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Incest रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती

dilavar

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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - २६०

तो पुनम सरमाते हसने लगी.. दोनोने मुह साफ करलीया.. लखन भी मुह साफ करके हल्का होने लगा.. लेकीन पुनमको लखनके सामने पीसाब करनेमे सरम आरही थी.. फीर भी हिंमत करके पीसाब करने लगी.. लखन उसे देखता रहा.. तो पुनम बहुत ही सर्मसार होगइ.. इसी दौरान बहारकी ओर अंदरसे आवाज आनी बंध होगइ तो चारो समज गइकी लखन ओर पुनम बाथरुममे चले गये हे.. तभी.... अब आगे

सृती : (आंख गीली करते) यार मेरा लखन मुजसे कीतना प्यार करता हे.. कास मेने पहेले ही इनसे सादी करली होती..

भावना : (मुस्कुराते धीरेसे) हां दीदी.. हमने भी सुना.. वो आपको ओर पुनोदीदीसे बहुत प्यार करता हे..

सृती : (मुस्कुराते दबी आवाजमे) सीसस.. आवाज मत करना.. मुजे मेरी सोतनकी चीखे सुननी हे..

भावना : (मुस्कुराते) हां मुजे भी.. देखु तो सही हमारे देवर कहा तक जाते हे..

सृती : (हसते धीरेसे दबी आवाजमे) हां.. वोतो जब आपके उपर चडेगाना तब आपको पता चल ही जायेगा.. हें..हें..हें..

दया : (नाकपे उगली रखते) सीससस.. आवाज मत करो.. लगता हे दोनो बहार आगये हे..

तो सृती भावना दया ओर रजीया फीरसे दरवाजेपे कान लगाकर खडी होगइ.. आज सृती ओर भावना बहुत खुस हो रही थी.. भावनाकी चुत भी काफी गीली होने लगी थी.. फीर अंदरकी ओर दोनो कंपलीट होगये तो लखनने फीरसे पुनमको गोदमे उठालीया.. ओर बेडपे आकर लीटा दीया ओर खुदभी बाजुमे लेट गया.. तो पुनमने लखनके सीनेपे सर रखदीया.. तभी..

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पुनम : (लखनके सीनेपे सर खते) भाइ.. आप मेरी कीतनी केर करते हो.. नीचे चलनेभी नही दीया..

लखन : (सरको सहेलाते) दीदी.. इस रुममे आप मेरी चहीती बहेन हो.. ओर मेरी बहेन मेरी चहीती रानी हे.. तो आपको कैसे चलने देता..

पुनम : (कातील नजरोसे सरारतसे) तो फीर देखलो.. आपकी ये बहेन हमेसा हमेसाके लीये आपके साथ सोने वाली हे.. देखती हु कब तक मुजे चलने नही देते..

लखन : (बाहोमे भरते) दीदी.. जींदगी भर.. आप मेरा पहेला प्यार हो.. मेरे सपनोकी परी.. मेरी प्यारीसी भोलीसी पीयु.. मैने आपके लीये बहुत आंसु बहाये हे..

पुनम : (जोरसे बाहोमे भीचते आंख गील करते) भाइ.. आइ अ‍ेम सोरी.. मुजे नही पता थाकी आप मुजसे इतना प्यार करते हो.. ओर मे नादान भाइके पीछे पागल थी.. लेकीन वो मेरा प्यार नही था.. जो सीर्फ अ‍ेक भ्रम था.. अ‍ेक मर्द ओरतका आकर्षण था.. ओर बाबाके कहेनेपे सीर्फ अ‍ेक फर्ज नीभाना था..

लखन : (सामने देखते) बाबाके कहेनेपे..?

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पुनम : (सीनेको सहेलाते) हां भाइ.. बाबाके कहेने पे.. भाइ.. बाबाने मुजे कुछ जीम्वेवारी दीथी.. ये सब उसीके केहेनेपे हुआ हे.. मे आपको सबकुछ बता दुगी.. लेकीन अभी नही.. अभी तो मुजे मेरे भाइका ढेर सारा प्यार चाहीये.. आज मे वो हर लह्मा जीना चाहती हु.. जो कभी मेरे भाइने मेरे प्यारमे सजाये थे.. भाइ.. आज मे आपकी आगोसमे खो जाना चाहती हु.. मुजे आपके अंदर समालो..

कहेते पुनमने लखनको बाहोमे भीचते अपने उपर खीच लीया ओर लखनसे होठोको चुमने लगी.. इस वक्त दोनो ही नंगे थे.. पुनमको अपनी चुतपे लखनका लंड चुभते हुअ‍े महेसुस हो रहा था.. जो जटके मारते अंदर घुसनेके लीये बेकरार था..लखन पुनमके बुब्सको चुमते मसलते पुनमको प्यार करने लगा..

दोनो फीरसे उतेजीत होते मदहोस होने लगे.. पुनम लखनसे मीलनके लीये पुरी तराह तैयार थी.. पुनम आधी अंख चडाते पुरी तराह मदहोस हो चुकी थी.. लखन लगातार पुनमके होठोको.. बुब्सको गलेको चुमता रहा.. पुनमकी चुत पुरी तराह गीली हो चुकी थी..

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dilavar

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वो अ‍ेक हाथ नीचे लेजाते लखनके लंडको मुठीमे थाम लेती हे.. ओर अपनी चुतपे धीरे धीरे घीसते लंडको गीला करने लगी.. जब लंड गीला होगया तो पुनमने लंडके टोपेको अपनी चुतपे थोडा फसाते चुतका रास्ता दीखा दीया.. ओर लखनको जोरोसे बाहोमे भीच लीया..

पुनम : (मदहोसीमे बाहोमे भीचते धीरेसे) भाइ.. आइ अ‍ेम रेडी.. धीरेसे.. पेटमे बच्चा हे.. तो ध्यान रखना..

लखन : (बुब्सको चुमते) दीदी.. मम्मीने भी ध्यारन रखनेको कहा हे.. फीकर मत करो.. ध्यानसे करुगा..

पुनम : (आंखोकी पुतलीया पलटते धीरेसे) भाइ.. डालदो.. हमारा मीलन हो रहा हे..

लखन : (मदहोसीमे होठ चुमते) दीदी.. क्या डालु..? हंम..? बोलोनां..?

पुनम : (मदहोसीमे देखते धीरेसे) भाइ.. क्यु तडपा रहे हो..? आज आपकी बहेन आपके नीचे लेटी हे.. मीटादो सारी दुरीया.. आजसे पुनम ओर लखन अ‍ेक हो जायेगे.. हमेसा हमेसाके लीये.. जन्मो जनम तक..

लखन : (होंठ चुमते) दीदी.. दर्द होगा.. सहेन करलेना.. डालदु..? हंम..?

पुनम : (मदहोसीमे बाहोमे भीचते) हंम.. डालदो.. आपके लीये हर दर्द सहेन करलुगी.. प्लीज.. नही रहा जाता..

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पुनम अब पुरी तराह कामातुर होते मदहोस हो चुकी थी.. लखनने कमरपे दबाव बनाते धीरेसे पुस कीया.. पुनमका मुह बीगडने लगा.. वो वासनामय नजरोसे लखनकी ओर देखने लगी.. लखनने पुनमके दोनो हाथके पंजे कसके पकडलीये.. ओर पुनमसे लीपलोक करलीया..

पुनमने अपनी आंखोको बंध करके भीचली.. ओर लखनने अ‍ेक जोरका जटका मारा.. तो लखनका आधा लंड पुनमकी चुतको चीरते अंदर घुस गया.. पुनम छटपटाते चीख उठी.. ओर लखनसे मुह छुडानेकी कोसीस करने लगी.. चीख लखनके मुहमे ही दब गइ..

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आंखसे आंसु नीकलने लगे.. वो कुछ समजपाती इनसे पहेले ही लखनने अ‍ेक ओर जटका मारा.. पुरा लंड पुनमकी चुतमे घुसा दीया.. पुनकी आंखे बडी होगइ.. लखनसे मुह छुडाते चीख पडी.. ओर अपने दोनो पैर बेडपे पटकने लगी..
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वो आंसु बहाते अपने मुहको इधर उधर करने लगी.. लखनको लगाकी उनका लंड कीसी गरम भठीमे तप रहा हे.. तो बहारकी ओर चारो दरवाजेपे कान लगाकर जुकी हइ थी.. जैसे ही पुनमकी चीख सुनाइ दी.. चारो खडी होगइ.. ओर हसते अ‍ेक दुसरेसे ताली बजाने लगी..

फीर खुसीके मारे हसते अपने दोनो हाथकी मुठी करते कुदने लगी.. तभी भावनाने नाकपे उंगली रखते तीनोको चुप रहेनेका इसारा कीया.. ओर वापस दरवाजेके कान लगाकर अंदरकी आवाज सुनने लगी.. अंदर जैसे ही पुनमकी चीख नीकली.. लखनने फौरन पुनमके मुहपे हाथ रख दीया..

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लखन : (धीरेसे दबी आवाजमे) दीदी.. क्या कर रही हो..? कोइ सुन लेगा.. बस.. हो गया..

पुनम : (आंसु बहाते मुह इधर उधर करते) भाइ.. आपका बहुत बडा हे.. नीकालदो नीचे जलन हो रही हे..

लखन : (सरको सहेलाते होठ चुमते) बस.. हो गया.. पुरा अंदर हे.. हीलेयेगा नही.. अभी दर्द खतम हो जायेगा.. आप पहेली बार थोडीना कर रही हो..? भाइका भी तो बडा था..

पुनम : (आंसु बहाते धीरेसे) भाइ.. सचमे जलन हो रही हे.. आपका तो भाइसे भी बडा हे.. अ‍ैसा लगता हे मे पहेली बार करवा रही हु.. भाइ जबतक मे ना कहु हीलना नही..

कहातो लखन पुनमको बाहोमे भीचते उनके होठो ओर गलेको चुमते उतेजीत करता रहा.. थोडी देरके बाद पुनम भी लखनका साथ देने लगी.. वो अपना मुह खोलते लखनकी जीभसे पेच लडाने लगी.. लखन अ‍ेक हाथसे पुनमके बुब्सको धीरेसे मसलते होठोको चुम रहा था.. ओर पुनमका दर्द धीरे धीरे करते खतम होने लगा.. पुनमने कसके लखनको अपनी बाहोमे भीच लीया..

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पुनम : (होंठोको चुमते) भाइ.. थेन्क्यु.. आखीर हम दोनोका मीलन हो ही गया.. कीतना प्यारा अहेसास था.. दर्दका पता ही नही चला.. बस.. मुजे अ‍ैसे ही प्यार करते रहेना.. तुम्हारी ये बहेन बहुत कामी हे..

लखन : (मु्सकुराते) दीदी.. मेरी सभी बहेने कामी हे.. लेकीन आपकी बात तो कुछ ओर ही हे.. जीतना दर्द होना था होलीया.. देखना अब हम हमारी सुहागरातमे खुब मजे करेगे..

पुनम : (होंठ चुमते) भाइ.. यही तो हमारी सुहागरात हे.. हमारा पहेला मीलन..

लखन : (गलेको चुमते) नही दीदी.. आइ प्रोमीस.. हमारा हर मीलन पहेला ही होगा..

पुनम : (सरमाते मुस्कुराते) भाइ.. सोरी.. मे आपको कवारी नही मीली.. लेकीन फीकर मत करना.. अ‍ेक चीज हे जो अभी तक मेने कुआरी रखी हे.. सीर्फ आपके लीये.. मे चाहती हु हमारी सुहागरातमे वो आपको गीफ्टमे दु..

लखन : (मु्स्कुराते धीरेसे होठ चुमते) दीदी.. मुजे कोइ अफसोस नही की मुजे आप कवारी नही मीली.. मेरे लीये आप हमेसा कुवारी रहोगी.. बाकी रही गीफ्टकी बात.. मे आपको तकलीफमे देखना नही चाहता..

पुनम : (मनमे खुस होते जोरोसे बाहोमे भीचते) ओह.. थेन्क्यु भाइ.. आप मुजे कीतना प्यार करते हो..? लव यु सो मच.. भाइ.. वो हम बादमे देखेगे.. अब आप धीरे धीरे सुरु करदो.. दर्द नही हे..

कहातो लखन पुनमके होठोको चुमते धीरे धीरे अपनी कमर हीलाते चोदने लगा.. पुनम आंखोकी पुतलीया पलटते मदहोस होने लगी.. लखनका लंड पुनमकी चुतमे जड तक चला जाता.. ओर हलकेसे बच्चेखानीको छुकर वापस आजाता..

पुनमकी आंखे बडी होजाती ओर मुह खुला रेह गया.. लखनके हर धक्केके साथ पुनमकी आहे नीकलने लगी.. बस.. पुनम अ‍ैसी ही चुदाइसे वंचीत थी.. वो लखनकी पीठमे हाथ फीराते नाखुन चुभोने लगी.. लखन पुनमका बहुत ही खयाल रखते उनको धीरे धीरे चोद रहा था..

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पुनमतो जैसे स्वर्गमे पहोंच गइ.. पुनमके तनपे सुरसुराहट होने लगी.. वो हल्कासा कांपते बहुत ही उतेजीत होगइ.. उसे लगा हजारो चींटीया उनके तनको रोंदते चुतकी ओर दोड रही हे.. उसने जोरोसे लखनको अपनी बाहोमे भीच लीया.. ओर लखनके होठोसे लीपलोक करलीया..
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पुनम आंधी आंख चडाते अपनी कमरको जटके देने लगी.. उसे लगा वो सातवे आसमानपे चली गइ हे.. तभी लखनको भी अपने लंडपे गरमाहट महेसुस हुइ.. जो पुनम जडते हुअ‍े लखनके लंडको भीगो रही थी.. फीर वो जडते सांत होगइ.. ओर लीपलोक छुडाते नीढाल होकर चुदवाती रही..
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लखन अब भी कमर हीलाते पुनमको चोद रहा था.. ओर साथमे उनके बुब्सको चुम रहा था.. लखनकी इसी हरकतकी वजहसे पुनम फीरसे उतेजीत होने लगी.. वो लखनके होठोको चुमने लगी.. ओर धीरे धीरे अपनी कमर लखनके हर धकेके साथ तालमेलमे उछालने लगी..
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अ‍ैसा लगता थाकी उनके रुममे आज स्वयं कामदेव ओर रती घरतीपे उतर आये थे.. ओर लखन ओर पुनके रुपमे काम क्रीडामे लुप्त थे.. जाहीरसी बात थी इनका असर आजु बाजुमे भी हो रहा था.. तो बहार वो चारो कैसे बच सकती थी..

सभी दोनोकी आवाज सुनते अपनी चुतको सहेला रही थी.. जब चारोसे बरदास्तसे बहार होने लगा तो दया रजीयाका हाथ पकडकर उसे अपने रुममे दोडकर ले गइ.. तो भावना ओर सृती कैसे बाकात रेह सकती थी.. भावना भी सृतीको सहारा देते अंदर अपने रुममे चली गइ..

ओर फटाफट कपडे नीकालकर लेस्बीयनका खेल खेलने लगी.. वहा अंदर जाते ही रजीयाने दयाको दबोच लीया ओर उनके होठोको चुमने लगी.. फीर कुछही देरके बाद दोनो अपनी चुतको आपसमे रगड रही थी.. रजीया बहुत ही कामुक तरीकेसे दयाके होटोको चुमने लगी..

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दया : (मदहोसीमे) रजु.. आइ लव यु.. वहा तेरे बीना अच्छा नही लगता.. वहा आजा..

रजीया : (मदहोसीमे चुत रगडते) दया.. लखनका लंड बहुत तगडा हो चुका हे.. मालीकसे भी बडा.. कुछ दीन मुजे यहा मजे करने दे.. बस अ‍ेक बार हम दोनोको बच्चा होने दे.. फीर हम दोनो आजाद.. मुजे भी तेरे साथ रहेना हे..

दया : (जोरोसे कमर हीलाते) बस.. अभी तो अ‍ेक बार मुजे सांत करदे फीर दोनो आरामसे बात करते हे..

इसी दौरान लखनने अ‍ेक बार फीर पुनमको जडा दीया.. तो पुनम लखनकी स्टेमीना ओर उनका चोदनेका अंदाज देखकर बहुत ही खुस होगइ.. उनकी आंखोसे हर्षके आंसु नीकल गये.. देवायतसे चुदवानेके बाद आज वो कीतने महीनोके बाद दो बार जड चुकी थी..
 

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उसे लगने लगा.. की स्कुल टाइमपे उसने लखनका प्यार कबुल ना करके बहुत बडी गलती की.. आज वो मनही मन लखनको पुरी तराह समर्पीत होगइ.. ओर पुनमने खुसीके बारे लखनको अपनी बाहोमे जोरोसे भीच लीया.. तभी लखनके तनमे कंपन सुरु होगइ..
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वो पुनमसे चीपक गया.. ओर लंडको पुनमकी चुतमे जड तक घुसा दीया.. तो लंड बच्चेदानीसे टकरानेकी वजहसे पुनमकी हल्कीसी चीद नीकल गइ.. दोनोने लीपलोक करलीये.. पुनम सबकुछ समज गइकी लखन जडनेकी स्थीती मे हे.. तभी.. लीपलोक छुडाते..

लखन : (उतेजनामे धीरेसे चोदते) दीदी.. मेरा नीकलने वाला हे.. कहा नीकालु..?

पुनम : (जोरोसे बाहोमे भीचते) भाइ.. अंदर ही नीकालदो.. कोइ खतरा नही.. मे प्रेगनेन्ट हु..

तभी लखन चुदाइ करते रुक गया ओर पुनमके होठोसे जोरोसे लीपलोक करते अपनी कमरको जटके देने लगा.. पुनम अपने भाइ लखनकी अ‍ेक अ‍ेक पीचकारीया अपनी बच्चेदानीपे साफ महेसुस कर रही थी.. जीसे वो भी उतेजनासे कांपने लगी..

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ओर लखनके साथ जडते लंडको भीगोने लगी.. कुछ देरके बाद दोनो सांत होगये.. लखन पुनमके सीनेपे ढेर हो गया.. तो तुनम धीरे धीरे लखनके सर ओर पीठ सहेलाती रही.. दोनो पसीनेसे तरबोर हो चुके थे.. पुनमको अब भी अपनी चुतके अंदर लखनका लंड सख्त महेसुस हो रहा था..

जो रेह रेहके अब भी जटके मार रहा था.. आज लखन ओर पुनम दोनोका सपना पुरा होगया था.. पुनमने लखनको कीया वादा बखुभी नीभाया.. वो अभी लखनके नीचे लेटी हुइ थी तो अपने आपको बहुत ही सर्मीन्दा महेसुस कर रही थी.. वो लखनसे नजरे चुरा रही थी तभी..

लखन : (दोनो हाथोमे चहेरा थामते प्यारसे देखते) दीदी.. थेन्क्यु.. थेन्क्यु सो मच.. आज आपने मेरा सपना पुरा कर दीया.. मे आपसे बहुत प्यार करता हु.. ओर जींदगी भर अ‍ैसे ही प्यार करता रहुगा..

पुनम : (सरमाते मुसकुराते) हां भाइ.. मुजे भी यही प्यार चाहीये.. आज मे आपको पाकर धन्य होगइ..

लखन : (मुस्कुराते होठ चुमते) दीदी.. आप मुजे कुछ बताने वाली थी.. सबके बारेमे.. तो बताइअ‍ेनां..

पुनम : (सर्मसार होते) भाइ.. इस हालतमे..? चलीयेनां पहेले बाथरुममे जाते हे..

लखन : (होठ चुमते) मेने कहाथानां.. अब बाथरुम तो मे नीचे उतरुगा तब ही जानेको मीलेगा.. आज आपको पुरी रात अ‍ैसे ही रहेना हे.. ओर आपकी जानकारीके लीये बतादु.. जबतक मे दो बार सेक्स नही करलेता तबतक मे बहार नही नीकालता..

पुनम : (बहुतही सर्मसार होते मुस्कुराते) भाइ.. तबतक तो मेरी हालत खराब करदोगे आप.. आपने कीतना रस डाला हे अंदर.. मुजे नीचे कुछ अजीबसा लगता हे.. चलीयेनां..

लखन : (मुस्कुराते गाल चुमते) नही मतलब नही.. दीदी.. यु आर माइ फेवरीट गर्लफ्रेन्ड.. जीस तराह वो राजा अपनी बहेनको प्यार करता था.. अ‍ैसे ही मे करुगा.. बस.. अ‍ेक बार सादी करके इस घरपे आजाओ.. रजु ओर सृती दीदीको नीपटाकर हम पुरी रात अ‍ैसे ही प्यार करेगे.. ओर हां.. रातमे सोते हुअ‍े भी ये अंदर रहेगा.. आप अभीसे तैयारीया करलो.. हें..हें..हें..

पुनम : (सरमसे पानी पानी होते धीरेसे) भाइ.. आप पागल तो नही होगये..? अपनी बहेनके साथ अ‍ैसा कोइ करता हे क्या..?

लखन : (मुस्कुराते गालको चुमते) हां.. पागल होगया हु.. आपके प्यारमे.. ओर आपको तो पता हे वो मेरा बडा भाइ था.. तो उनसे ही सब सीखा हु.. मेतो अ‍ैसे ही करुगा.. अगर आप मुजे पहेले मीली होतीनां..? तो मे कीसी ओरसे सादी ही नही करता..

पुनम : (आंख गीली करते जोरोसे बाहोमे भीचते) भाइ.. आइ अ‍ेम सोरी.. मुजे माफ करदो यार.. आइ लव यु.. मे आपकी सारी सीकायत दुर करदुगी.. आप पुछ रहेथेनां.. लता.. मे ओर मम्मीके बारेमे..?

लखन : हां दीदी.. कहीये.. अ‍ैसी क्या बात हे जो आप तीनो भाइका ही बच्चा चाहती हे..

पुनम : हां भाइ.. तो फीर सुनो.. हम तीनोकी योनी अ‍ैसी हे.. हम कीसी ओर से प्रेगनेन्ट नही हो सकती.. हम तीनोको सीर्फ बडे भैया ही प्रेगनेन्ट कर सकते हे..

लखन : सोरी दीदी.. मुजे कोइ अ‍ेतराज तो नही.. लेकीन आप बता सकती हे.. आप तीनोकी योनीमे अ‍ैसी क्या खास बात हे.. जो सीर्फ बडे भैयाही आपको प्रेगनेन्ट कर सकते हे..

पुनम : (मुस्कुराते) भाइ..हमारी मम्मी केह रही थी हम तीनोकी योनी संखीनी योनी हे.. मर्दका शुक्राणु हमारी बच्चेदानी तक पहोंचनेसे पहेले ही बीच रस्तेमे दम तोड देते हे.. ओर भाइका वो.. मतलब उनका पेनीस इतना बडा हेकी सीधे हमारे बच्चेदानीसे टकराता हे.. तो हम तीनो आसानीसे प्रेगनेन्ट हो सकती हे.. ओर वैसे भी बाबाके कहेनेके मुताबीक हमारे गर्भमे सीर्फ भाइके अंस ही चाहीये.. इसीलीये लताका भाइसे मीलना जरुरी था..

लखन : ओह.. अब समजा.. लेकीन दीदी.. पेनीस तो अब मेरा भी बडा हो गया हे.. तो क्या मे तीनोको प्रेगनेन्ट नही कर सकता..?

पुनम : (सर्मसार होते धीरेसे) अरे हां भाइ.. आपका भी पेनीस कैसे मेरी बच्चेदानीसे टकरा रहा था.. मुजे तो डर लग रहा थाकी कही मेरे बच्चेको कुछ होना जाये.. भाइ.. इस बारेमे मुजे नही पता.. मुजे मम्मीको पुछना पडेगा.. अगर आप प्रेगनेन्ट कर सकते होतो मे दुसरा बच्चा आपसे पैदा करुगी.. आइ प्रोमीस..
 

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लखन : (बुब्सको चुमते) ठीक हे दीदी.. मुजे साहीलकी फेमीलीके बारेमे जानना हे.. जो यहा सहेरमे हे..

पुनम : (मुस्कुराते) भाइ.. मे दोनो बहेनको मील चुकी हु.. मे उनके बारेमे सबकुछ जानती हु.. कहानी थोडी लंबी हे.. मे सोर्टमे बताती हु..

लखन : (सामने देखते) हंम.. बतादो.. तबतक ये अंदर ही रहेगा.. हें..हें..हें..

पुनम : (सर्मसार होते धीरेसे) भाइ.. आपभीनां.. सुनो.. साहीलका बडा भाइ बहुत ही कमीना हे.. वो सुरुसे ही अपनी बहेन ओर अपनी मां के उपर गंदी नजर रखता था.. ओर साहीलकी बडी बहेन भी मोर्डन खयालात ओर घुमने फीरनेकी सौकीन थी..

लखन : (मुस्कुराते) हां जानता हु उनको.. बडी बहेन उनसे छोटी हे..

पुनम : वो इतनी मोर्डन ओ सौकीन हे जो इनके बडे भाइको भी पता था.. ओर उसीका फायदा उठाते सबसे पहेले वो अपनी बहेनकी हर जरुरतको पुरी करने लगा.. ओर धीरे धीरे उसने अपनी बहेनको अपने वसमे करलीया..

लखन : (होंठ चुमते) हंम.. समज गया.. फीर..

पुनम : (मुस्कुराते) भाइ.. फीर क्या.. दोनो अ‍ेक दुसरेको प्यार करने लगे.. ओर जब साहीलके पीता पहेली बार बीमार हुअ‍े.. ओर उनके चाचा चाची गांव आये.. तब साहीलके बडे भाइको मोका मील गया.. ओर उसी रात दोनो भाइ बहेन पहेली बार फीजीकल हुअ‍े.. दुसरे दिन दोनोने नीकाह करलीया.. फीर घरमे ही सबसे छुपकर अ‍ेक मीया बीवीकी तराह रहेने लगे..

लखन : (आस्चर्यसे देखते) दीदी.. फीर भी उनकी मम्मीको पता नही चला..? क्युकी मेने सुना हे ओरतोकी नजरसे कोइ बच नही सकता.. मीन्स.. उनकी बहेनमे तो कोइ बदलाव हुआ होगा..

पुनम : (मुस्कुराते) हां भाइ.. सच कहा आपने.. लेकीन उनकी मांकी नजरोमे बहुत देरसे आया.. ओर जब आया तब बहुत देर हो चुकी थी.. क्युकी तब वोभी उनके बेटेके नीचे आ चुकी थी.. जीस तराह उनके बडे भाइने अपनी बहेनको पटाया उसी तराह उसने अपनी मांको भी पटालीया था.. हांलाकी पहेली बार उसने अपनी मांके साथ जबरदस्ती की.. लेकीन फीर तो उनकी मां भी अपने बेटेके साथ फीजीकल होनेके लीये राजी थी..

लखन : (सोक्त होते धीरेसे) क्या..? आंटी भी..? अपने ही बेटेके साथ..? दिखनेमे कीतनी भोली लगती हे..

पुनम : (मुस्कुराते) हां भाइ.. मेभी मीली हु उनसे.. ओरत जीतनी भोली दीखती हे उतनी ही कामी होती हे.. लेकीन क्या करे.. ओरतोकी भी कुछ जरुरते होती हे.. जो कमी उनके पती कामकी वजहसे पुरी नही करता था.. उनकी सारी नीड्स उनका बेटा पुरी करने लगा.. ओर पता ही नही चला उनको कब अपने बेटेसे प्यार हो गया.. अ‍ेक दिन उनके बेटेने उनका गलत फायदा उठा लीया.. फीर तो आटीं भी अपनी नीड्स अपने बेटेसे पुरी करने लगी..

फीर पुनमने लखनको साहीलके चाचा फीरोजकी फेमीलीके बारेमे सबकुछ बता दीया.. की कैसे उनके भाइने अपनी बहेन सायरा ओर फीर अपनी मां जरीनाको फासाया था.. ओर उनकी बहेन सायरासे सादी करके उनको कीस हालातमे घर छोडना पडा.. ओर साहील लखनने मीलकर उनकी छोडी बहेन सबानाकी कैसे मददकी.. ओर आखीर साहील ओर सबानाके बीच प्यार होगया..

पुनमने लखनको पुरी स्टोरी सुनादी.. तबतक लखनका लंड अब भी पुनमकी चुतमे था.. बीच बीचमे लखन पुनमके होठोको ओर बुब्सको चुमते कमर हीलाता रहा.. लखन सायरा जरीना ओर कादीरकी बाते करते उतेजीत होगया था..

फीर धीरे धीरे अपनी कमर हीलाते पुनमको फीरसे चोदने लगा.. पुनम भी साहीलके भाइ.. उनकी बहेन ओर मांके साथ चुदाइकी बाते करते उतेजीत हो चुकी थी.. तो वोभी अपनी कमर उछालते लखनका साथ देने लगी.. पीछली बारसे इस बार पुनम बहुत ही कामुक हो चुकी थी..

तो दुसरी ओर दुर गांवमे भी देवायत दुबारा लता की जोरोसे चुदाइ कर रहा था.. कहा देवायत अ‍ेक परीपकव मर्द.. ओर लता उनके सामने अ‍ेक छोटी बच्ची लग रही थी.. आज देवायतने लताका अ‍ेक अ‍ेक अंग तोडके रखदीया.. दोनो देर रात तक चुदाइ करते रहे..

पुरी रातमे देवायत लताकी चुतको चार बार अपने पानीसे भर चुका था.. ओर नतीजेके फल स्वरुप लता जो चाहती थी वो होगया.. लताके गर्भमे देवायतका बीज मील चुका था.. ओर लता देवायतसे प्रेगनेन्ट हो चुकी थी.. फीर दोनो नंगेही अ‍ेक दुसरेकी बाहोमे चीपकते सो गये..

तो सहेरमे भी लखनने घमासान चुदाइ करते दुसरी बार पुनमको तीन तीन बार जडा दीया.. ओर दोनो साथमे जड गये.. आज लखनने पुनमकी सारी हसरते पुरी करदी.. ओर वो अभी भी पुनमकी चुतमे लंड डाले हुअ‍े उनपे लेटा हुआ था.. ओर रेह रेहकर पुनमके बुब्स होर उनके होठोको चुम रहा था.. तो पुनम उनकी पीठ सहेला रही थी.. दोनो पसीनेसे तरबोर हो चुके थे.. तभी..

पुनम : (सरमाते धीरेसे) भाइ.. आज आपने सारी कसर पुरी करदी.. हम बाथरुममे चले..? देखो हम दोनोका पानी बहार नीकल रहा हे..

लखन : (होंट चुमते) दीदी.. जीतो चाहता हे मे इसे बहार ही ना नीकालु.. सारी जींदगी अ‍ैसे पडा रहु.. कीतने सालोके बाद मेरी तम्मना पुरी हुइ हे.. फीर भी आपको जाना हेतो अ‍ेक बार ओर करते हे..

पुनम : (कातील नजरोसे सरमाते मुस्कुराते) भाइ.. हमारे पास पुरी रात पडी हे.. ओर अब तो अ‍ेसी कइ रात हमारी जींदगीमे आयेगी.. आपको जीतना प्यार करना हो करलीजीयेगा.. अब तो मेभी आपके बीना नही रेह सकती.. मे मेरे लखनको खुब प्यार दुगी.. प्लीज.. चलीयेनां.. नीचे कुछ अजीबसा लगता हे..

लखन : (बुब्सको चुमते) दीदी.. बस.. अ‍ेक बार.. फीर आप जैसा कहोगी वैसा करुगा.. ओर हां.. मुजे आज धृव मीला तब हमारी बहुत कुछ बाते हुइ.. दीदी.. मुजे लगता हे वो मुजसे कुछ छुपा रहा था.. क्या इसके बारेमे मुजे बता सकती हे..?
 

dilavar

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पुनम : (मुस्कुराते) भाइ.. धीरे धीरे करते मे आपको सबके बारेमे बता दुगी जीसके बारेमे आप जानना चाहते हो.. अब तो हम साथ ही रहेगे.. क्युकी यहा हर घरपे अ‍ेक कहानी हे.. जो अ‍ैसे रीस्तो पनप रहे हे.. फीर भी आपको थोडा बहुत बताती हु.. धृवके घरपे भी वोही सब चल रहा हे.. जो साहील भैयाके चाचा चाचीके घरपे चल रहा था.. यहा मामला थोडा अलग हे..

लखन : थोडा अलग मतलब..?

पुनम : (मुस्कुराते) भाइ.. धृव भैया आपका खास दोस्त हे.. आप उनके साथ अपनी हर बाते सेर करते थे.. आज भी आप दोनोने काफी बाते की.. धृव भैयाने ज्यादातर आपको सब बता दीया हे.. फीर भी मुछ बाते उसने आपसे छुपाइ..

लखन : (मुस्कुराते) मतलब..?

पुनम : भाइ.. आप मुजसे प्यार करते थे वोभी धृव भैया जानते थे.. इतनी लडकीओके साथ अफेर होनेके बावजुद आपकी बाते सुनते वोभी अपनी बहेनकी ओर आकर्सीत होगया था.. वो लडकीया पटानेमे माहीर था..

लखन : (मुस्कुराते) हां.. वो कमीनातो पहेलेसे ही अ‍ैसा हे..

पुनम : (मुस्कुराते) पहेली बार प्लान करके अपनी बहेनको होटेलो बुला लीया.. ओर कोल्ड्रींक्समे कुछ कामोतेजक नसीली दवाइ पीलादी.. बस.. उसी दिन होटेलमे उनकी बहेनका कौमार्य भंग कीया.. उस दिन अपनी बहेनके साथ दो बार सेक्स कीया.. फीर तो जाहीरसी बात हे उन्होने अपनी बहेनको भी पटा लीया.. ओर दोनो प्यार करने लगे.. ओर साथमे जीने मरनेकी कसम खाते बहुत वादे करलीये..

फीर पुनमने धृव उनकी बहेन फीर अपनी मांके साथ कैसे रीलेशनमे आया ओर डो. भावीका के साथ सादी करली.. ओर भावीकाका अफैर भी उनके ससुरके साथ चल रहा था.. यहा तक पुनमने लखनको सबकुछ बता दीया.. जीसे सुनकर लखनभी हेरान था..

जैसे ही बाते खतमकी.. लखनने अ‍ेक बार फीर पुनमको चोद लीया.. लगातार तीसरी बार चुदाइकी वजहसे पुनमका अ‍ेक अ‍ेक अंग तोडके रख दीया.. दोनो साथमे जड गये तब काफी देर अ‍ैसे ही दोनो लेटे आराम करते रहे..

पुनम : (सरमाकर मुस्कुराते) भाइ.. आपका तीन बार हो गया.. तो अब बाथरुममे चले..?

लखन : (होंठ चुमते) हंम.. दीदी.. बहार नीकालनेका जी तो नही करता फीर भी चलो.. मे आपको ले चलता हु.. आप काफी थकी हुइ लगती हे..

पुनम : (सरमाते कातील नजरोसे) थकी हुइ..? भाइ.. आपने तो मेरा अ‍ेक अ‍ेक अंग तोडके रख दीया हे.. मे हीलनेकी भी स्थीतीमे नही हु.. इतना तो मेरे साथ कीसीने नही कीया.. मीन्स.. भाइ या धिरेन..

लखन : (उपरसे हटते) दीदी धिरेनका तो नाम ही मत लो.. कमीनेके साथ अ‍ैसा बदला लुगा साला जींदगी भर याद रखेगा..

पुनम : (कातील नजरोसे मुस्कुराते) क्यु..? बदला लेनेके लीये तो हेना उनकी मासुका.. यही आपके पास हीतो रहेती हे.. कीतना मौका दीया.. आप ही साधु बनते हो..

पुनम : (मुस्कुराते) यार कीतनी क्युट लडकी हे.. उनके साथ करनेमे थोडा डर लग रहा हे.. छोटी हे..

पुनम : (मुस्कुराते) अब कोइ छोटी नही हे.. धिरेनके नीचे काफी बार लेट चुकी हे.. मारदो हथोडा..

लखन : (मुस्कुराते) दीदी आपको तो सब पता हे.. उनकी मां भी मुजसे प्यार करने लगी हे.. तो नीलुके साथ करनेमे थोडा डर लग रहा हे..

पुनम : (मुस्कुराते) हां मे सब जानती हु इसीलीये बता रही हु.. हमारी सादीसे पहेले आपको मौका मीलेगा.. तब सबकुछ नीपटा लेना.. मानलो तुम दोनोको हनीमुन मनानेका मौका मील रहा हे..

लखन : (हसते) क्या सचमे..?

पुनम : (हसते) हां वोतो कबसे आपका लेनेके लीये मरी जा रही हे.. आप ही मना कर रहे हो.. इस बार मत छोडना.. बनालो मेरी सौतन..

लखन : (आस्चर्यसे हसते) क्या.. सौतन..? मीन्स.. सादी..?

पुनम : (मुस्कुराते) हंम.. लेकीन गांधर्व.. वो खुद अ‍ैसा चाहती हे.. की वो आपकी सीक्रेट बीवी बने.. सादी तो वो धिरेनके साथ ही करेगी.. समज गयेनां..?

लखन : (पुनमके उपरसे हटते) हंम.. समज गया..

लखन पुनमके उपरसे हट गया.. जैसे ही लंड फच.. आवाजके साथ बहार नीकला पुनम बहुत ही सर्मसार होगइ.. ओर जटसे अपनी पेन्टी अपनी चुतपे रखदी.. ओर चुतको साफ करने लगी.. फीर कामुक नजरोसे देखते उसने लखनके लंडको भी पोछ दीया..

फीर बेडसे उतरनेकी कोसीस करने लगी.. तो पैर नीचे रखते चलनेकी कोसीसकी तो पैर लडखडाने लगे.. तभी लखनने पुनमको अपनी गोदमे उठालीया ओर बाथरुमके अंदर ले गया.. ओर कमोडपे बीठा दीया.. वहा लखनने गीजरसे गरम पानी लीया.. फीर पुनमकी चुतकी सीकाइ करने लगा..

जो फुलके पांव जैसी लाल होगइ थी.. पुनम गीली आंख करते सीर्फ लखनकी ओर प्यार भरी नजरोसे देखती रही.. फीर दोनोने सावर लीया.. ओर लखनने पुनमका ओर खुदका तन पोछ लीया.. पुनम लखनको अपनी इतनी केर करते देखकर भावुक होगइ.. ओर लखनको जोरोसे बाहोमे भीच लीया.. सीनेमे सर रखते आंसु बहाने लगी..

लखन : (मुस्कुराते सर सहेलाते) दीदी.. क्या हुआ..? क्यु रो रही हो..? कुछ हुआ हे क्या..?

पुनम : (नांमे गरदन हीलाते धीरेसे) नही भाइ.. आइ लव यु सो मच.. मे आपसे बहुत प्यार करती हु.. मुजे कभी मत छोडना.. वरना मे जी नही पाउगीं..

लखन : (मुस्कुराते हथेलीमे चहेरा थामते आंखोमे देखते) हेय.. हेय.. दीदी.. क्या हो गया हे आपको..? अ‍ैसा क्यु बोल रही हे..?

पुनम : (आंसु पोछते मुस्कुराते नामे गरदन हीलाते) भाइ.. कुछ नही.. बस.. अ‍ैसे ही.. आइ प्रोमीस.. जबतक हम दोनो जीन्दा हे अब इस बदनको कोइ छुभी नही सकता.. हमारा प्यार सीर्फ इस जन्मका नही.. जन्मो जन्मका हे.. मे आजसे ही आपको पुर्ण समर्पीत होगइ हु.. मेने अपना वादा पुरा कीया..

लखन : (मुस्कुराते बाहोमे भीचते) हां दीदी.. थेन्क्स.. बस.. मुजे जींदगीभर आपका अ‍ैसा ही प्यार चाहीये..

फीर लखन पुनमको वापस गोदमे उठाकर बहार लेकर आगया.. देखातो पुरी चदर दोनोके कामरसके साथ साथ खुनसे भी भरी हुइ थी.. तो लखनने पुनमको चेरपे बीठाकर चदरको चेन्ज करलीया.. ओर पुनमको बेडपे लीटाते उनपे ब्लेन्केट डाल दीया.. ओर खुदभी ब्लेन्केटमे घुसते पुनमसे चीपकके लेट गया.. तो पुनमने लखनकी ओर करवट लेते लखनको जोरोसे अपनी बाहोमे भीच लीया.. ओर दोनो अ‍ेक दुसरेकी आंखोमे देखते रहे.. तभी....

कन्टीन्यु
 
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