• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest लालटेन

लालटेन कैसी स्टोरी होनी चाहिए


  • Total voters
    42
  • Poll closed .

Fuker

New Member
68
618
84
अपडेट ६

अब राजू ननखी की झोपड़ी की ओर चल देता है जहां सोनम मुखिया काका और कलुआ को खाना खिला रही थी।

अब आगे...


राजू..अरे ओ काका आज क्या खा रहे हो,और अकेले ही, हमको नहीं खिलाओगे क्या?

मुखिया..अरे राजू बेटा आओ आओ!! आज इधर कैसे आना हुआ बेटा कहीं रास्ता तो नहीं भूल गए।

राजू मुखिया की झोपड़ी में पहुंच जाता है और अपना डंडा वही झोपड़ी के बगल में रख देता है और अपनी लालटेन की लौ को कम करके उसी झोपड़ी के ऊपर लगे बॉस के डंडे में लटका देता है और अपनी चादर को वही पास में रख उसी के बगल में बैठ जाता है।

मुखियां.. बेटा सोनम एक थाली राजू के लिए भी लगा दो।

राजू..अरे नहीं काका मैं तो अभी अभी माई के हांथ से गरमा गर्म रोटी खाकर आ रहा हूं, आप खाओ मैं तो बस ऐसे ही मजाक कर रहा था।

राजू अब सोनम की ओर अपना मुंह घुमाता है जो अपने भाई को देख मुस्कुरा रही थी और कलुआ भी खाना खाते हुए मुस्कुरा रहा था।

राजू..क्या हुआ सोनम जिजी आप दोनो ऐसे क्यूं मुस्कुरा रहे है मैंने क्या कोई सच में बड़ा मजाक कर दिया।

सोनम अरे नहीं राजू भाई ऐसा नहीं है हम किसी और बात पर हस रहे थे।

राजू..अच्छा ऐसी कौनसी बात है जरा हमे भी बताओ, थोड़ा हम भी हस ले क्यूं मुखिया काका सही कहा न मैने?

सोनम..अरे नहीं राजू भईया कोई भी बात नहीं है आप बताओ आज इधर का रास्ता कैसे भूल गए।

अभी राजू कुछ बोल पाता की ननखी ताई बोल पड़ी...ये जनाब ऐसे रास्ता नहीं भूल गए आज इनको काम पड़ा है तो हमारी याद आई है।

और फिर ननखी अपने परिवार वालो को बताते हुए बोलती है...

राजू को अपने खेतो की सिंचाई करनी है और कल से दूसरे गांव वाले इस नाले पर कब्जा कर लेंगे... अजी अब आप बताओ अपना खेत कितनी देर में हो जायेगा...

मुखिया..अभी काम से काम 1 घरी का समय और लगेगा, तब तक बेटा तुम यही सो जाओ।

इतना बोलकर मुखिया कलुआ को लेकर अपने साथ खेत में चला जाता है।

आजा राजू खाना खा ले... ननखी राजू से पूछती है।

अरे काकी खाना तो मैं घर से ही खा आया अब तो गरमा गरम दूध पीने का मन कर रहा है आपके पास है तो पीला दो।

ननखी अच्छे से जानती थी राजू किस दूध की बात कर रहा है वह राजू को इसका अच्छे से जवाब भी देती लेकिन वह अपनी बेटी के सामने चुप रह जाती है ,जबकि सोनम अब धीरे धीरे मुस्कुरा रही थी और राजू को देख रही थी।

ननखी..बेटा अब यहां कहां से मैं तुमको दूध दे सकती हूं यहां तो ये सोनम बड़ी मुस्किल से खाना ही ले आई।

राजू..अब नहीं देना है तो न दो वैसे मैंने यही पास में दो गायों को एक साथ देखा था जिनके बड़े बड़े थन लटक रहे थे एक गाय तो थोड़ी ज्यादा उम्र की लग रही थी लगता है काकी वो उसकी मां होगी उसके थन बहुत बड़े थे लेकिन कुछ भी कहो दोनो के ही थनों में दूध बहुत भरा होगा मेरा तो मन कर रहा है उन्ही थनों को अपने मुंह में भर लूं और जोर जोर से पियूं।

सोनम ने जब राजू के मुंह से ये बात सुनी तो वह शर्म से लाल होने लगी राजू उसकी मां के सामने ही उसकी चुचियों को पीने की बात कर रहा था और इतना ही नहीं वह उसकी मां की चुचियों की बात उसकी बेटी के सामने कर रहा था, और सोनम अब धीरे धीरे गर्म होने लगी थी

ननखी..( थोड़ा गुस्से वाली आवाज में ) हां बेटा राजू इधर छुटा गाय गोरु आते रहते है ,अब तू ऐसा कर यही सो जा जब खेतों की सिंचाई हो जायेगी तो मैं तुझे आकर जगा दूंगी।

राजू भी समझ गया की अब ज्यादा पंगा लेना उचित नहीं है और फिर उसे अपनी राधा माई की बात याद आती है की उसकी माई ने कहां था की खेतों में सिंचाई नही हुई तो उसके खेत सूख जाएंगे और ननखी काकी अब एक मात्र उसका सहारा है अगर वो भी उससे रूठ गई तो सब सत्यानाश हो जायेगा और इसलिए वह काकी की बात मानकर चुपचाप लेट जाता है।

इधर ननखी और सोनम अब अपना खाना खा रही थी और उन दोनो का खाना भी लगभग हो चुका था जबकि सोनम खाना खाते हुए बार बार राजू की ओर देख लेती थी।

ननखी...बेटी अब रात बहुत हो गई है और तू इतनी रात को अकेले घर कहां जायेगी एक काम कर तू भी यही सो जा।

सोनम..राजू की ओर देखते हुए बोली..लेकिन अम्मा मैं यहां पर कैसे सो सकती हूं।

ननखी..तू डर मत यहां राजू है और फिर ननखी राजू को बुलाती है...

राजू ऐ राजू...

राजू... हां काकी बोलो क्या काम है।

ननखी..देख अब रात बहुत हो गई है और मैं अपनी बेटी को रात में अकेले नहीं भेज सकती इसलिए ये भी यही सोएगी तेरे पास लेकिन तू उसे परेशान बिलकुल भी न करना और जंगली जानवरों का भी ध्यान रखना यहां जंगली सुअर आते रहते है ठीक है राजू मेरी एक बात गांठ बांध लो अगर उसने मुझे बताया की तूने उसे परेशान किया है तो फिर तू समझ सकता है तेरे साथ क्या होगा तेरे खेत सच में सूख जाएंगे..।

ननखी की आवाज थोड़ी कड़क थी जिसे राजू ध्यान से सुनता है और फिर बोलता है।

राजू..काकी वो मेरी बडी बहन है भला मैं उसे क्यूं परेशान करने लगा।

ननखी ठीक है बेटी अब मैं जाती हूं।
 

Napster

Well-Known Member
4,714
13,044
158
अपडेट ६

अब राजू ननखी की झोपड़ी की ओर चल देता है जहां सोनम मुखिया काका और कलुआ को खाना खिला रही थी।

अब आगे...


राजू..अरे ओ काका आज क्या खा रहे हो,और अकेले ही, हमको नहीं खिलाओगे क्या?

मुखिया..अरे राजू बेटा आओ आओ!! आज इधर कैसे आना हुआ बेटा कहीं रास्ता तो नहीं भूल गए।

राजू मुखिया की झोपड़ी में पहुंच जाता है और अपना डंडा वही झोपड़ी के बगल में रख देता है और अपनी लालटेन की लौ को कम करके उसी झोपड़ी के ऊपर लगे बॉस के डंडे में लटका देता है और अपनी चादर को वही पास में रख उसी के बगल में बैठ जाता है।

मुखियां.. बेटा सोनम एक थाली राजू के लिए भी लगा दो।

राजू..अरे नहीं काका मैं तो अभी अभी माई के हांथ से गरमा गर्म रोटी खाकर आ रहा हूं, आप खाओ मैं तो बस ऐसे ही मजाक कर रहा था।

राजू अब सोनम की ओर अपना मुंह घुमाता है जो अपने भाई को देख मुस्कुरा रही थी और कलुआ भी खाना खाते हुए मुस्कुरा रहा था।

राजू..क्या हुआ सोनम जिजी आप दोनो ऐसे क्यूं मुस्कुरा रहे है मैंने क्या कोई सच में बड़ा मजाक कर दिया।

सोनम अरे नहीं राजू भाई ऐसा नहीं है हम किसी और बात पर हस रहे थे।

राजू..अच्छा ऐसी कौनसी बात है जरा हमे भी बताओ, थोड़ा हम भी हस ले क्यूं मुखिया काका सही कहा न मैने?

सोनम..अरे नहीं राजू भईया कोई भी बात नहीं है आप बताओ आज इधर का रास्ता कैसे भूल गए।

अभी राजू कुछ बोल पाता की ननखी ताई बोल पड़ी...ये जनाब ऐसे रास्ता नहीं भूल गए आज इनको काम पड़ा है तो हमारी याद आई है।

और फिर ननखी अपने परिवार वालो को बताते हुए बोलती है...

राजू को अपने खेतो की सिंचाई करनी है और कल से दूसरे गांव वाले इस नाले पर कब्जा कर लेंगे... अजी अब आप बताओ अपना खेत कितनी देर में हो जायेगा...

मुखिया..अभी काम से काम 1 घरी का समय और लगेगा, तब तक बेटा तुम यही सो जाओ।

इतना बोलकर मुखिया कलुआ को लेकर अपने साथ खेत में चला जाता है।

आजा राजू खाना खा ले... ननखी राजू से पूछती है।

अरे काकी खाना तो मैं घर से ही खा आया अब तो गरमा गरम दूध पीने का मन कर रहा है आपके पास है तो पीला दो।

ननखी अच्छे से जानती थी राजू किस दूध की बात कर रहा है वह राजू को इसका अच्छे से जवाब भी देती लेकिन वह अपनी बेटी के सामने चुप रह जाती है ,जबकि सोनम अब धीरे धीरे मुस्कुरा रही थी और राजू को देख रही थी।

ननखी..बेटा अब यहां कहां से मैं तुमको दूध दे सकती हूं यहां तो ये सोनम बड़ी मुस्किल से खाना ही ले आई।

राजू..अब नहीं देना है तो न दो वैसे मैंने यही पास में दो गायों को एक साथ देखा था जिनके बड़े बड़े थन लटक रहे थे एक गाय तो थोड़ी ज्यादा उम्र की लग रही थी लगता है काकी वो उसकी मां होगी उसके थन बहुत बड़े थे लेकिन कुछ भी कहो दोनो के ही थनों में दूध बहुत भरा होगा मेरा तो मन कर रहा है उन्ही थनों को अपने मुंह में भर लूं और जोर जोर से पियूं।

सोनम ने जब राजू के मुंह से ये बात सुनी तो वह शर्म से लाल होने लगी राजू उसकी मां के सामने ही उसकी चुचियों को पीने की बात कर रहा था और इतना ही नहीं वह उसकी मां की चुचियों की बात उसकी बेटी के सामने कर रहा था, और सोनम अब धीरे धीरे गर्म होने लगी थी

ननखी..( थोड़ा गुस्से वाली आवाज में ) हां बेटा राजू इधर छुटा गाय गोरु आते रहते है ,अब तू ऐसा कर यही सो जा जब खेतों की सिंचाई हो जायेगी तो मैं तुझे आकर जगा दूंगी।

राजू भी समझ गया की अब ज्यादा पंगा लेना उचित नहीं है और फिर उसे अपनी राधा माई की बात याद आती है की उसकी माई ने कहां था की खेतों में सिंचाई नही हुई तो उसके खेत सूख जाएंगे और ननखी काकी अब एक मात्र उसका सहारा है अगर वो भी उससे रूठ गई तो सब सत्यानाश हो जायेगा और इसलिए वह काकी की बात मानकर चुपचाप लेट जाता है।

इधर ननखी और सोनम अब अपना खाना खा रही थी और उन दोनो का खाना भी लगभग हो चुका था जबकि सोनम खाना खाते हुए बार बार राजू की ओर देख लेती थी।

ननखी...बेटी अब रात बहुत हो गई है और तू इतनी रात को अकेले घर कहां जायेगी एक काम कर तू भी यही सो जा।

सोनम..राजू की ओर देखते हुए बोली..लेकिन अम्मा मैं यहां पर कैसे सो सकती हूं।

ननखी..तू डर मत यहां राजू है और फिर ननखी राजू को बुलाती है...

राजू ऐ राजू...

राजू... हां काकी बोलो क्या काम है।

ननखी..देख अब रात बहुत हो गई है और मैं अपनी बेटी को रात में अकेले नहीं भेज सकती इसलिए ये भी यही सोएगी तेरे पास लेकिन तू उसे परेशान बिलकुल भी न करना और जंगली जानवरों का भी ध्यान रखना यहां जंगली सुअर आते रहते है ठीक है राजू मेरी एक बात गांठ बांध लो अगर उसने मुझे बताया की तूने उसे परेशान किया है तो फिर तू समझ सकता है तेरे साथ क्या होगा तेरे खेत सच में सूख जाएंगे..।

ननखी की आवाज थोड़ी कड़क थी जिसे राजू ध्यान से सुनता है और फिर बोलता है।

राजू..काकी वो मेरी बडी बहन है भला मैं उसे क्यूं परेशान करने लगा।

ननखी ठीक है बेटी अब मैं जाती हूं।
बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
ये साला राजू व्दीअर्थी बातें करने से बाज नहीं आयेगा लेकीन ननखी ताई के सख्त रवऐ से और खेत में पानी से वजह से वो शायद सोनम के साथ कुछ नहीं कर पायेगा खैर देखते हैं आगे
वैसे भाई अपडेट थोडे बडे देने का प्रयास करें तो मजा आ जायेगा
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
3,257
12,750
159
अपडेट ६

अब राजू ननखी की झोपड़ी की ओर चल देता है जहां सोनम मुखिया काका और कलुआ को खाना खिला रही थी।

अब आगे...


राजू..अरे ओ काका आज क्या खा रहे हो,और अकेले ही, हमको नहीं खिलाओगे क्या?

मुखिया..अरे राजू बेटा आओ आओ!! आज इधर कैसे आना हुआ बेटा कहीं रास्ता तो नहीं भूल गए।

राजू मुखिया की झोपड़ी में पहुंच जाता है और अपना डंडा वही झोपड़ी के बगल में रख देता है और अपनी लालटेन की लौ को कम करके उसी झोपड़ी के ऊपर लगे बॉस के डंडे में लटका देता है और अपनी चादर को वही पास में रख उसी के बगल में बैठ जाता है।

मुखियां.. बेटा सोनम एक थाली राजू के लिए भी लगा दो।

राजू..अरे नहीं काका मैं तो अभी अभी माई के हांथ से गरमा गर्म रोटी खाकर आ रहा हूं, आप खाओ मैं तो बस ऐसे ही मजाक कर रहा था।

राजू अब सोनम की ओर अपना मुंह घुमाता है जो अपने भाई को देख मुस्कुरा रही थी और कलुआ भी खाना खाते हुए मुस्कुरा रहा था।

राजू..क्या हुआ सोनम जिजी आप दोनो ऐसे क्यूं मुस्कुरा रहे है मैंने क्या कोई सच में बड़ा मजाक कर दिया।

सोनम अरे नहीं राजू भाई ऐसा नहीं है हम किसी और बात पर हस रहे थे।

राजू..अच्छा ऐसी कौनसी बात है जरा हमे भी बताओ, थोड़ा हम भी हस ले क्यूं मुखिया काका सही कहा न मैने?

सोनम..अरे नहीं राजू भईया कोई भी बात नहीं है आप बताओ आज इधर का रास्ता कैसे भूल गए।

अभी राजू कुछ बोल पाता की ननखी ताई बोल पड़ी...ये जनाब ऐसे रास्ता नहीं भूल गए आज इनको काम पड़ा है तो हमारी याद आई है।

और फिर ननखी अपने परिवार वालो को बताते हुए बोलती है...

राजू को अपने खेतो की सिंचाई करनी है और कल से दूसरे गांव वाले इस नाले पर कब्जा कर लेंगे... अजी अब आप बताओ अपना खेत कितनी देर में हो जायेगा...

मुखिया..अभी काम से काम 1 घरी का समय और लगेगा, तब तक बेटा तुम यही सो जाओ।

इतना बोलकर मुखिया कलुआ को लेकर अपने साथ खेत में चला जाता है।

आजा राजू खाना खा ले... ननखी राजू से पूछती है।

अरे काकी खाना तो मैं घर से ही खा आया अब तो गरमा गरम दूध पीने का मन कर रहा है आपके पास है तो पीला दो।

ननखी अच्छे से जानती थी राजू किस दूध की बात कर रहा है वह राजू को इसका अच्छे से जवाब भी देती लेकिन वह अपनी बेटी के सामने चुप रह जाती है ,जबकि सोनम अब धीरे धीरे मुस्कुरा रही थी और राजू को देख रही थी।

ननखी..बेटा अब यहां कहां से मैं तुमको दूध दे सकती हूं यहां तो ये सोनम बड़ी मुस्किल से खाना ही ले आई।

राजू..अब नहीं देना है तो न दो वैसे मैंने यही पास में दो गायों को एक साथ देखा था जिनके बड़े बड़े थन लटक रहे थे एक गाय तो थोड़ी ज्यादा उम्र की लग रही थी लगता है काकी वो उसकी मां होगी उसके थन बहुत बड़े थे लेकिन कुछ भी कहो दोनो के ही थनों में दूध बहुत भरा होगा मेरा तो मन कर रहा है उन्ही थनों को अपने मुंह में भर लूं और जोर जोर से पियूं।

सोनम ने जब राजू के मुंह से ये बात सुनी तो वह शर्म से लाल होने लगी राजू उसकी मां के सामने ही उसकी चुचियों को पीने की बात कर रहा था और इतना ही नहीं वह उसकी मां की चुचियों की बात उसकी बेटी के सामने कर रहा था, और सोनम अब धीरे धीरे गर्म होने लगी थी

ननखी..( थोड़ा गुस्से वाली आवाज में ) हां बेटा राजू इधर छुटा गाय गोरु आते रहते है ,अब तू ऐसा कर यही सो जा जब खेतों की सिंचाई हो जायेगी तो मैं तुझे आकर जगा दूंगी।

राजू भी समझ गया की अब ज्यादा पंगा लेना उचित नहीं है और फिर उसे अपनी राधा माई की बात याद आती है की उसकी माई ने कहां था की खेतों में सिंचाई नही हुई तो उसके खेत सूख जाएंगे और ननखी काकी अब एक मात्र उसका सहारा है अगर वो भी उससे रूठ गई तो सब सत्यानाश हो जायेगा और इसलिए वह काकी की बात मानकर चुपचाप लेट जाता है।

इधर ननखी और सोनम अब अपना खाना खा रही थी और उन दोनो का खाना भी लगभग हो चुका था जबकि सोनम खाना खाते हुए बार बार राजू की ओर देख लेती थी।

ननखी...बेटी अब रात बहुत हो गई है और तू इतनी रात को अकेले घर कहां जायेगी एक काम कर तू भी यही सो जा।

सोनम..राजू की ओर देखते हुए बोली..लेकिन अम्मा मैं यहां पर कैसे सो सकती हूं।

ननखी..तू डर मत यहां राजू है और फिर ननखी राजू को बुलाती है...

राजू ऐ राजू...

राजू... हां काकी बोलो क्या काम है।

ननखी..देख अब रात बहुत हो गई है और मैं अपनी बेटी को रात में अकेले नहीं भेज सकती इसलिए ये भी यही सोएगी तेरे पास लेकिन तू उसे परेशान बिलकुल भी न करना और जंगली जानवरों का भी ध्यान रखना यहां जंगली सुअर आते रहते है ठीक है राजू मेरी एक बात गांठ बांध लो अगर उसने मुझे बताया की तूने उसे परेशान किया है तो फिर तू समझ सकता है तेरे साथ क्या होगा तेरे खेत सच में सूख जाएंगे..।

ननखी की आवाज थोड़ी कड़क थी जिसे राजू ध्यान से सुनता है और फिर बोलता है।

राजू..काकी वो मेरी बडी बहन है भला मैं उसे क्यूं परेशान करने लगा।

ननखी ठीक है बेटी अब मैं जाती हूं।

Dono hi updates ek se badhkar ek he Fuker Bhai,

Raju apni Tai se badi double meaning wali baat kar raha tha.......Tai bhi sabkuch samajh jane ke baad bhi raju ko kuch nahi bolti....shayad use bhi in bato me maja aa rha tha.....

Sonam aur Kalua me bhi jarur koi na koi khichdi pak rahi he.............dekhte aage kya hota he

Keep posting Bhai
 

SKYESH

Well-Known Member
3,275
7,928
158
अपडेट ६

अब राजू ननखी की झोपड़ी की ओर चल देता है जहां सोनम मुखिया काका और कलुआ को खाना खिला रही थी।

अब आगे...


राजू..अरे ओ काका आज क्या खा रहे हो,और अकेले ही, हमको नहीं खिलाओगे क्या?

मुखिया..अरे राजू बेटा आओ आओ!! आज इधर कैसे आना हुआ बेटा कहीं रास्ता तो नहीं भूल गए।

राजू मुखिया की झोपड़ी में पहुंच जाता है और अपना डंडा वही झोपड़ी के बगल में रख देता है और अपनी लालटेन की लौ को कम करके उसी झोपड़ी के ऊपर लगे बॉस के डंडे में लटका देता है और अपनी चादर को वही पास में रख उसी के बगल में बैठ जाता है।

मुखियां.. बेटा सोनम एक थाली राजू के लिए भी लगा दो।

राजू..अरे नहीं काका मैं तो अभी अभी माई के हांथ से गरमा गर्म रोटी खाकर आ रहा हूं, आप खाओ मैं तो बस ऐसे ही मजाक कर रहा था।

राजू अब सोनम की ओर अपना मुंह घुमाता है जो अपने भाई को देख मुस्कुरा रही थी और कलुआ भी खाना खाते हुए मुस्कुरा रहा था।

राजू..क्या हुआ सोनम जिजी आप दोनो ऐसे क्यूं मुस्कुरा रहे है मैंने क्या कोई सच में बड़ा मजाक कर दिया।

सोनम अरे नहीं राजू भाई ऐसा नहीं है हम किसी और बात पर हस रहे थे।

राजू..अच्छा ऐसी कौनसी बात है जरा हमे भी बताओ, थोड़ा हम भी हस ले क्यूं मुखिया काका सही कहा न मैने?

सोनम..अरे नहीं राजू भईया कोई भी बात नहीं है आप बताओ आज इधर का रास्ता कैसे भूल गए।

अभी राजू कुछ बोल पाता की ननखी ताई बोल पड़ी...ये जनाब ऐसे रास्ता नहीं भूल गए आज इनको काम पड़ा है तो हमारी याद आई है।

और फिर ननखी अपने परिवार वालो को बताते हुए बोलती है...

राजू को अपने खेतो की सिंचाई करनी है और कल से दूसरे गांव वाले इस नाले पर कब्जा कर लेंगे... अजी अब आप बताओ अपना खेत कितनी देर में हो जायेगा...

मुखिया..अभी काम से काम 1 घरी का समय और लगेगा, तब तक बेटा तुम यही सो जाओ।

इतना बोलकर मुखिया कलुआ को लेकर अपने साथ खेत में चला जाता है।

आजा राजू खाना खा ले... ननखी राजू से पूछती है।

अरे काकी खाना तो मैं घर से ही खा आया अब तो गरमा गरम दूध पीने का मन कर रहा है आपके पास है तो पीला दो।

ननखी अच्छे से जानती थी राजू किस दूध की बात कर रहा है वह राजू को इसका अच्छे से जवाब भी देती लेकिन वह अपनी बेटी के सामने चुप रह जाती है ,जबकि सोनम अब धीरे धीरे मुस्कुरा रही थी और राजू को देख रही थी।

ननखी..बेटा अब यहां कहां से मैं तुमको दूध दे सकती हूं यहां तो ये सोनम बड़ी मुस्किल से खाना ही ले आई।

राजू..अब नहीं देना है तो न दो वैसे मैंने यही पास में दो गायों को एक साथ देखा था जिनके बड़े बड़े थन लटक रहे थे एक गाय तो थोड़ी ज्यादा उम्र की लग रही थी लगता है काकी वो उसकी मां होगी उसके थन बहुत बड़े थे लेकिन कुछ भी कहो दोनो के ही थनों में दूध बहुत भरा होगा मेरा तो मन कर रहा है उन्ही थनों को अपने मुंह में भर लूं और जोर जोर से पियूं।

सोनम ने जब राजू के मुंह से ये बात सुनी तो वह शर्म से लाल होने लगी राजू उसकी मां के सामने ही उसकी चुचियों को पीने की बात कर रहा था और इतना ही नहीं वह उसकी मां की चुचियों की बात उसकी बेटी के सामने कर रहा था, और सोनम अब धीरे धीरे गर्म होने लगी थी

ननखी..( थोड़ा गुस्से वाली आवाज में ) हां बेटा राजू इधर छुटा गाय गोरु आते रहते है ,अब तू ऐसा कर यही सो जा जब खेतों की सिंचाई हो जायेगी तो मैं तुझे आकर जगा दूंगी।

राजू भी समझ गया की अब ज्यादा पंगा लेना उचित नहीं है और फिर उसे अपनी राधा माई की बात याद आती है की उसकी माई ने कहां था की खेतों में सिंचाई नही हुई तो उसके खेत सूख जाएंगे और ननखी काकी अब एक मात्र उसका सहारा है अगर वो भी उससे रूठ गई तो सब सत्यानाश हो जायेगा और इसलिए वह काकी की बात मानकर चुपचाप लेट जाता है।

इधर ननखी और सोनम अब अपना खाना खा रही थी और उन दोनो का खाना भी लगभग हो चुका था जबकि सोनम खाना खाते हुए बार बार राजू की ओर देख लेती थी।

ननखी...बेटी अब रात बहुत हो गई है और तू इतनी रात को अकेले घर कहां जायेगी एक काम कर तू भी यही सो जा।

सोनम..राजू की ओर देखते हुए बोली..लेकिन अम्मा मैं यहां पर कैसे सो सकती हूं।

ननखी..तू डर मत यहां राजू है और फिर ननखी राजू को बुलाती है...

राजू ऐ राजू...

राजू... हां काकी बोलो क्या काम है।

ननखी..देख अब रात बहुत हो गई है और मैं अपनी बेटी को रात में अकेले नहीं भेज सकती इसलिए ये भी यही सोएगी तेरे पास लेकिन तू उसे परेशान बिलकुल भी न करना और जंगली जानवरों का भी ध्यान रखना यहां जंगली सुअर आते रहते है ठीक है राजू मेरी एक बात गांठ बांध लो अगर उसने मुझे बताया की तूने उसे परेशान किया है तो फिर तू समझ सकता है तेरे साथ क्या होगा तेरे खेत सच में सूख जाएंगे..।

ननखी की आवाज थोड़ी कड़क थी जिसे राजू ध्यान से सुनता है और फिर बोलता है।

राजू..काकी वो मेरी बडी बहन है भला मैं उसे क्यूं परेशान करने लगा।

ननखी ठीक है बेटी अब मैं जाती हूं।
ab sonam ka opening hoga ......... :wink:
 

Roy monik

I love sex
587
823
94
अपडेट ६

अब राजू ननखी की झोपड़ी की ओर चल देता है जहां सोनम मुखिया काका और कलुआ को खाना खिला रही थी।

अब आगे...


राजू..अरे ओ काका आज क्या खा रहे हो,और अकेले ही, हमको नहीं खिलाओगे क्या?

मुखिया..अरे राजू बेटा आओ आओ!! आज इधर कैसे आना हुआ बेटा कहीं रास्ता तो नहीं भूल गए।

राजू मुखिया की झोपड़ी में पहुंच जाता है और अपना डंडा वही झोपड़ी के बगल में रख देता है और अपनी लालटेन की लौ को कम करके उसी झोपड़ी के ऊपर लगे बॉस के डंडे में लटका देता है और अपनी चादर को वही पास में रख उसी के बगल में बैठ जाता है।

मुखियां.. बेटा सोनम एक थाली राजू के लिए भी लगा दो।

राजू..अरे नहीं काका मैं तो अभी अभी माई के हांथ से गरमा गर्म रोटी खाकर आ रहा हूं, आप खाओ मैं तो बस ऐसे ही मजाक कर रहा था।

राजू अब सोनम की ओर अपना मुंह घुमाता है जो अपने भाई को देख मुस्कुरा रही थी और कलुआ भी खाना खाते हुए मुस्कुरा रहा था।

राजू..क्या हुआ सोनम जिजी आप दोनो ऐसे क्यूं मुस्कुरा रहे है मैंने क्या कोई सच में बड़ा मजाक कर दिया।

सोनम अरे नहीं राजू भाई ऐसा नहीं है हम किसी और बात पर हस रहे थे।

राजू..अच्छा ऐसी कौनसी बात है जरा हमे भी बताओ, थोड़ा हम भी हस ले क्यूं मुखिया काका सही कहा न मैने?

सोनम..अरे नहीं राजू भईया कोई भी बात नहीं है आप बताओ आज इधर का रास्ता कैसे भूल गए।

अभी राजू कुछ बोल पाता की ननखी ताई बोल पड़ी...ये जनाब ऐसे रास्ता नहीं भूल गए आज इनको काम पड़ा है तो हमारी याद आई है।

और फिर ननखी अपने परिवार वालो को बताते हुए बोलती है...

राजू को अपने खेतो की सिंचाई करनी है और कल से दूसरे गांव वाले इस नाले पर कब्जा कर लेंगे... अजी अब आप बताओ अपना खेत कितनी देर में हो जायेगा...

मुखिया..अभी काम से काम 1 घरी का समय और लगेगा, तब तक बेटा तुम यही सो जाओ।

इतना बोलकर मुखिया कलुआ को लेकर अपने साथ खेत में चला जाता है।

आजा राजू खाना खा ले... ननखी राजू से पूछती है।

अरे काकी खाना तो मैं घर से ही खा आया अब तो गरमा गरम दूध पीने का मन कर रहा है आपके पास है तो पीला दो।

ननखी अच्छे से जानती थी राजू किस दूध की बात कर रहा है वह राजू को इसका अच्छे से जवाब भी देती लेकिन वह अपनी बेटी के सामने चुप रह जाती है ,जबकि सोनम अब धीरे धीरे मुस्कुरा रही थी और राजू को देख रही थी।

ननखी..बेटा अब यहां कहां से मैं तुमको दूध दे सकती हूं यहां तो ये सोनम बड़ी मुस्किल से खाना ही ले आई।

राजू..अब नहीं देना है तो न दो वैसे मैंने यही पास में दो गायों को एक साथ देखा था जिनके बड़े बड़े थन लटक रहे थे एक गाय तो थोड़ी ज्यादा उम्र की लग रही थी लगता है काकी वो उसकी मां होगी उसके थन बहुत बड़े थे लेकिन कुछ भी कहो दोनो के ही थनों में दूध बहुत भरा होगा मेरा तो मन कर रहा है उन्ही थनों को अपने मुंह में भर लूं और जोर जोर से पियूं।

सोनम ने जब राजू के मुंह से ये बात सुनी तो वह शर्म से लाल होने लगी राजू उसकी मां के सामने ही उसकी चुचियों को पीने की बात कर रहा था और इतना ही नहीं वह उसकी मां की चुचियों की बात उसकी बेटी के सामने कर रहा था, और सोनम अब धीरे धीरे गर्म होने लगी थी

ननखी..( थोड़ा गुस्से वाली आवाज में ) हां बेटा राजू इधर छुटा गाय गोरु आते रहते है ,अब तू ऐसा कर यही सो जा जब खेतों की सिंचाई हो जायेगी तो मैं तुझे आकर जगा दूंगी।

राजू भी समझ गया की अब ज्यादा पंगा लेना उचित नहीं है और फिर उसे अपनी राधा माई की बात याद आती है की उसकी माई ने कहां था की खेतों में सिंचाई नही हुई तो उसके खेत सूख जाएंगे और ननखी काकी अब एक मात्र उसका सहारा है अगर वो भी उससे रूठ गई तो सब सत्यानाश हो जायेगा और इसलिए वह काकी की बात मानकर चुपचाप लेट जाता है।

इधर ननखी और सोनम अब अपना खाना खा रही थी और उन दोनो का खाना भी लगभग हो चुका था जबकि सोनम खाना खाते हुए बार बार राजू की ओर देख लेती थी।

ननखी...बेटी अब रात बहुत हो गई है और तू इतनी रात को अकेले घर कहां जायेगी एक काम कर तू भी यही सो जा।

सोनम..राजू की ओर देखते हुए बोली..लेकिन अम्मा मैं यहां पर कैसे सो सकती हूं।

ननखी..तू डर मत यहां राजू है और फिर ननखी राजू को बुलाती है...

राजू ऐ राजू...

राजू... हां काकी बोलो क्या काम है।

ननखी..देख अब रात बहुत हो गई है और मैं अपनी बेटी को रात में अकेले नहीं भेज सकती इसलिए ये भी यही सोएगी तेरे पास लेकिन तू उसे परेशान बिलकुल भी न करना और जंगली जानवरों का भी ध्यान रखना यहां जंगली सुअर आते रहते है ठीक है राजू मेरी एक बात गांठ बांध लो अगर उसने मुझे बताया की तूने उसे परेशान किया है तो फिर तू समझ सकता है तेरे साथ क्या होगा तेरे खेत सच में सूख जाएंगे..।

ननखी की आवाज थोड़ी कड़क थी जिसे राजू ध्यान से सुनता है और फिर बोलता है।

राजू..काकी वो मेरी बडी बहन है भला मैं उसे क्यूं परेशान करने लगा।

ननखी ठीक है बेटी अब मैं जाती हूं।
Aati sunder update
 
Top