इस फोरम पर 'हिट' का टैग चाहिए, तो आपको मालूम ही है कि क्या करना है! कोई अम्मा लो, उसको चारों खाने चित्त कर के, उसके ही बेटे से उसकी चु** कराओ!
उतने में ही यहाँ ज्यादातर लोग खुश हैं। और यही फार्मूला हिट है इस फोरम पर।
अगर यकीन न हो तो झूठ मूठ ही कोई कहानी 'incest' (अधिकतर लोग उसको insect बोलते हैं यहाँ - सालों को रक्त-सम्बंधित, घरेलू व्यभिचार और कीड़े-मकोड़ों में अंतर ही नहीं मालूम) केटेगरी में रख कर, 'मेरी माँ मेरी रखैल' टाइप के बेहूदा टाइटल के साथ छोड़ दें! बिना किसी पोस्ट के ही हज़ारों व्यूज आ जाएँगे!
ऐसे बे-अकल और बे-सर-पैर पाठकों का अनुमोदन (approval) न ही लें, तो अच्छा है... नहीं तो लेखकी का पँछी उड़ने से पहले ही ढेर हो जाएगा!
आप जैसे लेखक व पाठकों के समीक्षा मेरे लिए पर्याप्त है
आपको स्मरण होगा मैंने एक बार कहा भी था के मैं वाकई एक क़िताब प्रकाश करना चाहता हूँ
आप अपने सिग्नेचर में मेरी लेख को स्थान देकर बहुत मान दिया है
मैं पुर्णतः स्वीकार करता हूँ इस फोरम में कैसी लेखन को पाठक व प्रशंसक मिलते हैं I
हम कभी कभी गाली देते हैं जा माँ चुदा
और वाकई यहाँ पर बहुत ऐसे लेखक हैं जो अपनी माँ को चुदा रहे हैं
पर मैं इन सबसे दूर ही हूँ
मैं काम शास्त्र या शृंगार साहित्य के विरुद्ध नहीं हूँ पर कुछ लेख ऐसे हैं जिन्हें में हज़म नहीं कर पाता
पर यह भी सत्य है इस फोरम में कुछ अद्भुत क्षमता वाले रचना कार हैं
मैं बस चाहता हूँ जैसे आपके नजर में मेरी लेखन आया उसी तरह कुछ और लेखकों के नजर में आना चाहता हूँ वही मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धी होगी l
आपकी लेखन का कोई भी जवाब नहीं
संयोग का सुहाग, मंगल सूत्र, काया कल्प में प्रेम परिणय और काम भावना का वर्णन अद्भुत है l मैं निःसंदेह जिन लेखकों से प्रभावित रहा हूँ उनमें से एक आप हैं l इसलिए मैं आपको वचन देता हूँ l इसी कहानी को और भी रिफाइन करने के बाद पुस्तक रूप में प्रकाशित करूंगा
धन्यबाद मित्र आभार