• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest वशीकरण

Ek number

Well-Known Member
8,148
17,507
173
किताब
ये शब्द सुनते ही मेरे कान खड़े हो गये
पापा तो एकदम से सकपका से गये
जैसे बाबा ने मेरे सामने उनका कोई राज खोल दिया हो
हालाँकि अभी तक वो सिर्फ़ छुपे शब्दों में ही बात कर रहे थे
पर किताब शब्द सुनते ही मेरा दिमाग चलने लगा

हो ना हो ये बाबा उसी वशीकरण की किताब की बात कर रहा है…
यानी वो किताब इसी बाबा ने पापा को दी थी
और पापा उसका इस्तेमाल करके हम दोनो बहनो को वशीकरण में पहुँचा कर हमसे मज़े ले रहे थे

अब पता नही वो किताब सही मे काम भी करती है या नही क्योंकि मैं और चंदा तो हमेशा से ही होश मे रहती थी
और यहाँ ये बाबा उस किताब से आगे बढ़ने की बात कह रहा है

यानी पिताजी को उसने ज़रूर उस किताब से भी बड़ी कोई और विद्या या मंत्र सीखने की बात की होगी
उनकी बातें सुनकर तो यही लग रहा था
तो क्या
ये बाबा उस विद्या के बदले हमारी जवानी के मजे लेने के चक्कर में है
और पिताजी मान भी गए इसके लिए
मैं हैरानी से पिताजी को देख रही थी

पिताजी एकदम से उठकर पास गये और दबे स्वर में बोले : “घेसू….मेरा विश्वास कर, अगली बार पक्का…अभी के लिए तू इसे ही आशीर्वाद दे दे…”

पिताजी जिस अंदाज से उस बाबा से बात कर रहे थे, सॉफ जाहिर था की वो शख्स बाबा से बढ़कर है उनके लिए…
शायद दोस्त..
या कोई रिश्तेदार
क्योंकि मुझे याद आ रहा था की मैने इस घेसू का नाम कही तो सुना है पापा के मुँह से बहुत साल पहले

पर अभी तो मैं उनसे काफ़ी दूर बैठी थी
इसलिए उनकी ख़ुसर फुसर को सिर्फ़ समझकर अपने हिसाब से समझने की कोशिश कर रही थी

पर एक बात सॉफ थी इसमें
बाबा भी एक नंबर का चोदू आदमी है
क्योंकि रह रहकर वो जिस अंदाज से मुझे घूर रहा था
सॉफ दिख रहा था की उसके मन में क्या चल रहा है
मैं तो पहले से ही उत्तेजित होकर आई थी यहाँ
पूरे रास्ते पापा की पीठ पर अपने गुब्बारे रगड़कर मेरे निप्पल्स भी लाल हो चुके थे
ऐसे में चाहे बाबा हो या मेरे खुद का बाप
उन्हे कोई चूस दे बस
इस से ज़्यादा कोई इक्चा नही थी मेरी इस वक़्त

कुछ देर की खुसुर फुसुर के बाद पापा ने मुझसे कहा : “चंद्रिका बेटी, तुम बाबा के साथ जाओ ज़रा इनके साधना कक्ष में , वो तुम्हे आशीर्वाद देंगे, फिर चलते है घर….”

अब कहने को तो मैं कह सकती थी की आशीर्वाद देना है तो यही दे दे,
जैसे अभी तक दूसरे भक्तो को दे रहे थे,
मुझे अलग से उनके साधना कक्ष में जाने की ज़रूरत क्या है भला

पर उनके इरादे तो मैं पहले ही भाँप चुकी थी
इसलिए बिना कोई देरी किए मैं एक आज्ञाकारी बेटी की तरह उठ खड़ी हुई और बाबा के पीछे-2 उनके साधना कक्ष की तरफ चल दी
उन्होने अपनी झोपड़ी के पीछे एक और झोपड़ी बना रखी थी
वो मुझे वहां ले गये
वो अंदर से पूरा महल जैसा था
एकदम ठंडा
बीच में एक बड़ा सा बेड लगा हुआ था
और मोटे-2 तकिये भी थे

मेरा तो मन कर रहा था की उछल कर उसपर चढ़ जाऊं और लेट कर अपनी सारी थकान मिटा दूँ
पर ये काम तो बाबा करेंगे ना
मुझे वहां पटकने का
वैसे ये सब मेरे खुद के विचार थे अभी तक
हो सकता है की मैं ग़लत भी निकलूं

पर माहौल ऐसा बन चुका था की ऐसा ना भी हुआ तो मैने खुद ही बाबा को उस बेड पर पटक कर उनके लॅंड की सवारी कर लेनी है
पर ऐसा होगा नही
क्योंकि इन मर्दों की भूखी नज़रों को हम लड़कियां अच्छे से पहचानती है
और उन्ही भूखी नज़रों से घेसू बाबा ने मुझे देखा और बेड पर बैठने को कहा
और खुद एक अलमारी से कुछ निकालने लगे

वो कोई सूखा हुआ सा जंगली पौधा था
जो उन्होने एक तांबे की प्लेट में रखा और उसे जला दिया
और फिर उसमें से जो धुंवा धीरे-2 निकला उसे मेरे चेहरे के पास लाकर फूँक दिया
सारा धुंवा मेरे चेहरे से टकराया और मेरे नथुनों से होता हुआ मेरे शरीर में दाखिल होता चला गया
एक पल के लिए तो मेरा सिर ही घूम कर रह गया

मैं खांसने लगी
पूरे दिमाग में सतरंगी सा इंद्रधनुष बनता चला गया
आँखे बोझिल सी हो गयी
मेरे पुर शरीर के अंग उत्तेजना के मारे कड़क होते चले गये
ख़ासकर मेरे बूब्स
और मेरी चूत में तो जैसे कोई चूहिया घुस गयी हो
जो अंदर घुसकर उत्पाद मचाने लगी

मैने बड़ी ही बेशर्मी से बाबा के सामने ही अपने बूब्स और चूत को बुरी तरह से रगड़ना शुरू कर दिया
पर ऐसा करते हुए मेरे मुँह से एक भी शब्द नही निकल रहा था
मैं चाहकर भी कुछ नही बोल पा रही थी
पता नही कैसा नशा था उस धुंवे में

कुछ देर तक रगड़ने के बाद मैं खुद ही शिथिल सी होकर बेड पर गिर गयी
अब मैं पूरी तरह से बेजान सी होकर बेड पर पड़ी थी
मैं चाहकर भी अपने हाथ पाँव नही हिला पा रही थी

बस मेरी आँखे खुली थी और जो कुछ भी मेरे आस पास हो रहा था वो सब मुझे महसूस भी हो रहा था और दिखाई भी दे रहा था

ये क्या जादू कर दिया इन्होने मुझपर
ये तो वशीकरण जैसा ही कुछ है
अपने वश में करके ये तो मेरे साथ कुछ भी कर सकते है
चाहे मेरी इच्छा हो या ना हो

पर अभी के लिए तो मेरी इच्छा यही थी की वो मेरे साथ कुछ करे
पर वो कुछ करते इस से पहले ही वो उस झोपडे से बाहर गये और कुछ ही देर में मेरे पापा को लेकर वापिस आ गये
अब कुछ करना ही है तो अकेले में कर ना घेसू बाबा
ये पापा को क्यों लेकर आया है साथ में

क्या पापा के साथ कुछ करवाना चाहता है मुझे
पर ऐसा तो वो घर पर भी कर सकते है

यहाँ आकर इस जादुई धुंवे में फँसाकर भला वो क्यो ऐसा करेंगे

पर अगले ही पल घेसू और पिताजी की बातों से सब सॉफ होता चला गया

घेसू : “देख ले सुमेर….मैं ना कहता था, मेरे इस दाँव से तू उस वशीकरण से ज़्यादा असरदार तरीके से अपने शिकार के साथ मज़े ले सकता है, और यहां वो आधे घंटे वाला भी कोई बंधन नही है, चाहे तो पूरी रात तू इसकी चुदाई कर सकता है…”

पापा बेचारे सिर्फ़ मुझे असहाए सी हालत मे पड़े देखते रहे
और उधर घेसू बाबा ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए

घेसू : “अब तू देख , अपनी आँखो के सामने, असली चुदाई किसे कहते है…”

और जब नंगे होकर घेसू बाबा मेरी तरफ पलते तो मेरे मुँह से चीख भी ना निकल पाई
ऐसा असर था उस धुंवे का की अपनी लाइफ के सबसे ख़तरनाक, काले, मोटे और लंबे लॅंड को देखकर मैं चिल्ला भी ना पाई



पर डर मेरी आँखो में सॉफ देखा जा सकता था
मैं काम्पती रह गयी और बाबा मेरे करीब पहुँच गये

उन्होने मेरे कुर्ते को पकड़ कर उपर खींचा और उसे निकाल फेंका
और फिर मेरी सलवार भी खींच कर उतार दी
मैने जल्दबाज़ी में कच्छी नही पहनी थी
और वो इस वक़्त पूरी गीली हुई पड़ी थी

मेरी चिकनी चूत पर चमक रहे गाड़े रस को देखकर वो पापा से बोले : “तेरी छोरी तो पहले से ही गर्म हुई पड़ी है रे सुमेर…लगता है अपनी चुदाई को लेकर ये भी काफ़ी खुश है…

खुश नही हू बे
बस गुस्सा आ रहा है की ऐसे असहाय बनाकर कौन चोदता है भला
पहले वशीकरण की आढ़ में
और अब इस नशीले धुंवे की आढ़ में
हिम्मत है तो खुलकर बात करो और चुदाई करो ना
ताकि मैं भी मज़ा ले सकूँ

यहाँ तो अब मैं चाहकर भी सिसकारियाँ नही मार पाऊँगी
और ना ही इस मोटे लॅंड को अंदर लेते हुए खुशी के मारे चीख पाऊँगी

मैं ये सोच ही रही थी की बाबा ने मुझे उल्टा करके मेरी पीठ पर लगे ब्रा के हुक्स को भी खोल दिया और मुझे पूरा नंगा कर दिया

और फिर जब मैं पलटी तो मैं पूरी नंगी हो चुकी थी
उस ढोंगी बाबा के सामने और अपने पापा के सामने

Jvknc5hyb9-N-Dwkqu-FB3-EBM.jpg


पापा भी मेरा नंगा और नशीला बदन दिन की रोशनी में पहली बार देख रहे थे
और मेरे फूले हुए मुम्मो को देखकर वो अपने लॅंड को धोती के उपर से ही रगड़ने लगे

पर इस वक़्त उनसे ज़्यादा मेरी नज़र तो बाबा के लॅंड पर थी
जो उसे रगड़ते हुए बेड पर चड़कर मेरी बगल में आकर लेट गये
उनके शरीर से अजीब सी गंध आ रही थी
थोड़ी नशीली सी और थोड़ी सम्मोहन से भरी हुई

मैने अपनी आँखे एक पल के लिए बंद की और मन ही मन सोचा
जब चुदाई ही करवानी है तो पूरी तरह से एंजाय करते हुए करवानी चाहिए
इसलिए मैं आने वाले वार का इंतजार करते हुए फिर से उसी पल के बारे में सोचने लगी जब रास्ते मे मैं अपने निप्पल्स को पापा की पीठ पर रगड़ रही थी और उत्तेजित हो रही थी
Nice update
 
  • Like
Reactions: Ajju Landwalia

Ek number

Well-Known Member
8,148
17,507
173
और वो सब ध्यान आते ही एक बार फिर से मेरे निप्पल्स उसी आकार में आ गये जैसे अभी कुछ देर पहले तक थे
और तभी घेसू बाबा ने सीधा हमला उन्ही निप्पल्स पर बोल दिया और अपने दाढ़ी मूँछ से भरे चेहरे को मेरे स्तनों पर रखकर उसे ज़ोर से चुभलाने लगे

अब मैं चीख तो सकती नही थी
वरना मेरी सिसकारी ही निकल जाती कुछ इस तरह से

“सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स………………………..आआआआआआआआआआआआआआआहह……. ओह बाबा……भेंन चोद ……मजाआाआआआ आआआआआआ गय्ाआआआआआ रे”

हालाँकि घेसू बाबा की दाढ़ी मूँछे मुझे बुरी तरह से चुभ रही थी
पर वो जिस अंदाज से मेरे बूब्स को चूस रहे थे उसका भी अलग ही मज़ा मिल रहा था



मेरा मन तो कर रहा था की उनके सिर को पकड़ कर अपनी छाती पर घिस डालु
पर हाथ उठाने की ताक़त नही छोड़ी थी उस निगोड़े धुंवे ने

कुछ देर तक मेरे दोनो बूब्स को अच्छे से चूसकर लाल करने के बाद वो मेरे होंठो की तरफ आए और उनपर धावा बोल दिया
डर के मारे मैने अपनी आँखे बंद कर ली
क्योंकि उनका चेहरा और दाँत इतने डरावने से लग रहे थे की आँखे खोलकर मैं स्मूच नही कर सकती थी
पर स्मूच करने की क्रिया में वो माहिर थे
जिस अंदाज से उन्होने मेरे बूब्स को चूसा था उसी जोशीले अंदाज से मेरे लिप्स को भी चूसा…
चबाया …
खाया…

और इतना मज़ा मिला मुझे की आँखे खोलनी ही पड़ी मुझे
और सामने उनकी हंसती हुई आँखे सॉफ दर्शा रही थी की उनकी कला की आगे मुझे हारता हुआ देखकर वो कितना खुश है

मैं भी मसूकुरा उठी और उनकी किस्स को एंजाय करने लगी

और फिर कुछ देर बाद नंबर आया उनके काले भुसन्ड लॅंड का
जो अपने विकराल रूप में आ चूका था

वो अपने लॅंड को मेरे चेहरे तक लेकर आए और उस लार टपकाते लॅंड को मेरे चेहरे से टकराकर उसकी कठोरता का एहसास मुझे दिलाने लगे

उनके लॅंड से भी वही मादकता से भरी खुश्बू आ रही थी
उस लॅंड पर हल्की सी सफेद पपड़ी जमी हुई थी
जो इस बात का सबूत था की शायद कुछ घंटो पहले ही उन्होने किसी की चूत मारी थी
और अपना लॅंड धोया तक नही था उसके बाद

घेसू बाबा ने उस मोटे लॅंड को मेरे गुलाबी होंठो के बीच फँसाया और धक्का मारकर उसे अंदर डालने लगे
वो इतना मोटा था की मैने पूरा मुँह खोल लिया फिर भी रगड़ - 2 कर बड़ी मुश्किल से वो अंदर जा पा रही था मेरे दांतो से रगड़ाई करवाता हुआ
और मादकता से भरी वो महक इसलिए भी थी क्योंकि उस लॅंड पर घेसू बाबा के वीर्य के साथ-2 किसी औरत की चूत से निकला पानी भी लगा हुआ था

पपड़ी अब पिघल कर रस बन चुकी थी
मेरे गरम मुँह मे जाने के बाद वो पिघलकर फिर से रस बन गया और मेरे गले से नीचे उतरता चला गया
उफफफफ्फ़
क्या मिठास थी उस लॅंड के पानी मे
ऐसा लगा जैसे ठंडा नारियल पानी पी लिया हो मैने

अपना पूरा लॅंड मेरी हलक तक उतारने के बाद वो रुके और फिर धीरे-2 उसे वापिस खींचने लगे
हालाँकि अभी करीब 2 इंच और लॅंड बाहर रह गया था उनका
पर मेरा गला पूरा अंत तक भर चुका था
इसके बाद तो मेरे टॉन्सिल्स को फाड़कर अंदर घुस जाना था उसने



वो अपने लॅंड को मेरे मुँह के अंदर बाहर करते रहे और अपनी आँखे बंद करके मज़े लेते रहे
मेरी नज़रें पापा की तरफ गयी
मुझे तो लगा था की अपनी बेटी को इस हालत मे देखकर वो झेंप रहे होंगे
पर वो तो अपने लॅंड को धोती से बाहर निकालकर मसलने में लगे थे और इस सीन का पूरा मज़ा ले रहे थे

पता नही कौनसी साँठगाँठ की थी इन्होने बाबा के साथ जो अपनी जवान बेटी को उनके हवाले कर दिया
पर जो भी था
इस सबमे मुझे मज़ा बहुत आ रहा था इस वक़्त
सिर्फ़ हाथ पैर और ज़ुबान ही तो नही चला पा रही थी
बाकी सब तो सही ही हो रहा था मेरे साथ

अचानक घेसू के लॅंड ने फूलना शुरू कर दिया
और ये इस बात का प्रमाण था की वो झड़ने के करीब है
और वो ऐसा अभी तो हरगिज़ नही होने देना चाहता था
इसलिए उन्होने तुरंत अपना लॅंड मेरे मुँह से निकाल लिया
मेरे मुँह से थूक और लार की एक महीन सी डोर उनके लॅंड से बँधकर दूर तक खींचती चली गयी

फिर कुछ देर के लिए वो शांत हुए और मेरे बूब्स और नंगे पेट पर हाथ फेराते रहे

घेसू : “सुमेर, तेरी ये लड़की कुछ ज़्यादा ही गरम है….लगता है तेरे अलावा भी कई लॅंड ले चुकी है ये अपनी चूत और मुँह में, तभी इतनी गर्मी भरी हुई है इसके अंदर…“

पर पापा को इस वक़्त मेरी ये तारीफ सुनाई ही नही दे रही थी
वो तो मस्ती में अपने लॅंड को पीटने में लगे हुए थे
अब तक वो अपने सारे कपड़े निकाल कर फेंक चुके थे

मेरी नज़रें उनके लॅंड पर थी की अचानक मेरी चूत पर घेसू बाबा ने जीभ रख दी
कसम से
मैं हलक फाड़कर चिल्ला पड़ती उनकी इस हरकत से
पर चाहकर भी घुऊँ-2 के सिवा कुछ ना कर पाई

जो केंचुवा इतनी देर से मेरी चूत को खाने में लगा हुआ था
घेसू ने अपना पूरा मुँह खोलकर उस केंचुवे समेत मेरी चूत को निगल लिया और उसे चौसा आम की तरह चूसने लगे

मेरी चूत की हड्डी को गुठली समझकर बाकी का सारा गुदा वो अपने मुँह में भरकर उसका रस पीने में लगे रहे
मेरी चूत के दोनो होंठ पूरी तरह से उनके मुँह के अंदर थे
और वो उसके अंदर जीभ डालकर उसे रगड़ भी रहे थे और मेरी चूत को पूरा मुँह में डालकर चूस भी रहे थे
हााययय

ये कहाँ से सीख कर आया है इस जंगलिपन से चूत को चूसना
मैं किसी कोमा में पड़े मरीज की तरह उस बिस्तर पर पड़ी हुई सिर्फ़ तड़प रही थी
बाकी सब तो वो घेसू कर रहा था



और अचानक मेरी चूत ने ढेर सारा रस निकाल कर उनके मुँह मे छोड़ दिया
मैं बुरी तरह से झड़ने लगी
और हाँफते हुए मेरी आँखे उपर चढ़ गयी
जैसे मैं बेहोश होने वाली हूँ
पर वो निर्दयी ऐसा नही चाहता था अभी

वो सीधा हुआ और अपने लॅंड पर ढेर सारी थूक मलकर उसे मेरी चूत पर लगा दिया
और मेरी आँखो में देखते हुए एक तेज और करारे झटके के साथ उसे मेरी चूत की गहराइयों में उतार दिया
मैं मन ही मन चिल्ला उठी

“आआआआआआआआआआहह……………..सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स…………… माआआआआअर डाआाआाअलाआाआ रीईई…….. उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ कितना मोटा लॅंड है तुम्हारा………”

पर ऐसा मैं सिर्फ़ आँखो ही आँखो से कह पाई उन्हे
वो आँखे जो बाहर निकल चुकी थी उस लॅंड के अंदर जाने की वजह से

वो झुके और उन्होने मेरे दाँये मुममे को मुँह में भरा और उसे चूस डाला
नीचे झुकने की वजह से बचा खुचा लॅंड भी मेरी चूत के अंदर घुसता चला गया
अब वो एक फूटा लॅंड पूरा का पूरा मेरी चूत के अंदर था

ऐसा लग रहा था जैसे मैंने एक साथ 2 मोटे खीरे अंदर डाल दिए हो
ऐसा भराव तो आज तक महसूस नही किया था मैने
पर इस कड़क लॅंड को अंदर महसूस करके मेरी उत्तेजना आज एक अलग ही मुकाम पर पहुँच चुकी थी
अभी कुछ देर पहले ही झड़ी थी मैं
पर उस मोटे लॅंड की वजह से एक बार फिर से सेंसेशन सा होने लगा अंदर

घेसू बाबा का लॅंड धीरे-2 अंदर बाहर होने लगा मेरी छूट के



उन्होने मेरी दोनो टांगे उपर उठाई और अपने लॅंड से मेरी चूत को बुरी तहर से पेलने लगे

और बुदबुदाने लगे

“सुमेर…तेरी ये लड़की रांड है रांड….. मेरा लॅंड कितनी आसानी से हर कोई अंदर नही ले पता….साली पहले भी लॅंड ले चुकी है….वरना अभी तक तो लहुलुहान हो जाती…..रांड है ये तेरी लड़की…लिख के ले ले मुझसे…”

वो बड़बड़ाते रहे और मेरी तारीफों के पुल बाँधते रहे
पापा भी उसे सुनकर फूले नही समा रहे थे
क्योंकि मोटा लॅंड तो उनका ही गया था मेरे अंदर
पर उन्हे ये पता नही था की उनका पहला लॅंड नही था मेरी चूत में जाने वाला
पर अभी के लिए तो मुझे अपनी लाइफ के सबसे मोटे और लंबे लॅंड को महसूस करने की फिकर थी
इसलिए मैं उस अंदर बाहर होते लॅंड से मिल रहे सेंसेशन को महसूस करके मन ही मन सिसकारियाँ मारती रही

और कुछ ही देर में वो पल आ गया जिसे घेसू बाबा ने बड़ी मुश्किल से आने से रोका हुआ था
यानी उनके लॅंड का झड़ाव

और पिछली बार की तरह ही आख़िरी वक़्त पर उन्होने लॅंड को बाहर खींच लिया
पर उसमे से निकलने वाले रस को बाहर निकलने से नही रोक सके
परिणामस्वरूप उनके लॅंड से निकला ढेर सारा गाड़ा रस मेरे पुर शरीर पर पिचकारियाँ बनकर बरसने लगा
और ये पिचकारी अकेली नही थी
दूसरे कोने से पापा भी भागते हुए से आए और मेरे चेहरे के उपर आकर उन्होने अपने लॅंड का सारा माल निकालना शुरू कर दिया

जिस आशीर्वाद की बात पापा कर रहे थे वो दोनो ने मिलकर एक साथ दे दिया था मुझे…
और उस आशीर्वाद में नहाई हुई मैं एक बार फिर से झड़कर

बिना कोई आवाज़ निकाले
गहरी साँसे लेती हुई उन दोनो मर्दों के सामने नंगी पड़ी थी

[/url
]

मेरे पुर शरीर पर उनके लॅंड से निकली स्याही ने अपनी कहानियाँ लिख दी थी
जो बरसों तक मेरे जहन में एक कभी ना भूलने वाली कहानी बनकर रहने वाली थी
Mast update
 
  • Like
Reactions: Ajju Landwalia

Ashokafun30

Active Member
1,430
5,826
159
Bole to jhakaas update Ashok bhai.aapke update ka hum aise hi intzaar nahi karte hai.ab next update ka besabri se intzaar rahega
आपका धन्यवाद
मुझे भी पता है कि कोई कहानी पसंद आए तो उसके अपडेट का रीडर्स कैसे इंतजार करते है, मेरे भी कुछ फेवरेट राइटर्स है जैसे komaalrani , उनके अपडेट्स के लिए मैं ऐसे ही वेट करता हूं, पर जब कोई मजबूरी हो तो आप सभी को भी समझना चाहिए, चलिए अभी के लिए तो आप एंजॉय करो
अगला अपडेट भी जल्द मिलेगा
 

Motaland2468

Well-Known Member
2,882
3,061
144
आपका धन्यवाद
मुझे भी पता है कि कोई कहानी पसंद आए तो उसके अपडेट का रीडर्स कैसे इंतजार करते है, मेरे भी कुछ फेवरेट राइटर्स है जैसे komaalrani , उनके अपडेट्स के लिए मैं ऐसे ही वेट करता हूं, पर जब कोई मजबूरी हो तो आप सभी को भी समझना चाहिए, चलिए अभी के लिए तो आप एंजॉय करो
अगला अपडेट भी जल्द मिलेगा
Aapse yahi umeed Rehti hai
 

normal_boy

Active Member
978
1,507
124
Normal bhai apni story bhi restart kardo plZ plZ plZ

Bhai maaf kar do.. Par ab likhne wala dum nahi raha.. Ek update likhna matlab 6 ghante kam se kam hindi me.... Aur wo soch bhi hona chahiye... Nhi ho pata mene kai baar try kiya word me likh kr par mere update me mujhe hi maza nhi aa raha to dusro ko kya aayega..
 

Motaland2468

Well-Known Member
2,882
3,061
144
Bhai maaf kar do.. Par ab likhne wala dum nahi raha.. Ek update likhna matlab 6 ghante kam se kam hindi me.... Aur wo soch bhi hona chahiye... Nhi ho pata mene kai baar try kiya word me likh kr par mere update me mujhe hi maza nhi aa raha to dusro ko kya aayega..
Koyi baat nahi.aapne jawab diya yahi kaafi hai.kabhi mood Bane to likhna jarur
 
  • Like
Reactions: Gokb and malikarman
Top