update 185
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ........ओह्ह्हह्ह्ह्ह गोड.......
उसकी चूत की परते खुलती चली गयी....और मेरे लंड ने उसकी चूत को चीरते हुए अंदर तक अपना अधिकार जमा लिया..
वो मेरे लंड के ऊपर लटक सी गयी थी...
मैंने उसकी ब्रेस्ट को फिर से चूसा और नीचे से धक्के मारकर उसकी चूत का मजा लेना शुरू किया..
साली की चूत इतनी टाईट थी की मुझे गोद में लेकर चोदना मुश्किल हो रहा था...मैंने उसे नीचे उतारा...और दीवार की तरफ घुमा कर खड़ा कर दिया...उसने दीवार पर हाथ रखे और मैंने उसकी चूत के ऊपर अपना लंड..और एक ही झटके में मैं फिर से उसकी चूत के कारखाने में था...और फिर दे दना दन मैंने एक साथ लगभग दस पंद्रह धक्के मारे उसकी चूत में...जो उसके लिए बहुत थे...और वो भरभरा कर झड़ने लगी...
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह .......विशाल .......म्मम्म.... क्या चोदता है यार.... ..म्मम्म.... मैं तो तुझे देखते ही समझ गयी थी की तू पुराना खिलाडी है..... अह्ह्ह...... मजा आ गया.... ऐसी चुदाई तो मेरे बॉय फ्रेंड ने आज तक नहीं की..... सच में.....
मेरा लंड उसकी चूत से फिसल कर बाहर आ गया...वो अभी भी तना हुआ था...
मैंने सिमरन को देखा...वो समझ गयी की अब उसका नंबर है...
वो मेरे पास आई और मेरे गले में अपनी बाहे डालकर मुझसे लिपट गयी....और नीचे हाथ करके उसने मेरा लंड हाथ में पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया....रीना की चूत से निकला रस उसकी हथेली पर लग गया...उसने अपने हाथ को ऊपर किया और चाटने लगी..
वो ज्यादा गर्म हो चुकी थी...मेरी और रीना की चुदाई देखकर..
वैसे मैं उसे चुसना और चाटना तो चाहता था पर आज समय नहीं था, बारिश कभी भी बंद हो सकती थी और कोई भी यहाँ आ सकता था...इसलिए सीधा चुदाई करना ही उचित था.
मैंने उसे भी घोड़ी बनाया और वो भी दिवार की तरफ मुंह करके खड़ी हो गयी...मैंने अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रखा ही था की वो घूमी और थोडा बाहर निकल कर खड़ी हो गयी....यानी बारिश में.
वो बुरी तरह से भीगने लगी थी...मैं समझ नहीं पाया की वो क्या चाहती है...फिर वो बाहर की तरफ वाली दिवार के ऊपर हाथ रखकर खड़ी हो गयी...यानी वो चाहती थी की मैं उसके पीछे जाकर उसे चोदु...और वो भी बारिश में...
वैसे कोई फर्क तो नहीं पड़ता...क्योंकि हम सभी नंगे थे वहां...कपडे तो सभी के अंदर थे..पुरे सूखे हुए...
मैंने भी मजे लेने के लिए उसका साथ देना सही समझा और बाहर निकल आया...तेज बारिश की बूंदे मेरे नंगे जिस्म पर चुभ रही थी...मैं उसके पास गया और पहले उसे अपने गले से लगाकर बुरी तरह से चूमने लगा...चूसने लगा....और फिर उसका दीवार की तरफ मुंह करके मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर धकेलने लगा..
उसकी गोरी गांड के ऊपर पड़ रही बारिश की बूंदे फिसल कर नीचे गिर रही थी...मैंने भी उसी बारिश के पानी के गीलेपन का फायेदा उठाया और अपने लंड को एक ही झटके में उसकी चूत की झील के अंदर उतार दिया....
उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह म्म्म्मम्म्मास्स्सस्स्स्सस्स्स....
वो भी काफी टाईट थी....चुदी तो हुई थी...पर ज्यादा नहीं....और ऐसी चुते चुदने में ज्यादा मजा देती है....
मैंने बारिश में भीगते हुए, उसकी चूत के अंदर अपने लंड को जोरो से पेलना शुरू कर दिया...
अह्ह्हह्ह ....अह्ह्हह्ह ...ओह्ह्ह्हह्ह ...म्मम्मम्म....
उसकी आँहे तेज बारिश में भी साफ़ सुनाई दे रही थी...
मेरे लंड के सामने ये दूसरी चूत थी, इसलिए वो जल्दी ही झड़ने के करीब आ गया....मैंने अपने हाथ आगे किये , एक हाथ से मैंने उसके मुंह को पकड़ कर अपनी तरफ किया और जोरो से स्मूच करने लगा...और दुसरे हाथ से उसकी मोटी ब्रेस्ट को दबाने लग गया...
येही काफी था उसकी चूत के अंदर का गुबार निकालने के लिए...
अह्ह्ह्हह्ह ........विष........ आआअल........... अह्ह्ह्हह्ह...
मेरे लंड ने भी अपने रस को उसकी चूत के अंदर खाली कर दिया....ऐसा लग रहा था की उसकी चूत में कोई सक्शन पावर है, जो मेरे लंड का पानी निचोड़ रही है...
जल्दी ही मैं झड कर एक तरफ हुआ, अपने लंड को बारिश के पानी से धोया और अंदर आ गया..
रीना तो कपडे पहन भी चुकी थी..उसने अपनी पॉकेट से एक बड़ा सा हैण्ड टॉवेल निकाला और मुझे दे दिया, अपना बदन सुखाने के लिए...वो छोटा था पर इस समय काफी काम आ रहा था...
मैंने किसी तरह से अपने शरीर का पानी सुखाया और रिकॉर्ड तेजी से अपने कपडे पहन लिए...
उधर सिमरन ने भी थोडा बहुत गीलापन साफ़ करके अपनी कपडे पहन लिए थे...
पर अभी भी मुझे और शायद सिमरन को भी अंदर से काफी गीलापन महसूस हो रहा था..पर बारिश में चुदाई करने के लिए इतना सहन करना तो बनता ही है...
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ........ओह्ह्हह्ह्ह्ह गोड.......
उसकी चूत की परते खुलती चली गयी....और मेरे लंड ने उसकी चूत को चीरते हुए अंदर तक अपना अधिकार जमा लिया..
वो मेरे लंड के ऊपर लटक सी गयी थी...
मैंने उसकी ब्रेस्ट को फिर से चूसा और नीचे से धक्के मारकर उसकी चूत का मजा लेना शुरू किया..
साली की चूत इतनी टाईट थी की मुझे गोद में लेकर चोदना मुश्किल हो रहा था...मैंने उसे नीचे उतारा...और दीवार की तरफ घुमा कर खड़ा कर दिया...उसने दीवार पर हाथ रखे और मैंने उसकी चूत के ऊपर अपना लंड..और एक ही झटके में मैं फिर से उसकी चूत के कारखाने में था...और फिर दे दना दन मैंने एक साथ लगभग दस पंद्रह धक्के मारे उसकी चूत में...जो उसके लिए बहुत थे...और वो भरभरा कर झड़ने लगी...
अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह .......विशाल .......म्मम्म.... क्या चोदता है यार.... ..म्मम्म.... मैं तो तुझे देखते ही समझ गयी थी की तू पुराना खिलाडी है..... अह्ह्ह...... मजा आ गया.... ऐसी चुदाई तो मेरे बॉय फ्रेंड ने आज तक नहीं की..... सच में.....
मेरा लंड उसकी चूत से फिसल कर बाहर आ गया...वो अभी भी तना हुआ था...
मैंने सिमरन को देखा...वो समझ गयी की अब उसका नंबर है...
वो मेरे पास आई और मेरे गले में अपनी बाहे डालकर मुझसे लिपट गयी....और नीचे हाथ करके उसने मेरा लंड हाथ में पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया....रीना की चूत से निकला रस उसकी हथेली पर लग गया...उसने अपने हाथ को ऊपर किया और चाटने लगी..
वो ज्यादा गर्म हो चुकी थी...मेरी और रीना की चुदाई देखकर..
वैसे मैं उसे चुसना और चाटना तो चाहता था पर आज समय नहीं था, बारिश कभी भी बंद हो सकती थी और कोई भी यहाँ आ सकता था...इसलिए सीधा चुदाई करना ही उचित था.
मैंने उसे भी घोड़ी बनाया और वो भी दिवार की तरफ मुंह करके खड़ी हो गयी...मैंने अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रखा ही था की वो घूमी और थोडा बाहर निकल कर खड़ी हो गयी....यानी बारिश में.
वो बुरी तरह से भीगने लगी थी...मैं समझ नहीं पाया की वो क्या चाहती है...फिर वो बाहर की तरफ वाली दिवार के ऊपर हाथ रखकर खड़ी हो गयी...यानी वो चाहती थी की मैं उसके पीछे जाकर उसे चोदु...और वो भी बारिश में...
वैसे कोई फर्क तो नहीं पड़ता...क्योंकि हम सभी नंगे थे वहां...कपडे तो सभी के अंदर थे..पुरे सूखे हुए...
मैंने भी मजे लेने के लिए उसका साथ देना सही समझा और बाहर निकल आया...तेज बारिश की बूंदे मेरे नंगे जिस्म पर चुभ रही थी...मैं उसके पास गया और पहले उसे अपने गले से लगाकर बुरी तरह से चूमने लगा...चूसने लगा....और फिर उसका दीवार की तरफ मुंह करके मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर धकेलने लगा..
उसकी गोरी गांड के ऊपर पड़ रही बारिश की बूंदे फिसल कर नीचे गिर रही थी...मैंने भी उसी बारिश के पानी के गीलेपन का फायेदा उठाया और अपने लंड को एक ही झटके में उसकी चूत की झील के अंदर उतार दिया....
उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह म्म्म्मम्म्मास्स्सस्स्स्सस्स्स....
वो भी काफी टाईट थी....चुदी तो हुई थी...पर ज्यादा नहीं....और ऐसी चुते चुदने में ज्यादा मजा देती है....
मैंने बारिश में भीगते हुए, उसकी चूत के अंदर अपने लंड को जोरो से पेलना शुरू कर दिया...
अह्ह्हह्ह ....अह्ह्हह्ह ...ओह्ह्ह्हह्ह ...म्मम्मम्म....
उसकी आँहे तेज बारिश में भी साफ़ सुनाई दे रही थी...
मेरे लंड के सामने ये दूसरी चूत थी, इसलिए वो जल्दी ही झड़ने के करीब आ गया....मैंने अपने हाथ आगे किये , एक हाथ से मैंने उसके मुंह को पकड़ कर अपनी तरफ किया और जोरो से स्मूच करने लगा...और दुसरे हाथ से उसकी मोटी ब्रेस्ट को दबाने लग गया...
येही काफी था उसकी चूत के अंदर का गुबार निकालने के लिए...
अह्ह्ह्हह्ह ........विष........ आआअल........... अह्ह्ह्हह्ह...
मेरे लंड ने भी अपने रस को उसकी चूत के अंदर खाली कर दिया....ऐसा लग रहा था की उसकी चूत में कोई सक्शन पावर है, जो मेरे लंड का पानी निचोड़ रही है...
जल्दी ही मैं झड कर एक तरफ हुआ, अपने लंड को बारिश के पानी से धोया और अंदर आ गया..
रीना तो कपडे पहन भी चुकी थी..उसने अपनी पॉकेट से एक बड़ा सा हैण्ड टॉवेल निकाला और मुझे दे दिया, अपना बदन सुखाने के लिए...वो छोटा था पर इस समय काफी काम आ रहा था...
मैंने किसी तरह से अपने शरीर का पानी सुखाया और रिकॉर्ड तेजी से अपने कपडे पहन लिए...
उधर सिमरन ने भी थोडा बहुत गीलापन साफ़ करके अपनी कपडे पहन लिए थे...
पर अभी भी मुझे और शायद सिमरन को भी अंदर से काफी गीलापन महसूस हो रहा था..पर बारिश में चुदाई करने के लिए इतना सहन करना तो बनता ही है...