• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest वशीकरण

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
40,764
103,526
304
बस इतना बहुत था पापा को पूर्ण रूप से उत्तेजित करने के लिए
उन्होने अपना लॅंड खूँटा बनाकर दीदी की चूत में गाड़ा और उसकी जांघे पकड़ कर उसे पूरा हवा में उठा लिया और नीचे से लॅंड को अंदर बाहर करने लगे
उसे किसी फूल की तरह अपनी शक्तिशाली बुझाओं पर उठाकर वो उसे चोद रहे थे




बचपन मे जिसे गुड़िया की तरह अपने हाथो में उठाकर खिलाया था
उसे आज रंडी बनाकर उन्ही हाथो में उठाकर चोद रहे थे पापा

मैं भी अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर उसे मसलने लगी
क्योंकि एक गुबार फिर से मेरे अंदर पैदा होने लगा था
और दीदी तो उस पोज़िशन में आते ही झड़ गयी
इतनी देर से उन्होने रोक कर रखा था अपने आप को

अब उनसे रहा नही गया और पापा के खड़े लॅंड पर उन्होने अपनी चूत का रज छोड़ दिया
गाड़े रस की लक़ीरें पापा के लॅंड से होती हुई नीचे बिस्तर पर गिरने लगी


उस दृशय को देखकर मैं भी एक जोरदार चीख के साथ झड़ने लगी

“अहह…… पापा……… उम्म्म्ममममममममममम….. मेरे अच्छे पापा…….”

दीदी भी झड़ने के बाद अपनी पोज़िशन को पकड़ के न रख पाई और नीचे लुढ़क गयी
पापा भी झड़ने के बिल्कुल करीब थे
इसलिए उन्होने अपने लॅंड को दीदी की चूत से बाहर निकाला और मेरे चेहरे के करीब लाकर उसे रगड़ने लगे

और फिर जो उनके लॅंड से स्लो मोशन में पिचकारियाँ निकली
उसे मैं पूरी जिंदगी नही भुला सकती
उनके लॅंड से निकली एक-2 बूँद ने मेरे चेहरे की तपिश को ठंडा करके मुझे वो एहसास दिया जो आज से पहले मुझे कभी नही हुआ था




पापा के लॅंड से निकली क्रीम से मेकअप करके मेरा चेहरा किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह दमक उठा था
मैने सारा रस अपनी उंगलियों में इकट्ठा किया और उसे चूस लिया
उम्म्म्ममम
क्या मीठा रस था पापा का
आज के बाद कसम है मुझे जो एक भी बूँद जाया होने दी मैने इस शरबत की
मेरे चेहरे को पोतने के बाद पापा ने बची हुई 3-4 पिचकारियाँ नीचे लेटी दीदी के चेहरे पर भी दे मारी ताकि वो नाराज़ ना हो जाए




दीदी ने भी अपनी जीभ से लपक-2 कर उन बूँदो को पकड़ा
बाकी उन्होने उंगलियों से इकट्ठा करके पी लिया
हम दोनो का पेट उस रस से भर चूका था

पर पापा के लॅंड से रस निकले ही जा रहा था
ये देखकर मैं भी उनके पास आ गयी
और दीदी के साथ मिलकर पापा के लॅंड से निकल रही मछलियों को हवा में पकड़कर उन्हे निगलने लगी




ये खेल तब तक चलता रहा जब तक पापा भी खाली होकर हमारे बीच नही लूड़क गये
और जब वो हमारे बीच लेटे तो हम दोनो भूखी बिल्लियों की तरहा उनपर झपट पड़ी
कभी मैं उनके होंठ चूसती तो कभी उनकी छाती
कभी दीदी उनकी गर्दन चूसती तो कभी उनका मुरझाया हुआ लॅंड
और ये सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक वो फिर से कड़क नही हो गये

हम तो मज़ाक में ये सब कर रहे थे
पर एक बार फिर से कड़क लॅंड को देखकर हम दोनो बहने एक दूसरे को देखकर मुस्कुराइ और आँखो ही आँखो में इशारा करके एक बार फिर से एक लंबी चुदाई की तरफ चल दिए

उस रात पापा ने हमारे जवान जिस्मों को तोड़कर रख दिया था
और साथ ही उस शर्म की दीवार को भी तोड़ दिया था जिसकी आढ़ में आजतक वो खुलकर हमे चोद नही पाए थे
आने वाले दिन और भी यादगार होने वाले थे
ख़ासकर तब जब भाई भी इस खेल में शामिल होगा

बस इन्ही ख़यालों में कब मुझे नींद आ गयी
पता ही नही चला
Shaandar super hot erotic update 🔥 🔥 🔥
 
Top