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Incest लॉकडाउन में चाची माँ और में (आगे )

आपको कहानी केसी लग रही है

  • बहुत ज्यादा अच्छी

    Votes: 190 76.6%
  • अच्छी

    Votes: 41 16.5%
  • ठीक ठाक

    Votes: 14 5.6%
  • बेकार

    Votes: 15 6.0%

  • Total voters
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Sanju@

Well-Known Member
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वैसे बर्दाश्त तो अब मुझसे भी नहीं हो रहा था तो मैंने अपने साथ साथ इन दोनों को भी शांत करने का फैसला किया और गुसलखाने में पड़ी तेल की शीशी उठा ली।

अपडेट 62

तेल की शीशी लेकर मैंने माँ को दीवार के साथ घोड़ी बना दिया और उसकी गाँड़ के छेद पर तेल डालकर उंगली से गाँड़ का छेद ढीला करने लगा और शीशी चाची को पकड़ा दी चाची मेरे लण्ड पर तेल डालकर उसे चमकाने लगी… लण्ड को तेल से चुपड़कर चाची ने अपनी चुत व गाँड़ के सुराख़ पर भी तेल मल लिया और माँ के नीचे बैठकर माँ की चुत में उंगली करने लगीं, माँ की उत्तेजना बढ़ गई थी और वो मुझे चुदाई के लिए बोलने लगी… मैने चाची को बोला तो चाची ने माँ की चुत चाटते हुए माँ की गाँड़ को फैला दिया और मुझे गाँड़ का छेद साफ दिख रहा था तो मैने लण्ड पकड़कर गाँड़ के छेद पर टिकाया और बड़े प्यार से उसे अंदर धकेलने लगा… गाँड़ ओर लण्ड तेल से सने होने के कारण लण्ड बड़े प्यार से आगे बढ़ रहा था और गाँड़ भी उसे बड़े आराम से निगल रही थी…

कुछ ही देर में पूरा लण्ड माँ की गाँड़ में पहुंच चुका था और माँ को बिल्कुल भी तकलीफ नहीं हुई थी, बल्कि माँ ने लण्ड को कुछ देर तक गाँड़ सिकोड़ कर कसे रखा फिर कमर हिला कर उसे अंदर बाहर करने लगी, कमर आगे पीछे होने से नीचे चाची की जीभ भी पूरी चुत पर भृमण करने लगी चाची माँ की चुत चाटते हुए अपनी चुत में भी उंगली चला रही थी… मैंने धीरे धीरे अपने धक्के लगाने की गति तेज कर दी तो माँ भी उसी गति से अपनी गाँड़ मेरे लण्ड पर ठोकने लगी मैंने हाथ बड़ा के माँ की दोनों चुचियों को थाम लिया और उन्हें निचोड़ते हुए धक्के लगाने लगा माँ अब तक गाँड़ की चुदाई और चुत चटवा कर बेहाल हो रही थी ऊपर से मेरे द्वारा चुचियाँ दबाने के कारण माँ जल्दी ही चरम सीमा पर पहुंच गई और मैं गई…मैं गई बोलते हुए चाची के मुंह में झड़ने लगी… लेकिन मेरे धक्के लगाने की गति में कोई कमी नहीं हुई थी तो माँ बोली राज अब बस कर मुझे छोड़ कर अब अपनी चाची को चोद ले तो चाची भी तुरंत खड़ी हो गई और बोली राज अब तू मुझे निबटा दे तुम दोनों को देखकर मेरी चुत से अंगारे निकल रहे हैं…

मैंने माँ की गाँड़ से लण्ड निकाल लिया और चाची को खड़े खड़े ही उसकी चुत में लण्ड पेल दिया इतनी देर से हमे देख कर ओर चुत में उंगली करने से चाची की चुत पहले ही पानी पानी हुई पड़ी थी और कुछ देर पहले मेरे साथ हुई चुदाई के कारण मेरे लण्ड ने सीधे चाची की बच्चेदानी पर दस्तक दी तो चाची की आह निकल गई… मैने चुत में धक्के लगाने शुरू कर दिया था लेकिन चाची को खड़े होकर चुदने में दिक्कत हो रही थी तो मुझसे बोली राज मैं लेट जाती हूँ तब आराम से होगा तो मैने चाची को जांघो से पकड़कर उठा लिया लेकिन लण्ड चुत से नहीं निकाला चाची ने मेरी कमर के इर्दगिर्द अपनी टाँगे कस ली… गोद में उठाकर धक्के लगाते हुए मैं बाथरूम से बाहर आकर कमरे की ओर बढ़ने लगा… कमरे में चाची को बिस्तर पर पटक कर उसे किनारे पर खींचा ओर नीचे खड़े होकर चाची की टाँगे फैला कर ज़ोरो से धक्के लगाने लगा।

हमें चुदाई करते हुए करीब आधा घन्टा हो गया था लेकिन हम दोनों डटकर चुदाई का मजा ले रहे थे क्योंकि थोडी देर पहले ही हम भरपूर चुदाई कर चुके थे इस बीच माँ ने चाय भी बना ली थी और वो ट्रे लेकर हमारे पास आ गई थी ओर आते ही हमसे बोली अब बस भी करो या पूरा दिन लगे रहोगे… तो चाची बोली दीदी जरा मदद करो अब तो जान भी नहीं रही शरीर में आकर जरा झड़ने में मदद कर दो ऐसे हट गए तो दोनों बेचैन रहेंगे… तो माँ हमारे पास आई और मुझे बोली राज तू कोमल की चुचियाँ भी दबा साथ साथ ओर खुद आकर मेरे निप्पलों को चुसते हुए मेरे टट्टे सहलाने लगी… इसतरह करने से चाची ओर मैं दोनों ही अपनी मंजिल की ओर बढ़ने लगे थे…


करीब पांच मिनट की मेहनत और हुई और माँ की तरकीब काम कर गई चाची चिल्लाने लगी ओह दीदी मैं गई राज सम्भाल मैं आ रही हूं तो प्रतिउत्तर में मेरी भी आवाज़ निकल पड़ी मैं भी आया चाची और मैने माँ को अपने सीने से कस लिया और उसके होंठो को चुसते हुए अपना बीज चाची की कोख में भरने लगा चाची के पानी की गरमाहट मुझे झड़ने में मदद कर रही थी चाची ने मेरे लण्ड को अपनी चुत में आखरी बून्द निचुड़ने तक कसे रखा जैसे ही मेरा माल गिरना बंद हुआ चाची ने चुत ढीली छोड़ दी… मैंने माँ के साथ चुम्बन तोड़ा ओर लण्ड को चुत से बाहर निकाल लिया चाची ने पास पड़े हुए कपड़े से चुत साफ करी ओर बेड की टेक से पीठ लगाकर बैठ गई मैं भी अपनी सांसो को नियंत्रित करता हुआ चाची के बगल में बैठ गया… माँ ने हम दोनों के हाथों में चाय के कप पकड़ाए और हमारे पास बैठकर चाय पीने लगी…

चाय पीते हुए में बेला के बारे में सोच रहा था कि तभी माँ बोली राज थोड़ी देर आराम कर ले फिर बाज़ार से कुछ सामान लेने जाना है तू ओर कोमल चले जाना… चाची का नाम सुनते ही मुझे लगा कि अगर चाची मेरे साथ गई तो फिर बेला से मिलना नहीं हो पायेगा तो मैं माँ को बोला माँ मैं अकेला ही ले आऊंगा चाची को आराम करने दो तो चाची बोल पड़ी अरे अभी थोड़ा जाना है एक डेढ़ घंटे बाद जायँगे तब तक हम आराम कर लेते हैं माँ ने भी चाची की बात का समर्थन किया तो मुझे चुप होना पड़ा… मैंने भी सोचा कि अभी सुबह से दो बार चुदाई कर चुका हूँ और अगर फिर से तलब हुई तो माँ या चाची को फिर चोद लूंगा बेला की चुदाई शाम तक टाल देता हूँ और फिर मैंने चाची को अपने ऊपर खींच लिया और उसे अपने ऊपर लिटा के मै भी लेटकर आराम करने लगा।।
Superb update
गरमा गर्म chudai
 

rajan2907

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और फिर मैंने चाची को अपने ऊपर खींच लिया और उसे अपने ऊपर लिटा के मै भी लेटकर आराम करने लगा।।


अपडेट 63

चाची ने अपनी चुत को मेरे लण्ड पर सेट किया और अपनी चुचियों को मेरे सीने से चिपका कर मुझे अपने साथ कस लिया और आंखे बंद कर ली… मैं भी चाची के बालों ओर पीठ पर हाथ फेरते हुए अपनी आंखें बंद करके बेला के बारे में सोचने लगा की किस्मत से बेला मेरी झोली में आ गई लेकिन आज उससे मिलने में दिक्कत हो सकती है और आB मैं चाची को अपने साथ लेकर जाना टालने की बात सोचने लगा लेकिन माँ और चाची के इरादे देखकर ये मुश्किल लग रहा था…

ये सब सोचते हुए मुझे नींद आ गई चाची भी मेरे ऊपर ही सो रही थी और उसकी चुत से निकले हुए रस से मेरे लण्ड पर चिकनाई फैल गई थी…करीब डेढ़ घंटे बाद माँ ने हमे जगाया हम दोनों उठकर नहा धोकर फ्रेश हुए तो माँ ने समान की लिस्ट थमा दी रसोई का सामान आना था दालें मसाले वगैरह …चाची बोली राज गाड़ी निकाल लें बाहर गर्मी भी बहुत है तो कूछ आराम मिलेगा और फिर जल्दी वापसी कर लेंगे और गाड़ी भी इतने दिनों से खड़ी है तो वह भी चल लेगी… मैंने चाची की बात मानली और गाड़ी निकाल कर बाहर खड़ी कर दी चाची आकर मेरे पास आगे बैठ गई और हम बाज़ार की ओर चल पड़े…रास्ते में चाची बोली राज आज तू मुझे रहने दियो मैं सुबह से दो बार चुद चुकी हूं लेकिन अगर तेरा मन करे तो दिन में अपनी माँ को चोद लियो ओर रात को मुझे चोद लियो… मैंने कहा चाची जब हम वापस लौट कर जायँगे तब तो हम तीनों चुदाई के लिए तरस जायँगे … क्योंकि घर में गीता और छोटी जो होंगी, चाची बोली राज चाहे कुछ भी हो जाये लेकिन मैं दिन में एक बार तो तुझसे चुदवाया करूंगी …


इतनी ही देर में हम बेला के घर के सामने पहुंच गए मैंने देखा कि बेला अपने घर के गेट पर खड़ी गली में ही देख रही थी लेकिन क्योंकि मैं कार में था और उसे इसका अंदाजा नहीं हो सका तो उसकी निगाह मुझपर नहीं पड़ी मुझे बेला को इस तरह घूरते देख कर चाची ने ताड़ लिया और मुझसे बोली… वैसे चीज तो बढ़िया है लेकिन ऐसे घूरने से तेरी नहीं होगी तुझे हम दोनों मिल गई है तो ऊपर वाले का शुक मना…चाची जब बोलो इसको अपने लण्ड के नीचे ला सकता हूँ अचानक मेरे मुँह से निकला तो चाची मेरा चेहरा देखने लगी और बोली, क्या तू जानता है इसे ? अब मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ लेकिन बात को संभालने के लिए मैंने कहा मैं कैसे जानूँगा वो तो तुमने बोला कि शुक्र मना की तुम मिली हो तो मैने बोल दिया… चाची बोली बेटा बोलने ओर करने में बहुत फर्क होता है बातें चोदने से औरत नहीं चुदती उसके लिए हुनर चाहिए होता है बोल है तुझमे हिम्मत उससे बात करने की …मैंने कहा मैं तो उसे अपने लण्ड की सैर भी करवाने की हिम्मत रखता हूँ चैलेंज मत करना मुझे कभी, मैने चाची को उकसाने के मकसद से कहा और चाची मेरी बात में आ गई…

चाची बोली राज अगर तूने इसे दो दिन में पटा लिया तो मैं खुद तेरा लण्ड उसकी चुत में डालूंगी और तेरी हर बात मानूँगी, लेकिन अगर तुझसे नहीं पटी तो तू मेरी हर बात मानेगा ओर घर पहुंचने के बाद भी मुझे रोज चोदेगा बोल मंजूर है… चाची को शक ना हो इसलिए मैंने कहा चाची सिर्फ दो दिन में कैसे कर पाऊंगा कम से कम एक हफ्ता तो दो… चाची बोली चल चार दिन में लेकिन इससे ज्यादा नहीं बोल मंजूर है तो मैंने भी कह दिया ठीक है चाची लगता है अब मरदानगी दिखाने का सही मौका मिला है डन ओर हम दोनों ने हाथ मिलाया… इस बीच हम बाज़ार पहुंच गए थे और गाड़ी साइड में पार्क कर दी लोकडाउन कि वजह से मार्केट बन्द थी सिर्फ किराना ओर सब्जी आदि की दुकान खुली हुई थी तो गाड़ी पार्क करने में कोई दिक्कत नहीं हुई, हमने किराने की दुकान पर जाकर लिस्ट दी और समान लेने लगे… क्रमशः
 
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बहुत ही जबरदस्त अपडेट है । चाची ने राज को बेला को पटाने का challange दे दिया परंतु चाची को तो पता ही नही है कि बेला भी राज़ से चुद चुकी है ।
 
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Sanju@

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और फिर मैंने चाची को अपने ऊपर खींच लिया और उसे अपने ऊपर लिटा के मै भी लेटकर आराम करने लगा।।


अपडेट 63

चाची ने अपनी चुत को मेरे लण्ड पर सेट किया और अपनी चुचियों को मेरे सीने से चिपका कर मुझे अपने साथ कस लिया और आंखे बंद कर ली… मैं भी चाची के बालों ओर पीठ पर हाथ फेरते हुए अपनी आंखें बंद करके बेला के बारे में सोचने लगा की किस्मत से बेला मेरी झोली में आ गई लेकिन आज उससे मिलने में दिक्कत हो सकती है और आB मैं चाची को अपने साथ लेकर जाना टालने की बात सोचने लगा लेकिन माँ और चाची के इरादे देखकर ये मुश्किल लग रहा था…

ये सब सोचते हुए मुझे नींद आ गई चाची भी मेरे ऊपर ही सो रही थी और उसकी चुत से निकले हुए रस से मेरे लण्ड पर चिकनाई फैल गई थी…करीब डेढ़ घंटे बाद माँ ने हमे जगाया हम दोनों उठकर नहा धोकर फ्रेश हुए तो माँ ने समान की लिस्ट थमा दी रसोई का सामान आना था दालें मसाले वगैरह …चाची बोली राज गाड़ी निकाल लें बाहर गर्मी भी बहुत है तो कूछ आराम मिलेगा और फिर जल्दी वापसी कर लेंगे और गाड़ी भी इतने दिनों से खड़ी है तो वह भी चल लेगी… मैंने चाची की बात मानली और गाड़ी निकाल कर बाहर खड़ी कर दी चाची आकर मेरे पास आगे बैठ गई और हम बाज़ार की ओर चल पड़े…रास्ते में चाची बोली राज आज तू मुझे रहने दियो मैं सुबह से दो बार चुद चुकी हूं लेकिन अगर तेरा मन करे तो दिन में अपनी माँ को चोद लियो ओर रात को मुझे चोद लियो… मैंने कहा चाची जब हम वापस लौट कर जायँगे तब तो हम तीनों चुदाई के लिए तरस जायँगे … क्योंकि घर में गीता और छोटी जो होंगी, चाची बोली राज चाहे कुछ भी हो जाये लेकिन मैं दिन में एक बार तो तुझसे चुदवाया करूंगी …


इतनी ही देर में हम बेला के घर के सामने पहुंच गए मैंने देखा कि बेला अपने घर के गेट पर खड़ी गली में ही देख रही थी लेकिन क्योंकि मैं कार में था और उसे इसका अंदाजा नहीं हो सका तो उसकी निगाह मुझपर नहीं पड़ी मुझे बेला को इस तरह घूरते देख कर चाची ने ताड़ लिया और मुझसे बोली… वैसे चीज तो बढ़िया है लेकिन ऐसे घूरने से तेरी नहीं होगी तुझे हम दोनों मिल गई है तो ऊपर वाले का शुक मना…चाची जब बोलो इसको अपने लण्ड के नीचे ला सकता हूँ अचानक मेरे मुँह से निकला तो चाची मेरा चेहरा देखने लगी और बोली, क्या तू जानता है इसे ? अब मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ लेकिन बात को संभालने के लिए मैंने कहा मैं कैसे जानूँगा वो तो तुमने बोला कि शुक्र मना की तुम मिली हो तो मैने बोल दिया… चाची बोली बेटा बोलने ओर करने में बहुत फर्क होता है बातें चोदने से औरत नहीं चुदती उसके लिए हुनर चाहिए होता है बोल है तुझमे हिम्मत उससे बात करने की …मैंने कहा मैं तो उसे अपने लण्ड की सैर भी करवाने की हिम्मत रखता हूँ चैलेंज मत करना मुझे कभी, मैने चाची को उकसाने के मकसद से कहा और चाची मेरी बात में आ गई…

चाची बोली राज अगर तूने इसे दो दिन में पटा लिया तो मैं खुद तेरा लण्ड उसकी चुत में डालूंगी और तेरी हर बात मानूँगी, लेकिन अगर तुझसे नहीं पटी तो तू मेरी हर बात मानेगा ओर घर पहुंचने के बाद भी मुझे रोज चोदेगा बोल मंजूर है… चाची को शक ना हो इसलिए मैंने कहा चाची सिर्फ दो दिन में कैसे कर पाऊंगा कम से कम एक हफ्ता तो दो… चाची बोली चल चार दिन में लेकिन इससे ज्यादा नहीं बोल मंजूर है तो मैंने भी कह दिया ठीक है चाची लगता है अब मरदानगी दिखाने का सही मौका मिला है डन ओर हम दोनों ने हाथ मिलाया… इस बीच हम बाज़ार पहुंच गए थे और गाड़ी साइड में पार्क कर दी लोकडाउन कि वजह से मार्केट बन्द थी सिर्फ किराना ओर सब्जी आदि की दुकान खुली हुई थी तो गाड़ी पार्क करने में कोई दिक्कत नहीं हुई, हमने किराने की दुकान पर जाकर लिस्ट दी और समान लेने लगे… क्रमशः
Very hots update
 

Gsc

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और फिर मैंने चाची को अपने ऊपर खींच लिया और उसे अपने ऊपर लिटा के मै भी लेटकर आराम करने लगा।।


अपडेट 63

चाची ने अपनी चुत को मेरे लण्ड पर सेट किया और अपनी चुचियों को मेरे सीने से चिपका कर मुझे अपने साथ कस लिया और आंखे बंद कर ली… मैं भी चाची के बालों ओर पीठ पर हाथ फेरते हुए अपनी आंखें बंद करके बेला के बारे में सोचने लगा की किस्मत से बेला मेरी झोली में आ गई लेकिन आज उससे मिलने में दिक्कत हो सकती है और आB मैं चाची को अपने साथ लेकर जाना टालने की बात सोचने लगा लेकिन माँ और चाची के इरादे देखकर ये मुश्किल लग रहा था…

ये सब सोचते हुए मुझे नींद आ गई चाची भी मेरे ऊपर ही सो रही थी और उसकी चुत से निकले हुए रस से मेरे लण्ड पर चिकनाई फैल गई थी…करीब डेढ़ घंटे बाद माँ ने हमे जगाया हम दोनों उठकर नहा धोकर फ्रेश हुए तो माँ ने समान की लिस्ट थमा दी रसोई का सामान आना था दालें मसाले वगैरह …चाची बोली राज गाड़ी निकाल लें बाहर गर्मी भी बहुत है तो कूछ आराम मिलेगा और फिर जल्दी वापसी कर लेंगे और गाड़ी भी इतने दिनों से खड़ी है तो वह भी चल लेगी… मैंने चाची की बात मानली और गाड़ी निकाल कर बाहर खड़ी कर दी चाची आकर मेरे पास आगे बैठ गई और हम बाज़ार की ओर चल पड़े…रास्ते में चाची बोली राज आज तू मुझे रहने दियो मैं सुबह से दो बार चुद चुकी हूं लेकिन अगर तेरा मन करे तो दिन में अपनी माँ को चोद लियो ओर रात को मुझे चोद लियो… मैंने कहा चाची जब हम वापस लौट कर जायँगे तब तो हम तीनों चुदाई के लिए तरस जायँगे … क्योंकि घर में गीता और छोटी जो होंगी, चाची बोली राज चाहे कुछ भी हो जाये लेकिन मैं दिन में एक बार तो तुझसे चुदवाया करूंगी …


इतनी ही देर में हम बेला के घर के सामने पहुंच गए मैंने देखा कि बेला अपने घर के गेट पर खड़ी गली में ही देख रही थी लेकिन क्योंकि मैं कार में था और उसे इसका अंदाजा नहीं हो सका तो उसकी निगाह मुझपर नहीं पड़ी मुझे बेला को इस तरह घूरते देख कर चाची ने ताड़ लिया और मुझसे बोली… वैसे चीज तो बढ़िया है लेकिन ऐसे घूरने से तेरी नहीं होगी तुझे हम दोनों मिल गई है तो ऊपर वाले का शुक मना…चाची जब बोलो इसको अपने लण्ड के नीचे ला सकता हूँ अचानक मेरे मुँह से निकला तो चाची मेरा चेहरा देखने लगी और बोली, क्या तू जानता है इसे ? अब मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ लेकिन बात को संभालने के लिए मैंने कहा मैं कैसे जानूँगा वो तो तुमने बोला कि शुक्र मना की तुम मिली हो तो मैने बोल दिया… चाची बोली बेटा बोलने ओर करने में बहुत फर्क होता है बातें चोदने से औरत नहीं चुदती उसके लिए हुनर चाहिए होता है बोल है तुझमे हिम्मत उससे बात करने की …मैंने कहा मैं तो उसे अपने लण्ड की सैर भी करवाने की हिम्मत रखता हूँ चैलेंज मत करना मुझे कभी, मैने चाची को उकसाने के मकसद से कहा और चाची मेरी बात में आ गई…

चाची बोली राज अगर तूने इसे दो दिन में पटा लिया तो मैं खुद तेरा लण्ड उसकी चुत में डालूंगी और तेरी हर बात मानूँगी, लेकिन अगर तुझसे नहीं पटी तो तू मेरी हर बात मानेगा ओर घर पहुंचने के बाद भी मुझे रोज चोदेगा बोल मंजूर है… चाची को शक ना हो इसलिए मैंने कहा चाची सिर्फ दो दिन में कैसे कर पाऊंगा कम से कम एक हफ्ता तो दो… चाची बोली चल चार दिन में लेकिन इससे ज्यादा नहीं बोल मंजूर है तो मैंने भी कह दिया ठीक है चाची लगता है अब मरदानगी दिखाने का सही मौका मिला है डन ओर हम दोनों ने हाथ मिलाया… इस बीच हम बाज़ार पहुंच गए थे और गाड़ी साइड में पार्क कर दी लोकडाउन कि वजह से मार्केट बन्द थी सिर्फ किराना ओर सब्जी आदि की दुकान खुली हुई थी तो गाड़ी पार्क करने में कोई दिक्कत नहीं हुई, हमने किराने की दुकान पर जाकर लिस्ट दी और समान लेने लगे… क्रमशः
Nice update
Lagta hai raj ab bela ko chachi k samne hi paa sakega aur iske liye pitch taiyaar kar raha hai story interesting ho rahi ab aur bhi jyada dekhte hai k raj asliyat chupa kar kaise bela ko chachi aur maa k samne laata hai
Waiting for next update
 
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Vikashkumar

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Ab to lockdown Dobaraa bhi khul gya, kahani ka bi lockdown khol do.
Aage badho ghar ke taraf chalo yar
 

Familychudai

Love with family
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अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर से सरकाते हुए धीरे धीरे मेरे नितंबो पे गई और मेरे लण्ड को अपनी चूत पर दबाने लगी…

अपडेट 24

मैंने अपना बायाँ हाथ उसकी दांई चुची से हटाया और उनकी गाँड़ के नीचे लेजाने लगा माँ ने भी अपनी गाँड़ हल्के से उठा कर मेरे हाथ को जगह दी

अब मैं एक हाथ से चुची दबा रहा था और एक हाथ से गाँड़ माँ के मुँह से हल्की सी सिसकियां निकल रही थी… मैंने गाँड़ दबाते हुए धीरे धीरे से माँ का पेटिकोट इंच दर इन्च ऊपर की ओर खिसकाने लगा…चाची ध्यान से देख रही थीं और अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी हमारी नज़र मिली तो चाची ने मुझे आँख मार दी और अपने होंठों पे जीभ फेर दी

मैने माँ की एक चुची को मुँह में लिया और एक पर हाथ से कब्ज़ा किया और दोनों का रस निचोड़ने लगा नीचे से गाँड़ दबाते हुए पेटिकोट ऊपर खिसका रहा था …माँ एक हाथ से मेरा सर अपनी चुची पर दबा रही थी और एक हाथ से मुझे अपनी चूत पर दबाते हुए अपनी गाँड़ उठा रही थी मेरा लण्ड मानों फटने को हो रहा था …अब मैंने थोड़ा रिस्क लेने का सोचा क्योंकि मुझे कन्ट्रोल करना मुश्किल हो रहा था और मै बिना कुछ किये झड़ना नहीँ चाहता था क्योंकि पता नहीं माँ दुबारा तैयार हो या नहीं इसलिए जो करना था वो अभ करना था

मैंने धक्के लगाने की गति थोड़ी तेज़ की और निचे से जो हाथ माँ की गाँड़ के नीचे था उससे गाँड़ उठाने लगा ताकि चूत पर लण्ड का दबाव बनाया जा सके और एक पैर माँ की टांगो के बीच लेजाकर उसकी टांगे खोलने लगा माँ मेरा इशारा समझ गई और उसने हल्के से अपनी टांगे खोल दी इससे मुझे हौसला मिला तो मैने चुची से हाथ हटा कर उस चुची को मुंह में लिया और उस हाथ से माँ का पेटिकोट ऊपर करने लगा जो कि अब घुटनों तक आ चुका था।

घुटनों से थोड़ा ऊपर आते ही मैंने पेटिकोट में दूसरा हाथ डाला और दूसरी तरफ से माँ की गाँड़ के निचे डालने लगा हाथ लगते ही पता चल गया कि माँ ने पेन्टी नहीं पहनी थी लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी तब हुई जब माँ ने अपने पेटिकोट में हाथ डालने का विरोध किये बिना ही अपनी गाँड़ ऊपर कर दी ये मेरे लिए सकारात्मक परिणाम था … अब माँ ने भी मौन स्वीकृति प्रदान कर दी थी जिससे मेरा उत्साह बढ़ा मैंने माँ के सीने से सर उठाया और माँ की आँखों में देखने लगा…मेरे हटने का आभास हुआ तो माँ ने आँख खोली और मेरी तरफ देखा मुझे अपनी तरफ देखते हुए पाया तो उसने शर्म से पलके झुक ली… मैने अपने होंठ माँ के होंठों पर रख दिये माँ ने मेरा साथ देते हुए उनको अपने होंठो की गिरफ्त में ले लिया और पागलों की तरह उनको चूमने और चूसने लगी।


अब माँ निचे से अपनी गांड थोड़ा जोर देकर मेरे लण्ड पे मारने लगी वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी लेकिन अब भी बोलने में हिचक रही थीं तो मैने ही पहल की ओर अपना एक हाथ गांड के नीचे से निकाल कर पेटिकोट पूरा ऊपर कर दिया जो जाकर माँ की कूल्हों के नीचे अटक गया तो माँ ने अपने कूल्हे हल्के से ऊपर कर दिये…

अब मुझे मौन न्योता मिल चुका था तो मैने भी मौके पर चौका जड़ने की सोची अपना हाथ माँ की जांघ पर फेरते हुए उसकी चूत की तरफ़ बढ़ने लगा मेरी उंगली हल्की सी झांटो से टकराते ही माँ ने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी और जो हाथ मेरे कूल्हे पर था वो पीछे से मेरे अंडरवेअर में डाल दिया और दूसरे बाजू से मुझे अपने साथ कस लिया…मैंने अपनी कमर को ऊपर किया और अपना हाथ माँ की तपती हुई चूत पे रख दिया ।

माँ ज़ोर से सांस खींच कर सिसकारी लेने लगी तो हमारा चुम्बन टूटा और मै माँ के चेहरे पर चूमना शुरू कर दिया माथा, गर्दन, कान से होते हुए सीने पर और उसके बाद नाभि में अपनी जीभ घुसा दी माँ से भी अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था लेकिन वो अभी भी हिचकिचाहट में थी

तभी मैने वो किया जिसकी उम्मीद ना माँ को थी ना चाची को मैने अपने होंठ एकदम से माँ की चूत रख दिये और जीभ से चूत चाटने लगा माँ को इसकी उम्मीद नहीं थी वो मेरा सिर पकड़ कर हटाने लगी और बोली नहीं राज बेटा वहाँ नही वहां गन्दा होता है …इतनी देर बाद माँ कुछ बोली थी लेकिन मैंने दूसरा हाथ भी निचे लेजाकर गांड को ऊपर किया और चूत को मुंह में भर लिया माँ मेरे को हटा रही थी राज बेटा वहाँ पर मत करो तभी चाची बोली जो इतनी देर से सब कुछ देख रही थीं

दीदी उसकी उसकी पहली बार है उसको भी अपने मन की करने दो … माँ लेकिन कोमल वहाँ गंदा होता है दीदी तुम तो बस आंखे बंद करके महसूस करना फिर बताना ये बोलते हुए चाची ने अपने हाथ माँ के चुचियों पर रख दीये और उनके निप्पलों को उमेठने लगी माँ से दोहरा हमला बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो उसने एक हाथ मेरे सिर से हटा कर चाची का हाथ पकड़ लिया अब मैंने अपनी जीभ से चूत को कुरेदना शुरू किया और उसके दाने को मुंह में भर के चूसने लगा माँ का हाथ जो मुझे हटा रहा था अब मेरा सिर सहला रहा था

माँ जोर से आह भर रही थी मैने एक हाथ से अब अपना अंडरवेअर उतार दिया और अपने लण्ड को आज़ाद कर दिया माँ का हाथ अब मेरे सिर को चूत पे दबा रहा था और वो गांड उठा के मेरे मुंह को अपनी चूत भोग लगा रही थी…माँ से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो उसने चाची को अपने ऊपर खिंच लिया और जोर से गले लगा कर बोली कोमल मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है कुछ कर ।

चाची ने मुझे बोला राज क्यो तड़पा रहा है माँ को और आँख मार कर बोली चल माँ की तड़प खत्म कर और मैने अपना मुंह वहाँ से हटा कर माँ की टांग फेला दी माँ ने कोई विरोध नहीं किया चाची नेया मुझे इशारा किया और मै टांगो के बीच आ गया …चाची ने मां की चूची अपने मुंह में डाल कर मुझे इशारा किया मैने अपना लण्ड पकड कर माँ की चूत पर घीसा तो मेरी और माँ की एकसाथ आह निकली मेरे चूसने और उत्तेजना की वजह से चूत पहले ही बहुत चिकनी हो चुकी थी लेकिन मेरी ये पहली बार थी तो मेरा लण्ड फिसल गया चाची जो सब देख रही थी मुस्कुरा पड़ी और बोली कोई बात नहीं सिख जायेगा और माँ के ऊपर से उठ कर मेरे लण्ड को पकड़ लिया और माँ की चूत पर सेट करते हुए बोली चल अपनी माँ को शान्ति पहुंचा मैने धीरे से धक्का दिया और मेरा आधा लण्ड माँ की चूत में समा गया मेरी और माँ की आह जोर से निकल गई


माँ ने राज मेरे बेटे कहते हुए मुझे अपने ऊपर खींच
Bhaiya isme gif aur image daal do log ache se padenge ager aap nhi daal paa rhe ho to m. Daal du kya
 
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