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update likhna start kar diya hai 1-2 din me aa jayegaWaiting for next update Ashok bhai
update likhna start kar diya hai 1-2 din me aa jayegaWaiting for next update Ashok bhai
Nice updateउस रात पापा ने हमारे जवान जिस्मों को तोड़कर रख दिया था
और साथ ही उस शर्म की दीवार को भी तोड़ दिया था जिसकी आढ़ में आजतक वो खुलकर हमे चोद नही पाए थे
आने वाले दिन और भी यादगार होने वाले थे
ख़ासकर तब जब भाई भी इस खेल में शामिल होगा
बस इन्ही ख़यालों में कब मुझे नींद आ गयी
पता ही नही चला
*********
अब आगे
*********
सुबह जब मेरी नींद खुली तो मेरा नंगा जिस्म खिड़की से आ रही सूरज की किरणों से नहाया हुआ बिस्तर पर पड़ा था
रात का पूरा मंज़र मेरी आँखो के सामने तैर गया
और मेरे जिस्म में हो रहा हल्का दर्द उस रात के अफ़साने बयां कर रहा था
पूरे बदन पर लाल निशान थे
ख़ासकर मेरे गोरे बूब्स पर
जिन्हे पापा ने किसी आम की तरह चूस-चूस्कर सिंदूरी कर दिया था
उनके गीले होंठो का एहसास अभी तक महसूस हो रहा था मुझे
मेरी गर्दन पर
होंठो पर
स्तनों पर
और
मेरी जाँघो के बीच भी
रात को उनकी लपलपाटी जीभ उसमें ऐसे फिसल रही थी जैसे तालाब से मछली निकाल कर चूत पर रख दी हो
उन पलों की याद आते ही मेरा बदन एकदम से ऐंठने लगा और मेरे हाथ खुद ब खुद बूब्स और पुसी पर चले गये
और उन्हे हल्के हाथों से मसलने लगे
हालाँकि पापा ने कोई कमी नही छोड़ी थी रात को मुझे और दीदी को प्यार करने में
पर पता नही क्यों ये निगोड़ा जिस्म फिर से उनकी फरमाइश कर रहा था
ये सैक्स होता ही ऐसा है
करने के बाद जब लगता है की अब तो पूरी तृप्ति मिल गयी
अगले ही दिन फिर से उत्तेजना जिस्म का दरवाजा बिना खड़काए अंदर घुस आती है
और कुछ नई डिमांड करती है
अभी मेरा बदन ऐसे ही कुछ नये की डिमांड कर रहा था
काश पापा यहीं सो रहे होते
उन्हे उठाने के लिए उनका लॅंड चूस लेती सुबह -2
एक मर्द के लिए इस से सुखद एहसास शायद ही कोई और होगा जब उसे लॅंड से चूस्कर उठाया जाए
और वो उसकी 18 साल की जवान बेटी हो तो चार चाँद लग जाते है
ऐसी बेटी नसीबों से मिलती है जो अपने पापा का इतना ध्यान रखती हो
और खुद का भी
जो उनके लॅंड से ब्रश करके जागे उसका खुद का दिन भी तो ताज़गी से भरा निकलेगा
बस उन्ही एहसासों को सोचते-2 मेरा हाथ बंद आँखो के साथ तेज़ी से चलने लगा
मैं बुदबुदाने लगी
“ओह पापा…… उम्म्म्ममममम……. अहह….. सॅक करो ना……अपनी प्यारी बेटी की चूत को…… आअह्हः …. बूब्स को…..”
मैं मज़े से अपनी घिसाई कर रही थी
बगल में लेटी चंद्रिका दीदी मुझे बड़े प्यार से ये सब करते देख रही थी
और तभी मुझे पापा की वो बात भी याद आ गयी जब उन्होने चुदाई करते वक़्त कहा था की वो शादी के बाद भी हमारी चुदाई ऐसे ही करते रहेंगे
और जब मेरे बच्चे हो जाएँगे तो भी वो मुझे ऐसे ही प्यार करेंगे
मेरे बूब्स को चूसेंगे
मेरा दूध पिएँगे
वो मेरे पापा है
पर मैं उन्हे अपना दूध पिलाऊंगी
उफफफ्फ़
कितना कामुक एहसास था ये
मेरी चूत से तो फ़च -2 की आवाज़ें निकलने लगी
और मेरे मुँह से टेड़े मेढे शब्द निकलने लगे
“अहह……. ओह…. माय गॉड ……. यसssss पापा……. पी लो अपनी बेटी का दूध…..मेरा सारा दूध पी जाओ पापा……सक्क इट हार्ड…….”
मेरा बदन उस बिस्तर पर नंगे तार से मिले करंट की तरह मचल रहा था
मेरा निप्पल पफ्फी सा हो चूका था
लाल निप्पल के चारों तरफ के दाने उभर कर मूँग दाल जितने बड़े हो गये थे
और अचानक उन पफ्फी निप्पल्स पर मुझे एक गीला सा एहसास हुआ
ये दीदी थी
जिनसे मेरी तड़प नही देखी गयी
और उन्होने मेरे निप्पल को मुँह में लेकर पीना शुरू कर दिया
मैं तो पहले से ही गर्म थी
उनकी जीभ लगते ही मैं पिघल कर रह गयी
पर मैं अपने ख्यालों से बाहर नही आई
दीदी को भी मैने पापा ही माना
जो अभी तक मेरा मुम्मा चूस्कर मुझे मज़ा दे रहे थे
Mast updateउनके नाम का एहसास ही बहुत था मुझे उत्तेजना के शिखर पर बनाए रखने के लिए
इसलिए मैं दीदी को सिर को अपनी छाती पर ज़ोर से दबा कर चिल्लाई
“आह्ह्ह्ह …. पपाााआअपाआअ …… अहह यस ऐसे ही चूसो मुझे…….. अहह… मेरे अच्छे पापा…..पी लो अपनी बेटी का सारा दूध….. कुछ मत छोड़ना मेरे बच्चों के लिए….सब आपका ही है पापा.”
दीदी भी मुस्कुराइ और मेरे साथ उस रोल प्ले में उतर गयी
अब वो कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से मेरे निप्पल्स को चूस रही थी
जैसे एक मर्द चूसता है
जैसे मेरे पापा चूसते है
और वो कितना ज़ोर से चूसते है
ये तो उसे भी पता था
उसने भी उनसे उतना ही चुस्वाया था जितना मैने
इसलिए पापा की चूसन का एहसास देने के लिए वो पापा बनकर मुझे उतनी ही ज़ोर से चूस रही थी जितना वो चूसते है हम दोनो बहनो के बूब्स
कुछ देर तक मेरा सारा नकली दूध पीने के बाद मैने पापा (दीदी) को नीचे की तरफ धक्का देना शुरू कर दिया
वो भी समझ गयी की मैं क्या चाहती हूँ
वो अपनी जीभ से मेरे पेट और नाभि को चाटते हुए नीचे खिसकने लगी
और जल्द ही लावा उगलने को तैयार मेरी नन्ही सी चूत के मुहाने पर पहुँच गयी
मैं फिर से चिल्लाई : “पपाााआआप्पपाआ …… सॅक करो ना…..मेरी चूत को…..अपनी प्यारी बेटी की चूत को….”
हालाँकि मुझे पापा का लॅंड अब खुलकर मिल चूका था, और दीदी को भी
और हम चाहते तो शायद अभी भी उन्हे कमरे में बुलाकर फिर से चुदाई करवा सकते थे
पर पता नही इस वक़्त ऐसी बकचोदी करने में इतना आनंद क्यों मिल रहा था
इसका कोई जवाब नही था हम दोनो के पास
खैर
पापा की जीभ सीधा लपलपाटी हुई सी मेरी चूत में घुसी और मुझे अंदर बाहर से चाटने लगी
मेरा शरीर कमान की तरह बिस्तर से उठ गया
पापा बनी दीदी ने बड़ी मुश्किल से मेरी गांड पकड़कर मुझे बिस्तर पर वापिस उतारा
[url=https://www.uploadhouse.com/viewfile.php?id=31612162&showlnk=0]
मेरा तो मुँह ही सूखने लगा इतना प्यार महसूस करके
इसलिए मैने दीदी को इशारा करके घूम कर मेरे उपर लेटने को कहा
यानी 69 की पोसिशन पर
और वो खुशी -2 आ भी गयी
क्योंकि उसकी चूत भी तो पानी दे रही थी सुबह -2 ये सब करके
और जब उसकी चूत मेरे मुँह पर आ लगी तो ऐसा महसूस हुआ जैसे रस से भरा रसगुल्ला आ गिरा हो मेरे मुँह पर
इतना रस टपक रहा था उसका
मीठा भी और गाड़ा भी
और 69 की पोज़िशन में चूत की सकिंग भी थोड़ी गहराई से होती है
एंगल ही ऐसे बैठता है दोनो के मुँह का चूत के उपर
और उस एंगल का इस्तेमाल करके हम दोनो एक दूसरे की कटोरी से खीर निकाल - 2 कर खाने लगे
पूरे कमरे मे हम दोनो की गहरी साँसे और फ़चा फ़च की आवाज़ें आ रही थी
दोनो की जीभ की थिरकन ही ऐसी थी एक दूसरे की चूत में की कभी मेरा शरीर ऐंठकर उपर उठ जाता तो कभी उसका
और दोनो ही एक दूसरे का कुल्हा पकड़कर वो हवाई जहाज़ को वापिस बेड पर लेंड करवाते
ऐसा करीब 10 मिनट तक चला और आख़िरकार एक दूसरे की मेहनत का फल एक दूसरे के मुँह में भरभराकर निकालते हुए हम दोनो बहने एकसाथ झड़ने लगी
और थक हारकर चंद्रिका दीदी फिर से एक बार फिसल कर मेरे गले आ लगी और हम दोनो बहनो ने एक गहरी स्मूच करके एक दूसरे के चेहरों को सॉफ किया
एक बात तो पक्की थी
जब तक इस घर में रहना था मुझे
रात को पापा का लॅंड और सुबह दीदी की चूत
ये तो रोजाना का काम होगा
इस से ज़्यादा एक जवान लड़की और क्या चाह सकती है
हाँ
एक चीज़ तो भूल ही गयी मैं
अपने जवान भाई का लॅंड
उफ़फ्फ़
वो भी तो है घर में
दिन के समय उसका लॅंड भी तो ले सकती हूँ ना
खेतों में जाकर
बस इसी ख़याल से मेरा चेहरा खिल सा उठा
सुबह और रात का तो इंतज़ाम हो ही गया था
अब दिन की बारी थी
और मैने सोच लिया था की आज स्कूल से वापिसी पर खेतो में जाउंगी
और अपने तड़प रहे भाई को वो सब सौंप दूँगी जिसका वो हकदार है
बस , फिर क्या था
मैं खुशी-2 उठी और नहा धोकर स्कूल के लिए तैयार हो गयी
जाने से पहले नाश्ते की टेबल पर पापा की नज़रें हम दोनो को देखकर चमक रही थी
शायद उनके भी मन में रात को एक बार फिर से होने वाली चुदाई के लिए कुछ नये प्लान बन रहे थे
पर मेरा मन तो अभी भाई की तरफ था
और आज मैने ठान लिया था की उसे खुश करके रहूंगी
Zabardast update Ashok bhaiउस रात पापा ने हमारे जवान जिस्मों को तोड़कर रख दिया था
और साथ ही उस शर्म की दीवार को भी तोड़ दिया था जिसकी आढ़ में आजतक वो खुलकर हमे चोद नही पाए थे
आने वाले दिन और भी यादगार होने वाले थे
ख़ासकर तब जब भाई भी इस खेल में शामिल होगा
बस इन्ही ख़यालों में कब मुझे नींद आ गयी
पता ही नही चला
*********
अब आगे
*********
सुबह जब मेरी नींद खुली तो मेरा नंगा जिस्म खिड़की से आ रही सूरज की किरणों से नहाया हुआ बिस्तर पर पड़ा था
रात का पूरा मंज़र मेरी आँखो के सामने तैर गया
और मेरे जिस्म में हो रहा हल्का दर्द उस रात के अफ़साने बयां कर रहा था
पूरे बदन पर लाल निशान थे
ख़ासकर मेरे गोरे बूब्स पर
जिन्हे पापा ने किसी आम की तरह चूस-चूस्कर सिंदूरी कर दिया था
उनके गीले होंठो का एहसास अभी तक महसूस हो रहा था मुझे
मेरी गर्दन पर
होंठो पर
स्तनों पर
और
मेरी जाँघो के बीच भी
रात को उनकी लपलपाटी जीभ उसमें ऐसे फिसल रही थी जैसे तालाब से मछली निकाल कर चूत पर रख दी हो
उन पलों की याद आते ही मेरा बदन एकदम से ऐंठने लगा और मेरे हाथ खुद ब खुद बूब्स और पुसी पर चले गये
और उन्हे हल्के हाथों से मसलने लगे
हालाँकि पापा ने कोई कमी नही छोड़ी थी रात को मुझे और दीदी को प्यार करने में
पर पता नही क्यों ये निगोड़ा जिस्म फिर से उनकी फरमाइश कर रहा था
ये सैक्स होता ही ऐसा है
करने के बाद जब लगता है की अब तो पूरी तृप्ति मिल गयी
अगले ही दिन फिर से उत्तेजना जिस्म का दरवाजा बिना खड़काए अंदर घुस आती है
और कुछ नई डिमांड करती है
अभी मेरा बदन ऐसे ही कुछ नये की डिमांड कर रहा था
काश पापा यहीं सो रहे होते
उन्हे उठाने के लिए उनका लॅंड चूस लेती सुबह -2
एक मर्द के लिए इस से सुखद एहसास शायद ही कोई और होगा जब उसे लॅंड से चूस्कर उठाया जाए
और वो उसकी 18 साल की जवान बेटी हो तो चार चाँद लग जाते है
ऐसी बेटी नसीबों से मिलती है जो अपने पापा का इतना ध्यान रखती हो
और खुद का भी
जो उनके लॅंड से ब्रश करके जागे उसका खुद का दिन भी तो ताज़गी से भरा निकलेगा
बस उन्ही एहसासों को सोचते-2 मेरा हाथ बंद आँखो के साथ तेज़ी से चलने लगा
मैं बुदबुदाने लगी
“ओह पापा…… उम्म्म्ममममम……. अहह….. सॅक करो ना……अपनी प्यारी बेटी की चूत को…… आअह्हः …. बूब्स को…..”
मैं मज़े से अपनी घिसाई कर रही थी
बगल में लेटी चंद्रिका दीदी मुझे बड़े प्यार से ये सब करते देख रही थी
और तभी मुझे पापा की वो बात भी याद आ गयी जब उन्होने चुदाई करते वक़्त कहा था की वो शादी के बाद भी हमारी चुदाई ऐसे ही करते रहेंगे
और जब मेरे बच्चे हो जाएँगे तो भी वो मुझे ऐसे ही प्यार करेंगे
मेरे बूब्स को चूसेंगे
मेरा दूध पिएँगे
वो मेरे पापा है
पर मैं उन्हे अपना दूध पिलाऊंगी
उफफफ्फ़
कितना कामुक एहसास था ये
मेरी चूत से तो फ़च -2 की आवाज़ें निकलने लगी
और मेरे मुँह से टेड़े मेढे शब्द निकलने लगे
“अहह……. ओह…. माय गॉड ……. यसssss पापा……. पी लो अपनी बेटी का दूध…..मेरा सारा दूध पी जाओ पापा……सक्क इट हार्ड…….”
मेरा बदन उस बिस्तर पर नंगे तार से मिले करंट की तरह मचल रहा था
मेरा निप्पल पफ्फी सा हो चूका था
लाल निप्पल के चारों तरफ के दाने उभर कर मूँग दाल जितने बड़े हो गये थे
और अचानक उन पफ्फी निप्पल्स पर मुझे एक गीला सा एहसास हुआ
ये दीदी थी
जिनसे मेरी तड़प नही देखी गयी
और उन्होने मेरे निप्पल को मुँह में लेकर पीना शुरू कर दिया
मैं तो पहले से ही गर्म थी
उनकी जीभ लगते ही मैं पिघल कर रह गयी
पर मैं अपने ख्यालों से बाहर नही आई
दीदी को भी मैने पापा ही माना
जो अभी तक मेरा मुम्मा चूस्कर मुझे मज़ा दे रहे थे
Shaandar jaandaar update Ashok bhaiउनके नाम का एहसास ही बहुत था मुझे उत्तेजना के शिखर पर बनाए रखने के लिए
इसलिए मैं दीदी को सिर को अपनी छाती पर ज़ोर से दबा कर चिल्लाई
“आह्ह्ह्ह …. पपाााआअपाआअ …… अहह यस ऐसे ही चूसो मुझे…….. अहह… मेरे अच्छे पापा…..पी लो अपनी बेटी का सारा दूध….. कुछ मत छोड़ना मेरे बच्चों के लिए….सब आपका ही है पापा.”
दीदी भी मुस्कुराइ और मेरे साथ उस रोल प्ले में उतर गयी
अब वो कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से मेरे निप्पल्स को चूस रही थी
जैसे एक मर्द चूसता है
जैसे मेरे पापा चूसते है
और वो कितना ज़ोर से चूसते है
ये तो उसे भी पता था
उसने भी उनसे उतना ही चुस्वाया था जितना मैने
इसलिए पापा की चूसन का एहसास देने के लिए वो पापा बनकर मुझे उतनी ही ज़ोर से चूस रही थी जितना वो चूसते है हम दोनो बहनो के बूब्स
कुछ देर तक मेरा सारा नकली दूध पीने के बाद मैने पापा (दीदी) को नीचे की तरफ धक्का देना शुरू कर दिया
वो भी समझ गयी की मैं क्या चाहती हूँ
वो अपनी जीभ से मेरे पेट और नाभि को चाटते हुए नीचे खिसकने लगी
और जल्द ही लावा उगलने को तैयार मेरी नन्ही सी चूत के मुहाने पर पहुँच गयी
मैं फिर से चिल्लाई : “पपाााआआप्पपाआ …… सॅक करो ना…..मेरी चूत को…..अपनी प्यारी बेटी की चूत को….”
हालाँकि मुझे पापा का लॅंड अब खुलकर मिल चूका था, और दीदी को भी
और हम चाहते तो शायद अभी भी उन्हे कमरे में बुलाकर फिर से चुदाई करवा सकते थे
पर पता नही इस वक़्त ऐसी बकचोदी करने में इतना आनंद क्यों मिल रहा था
इसका कोई जवाब नही था हम दोनो के पास
खैर
पापा की जीभ सीधा लपलपाटी हुई सी मेरी चूत में घुसी और मुझे अंदर बाहर से चाटने लगी
मेरा शरीर कमान की तरह बिस्तर से उठ गया
पापा बनी दीदी ने बड़ी मुश्किल से मेरी गांड पकड़कर मुझे बिस्तर पर वापिस उतारा
[url=https://www.uploadhouse.com/viewfile.php?id=31612162&showlnk=0]
मेरा तो मुँह ही सूखने लगा इतना प्यार महसूस करके
इसलिए मैने दीदी को इशारा करके घूम कर मेरे उपर लेटने को कहा
यानी 69 की पोसिशन पर
और वो खुशी -2 आ भी गयी
क्योंकि उसकी चूत भी तो पानी दे रही थी सुबह -2 ये सब करके
और जब उसकी चूत मेरे मुँह पर आ लगी तो ऐसा महसूस हुआ जैसे रस से भरा रसगुल्ला आ गिरा हो मेरे मुँह पर
इतना रस टपक रहा था उसका
मीठा भी और गाड़ा भी
और 69 की पोज़िशन में चूत की सकिंग भी थोड़ी गहराई से होती है
एंगल ही ऐसे बैठता है दोनो के मुँह का चूत के उपर
और उस एंगल का इस्तेमाल करके हम दोनो एक दूसरे की कटोरी से खीर निकाल - 2 कर खाने लगे
पूरे कमरे मे हम दोनो की गहरी साँसे और फ़चा फ़च की आवाज़ें आ रही थी
दोनो की जीभ की थिरकन ही ऐसी थी एक दूसरे की चूत में की कभी मेरा शरीर ऐंठकर उपर उठ जाता तो कभी उसका
और दोनो ही एक दूसरे का कुल्हा पकड़कर वो हवाई जहाज़ को वापिस बेड पर लेंड करवाते
ऐसा करीब 10 मिनट तक चला और आख़िरकार एक दूसरे की मेहनत का फल एक दूसरे के मुँह में भरभराकर निकालते हुए हम दोनो बहने एकसाथ झड़ने लगी
और थक हारकर चंद्रिका दीदी फिर से एक बार फिसल कर मेरे गले आ लगी और हम दोनो बहनो ने एक गहरी स्मूच करके एक दूसरे के चेहरों को सॉफ किया
एक बात तो पक्की थी
जब तक इस घर में रहना था मुझे
रात को पापा का लॅंड और सुबह दीदी की चूत
ये तो रोजाना का काम होगा
इस से ज़्यादा एक जवान लड़की और क्या चाह सकती है
हाँ
एक चीज़ तो भूल ही गयी मैं
अपने जवान भाई का लॅंड
उफ़फ्फ़
वो भी तो है घर में
दिन के समय उसका लॅंड भी तो ले सकती हूँ ना
खेतों में जाकर
बस इसी ख़याल से मेरा चेहरा खिल सा उठा
सुबह और रात का तो इंतज़ाम हो ही गया था
अब दिन की बारी थी
और मैने सोच लिया था की आज स्कूल से वापिसी पर खेतो में जाउंगी
और अपने तड़प रहे भाई को वो सब सौंप दूँगी जिसका वो हकदार है
बस , फिर क्या था
मैं खुशी-2 उठी और नहा धोकर स्कूल के लिए तैयार हो गयी
जाने से पहले नाश्ते की टेबल पर पापा की नज़रें हम दोनो को देखकर चमक रही थी
शायद उनके भी मन में रात को एक बार फिर से होने वाली चुदाई के लिए कुछ नये प्लान बन रहे थे
पर मेरा मन तो अभी भाई की तरफ था
और आज मैने ठान लिया था की उसे खुश करके रहूंगी
उनके नाम का एहसास ही बहुत था मुझे उत्तेजना के शिखर पर बनाए रखने के लिए
इसलिए मैं दीदी को सिर को अपनी छाती पर ज़ोर से दबा कर चिल्लाई
“आह्ह्ह्ह …. पपाााआअपाआअ …… अहह यस ऐसे ही चूसो मुझे…….. अहह… मेरे अच्छे पापा…..पी लो अपनी बेटी का सारा दूध….. कुछ मत छोड़ना मेरे बच्चों के लिए….सब आपका ही है पापा.”
दीदी भी मुस्कुराइ और मेरे साथ उस रोल प्ले में उतर गयी
अब वो कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से मेरे निप्पल्स को चूस रही थी
जैसे एक मर्द चूसता है
जैसे मेरे पापा चूसते है
और वो कितना ज़ोर से चूसते है
ये तो उसे भी पता था
उसने भी उनसे उतना ही चुस्वाया था जितना मैने
इसलिए पापा की चूसन का एहसास देने के लिए वो पापा बनकर मुझे उतनी ही ज़ोर से चूस रही थी जितना वो चूसते है हम दोनो बहनो के बूब्स
कुछ देर तक मेरा सारा नकली दूध पीने के बाद मैने पापा (दीदी) को नीचे की तरफ धक्का देना शुरू कर दिया
वो भी समझ गयी की मैं क्या चाहती हूँ
वो अपनी जीभ से मेरे पेट और नाभि को चाटते हुए नीचे खिसकने लगी
और जल्द ही लावा उगलने को तैयार मेरी नन्ही सी चूत के मुहाने पर पहुँच गयी
मैं फिर से चिल्लाई : “पपाााआआप्पपाआ …… सॅक करो ना…..मेरी चूत को…..अपनी प्यारी बेटी की चूत को….”
हालाँकि मुझे पापा का लॅंड अब खुलकर मिल चूका था, और दीदी को भी
और हम चाहते तो शायद अभी भी उन्हे कमरे में बुलाकर फिर से चुदाई करवा सकते थे
पर पता नही इस वक़्त ऐसी बकचोदी करने में इतना आनंद क्यों मिल रहा था
इसका कोई जवाब नही था हम दोनो के पास
खैर
पापा की जीभ सीधा लपलपाटी हुई सी मेरी चूत में घुसी और मुझे अंदर बाहर से चाटने लगी
मेरा शरीर कमान की तरह बिस्तर से उठ गया
पापा बनी दीदी ने बड़ी मुश्किल से मेरी गांड पकड़कर मुझे बिस्तर पर वापिस उतारा
[url=https://www.uploadhouse.com/viewfile.php?id=31612162&showlnk=0]
मेरा तो मुँह ही सूखने लगा इतना प्यार महसूस करके
इसलिए मैने दीदी को इशारा करके घूम कर मेरे उपर लेटने को कहा
यानी 69 की पोसिशन पर
और वो खुशी -2 आ भी गयी
क्योंकि उसकी चूत भी तो पानी दे रही थी सुबह -2 ये सब करके
और जब उसकी चूत मेरे मुँह पर आ लगी तो ऐसा महसूस हुआ जैसे रस से भरा रसगुल्ला आ गिरा हो मेरे मुँह पर
इतना रस टपक रहा था उसका
मीठा भी और गाड़ा भी
और 69 की पोज़िशन में चूत की सकिंग भी थोड़ी गहराई से होती है
एंगल ही ऐसे बैठता है दोनो के मुँह का चूत के उपर
और उस एंगल का इस्तेमाल करके हम दोनो एक दूसरे की कटोरी से खीर निकाल - 2 कर खाने लगे
पूरे कमरे मे हम दोनो की गहरी साँसे और फ़चा फ़च की आवाज़ें आ रही थी
दोनो की जीभ की थिरकन ही ऐसी थी एक दूसरे की चूत में की कभी मेरा शरीर ऐंठकर उपर उठ जाता तो कभी उसका
और दोनो ही एक दूसरे का कुल्हा पकड़कर वो हवाई जहाज़ को वापिस बेड पर लेंड करवाते
ऐसा करीब 10 मिनट तक चला और आख़िरकार एक दूसरे की मेहनत का फल एक दूसरे के मुँह में भरभराकर निकालते हुए हम दोनो बहने एकसाथ झड़ने लगी
और थक हारकर चंद्रिका दीदी फिर से एक बार फिसल कर मेरे गले आ लगी और हम दोनो बहनो ने एक गहरी स्मूच करके एक दूसरे के चेहरों को सॉफ किया
एक बात तो पक्की थी
जब तक इस घर में रहना था मुझे
रात को पापा का लॅंड और सुबह दीदी की चूत
ये तो रोजाना का काम होगा
इस से ज़्यादा एक जवान लड़की और क्या चाह सकती है
हाँ
एक चीज़ तो भूल ही गयी मैं
अपने जवान भाई का लॅंड
उफ़फ्फ़
वो भी तो है घर में
दिन के समय उसका लॅंड भी तो ले सकती हूँ ना
खेतों में जाकर
बस इसी ख़याल से मेरा चेहरा खिल सा उठा
सुबह और रात का तो इंतज़ाम हो ही गया था
अब दिन की बारी थी
और मैने सोच लिया था की आज स्कूल से वापिसी पर खेतो में जाउंगी
और अपने तड़प रहे भाई को वो सब सौंप दूँगी जिसका वो हकदार है
बस , फिर क्या था
मैं खुशी-2 उठी और नहा धोकर स्कूल के लिए तैयार हो गयी
जाने से पहले नाश्ते की टेबल पर पापा की नज़रें हम दोनो को देखकर चमक रही थी
शायद उनके भी मन में रात को एक बार फिर से होने वाली चुदाई के लिए कुछ नये प्लान बन रहे थे
पर मेरा मन तो अभी भाई की तरफ था
और आज मैने ठान लिया था की उसे खुश करके रहूंगी