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Super updateमाँ ने मेरा हाथ हटाया और बोली पहले खाना खाने चलते हैं फिर पूरी रात अपनी है और ये बोलकर माँ सीढ़ियां उतरने लगी…मैंने भी अपने लण्ड को सहला कर थोड़ा इंतजार करने के लिए कहा और माँ के पीछे सीढ़ियां उतरने लगा…
Update 59
निचे आकर हमने खाना खाया माँ और चाची रसोई संभाल रही थीं तो मैने कहा आप दोनों यहाँ का काम निबटा लो मैं ऊपर बिस्तर वगैरह ले जाकर बिछा देता हूँ और मैं कमरे की और बढ़ गया… कमरे से चटाई और बिस्तर लेकर मैं छत पर आ गया वहाँ चटाई के ऊपर मैने गद्दा बिछा दिया और बिस्तर लगाकर माँ का इन्तजार करने लगा और पिछले कुछ दिनों की घटनाओं के बारे में सोचने लगा कैसे हम यहाँ पर कुछ समय के लिए आये थे और कैसे लोकडाउन के चलते हम यहाँ पर फस गए और फिर चाची और उसके बाद माँ से सम्बन्ध बन गया और फिर बेला भी अचानक मेरी झोली में आ गई… पिछले कुछ समय से मेरा लण्ड डयूटी के साथ साथ ओवरटाइम भी कर रहा था…
तभी चाची ऊपर आ गई उसने पेटीकोट और ब्लाउज पहना हुआ था और बालों का जुड़ा बांध रखा था… चाची टहलते हुए मेरे पास आ गई और बोली क्या बात है क्या सोच रहा है, मैने मुस्कुरा कर चाची को देखा और कहा पिछले कुछ समय से जो तुम्हारी चुत और गाँड़ बजा रहा हूँ उसके बारे में सोच रहा था कि जब हम वापस लौट कर जायँगे तो शायद ही कभी मौका मिले चुदाई का… चाची बोली कुछ तो करना होगा वरना पहले तो किसी तरह सब्र कर लिया था… लेकिन अब नहीं होगा राज हमें दीदी के साथ मिलकर कोई तरकीब सोचनी होगी ताकि हमें वहाँ भी कोई अड़चन ना आये, अभी हम बात कर ही रहे थे कि माँ भी आ गई और हमसे पूछा क्या बात चल रही है…
चाची ने माँ को सारी बात बता दी माँ बोली कोमल सब्र तो करना ही पड़ेगा यहाँ जो हो रहा है उसे यहीं खत्म कर देंगे… ताकि घर पर कोई बखेड़ा खड़ा ना हो, नहीं तो हमारा परिवार बिखर जायेगा… चाची बोली दीदी आपकी सारी बात सही है लेकिन अब मैं तो बिना राज से करवाये नहीं रह सकती दीदी कोई तरीका सोचिये, क्या आप रह पायँगी बिना चुदाई के… दो दिन में ही राज के लण्ड की चाह में तुम्हारी चुत आंसू बहाने लगेगी… माँ ने कहा कोमल तेरी बात तो ठीक है लेकिन यहाँ और वहाँ में जमीन आसमान का फर्क है और वहाँ तो बच्चे भी होंगे… चाची बोली दीदी तब की बाद में सोचते हैं अभी तो जो समय हमारे पास है उसका फायदा उठाकर खुश रहते हैं… कल दिन में सोचते हैं क्या करना है, मेरी हालत तो दोपहर के बाद खराब है अंग अंग टूट रहा है तो मैं तो अब सोऊँगी… ये बोलते हुए चाची बिस्तर पर लेट गईं, मैने माँ से भी बिस्तर पर चलने को कहा तो माँ बोली क्या बात है नींद आ रही है क्या… मैने कहा बिस्तर पर चलो फिर देखते हैं…
मैं और माँ बिस्तर पर आकर लेट गए चाची पहले ही किनारे पर लेटी हुई थी तो मैं बीच में ओर माँ दूसरी ओर लेट गई, मैं और माँ एक दूसरे की ओर मुँह करके लेटे हुए थे चाची मेरे पीछे की ओर थी, मैने माँ से पूछा माँ क्या घर जाकर सच में हम नहीं कर पायँगे? माँ ने कहा राज कह नहीं सकती घर पर तेरा भाई और गीता, स्नेहा भी होगी तेरे पापा ओर चाचा तो काम पर जाते हैं मगर भाई बहन में से तो कोई न कोई घर पर हो सकता है तो ऐसे में ये सब मुश्किल होगा… मैंने कहा तो अब मैं कैसे रह पाऊंगा मुझे तो अब किये बिना चेन नहीं पड़ेगा जब तक कि दिन में एक बार तुम्हें और चाची को चोद न लूं तो नींद नहीं आएगी… माँ बोली अब तो मुझे भी करवाये बिना चेन नहीं आता है… तो मैने कहा तुम्हारा क्या है तुम और चाची तो पापा ओर चाचा से चुदवा कर अपनी चुत ठंडी कर लोगी लेकिन मेरे लण्ड का क्या होगा ये कह के मैने माँ की चुचियाँ पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया… माँ बोली अगर तेरा बाप और चाचा ही कर रहे होते तो हम दोनों तेरे आगे अपनी टाँगे ना खोलती ये तो हमारे अन्दर कब से लावा भरा हुआ था तो हम बहक गई अगर अपने पति से पेट भरा होता तो तेरा लण्ड न खाती हम दोनों… ये बोलकर माँ ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और फिर उसे धीरे धीरे से मुठियाते हुए मेरी ओर देखने लगी…मैने भी माँ की चुचियाँ अब अच्छी तरह रगड़नी शुरू कर दी थी और उसके निप्पलों को मैक्सी के ऊपर से ही उमेठ रहा था… चुचियाँ मसलते हुए मैंने कहा माँ तुम और पापा कितने टाइम बाद करते हो… माँ बोली दिनों बाद तेरे पापा के साथ किये हुए मुझे क़रीब छः महीने से ज्यादा हो गए हैं और उससे पहले भी हम साल में दो या तीन बार ही करते हैं वो भी मेरे ज़ोर देने के कारण पिछले कुछ सालों से बस इतना ही होता है और वो भी बस दो तीन मिनट में झड़कर सो जाते हैं और मैं सारी रात तड़पते हुए बिताती।
माँ ये सब बताते हुए थोडी भावुक हो गई तो मैंने माँ को अपनी तरफ़ खिंच लिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख कर उसके अधरों का रस चुसने लगा… माँ भी इतनी देर से अपनी चुचियाँ रगड़वा कर और मेरा लण्ड पकड़ने से उत्तेजित थी तो मेरे चुम्बन से उसका सब्र टूट गया और वो पूरी शिद्दत के साथ मेरे होंठ चुसने लगी… मैने भी हाथबढ़ा के माँ की मैक्सी को ऊपर खिंच लिया और उसकी चुत पर अपना एक हाथ रख कर चुत मसलने लगा… माँ कीचुत से चिकनाई बह कर मेरे हाथ को चिकना कर रही थी… उधर माँ ने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी थी और मेरे लण्ड को ज़ोर से मुठियाते हुए अपने चुचे मुझसे रगड़ रही थी।
ये माँ की उत्तेजना की पराकाष्ठा थी अब वो और बर्दाश्त करने की हालत में नहीं थी उसने चुम्बन तोड़ दिया और उठकर बैठ गई और जल्दी से मेरा शॉर्ट पकड़ कर उतार दिया और उसके बाद मेरी बनियान भी माँ ने खोल दी मुझे नंगा करके माँ ने जल्दी से अपनी मैक्सी उतारीऔर वो भी पूरी नंगी हो गई… अब हम दोनों माँ बेटे पूरी तरह नन्गे खुले आसमान के नीचे छत पर थे… दूर तक हमें देखने वाला चाची के सिवाय कोई भी नहीं था और वह भी अपनी आंखें बंद करके लेटी हुई थी… माँ ने मुझे धकेल कर लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़कर मुझे बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया चूमते हुए माँ ने मेरे निप्पल को चूसना और मसलना शुरू कर दिया जिससे मेरे बदन में उत्तेजना की लहरें जोर मारने लगी मेरा लण्ड अकड़ कर स्टील की रॉड बन गया था… मैंने भी माँ की चुचियाँ कब्जे में ली और बेदर्दी से उन्हें दबाने लगा माँ की आह निकल गई तो माँ ने मेरे निप्पलों को छोड़कर मेरे लण्ड पर कब्जा कर लिया और उसे मुँह में भर कर बुरी तरह चुसने लगी कुछ ही देर में मेरा लण्ड माँ के लार से चिकना हुआ पड़ा था और माँ की चुत से चिकनाई ऐसे टपक रही थी जैसे रसगुल्ले से रस टपकता है… अब हम दोनों के सब्र की हद हो गई थी।
जब माँ से बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो मेरे लण्ड के ऊपर बैठ गई ओर उसपर अपनी चुत रगड़नी शुरू कर दी, मेरा लण्ड पहले ही माँ की लार से गिला था ऊपर से अब चुत का चिकना पानी उसे ओर चिकनाई प्रदान करने लगा… माँ ने हाथ निचे किया और लण्ड पकड़ कर चुत के छेद पर सेट करके अपना वजन उसपर बढ़ाने लगी चुत ने धीरे धीरे लण्ड को निगलना शुरू कर दिया… नीचे मेरी तड़प भी चरम पर थी तो मुझे भी बर्दाश्त नहीं हुआ और मैने माँ की कमर पकड़के नीचे से एक जोरदार धक्का लगा दिया लण्ड और चुत की चिकनाई के कारण लण्ड एक बार में ही जड़ तक चुत में घुस गया जिसके कारण माँ की जोरदार ओर मेरी भी हल्की सी चीख निकल गई… हमारी आवाज़ से चाची जो अभी तक आंखे बंद करके पड़ी थी उसकी आंखें खुली ओर वो हमारी तरफ देखने लगी… माँ कुछ देर वैसे ही पूरा लण्ड अपनी चुत में लिये मेरे ऊपर बैठी रही फिर धीरे धीरे से उसकी गाँड़ में हलचल हुई और वो धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी।
अब मेरी और माँ की चुदाई शुरू हो चुकी थी और दोनों जबरदस्त एक्शन में थे मैने माँ की चुचियाँ मसलते हुए कहा माँ कैसा लग रहा है खुले आसमान के निचे चुदाई करवाना… माँ बोली राज मेरा वर्षों का सपना पूरा हो रहा है तू मुझे मेरा नाम ले कर चोद मुझे माँ मत बोल मुझे ऐसे लगे जैसे मैं अपने पति या प्रेमी के साथ चुदाई कर रही हूं, मै अपनी जवानी के दिनों से सोचती थी कि एक बार ऐसे खुले आसमान के नीचे या खुले मैदान में जम कर चुदाई करवाने की लेकिन तेरे पापा तो एकदम नीरस इंसान हैं… माँ की बात सुनकर मैंने कहा प्रीति मेरी जान अपने पति से चुदवा कर तुझे इतना मजा नहीं आता क्योंकि वो तो दो मिनट में झड़ जाता तेरी चुत के लिए तो मेरा ये मूसल सही है जो तेरी चुत के सारे कीड़े मारेगा और अपनी दमदार चुदाई से तुझे तृप्त कर देगा… माँ को मेरे ऊपर कूदते हुए करीब दस मिनट हो गए थे और वो ज़ोरो से हाँफ रही थी लेकिन उसका चुदाई का जोश ठंडा नहीं हुआ था तो मैंने माँ को कहा चल मेरी प्रीति रानी जरा घोडी बन जा ताकि अपना घोड़े जैसा लण्ड तेरी गाँड़ में डाल सकूँ… माँ घोड़ी बनते हुए बोली राज मेरे सारे छेद तेरे लिए हैं जैसे मर्जी चोद लेना लेकिन पहले मेरी चुत की आग ठंडी कर दे फिर गाँड़ भी मार लेना… मैं अब माँ के पीछे आ गया और अपने लण्ड को चुत पर सेट करके एक जोरदार धक्के से अपना लण्ड माँ की बच्चेदानी से भिड़ा दिया माँ की चीख निकल गई जिससे चाची उठकर बैठ गई और हमारी चुदाई देखने लगी…
मैं अब ताबड़तोड़ धक्के लगा रहा था और हर धक्का सीधे जाकर बच्चेदानी पर चोट कर रहा था जिससे माँ शीघ्रता से चरमसुख की ओर अग्रसर होने लगी और उसके मुंह से आवाज़े निकलने लगी जो उत्तेजना में वो बिना सोचे बोले जा रही थी, आ…ह राज चोद डाल अपनी प्रीति को मैं हमेशा से ऐसे ही चुदना चाहती थी रहम मत करियो इस चुत पर मुझे बहुत तंग करती है ये आ…ह फाड़ डाल ओर जोर से चोद, आ…ह अगर मेरे ऑपरेशन ना होता तो मैं एक बार तेरा बच्चा पैदा करती आ… ह मैं गई राज मेरी चुत गई…और माँ जबरदस्त झटके खाते हुए झड़ रही थी उसकी चुत से इतना पानी गिरा जैसे किसी बच्चे ने पेशाब किया हो, झड़ने के बाद माँ निढाल होकर वहीँ गिर गई, लेकिन अभी तक मेरा लण्ड नहीं झड़ा था तो मैने माँ की गाँड़ में उंगली डाल दी जिससे माँ एकदम चौंक गई इर मेरी तरफ देख कर बोली राज अब मुझमें हिम्मत नहीं बची है और गाँड़ मराने में तो वैसे भी जान निकल जाती है, तू अब रहने दे सुबह मेरी गाँड़ मार लियो… माँ की बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया, लेकिन मैंने अपने पर कन्ट्रोल किया और माँ को बोला, माँ अभी मेरा नहीं हुआ मेरा तो करवा दो… माँ बोली राज अब मेरी हिम्मत नहीं है प्लीज़ रहने दे तूने मुझे पूरी तरह निचोड़ लिया है…हमारी बात सुनकर चाची बोली दीदी ये गलत बात है अपना काम हो गया तो राज को ऐसे छोड़ दिया, तुम सीधे लेट जाओ राज ऊपर से कर लेगा अगर मेरी चुत सूजी न होती तो मैं राज का काम कर देती लेकिन मेरी चुत का पहले ही बेंड बजा हुआ है, राज तू मेरे मुँह में कर ले चाची ने कहा… मैने कहा चाची चुत सूजी है तो गाँड़ मरवा ले जल्दी से हो जायेगा… चाची बोली राज तू रुक ये बोलकर चाची ने अपना ब्लाउज उतार दिया और लेट कर मुझे बोली राज तू मेरी चुचियों में कर ले, मैंने अनमने मन से अपना लण्ड चाची की चुचियों में रखा और चाची ने उसे दोनों चुचियाँ दबाकर कस लिया और मुझे धक्के लगाने के लिए कहा मैंने भी धक्के लगाने शुरू कर दिये नरम चुचियों को चोदने का भी अलग ही मज़ा आ रहा था चाची भी मुँह खोलकर मेरे धक्के से लण्ड आगे निकलता लण्ड चाट रही थी…कुछ ही देर में चाची भी उत्तेजित हो गई और मुझसे बोली राज तू एक काम कर 69 पोजीशन में आजा मेरी चुत भी कुलबुला रही है लेकिन चुदवाँने की हालत नहीं है… अब मैं और चाची 69 कर रहे थे चाची भी गाँड़ उठा कर अपनी चुत चुसवा रही थी कुछ ही देर में दोनों चरमसुख पर पहुंच गए और मैने लण्ड चाची के गले तक उतार दिया और चाची ने मेरा सिर अपनी चुत पर दबा लिया और दोनों अपना अपना पानी एकदूसरे के मुँह में डाल कर एकदूसरे की प्यास शान्त करने लगे जैसे ही हम शांत हुए तो सीधे होकर एकदूसरे के होंठो को चूसा और गले लगकर नींद के आगोश में चले गए।।
जबरदस्त अपडेटचाची ने मेरा सिर अपनी चुत पर दबा लिया और दोनों अपना अपना पानी एकदूसरे के मुँह में डाल कर एकदूसरे की प्यास शान्त करने लगे जैसे ही हम शांत हुए तो सीधे होकर एकदूसरे के होंठो को चूसा और गले लगकर नींद के आगोश में चले गए।।
Update - 60
हमें पता ही नहीं चल के कब हम सो गए, सुबह जब पक्षियों की चहचहाहट सुनाई दी त हल्की सी आँख खुली हवा हवा में ठंडक महसूस हुई चारों ओर हल्का उजाला होने को था, ये सब देखकर ध्यान आया कि रात हम छत पर सोये थे… मैंने अब आंखे पूरी तरह खोली तो देखा माँ मेरे दाहिने और पूरी तरह ननगी सो रही थी और मेरे बांये ओर चाची एक बाजू आंखों पर ओर दूसरा हाथ अपनी चुत पर रखकर सो रही थी, इन दोनों को इसतरह दिन के उजाले में खुले आसमान के निचे पहली बार नंगी देख रहा था तो मेरा लण्ड टाइट होने लगा… मैं उठाऔर सिरहाने रखी पानी की बोतल से दो घूंट पानी पिया और नन्गे ही खड़ा हो गया दूर तक कोई नज़र नहीं आ रहा था तो मैंने एक कोने में जाकर कुल्ला किया और अपने लण्ड को पानी से धोया और वापिस बिस्तर पर आ गया… वापस आ कर में चाची के साथ लेट गया चाची की गौरी गोरी चुचियों के ऊपर हल्के कत्थई रंग के निप्पल्स मुझे ललचा रहे थे और उनको देख कर मेरा लण्ड कड़क होने लगा था…
मैं उनको देखकर उन्हें चुसने की इच्छा का दमन नहीं कर सका और आगे बढ़कर एक चुची को अपने मुँह में भर लिया और उसके अदृश्य रस को चुसने लगा तथा दूसरी चुची के साथ इंसाफ करते हुए उसे प्रेम पूर्वक सहलाने लगा मेरे द्वारा दिये गए प्रेम को चाची के बदन ने स्वीकार किया और कुछ ही क्षणों में निप्पल तनकर खड़े हो गए और चाची के बदन में भी कसमसाहट होने लगी, चाची का जो हाथ चुत पर था वो पेटीकोट के ऊपर से ही उसे सहलाने लगा… चाची की चुचियाँ अब सख्त हो गई थी और उसके निप्पल्स पूरी तरह अकड़ गए थे शायद चाची नींद में ही उत्तेजित होने लगीं थी… तभी चाची का जो हाथ उसके आँखों पर था वहाँ से हट कर मेरे सिर पर आ गया और चाची मेरे बालों को पकड़कर मेरा सिर अपने सीने पर दबाने लगी और दूसरे हाथ से अपने पेटीकोट के ऊपर से ही अपनी चुत मसलने लगी थी… मैंने हाथ बढाकर चाची के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और अपना हाथ चाची की चुत फिराने लगा… चाची चुचियाँ चुसवाने और चुत रगड़वा कर उत्तेजित हो गई और उसने अपनी आंखें धीरे से खोल दी मुझे चुचियाँ चूसता देख कर चाची ने मेरा माथा चुम लिया और फिर मेरे हाथ को चुत पर महसूस करते ही चाची ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखकर उसे दबाने लगी…
हम दोनों जोश में एकदूसरे के बदन को सहलाते हुए उत्तेजित हो रहे थे लेकिन मैं इस बात को लेकर शंका में था कहीं चाची अंत में अपनी सूजी हुई चुत का हवाला देकर मेरे KLPD ना कर दे… अभी तक चाची ने अपनी सूजी चुत के बारे में कुछ नहीं कहा था जबकि मैं कितनी देर से उसे मसलते व सहलाते हुए उसमे उंगली भी घुसा रहा था लेकिन मैं इस बात से आश्वस्त था कि अगर चाची अभी मना भी करती है तो बेला की चुत तो है ही, इसलिए मैं भी चाची के साथ खुलकर रगड़ा रगड़ी करने लगा… इतनी देर से उंगली करने और चुचियाँ मिसवाने के कारण चाची की चुत आंसु बहाते हुए पूरी गीली हो चुकी थी… चाची ने अब मेरा लण्ड पकड़ लिया और उसकी मुठ मारने लगी जिससे मेरा लण्ड पूरा टाइट हो गया… कुछ देर मुठ मार कर चाची ने लण्ड मुँह में लिया और जोर से चुसने लगी, चाची लण्ड पर थूकते हुए मुठ मार रही थी और उसे चुस भी रही थी कुछ ही समय में लण्ड चिकना होकर चमक गया जिसे देखकर चाची की आँखों में चमक आ गई।
चाची ने अब अपना पेटीकोट जो पहले ही लगभग उतर चुका था उसे अपने बदन से अलग किया और मेरी आंखों में देखते हुए मेरे ऊपर आ गई… मैं अब पीठ के बल गद्दे पर लेटा हुआ था और चाची मेरे ऊपर लेट कर मेरे सीने पर अपनी चुचियाँ रगड़ रही थी और उसकी चुत मेरे खड़े लण्ड पर घर्षण कर के उसपर अपना पानी बरसा कर उसे ओर चिकना कर रही थी बिल्कुल वैसे जैसे बकरा काटने से पहले कसाई पानी डालकर अपने छुरे को पत्थर पर रगड़ता है, चाची अपनी चुत फड़वाने से पहले उसे पानी डालते हुए मेरे लण्ड पर रगड़ रही थी… कुछ ही सेकण्ड में चाची की उत्तेजना उसके काबू से बाहर होने लगी और वो सीधे होकर मेरे लण्ड पर बैठ गई और फिर मेरा लण्ड पकड़कर अपनी चुत पर सेट किया और उसपर अपने शरीर का दबाव बनाने लगी फलस्वरूप जो चाकू चाची इतनी देर से तेज कर रही थी वो उसकी ही चुत फाड़ने लगा।
चाची अपने होंठों को अपने दांतों से दबाए हुए धीरे धीरे मेरे लण्ड पर कब्जा कर रही थी लेकिन अब मैं धीमी ड्राइविंग के मूड में नहीं था… मेने चाची की कमर पकड़ी और नीचे से धक्का लगा दिया मेरा आधा लण्ड चाची की आह के साथ उसकी गुफा में प्रवेश कर चुका था इतनी देर बाद चाची के मुँह से आह के रूप में कोई शब्द निकला था, चाची ने एक हाथ मेरे सीने पर रखा और दूसरे हाथ से मुझे रुकने का इशारा किया, कुछ क्षण वैसे ही रहने के बाद चाची अपनी गाँड़ को घुमाते हुए लण्ड अंदर लेने लगी, मैं नीचे से हल्के धक्के लगा रहा था… कुछ ही मेहनत के बाद चाची पूरे लण्ड पर कब्जा कर चुकी थी अब उसकी आँखों मे अलग सी खुमारी नज़र आ रही थी उसने मेरे एक हाथ को पकड़ कर अपनी चुची और दूसरे हाथ को अपनी गाँड़ पर रखा तो मैं चाची की चुची और गाँड़ दबाने लगा चाची ने अब मेरे सीने पर हाथ रखकर धीरे धीरे लण्ड पर कूदना शुरू किया करीब दो इंच लण्ड बाहर निकाल कर वो फिर अंदर ले रही थी… अब मैने भी चाची की ताल से ताल मिलाई और उसी गति से निचे से धक्के लगाने लगा साथ ही साथ उसकी चुचियाँ और गाँड़ भी दबाता जा रहा था…
कुछ क्षण में ही चाची पूरी तरह से जोश में आ चुकी थी और वो हर धक्के में पूरा लण्ड अंदर बाहर कर रही थी…चाची कुछ बोल नहीं रही थी लेकिन उसकी आँखों में चुदाई का नशा साफ झलक रहा था… सुबह के हल्के उजाले में खुली छत पर अपने खुले हुए केशों और नशे से भरी आँखों के साथ चाची पुरानी फिल्मों की कोई हीरोइन मीना कुमारी लग रही थी… मुझे चाची पर बहुत प्यार आ रहा था और तभी जैसे चाची ने मेरा मन पढ़ लिया और जो मैं करने जा रहा था वो चाची ने किया चाची ने झुक कर मेरे होंठो को अपने होंठो की गिरफ्त में ले लिया और उन्हें बुरी तरह चुसने लगी होंठ चुसने के साथ साथ चाची लण्ड भी तेजी से ले रही थी … चाची ने चुम्बन तोड़ कर एक लम्बी साँस खींच कर हाँफते हुए कहा राज मेरा होने वाला है मुझे कुत्तिया बना के चोद और इतना बोलकर चाची ने एक झटके से लण्ड बाहर निकाल दिया और उल्टी होकर कुत्तिया बन गई… मैं उसके पीछे पहुंच गया और चुत पर लण्ड सेट करके चाची के मम्मे थामकर एक करारा शॉट लगाया लण्ड जाकर चाची की बच्चेदानी से टकराते ही चाची की ज़ोरो से आ…ह मरी की आवाज निकली और फिर मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिया और चाची गाँड़ धकेल कर मेरा साथ देने लगी।
चाची की आहों की आवाज़ सुनकर माँ की नींद खुली तो वह हमें इस हालत में देखकर बोली क्या कोमल तुम लोग सुबह तो होने देते अभी शुरू हो गए और वो भी यहाँ छत पर अब सुबह हो चुकी है अगर किसी ने देख लिया तो कितनी बदनामी होगी… चाची चुदाई कराते हुए बोली क्या दीदी तुम तो…आ…ह राज को बीच मे ही छोड़ गई थी तुम्हें पता है राज कितना ओ…ह ह बेचैनी महसूस कर रहा था और तुम अपना काम होते ही खर्राटे भरने लगी कम से कम राज का पानी भी गिरा दिया होता… माँ बोली कोमल रात को हिम्मत नहीं हो रही थी चुत दुखने लगी थी… चाची बोली तो गाँड़ मरवाती मुँह से या हाथ से निकालती लेकिन राज को प्यासा क्यों छोड़ दिया मैं तो ऐसा नहीं कर सकती और मुझे बोली राज ज़ोर लगा दे मेरा होने वाला है… ये सुनते ही मैं पूरे जोश से धक्के लगाने लगा चाची की गाँड़ पर थप्पड़ मारते हुए मैं जबरदस्त चुदाई कर रहा था इतनी देर में चाची चीखने लगी मैं आ गई राज हो गया मेरा आह राज चुद गई तेरी रांड झड़ गई रे गया मेरा पानी ओर ये बोलकर चाची निढाल हो गई मेरा लावा भी मेरे लण्ड की ओर बढ़ गया था तो मैने चाची की कमर पकड़ कर जोर से शॉट लगाए और उसकी चुत में जड़ तक लण्ड गाड़ कर चाची की कोख़ को अपने पानी से सींचने लगा कुछ झटकों के बाद मैं चाची के ऊपर ही ढेर हो गया था।।
Wonderful update bhaiचाची ने मेरा सिर अपनी चुत पर दबा लिया और दोनों अपना अपना पानी एकदूसरे के मुँह में डाल कर एकदूसरे की प्यास शान्त करने लगे जैसे ही हम शांत हुए तो सीधे होकर एकदूसरे के होंठो को चूसा और गले लगकर नींद के आगोश में चले गए।।
Update - 60
हमें पता ही नहीं चल के कब हम सो गए, सुबह जब पक्षियों की चहचहाहट सुनाई दी त हल्की सी आँख खुली हवा हवा में ठंडक महसूस हुई चारों ओर हल्का उजाला होने को था, ये सब देखकर ध्यान आया कि रात हम छत पर सोये थे… मैंने अब आंखे पूरी तरह खोली तो देखा माँ मेरे दाहिने और पूरी तरह ननगी सो रही थी और मेरे बांये ओर चाची एक बाजू आंखों पर ओर दूसरा हाथ अपनी चुत पर रखकर सो रही थी, इन दोनों को इसतरह दिन के उजाले में खुले आसमान के निचे पहली बार नंगी देख रहा था तो मेरा लण्ड टाइट होने लगा… मैं उठाऔर सिरहाने रखी पानी की बोतल से दो घूंट पानी पिया और नन्गे ही खड़ा हो गया दूर तक कोई नज़र नहीं आ रहा था तो मैंने एक कोने में जाकर कुल्ला किया और अपने लण्ड को पानी से धोया और वापिस बिस्तर पर आ गया… वापस आ कर में चाची के साथ लेट गया चाची की गौरी गोरी चुचियों के ऊपर हल्के कत्थई रंग के निप्पल्स मुझे ललचा रहे थे और उनको देख कर मेरा लण्ड कड़क होने लगा था…
मैं उनको देखकर उन्हें चुसने की इच्छा का दमन नहीं कर सका और आगे बढ़कर एक चुची को अपने मुँह में भर लिया और उसके अदृश्य रस को चुसने लगा तथा दूसरी चुची के साथ इंसाफ करते हुए उसे प्रेम पूर्वक सहलाने लगा मेरे द्वारा दिये गए प्रेम को चाची के बदन ने स्वीकार किया और कुछ ही क्षणों में निप्पल तनकर खड़े हो गए और चाची के बदन में भी कसमसाहट होने लगी, चाची का जो हाथ चुत पर था वो पेटीकोट के ऊपर से ही उसे सहलाने लगा… चाची की चुचियाँ अब सख्त हो गई थी और उसके निप्पल्स पूरी तरह अकड़ गए थे शायद चाची नींद में ही उत्तेजित होने लगीं थी… तभी चाची का जो हाथ उसके आँखों पर था वहाँ से हट कर मेरे सिर पर आ गया और चाची मेरे बालों को पकड़कर मेरा सिर अपने सीने पर दबाने लगी और दूसरे हाथ से अपने पेटीकोट के ऊपर से ही अपनी चुत मसलने लगी थी… मैंने हाथ बढाकर चाची के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और अपना हाथ चाची की चुत फिराने लगा… चाची चुचियाँ चुसवाने और चुत रगड़वा कर उत्तेजित हो गई और उसने अपनी आंखें धीरे से खोल दी मुझे चुचियाँ चूसता देख कर चाची ने मेरा माथा चुम लिया और फिर मेरे हाथ को चुत पर महसूस करते ही चाची ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखकर उसे दबाने लगी…
हम दोनों जोश में एकदूसरे के बदन को सहलाते हुए उत्तेजित हो रहे थे लेकिन मैं इस बात को लेकर शंका में था कहीं चाची अंत में अपनी सूजी हुई चुत का हवाला देकर मेरे KLPD ना कर दे… अभी तक चाची ने अपनी सूजी चुत के बारे में कुछ नहीं कहा था जबकि मैं कितनी देर से उसे मसलते व सहलाते हुए उसमे उंगली भी घुसा रहा था लेकिन मैं इस बात से आश्वस्त था कि अगर चाची अभी मना भी करती है तो बेला की चुत तो है ही, इसलिए मैं भी चाची के साथ खुलकर रगड़ा रगड़ी करने लगा… इतनी देर से उंगली करने और चुचियाँ मिसवाने के कारण चाची की चुत आंसु बहाते हुए पूरी गीली हो चुकी थी… चाची ने अब मेरा लण्ड पकड़ लिया और उसकी मुठ मारने लगी जिससे मेरा लण्ड पूरा टाइट हो गया… कुछ देर मुठ मार कर चाची ने लण्ड मुँह में लिया और जोर से चुसने लगी, चाची लण्ड पर थूकते हुए मुठ मार रही थी और उसे चुस भी रही थी कुछ ही समय में लण्ड चिकना होकर चमक गया जिसे देखकर चाची की आँखों में चमक आ गई।
चाची ने अब अपना पेटीकोट जो पहले ही लगभग उतर चुका था उसे अपने बदन से अलग किया और मेरी आंखों में देखते हुए मेरे ऊपर आ गई… मैं अब पीठ के बल गद्दे पर लेटा हुआ था और चाची मेरे ऊपर लेट कर मेरे सीने पर अपनी चुचियाँ रगड़ रही थी और उसकी चुत मेरे खड़े लण्ड पर घर्षण कर के उसपर अपना पानी बरसा कर उसे ओर चिकना कर रही थी बिल्कुल वैसे जैसे बकरा काटने से पहले कसाई पानी डालकर अपने छुरे को पत्थर पर रगड़ता है, चाची अपनी चुत फड़वाने से पहले उसे पानी डालते हुए मेरे लण्ड पर रगड़ रही थी… कुछ ही सेकण्ड में चाची की उत्तेजना उसके काबू से बाहर होने लगी और वो सीधे होकर मेरे लण्ड पर बैठ गई और फिर मेरा लण्ड पकड़कर अपनी चुत पर सेट किया और उसपर अपने शरीर का दबाव बनाने लगी फलस्वरूप जो चाकू चाची इतनी देर से तेज कर रही थी वो उसकी ही चुत फाड़ने लगा।
चाची अपने होंठों को अपने दांतों से दबाए हुए धीरे धीरे मेरे लण्ड पर कब्जा कर रही थी लेकिन अब मैं धीमी ड्राइविंग के मूड में नहीं था… मेने चाची की कमर पकड़ी और नीचे से धक्का लगा दिया मेरा आधा लण्ड चाची की आह के साथ उसकी गुफा में प्रवेश कर चुका था इतनी देर बाद चाची के मुँह से आह के रूप में कोई शब्द निकला था, चाची ने एक हाथ मेरे सीने पर रखा और दूसरे हाथ से मुझे रुकने का इशारा किया, कुछ क्षण वैसे ही रहने के बाद चाची अपनी गाँड़ को घुमाते हुए लण्ड अंदर लेने लगी, मैं नीचे से हल्के धक्के लगा रहा था… कुछ ही मेहनत के बाद चाची पूरे लण्ड पर कब्जा कर चुकी थी अब उसकी आँखों मे अलग सी खुमारी नज़र आ रही थी उसने मेरे एक हाथ को पकड़ कर अपनी चुची और दूसरे हाथ को अपनी गाँड़ पर रखा तो मैं चाची की चुची और गाँड़ दबाने लगा चाची ने अब मेरे सीने पर हाथ रखकर धीरे धीरे लण्ड पर कूदना शुरू किया करीब दो इंच लण्ड बाहर निकाल कर वो फिर अंदर ले रही थी… अब मैने भी चाची की ताल से ताल मिलाई और उसी गति से निचे से धक्के लगाने लगा साथ ही साथ उसकी चुचियाँ और गाँड़ भी दबाता जा रहा था…
कुछ क्षण में ही चाची पूरी तरह से जोश में आ चुकी थी और वो हर धक्के में पूरा लण्ड अंदर बाहर कर रही थी…चाची कुछ बोल नहीं रही थी लेकिन उसकी आँखों में चुदाई का नशा साफ झलक रहा था… सुबह के हल्के उजाले में खुली छत पर अपने खुले हुए केशों और नशे से भरी आँखों के साथ चाची पुरानी फिल्मों की कोई हीरोइन मीना कुमारी लग रही थी… मुझे चाची पर बहुत प्यार आ रहा था और तभी जैसे चाची ने मेरा मन पढ़ लिया और जो मैं करने जा रहा था वो चाची ने किया चाची ने झुक कर मेरे होंठो को अपने होंठो की गिरफ्त में ले लिया और उन्हें बुरी तरह चुसने लगी होंठ चुसने के साथ साथ चाची लण्ड भी तेजी से ले रही थी … चाची ने चुम्बन तोड़ कर एक लम्बी साँस खींच कर हाँफते हुए कहा राज मेरा होने वाला है मुझे कुत्तिया बना के चोद और इतना बोलकर चाची ने एक झटके से लण्ड बाहर निकाल दिया और उल्टी होकर कुत्तिया बन गई… मैं उसके पीछे पहुंच गया और चुत पर लण्ड सेट करके चाची के मम्मे थामकर एक करारा शॉट लगाया लण्ड जाकर चाची की बच्चेदानी से टकराते ही चाची की ज़ोरो से आ…ह मरी की आवाज निकली और फिर मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिया और चाची गाँड़ धकेल कर मेरा साथ देने लगी।
चाची की आहों की आवाज़ सुनकर माँ की नींद खुली तो वह हमें इस हालत में देखकर बोली क्या कोमल तुम लोग सुबह तो होने देते अभी शुरू हो गए और वो भी यहाँ छत पर अब सुबह हो चुकी है अगर किसी ने देख लिया तो कितनी बदनामी होगी… चाची चुदाई कराते हुए बोली क्या दीदी तुम तो…आ…ह राज को बीच मे ही छोड़ गई थी तुम्हें पता है राज कितना ओ…ह ह बेचैनी महसूस कर रहा था और तुम अपना काम होते ही खर्राटे भरने लगी कम से कम राज का पानी भी गिरा दिया होता… माँ बोली कोमल रात को हिम्मत नहीं हो रही थी चुत दुखने लगी थी… चाची बोली तो गाँड़ मरवाती मुँह से या हाथ से निकालती लेकिन राज को प्यासा क्यों छोड़ दिया मैं तो ऐसा नहीं कर सकती और मुझे बोली राज ज़ोर लगा दे मेरा होने वाला है… ये सुनते ही मैं पूरे जोश से धक्के लगाने लगा चाची की गाँड़ पर थप्पड़ मारते हुए मैं जबरदस्त चुदाई कर रहा था इतनी देर में चाची चीखने लगी मैं आ गई राज हो गया मेरा आह राज चुद गई तेरी रांड झड़ गई रे गया मेरा पानी ओर ये बोलकर चाची निढाल हो गई मेरा लावा भी मेरे लण्ड की ओर बढ़ गया था तो मैने चाची की कमर पकड़ कर जोर से शॉट लगाए और उसकी चुत में जड़ तक लण्ड गाड़ कर चाची की कोख़ को अपने पानी से सींचने लगा कुछ झटकों के बाद मैं चाची के ऊपर ही ढेर हो गया था।।