Sanju@
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Superb updateवैसे बर्दाश्त तो अब मुझसे भी नहीं हो रहा था तो मैंने अपने साथ साथ इन दोनों को भी शांत करने का फैसला किया और गुसलखाने में पड़ी तेल की शीशी उठा ली।
अपडेट 62
तेल की शीशी लेकर मैंने माँ को दीवार के साथ घोड़ी बना दिया और उसकी गाँड़ के छेद पर तेल डालकर उंगली से गाँड़ का छेद ढीला करने लगा और शीशी चाची को पकड़ा दी चाची मेरे लण्ड पर तेल डालकर उसे चमकाने लगी… लण्ड को तेल से चुपड़कर चाची ने अपनी चुत व गाँड़ के सुराख़ पर भी तेल मल लिया और माँ के नीचे बैठकर माँ की चुत में उंगली करने लगीं, माँ की उत्तेजना बढ़ गई थी और वो मुझे चुदाई के लिए बोलने लगी… मैने चाची को बोला तो चाची ने माँ की चुत चाटते हुए माँ की गाँड़ को फैला दिया और मुझे गाँड़ का छेद साफ दिख रहा था तो मैने लण्ड पकड़कर गाँड़ के छेद पर टिकाया और बड़े प्यार से उसे अंदर धकेलने लगा… गाँड़ ओर लण्ड तेल से सने होने के कारण लण्ड बड़े प्यार से आगे बढ़ रहा था और गाँड़ भी उसे बड़े आराम से निगल रही थी…
कुछ ही देर में पूरा लण्ड माँ की गाँड़ में पहुंच चुका था और माँ को बिल्कुल भी तकलीफ नहीं हुई थी, बल्कि माँ ने लण्ड को कुछ देर तक गाँड़ सिकोड़ कर कसे रखा फिर कमर हिला कर उसे अंदर बाहर करने लगी, कमर आगे पीछे होने से नीचे चाची की जीभ भी पूरी चुत पर भृमण करने लगी चाची माँ की चुत चाटते हुए अपनी चुत में भी उंगली चला रही थी… मैंने धीरे धीरे अपने धक्के लगाने की गति तेज कर दी तो माँ भी उसी गति से अपनी गाँड़ मेरे लण्ड पर ठोकने लगी मैंने हाथ बड़ा के माँ की दोनों चुचियों को थाम लिया और उन्हें निचोड़ते हुए धक्के लगाने लगा माँ अब तक गाँड़ की चुदाई और चुत चटवा कर बेहाल हो रही थी ऊपर से मेरे द्वारा चुचियाँ दबाने के कारण माँ जल्दी ही चरम सीमा पर पहुंच गई और मैं गई…मैं गई बोलते हुए चाची के मुंह में झड़ने लगी… लेकिन मेरे धक्के लगाने की गति में कोई कमी नहीं हुई थी तो माँ बोली राज अब बस कर मुझे छोड़ कर अब अपनी चाची को चोद ले तो चाची भी तुरंत खड़ी हो गई और बोली राज अब तू मुझे निबटा दे तुम दोनों को देखकर मेरी चुत से अंगारे निकल रहे हैं…
मैंने माँ की गाँड़ से लण्ड निकाल लिया और चाची को खड़े खड़े ही उसकी चुत में लण्ड पेल दिया इतनी देर से हमे देख कर ओर चुत में उंगली करने से चाची की चुत पहले ही पानी पानी हुई पड़ी थी और कुछ देर पहले मेरे साथ हुई चुदाई के कारण मेरे लण्ड ने सीधे चाची की बच्चेदानी पर दस्तक दी तो चाची की आह निकल गई… मैने चुत में धक्के लगाने शुरू कर दिया था लेकिन चाची को खड़े होकर चुदने में दिक्कत हो रही थी तो मुझसे बोली राज मैं लेट जाती हूँ तब आराम से होगा तो मैने चाची को जांघो से पकड़कर उठा लिया लेकिन लण्ड चुत से नहीं निकाला चाची ने मेरी कमर के इर्दगिर्द अपनी टाँगे कस ली… गोद में उठाकर धक्के लगाते हुए मैं बाथरूम से बाहर आकर कमरे की ओर बढ़ने लगा… कमरे में चाची को बिस्तर पर पटक कर उसे किनारे पर खींचा ओर नीचे खड़े होकर चाची की टाँगे फैला कर ज़ोरो से धक्के लगाने लगा।
हमें चुदाई करते हुए करीब आधा घन्टा हो गया था लेकिन हम दोनों डटकर चुदाई का मजा ले रहे थे क्योंकि थोडी देर पहले ही हम भरपूर चुदाई कर चुके थे इस बीच माँ ने चाय भी बना ली थी और वो ट्रे लेकर हमारे पास आ गई थी ओर आते ही हमसे बोली अब बस भी करो या पूरा दिन लगे रहोगे… तो चाची बोली दीदी जरा मदद करो अब तो जान भी नहीं रही शरीर में आकर जरा झड़ने में मदद कर दो ऐसे हट गए तो दोनों बेचैन रहेंगे… तो माँ हमारे पास आई और मुझे बोली राज तू कोमल की चुचियाँ भी दबा साथ साथ ओर खुद आकर मेरे निप्पलों को चुसते हुए मेरे टट्टे सहलाने लगी… इसतरह करने से चाची ओर मैं दोनों ही अपनी मंजिल की ओर बढ़ने लगे थे…
करीब पांच मिनट की मेहनत और हुई और माँ की तरकीब काम कर गई चाची चिल्लाने लगी ओह दीदी मैं गई राज सम्भाल मैं आ रही हूं तो प्रतिउत्तर में मेरी भी आवाज़ निकल पड़ी मैं भी आया चाची और मैने माँ को अपने सीने से कस लिया और उसके होंठो को चुसते हुए अपना बीज चाची की कोख में भरने लगा चाची के पानी की गरमाहट मुझे झड़ने में मदद कर रही थी चाची ने मेरे लण्ड को अपनी चुत में आखरी बून्द निचुड़ने तक कसे रखा जैसे ही मेरा माल गिरना बंद हुआ चाची ने चुत ढीली छोड़ दी… मैंने माँ के साथ चुम्बन तोड़ा ओर लण्ड को चुत से बाहर निकाल लिया चाची ने पास पड़े हुए कपड़े से चुत साफ करी ओर बेड की टेक से पीठ लगाकर बैठ गई मैं भी अपनी सांसो को नियंत्रित करता हुआ चाची के बगल में बैठ गया… माँ ने हम दोनों के हाथों में चाय के कप पकड़ाए और हमारे पास बैठकर चाय पीने लगी…
चाय पीते हुए में बेला के बारे में सोच रहा था कि तभी माँ बोली राज थोड़ी देर आराम कर ले फिर बाज़ार से कुछ सामान लेने जाना है तू ओर कोमल चले जाना… चाची का नाम सुनते ही मुझे लगा कि अगर चाची मेरे साथ गई तो फिर बेला से मिलना नहीं हो पायेगा तो मैं माँ को बोला माँ मैं अकेला ही ले आऊंगा चाची को आराम करने दो तो चाची बोल पड़ी अरे अभी थोड़ा जाना है एक डेढ़ घंटे बाद जायँगे तब तक हम आराम कर लेते हैं माँ ने भी चाची की बात का समर्थन किया तो मुझे चुप होना पड़ा… मैंने भी सोचा कि अभी सुबह से दो बार चुदाई कर चुका हूँ और अगर फिर से तलब हुई तो माँ या चाची को फिर चोद लूंगा बेला की चुदाई शाम तक टाल देता हूँ और फिर मैंने चाची को अपने ऊपर खींच लिया और उसे अपने ऊपर लिटा के मै भी लेटकर आराम करने लगा।।
गरमा गर्म chudai