वहा उसने रामुकाकाको उनके वापस आनेतक खेतोका काम देखनेको कहा.. फीर उसने नीलमका परीचय भानुभाइकी बेटीके रुपमे करवाया.. तो रामुकाकाने नीलमको आशीर्वाद दीये.. ओर लखन नीलमको लेकर गोडाउनकी ओफीसमे चला गया.. तो अेक बारतो नीलमकी गांड फटने लगी.. की लखनजीजु उनके साथ कुछ उल्टी सीधी हरकत ना करले.. ओर वो गभराते लखनके पीछे जाने लगी..
तो लखन ओफीसके बजाये नीलमको सीधा आराम करनेके कमरेमे ही लेगया.. ओर बेडपे बैठकर नीलमकोभी बैठनेके लीये कहा.. तो नीलम सरमाते धीरेसे बेडके कोनेपे बैठ गइ.. ओर अपनी नजरे जुकाये बैठी रही.. तब लखन धीरेसे रुमका दरवाजा बंध करदेता हे.. ओर नीलमकी ओर मुडकर उनकी ओर देखते हसने लगता हे.. तब नीलमका दिल जोरोसे धडकने लगा.. वो बहुतही सर्मसार होने लगी.. तभी..
लखन : (हसते) अरे अैसे गभरा क्यु रही हे..? मे तुजे थोडीना डांटनेके लीये इधर लाया हु.. मत भुल मे तेरा जीजु ओर तु मेरी साली हे.. तो मुजे तेरी चीन्ता तो होगीनां..? तुम आरामसे बैठ.. क्या पानी पीयेगी..?
नीलम : (नामें गरदन हीलाते) नही जीजु.. चलीयेना.. यहा कुछ काम था..?
लखन : (मुस्कुराते) हां.. देख नीलु.. मुजे गोल मोल घुमाकर पुछनेकी आदत नही हे.. ये बता.. अब तक तुम ओर धिरेनजीजु इस तराह कीतनी बार मीले हो..? जो सेटरडे सन्डे मीले थे..
नीलम : (सुनतेही नीलम सरमके मारे पानी पानी होकर नजरे जुकाये खामोस बैठी रही)......
लखन : (थोडी सख्तीसे) नीलु.. मे तुजे कुछ पुछ रहा हु.. सच बताना.. वरना मजबुरन मुजे तेरी मम्मी पापाको सबकुछ बताना पडेगा.. फीर मत कहेना लखन जीजुने मुजे नही बचाया..
नीलम : (अेक बार सामने देखकर नजर जुकाते धीरेसे) अेक बार गार्डनमे ओर अेक बार दोनो फील्म देखने गयेथे तब.. लेकीन वोतो अैसेही मीलेथे.. तब हमने कुछ नही कीयाथा.. अैसे तो हम पहेली बार ही मीले.. जीजु.. प्लीज.. आप मम्मीको कुछ मत बताना.. वरना वो मेरी खाल उखाड देगी.. ओर मेरी पढाइभी छुडवा देगी.. प्लीज..
लखन : नीलु.. तुमने पुनोके साथ अैसा क्यु कीया..? दोनो उनकी सादीसे पहेले रीलेशनमे होनां..? तुजे पताथा की धिरेनकी सादी पुनो दीदीसे होने वाली हे.. फीरभी उसे प्यार कीया..?
नीलम : (नजर जुकाये धीरेसे) जीजु.. दरसल वो पुनो दीदीसे नाराज थे.. इसीलीये वो मुजसे प्यार करने लगेथे..
लखन : (आस्चर्यसे देखते) क्या..? लेकीन क्यु..? वो पुनो दीदीसे नाराज थे..? अगर पुनो दीदीसे नाराज थे तो फीर उनसे सादी करके उनकी जींदगी खराब करनेकी क्या जरुरत थी..? तुम दोनो कर लेते सादी.. नीलु.. मुजे उनकी नाराजगीकी वजह जाननी हे.. बता मुजे..
नीलम : (बहुतही सर्मसार होते सर जुकाये बैठी रही..)......
लखन : (थोडी सख्तीसे) नीलु.. मेने तुमसे कुछ पुछा हे.. बता मुजे.. वरना हमे मजबुरन तेरी मम्मी पापाको बताना पडेगा.. बता..
नीलम : (जटसे सामने देखकर नजर जुकाये गभराते) अरे नही नही.. बताती हु.. जीजु.. दरसल.. धिरेन जीजु.. वो.. वो.. अपनी सादीसे पहेले पुनम दीदीके साथ वो.. से..(सरमाते धीरेसे) सेक्स.. करना चाहते थे.. ओर इसके लीये पुनम दीदीने उसे सादीसे पहेले सेक्स करनेको मना कर दीयाथा.. तो वो उनसे नाराज थे..
लखन : (आस्चर्यसे) क्या.. सीर्फ यही रीजनथा क्या..? नीलु.. मुजे सब खुलकर बता..
नीलम : (सरमाते धीरेसे) नही जीजु.. धिरेन जीजुने मुजसे कुछ बातभी कही हे.. जो मुजे कीसीको ना बतानेकी कसम भी खीलाइ हे.. तो वो मे नही बता सकती.. सीर्फ उनकी ख्वाहीसके बारेमे बता सकती हु..
लखन : ( सामने सख्तीसे देखते) नीलु.. आज मुजे सब सचाइ जाननी हे.. अगर उसने तुजे कसम खीलाइ हे फीरभी मुजे सब बताना पडेगा.. तबही मे तुजे बचा सकता हु.. बता..
नीलम : (डरसे सामने देखते) जीजु.. दरसल धिरेन जीजुकी ख्वाहीस थी.. की वो सादीसे पहेले उनकी बीवीके सथ सेक्स करेगे.. ओर पुनम दीदीने उनका सपना तोड दीया.. इसीलीये वो मुजसे प्यार करने लगेथे.. ओर मेभी उनके प्यारमे बहेक गइ.. ओर उसे प्यार करने लगी.. जीजु.. वो मुजसे सादी करना चाहते हे.. धिरेन जीजुने मुजसेभी वादा लीयाथा.. की मे उनका ये सपना पुरा करु.. इसीलीये हम आगे बढे.. ओर मेने उनका सपना पुरा करदीया..
लखन : हंम.. तो फीर तुमसे ही सादी करलेता.. ओर पुनम दीदीको मना करदेता.. तो पुनोकी जींदगीसे क्यु खीलवाड कीया..? क्या कुछ ओर रीजन हे..? तु वो बात बता जो तुजे कसम खीलवाकर कीसीको ना कहेनेको मना कीया हे.. आज मुजे सब सचाइ जाननी हे..
नीलम : (सर जुकाते धीरेसे) जीजु.. प्लीज ये बात कीसीको मत कहेना.. वरना घरपे हंगामा होजायेगा..
लखन : (मुस्कुराते) नीलु.. आइ प्रोमीस.. बता.. ये बात सीर्फ मेरे तकही सीमीत रहेगी..
नीलम : (सरमाते) जीजु.. दरसल धिरेन जीजु पुनम दीदीसे सेक्स करके आपके बडे भैयासे बदला लेना चाहते थे.. अगर पुनम दीदीने सादीसे पहेले धिरेन जीजुके साथ सेक्स कीया होता तो वो सायद उनसे सादी ही ना करते.. वो सीर्फ मेरे साथ सादी करना चाहते थे..
लखन : (आस्चर्यसे चोंकते) क्या..? बडे भैयासे बदला..? लेकीन कीस बात का बदला लेना चाहता था..?
नीलम : (सरमाते धीरेसे) जीजु.. दरसल.. धिरेन जीजुको पता चल गयाथा.. की उनकी मम्मीका उनके जीजुके साथ सादीसे पहेलेही जीस्मानी तालुकात हे.. फीर उनकी मम्मीकी सादी जीजुसे होगइ.. तब जीजुनेही पुनो दीदीका रीस्ता करवाया था.. तब वो उनकी मम्मी.. ओर बडे भैयाके डरसे पुनो दीदीसे प्यार ना करनेके बावजुद सादी करनेको राजी होगये.. वो सादीसे पहेले पुनम दीदीके साथ फीजीकल होना चाहते थे.. लेकीन अैसा ना होसका.. इसीलीये धिरेन जीजुको मजबुरन पुनम दीदीसे सादी करनी पडी..
लखन : (सामने देखते) अगर मेरी मम्मीको जीजु सादीसे पहेले ठोकते थे.. तो मेभी उनकी बहेनको सादीसे पहेले ठोकुगा.. क्या सीर्फ यही रीजन था..? लेकीन ये क्या बात हुइ..? येतो कोइ खास रीजन नही हुआ.. तेरे साथभी सादीसे पहेले फीजीकल रीलेशन बनाये.. अगर कल वो तेरे साथ सादी नही करेगातो..? (मुस्कुराते) नीलु.. क्या ये सब करनेकी तेरी उमर हे..? हंम.. कीतने साल हुअे तुजे..
नीलम : (सरमाते धीरेसे) दो महीने पहेले उनीसवा बैठा.. जीजु.. अब मे बालीक हु.. इस बारेमे मे खुद नीर्णय ले सकती हु.. मुजे कीसीसे पुछनेकी जरुरत नही हे.. हमने जोभी कीया आपसी रजामंदीसे कीया हे..
लखन : (मुस्कुराते) हंम.. मुजे कायदा सीखा रही हे..? देखा हमने.. तु अपने बारेमे बहुत अच्छा नीर्णय ले रही हे.. तभी तुजपे इतनी जवानी चडी हुइ हे.. नीलु.. तुजमे बहुत आग हेनां..? अगर धिरेन तेरा जीजा हे तो.. मेभी तो तेरा सगा जीजा हु.. अगर तुजे अपनी आगही मीटानी थी तो क्या तु पहेले मुजे नही केह सकती थी..? हंम..?
वैसेभी जीजा सालीमे तो ये सब चलता ही रहेता हे.. इसीलीये तो लोग सालीको आधी घरवाली कहेते हे.. मेरी मान तु धिरेनको छोडदे.. मे तुजे खुस रखुगा.. बनजा मेरी आधी घरवाली.. अगर तुम चाहोतो तुजे मे अपनी पुरी घरवाली भी बना सकता हु.. बोल..?