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Thriller "विश्वरूप" ( completed )

Kala Nag

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Death Kiñg

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👉चौवनवां अपडेट
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तीन कैदियों के भागने की कोशिश विफल हो जाने के तीन दिन बाद तापस के घर में खुशियाँ थोड़ी थोड़ी आने शुरू हुए हैं l प्रतिभा आज इतने दिनों बाद किचन में कुछ बना रही है l उसे खाना बनाते देख तापस भीतर से एक सुकून सा महसूस कर रहा है l पर उसकी सुकून को बाधा पहुँचाते हुए घर की लैंडलाइन घन घना उठता है l तापस खीजे हुए मन से फोन उठाता है

तापस - हैलो...
दास - सर... दास बोल रहा हूँ...
तापस - हाँ दास... बोलो...
दास - सर.. एक गड़बड़ हो गया है... क्या आप आ सकते हैं...
तापस - क्या मेरा आना जरूरी है...
दास - सर... बात आपसे... संबंधित है...
तापस - (एक नजर प्रतिभा पर डालता है) हम्म... ठीक है दास... जस्ट इन टेन मिनटस्... मेरे कैबिन में इंतजार करो...
दास - ओके सर...

तापस फोन रख देता है, और किचन की ओर जाता है l प्रतिभा उसके तरफ मुड़ती है

प्रतिभा - आप बेफ़िक्र हो कर जाइए... सेनापति जी...
तापस - (हैरान हो कर) वह... जान... मैं...
प्रतिभा - आप घबराइये मत... मैं बहुत हद तक संभल चुकी हूँ... उबरने भी लगी हूँ...
तापस - (प्रतिभा के पास जाकर उसके हाथ पकड़ कर) जान... तुम हो... इसलिए... मैं हूँ... वरना...
प्रतिभा - (तापस की हाथ को जोर से पकड़ कर) हम दोनों साथ रहेंगे... मैं बहुत जल्द कोर्ट जाना भी शुरू कर दूँगी... डोंट वरी... मेरी सिर्फ़ एक ही लक्ष बचा है... (चेहरा कठोर हो जाती है) उस चेट्टी की बरबादी.... (तापस की आँखों में देखते हुए) और उसके लिए... मुझे हर हाल में... उबरना ही था...
तापस - (प्रतिभा की चेहरे को अपने दोनों हाथों में ले कर माथे को चूमते हुए) जान... अपना खयाल रखना... जल्द ही वापस आता हूँ...

प्रतिभा अपनी पलकें झपका कर हाँ कहती है l फिर तापस बाहर दरवाजे पर पहुँच कर वापस घूम कर प्रतिभा की ओर देखता है, और फिर बाहर निकल जाता है l इतने दिनों बाद पहली बार तापस बगैर ताला लगाए घर से बाहर जा रहा है l जैल में पहुँच कर अपने कैबिन में पहुँचता है l वहाँ पर दास और सतपती दोनों उसका इंतजार कर रहे हैं l तापस को देख कर दोनों खड़े हो जाते हैं l

तापस - सीट डाउन बॉयज्... सो... दास.. कुछ खास बात... जो मेरे बगैर तुमसे.. या सतपती से... हैंडल नहीं हो सका...
दास - वह... सर... ईगलु के मेहमान... खाना नहीं खा रहे हैं...
तापस - क्यूँ...
सतपती - सर उनका लीडर... अशरफ... आपसे बात करना चाहता है... उसके बाद ही... वह खाना खाएगा... ऐसा कह रहा है...
तापस - हूँ... तो वह लोग अब... भुख हड़ताल पर हैं...
दास - नट लाइक देट... पर वह लोग... सिर्फ़ आपसे बात करना चाहते हैं... फिर खाना खाएंगे बोल रहे हैं...
तापस - चलो फिर... उनसे मुलाकात करते हैं...

तीनों तापस के कैबिन से निकल कर ईगलु सेल के अंदर जाते हैं l वहाँ पर अलग अलग तीन सेल है और तीनों सेल में वह कैदी अलग अलग रह रहे हैं l एक कैदी पुश उप ले रहा है और दुसरा अपनी टांग उठा कर ग्रिल पर सीधा टेक् लगाए खड़ा है l तीसरा अपनी आँखे मूँद कर लेटा हुआ है l

तापस - तुम में से... अशरफ कौन है...
( जो बंदा आँखें बंद कर लेटा हुआ था वह उठ कर बैठ जाता है और कहता है)
अशरफ - मैं... (हाथ उठा कर) मैं हूँ...
तापस - कहो... क्या बात करना चाहते थे..
अशरफ - जैलर... तुमने हमारे साथ... ठीक नहीं किया...
तापस - क्या... क्या ठीक नहीं किया...
अशरफ - (खड़ा हो जाता है और ग्रिल के पास आकर) मुझे मालुम हो चुका है... तुमने हमारे कोड को... डीकोड कर के... हमारे भागने के प्लान को फैल कर दिया...
तापस - ओ... तो बात यह है... तुम... कमज़रफ.. मेरे जैल से भागने की कोशिश करोगे... और तुम मुझसे यह चाहते थे... के मैं तुम्हारे राह में फूल बिछाता... क्यूँ...
अशरफ - हम लोग यहाँ... किसी का भी खुन बिना बहाये... चले जाना चाहते थे... इसलिए बदले में... खुद हमने अपना खुन बहाया... क्यूंकि... बिना जान माल नुकसान के यहाँ से... हम चले जाना चाहते थे... पर तुम.. मेरे प्लान पर पानी फ़ेर कर... मुझे शर्मसार कर दिया...
तापस - तो... अपना शर्मसार चेहरा दिखाने के लिए... बुलाये हो मुझे...
अशरफ - नहीं... अबकी बार हम भागेंगे... डंके की चोट पर भागेंगे... यही बताने के लिए बुलाया है...
तापस - अच्छा.... तब तो महुरत भी निकाल लिया होगा तुमने...
अशरफ - (अपना सर हिलाते हुए) हाँ... आज से ठीक एक महीने के अंदर... हम चले जाएंगे... तुम्हारे सारे सिक्युरिटी की धज्जिया उड़कर... इस बार... ऐसा खुन खराबा होगा... के तुम्हारी रूह तक कांप जाएगी... और फिर आखिर में... जाते जाते तुम्हारे इसी जैल की दरवाजे पर... तुम्हारा कटा हुआ सर टांग कर जाएंगे... यह अशरफ उल मौमिन का वादा है...
तापस - हूँ... उसके लिए... बेस्ट ऑफ लक... अब खाना खा लो और ताकत बना लो... फिर उसके बाद... जो उखाड़ना है... उखाड़ो...

फिर तापस वहाँ नहीं रुकता, वापस मूड कर वह अपने ऑफिस में आ जाता है l उसके पीछे पीछे दास और सतपती भी चले आते हैं l

तापस - एक बात तो है... बातेँ छुपती नहीं है... किसी भी तरह... बाहर आ जाती है और फैल जाती है...
दास - नहीं सर... मुझे नहीं लगता... हमारे यहाँ से कुछ लीक हुई हो...
तापस - तो... कहाँ से...
दास - सर विश्व की माने तो... कैपिटल हॉस्पिटल में उनकी घुस पैठ हो चुकी थी... और बाहर हमने रिपोर्ट करी है... सबको मालुम है.. की हमारी.. मेडिकल इमर्जेंसी वाली मॉकड्रील... फायर स्टेशन हॉस्पिटल को गई थी... तो उनके लोग जो बाहर हैं... उन्होंने फायर स्टेशन हॉस्पिटल से खबर निकाली होगी... आई थिंक...
सतपती - सर.. यह एसटीएफ वाले क्या सच में... सीक्रेट बनाए रखे हैं.. के वह आतंकवादी एसटीएफ ऑफिस के सेल में नहीं... हमारे सेल में हैं...
तापस - क्या बच्चों जैसी बात कर रहे हो सतपती... असली बात यह है कि.. एसटीएफ वालों ने अपना सिर दर्द... हमारे सिर मढ दिया है... यह सिर्फ़ लीपा पोती है... असलीयत यह है कि.. उनके चाहने वालों को अच्छी तरह से मालुम है... के यह तीन मरदूत हमारे सेल में हैं...
सतपती - व्हाट... यह आप किस बिनाह पर कह सकते हैं...
तापस - थोड़ा दिमाग लगाओ यार... उनका वकील मेसेंजर का काम कर रहा है... तब उनके पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है... वह लोग विदेशी हैं... पर यहाँ पर उनको सपोर्ट दे कौन रहा है... क्यूँ दे रहा है...
दास - एक्जाक्टली...
तापस - असलीयत में खेल कुछ और ही है... यह लोग कोई टेररिस्ट नहीं हैं... बल्कि कुछ और हैं...
सतपती - यह आप क्या कह रहे हैं...
तापस - वही... जो तुम सुन रहे हो... जरा सोचो... विश्व से जब हमने कहा कि वह विदेशी हैं.. तब उसने कहा था... उनको मदत देशी मिल रहा है... दो बांग्लादेशी और एक मलयाली को... लोकल मदत... कैसे और क्यूँ... असलीयत में उनको भगाने के लिए ही... इस जैल में रखा गया है... अगर वह कामयाब हो गए होते... तो हम सब... अब तक सस्पेंड हो चुके होते... यह सब हमें उल्लू बनाने के लिए... की वह टेररिस्ट हैं... वह... कमज़रफ अशरफ... ओड़िशा में आए जुम्मा जुम्मा कुछ ही दिन हुए हैं... किसके दम पर वह हमें धमकी दे रहा है... के वह भाग जाएगा... अब जितना गलत होना था हो चुका है... अब और गलत नहीं होनी चाहिए...
दास - और कुछ गलत होता है तो... एसटीएफ वाले साफ बच जाएंगे... फंसेंगे हम...
तापस - हाँ...
सतपती - मतलब... स्टेडियम के फ़्लड लाइट में... लुका छुपी खेला जा रहा है...
तापस - हूँ...
दास - तब तो हमे अपनी तैयारी करनी होगी... अगर अशरफ की बात पर गौर करें तो... हम नहीं जानते कि.. हमारे पास डेड लाइन कितने दिनों की है...
तापस - ह्म्म्म्म...
सतपती - सर क्या हम... विश्व की मदत लें...
तापस - नो नो... बिल्कुल भी नहीं...
दास - पर क्यूँ सर...
तापस - देखो... अशरफ को हमारे उपर शक़ है... इसलिए अगर सच में खुन खराबा होना है... तो वह सिर्फ़ कानून के नुमाइंदे और मुज़रिमों के बीच होनी चाहिए... जैल में सिर्फ़ विश्व ही नहीं... सभी कैदी... हमारे जिम्मेदारी हैं... उनकी सलामती की हम ज़वाबदेह हैं... इसलिए... उनमें से किसीको को भी शामिल मत करो... यह मामला हमारा है... हम ही सुलटाएंगे....
दोनों - ठीक है सर...
तापस - देखो... हर पॉसिबिलीटी पर... गौर करो... और उस पर वर्क आउट शुरू कर दो... अब यह हमारे डिपार्टमेंट की इज़्ज़त का सवाल है....
दोनों - यस सर...

इतना कह कर तापस वहाँ से चला जाता है l उसके जाते ही सतपती भी अपनी कैबिन के तरफ चला जाता है l वहाँ पर दास बैठ कर कुछ सोचने लगता है l फ़िर वह उठ कर लाइब्रेरी की ओर जाता है l वहाँ पर विश्व को न्यूज पेपर पढ़ते हुए देखता है l विश्व उसे देख कर हैरान होता है फिर खड़ा हो जाता है l

दास - विश्व... क्या हम बात कर सकते हैं...
विश्व - जी क्यूँ नहीं...
दास - वह आज उन... टेररिस्टों के लीडर ने... सुपरिटेंडेंट सर जी को बुला कर... धमकी दी है...
विश्व - (पेपर को टेबल पर रख कर) क्या... क्या धमकी दी है...
दास - वह... यहाँ से एक महीने के अंदर भाग जाएगा... और भागते वक्त... सुपरिटेंडेंट सर जी का गला काट कर... जैल की दरवाज़े पर टांग कर जाएगा...
विश्व - क्यूँ...
दास - क्यूँकी... उन लोगों का भागने का प्लान फैल हो गया... और इन सबका जिम्मेदार वह लोग... सुपरिटेंडेंट सर जी को मान रहे हैं...
विश्व - तब तो आपको अपने डिपार्टमेंट को इन्फॉर्म कर देना चाहिए... और उनसे मदत लेनी चाहिए...
दास - विश्व... मैं अब क्या कहूँ... मेरी बेबसी को शायद ही... शब्दों में बयान कर सकूं... पर मेरे दिल में... कहीं ना कहीं यह महसूस हो रहा है... तुम सब जान पा रहे हो... या.. सब समझ चुके हो...
विश्व - मैं... मैं इसमें... क्या कर सकता हूँ...
दास - प्लीज विश्व.... अब मैं और क्या कहूँ... यह लोग कौन हैं... हम नहीं जानते... अगर अशरफ की बात में दम है... तो हम बहुत बुरी तरह से फंसे हुए हैं...
विश्व - हाँ यह तो सच है...
दास - (हैरानी से देखता है) क्या... यह... यह लोग कौन हैं.... तुम जानते हो...
विश्व - शायद...
दास - बैठो प्लीज... (विश्व बैठ जाता है और खुद भी विश्व के पास बैठ कर ) इस केस को... तुमने जैसा भी और जितना भी समझा है... प्लीज... मुझे बताओ...
विश्व - (एक गहरी सांस छोड़ते हुए) पहले मुझे भी लगा... यह लोग शायद टेररिस्ट हैं... पर फिर मैंने इतिहास में झांका... (न्यूज पेपर की रैक दिखाते हुए) ओड़िशा में कभी भी... आतंकवादी गतिविधि थी ही नहीं... बगैर गतिविधि के कहाँ से यह लोग आए और गिरफ्तार हो गए.... फ़िर (एक पेपर निकाल कर टेबल पर रख देता है) मैंने सारे न्यूज को बारीकी से पढ़ा... पढ़ने के बाद मुझे कुछ और ही महसुस हुआ...
दास - क्या...
विश्व - यह लोग.... स्मगलर हैं...
दास - व्हाट...
विश्व - हूँ... चूँकि... जगत पुर मस्जिद में... अज़ान देने आए लोगों नें.. उनके पास हथियार देखा था... इसलिए पुलिस को उन्होंने आतंकवादी होने की सूचना दी...
दास - तो... पुलिस ने... उनलोगों को गिरफ्त में लेकर... जो हथियार बरामद किए... वह बेशक विदेशी माउजर, पिस्टल और केट्रीज थे... इसलिए मीडिया में आतंकवादी बोल दिया... पर असल में वह लोग किसी के खास महमान थे... तभी उनको बचाने के लिए... सिस्टम से जुड़े कुछ लोगों के जरिए प्रयास शुरू हुआ...
दास - हाँ... यह हो सकता है... सुपरिटेंडेंट सर भी यही कह रहे थे...
विश्व - एसटीएफ पहले उनको अपने कब्जे में लेता है... उसके बाद जैल प्रशासन को ऑर्डर आता है... सिर्फ़ सात दिनों में... ईगलु सेल बनाने के लिए... जैल प्रशासन आदेश का पालन करते हुए... ना सिर्फ़ सेल बनाती है... बल्कि उनको वहाँ पर रख भी लेती है... पर ताजूब की बात यह है... की तिहार जैल में कसाब को जब एग सेल में रखा गया था... तब उसके सेल में होने से लेकर खाने पीने तक की हर छोटी से छोटी एक्टिविटी को... अपने न्यूज में छापने वाले... जिन कैदियों के लिए... इतना बड़ा ईगलु सेल बना... उस पर कोई लेख नहीं... कोई खोज नहीं... कहीं पर कोई चर्चा नहीं... बस यहीं पर मुझे शक़ हुआ... कुछ तो गड़बड़ है... पर क्या...
दास - यस ... पर क्या... फिर क्या पता लगाया तुमने...
विश्व - मैंने अपने दिमाग के घोड़े दौडाए... विदेशी मुज़रिमों को कैपिटल हॉस्पिटल से... कौन छुड़ा सकता है... जाहिर है... देशी मदत... और देशी मदत के पीछे क्या हो सकता है...
तब ध्यान आया... वह लोग सिर्फ कुछ ही हथियारों के साथ गिरफ्तार हुए हैं... पर कोई गोला बारूद नहीं असलहा नहीं... तब मैंने और पेपर खंगाले... तो एक बात समझ में आया... उनके पास कुछ प्रतिबंधित ड्रग्स की कुछ मात्रा में बरामदगी हुई थी... हो ना हो यह लोग... ड्रग्स स्मगलर हैं... (एक न्यूज पेपर दास के सामने खोल कर वह पन्ना दिखाता है) जिस मजहब के आड़ लेकर छुपे थे... उसी मजहब के अमन पसंद लोगों ने...उनको गिरफ्तार करवा दिया....
दास - ओ... पर मान लो... यह भाग भी जाते हैं... तब भी इनकी पहचान... आतंकवादी की ही रहेगी... हमारे राज्य में तो नहीं... पर दुसरे राज्य में तो एंटी टेररिस्ट स्क्वाड हैं... उनके हत्थे भी तो चढ़ सकते हैं...
विश्व - (न्यूज पेपर की बंडल रख देता है) कहीं पर भी... इन लोगों की तस्वीर नहीं छपी है... ना ही कहीं पर कोई पहचान... यहाँ तक जिस दिन गिरफ्तार हुए... उस दिन के फोटो में वह लोग साफ नहीं दिख रहे हैं....
दास - ऐसा क्यूँ...
विश्व - हूँ... बहुत ही वाज़िब सवाल है... तो इसका ज़वाब यह है कि... उस दिन सभी न्यूज पेपर वालों को... एक फूल पेज की ऐड मिली... (कह कर न्यूज पेपर टेबल पर खोल कर रख देता है, उस पेपर के पहली पन्ने पर... दास देखता है पुरा का पुरा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ओंकार चेट्टी के काम की प्रचार और शुभकामना वार्ता लिखा हुआ है)
दास - व्हाट... क्या यह तुम यक़ीन के साथ कह सकते हो...
विश्व - नहीं... पर मैं लॉजिक बिठा सकता हूँ...
दास - बिठाओ...
विश्व - जब भी... मेरा मतलब है जिस दिन... न्यूज पेपर में... इन आतंकवादियों के बारे में ख़बर छपी है ... उस दिन... पेपर पर फूल पेज ऐड भी छपा है... वह भी मुख पृष्ठ पर... कभी ओंकार चेट्टी की.... पर ज्यादातर वाई आइ सी फार्मास्यूटिकल्स की...
दास - ओ माय गॉड... पर ऐड से.. उनके साथ कैसे लिंक बिठा सकते हो...
विश्व - खुद ही देख लीजिए... बस यही लॉजिक है... आज के दौर में... खबर कैसा हो... लोगों के पास कौनसी खबर पहुंचे... यह या तो कुछ पॉवर फुल लोग... या फिर कोई बहुत बड़े बिजनेसमैन का पैसा तय करता है...
दास - वह लोग... कोई और तरकीब क्यूँ नहीं भिड़ा रहे हैं... हमला करने के पीछे मकसद क्या है...
विश्व - जिनको बचाने के लिए... पुरा सिस्टम लगा हुआ है... जाहिर सी बात है... उनके पास उतना बड़ा(अपनी दोनों हाथ को फैलाते हुए) कंसाइनमेंट होगा... इतना बड़ा की हमारी सोच वहाँ तक नहीं पहुँच सकती...
दास - अगर मकसद यही है... तो... हमे क्यूँ उलझा रहे हैं...
विश्व - ताकि यह खबर छपे... भुवनेश्वर सेंट्रल जैल में... दंगा हुआ... मौके का फायदा उठा कर... आतंकवादीयों को उनके साथी भगा ले गए... और इतने पुलिस वाले मारे गए... आखिर जिनके दोस्त फंसे हुए हैं... आतंकवादी बन गए हैं... भगाने के लिए कोई सालिड रीजन भी तो चाहिए... मेरा मतलब यह है कि... हलाल के लिए कोई बकरा तो चाहिए... और वह बकरा इस वक़्त पुरा...जैल प्रशासन है...
दास - ओह माय गॉड... (दास वहाँ से उठता है और वहाँ पर रखे फिल्टर से पानी पीने लगता है) वैसे विश्व... बाहर से हथियार बंद घुसने की कोशिश करेंगे... तो मारे जाएंगे...
विश्व - हाँ... वह तो है... पर अगर... एक ही समय पर... अंदर कोई दंगा हुआ... और उसी समय पर बाहर से हमला हुआ... तब दोनों के बीच... पुलिस वाले पीस जाएंगे...
दास - उनको अंदर कैसे हेल्प मिलेगा....
विश्व - दो बातेँ हो सकती हैं... पहली बात यह है कि... अगर जैल का कोई स्टाफ उनसे मिल जाए...
दास - और दुसरी बात...
विश्व - दुसरी बात... अब इन दस या पंद्रह दिनों में... कुछ कैदी आएंगे...जो पहले भी इस जैल में आ चुके होंगे... कुछ ऐसे कैदियों को दंगा करने के लिए ही भेजा जाएगा... जो बहुत ही प्रोफेशनल होंगे...
दास - विश्व... मुझे सुपरिटेंडेंट सर ने... स्ट्रिक्टली मना किया था... तुमसे कुछ भी कहने के लिए... उनका मानना है कि... यह लड़ाई कानून के नुमाइंदे और मुज़रिमों के बीच है... किसी आम लोगों से मदत ना लेने से मना कर दिया... अब मैं तुम्हारे सारे लॉजिक मान रहा हूँ... हो सकता है कि... हमारे स्टाफ में से कोई उनसे मिला हो... मैं... कोई रिस्क लेना नहीं चाहता... क्या तुम मेरी मदत करोगे....
विश्व - एक शर्त पर...
दास - कहो... मैं पुरी करने के लिए... जान लगा दूँगा...
विश्व - नहीं... जान नहीं... जुबान दीजिए... मेरा नाम कहीं पर भी नहीं आना चाहिए...
दास - यह क्या कह रहे हो.... अगर कामयाबी मिली तो तुम्हारा सजा माफ हो सकता है... तुम्हें आजाद कर दिया जाएगा... और तुम्हारा नाम सीक्रेट रखा जाएगा...
विश्व - ना... अदालत में... यह सजा मैंने खुद मांगा है... दास बाबु... इसे तो मैं पुरा करके ही जाऊँगा... आप बस अपना जुबान दीजिए...
दास - ठीक है दिया...
विश्व - हम अभी से जो भी करेंगे... सिर्फ़ हम दोनों ही करेंगे... किसी तीसरे को भनक भी नहीं लगनी चाहिए...
दास - ओके... तो अब बताओ... हमला कब हो सकता है... एनी आइडिया...
विश्व - (एक पेपर निकालता है और दास के सामने रखते हुए) इसी महीने की सत्ताइस तारीख को...

दास देखता है वह राज्य सरकार की सरकारी विज्ञापन है जिसमें आने वाले सत्ताईस तारीख़ को सी आर पी ग्राउंड में वाइब्रेंट ओड़िशा का एग्जिबिशन लगने वाला है l उस दिन देश विदेश से बहुत जाने माने बिजनेसमैन और इनवेस्टर अपनी अपनी स्टॉल लगायेंगे और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होगा l उस एग्जिबिशन में मुख्यमंत्री जी के साथ साथ बहुत से मंत्री और इंडस्ट्रीयलीस्ट भी होंगे l

दास - (यह खबर पढ़ कर अपना सर पकड़ लेता है) ओह माय गॉड... उस दिन भुवनेश्वर में.. वीआईपी और वीवीआईपीयों का जमावड़ा रहेगा... जाहिर सी बात है... उनके सिक्युरिटी के लिए पुलिस और ओएसएपी बटालियन वहीँ पर होंगे...
विश्व - बिल्कुल...
दास - हमे शायद ही सपोर्ट मिल सकेगा...
विश्व - सपोर्ट मिलने के लिए... उनके पास खबर भी तो पहुंचनी चाहिए...
दास - क्या... क्या मतलब है...
विश्व - क्या लगता है आपको... वह हमला करेंगे... और चाहेंगे कि आप... मदत के लिए किसीको बुला पाएं...
दास - मतलब... वह लोग हमारे सारे कम्युनिकेशन को तोड़ देंगे... कैसे...
विश्व - यह आप... मुझसे पूछ रहे हैं...
दास - वह लोग लैंडलाइन काट देंगे... जैमर से सिग्नल ज़ाम कर देंगे... इससे मोबाइल फोन काम नहीं करेगा... और वीएचएफ भी काम नहीं करेगा...
विश्व - हाँ...
दास - हे.. भगवान... अब हम क्या करें... अगर हम एक दुसरे से... कम्युनिकेट नहीं कर पाए तो...
विश्व - पुराने तकनीक इस्तेमाल कीजिए... इंटरकॉम हर किसी के पास पहुँचा दीजिए...
दास - उसमें सिर्फ अलर्ट कर सकते हैं... पर कॉमबैट के समय... वीएचएफ मददगार होता है.... (तभी अचानक उसके दिमाग की बत्ती जलती है) एक मिनट... एक मिनट... जैमर से वह लोग हाई फ्रीक्वेंसी को जैम कर सकते हैं... पर लो फ्रीक्वेंसी.... वह भी... फाइव टू थर्टी मेगा हज बैंड वीड्थ में... कम्युनिकेशन किया जा सकता है...
विश्व - यह टेक्नीकल बातेँ आप ही जानों... हाँ अगर आप मुझे लाइव प्रसारण करा सकें तो मेहरबानी होगी...
दास - कोई बात नहीं... मैं उपलब्ध करा दूँगा... तुम्हें दो वायर लैस... मेरा मतलब है... दो वॉकी टॉकी दूँगा...
विश्व - ठीक है...
दास - बस एक बात का अफसोस रहेगा कि... बगैर कम्युनिकेशन के ना हम एम्बुलेंस बुला सकते हैं... ना ही फायर ब्रिगेड... कैजुअलटी हुई तो बहुत होगा...
विश्व - आप कम्युनिकेशन करें या ना करें... एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड यहाँ पर होंगी जरूर...
दास - वह कैसे... (अचानक दास की आँखे फैल जाती है) ओह माय गॉड... इसका मतलब वह लोग... एम्बुलेंस से भागेंगे और उनको बचाने वाले फायर ब्रिगेड में...
विश्व - (कुछ नहीं कहता, सिर्फ मुस्करा देता है)
दास - इसका मतलब... एक वैल ऑर्गनाइज्ड क्राइम होगा... पुरे सेटअप के साथ...
विश्व - यह ध्यान रखिए... जो कैदी यहाँ कुछ दिनों में आने वाले हैं... वह लोग पहले भी आ चुके होंगे... जो जैल के हर चप्पे-चप्पे से वाकिफ़ होंगे... बाहर से जहां तक मुझे अंदेशा है... वह लोग वीएचएफ स्टेशन वाली दीवार को तोड़ कर घुसेंगे... क्यूंकि वह स्पेशल बैरक और मैन रोड़ के पास है... भागने में आसानी होगी...
दास - ह्म्म्म्म...
विश्व - और एक बात... बहुत ही खास और जरूरी बात... आपके आर्म्स एम्युनीशन रूम से सब निकाल कर दुसरी जगह शिफ्ट करा दीजिए... जो आपको और भरोसे के लायक लोगों को छोड़ किसी को भी मालुम ना हो... और एक खास बात...

विश्व दास समझाने लगता है l सब समझने के बाद दास और विश्व दोनों हाथ मिलाते हैं l

देर शाम का वक्त
तापस अपनी ड्रॉइंग रूम में दास और सतपती का इंतजार कर रहा है l कॉलिंग बेल बजती है

तापस - कॉम इन... दरवाज़ा खुला छोड़ा है... तुम्हारे लिए... आ जाओ...

दास और सतपती दोनों अंदर आते हैं l दोनों को तापस बैठने को इशारा करता है l दोनों बैठ जाते हैं, तापस बेड रूम की जाता है और धीरे से दरवाजा बंद कर वापस ड्रॉइंग रुम में आता है l

सतपती - सर... मैम...
तापस - डोंट वरी.. नींद की गोली दे कर सुला दिया है... सो.. लीव इट... अब बोलो... कोई वर्क आउट किया है... तुम लोगों ने...
सतपती - सर.. ऑनेस्टली स्पीकिंग... जब आपने कहा कि... हमे फंसाया जा रहा है... तब से फैंट था... दिमाग आउट था... सारी वर्क आउट दास ने किया है... और बहुत ही बढ़िया किया है सर...
तापस - हूँ.. दास... आई नो... ऐसा तुम्हीं कर सकते थे... अब बोलो क्या ढूँढा और क्या पाया...
दास - सर... सर आपके कहने पर मैंने... खोज बिन शुरू किया... और जो सामने आया... या आने वाला है... वह मैं बताने जा रहा हूँ...

कह कर विश्व ने जो आशंका और संभावना बताया था पुरा का पुरा व्याख्यान कर देता है l साथ में लाए वह पेपर दिखा देता है l जब तापस को इस में चेट्टी बाप बेटों की होने की बात पता चलता है, उसके आँखों में खुन उतर आता है l जबड़े भिंच जाते हैं l दास को इस बात का एहसास हो जाता है l वह चुप हो जाता है l थोड़ी देर बाद तापस को एहसास होता है कि वह पर्सनल हो गया है तब

तापस - स.. सॉरी... मैं थोड़ा... नहीं थोड़ा नहीं बहुत बहुत... पर्सनल हो गया... सॉरी... दास... गुड... वेरी गुड... वह लोग कब अटैक करेंगे कैसे करेंगे... हमारे पास पर्याप्त इंफॉर्मेशन है... हम कैसे रिटेलीयट करेंगे... कोई प्लान है या हम बनाएं...
दास - सर प्लान है... और आई थिंक... फूल प्रूफ...
तापस - मुझे मालुम था... तुम्हारे पास कुछ ना कुछ प्लान होगा... नहीं भी होता तो तुम बना लोगे... कॉम ऑन एक्सप्लैन...
दास - सर क्यूंकि हमे टाइम पता है... इसलिए अब जो भी कैदी... सत्ताइस तारीख के अंदर आयेंगे.... हम उन्हें... बैरक नंबर वन पर रखेंगे...
तापस - हूँ... ठीक है.... फिर...
दास - किसको कानो कान खबर ना हो... ऐसे हम एम्युनिशन रूम को बदल देंगे..., हम विएचएफ में थोड़ा बदलाव करेंगे कम्युनिकेशन के लिए....
तापस - हूँ... और अपने लोगों में से किसको... और कैसे तैयार करेंगे...
दास - सर उस रात के लिए... हम अपने तीस खास लोगों को चुनेंगे... रात की मॉकड्रील के नाम पर... हमारे दस वाच टॉवर हैं... हर एक टॉवर पर दो गार्ड्स डिप्लॉय करेंगे... हर एक टॉवर पर... एक एक सर्च लाइट है... हम और एक बढ़ा देंगे...
तापस - हूँ... यह हो गए बीस... और दसों को...
दास - सर हम पांच बंकर बनाएंगे... एक पावर हाउस के पास... दुसरा मैन ऑफिस के पास... तीसरा बैरक नंबर दो और तीन के पास... चौथा स्पेशल बैरक के पास... और पांचवां... विएचएफ ऑफिस के पास....
तापस - यह सब ठीक है... यह दो और तीन नंबर बैरक के पास क्यूँ...
दास - एक्शन डे के दिन... हम सारे क़ैदियों को... दो और तीन नंबर बैरक पर भेज देंगे... ताकि उनको आड़ लेकर... कोई उन्हें ह्यूमन शील्ड ना बना दें...
तापस - वेरी गुड... अब एक्शन डे के दिन... क्या करेंगे और क्या हो सकता है... ब्रीफ करो...
दास - सर... अटैक शाम को डिनर के वक्त होगा... इसलिए... उस दिन डिनर सबको जल्दी करा देंगे... पर एक नंबर के बैरक वालों को रूटीन टाइम पर ही कराएंगे... इसलिए एक्शन के बीच कोई आम कैदी नहीं आएगा... उसके बाद उनको सिग्नल भेजा जाएगा... हम उनकी मदत करेंगे... जब जैमर से सिग्नल जाम करेंगे... सर वह लोग पावर काट कर... ब्लैक आउट करने की कोशिश करेंगे... इसलिए हम पावर हाउस को... 24/7 जनरेटर से जोड़े रखेंगे... सर उनकी कामयाबी के लिए अंधेरा चाहिए... हमें रौशनी बनाए रखना है... पावर कट के बाद सबसे बड़ा हमला... पावर स्टेशन पर ही होगा... हम सभी सर्च लाइट को फंक्शन में लेंगे... फ़िर जब वह लोग अंदर आयेंगे... हम उनका स्वागत... गोलियों से करेंगे...
तापस - ह्म्म्म्म... ठीक है... तो अब यह एनश्योर करो... हमारे सबके पास बुलेट प्रूफ भेस्ट, बुलेट प्रूफ थाई पैड और बुलेट प्रूफ आर्म पैड हो... राजनीति वालों से लेकर सिस्टम वालों तक... हमे कम कर आंका है... लेट अस प्रुव देम रॉंग.. एंड टीच दोज बास्टर्डस् अ लेशन... वीथ जीरो कैजुअल्टी....

दोनों - यस सर

एक्शन डे
शाम को दास चुपके से विश्व के पास आता है l विश्व अपने सेल में ध्यान की मुद्रा में बैठा हुआ है l

दास - विश्व... ऐ.. विश्वा..
विश्व - (अपनी आँखे खोलता है) हूँ... कहिए... दास बाबु...
दास - (अपनी भेस्ट से दो वॉकी टॉकी निकाल कर विश्व को देता है) यह लो... देखो इसमे (एक वॉकी टॉकी को दिखाते हुए) तीन नंबर चैनल पर तुम हम सबकी बातें सुन पाओगे... और इसमे (दुसरा वॉकी टॉकी दिखाते हुए) सात नंबर पर... मैं तुम्हारे साथ कॉन्टैक्ट में रहूंगा...
विश्व - (दोनों वॉकी टॉकी ले लेता है) ह्म्म्म्म... जहाँ मेरी ज़रूरत पड़ेगी.... बेझिझक बोल दीजिएगा...
दास - ज़रूर... और.. थैंक्यू वेरी मच...

इतना कह कर दास वहाँ से चला जाता है l प्लान के मुताबिक पहले ही सारे पुराने कैदियों को दो और तीन नंबर बैरक पर शिफ़्ट कर दिया गया था l जो नए कैदी आए थे उन्हें एक नंबर के बैरक में ठहराया गया था l पहले पुराने कैदियों का बगैर हुटर के डिनर खतम करवा दिया गया और उन सबको दो और तीन नंबर बैरक में भेज दिया गया l नए कैदीयों के लिए डिनर का हुटर बजाया गया, विश्व के अनुमान हिसाब से यही हुटर ही उनके लिए सिग्नल का पहला पड़ाव था l वे लोग बैरक से निकल कर डायनिंग हॉल में आ कर थाली के लिए लाइन में खड़े होते हैं l तभी वहाँ के माइक पर तापस की आवाज़ गूँजती है
तापस - शुभ संध्या दोस्तों.... आज आपके आतिथेय के लिए यहाँ पर... बुफे का इंतजाम किया गया है... इसलिए डिनर का आनंद लें और अपने बैरक में जा कर विश्राम लें....

सभी नए कैदी देखते हैं थाली और खाना सजा हुआ है l नए क़ैदियों के लीडर समझ जाता है कि उनका प्लान लीक हो गया है l वह तुरंत अपने जेब से मोबाइल निकाल कर किसीसे बात करता है l सीसीटीवी पर यह दास को दिखता है l वह तुरंत वायर लैस से तापस को कहता है l और फ़िर विश्व को भी बताता है l
वह लीडर अपनी इंफॉर्मेशन पास करने के बाद सारे कैदियों को कहता है

-भाई लोग... हमें यह लोग चुतिआ बना दिए हैं... पर हमको अपना काम करना ही है... एक काम करो... हर एक तुममें से एक थाली और एक ग्लास लो... दोनों थाली और ग्लास बजाते हुए.... नारा देते हुए... बाहर राउंड मारेंगे... वह भी जैलर को गाली देते देते... चलो सब...

वह सारे कैदी वही करते हैं l हर एक कैदी के हाथों में एक थाली और एक ग्लास लेकर बजाते हुए डायनिंग हॉल से निकल कर बाहर ग्राउंड में आ जाते हैं l नारा लगाते हुए ग्राउंड की चक्कर लगाना शुरू करते हैं l उनमें से कुछ कैदियों के हाथ में ड्राई आइस वाला फायर एस्टींगुइशर भी होता है l
सीसीटीवी में यह देख कर दास के मुहँ से अपने आप निकल जाता है l
"वाह विश्व... क्या अनुमान लगाया था तुमने... बिल्कुल वैसा ही हुआ"
दास - (वॉकी टॉकी पर) बॉयज... क्लोज द हॉल... लीव द स्पॉट एंड टेक योर पोजिशन...

यह मैसेज उन गार्ड्स के लिए था l जिनको डायनिंग हॉल के किचन में छुपाया गया था के कहीं हॉल में ही वह कैदी आपस में मार पीट शुरू कर ना दें l चूँकि वह कैदी अब हॉल से बाहर थे l डायनिंग हॉल को अंदर से बंद कर किचन की एक्झस्ट फैन को निकाल कर उसी रास्ते से तीन गार्ड्स बाहर चले जाते हैं l

उधर जैसे ही वह सारे कैदी स्पेशल सेल वाली बैरक के पास पहुंचते हैं उनका लीडर फिर से फोन लगाता है l उसके फोन बंद करने के तुरंत बाद ही जैल के बाहर एक गाड़ी बड़ी स्पीड से पहुंचती है और एक बड़ा सा बैग को एक आदमी उठा कर अंदर फेंक देता है l तभी जैल और आसपास ब्लैकआउट हो जाता है l
कुछ कैदी वहीँ स्पेशल सेल के पास रुक कर थाली और ग्लास पीटते रहते हैं और कुछ कैदी बाग कर उस बैग के पास पहुँचते हैं l तभी जनरेटर चालू हो जाता है और लाइट्स वापस आ जाता है l पर तब तक कुछ कैदी उस बैग तक पहुँच कर बैग उठा लेते हैं और एक पेड़ के ओट में चले जाते हैं l उस बैग से उन लोगों को माउजर, पिस्टल, गोलियां कैट्रीज और कुछ बम मिल जाते हैं l वह लोग भी फुर्ती दिखाते हुए बम फेंकने लगते हैं जिससे हर तरफ धुआँ धुआँ हो जाता है l

दास - ओह शीट.. (तापस को वायर लैस पर) उन लोगों को स्मोक बम मिल गया है... और उन्हों ने इस्तमाल भी कर दिया है...
तापस - डोंट बी पैनिक... सर्च लाइट से हर एक पर नजर रखने की कोशिश करो... ध्यान रहे... गोली चलाने की नौबत आने पर ही गोली चलानी है...
दास - ओके सर... (वायर लैस पर) ऑल सर्च लाइट स्पॉट ऑन देम...

सारी सर्च लाइट उन लोगों पर फोकस हो जाती है l पर कुछ कैदी अपनी एक्टिविटी को स्मोक बम के धुएँ के आड़ में अपनी अपनी हाइडिंग पॉइंट बना लेते हैं और सर्च लाइट की ओर गोलियाँ चलाने लगते हैं l कुछ कैदी एम्युनीशन रूम की ओर जाते हैं और कामयाब भी हो जाते हैं l पर कुछ देर बाद उन्हें यह भी मालुम हो जाता है कि एम्युनीशन रूम खाली है l उन्हें यह भनक लगते ही वह कैदी धुएँ के आड़ लेकर वापस डायनिंग हॉल की तरफ भागते हैं l यह देख कर दास को कुछ शक़ होता है I

दास - विश्व.. विश्वा..
विश्व - जी दास बाबु...
दास - एक गड़बड़ है...
विश्व - क्या...
दास - इनमें से कुछ लोग हमें एनगैज कर रखा है... और कुछ लोग डायनिंग हॉल के तरफ जा रहे हैं... यह वही हैं... जो एम्युनीशन रूम पर कब्जा कर लिया था...
विश्व - आपने डायनिंग हॉल बंद करवा दिया है ना...
दास - हाँ... पर अगर वह लोग दरवाजा तोड़ कर अंदर घुसे... तो गड़बड़ हो जाएगी...
विश्व - क्या गड़बड़... कहीं...
दास - हाँ.. हाँ... बिल्कुल... तुमने सही अंदाजा लगाया है... वह लोग गैस सिलिंडर को अपने कब्जे में लेकर... दो या तीन नंबर बैरक के कैदियों को हॉस्टेज फिर ह्यूमन शील्ड बना सकते... तुम कुछ कर सकते हो...
विश्व - मैं क्या कर सकता हूँ... मैं तो यहाँ पर बंद हूँ...
दास - नहीं... मैंने तुम्हारे सेल का दरवाजा खुला रख छोड़ा है...
विश्व - ठीक है... पर मैं जाऊँ कैसे...
दास - एक काम करो... तुम अपने सेल से निकल कर दो नंबर बैरक के कॉमन टॉयलेट पर पहुँचो... उस टॉयलेट में पीछे के तरफ एक्जिट डोर है... वहाँ से निकल कर दाएँ कुछ दूर जाओगे तो तुम डायनिंग हॉल के किचन के पीछे पहुँच जाओगे...अंधेरा होगा वहाँ पर... पर आई थिंक तुम्हारे आँखों को अंधेरे की आदत हो जाएगी... एक्झस्ट फैन नहीं होगा... देखना... उसी रास्ते से अंदर जाओ और किचन को अच्छी तरह से अंदर से बंद कर देना... मैं दो गार्ड्स को लेकर वहाँ पर पहुँच जाऊँगा... तब तक शायद उनकी गोलियाँ भी खतम हो जाए... हम आकर उन्हें दबोच लेंगे... बस तुम किसी तरह से वहाँ पहुँच जाओ...
विश्व - हाँ मैं पहुँच गया...
दास - व्हाट... तत्.. तुम पहुँच गए... यार तुम आदमी हो के भूत.. मैं तो तुम्हें रास्ता बता रहा था...
विश्व - वह सब छोड़िए... वाकई यह लोग दरवाज़ा तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं...
दास - हाँ... तुम बस किचन की डोर को बंद कर निकल जाओ... मैं वहाँ पहुँचने की कोशिश करता हूँ...
विश्व - ठीक है... जब तक आप यहाँ नहीं पहुँचते... यह लोग किचन तक नहीं पहुँचेंगे..
दास - देखो विश्व.. वह लोग हथियार बंद हैं... तुम उनसे एनगैज्ड मत हो जाना...
विश्व - नहीं...

विश्व वायर लैस को किचन के स्टोव के पास रख देता है l फ़िर वह वॉशरुम जा कर सारे टाप खोल देता है l फ़िर एक नजर दरवाजे पर डालता है और हॉल में लगे बिग साइज वाटर प्यूरीफायर के इनपल्स लाइन को तोड़ देता है l इससे पुरे हॉल के फर्श पर पानी फैल ने लगता है I विश्व फिर दुसरी तरफ खिड़की के पास जा कर पर्दे खिंच कर निकाल देता है और उन पर्दों को दरवाजे के पास फ़र्श पर डाल कर वहीँ बैठ जाता है l

उधर कैदियों ने ड्राई आइस वाला एस्टींगुइशर इस्तमाल करके स्पेशल सेल की ताला तोड़ देते हैं l सीसीटीवी पर यह देखते ही दास विश्व को कॉन्टेक्ट करने की कोशिश करता है पर कर नहीं पाता l उसी वक़्त दास को तापस वायर लैस से कहता है

तापस - दास..
दास - यस सर...
तापस - तुम और दो गार्ड्स के साथ... स्पेशल सेल के पास एनगैज रखो...
दास - पर सर...
तापस - डोंट वरी... फ़िलहाल के लिए.. बाहर से अभी भी कोई एक्टिविटी नहीं... एंड गार्ड्स छह-सात ओर नौ नंबर सर्च टॉवर से डायनिंग हॉल को एनगैज रखो... और सतपती कुछ भी हो... पावर हाउस तक वह लोग पहुँचने नहीं चाहिए...
दास और सतपती - यस सर...

दास कुछ गार्ड्स को लेकर ऑफिस वाले बंकर तक पहुँच कर स्पेशल सेल के पास छुपे कैदीयों पर फायरिंग शुरू करता है l चूँकि जानकारी और तैयारी पहले से ही थी इसलिए तापस और उनके ग्रुप्स को जबरदस्त एडवांटेज मिल चुका था l कैदियों के तरफ से कैजुअलटी बढ़ रहा था l
तभी तापस देखता है बाहर के कैमरे एक एक करके बंद होने लगते हैं l तापस समझ जाता है अब बाहर से हमला होने वाला है l

तापस - बंकर नंबर पाँच..
- यस सर
तापस - तुम दोनों.. बंकर नंबर दो पर पहुँचो... और दास की मदत करो...
- यस सर...
तापस - बंकर नंबर तीन..
- यस सर...
तापस - क्या पोजीशन है...
- सर उनका.. टू कैजुअलटी... हमारे साइड जीरो... प्रॉब्लम यह है कि... वह स्मोक वाल और पिलर्स के गार्ड में हैं... सर वॉच टॉवर अगर कवर फायर करे तो हम हम वहाँ पहुँच सकते हैं...
तापस - नहीं... कुछ भी हो... तुम लोग अपनी पोजिशन नहीं छोड़ोगे...
- ओके सर...

तापस अपना एसएलआर उठाता है और ऑफिस के अंदर से पोजीशन लेता है l कुछ देर बाद वीएचएफ के बगल वाली दीवार पर एक ज़ोरदार धमाका होता है और पुरा का पुरा दीवार ढह जाता है l सबकी ध्यान उस तरफ जाता है l तभी उसी टूटी हुई दीवार से एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी तेजी से घुसती है और अंदर आते आते गाड़ी से एक ग्रैनेड़ पावर स्टेशन के पास हीट करता है l एक और धमाका होता है l

तापस - सतपती... आर यु ओके...
सतपती - यस सर... नथींग टू वरी... जनरेटर हिट बाहर हुआ है... वह लोग चूक गए...
तापस - थैंक् गॉड...

वह फायर ब्रिगेड की गाड़ी जाकर डायनिंग हॉल के पास रुकती है सभी वॉच टॉवर से उस फायर ब्रिगेड गाड़ी पर फायरिंग होने लगती है l

तापस - (वायर लैस पर) रुक जाओ सभी... यह एक डाइवर्जन... है... सब अपने अपने पोजिशन पर डटे रहो...
बंकर नं तीन -(तापस से) सर वह गाड़ी ने पुरी तरह से... डायनिंग हॉल की एंट्रेंस को गार्ड कर लिया है...
तापस - देन मेक मि शोर... कोई वहाँ से निकल ना पाए....
- ओके सर...
दास - (सात नंबर चैनल पर) विश्व... आर यु देयर... अगर हो तो बहुत बड़े खतरे में हो... (विश्व से कोई जवाब नहीं मिलता है) ओ.. ह.. डैम...

फायर ब्रिगेड की गाड़ी से पाँच आदमी उतर कर वहाँ के कैदियों को जॉइन करते हैं और अब एंट्रेंस की दरवाज़े को तोड़ने की कोशिश करते हैं l थोड़ी कोशिश के बाद वह दरवाज़ा खुल जाता है l दस लोग डायनिंग हॉल के टूटे दरवाज़े से घुसने लगते हैं कि तभी आगे वाले दो आदमी फिसल कर गिरते हैं और इससे पहले कोई कुछ समझ पाता चाबुक की तरह गिले कपड़े की मार लगने लगती है जिसके वजह से चार आदमी दो तरफ गिर जाते हैं l
असल में विश्व दरवाजे के पास खिड़की से निकाले पर्दों को फर्श पर गिरा दिया था जिससे पर्दे गिले हो गए थे जैसे ही दरवाजा तोड़ कर वह लोग अंदर आए विश्व अचानक से उन गिले पर्दों को फर्श पर उठा कर खिंच लिया और जोर जोर से मोड़ कर चाबुक जैसे घुमाते हुए उन लोगों तक फेंकते हुए फटाक से अपने पास खिंच लेता है जिससे ठाय की आवाज़ के साथ मार चाबुक की तरह लगती है l छह लोग नीचे गिर जाते हैं और चार लोग पीछे हट कर पहले बाहर दीवार के पीछे हो जाते हैं l अंदर जब वह छह संभल कर उठते हैं विश्व अपने पांचो गुरू डैनी, वसंत, चित्त, हरीश और प्रणव को याद कर उन पर टुट पड़ता है l उनके साथ लड़ते हुए विश्व समझ जाता है वह लोग बहुत ट्रेन्ड हैं l इसलिए विश्व डैनी की कही बातों पर अमल करते हुए लड़ाई को जल्द खतम करने की कोशिश करता है l उनमें से तीन को पटक ने के बाद अचानक बाहर से उसपर गोली बरसने लगता है l विश्व फुर्ती से छलांग लगाता है और गिले फ़र्श पर फिसलते हुए किचन में घुस जाता है l किचन में हो रही गोलीबारी से दास समझ जाता है विश्व वहीँ पर है l दास ना तो अपना पोजीशन छोड़ सकता था और ना ही विश्व के पास पहुँच सकता था l वह सिर्फ़ भगवान से प्रार्थना कर रहा था l विश्व को कुछ ना हो l उधर डायनिंग हॉल में तीनों जो गिर गए थे वह उठ नहीं पाते हैं तो उन तीनों को वहीँ छोड़ कर वह सात किचन की की धीरे धीरे बढ़ने लगते हैं l चूँकि फर्श पानी पानी हो चुका था इसलिए उन लोगों के चलने से छ्प छ्प की आवाज़ आने लगती है l विश्व किचन में अपना नजर घुमाने लगता है तो उसे सात आठ सब्जी काटने वाले चाकू दिख जाते हैं l वह बिना आवाज किए उन चाकुओं को उठा लेता है और खुदको किचन स्टोव की ओट में छुपा लेता है l
अचानक उसे एक गन दिखता है l विश्व बिना देरी किए चाकू फेंकता है l अचूक निशाना, चाकू उस गनर के हाथ में लगता है तो उसके हाथ से छूट जाता है और वह गनर चिल्लाते हुए पीछे हट जाता है l तभी विश्व की छटी इंद्रिय उसे खतरे आभास करा देता है l विश्व अपने दाएं तरफ किचन के फर्श पर छलांग लगाता है और उसी वक़्त उन लोगों में से एक अंदर की ओर एसएलआर को फायर करते हुए किचन की फर्श पर छलांग लगाता है l दोनों एक दूसरे के विपरित दिशा में छलांग लगा चुके हैं और दोनों ने अपने हथियार चलाएं हैं l पर बाजी विश्व मार लेता है l उस आदमी को चाकू लग जाता है l चाकू लगने से उस आदमी की हाथ मुड़ जाती है और उसके गन की फायर से दरवाजे के पास खड़े चार लोगों को लग जाता है l जो दो लोग और बचे थे वह अपने कदम पीछे खिंचने लगते हैं l उनमें से एक चिल्लाने लगता है, बैक अप ... बैक अप...

दास बैक अप सुनते ही,इत्मीनान की साँस लेता है l तभी एक एंबुलेंस अंदर घुस जाती है और बैक करते हुए स्पेशल सेल के एंट्रेंस पर लगा देता है l अब तक पुलिस वालों को छोड़ अशरफ को छुड़ाने आए लोगों की कैजुअलटी बहुत हो चुकी है l अब कुछ ही लोग बचे हुए हैं l
तापस अब अपने ऑफिस से निकल कर बाहर झांकता है, उसे कोई और गाड़ी नहीं दिखती है l पर वह समझ जाता है l आस पास और भी गाडियाँ हो सकती है l इसलिए वह एक ख़तरनाक कदम उठाता है l तापस अंदर की तरफ खुलने वाली गेट को खोलता है और अपनी गाड़ी को स्टार्ट कर टूटी हुई दीवार को सटा कर गाड़ी को खड़ा कर देता है l कुछ फायरिंग तापस की ओर होने लगता है l तापस को ऐसे खुले आम गोलीबारी के बीच कार में फंसे देख कर सतपती से रहा नहीं जाता वह दो गार्ड्स को ऑफिस के हाइडींग पॉइंट पर भेज कर उनकी कवर फायरिंग के सहारा ले कर तापस को कवर फायर देते हुए तापस के पास पहुँच जाता है l तापस सतपती को देख कर बिदक जाता है l कार की ओट में आ जाते हैं

तापस - व्हाट इज़ दिस सतपती...
सतपती - सर आप ही ने कहा था... जीरो कैजुअलटी... फ़िर आपको ऐसे खुले में कैसे छोड़ सकता था...
तापस - पर... देखो क्या हो गया... तुमने पावर स्टेशन खाली छोड़ दिया...

तापस की बात पुरी भी नहीं हुई थी कि पावर स्टेशन पर एक ग्रैनेड गिरता है l बूम... पावर स्टेशन उड़ जाता है l हर तरफ अंधेरा हो जाता है l बाजी जो अभी तक तापस एंड ग्रुप के हाथ में था अब सरक कर अशरफ को बचाने वालों के हाथ आ गई l अंधेरा होते ही अशरफ और उसके साथी ऐंबुलेंस चढ़ जाते हैं गाड़ी जब उसी दीवार की तरफ जाती है तो सभी वॉच टॉवर से गोलियाँ बरसने लगती हैं, पर तब तक ऐंबुलेंस तापस की गाड़ी के पास पहुँच जाती है l ऐंबुलेंस की हेड लाइट में तापस उन लोगों को साफ दिखने लगता है I अशरफ निशाना लगा कर गोली चलाता है तापस जंप लगा कर एक कोने में गिर जाता है, ओर उसके हाथ से एसएलआर छूट जाता है l तभी एक पोर्टेबल माइक से

अशरफ - होल्ड योर फायर... अगर एक भी गोली चली... तुम्हारा जैलर गया... (हर ओर से फायरिंग रुक जाता है) वाह सुपरिटेंडेंट... मानना पड़ेगा... मेरी हर चाल को समझ जाता है तु... पर अल्लाह आज मुझ पर मेहरबान है... (फ़िर चिल्ला कर) जो जहां है... वहीँ रहे वरना... इस जैलर की बिना सिर वाली जिस्म छोड़ जाऊँगा... (गोली बारी रुक जाती है) मेरे साथियों... मेरे पास आओ... और मेरे साथ चलो...

सभी जो बच गए थे वे सभी ऐंबुलेंस के पास भागते हुए आते हैं l अशरफ सब पर नजर डालता है

अशरफ - बहुत से साथी हमारे... शहादत दिए हैं आज... अल्लाह उनको जन्नत से नवाजे... उनके शहादत के बदले... उनके लिये...... (तापस से) तेरा सिर तो बनता है जैलर...

तभी दास के वायर लैस पर हल्की सी आवाज आती है l चूंकि दास उनसे दूर था इसलिए अशरफ गैंग वाले सुन नहीं पाते l

दास - (धीरे से) वि.. विश्व..
विश्व - आप उसे बातों में उलझाए रखें... सिर्फ़ दो मिनट के लिए... और वॉच टॉवर से गोली ना चले यह देखिए...
दास - (धीरे से) ठीक है... (वायर लैस को अपने हाथ में लिए चिल्लाता है) अशरफ साहब... मैं आपसे कुछ बात करना चाहता हूँ...
अशरफ - अच्छा... आजा... पर अकेले... वरना...
दास - ठीक है...(दास अपनी वायर लैस से) कोई फायर नहीं करेगा... जब तक मैं ना कहूँ...
सभी जो वायर लैस से कनेक्टेड थे - ओके सर...

दास वहाँ पहुँचता है तो उसे भी गन पॉइंट पर ले लिया जाता है l दास देखता है चार लोग शायद ऐंबुलेंस से आये थे यह तीन कैदियों को बचाने वाले छह लोग थे दो लोग डायनिंग हॉल से दो लोग सब मिलाकर पंद्रह लोग l पर चूँकि उनके स्पॉट लाइट पर तापस आ गया, इसलिए बाजी पलट गया l पर उसे उम्मीद है क्यूंकि उनका सीक्रेट हथियार, जिसके बारे में यह लोग नहीं जानते l दास को कब्जे में लेते ही

अशरफ - वह क्या बात है... मार्केट में ऑफर में एक के साथ एक फ्री होता है... यहाँ तो दो दो फ्री मिल गए... (अपने लोगों से) इस कार को.. (तापस की गाड़ी को दिखाते हुए) यहाँ से हटाओ...

चार बंदे कार को धक्का मार कर हटाने की कोशिश करते हैं l और कुछ बंदे तापस, सतपती और दास को ज़बरदस्ती ऐंबुलेंस में बिठाने लगते हैं l तभी सट सट चाकू आकर उन लोगों को लगते हैं l जिन जिन को लगता है वह लोग दर्द के चिल्लाते हुए तापस, सतपती और दास को छोड़ देते हैं l तापस हैरान हो जाता है क्यूंकि वहाँ पर विश्व पहुँच चुका है l इससे अशरफ गैंग कुछ समझ पाते विश्व बिजली की फुर्ती से अशरफ पर फ्लाइंग किक मारता है l अशरफ गिर जाता है दो स्पिन किक दो साथी उसके गिर जाते हैं l इतने में दास उनसे एक एसएलआर हासिल कर देता है और उन चारों पर फायर कर देता है जो कार धकेल रहे थे l सतपती भी एक माउजर हासिल कर उन घायल बंदों पर हमला बोल देता है l उनमें से एक आदमी आकर अशरफ के पास गिरता है, अशरफ देखता है उसके कंधे पर एक चाकू धंसा हुआ है l अशरफ भी फुर्ती दिखाते हुए वह चाकू निकाल कर तापस की ओर छलांग लगा देता है l विश्व तापस को अपनी तरफ खिंच लेता है और अशरफ के सामने आ कर डॉज करता है पर इसबार विश्व थोड़ा लेट हो जाता है l उसके कंधे पर चाकू उतर जाता है l विश्व की भी चीख निकल जाता है l तापस अभी तक जो शॉक में था विश्व की चीख सुनते ही होश में आता है नीचे पड़े एक पिस्टल को उठा कर अशरफ को गोली मार देता है l दास और सतपती भी सब पर अपने हथियार का मुहँ खोल देते हैं l अब वहाँ पर रेस्क्यू गैंग वालों के सबकी लाशें बिछ जाती है l जैल में कैजुअलटी के नाम पर सिर्फ़ विश्व ज़ख्मी हो जाता है l सतपती टूटे हुए दीवार के पार एसएलआर से गोली बरसाने लगता है l बाहर जो भी गाडियाँ अंधेरे में पार्क थी, वह गाडियाँ और वहाँ पर नहीं रुकती, कुछ ही देर में जैल की बाहर सभी गाडियाँ गायब हो जाते हैं l तापस विश्व के पास आता है l विश्व अपने कंधे को पकड़ कर खड़ा हुआ है l एक नजर विश्व की ओर देखता है और एक नजर दास पर डालता है l दास अपना सिर झुका लेता है l

अगले दिन
कैपिटल हॉस्पिटल में
प्रतिभा बद हवास हो कर पहुँचती है l उसे दास मिलता है उसे वह तापस की बारे में पूछती है l दास उसे वार्ड नंबर बताता है l प्रतिभा भागते हुए उस वार्ड के बाहर पहुँचती है l बाहर ही उसे तापस सही सलामत मिल जाता है l प्रतिभा उसे देख कर गले से लग जाती है और फुट फुट कर रोने लगती है l

तापस - जान... रो मत... मैं ठीक हुँ...
प्रतिभा - (फुट फुट कर रोते हुए) आपको कुछ हो जाता तो...
तापस - हाँ हो सकता था... पर किसीने मेरे पर हमले को अपने ऊपर ले लिया... सच कहूँ तो... आज हम सब सही सलामत उसीके वजह से हैं...
प्रतिभा - (रोना रुक जाता है, सिसकते हुए) क.. क्या.. क.. क. कौन है... वह...
तापस - जा कर मिल लो... वह रहा (वार्ड की तरफ दिखाते हुए)

प्रतिभा के आँखों में आंसू तर रहे हैं I अपनी भीगी आँखों से बेड की तरफ देखती है l उसे आँसुओं के वजह से सब झीनी झीनी दिख रही है l उसे बेड पर प्रत्युष दिखता है l प्रतिभा के दिल में एक हूक सी उठती है l अपनी हाथों से आँखों को साफ करती है तो बेड पर एक अनजान सा चेहरा दिखता है पर उसे अपना लगता है l

प्रतिभा - क.. क..कौन हो तुम... क्या नाम है तुम्हारा...
विश्व - जी.. विश्व प्रताप...
प्रतिभा - प्रताप... (जोर से कहते हुए) प्रताप मेरे प्रताप... (विश्व को गले लगा लेती है)

तापस के द्वारा फ्लैशबैक समाप्त

खान - ओह... तो उसके प्रताप नाम से ही भाभी जी ने उसे अपना बेटा मान लिया....
प्रतिभा - (अंदर आते हुए) नहीं खान भाई साहब... प्रताप एक वजह तो है... पर उसे उस वक़्त देखते ही... मेरे अंदर की ममता... हिलोरे लेने लगी...(सोफ़े पर बैठते हुए) इसलिए वह मेरा बेटा बन गया... हक़ से... उसने मेरी माँग भी बचाया था...
खान - ओह... तो फिर आपने केस रिओपन क्यूँ नहीं करवाया...
प्रतिभा - मैंने करने की जिद की थी... पर उसे डर था... कहीं मेरी हालत... जयंत सर के जैसा ना हो जाए...
खान - ओह... क्या इसी लिए... वह लॉ कर रहा है...
प्रतिभा - हाँ....
खान - पर उसने आपको ही क्यूँ गुरु बनाया... मेरा मतलब...
तापस - हाँ यह बात मैंने भी पूछा था... जवाब में उसने कहा था... माँ से बढ़ कर कोई गुरु हो ही नहीं सकता... बस इतना कह कर मुझे लाज़वाब कर दिया.... बस यही कहानी है... विश्व की हमारी जीवन में... बस...
खान - बस इतना ही...
तापस - हाँ बस इतना ही...
खान - पता नहीं क्यूँ... पर मुझे लगता है... तुमने मुझे पुरी बात नहीं बताई...
तापस - क्यूँ... तुम्हें ऐसा क्यूँ लग रहा है...
खान - लग नहीं रहा... बल्कि मैं जानता हूँ... तुमने एक बात मुझे नहीं बताई....
तापस - (अपनी भवैं सिकुड़ कर) कौनसी बात....
खान - यही की (थोड़ा सस्पेंस बढ़ाते हुए) विश्वा ने जैल के भीतर.... (प्रतिभा की धड़कन बढ़ जाती है) यश वर्धन चेट्टी का खुन कर दिया था...
WTF! Pehla reaction yahi nikalta hai aakhiri line padhne ke baad... Yash Vardhan Chetty ki maut ho chuki hai, ye bilkul bhi expect nahi kiya tha maine, mujhe yahi laga tha ke present mein jail se riha hone ke baad hi Vishwa apna badla shuru karega... Par ye to ek naya hi mod aa gaya yahaan par... Khair, ab ye dekhna interesting hoga ke Yash ko jail kyun huyi aur kya usse jail pahunchane mein Vishwa aur Senapati Couple ka haath to nahi tha?

Idhar Vishwa ne flashback mein kiss tarah apni soojh boojh se unn kaidiyon ka plan fail kiya wo kaabil e taareef tha... Wahin Iss beech ek aur baat baahar aayi aur wo ye ki Das Babu ka role aage chalkar aur bhi important ho sakta hai, kyonki abhi tak Das behad hi samajhdar prateet hua hai...

Wahin Khan ko Yash ki maut ke baare mein maaloom kaise chala ye bhi ek sawaal hai, aur agar Khan ko pata hai to kya Kshetrapal bandhuon ko iss baat ki jaankari nahi hogi ke Yash ko Vishwa ne hi maara tha?

Khair, bahut se sawaal hain aur agle ek se do update mein sabhi par se parda uth hi jaayega... Meanwhile, Flashback khatam ho chuka hai aur ab jald hi kahani present mein aa jaayegi... Btw. This was one of the best Flashbacks I have ever read on this forum, interesting to the fullest and never felt bored while reading it!

Excellent Update Bhai & Waiting For Next One...
 
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Mastmalang

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Kala Nag

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WTF! Pehla reaction yahi nikalta hai aakhiri line padhne ke baad... Yash Vardhan Chetty ki maut ho chuki hai, ye bilkul bhi expect nahi kiya tha maine, mujhe yahi laga tha ke present mein jail se riha hone ke baad hi Vishwa apna badla shuru karega... Par ye to ek naya hi mod aa gaya yahaan par... Khair, ab ye dekhna interesting hoga ke Yash ko jail kyun huyi aur kya usse jail pahunchane mein Vishwa aur Senapati Couple ka haath to nahi tha?

Idhar Vishwa ne flashback mein kiss tarah apni soojh boojh se unn kaidiyon ka plan fail kiya wo kaabil e taareef tha... Wahin Iss beech ek aur baat baahar aayi aur wo ye ki Das Babu ka role aage chalkar aur bhi important ho sakta hai, kyonki abhi tak Das behad hi samajhdar prateet hua hai...

Wahin Khan ko Yash ki maut ke baare mein maaloom kaise chala ye bhi ek sawaal hai, aur agar Khan ko pata hai to kya Kshetrapal bandhuon ko iss baat ki jaankari nahi hogi ke Yash ko Vishwa ne hi maara tha?

Khair, bahut se sawaal hain aur agle ek se do update mein sabhi par se parda uth hi jaayega... Meanwhile, Flashback khatam ho chuka hai aur ab jald hi kahani present mein aa jaayegi... Btw. This was one of the best Flashbacks I have ever read on this forum, interesting to the fullest and never felt bored while reading it!

Excellent Update Bhai & Waiting For Next One...
आपको अगले अंक में
उत्तर मिल जाएगा
 

Kala Nag

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लिख रहा हूँ
कल देर रात को या फिर परसों सुबह तक
 
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Rajesh

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👉चौथा अपडेट
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सुधांशु मिश्र धीरे धीरे अपनी आँखे खोलता है l चेहरा भिगा हुआ उसे मेहसूस हो रहा है, नजर उठा कर देखता है तो देखा कि भीमा उसे टवेल दे रहा है l मिश्र जो हुआ उसे समझने की कोशिश करता है कि जो वह देखा सपना था या सच...
वह अपना नजर घुमा कर देखता है राजा साहब अपने कुर्सी पर बैठे हुए बालकनी के बाहर देख रहे हैं, उनके चेहरे पर कोई भाव ही नहीं है l बाकी सारे लोग उसकी तरफ देख ऐसे रहे हैं जैसे उसने रंग में भंग डाल दिया l वह झटपट उठ कर बालकनी से नीचे झांकता है तो पाता है कि स्वीमिंग पुल का पानी लाल दिख रहा है और स्विमिंग पुल के दूसरी तरफ का फर्श भी लाल ही लाल दिख रहा है l मिश्र के चेहरे पर डर और पसीने के साथ साथ उभर आते हैं l वह भैरव सिंह के तरफ देखता है पर भैरव सिंह निर्विकार हो कर बालकनी के नीचे देख रहा होता है l
मिश्र चिल्लाता है - यह.... यह क... क्या था...
विक्रम - यही तो था हमारा आखेट....
मिश्र - आ आ आखेट...?
वीर - हाँ रे आखेट, साला बेहोश हो कर सारा मज़ा किरकिरा कर दिआ....
मिश्र - म.....म मुझे जाने दीजिए प्लीज...
पिनाक - यशपुर में आपका स्वागत है नये BDO साहब.... यहाँ आना इंसीडेंट या एक्सीडेंट हो सकता है पर यहाँ से जाना राजा साहब की मर्जी से होता है...
मिश्र -(हाथ जोड़ कर घुटनों पर बैठ कर) राजा साहब मैं अपनी औकात भूल कर गुस्ताख़ी कर बैठा मुझे माफ कर दीजिए मैं यशपुर छोड़ कर चला जाउंगा...
विक्रम यह सुन कर जोर जोर से हंसने लगा l उसकी हंसी मिश्र की जान निकाल रही थी l
विक्रम - यह समूचा स्टेट क्षेत्रपाल परिवार की मिल्कियत है, इस स्टेट का सिस्टम पानी है और हम इस पानी के मगरमच्छ......
पिनाक - तु जानना नहीं चाहता वह कौन था क्या था...
मिश्र - नहीं नहीं मुझे नहीं जानना...
वीर - फिर भी हम तुझे बताएंगे l तुने नभ वाणी न्यूस चैनल सुना है... यह उसका असिस्टैंट एडीटर था "प्रवीण कुमार रथ" l इसके रिपोर्टिंग से नभ वाणी के TRP आसमान छुते थे l
पिनाक - तो इसने सोचा क्षेत्रपाल के परिवार की करतूतों को दुनिया को दिखाएगा....
विक्रम - उसे मालुम नहीं था कि पुरा सिस्टम हमारी है... तो उसको हमारे सिस्टम के जरिए ही उसकी बीवी साथ उठा लाए..
वीर - उसके आँखों के सामने सबसे पहले हमने उसकी बीवी की बारी बारी से ऐसी कोई छेद नहीं जिसको हमने फाड़ा नहीं
विक्रम - और जब हमारे मन भर गया तो इन सभी ऑफिसरांन के हवाले इनके मन भरने उसकी बीवी को करदिया .... सबने जी भरके उसकी बीवी के चुत में अपना योगदान दिया पर इस इंस्पेक्टर का मन भरा ही नहीं क्यूँ बे....

वह इंस्पेक्टर शर्मा रहा था और बत्तीसी निकाल कर हंस रहा था
वीर - हा हा हा अबे बोल कितनी बार ली है
इंस्पेक्टर - (शर्माते हुए) जी ग्यारह बार...
वीर ताली मारते हुए - देखा फ़िर भी कमीने का मन नहीं भरा... हा हा हा
अब कड़कती आवाज़ गुंजी भैरव सिंह की - अब उनका दिन भर गया तो हमने आखेट के हवाले कर दिआ l जंगल में लकड़बग्घे और पानी में मगरमच्छ गजब के जानवर होते हैं हड्डीयां तक नहीं छोड़ते हैं..
अब महल में उनकी जगह खाली पड़ी है... अरे हाँ तेरी बीवी भुवनेश्वर DPS में फिजीक्स पढ़ाती है न ह्म्म्म्म....
मिश्र - नहीं राजा साहब नहीं मुझे बक्स दीजिए... (अपना जुता निकालता है) मैं अपना जुता अपने मुहँ पर मारता हूँ.. (खुद के चेहरे पर मारते हुए) मुझे पागल कुत्ते ने काटा था जो गुस्ताखी कर बैठा...(गिड़गिड़ाते हुए) मुझे कुछ नहीं चाहिए मैं अब बस आपके लिए काम करूंगा... (रोते हुए) मुझे माफ कर दीजिए राजा साहब...
भैरव - ह्म्म्म्म पहले अपना प्लान बताओ अगर पसंद आया तो तु यहाँ से जिंदा वापस जाएगा और अगर तेरी प्लान पसंद नहीं आया तो समझले तु जान से गया और जहान से गया...

मिश्र बड़ी मुश्किल से खुद को काबु किया फिर सबको प्लान बताने लगा l
भैरव - प्रधान तुम्हारा क्या राय है मुझे प्लान पसंद आया....
प्रधान - परफेक्ट.. बढ़िया है... हमारा टीम वर्क के आगे सारे एजेंसी फैल हो जाएंगे...

भैरव सिंह - बढ़िया फिर सुन बे चिरगोजे... जो तुझे दिआ जाए उसे आशीर्वाद समझ कर ले लेना l ज्यादा की कभी सोचना भी मत वरना उस रंग महल के पिंजरे में तु फड़फड़ाएगा और तेरी बीवी हम सबकी बिस्तर होगी और हम उसके चादर...
पिनाक - तो इसके साथ आज का कार्यक्रम समाप्त हुए l जाओ सब अपने अपने ठिकाने को जाओ l
यह सुनते ही सब ऐसे निकले जैसे गधे के सिर से सिंग l
भैरव सिंह- छोटे राजा पुरे स्टेट में ढूंढो किसकी हमारे खिलाफ खुजली हो रही है... रंग महल ऐसे खाली नहीं रहना चाहिए ...
पिनाक - जी राजा साहब
भैरव - युवराज आज आप रूप को लेकर भुवनेश्वर जाएंगे...

विक्रम - जी राजा साहब

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उधर भुवनेश्वर में रात को खाने के टेबल पर तापस - क्या बात है वकील साहिबा आज आपकी और वैदेही की मीटिंग कैसी रही...

प्रतिभा - कुछ नहीं आप कभी नभ वाणी न्यूस देखते हैं..
तापस - हाँ देखता था पर उसका एक न्यूज प्रेजेंटर प्रवीण न्यूस चैनल छोड़ दिया है तबसे उस चैनल की क्वालिटी उतनी रही नहीं इसलिए आज कल नहीं देख रहा हूँ....
प्रतिभा - ह्म्म्म्म मुझे आज वैदेही के बातों से ऐसा लगा कि शायद प्रवीण क्षेत्रपाल के अहं का भेट चढ़ गया है...
तापस - व्हाट यह तुम किस बिना पर कह सकती हो
प्रतिभा - आज वैदेही ने कहा कि ढाई महीने पहले प्रवीण राजगड़ गया था... और गौर करो तब से वह गायब है... वैदेही कह रही थी उसका परिवार भी गायब है...
तापस - ह्म्म्म्म इसका मतलब वह सच में क्षेत्रपाल के अहं का शिकार हो गया है..
प्रतिभा - सुनिए आप इस केस को निजी तौर पर तहकीकात कीजिए ना..
तापस-देखिए मिसेज सेनापति जी मैं अब वुड बी रिटायर्ड जैल सुपरिटेंडेंट होने वाला हूँ l मुझे सिर्फ कैदियों का देख भाल आता है... यह तहकीकात...
प्रतिभा - नहीं करना चाहते हो बोल दीजिए ना.. बहाना क्यूँ बना रहे हैं... आप पहले थाने में ही ड्युटी करते थे यह मत भूलिए..
तापस-ऐ मेरी जानेमन
तुमको इस डिनर की कसम
रूठा ना करो रूठा ना करो...
तापस-चलिए आपके लिए मिसेज सेनापति जी हम पर्सनली इस केस की तह तक जाएंगे...
अब तो हंस दीजिए..
प्रतिभा मुस्करा देती है...


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अगली सुबह भुवनेश्वर xxx कॉलेज

कैम्पस में एक जगह कुछ लड़के बात कर रहे हैं I
ल 1- अब बोलो, कहा था ना मैंने ऑस्ट्रेलिया हॉकी जीतेगी l
ल 2- हाँ फ़िर भी साउथ अफ्रीका ने जबरदस्त टक्कर दी थी वह तो पेनल्टी शूट आउट में साउथ अफ्रीका चूक गई l
L3- अरे छोड़ो ना यार परसों इंडिया और पाकिस्तान का मैच है उस पर बैट लगाते हैं l
L1 - यू नो गयस रॉकी ऑलवेज करेक्ट... आइ एम डैम श्योर इंडिया ही जीतेगी l
L2- यह तो कोई भी कह सकता है... बैट लगानी है तो बोलो गोल कितने होंगे या कौन गोल करेगा l
L2- हाँ यह होती है बैट क्या कहते हो रॉकी...
रॉकी - ओके आज क्लास खतम होते ही हम बैट करेंगे
सभी - ठीक है
तभी सबकी नजर मैन गेट की तरफ जाती है l कुछ कारों का काफ़िला आ कर कॉलेज में रुकती है l सबसे बीच वाले कार में अध्यक्ष XXX युवा मोर्चा लिखा हुआ था l उस कार से विक्रम और वीर उतरते हैं l फ़िर रूप उतरती है l जैसे ही रूप उतरती है सभी लड़के चोर नजर से रूप को देख रहे हैं l उनमें रॉकी सामिल है l
रॉकी - वाव क्या आइटॉम है बाप.... पर यह वीर के साथ क्या कर रही है...
L3- यह इनकी बहन है रूप नंदिनी सिंह क्षेत्रपाल..
रॉकी - तुझे कैसे मालुम है बे राजू....
राजु - क्यूंकि कभी हम भी राजगड़ में रहते थे l आगे की पढ़ाई के लिए हमे गांव व घर बार छोड़ना पड़ा l
रॉकी - दोनों भाई अपनी बहन को लेकर अपनी कॉलेज में क्यूँ आए हैं... कहीं एडमिशन के लिए तो नहीं... अगर ऐसा हो जाए तो मजा आ जाएगा l
राजु - पता नहीं अगर तुम्हारी बात सच है तो भाई मैं तेरे गैंग से आउट...
रॉकी - क्यूँ बे फट्टु फट गई तेरी...
राजु - तु मेरी बात छोड़... तु अपना बता वीर के सामने तेरी चलती है क्या...
रॉकी - अपन थोड़े उससे डरता है..
राजु - रहने दे... रहने दे... यह क्षेत्रपाल परिवार क्या है तु अच्छी तरह से जानता है...
इनके सामने कोई आँखे उठाकर बात नहीं कर पाता है और उनके घर की बेटी से आँख लड़ेयेगा.. चल रहने दे

रॉकी - अबे वह तो बाद में देखा जाएगा पहले पता तो चले यह क्षेत्रपाल तिकड़ी यहाँ आई क्यूँ है......
कॉलेज प्रिन्सिपल के चैम्बर में
प्रिन्सिपल खड़ा हुआ है और तीनों भाई बहन उसके सामने बैठे हुए हैं
वीर कहता है - राजा साहब ने बता दिआ होगा... इसलिए एडमिशन की फर्मोंलिटि पूरी कर इन्हें सीधे क्लास तक एस्कॉट करते हुए ले जाओ और हाँ तुरंत सबको ख़बर हो जानी चाहिए कि राजा साहब की बेटी, वीर की बहन इस कॉलेज में पढ़ रही हैं l सब उसके साथ अदब से पेश आयें... बाकी कहने की कोई जरूरत नहीं समझे..
प्रिन्सिपल - जी जी
विक्रम व वीर उठते हैं l
विक्रम - रूप आपके लिए एक गाड़ी व ड्राइवर छोड़े जा रहे हैं l अब से वह कार आपकी है... हर रोज ड्राइवर आपको लाएगा और ले जाएगा l
रूप - जी युवराज

वीर - जाओ और अपना क्लास एंजॉय करो
प्रिन्सिपल - आइए राज कुमारी जी मैं आपको आपके क्लास तक पहुंचाता हूँ...

रूप - जी सर
रूप प्रिन्सिपल के साथ क्लास चली जाती है और विक्रम व वीर भी अपने गाड़ी से बाहर चले जाते हैं l
प्रिन्सिपल को बीच रास्ते में रोक कर रूप कहती है - सर
प्रिन्सिपल - जी राज कुमारी जी
रूप - देखिए सर पहली बात आप मुझे राजकुमारी ना कहें और मेरी असली परिचय किसी को ना बताएं l
प्रिन्सिपल - यह कैसे हो सकता है राज कुमारी जी... अगर राज कुमार जी को मालुम पड़ा तो हम कहीं के नहीं रहेंगे...
रूप - अगर आपने मेरी बात नहीं मानी तो मैं राजा साहब से सीधे आपके खिलाफ शिकायत करूंगी l
प्रिन्सिपल - नहीं नहीं ऐसा न कहिए... क्या करूँ एक तरफ खाई है दूसरी तरफ कुआं..
रूप - देखिए सर राजकुमार कभी कभी कॉलेज आते हैं... इसलिए उन्हें मैं सम्भाल लुंगी, बस आप मेरी बात मान कर मेरा साथ दीजिए...
आप मेरा परिचय नंदिनी कहकर दीजिएगा... कहीं पर भी आप मेरी पारिवारिक परिचय मत दीजियेगा... और हाँ आप भी मुझे राज कुमारी मत बुलाएंगे...
प्रिन्सिपल - ठीक है.. अब आपके हवाले मैं और मेरा परिवार है...

रूप - चलिए सर आपकी सुरक्षा मेरी जिम्मेवारी है.......

प्रिन्सिपल रूप को लेकर BSc फर्स्ट ईयर के क्लास में पहुंचा और पढ़ा रहे लेक्चरर व सारे स्टूडेंट्स से रूप का परिचय कराते हुए - गुड मॉर्निंग बच्चों...

सबने कहा - गुड मॉर्निंग..
प्रिन्सिपल - यह हैं रु... मेरा मतलब है नंदिनी सिंह... आपकी नई दोस्त व सहपाठी..
और मिस नंदिनी जी यह आपकी क्लास...
इतना कह कर प्रिन्सिपल वहाँ से जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी से निकल गया l
फिर लेक्चरर ने नंदिनी को बैठ जाने को कहा l नंदिनी बीच के रो में एक लड़की के पास बैठ गई l
लड़की - हाय मैं बनानी महांती..
नंदिनी - मैं नंदिनी सिंह...
बनानी - ऐसे मिड सेशन में कैसे जॉइन किया तुमने...
नंदिनी - एक्चुआली मैं बीमार थी इसलिए शुरू में जॉइन नहीं हो पाई थी पर जब हेल्थ ठीक है तो जॉइन कर ली
लेक्चरर - साईलेंस प्लीज...
दोनों चुप हो गए और नंदिनी यादों में खो गई
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घर में शुभ्रा और रूप आज सुबह सुबह बातेँ कर रही हैं
शुभ्रा-क्या बात है रूप..
रूप - भाभी मैं क्षेत्रपाल सरनेम से यहां किसीसे पहचान या दोस्ती नहीं करना चाहती...
शुभ्रा - ऐसे कैसे हो सकता है... मत भूल कॉलेज में वीर भी है और यह सरनेम तुझे कॉलेज के लोफरों से भी बचाएगी...
रूप - नहीं भाभी मैं इस सरनेम के बगैर इस दुनिया का अनुभव लेना चाहती हूँ चाहे अच्छी हो या बुरी...
शुभ्रा - देखो रूप तु फ़िर से सोच ले...
रूप - भाभी मुझसे क्षेत्रपाल सरनेम जुड़ा रहा तो कोई मुझसे दोस्ती नहीं करेगा अगर यह सरनेम नहीं रहा तो मुझे दोस्त जरूर मील जाएंगे..
शुभ्रा - ठीक है कोशिश कर के देख ले... और शाम को घर आकर बताना क्या हुआ...
तभी क्लास खतम होने की बेल बजती है और रूप अतीत से बाहर आती है l
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उधर प्रतिभा और तापस चलते हुए जैल की और जा रहे हैं l प्रतिभा साड़ी में थी और तापस अपने जैल सुपरिटेंड के वर्दी में l दोनों सेंट्रल जैल के मुख्य द्वार पर आ पहुँचे l तापस संत्री से प्रवेश द्वार खोलने के लिए कहता है l संत्री चाबी लेने पास के की स्टैंड तक जाता है l इतने में
प्रतिभा - और कितनी देर लगेगी
तापस- जी देवीजी बस उतनी ही देर जितनी मुझे रोज ऑफिस जाते वक़्त लगता है...
प्रतिभा - (अपनी मुहँ को सिकुड़ते हुए) हो गया
तापस - जी बिल्कुल हो गया...
संत्री द्वार खोल देता है l तापस संत्री से विजिटर रजिस्टर लाने को कहता है l संत्री रजिस्टर लता है प्रतिभा उसमें अपना दस्तखत कर कारण लिख देती है l तापस संत्री से कहता है - इन्हें मीटिंग रूम में पहुंचा दो और कैदी नंबर छह सौ आठ से मिलवा दो......
संत्री साल्युट मार कर प्रतिभा को अपने साथ ले कर मीटिंग रूम में इंतजार करने को कहा l
थोड़ी देर वाद एक कैदी उस कमरे में आता है प्रतिभा उसे देख कर बहुत खुश हो जाती है और पूछती है - कैसा है प्रताप...
प्रताप - सच कहूँ तो सुबह से आपको ही याद कर रहा था l
प्रतिभा - चल चल झूट मत बोल.... तुझे आज वैदेही की भेजी रखी कि इंतजार था....
प्रताप - पर रखी आपके सिवा लाएगा ही कौन....
प्रतिभा - इसी बहाने तुझसे मिलने भी तो आ जाती हूँ...
प्रताप - आपका आना भी मेरे लिए किसी पर्व से कम है क्या.....
प्रतिभा - बाप रे कितना बोलने लग गया है तु....
प्रताप - सब आपकी महिमा है मैया..
प्रतिभा - अब तु भी मुझे उनकी तरह छेड़ने लगा.....
प्रताप- अरे माँ दस बाई आठ के कमरे से जब भी बाहर निकल कर आपके सामने आता हूँ तो जी करता है आपसे मन भरने तक बात करूँ....
प्रतिभा - तो फिर मेरे बच्चे ढाई महीने बाद रिहा हो कर मेरे पास ही क्यूँ नहीं रुक जाता...
प्रताप का चेहरा थोड़ा उदास हो जाता है - माँ मुझ पर रिश्तों की कर्ज व बोझ है.... जब तक मैं उन सबको निभा कर कर्ज़ मुक्त नहीं हो जाता तब तक मुझसे कोई वादा मत माँगों.... प्लीज...
प्रतिभा - ठीक है बेटा इस माहौल को ग़मगीन मत करो चलो यह राखी पहन लो...
प्रताप अपना हाथ बढ़ा देता है तो राखी प्रतिभा बांधती है
प्रताप - बुरा लगा....
प्रतिभा - नहीं...
प्रताप - माँ मैं पहले भी कह चुका हूँ... आज फिर से कह रहा हूं... मेरा मक़सद पुरा होते ही मैं पुरी तरह से आपका हो जाऊँगा...

प्रतिभा - (राखी बांधने के बाद) मैं जानती हूँ पर दिल थोड़े मानता भी तो नहीं....अच्छा यह बता वह तेरे साथ कैसे हैं....
प्रताप- तुम प्यार जताते थकती नहीं हो और वह जुड़ाव, लगाव रखते बहुत हैं मगर जताते या दिखाते नहीं हैं..
दोनों हंस पड़ते हैं l प्रतिभा थोड़ी गम्भीर हो जाती है और प्रताप के चेहरे को दोनों हाथों से झुका कर माथे को चूमती है l
प्रतिभा - अच्छा बेटा चलती हूँ... अपना खयाल रखना....
प्रताप - आप भी अपना और अपने उनका खयाल रखियेगा...
इतना कहकर प्रताप अंदर चला जाता है l उसके जाते ही प्रतिभा कमरे से बाहर निकालती है l दरवाजे से थोड़ी दूर आ कर रुक जाती है और बिना पीछे मुड़े पीछे की ओर कहती है - छुपकर सुनने से अच्छा होता कि आप भी हम माँ बेटे के साथ थोड़ा वक़्त बिताते और दो बातेँ भी कर लेते....
दरवाजे के ओट में छिपा तापस बाहर निकलता है और कहता है - दरअसल मेरा पेन यहाँ गिर गया था... वह ढूंढ कर निकाल रहा था कि तुम बाहर निकल आई....
प्रतिभा - हो गया....
तापस - हाँ हो गया देवी जी हो गया...
प्रतिभा - तो चलिए मुझे बाहर तक छोड़ दीजिए...
तापस- चलिए...

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उधर तीसरा क्लास खतम होते ही लंच ब्रेक की बेल बजती है

बनानी - अच्छा नंदिनी क्यूँ ना अभी हम कैन्टीन चलें..

नंदिनी - हाँ हाँ चलो चलते हैं...
फिर दोनों क्लास से निकल कर कैन्टीन चल देते हैं l
कैन्टीन में रॉकी अपने ग्रुप के साथ बैठा हुआ था l जैसे नंदिनी कैन्टीन में आती है वैसे ही सबकी नजर उसकी तरफ घुम जाती है l नंदिनी व बनानी दोनों जा कर एक टेबल पर बैठ जाते हैं l तभी रॉकी अपने जगह से उठता है और नंदिनी के तरफ आकर पूछता है - न्यू जॉइनींग
नंदिनी - येस...
रॉकी- आपका नाम जान सकता हूँ..
नंदिनी - क्यूँ नहीं.... मेरा नाम नंदिनी सिंह है..
रॉकी - (हाथ बढ़ाता है) हाय मैं राकेश पाढ़ी और दोस्त सभी मुझे रॉकी कहते हैं...
नंदिनी - (उससे हाथ मिलती है) ओके रॉकी..
हाथ मिलाते ही रॉकी शुन हो जाता है और नंदिनी की हाथ को वैसे ही पकड़े रहता है l नंदिनी अपनी हाथ छुड़ा कर पूछती है - ओ हैलो क्या हुआ..
रॉकी - क क कुछ नहीं अच्छा तुम कौन से स्ट्रीम में हो
नंदिनी - साइंस....
रॉकी - ओह मैं कॉमर्स फाइनल ईयर... अच्छा नंदिनी बाद में मिलते... हैं..

नंदिनी - ओके श्योर...
रॉकी नंदिनी को देखते हुए अपने पट्ठो के पास वापस जा रहा होता है,के तभी प्रिन्सिपल ऑफिस के पीओन आ कर नंदिनी को पूछता है - क्या आप मिस नंदिनी हैं....
नंदिनी - जी मैं ही हूँ...
पीओन - आपको प्रिन्सिपल जी ने बुलाया है...
नंदिनी - अच्छा बनानी मैं प्रिन्सिपल सर से मिलकर आती हूँ..

बनानी - ओके तो फ़िर हम क्लास में मिलते हैं...
उधर रॉकी अपने पट्ठों के साथ बैठा हुआ है और अपने हाथ को देख रहा है l
एक बंदा पूछता है - क्या बात है रॉकी अपने हाथ को ऐसे क्या घुर रहे हो...
रॉकी - अबे क्या बताऊँ यार कितने नरम हाथ थे उस नंदिनी के.... साला लंड अकेला नहीं खड़ा हो रहा है साला साथ साथ मैं रोयां रोयां भी खड़े हो गए...
सारे बंदे रॉकी को ऐसे घूरते हैं जैसे कोई बम फोड़ दिआ हो l
उधर प्रिन्सिपल के रूम में
प्रिन्सिपल - देखिए नंदिनी जी अपने जैसा कहा मैंने वैसा किया है पर आपके ID कार्ड में नाम तो पुरा और सही लिखना पड़ेगा...
नंदिनी - सर आपने मुझे इतना फेवर किया है तो एक छोटा सा और कर दीजिए...
प्रिन्सिपल - (अपने जेब से रुमाल निकाल कर अपना चेहरा पोछता है) देखा आपने ऐसी रूम में भी कितना पसीना निकल रहा है.... अगर आपके भाईयों को जरा सा भी भान हुआ तो मैं कहीं का नहीं रहूँगा (कहकर हाथ जोड़ देता है)
नंदिनी - अरे अरे सर यह आप क्या कर रहे हैं.... सर आप पर कुछ नहीं आएगा... यह मेरा वादा है...
प्रिन्सिपल - ठीक है बताइए...
नंदिनी - मुझे आप दो ID कार्ड इशू कीजिए.... एक मेरी असली पहचान की और दुसरी वह जिसे मैं अपनी पहचान बनाना चाहती हूँ...
प्रिन्सिपल - ठीक है कॉलेज खतम होते ही ऑफिस से ले लीजियेगा... और इतनी कृपा बनाए रखियेगा के मेरे ऑफिस में जितना हो सके उतना कम आइयेगा... (कह कर वह अपने कुर्सी से उठ खड़ा होता है और हाथ जोड़ देता है)
नंदिनी को थोड़ा बुरा लगता है और बिना पीछे मुड़े अपनों क्लास के तरफ निकल जाती है...
उधर कैन्टीन में रॉकी को वही बंदा पूछता है - अबे मरवायेगा क्या.... सुबह राजु ने उसके बारे में तुझे बताया तो था....
रॉकी - हाँ तो क्या हुआ अबे तूने देखा नहीं उसने मुझसे हाथ भी मिलाया और फिर से मिलने की बात पर हाँ भी कहा....
समझा कर आशीष..
आशीष - फ़िर भी एक मुलाकात मैं इतना आगे मत बढ़... अगर कहीं लेने के देने पड़ जाएं...
रॉकी थोड़ी देर सोचता है और अपने पास बैठे सारे दोस्तों को देखता है, वहाँ राजु नहीं था, फिर मन में कुछ सोचता है और सबसे पूछता है- सुनो बे चड्डी बड्डी कमीनों क्या करना है आईडीआ दो सालों...
आशीष - देख बे सुबह राजु ने खाली क़िताब का कवर दिखाया है पर मेरा मान कुछ टाइम ले थोड़ा अवजरभ कर कम से कम एक हफ्ते के लिए.... फिर मिलकर सोचते हैं क्या किया जाए....
रॉकी - चलो तुम लोगों की बात मान लेता हूँ.... छोकरी की कुंडली इतिहास व भूगोल के बारे में सब पता लगाता हूँ....
पर कमीनों किसी महापुरुष ने कहा था की इतिहास गवाह है इंसान या तो बेहिसाब दौलत के लिए या फिर बेहद खूबसूरत लड़की के लिए... अपनी जान की बाजी लगा देता है...और राजू की बताई डिटेल्स अगर सही है तो यह जितनी खूबसूरत है इसके बाप के पास उतनी ही ज्यादा दौलत है...तो अबसे "मिशन नंदिनी" शुरू और ऐसे समय में बड़े बड़े कमीने कह गये हैं नो रिस्क नो गैन....
Kamal ka update hai bhai maza aa gaya
 
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waiting for the next update.....
 
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