पुनम : (गुस्सेसे देखते) हां.. आखीर अपने दिलकी बात जुबापे आही गइ.. क्यु..? अयासीया करो आप.. ओर छोडके भी मे जाउ..? मे आपको छोडके क्यु जाउ..? मैने तो आपको कुछ भी नही कहा.. मुजे पता हे आप मुजे क्यु छोडना चाहते हे.. ताकी वो नीलुके साथ सहेरमे सादी कर सको..
धिरेन : (सकपाते) क्या.. क्या बक रही हो तुम..? कीसने कहा तुजे..? अैसा कुछ भी नही हे.. तुम अपना पाप छुपानेके लीये उल्टा मुजपे जुठा इल्जाम लगा रही हो..
पुनम : (पास आते जोरोसे) मेरा पाप..? धिरेन.. तुम कहेना क्या चाहते हो..? साफ साफ बताओ.. आज फैसला हो ही जाये.. बताओ.. वरना आपकी सब करतुत मे भाभीको बता दुगी..
धिरेन : (आपा खोते) सट अप.. मां की धमकी मत दो मुजे.. मे उनसे डरता नही हु समजी..? हां जाके बतादो.. मे नीलुसे सादी करना चाहता हु.. ओर तुजे डिवोर्स देना चाहता हु.. मुजे नही रहेना तेरे साथ..
पुनम : (गुस्सेसे) धिरेन.. मुजे भी तेरे साथ रहेनेका कोइ सौक नही हे.. समजे..? लेकीन मे इतनी आसानीसे आपको छोडने वाली नही हु.. पहेले ये बताओ.. मेने क्या पाप कीया हे.. वरना मे अभी सचमे भाभीको कोल करके बताती हु..
धिरेन : (गुस्सेसे) क्या बताओगी..? मेरे मुहसे सुना चाहती हो..? तो सुन.. मुजे तुमपे सक हे.. अरे सक क्या..? मानोनां पुरा यकीन हे.. की तुम कीसी ओरसे प्यार करती हो.. तभी तो इतने दिन मायकेमे पडी रहेती हो.. ताकी अपने यारसे मील सको.. ओर सायद ये बच्चा भी मेरा नही हे.. ये भी तेरे यारका होगा.. जो तुम मेरे पले बांध रही हो.. जा जीसे कहेना हो कहेदो.. ओर मांको भी सब बता देना.. की धिरेनने मुजे ये कहा हे..
पुनम : (आंसु बहाते) धिरेन.. तुम कीतने कमीने हो.. कमसे कम इस बच्चेके बारेमे तो सोचा.. अपनी अयासीओके लीये तुम मुजपे ही इल्जाम लगा रहे हो..?
धिरेन : (गुस्सेसे देखते) हां.. लगा रहा हु.. ओर यही सच हे.. जा.. जाकर बतादे मांको.. की मे नीलुसे सादी कर रहा हु.. वो तेरी बातोपे कभी यकीन नही करेगी.. क्या सबुत हे तेरे पास.. की मे नीलुसे सादी करना चाहता हु..
पुनम : (सांत लहेजेमे) धिरेन.. कीतना घटीया इन्सान हो तुम.. तुमने मुजपे इतना बडा इल्जाम लगाया..? आपको सक हेनां..? तो सुनो.. हां ये सच हे.. मे कीसी ओरको प्यार करती हु.. ओर ये बच्चा भी उसीका हे.. तुम जैसे नामर्दका नही.. समजे..? तुमसे जो हो सके करलो.. लेकीन इसके लीये सबको आपको सबुत देना पडेगा.. जो मेरे पास हे.. (फोन दिखाते) सबुत चाहीयेनां आपको..? येलो.. देखलो अपनी करतुत..
कहेते पुनमने अपने हाथोमे ही मोबाइल रखते धिरेन नीलमकी होस्टल वाली क्लीप दीखाइ.. तो धिरेनके पैरो तले जमीन खीसक गइ.. फीर पुनमने पायल वाली क्लीप दीखाइ.. जीसे दयाने कल ही सुट कीया था.. जीसे देखते धिरेनने अपना माथा पकड लीया.. ओर वो जटसे उपरके रुममे चला गया.. फीर कुछ देरके बाद कुछ पेपर लेकर नीचे आगया.. ओर पुनमकी ओर फेंकते कहा..
धिरेन : (गुस्सेसे) अच्छा हुआ तुजे सब पता चल गया.. येलो.. हमारे डिवोर्सके पेपर हे.. इनपे तुम साइन करदो.. सीर्फ इतना बतादो.. ये नीलुकी क्लीप तेरे पास कहासे आइ..? बस..
पुनम : (कातील मुस्कानसे) क्यु.. देखकर फट गइ..? हंम..? मत भुलो मे वहा होस्टेलमे रेह चुकी हु.. वहाके सीसी केमेराकी लींक मेरे मोबाइलपे हे.. मे जब चाहु वहाका सभी केमेरा देख सकती हु.. मत भुलो.. यहाकी मेडम मेरी बेस्ट फ्रेन्ड हे.. जो अब मेरी भाभी हे.. हां.. लखन भैयाने कुछ दिन पहेले ही उनसे सादी करली हे.. तो ये क्लीप लेना मेरे लीये कोइ मुस्कील काम नही हे..
धिरेन : (थोडा सांत लहेजेमे संकासे) कही ये क्लीप लखन भैयाने तो नही दी..? लेकीन मुजे इनसे कोइ मतलब नही.. की ये तेरे पास कहासे आइ.. तुम बस.. इनपे साइन करदो..
पुनम : (फीकी मुस्कानसे) लखन भैयातो बेचारे इतने भोले हे.. इसेतो इस क्लीपके बारेमे पता भी नही.. रही बात साइनकी.. तो करदुगी.. जरुर करदुगी.. साइन करनेकी इतनी भी क्या जल्दी हे..? पहेले भाभी ओर नीर्मला आंटीको तो आने दो.. अेक दो दिनमे आजायेगी.. इनको भी अपने सपुतकी करतुतका पता तो चले.. की इनका सपुत अकेलेमे क्या अयासीया करते हे..
धिरेन : (फीकी मुस्कानसे) अच्छा मे अयासीया करता हु..? पता हे अयासी कीसे कहेते हे..? जाकर देखो अपने खानदानमे की अयासीया क्या होती हे.. बडे भाइने तीन तीन सादीया करली.. ओर ना जाने बहार भी कीतनी ओरतोके साथ उनका रीलेशन होगा.. मेरी मांको भी नही छोडा.. उपर.. यही बीस्तरपे वो उनकी सादीसे पहेले ठोकने आते थे.. ओर वो रंडीने भी नाजाने उनमे क्या देख लीया था.. उनको देखकर पागल होजाती थी.. ओर उसे यही बुलाकर उनसे मजेसे चुदवाती थी..
पुनम : (जोरोसे चीलाते) ओ.. सटाप.. बंध कर कुते अपनी बकवास.. पता हे तु कीसके बारेमे बोल रहा हे..? अरे वो मां हे तेरी.. जो दोनो अेक दुसरेको प्यार करते थे.. ओर सादीकी हे आपसमे.. तेरी तराह अयासीया नही समजे.. अब तो भाभी ओर नीर्मला आंटीको बताना ही पडेगाकी आपका लाडला आपके बारेमे क्या सोच रखता हे..
धिरेन : (थोडा गुस्सेसे) इनमे मम्मी ओर मौसीको बीचमे क्यु लाती हो..? ये कहोना.. तुजे हमारी ये प्रोपर्टी चाहीये.. ठीक हे.. मील जायेगी.. मुजे इस प्रोर्पटीमे कोइ इन्ट्रेस नही हे.. लेलो सब.. बस तुम साइन करदो.. मुजे तुमसे ओर कोइ बात नही करनी..
पुनम : (फीकी मुस्कानसे) धिरेन.. मुजे नही चाहीये आपकी कोइ प्रोर्पटी.. आप मुजे जीस प्रोर्पटीकी लालाच दे रहे होनां.. इनसे ज्यादा तो हमने अपने मजदुरोको रहेनेके लीये दे रखी हे.. जाओ जाओ.. ये लालच कीसी ओरको देना.. नीलुसे सादी करना चाहते होनां.. तो करलो सादी.. क्या फर्क पडता हे.. अेक बार सादी तो करलो.. फीर नीलुको भी पता चल जायेगा.. की इनका कीस नामर्द पतीके साथ पाला पडा हे.. वो दो दिनमे भाग जाती हेकी नही..
धिरेन : (गुस्ससे हाथ उठाते रुक गया जोरोसे चीलाते) पुनो.. अब तो हद होगइ.. तुजे मेरी मर्दांगीपे सक हेनां.. देख लेना.. नीलु कीतने मेरे बच्चा पैदा करती हे..
पुनम : (जोरोसे चीलाते) हां हां.. देखलुगी.. कैसे बच्चे पैदा करते हो.. पहेले बीवीसे ठीकसे प्यार (चोदना) करनातो सीखलो.. की कैसे प्यार कीया जाता हे.. फीर बच्चे पैदा करना..
इतना ताना सुनते ही धिरेन गुस्सेसे आग बबुला होगया.. ओर अपने पेपर लेकर अपनी जोबपे सहेरकी ओर नीकल गया.. तो पुनमके चहेरेपे कातील स्माइल आगइ.. ओर वो खुस होतेकीचनमे चली गइ.. तो दया भी हसते हुअे पुनमके गले लग गइ.. क्युकी अब पुनमका धिरेनसे अलग होनेका रास्ता साफ हो गया था.. फीर दयाने पुनमको दोनोके जगडेकी क्लीप दीखाइ.. तो पुनम दयाकी समजदारीपे बहुत खुस होगइ.. पुनम यही तो चाहती थी..
तो दुसरी ओर सहेरमे भी लखनके घरपे सबलोग बहुत देरसे जागे.. सबसे पहेले लता जागी तो उसने अपने आपको पुरी नंगी सृतीसे चीपकते पाया.. तो वो सरमसे पानी पानी होगइ.. उसे कल रातका पुरा वाकया याद आने लगा.. ओर वो जटसे अपने कपडे पहेनकर सृतीको जगाकर अपने रुममे चली गइ.. तो लखन घोडे बेचके सो रहा था.. लताको लखनको देखकर हसी आगइ.. ओर वो बाथरुममे घुस गइ..
तो सृती भी जागके आंख मलते बेडपे बैठ गइ.. तो खुदको पुरी तराह नंगा पाया.. तो वो जटसे गाउन पहेनने लगी.. ओर बाथरुमकी ओर जाने लगी.. तभी उसे अचानक याद आया.. ओर वो टेबलके ड्रोअरसे प्रेगनन्सी टेस्टकी कीट नीकालकर बाथरुममे चली गइ.. ओर कीटको नीचे रखकर उनके उपर पीसाब करते टेस्ट करने लगी.. जब रीजल्ट उभरके आया तब सृतीकी खुसीका कोइ ठीकाना नही रहा.. क्युकी टेस्ट पोजीटीव आया था..
तो नीचेकी ओर नीलु रातमे जागनेकी वजहसे अभी भी सो रही थी.. तो रमाकी हालत अबभी बहुत खराब थी.. रातमे बडी मुस्कीलसे अपना नाइट ड्रेस पहेना था.. जो अभी वो भी घोडे बेचकर गहेरी नींद सो रही थी.. कुछ देरके बाद लता ओर सृती कंपलीट होकर नीचे आगइ.. तो रजीया घरका काम कर रही थी.. तो सृतीने लताको रमाके रुमकी ओर नैन नचाते इसारा कीया.. तो लता हसते हुअे रमाके रुममे चली गइ.. तभी....
कन्टीन्यु