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Incest रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती

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dilavar

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दोस्तो आप सभी पाठकोने मेरी पहेली कहानी ये केसी अनुभुती आप लोगोने मुजे उत्साहीत करके जो प्यार दीया और आप लोगोने मुजे दुसरी कहानी रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती लीखनेको प्ररीत कीया मे आप सभी लोगोका दीलसे आभार व्यक्त करके स्वागत करता हु और आपहीकी डिमांडपे आज दुसरी कहानी लीखने जा रहा हु यही समजलो ये कहानीका दुसरा पार्ट हे आशा हे आप लोग मुजे कोमेन्ट करते उत्साहीत करके वोही प्यार देगे

जाहीरसी बात हे मेने मेरी पहेली कहानी
ये केसी अनुभुती मेंही दुसरी कहानीका उलेख करदीया था तो इस कहानीमे वोही केरेक्टर दुसरे जन्म लेके आयेहे ओर यही सब शक्तिया इस जन्ममे प्राप्त करेगे पर इस बार कहानीमे इन्सेस्ट रीलेशनके साथ भरपुर प्यार (सेक्स) ओर अ‍ेक्शनभी होगा ताकी कहानीमे थोडा सस्पेन्स बना रहे ओर सब केरेक्टरका जरुरतके हीसाबसे बीच बीचमे परीचय देता रहुगा ताकी सब केरेक्टरको आप याद रख सके
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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - २१९

सब लोग बाते करते खाना खा रहेथे.. तब रमाको नीचे बहुत गीला लगने लगा.. तो बहुत ही सर्मसार होगइ.. ओर वो पानी पीकर फटाफट अपने कमरेमे चली गइ.. तब लखन सृतीकी ओर देखकर सरमाके हसने लगा.. तो सृती सब कुछ समज गइ.. ओर वो लखनकी जांगपे चपत लगाते सरमाकर हसने लगी.. फीर खानेके बाद लता ओर सृतीने घरका सब काम नीपटा लीया.. ओर कुछ देर टीवी देखकर सबलोग अपने अपने कमरेमे सोने जाने लगे.... अब आगे

तो लताने लखनसे छुपकर प्रेगनन्सी टेस्टकी कीट सृतीको देदी.. जीसे लेकर सृती अपने कमरेमे चली यइ.. ओर चेन्ज करके बीस्तरपे आगइ.. आज लतासे बाते करते उनके मनमे संकाने जन्म ले लीया था.. तो वो खुदके बारेमे सोचने लगी.. की इसके बारेमे उनको सीर्फ दो लोग ही बता सकते हे.. अ‍ेक मंजु.. ओर दुसरी पुनम.. लेकीन इस बारेमे दोनोको पुछे भी तो कैसे..? यही सब सोचते सृतीने फोन उठाकर मंजुको लगा दीया..

मंजुला : (रींग बजते ही फोन उठाते) हां कमीनी.. बोल.. अब फोन करनेका टाइम मीला तुजे..? जाते ही फोन नही कर सकती थी..?

सृती : (मुस्कुराते धीरेसे) कमीनी गालीया तो मत दे.. अब सौतन हु तेरी.. बस.. इतने दिनोसे क्लीनीकपे नही गइ थी.. तो वहा बीजी थी.. अभी सब खाना खाकर सोने गये हे.. तो मे भी बीस्तरमे हु.. बता.. क्या कर रहे हे हमारे पती..?

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मंजुला : (मुस्कुराते) हंम.. सृती.. वो कल सुबह कबीलेपे चले गये थे.. यहा उनकी जमीलाके साथ सादी थी.. तो आज सामको ही आये..

सृती : (मुस्कुराते) दीदी.. हमारे पती कीतनी सादीया करेगे..? क्या वो सादीसे थकते नही..? हंम..

मंजुला : (मुस्कुराते) नही सृती.. ये सब बहुत जरुरी हे.. हमारे लीये.. लेकीन ये बात अभी तेरे समजमे नही आयेगी.. क्युकी तुजे नही पता.. की समय कीतना तेजीसे बदल रहा हे.. मानाकी वो सबको समय नही देपायेगे.. इसीलीये तो हमे ये नीर्णय लेना पडा.. सृती.. तुजे नही पता इस सबकी बच्चीया हमारे लीये कीतनी इम्पोर्टन्ट हे..

हमारी पुनोकी नाती.. जमीलाकी बेटी.. रश्मी भाभीकी बेटी.. चंदा दीदीकी लडकी.. खुद तेरी ओर भावुकी दोनो बेटीया.. सब हमारे वीजय ओर हमारे स्वामीकी बीवीया होगी.. वो सभी लडकीया यातो परीया होगी.. या फीर अप्सराये.. सृती.. तुजे नही मालुम वो सब यहा धरतीपे आनेके लीये कीतनी तरस रही हे..

सृती : (सरमाकर मुस्कुराते) दीदी.. क्या मेरी दोनो बेटीया..?

मंजुला : (मुस्कुराते) हां कमीनी.. तेरी दोनो बेटी.. वो सब बाते तुजे बादमे पता चलेगी.. समजी..?

सृती : (सरमाकर मुस्कुराते) जी दीदी.. इस बारेमे पुनो दीदीसे बात तो हुइ थी.. आपकी सभी बाते मे समज गइ.. बस.. आप लोगोको मीस कर रही थी.. तो फोन करदीया.. दीदी.. अब हमारे पतीके बीना नींद ही नही आती.. मे आप दोनोको बहुत मीस कर रही हु..

मंजुला : (हसते) क्यु..? वहा हमारा देवर तो हे वहा.. पकडले उसे.. इनके बाद तु हमारे पतीको भी भुल जायेगी.. हें..हें..हें..

सृती : (सर्मसार होकर मुस्कुराते) तुम कीतनी कमीनी हो.. लेकीन मंजुदीदी.. उनके साथ अ‍ेकदम कैसे आगे बढुं..? मेरी तो कुछ समजमे ही नही आरहा.. बडी मुस्कीलसे वो मेरे साथ बोलने लगे हे.. दीदी.. आज हम दोनो नया स्कुटर लेने गये थे.. वहा हम दोनोके बीच बहुत सारी बाते हुइ.. फीर भी इनसे बात करनेमे अ‍ेक डर लगता हे..

मंजुला : (मुस्कुराते) सृती.. तुम लखनसे डरो मत.. वो बहुत अच्छा लडका हे.. अरे जादुगर हे वो.. तुजे ओर पुनोको ज्यादा महेनत करनेकी जरुरत ही नही पडेगी.. तुम दोनोको पता भी नही चलेगा.. की तुम दोनो कब उनके बीस्तरपे चली जाओगी.. समजी..? सृती.. तुजे अ‍ेक बात कहु..? अब हमारे पतीसे ज्यादा तुम सबको अब लखन ही खुस रख पायेगा.. अब मेरा लखन इन सब चीजोमे बहुत माहीर हो गया हे.. क्या उसने वो मां बेटीके साथ कुछ कीया की नही..?

सृती : (सर्मसार होते) दीदी.. आपको ओर पुनोदीदीको तो सब पता चल जाता हे.. तो फीर मुजसे क्यु पुछ रही हे..? अभी लता ओर रजीया दोनोका पीरीयड चल रहा हे.. तो सायद आज वो रमाभाभीको मीलने जायेगे.. क्या वो जायेगेनां..?

मंजुला : (हसते) हां.. जायेगे.. क्या तुमने ओर लताने उनका लाइव सो देखनेका डीसाइड कीया हेनां..? हें..हें..हें..

सृती : (हसते) कीतनी कमीनी हो तुम.. आपको सबकुछ पता हे.. हां.. मे ओर लता रमाभाभीकी चीखे सुनना चाहती हे.. मंजुदी.. सुन.. तुजे अ‍ेक बात बतानी हे.. आज लतासे बाते करते मुजे पता चला.. वो हमारे देवरसे पहेले हमारे पतीको मीलना चाहती हे.. प्लीज.. तुम उनकी इच्छा पुरी करदोनां..

मंजुला : (मुस्कुराते) कमीनी कहीकी.. सबसे ज्यादा तो उनको आग लगी हुइ हे.. बीलकुल अपनी मां पे गइ हे.. हां जानती हु मे.. यही होगा.. जो वो चाहती हे.. सुन.. लताको कहेना.. वहा घरपे सब सेट हो गया होतो वापस हमारे घरपे आजाये.. अब ये यहा ही रहेगी..

सृती : (मुस्कुराते) दीदी.. अभी अभी खानेसे पहेले लताके साथ यही सब बाते हुइ.. वो तो आनेके लीये रेडी हे.. लेकीन वो चाहती हे.. इस बारेमे अ‍ेक बार तु हमारे देवरसे बात करले..

मंजुला : (मुस्कुराते) अरे वो तो मे करलुगी.. सुन.. अभी लखनके दोस्तकी सादी हेनां.. उनकी बहेनके साथ.. तो आप लोगतो आयेगे.. तब लखनसे बात करलुगी.. क्या तेरी कुछ तबीयत खराब हे..?

सृती : (सरमाकर हसते) मंजुदी तुम कीतनी कमीनी हो.. मेतो तुजे सरप्राइज देना चाहती थी.. लेकीन तुजे सब पता तो हे.. हां मुजे आज दो बार उल्टीया हुइ हे.. तो मुजे सक तो नही.. लेकीन यकीन हे.. की मे प्रेगनेन्ट होगइ हु.. अभी लतासे प्रेगनन्सीकी कीट लेली हे.. सुबह पता चल जायेगा.. बतानां.. क्या ये सच हेनां..?
 
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मंजुला : (मुस्कुराते) हां सृती.. तुम जब यहासे गइ तब ओल रेडी प्रेगनेन्ट होकर गइ थी.. सुन.. सायद तुम कल तेरी फ्रेन्डको दीखाने जायेगी.. तो अकेली मत जाना.. हमारे देवरको साथ लेजाना.. समजी..?

सृती : हमारे देवरको..? अरे.. इसमे कीसीको साथ लेजानेकी जरुरत नही हे.. बस.. कुछ टेस्ट करवाकर सीधी मेरी क्लीनीकपे चली जाउगी.. क्युकी मे मेरी खुदकी तो नही देख सकती.. ओर लखन भैया साथ होगे तो मुजे सरम नही आयेगी क्या..? बात करती हे.. हें..हें..हें..

मंजुला : (थोडी गंभीर होते) सृती.. तुम मेरी बात क्यु नही समजती..? मैने अ‍ैसेतो कहा नही होगा..? कुछ बात अ‍ैसी हे जो मे तुजे बताना नही चाहती..? समजी..? जीतना बोला हे उतना कर.. ओर अब लखनसे क्या सरमाना..? तुमने उनके साथ इतनी सारी बाते तो करली.. हें..हें..हें..

सृती : (थोडा डरते) मंजुदी.. मुजे खुलकर बताना.. कुछ गडबडतो नही..? हंम..?

मंजुला : अरे कुछ गढबड नही.. सृती तुम जीद मत करो.. ओर वैसे कोइ गभरानेकी बात नही हे.. ओर हो सके तो कोइ दुसरी डोक्टरके पास चली जाना..

सृती : (थोठी परेसान होते) क्यु..? मंजुदी.. वो मेरी बेस्ट फ्रेन्ड हे.. अगर उनको पता चलाकी मे दुसरी जगहपे दीखाने गइ.. तो कमीनी मेरी वाट लगा देगी.. बतानां.. क्या होने वाला हे.. मंजुदी मुजे कुछ आसंकाये हे.. बताओनें मुजे मेरे बारेमे सबकुछ जानना हे.. इसीलीये तो आपको फोन कीया हे..

मंजुला : पता हे मुजे.. सृती प्लीज.. जीद मत कर.. क्या करोगी जानकर..? ठीक हे.. इस बारेमे हम मीलेगे तब बात करेगे.. अ‍ेक बार तुम दिखाकर आजाओ.. ओर सुन.. क्या घरमे सब सामान सेट होगया..?

सृती : (मुस्कुराते) हंम.. ओल मोस्ट.. रजीया दीदी रमाभाभी ओर लताने लगभग सबकुछ सेट करदीया हे..

मंजुला : (मुस्कुराते) सृती.. तो सुन.. अगर वहा सब काम नीपट गया हो तो दो तीन दिनके बाद लखनको कहेना.. तुम सबको लेकर यहा आजाये.. मे उनसे फोनपे बात करलुगी.. कहेना भाभीमां ने कहा हे..

सृती : (सरमाते मुस्कुराते) दीदी.. सच बताना.. क्या लता वाकइ देवुसे सादी करेगी..? हें..हें..हें..

मंजुला : (हसते) कीतनी कमीनी हो तुम.. अभी तो तुम लताकी सीफारीस कर रही थी.. क्या भुल गइ..? सुन.. अब वक्त आगया हे.. की हम लताका ओर दुवेका मीलन करादे.. क्या कहेती हो..? हें..हें..हें..

सृती : (सरमाते मुस्कुराते) मंजुदीदी.. मेरे खयालसे ये थोडी जल्दबाजी नही हे..? क्युकी हमे लखन भैयाका भी देखना होगा.. क्या वो इसके लीये राजी होजायेगे..?

मंजुला : (मुस्कुराते) नही सृती.. मे कोइ जल्द बाजी नही कर रही.. जो भी कर रही हु सब सोच साजकर कर रही हु.. मे चाहती हु.. जबतक मे हु सबकुछ अच्छेसे सेट करके जाउ.. ओर सुन.. तुम लखनकी चीन्ता मत करो.. अब जीतनी जल्दी हो सके तो तुम भी लखनको अपनालो..ओर बहुत जल्द उनको वहा अपना पुराना प्यार भी मील जायेगा.. वो भी हमेसाके लीये.. समजी..?

सृती : (खुस होते मुस्कुराते) क्या..? मे..? मीन्स.. आप पुनोदीदीकी बात कर रही हो..? ओर वो भी यहा..?

मंजुला : (मुस्कुराते) हां सृती.. तेरी सहेली तेरे पास आ रही हे.. मे चाहती हु.. अब लता हमेसाके लीये यहा हमारे पास रहे.. ओर पुनो ओर तुम वहा हमारे लखनके साथ रहो.. मेरे लखनकी बीवीया बनकर.. क्युकी कुछ ही दीनोमे तुजे सब पता चल जायेगा.. सुन.. अभी इस बातका जीक्र तुम कीसीके साथ मत करना.. लताके साथ भी नही.. समजी..?

सृती : (सरमसे पानीपानी होते धीरेसे) मंजुदी.. ये आप क्या केह रही हे..? क्या मे भी..? मतलब.. यहा लखन भैयाके घरमे.. इतनी जल्दी..? तो फीर मम्मी.. मंजु.. मुजे तुमसे कुछ पुछना हे..

मंजुला : (समजते ही) कमीनी.. मुजे पता हे तुमको क्या पुछना हे.. चल बहुत करली बाते.. बाकी बाते हम बादमे करेगे.. पहेले कल अच्छेसे दीखाकर आ.. ओर हमे खुस खबर सुनाना.. समजी.. चल बाय.. मे फोन रखती हु..

सृती कुछ कहे.. इनसे पहेले मंजुने फोन काट दीया.. तो सृती कुछ देरतक फोनको ही देखती रही.. आज मंजुके साथ बाते करते उनको लगाकी मंजु उनसे कुछ छुपा रही हे.. उनकी आसंकाये ओर मजबुत होगइ.. तो इधर लखन भी लताके साथ अपने कमरेमे चला गया था.. ओर दरवाजा बंध कर दीया.. तो रजीया खानेके बाद सो गइ थी.. तो लखन दरवाजा बंध करते ही लताके पास चेन्ज करके लेट गया..

MMuN
ओर उनको अपनी बाहोमे भरलीया.. फीर अ‍ेक दुसरेके होठोको चुमने लगे.. तब लता बहुत ही उतेजीत होने लगी.. लखन उनके बुब्सको मसलते प्यार करने लगा.. ओर दोनोके तनसे अ‍ेक अ‍ेक वस्त्र नीकलते गये.. तभी लखनने लताकी चुतपे हाथ रखदीया.. तो वहा सेनेटरी पेड लगा हुआ था.. तो लता जोरोसे हसने लगी.. फीर लखनको ठेंगा दीखाकर जटसे हसती हुइ बाथरुममे चली गइ..

फीर कुछ देरके बाद वो चेन्ज करके बेडपे आगइ.. ओर लताने लखनके सीनेपे सर रखदीया.. तो लखन उनके सरको प्यारसे सहेलाने लगा.. अब दोनोके बीच कोइ राज छुपा हुआ नही था.. दोनोने ही अ‍ेक दुसरेके सभी रीस्तोको स्वीकार करलीया था.. ओर इस बातसे दोनोका रीस्ता ओर गहेरा हो गया था.. लता अब इस मामलेमे लखनसे काफी मेच्योर होगइ थी.. तभी..

लता : (गाल चुमते) हां जानु.. आप क्या कहेने वाले थे..? पहेले आप बताओ.. फीर मुजे भी आपसे बात करनी हे..

लखन : (लताके सरको सहेलाते) लता.. आज मे राधुकी होस्टेलपे ध्यान रखने गया था.. तो वहा नीलु धिरेनको लेकर आइ थी.. उनकी फ्रेन्डके कमरेमे.. तब सभी लडकीया स्कुलमे थी.. तो होस्टेलपे कोइ नही था.. ओर दोनो कमरेमे जाते ही अ‍ेक होगये.. आज नीलुकी फीरसे धिरेनने चुदाइ करली.. तो मेने उन दोनोकी फील्म भी बना डाली.. ओर पुनो दीदीको सेन्ड भी करदी..
 
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लता : (आस्चर्यसे देखते) जानु.. क्या केह रहे हे आप..? ये कमीनी अपनी हरकोते बाज नही आयेगी.. कुतीयाको बहुत आग लगी हुइ हे.. स्कुलके पहेले ही दिन चुदवाकर आगइ.. पता नही हम नीलुको तीन साल तक कैसे सम्हालेगे.. लेकीन दोनो मीले कैसे..? नीलुका फोन तो मेरे पास हे..

लखन : लता.. आज कल कीसीका कोन्टेक्ट करना कोइ मुस्कील काम नही हे.. लगता हे उसने अपनी दोस्तके फोनसे कोन्टेक्ट कीया होगा.. क्युकी धिरेन जब घरपे आया था तब ही उसने नीलुको अपना फोन नंबर देदीया होगा..

लता : (थोडी चीन्तासे) जानु.. भैया ओर भाभीने नीलुकी जीम्वेवारी हमे दी हे.. पता नही हम नीलुको तीन साल कैसे सम्हालेगे..

लखन : (मुस्कुराते) सुन.. अब हमे नीलुको सम्हालनेकी जरुरत नही हे.. अब हमे नीलुको धिरेनसे मीलनेमे नही रोकना.. क्युकी अ‍ैसा खुद पुनो दीदीने कहा हे..

लता : (आस्चर्यसे देखते) क्या अ‍ैसा दीदीने खुद कहा हे..? लेकीन क्यु..?

लखन : हां लता.. सुन.. पुनो दीदी सबकुछ जानती हे.. वो मुजे बता रही थी.. की हम नीलुको रोकनेकी कीतनी भी कोसीस करले.. फीर भी वो धिरेनसे सादी करके ही रहेगी.. तो पुनोदीदी इसीको जरीया बनाके धिरेनसे अलग होना चाहती हे.. ताकी वो जल्दसे जल्द वापस हवेलीपे आजाये.. तु समज गइनां..?

लता : (धीरेसे) अरे हां.. जानु.. इस बारेमे तो मेरी भी पुनो दीदीसे अ‍ेक बार बात हुइ थी.. ठीक हे.. अब आप जैसा पुनो दीदी कहे करते जाइअ‍े.. अब हमे नीलुकी परवाह नही करनी.. जो करे करनेदो उसे..

लखन : (मुस्कुराते) लता.. तुम भी मुजसे कुछ बात करने वाली थी.. बताना क्या बात करनी थी..

लता : (सामने देखकर मुस्कुराते धीरेसे) अरे हां जानुं.. मेने सुना हे.. आज कल आप दोनो भाइ बहेन बोलते नही हो..? दोनोके बीच कुछ अन बन चल रही हे..? ओर ये अन बन कीसलीये हे वो भी मुजे पता हे.. तो जानु.. प्लीज.. आप अ‍ेक बार पुनोदीदीको माफ करदो.. ओर ये बहेन हे आपकी.. उनसे अ‍ेक बार बात करलो.. आपके लीये वो बहुत रोइ हे.. प्लीज.. मेरी खातीर..

लखन : (मुस्कुराते) अच्छा.. तो सृती भाभीने तुजे सब बता दीया.. लता.. सोरी.. पता नही क्यु.. उस दिन हम मस्तीया कर रहे थे.. तो मे थोडा बहेक गया था.. तो पुनोदीदीने मुजे चांटा मार दीया.. ओर कुछ नही..

लता : (जोरोसे हसते) अच्छा कीया उसने.. हें..हें..हें.. अगर मे होती तो आपको डंडेसे पीटती.. हें..हें..हें.. लेकीन जानु.. पता हे.. आपको चाटा मारते ही उसे अपनी गलतीका अहेसास होगया था.. फीर वो खुब रोइ.. आपसे बात करनेके लीये बहुत तरसी.. लेकीन अ‍ेक आप हो.. उनके सामने देखते भी नही.. जानु.. आपके जानेके बाद वहा मंजुदीदी आइ थी.. उसने पुनोदीदी ओर सृती भाभीको खुब खरी खोटी सुनाइ.. क्युकी पुनो दीदीको भी पता हे.. आगे क्या होने वाला हे.. फीर भी उसने आपसे बात छुपाइ..

लखन : (थोडा सोचमे) लता.. क्या मुजे सचमे सबके साथ रीलेशनमे आना होगा..? क्या ये सब गलत तो नही हेनां..? क्युकी सब मेरी भाभीया हे.. तो मुजे भी अ‍ेक डर लग रहा हे..

लता : (थोडी सही बैठते) लखन.. आप मेरी अ‍ेक बात सुनो.. भुल जाओ हमारे घरकी ओरते आपकी क्या लगती हे.. अब हमारे खानदानमे सीर्फ अ‍ेक ही रीस्ता होगा.. ओर वो हे अ‍ेक मर्द ओर अ‍ेक ओरतका रीस्ता.. क्युकी दीदी केह रही थी हम सब कोइ सामान्य मानवी नही हे.. बस.. आप सीर्फ इतना याद रखना.. ओर हां.. भुल जाओ अब पुनोदीदी आपकी बहेन हे.. ओर मे आपकी बीवी हु.. सीर्फ इतना याद रखो.. वो आपका पहेला प्यार हे..

लखन : (आंख गीली करते) लता.. बस.. यही तो नही भुल पा रहा.. बडी मुस्कीलसे उनको भाभी मानने लगा था.. ओर उसने चाटा मारकर अहेसास करवा दीया.. की वो मेरी बहेन ही हे..

लता : (मुस्कुराते) नही लखन.. कभी कभी जल्दबाजीमे बीना सोचे समजे गलती हो जाती हे.. तो क्या इनको इतनी बढी सजा दोगे..? आप फीकर मत करो.. उसने आपके साथ सभी तराहके रीलेशनको स्वीकार करलीया हे.. तो आप उसे माफ करदो.. ओर बाय चान्स वो सब अब भी स्वीकार नही करती.. तो मे आपसे वादा करती हु.. की मे भाइका खयाल हमेसा हमेसाके लीये छोड दुगी..

लखन : (आस्चर्यसे सामने देखते) लता.. ये तुम क्या बोल रही हो..? जीस तराह पुनोदीदी मेरा पहेला प्यार हे.. उसी तराह बडे भैया भी तेरा पहेला प्यार हे.. मे तो खामखा तुम दोनोके बीच आ गया..

लता : (मुस्कुराते) हां लखन.. जानती हुमे.. मे सच केह रही हु.. मे भाइके सामने कभी देखुगी भी नही.. आइ प्रोमीस.. सीर्फ अ‍ेक बार माफ करदो उसे.. ओर बात करलो.. मुजे पुरा यकीन हे.. आपकी जींदगी बदल जायेगी.. ओर हां.. अब उल्टा पुल्टा सोचना छोडदो.. जैसा पुनोदीदी कहे करते जाओ.. क्युकी आने वाले समयमे अब सीर्फ पुनो दीदी ही इस हवेलीकी महारानी हे.. ओर इस घरके सभी मर्द राजा.. आप समज गयेनां..

लखन : (सरमाकर मुस्कुराते) हंम.. हां समज गया.. ठीक हे.. मे टाइम मीलेगा तब फुरसतमे पुनोदीदीसे बात करलुगा..

लता : (खुस होकर होठ चुमते) जानु.. थेन्कयु.. चलो इसी बातपे आपको अ‍ेक ओर खुस खबरी सुनाती हु.. ओर हां.. अभी इस बारेमे कीसीसे बात मत करना.. क्युकी पकातो हमे कल ही पता चलेगा.. जानु.. आज सृती भाभीको उल्टीया हुइ हे.. हें..हें..हें..

लखन : (मुस्कुराते) अरे.. तो इसमे इतना खुस होनेकी क्या बात हे..? वो तो हम स्कुटर लेने गये थे तब भी इनको उल्टीया हुइ थी.. सायद उनकी तबीयत थोडी ठीक नही हे..

लता : (मुस्कुराते सरपे टपली मारते) अरे बुध्धु.. तबीयत तो बीलकुल ठीक हे.. आप समजे नही..? इसका मतलब सृती भाभी सायद प्रेगनेन्ट होगइ हे.. अब पका तो कल टेस्टके बाद ही पता चलगा.. हें..हें..हें.. सुनो.. कल आपको भाभीके साथ दीखाने जाना हे..

लखन : (खुस होते हसते) क्या..? भाभी प्रेगनेन्ट हे..? थेन्क्स गोड.. अब तो मे दो दो बच्चेका चाचा हो गया हु.. हें..हें..हें.. लता.. कास हमारा भी कोइ बच्चा पैदा होता.. मेने कीतनी कोसीसकी.. लेकीन ना तुम प्रेगनेन्ट हो पाइ.. ओर ना ही रजीया.. क्या मे कभी बाप नही बन सकता..?
 
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लता : (आंख गीली करते गाल सहेलाते) जानु.. दिल छोटा मत करो.. आप जरुर बाप बनेगे.. लेकीन आप मुजे कभी प्रेगनेन्ट नही करपायेगे.. क्यु नही.. इस बारेमे मे ज्यादा कुछ नही केह सकती.. आप इस बारेमे पुनोदीदीको पुछ लेना.. इनको सब पता हे.. हां.. अब रजीयादीदीका पीरीयड चल रहा हे.. तो इसके बाद उनके प्रेगनेन्ट होनेका पुरा चान्स हे.. ओर दीदी केह रही थी.. सायद इसीलीये पुनोदीदीने आपको जडी बुटी पीलाइ हे.. तो आप रजीया दीदीको अ‍ेक बच्चा देदो.. वो बहुत खुस होजायेगी.. हें..हें..हें..

लखन : (मुस्कुराते) ठीक हे लता.. आइ लव यु.. तुम सबका कीतना खयाल रखती हो.. अब मेरी दोनो बीवीया लाल टेग लगाकर बैठी हे.. तो मे अब कहा जाउगा.. हें..हें..हें..

लता : (सरमाकर मुस्कुराते अ‍ेक चपत लगाते) बडे कमीने हो आप.. क्यु.. नीचे हमारी भाभी तो हे.. कमीनी जबसे आइ हे आपपे लाइन मार रही हे.. लखन.. आज बहुत अच्छा मौका हे.. जीस कामके लीये पुनोदीदीने कहा था.. उसी कामका अच्छा वक्त हे.. आप आज कीसी भी तराह भाभीकी बजादो.. वो कीतनी भी चीलाये हम वहा नही आयेगी.. कमीनी बहुत चुदकड हे.. मुजे यकीन हे आज आप कीला फतेह करलोगे..

लखन : (हसते धीरेसे) कैसी बीवी हो तुम..? अपनी ही भाभीको चोदनेके लीये केह रही हो.. हें..हें..हें.. लता.. तो फीर वो भानुभाइको हम धोखा तो नही दे रहे..? वो भी तो हमारा भाइ हे..

लता : (मुस्कुराते) तो क्या मे आपकी बहेन नही हु..? बडे भैया मेरे भाइ नही हे..? लखन.. मुजे पता हे मे ओर भानुभाइ हमारे बापुकी नीशानी हे.. आप भाइके बारेमे ज्यादा मत सोचना.. क्युकी मंजुदीदी केह रही थी.. भाइने भी अ‍ेक ओरत रखली हे.. जो अभी तीन चार दिनसे भाइके साथ ही रहेती हे.. वो उसीसे अपनी प्यास बुजाते हे.. ओर हम सभी भाइ बहेनको तो अब बडी दीदीने छुट देदी हे.. हें..हें..हें..

लखन : (मुस्कुराते) क्या..? वो तुजे भी पता हे..? हें..हें..हें.. बता कौन हे वो ओरत.. हें..हें..हें..

लता : (मुस्कुराते अ‍ेक मुका मारते) ज्यादा हसो मत.. तुम सबके सब कमीने अ‍ेक जैसे ही हो.. क्या वो वहा कोइ छोटुकी बीवी नही हे..? रीटा नाम हे उनका.. कमीना उनका पती ही इन दोनोकी रखवाली करता हे.. ओर आप भी तो उनकी कइ बार ले चुके हो.. कमीने कहीके..

लखन : (जोरोसे हसते) अरे वाह.. तुमतो तेरे भाइकी पुरी कुंडली जानती हो.. हें..हें..हें..

लता : (सरमाकर हसते) सीर्फ भाइकी नही.. आपकी भी पुरी कुंडली जानती हु.. हें..हें..हें.. लखन प्लीज.. मजाक नही.. आप मेरी बात ध्यानसे सुनो.. आप इन मां बेटीके साथ जीतने भी मजे करना चाहे बेसक कर सकते हो.. लेकीन अ‍ेक बातका खयाल रखना.. कभी भी नीलु आपसे प्रेगनेन्ट नही होनी चाहीये.. वरना हमारा सारा खेल बीगड जायेगा.. आप समज गयेनां..?

लखन : (मुस्कुराते होठ चुमते) मतलब तुजे हमारे प्लानके बारेमे सब पता हे.. लता.. तु फीकर मत कर.. आज तो तेरी भाभी गइ कामसे.. देखना कमीनी दो दिन बीस्तरसे नीचे पैर नही रख पायेगी.. उनकी चुतमे बहुत खुजली हो रही हेनां.. अगर भाभीकी चीखे सुनकर नीलु वहार आगइ तो..? हम क्या करेगे..?

लता : (सामने देखते) क्या करेगे मतलब..? क्या आपको पता नही हे..? की वो मां बेटी दोनो ही आपसमे मीली हुइ हे.. भाभी खुद आपके साथ नीलुका रीलेशन रखवाकर उनको आपसे चुदवाना चाहती हे.. अगर नीलु भी वही आजाये तो उनको भी अपनी माके सामने पटक पटकर चोद लेना.. कमीनीको पता तो चले.. दुसरेके घरमे आग लगानेका क्या नतीजा होता हे..अब आपको उनके पास जाना नही हे क्या..? जाइअ‍े.. वो आपका इन्तजार करती होगी.. हें..हें..हें..

लखन : (मुस्कुराते) क्या..? तुजे पता था आज हम दोनो मीलने वाले हे..? हें..हें..हें..

लता : (जुठे गुसेसे देखते) कीतने कमीने हो आप..? जीस तराह खाना खाते आप दोनो हरकत कर रहेथेनां.. मुजे क्या वहा सबको पता होगा.. की आप दोनो क्या चाहते थे.. कमीनी आगे पीछे कीतनी हीलती थी.. जैसे वो कीसीसे चुदवा रही हो.. जानु.. आज इनकी सारी गरमी नीकाल दो.. फीर दो दिनमे मेभी ठीक होजाउगी.. तब आप मेरी भी गर्मी नीकाल देना.. जबसे आपका बडा हथीयार देखा हे तबसे मुजे भी बहुत आग लगी हुइ हे..

लखन : (मुस्कुराते) नही लता.. क्या तुम अब भी मेरे साथ रीलेशन रखोगी..? हंम..? अब तेरी गर्मी नीकालनेके लीये भैया हेनां.. हें..हें..हें..

लता : (आस्चर्यसे सामने देखते) लखन.. आपने अ‍ैसा सोचा भी कैसे..? की मे आपके साथ रीलेशन नही रखुगी.. जानु.. मानाकी मे बडे भाइसे प्यार करती हु.. तब मुजे पता नही थाकी आप दोनो भी मेरे भाइ हो.. लखन.. इस बारेमे अ‍ेक बार आप पुनोदीदीसे अच्छी तराह बात करलो..

क्युकी भले ही मे सायद भाइके साथ सादी भी करलु.. लेखीन फीर भी हमारा रीलेशन कभी खतम नही होगा.. आइ प्रोमीस.. मे भाइसे ज्यादा आपको प्यार करुगी.. आप दिलको छोटा मत कीजीये.. मे आपको भी इतना चाहती हु.. जीतना भाइको चाहती हु.. मे दोनो भाइके साथ रीलेशन रखना चाहती हु..

yes
कहातो लखनने लताको जोरोसे अपनी बाहोमे भीच लीया.. ओर उनके होठोको चुमने लगा.. तो लता भी सरमाकर लखनका साथ देने लगी.. तो दुसरी ओर लखन भी अ‍ेक बार पुनमको मीलनेकी आसमे जोसमे आगया.. ओर लताके उरोजोको थामते मसलने लगा.. तब लताकी सीसकारीया नीकल गइ.. वो उतेजीत होकर बेकाबु होने लगी.. तभी उसे खयाल आयाकी वो पीरीयडमे हे.. तो लखनसे दुर होगइ..

लता : (भारी सांसोसे) बस.. बस लखन.. अभी नही.. सीर्फ दो दिन ठहेर जाओ.. फीर आपको मुजे जीतना प्यार कना हो उतना करलीजीयेगा.. मे उंह.. तक नही करुगी.. अभी तो ये अपनी आगको सम्हालके रखो.. आज सारी आग उस भाभीकी चुतमे उडेलना हे.. कमीनीको चोद चोदके पेटसे करदो.. डालदो अपना बीज.. आपको भी पता चल जायेगाकी आप भी बाप बन सकते हो.. इस खानदानसे पंगा लेना इतना आसान नही हे.. अब जाओभी.. बहुत रात हो गइ हे..

कहा तो लखन लताके होठोको चुमकर खडा होगया.. ओर धीरेसे कमरेसे बहार नीकल गया.. फीर सृतीके रुमकी ओर अ‍ेक नजर डालता हे.. तो वहा दरवाजेपे सृती खडी नजर आइ.. ओर लखनको देखते ही सर्मसार होगइ.. फीर सरमाकर हसते लखनको थम्स अपकी साइन दीखाने लगी.. तो लखन भी इसकी ओर हसते सरमा गया.. ओर चुप चाप नीचेकी ओर जाने लगा.. जैसे ही लखन नीचे गया.. सृती मुस्कुराते लताके रुममे चली गइ..

तो वहा लता भी अपने आपको सही करते नीचे जानेकी तैयारीया कर रही थी.. जैसे ही सृती आइ वो उनकी ओर देखकर मुस्कुराने लगी.. फीर दोनो हाथ पकडकर धीरेसे दबे पांव नीचेकी ओर जाने लगी.. तबतक लखन रमाके रुममे चला गया था.. जबसे रमा लखनके साथ प्यार करके आइ थी तबसे उनको कही चेइन ही नही मीलता था.. आज रमा दुल्हनकी तराह सजधजके लखनका ही इन्तजार कर रही थी....

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कन्टीन्यु
 
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