन मत ले..हें..हें..हें..

धिरेन : (सरमते हसते) क्या..दीदी.. आपभी.. मे कहा टेन्शन लेता हु.. (हसते) तबतो मेभी देखुगा.. उनकी सकल कैसे होजाती हे.. हें..हें..हें..

तो सभी हसने लगते हे फीर देवायत सबको बाय कहेके नीकल जाता हे ओर सीधा खेतोपे ही गोडाउन था वही चला जाता हे.. तब वहा भानु पहेलेसे ही बेठा देवायतका वेइट कर रहा हे.. फीर दोनो बेठते हे तब.. देवायतके फोनपे पुनमका फोन आता हे तो देवायके चहेरेपे मुस्कान आजाती हे ओर वो फोन उठाके टहेलता भानुसे थोडी दुर जाके धीमी आवाजमे बात करने लगता हे तब..

पुनम : (फोनपे) हेलो भैया.. केसे हो..? भाभी केसी हे..?

देवायत : अरे सब मस्त हे तु बता होगइ अ‍ेक्जाम खतम..?

पुनम : नही भैया.. आज हम दोनोका लास्ट पेपर हे.. फीर सामको मे भाइके साथ युनीर्वसीटी जाउगी.. देखतेहे.. वहा ओपन युनीर्वसीटीमे अ‍ेडमीशन कब मीलेगा.. पुछके आयेगे.. तो आप हमे लेने कब आ रहे हो..?

देवायत : अरे सुन.. कल हम सुबह ही चले आयेगे.. सबकी सगाइकी खरीदारी जो करनी हे..

पुनम : (धीरेसे) भाइ सबकी.. मतलब.. आपने मेरा रीस्ताभी..

देवायत : (हसते धीरेसे) हां.. छुटकी.. तुजे सरप्राइज देना चाहता था.. कल तेरी नइ भाभी ओर वो लडकाभी आ रहा हे.. पहेले देखले.. तुजे पसंद नही हेतो.. कहे देना.. लेकीन तु उसे पसंद करलेगी मुजे पता हे.. तुम उसे कइ बार मील चुकी हो.. ओर वोभी तुजे पसंद करता हे.. हें..हें..हें..

पुनम : (सरमाके उत्सुक्तासे) भाइ.. प्लीज.. मुजे बता सकते हो..? पली..ज.. वो.. कोन.. हे..

देवायत : अरे बेबी.. वोहीतो सरप्राइज हे मुजेभी पता हे मेरी स्वीटी.. बहेन..को वो पसंद आजायेगा.. कल आ रहे हे तब देख लेना..

पुनम : (आखीर सरमाके हींमत करते केह देती हे) भाइ.. जोभी हो.. मे आपको छोडके दुर नही जाउगी.. आप मेरे प्यारे स्वीट भाइ हो.. मुजे आपके साथ रहेना हे..

देवायत : (हसते) अरे मेरी स्वीटी इतना प्यार करती हे मुजसे.. चल ठीक हे इतना बता सकता हु.. वो पासके गांव केही हे.. ओर तु उसे जानती हे.. बस.. ओर कुछ मत पुछना.. हें..हें..हें..

पुनम : (हसते) भाइ वो सब आप जानो.. मुजेतो आपके साथ रहेना हे.. बस.., ओर आप कल कब आ रहे हो..? लताभाभीभी आ रही हेना..?

देवायत : हां तुम चारके कुछ कपडे बपडेभी तो लेने हे फीर सगुनकी सारीया.. वो सबभीतो लेना हे..

पुनम : भाइ तो क्या भाभीभी आ रही हे..? इस हालमे..? क्युकी वो सबतो आपको नही पता होगा..

देवायत : अरे नही.. वो ओर भावु नही आ सकती.. कोइ ओर आ रही हे.. हें..हें..हें.. तु देखलेना.. हें..हें..हें..

पुनम : (जोरसे हसते) क्या भाइ कोइ ओर..? कही आपने मेरी दुसरी भाभीतो नही ढुंढली..? हें..हें..हें..

देवायत : (सरमाते धीरेसे हसते) चल.. हट.. पगली.. कुछभी बोलती हे.., सुन.. कीसीको कहेना मत.. तेरी भाभीको भी नही.. ये तेरे ओर मेरेही बीचकी बात हे.. वो तु जब यहा आयेगी तब बताउगा..

पुनम : (हसते) क्या भाइ अभी तक हमने कीतनी बाते सेर कीहे क्या मेने कीसीको बताया हे..? ओर मेभीतो आपको मेरी सब बाते बताती हु.. वहा मेरा हेही कोन.. मेतो आपकोही अपना भाइ ओर अपनी सहेली मानती थी.. अबतो भाभी आगइ.. अब वोही मेरी सहेली हे.. वेसे भाभी मस्त हे.. मुजसे हर बात सेर करती हे..

देवायत : चल अब रखता हु.. बहोत बाते होगइ.. अपने भाइको इतना प्यार करतीहे तो तबतो फोन करती..

पुनम : क्या भाइ.. मेतो करती हु फोन.. अब अ‍ेक्जाम चल रहीथी तो केसे करती..? चलो रखती हु नही करनी बात मुजे.. (जुठ मुठ नाराज होते)

देवायत : अरे सुन.. नाराज होगइ..? चल अब नही कहुगा.. बोल क्या चाहीये तुजे..?

पुनम : (खुस होते) भाइ जोभी हो.. मे हमेसाकी तराह आपके चोइसके कपडे लुगी केह देती हु.. आपकी चोइस मस्त होती हे.. तो परसोभी आपकी चोइस के कपडे लुगी..

देवायत : (हसते) चल जुठी.. कभी पहेनतीतो नही.. मेने कभी नही देखा..

पुनम : (सरमाते धीरेसे) क्या भाइ.. मे यहा होस्टेलमे हु.. तो कहासे देखोगे..? मे पहेनती हु.. (सरमाते) अबतो वही आजाउगी आपके पास.. तब देखते रहेना.. सब दीखाउगी.. मीन्स कपडे.. हें..हें..हें..

देवायत : चल रखता हु अब मुजे सहेरभी जाना हे.. बाय..

पुनम : (हीमत करते पहेली बार) भाइ.. आइ लव यु.., आइ लव यु सो मच..

देवायत : (सोकट होके हसते) अरे..? चल ठीक हे आइ लव यु टु.. माइ स्वीट अ‍ेन्जल.. अपना खयाल रखना.. कल आके मीलता हु.. ओके..? बाय.. (कहेते देवायतने फोन काट दीया ओर भानुके पास आते हसने लगा)

देवायत : (मनमे सोचमे लगा..) मेरी बहेन पुनम मुजे कीतना प्यार करती हे.. उनकी सब बाते मुजसे बीन्दास्त सेर करती हे.. वो सुरुसेही लखनसे ज्यादा मुजे मानती हे.. ओर दीखने मेभी कीसी हीरोइन से कम नही लगती उनके घुटने तक लंबे बालही मुजे पागल कर देते हे कास वो मेरी बहेन ना होती.. तो मे उनसेही सादी कर लेता.. ओर वोभीतो मुजे बहुत चाहती हे.. अगर मेरे पोतेकी परंपरा मेरेसे ही सुरु होजाती तो मेही पुनमसे सादी करलेता.. वही सब सोचते उनकी पेन्टमे तंबु होने लगा तब वो सरमाके लंडको अ‍ेडजेस्ट करने लगा तभी भानुकी आवाजने उसे तंद्गासे जगा दीया..

भानु : भाइ.. वो कल रातभी रश्मी भाभीका फोन आयाथा.. क्या.. हम चले..?

देवायत : अरे हां यार उसे लेनेभी जाना हे.. चल चलते हे.. अगर सहेरका कुछ काम होतो साथमे नीपटा लेना.. अ‍ेक साथ दोनो काम हो जायेगा..

भानु : हां भाइ.. बस कुछ खेतोमे छीडकनेकी दवाइ लेनी हे वो सब आप फोर्मालीटी पुरी करदेना तब तक लेके आजाउगा फीर नीकल जायेगे..

फीर दोनोही अपनी कार लेके सहेरकी ओर नीकल जाते हे तब उधर हवेलीपे मंजु चंदा ओर धिरेन होलमे बेठे बाते कर रहेथे.. तब चंदा मंजुके बारेमे सोचमे डुबी हुइ हेकी मंजु को क्या होगया हे.. क्या बीमारी हे जो बाबा उनकी अल्प आयुके बारेमे बता रहेथे.. तो क्या मंजु कुछ महीनोकी ही महेमान हे.. अ‍ेसी क्या बीमारी हे..? मुजे क्यु नही बताया.. यही सब सोचते बेठी रहीकी अब मंजुसे केसे जब जाने..

तब दुसरी ओर मंजु ओर धिरेन हस हसके बाते कर रहेथे तभी धिरेनने उसे कहाकी मुजे पासके सहेरमे बेंकमे अ‍ेक जोब ओफर हुआ हे.. तो जोइन करना चाहीयेकी नही यही सब मंजुकी राय ले रहाथा तब मंजु उसे जोब स्वीकार करनेकी सलाह देती हे ओर मनही मन खुस होने लगती हे.. तब वो चंदाके सामने देखते कहेती हे..

मंजुला : मौसी सुना धिरेन क्या केह रहा हे..? उसे बेंकमे जोब मील रही हे.. क्या कहेती हो आप..?

चंदा : (हसते) अरे येतो अच्छी बात हे.. अबतो धिरेनकोही देखना हे वो क्या करना चाहता हे..

धिरेन : मोम.. सोरी.. मेने आपको पुछे बगैरही अ‍ेप्लाइ करदीया हे.. तो आजकल मेही लेटर आजायेगा..

मंजुला : अरे तो हां कहेदेनां.. (हसते) देखा.. मेरी ननंद के पांव कीतना लकी हे..हें..हें..हें.. अभीतो रीस्तेकी बात हुइ की जोब लग गइ हें..हें..हें..

धिरेन : (सरमाके हसते) दीदी.. मेरीभी तो महेनत हे.. हें..हें..हें.. (चंदाकी ओर देखते) मोम.. सारा दीन क्या सोचती रहेती हो.. कुछ परेसानी हे क्या..?

चंदा : (जेंपते) अरे..नही नही.., बस अ‍ेसेही बेठी हु.. अच्छा हे तेरी जोब लग जायेगी.. फीर तो तु चला जायेगा तो मेतो अकेले की अकेले ही रहुगी..

मंजुला : (जोरोसे हसते) मौसी अकेली क्यु.. अबतो आपके साथ आपकी बहुभी तो होगी.. हें..हें..हें..

चंदा : (हसते) मंजु.. पता नही.. अभीतो देवायतने उनसे बात भीतो नही की.. ओर जबरदस्तीका रीस्ता नही करना.. क्यु बेटे..

धिरेन : हां दीदी मोम सही केह रही हे.. आप उसे बात करलो..

मंजुला : (परेसान होते) अरे.. आपलोग क्यु टुन्शन लेते हो.. तेरे जीजुने उसे हीन्टतो देदी होगी.. वो समजदार हे.. ओर वेसेही तुजे देखेगीतो उनकी सकल देखके तुजेतो सब पतातो चलही जायेगा..

धिरेन : (हसते) ये जीजु भीनां.. सरप्राइजके चकरमे सबको टेन्शनमे रखा हे.. दीदी तु कुछ कहेती क्यु नही..? तुम्हारीभी यही आदत हे तुमभीतो हमे सरप्राइछ देती रहेती हो.. कही जीजुको तुमने तो नही सीखाया..हें..हें..हें..

तभी चंदाके दीमागकी बती जलने लगती हे.. ओर वो मंजुकी आदतके बारेमे सोचती हे ओर उसे रास्ता मील जाता हे.. उनको मंजुकी अ‍ेब आदतके बारेमे पताथा वो अपनी हर चीज कहा जुपाके रखती हे.. तभी उसमे अमल करनेका सोचने लगी ओर उनको रास्ता मील गया.. क्युकी मंजु बीमारथी तो उसने कहीना कहीतो उनके पेपर कही छुपाया होगा.. ओर वो कहा छुपा सकती हे वो सीर्फ चंदाकोही पता हे..

वो अपने प्लानको अमल करना चाहती थी क्युकी यही वक्त उचीत था तब दुसरी ओर मंजुभी अपना अ‍ेक प्लान लेकर बेठीथी अब उसे उनपे अमलही करना था वो धीरे धीरे धिरेनको बातोसे क्न्वीन्स करवाना चाहतीथी की उनकी मम्मीकी सादी होजाये.. ओर उसके दीमागमे पुरा प्लान तैयार था.. वो धिरेनसे अकेलेमे बात करना चाहती थी तो वो चंदासे..

मंजुला : मोसी यहातो अ‍ेकेले बोर होजायेगे मे ओर धिरेन इधरही घुमने जाते हे..

चंदा : हां.. जाओ.. वेसेभी मेरे सरमे थोडा दर्द हे तो थोडी देर सोजाती हुं..

मंजुला : तो क्या आपको सर दर्दकी गोली देदु..?

चंदा : अरे नही नही.. तुम लोग आरामसे जाओ अभी सोजाउगी तो दर्द ठीक हो जायेगा..

तब चंदा उठके अपने रुमकी ओर जाने लगती हे तो धिरेन उसे थोडी चीन्तासे देखते रहेता हे तब मंजु धिरेनका हाथ पकडके खीचती हे ओर उसे बहारकी ओर लेजाती हे दोनोही धीरे धीरे चलने लगे तब..

धिरेन : दीदी क्या आपको नही लगता.. आज कल मम्मी कुछ ज्यादा चीन्तामे रहेने लगी हे..

मंजुला : (जेसे उनकोतो बाते करनेका दौर मील गया) हां मेभी कही दीनोसे देख रही हु..

धिरेन : (सोचते हीचकीचाते) दीदी अ‍ेक बात कहु.. सायद मम्मीके बारेमे कुछ बाते हो रहीहे.. मेरे खयालसे उनको ये बातका पता चल गया लगता हे.. तभीतो परेसान होती होगी..

मंजुला : (चोंकते) केसी बाते..? कीस तराह की बाते..? क्या मुजे बता सकता हे..?

धिरेन : नही दीदी सोरी नही बता सकता.. सायद सुनके आपको बुरा लगे..

मंजुला : अरे बताओना.. क्या तुने तेरी दीदीको इतना कमजोर समज रखा हे.. बता क्या बात हे.. नही लगेगा बुरा.. सायद उनके केरेक्टरके बारेमे होगा.. बता..

धिरेन : दीदी वहा मम्मी सरपंच हे.. ओर अब दुसरा आदमी वहा सरपंच बनना चाहता हे.. तो उसीने बातोको फेलाया हे.. मुजेभी पता हे सब बाते जुठी हे.. अब मम्मीका उस गांवमे रहेनेका मन नही लग रहा..

मंजुला : अरे बतातो सही वो कमीनेने कीस तराकी बाते फैलाइ हे..

धिरेन : (हीचकीचाते) दीदी.. वहा.., वहा लोग मम्मी का कीसी दुसरे आदमीके बारेमे गलत बाते कर रहे हे..

मंजुला : (धिरेनकी ओर देखते) तो क्या तु ये बाते सच मानता हे..?

धिरेन : नही दीदी.. मुजे पता हे.. मम्मी अ‍ेकदम भोलीभाली ओर सीधी हे.. वोतो बहार तक नही नीकलती..

मंजुला : (दोनो चलते) धिरेन.. तुजे नही पता अ‍ेक विधवाके लीये जींदगी काटना कीतना मुस्कील हे.. वोभी इतनी छोटी उमरमे.. मौसीकी अभी उमरही क्या हे.. लोग अ‍ेसी ओरतोको अ‍ेक भेडीयेकी नजरसे देखते हे..

धिरेन : हां दीदी मेनेभी ये बात कइबार नोटीस कीया हे.. लेकीन पापा गुजर गये तब मेतो छोटा था तो मम्मीने दुसरी सादी क्यु नही करली..?

मंजुला : अ‍ेक तो तेरी वजहसे.. तु इतनाभी छोटा नही थाकी सब समज ना सके.. ओर दुसरा तेरे घर वाले बहोत पुराने खयाल वालेथे तब तेरी दादी ओर दादा जीन्दा थे तो विधवा दुसरी सादी नही कर सकती ये कहेके मना करदीया था.. तो तेरी मम्मी कहासे सादी करती..?

धिरेन : (थोडा गुसेसे) भाडमे जाये दुनीया.. मे ये सब चीजोमे नही मानता..

मंजुला : भाइ हमभी अ‍ेसे रीवाजोको नही मानते.. तुजेतो पता हे तेरे जीजाजीके पुर्खोतो यहा राजा थे फीरभी तेरे जीजाजी इन चीजोको नही मानते.. ओर तुजे क्या पता ओरतोको इस उमरमे विधवाकी जींदगी जीना कीतना मुस्कील होता हे.. उनके भी कुछ अरमान होते हे.. वो तु नही समजेगा..

धिरेन : (सरमाते) दीदी.. मे कोलेजमे पढ चुका हु.. मेभी इन सब चीचोको समजता हु.. मेतो कहेता हु मम्मी अभी भी सादी करना चाहे तो मुजे कोइ अ‍ेतराज नही.. लेकीन अब मम्मी ही नही मानेगी क्युकी वक्त नीकल चुका हे ओर वेसेभी अबतो दादा दादीभी नही हे.. बस यही चीन्ता हेकी लोग क्या कहेगे..

मंजुला : (गुसेसे) भाडमे जाये लोग.. धिरेन तुजसे अ‍ेक बात करनी हे.. कसम खा ये बात सीर्फ हम दोनोके बीच ही रहेगी.. अगर तु कसम खाता हे तोही बताउगी..

धिरेन : (अ‍ेक नजरसे देखते) दीदी अ‍ेसी क्या बात हे.. जो मुजे आप कसम खीलवा रही हे..

मंजुला : हे धिरेन.. हे अ‍ेक बात जो मुजे अंदरही अंदर खाये जा रही हे.. ये बात मेने मौसीकोभी नही बताइ.. तुजे अपना बेस्ट भाइ मानती हु.. अगर तु चाहेतो तुम्ही मेरी ओर तेरी मम्मीकी समस्याका समाधान नीकाल सकते हो..

धिरेन : (कुछ सोचते) ठीक हे दीदी इस दुनीयामे सीर्फ दो लोगही हे जो मे उसे अपनी जानसेभी ज्यादा मानता हु.. अ‍ेक मोम.. ओर दुसरी आप.. मे दोनोकी कसम खाता हुकी बात हम दोनोके बीचही रहेगी.. कहो

मंजुला : धिरेन तुजे पता हे.. जब मे सादीके बाद मम्मीके घर गइ थी.. तब तुम आयेथे.. ओर हम दोनो अकेले कीसीको कहे बगैर सहेर गये थे..?

धिरेन : हां दीदी मेरी बाइकमे ही लेके गया था आपको.. वो लेडी डोक्टरको दीखाना था आपको..

मंजुला : नही धिरेन.. वो मेरी बेस्ट फ्रेन्ड हे.. डो. सृती.. उनको मेरी रीपोर्ट दीखाने गइ थी..

धिरेन : लेकीन वोतो लेडीस डोक्टर हेनां..?

मंजुला : हां.. लेकीन अ‍ेक हप्ते पहेले मेने कही ओर रीपोर्ट करवाइ थी.. केन्शर होस्पीटलमे..

धिरेन : (चोंकते) क्या.. केन्शर होस्पीटल..? लेकीन क्यु..? क्या प्रबलेम हे आपको..?

मंजुला : बस.. यही दीखाने गइ थी.. क्युकी मेरी सादीसे पहेले मुजे तीन चार बार खुनकी उलटीया हुइ थी तब हमारे गावके डो. ने मुजे वही रीपोर्ट करवानेको कहा..

धिरेन : तो क्या आपको..

मंजुला : अरे नही नही..मुजे केन्शरतो नही हे लेकीन गर्भासयमे अ‍ेक गांठ हे.. सायद इनकी वजहसे उल्टीया हुइ होगी.. जो जन्मसे हे अ‍ेसा डो. का कहेना था.. तो मेरी फ्रेन्डको दीखाने गयेथे हम..

धिरेन : (प्रस्नार्थ नजरसे) तो फीर..? क्या कहा आपकी उस डोक्टर फ्रेन्ड ने..?

मंजुला : (हसते) क्या कहेगी.. कहेती हे जीन्दा रहेना हेतो मे बच्चा पैदा नही कर सकती.. अगर करलीया तो दो तीन सालमेही मेरा कार्यक्रम खतम.. हें..हें..हें..

धिरेन : (चोंकत) व्होट..? लेकीन दीदी.. आपतो.. तो फीर क्यु..?

मंजुला : धिरेन तुमतो जानते हो..मे तेरे जीजुको ओर वो मुजे.. दोनोही अ‍ेक दुसरेको जीजानसे चाहते हे.. तो मे तेरे जीजुको अपनी कोखसे वारीस देना चाहती हु.. भलेही मेरी जान चली जाये..

धिरेन : (दुखी होते) पर दीदी येतो गलत हे.. आपने सीर्फ वारीस का सोचा फीर जीजाजीका क्या होगा ये नही सोचा..? आप जानतीभी हो आपके जानेके बाद उनका क्या होगा वो अकेले केसे जी पायेगे..?

मंजुला : हां.. सोचा हे तभीतो तुमसे बात करने इधर लेआइ हु.. अब तुही मेरी मदद कर सकता हे..

धिरेन : (आस्चर्यसे) में..? इनमे मे क्या आपकी मदद कर सकता हु..

मंजुला : (हसते) हां.. तुम.., तुही मेरी मदद कर सकता हे.. मेने सोच लीया हे.. जबतक जीन्दा हु.. तेरे जीजुका पुरा खयाल रखुगी ओर मेरे जानेके बादभी उनका खयाल रखनेके लीये उनकी दुसरी सादी मेरी मोजुदगी मेही करवा दुगी.. ताकी मे चेइनसे इस दुनीयासे जा सकु..

धिरेन : (आंख गीली करते) दीदी ये आप क्या बोल रही हे प्लीज.. आप जानेकी बात मत कीजीये..

मंजुला : (हसते) भाइ सबको अ‍ेकना अ‍ेक दीनतो जानाही हे.. तो डरना क्या.. क्या पता फीर वापस यहा जन्म लेके तेरेही घर आउ.. हें..हें..हें..

धिरेन : (गीली आंखसे हस देता हे) दीदी आप भीना.. अ‍ेसी बातोमे भी आपको मजाक सुजता हे..

मंजुला : धिरेन.. इसके बारेमे मेने बहुत कुछ सोचके रखा हे.. बस सही रहा तो सब अच्छा हो जायेगा..

धिरेन : (धीरेसे) तो.. क्या.. जीजु दुसरी सादीके लीये मान जायेगे..

मंजुला : (हसते) पता नही.. बस इनके लीये मुजे तेरी मददकी जरुरत हे.. फीर उस लडकीसेभी तो बात करनी हे.. उनको भीतो मनाना हे..

धिरेन : (धेरेसे) तो.. इसका मतलब आपने सब तैय करलीया हे.. मतलब जीजुकी सादी कीससे करवानी हे..

मंजुला : (हसते) हां भाइ.. लेकीन उन लडकीकी भी अ‍ेक मजबुरी हे.. पता नही केसे बात करु..

धिरेन : (कुछ आसंकाये के साथ) दीदी.. क्या मे जान सकता हु वो लडकी कोन हे..? सायद मे जो सोच रहा हु.., कही.. वोतो नही.., नही नही.. आपही बता दो..

मंजुला : (धिरेनकी ओर देखते) भाइ बताओना.. तुमने कीसके बारेमे सोचा.. तुम्हारे दीमागमे कोन चल रही हे.. बताओना.. फीर मे बताती हु..

धिरेन : (सरमाते धिरेसे) दीदी.. कही आप.. मोम के बारेमे तो.. नही सोच रही..?

मंजुला : (सरमाके हसते) हां.., हां मेरे भाइ तुने सही सोचा हे.. मौसीकी जींदगीभी सवर जायेगी ओर मेरे देवुकी जींदगी सम्हल जायेगी.. बस अ‍ेक तेरी परमीशन लेनी हे.. इसके बारेमे मेने मौसीको अभी तक कुछ नही बताया.. मेने सोचा पहेले तेरी राय जानलु.. तु जो कहेगा वोही मे करुगी.. बोल क्या कहेता हे..

धिरेन : (सोचते मुस्कराते) दीदी.. आपनेतो उलजनमे फसा दीया.. अब मे क्या कहु.. उनकी लाइफ हे.. उनको डीसीजन लेना हे.. जहा तक मेरी बात हे.. उनकी दुसरी सादीसे मुजे कोइ अ‍ेतराज नही.. बस इतना केह सकता हु..

मंजुला : ( दोनो अ‍ेक सुमसान जगह पैडके नीचे बेठते) भाइ मुजे तेरी सीर्फ सहमतीही नही चाहीये.. इनमे मुजे तेरी मदद भी चाहीये..

धिरेन : दीदी इनमे मे क्या मदद कर सकता हु..

मंजुला : कुछ नही जब मे तेरी मम्मीसे बात करु तब तु तेरी राय बता देना.. बाकी मे सब सम्हाल लुगी..

धिरेन : (सोचते) दीदी लेकीन मेरीभी अ‍ेक उलजन हे.., सायद मोम हां भी कहेदे ओर वो सादीभी करले.. फीरभी मोम मुजसे नजर नही मीला पायेगी.. ओर मेभी मोमके साथ नही रेह पाउगा.. तो सोच रहा हु.. मे मेरी सादीके बाद मेरे घरमेही रहुगा..

मंजुला : (प्रस्नार्थ नजरसे) तो क्या तुम तेरी मोमोसे सब रीस्ता तोड देगा..?

धिरेन : (जटसे) अरे.. नही नही.., आप गलत सोच रही हे.., मतलब मे यहा आता जाता रहुगा कोइ रीस्ता नही तोडना.. बस सीर्फ अलग रहुगा ताकी मोमभी अपनी लाइफ खुलके जी सके.. ओर मुजे देखते समींदगी महेसुस ना कर सके.., बस इसीलीये केह रहा था..

मंजुला : (धिरेनको हग करते उनके गाल चुमते) ओ..भाइ थेन्कयु वेरी मच.. तुम अपनी मोमके बारेमे कीतना कुछ सोचते हो.. आइ अ‍ेम प्राउड फोर यु.. कास हर मोमको तेरे जेसा बेटा मीले..
48
फीर दोनोही कुछ प्लानींग करते वापस घरकी ओर चल देते हे.. आज मंजुने धिरेनसे सब बाते खुलके बतादी थी.. अब उसे सीर्फ चंदासे इस बारेमे बात करनी थी.., दोनोही जब गयेथे तब उनके जातेही चंदा मंजुके रुममे सबसे छुपके चली गइ, तब दया ओर रजीया दोनोही उपरकी मंजीलमे घरके काममे लगी हुइ थी.. तो चंदाने अंदर जातेही दरवाजा बंध करलीया ओर जटसे मंजुके कपडे अलमारीमे रखेथे उसे खंगालने लगी....

कन्टीन्यु
 

dilavar

Active Member
875
1,891
124
दोस्तो मेरी पहेली कहानी ये केसी अनुभुती आप लोगोने मुजे उत्साहीत करके जो प्यार दीया यही समजलो रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती ये कहानीका दुसरा पार्ट हे आशा हे आप लोग मुजे कोमेन्ट करते उत्साहीत करके वोही प्यार देगे
 
  • Like
Reactions: Napster
Top