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Thriller "विश्वरूप" ( completed )

Kala Nag

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👉पचपनवां अपडेट(A)
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तापस और प्रतिभा खान को ऐसे देखने लगते हैं जैसे उनके सामने कोई भूत बैठा हो l दोनों का मुहँ खुला रह जाता है और हैरानी से कभी एक दुसरे को तो कभी खान को देखने लगते हैं I

तापस - ये.. यह... क्या मज़ाक है... खान... तुम विश्व पर आरोप मढ रहे हो...
खान - नहीं बिल्कुल नहीं... तुम्हें लगता है कि मैं मज़ाक करने के मूड में हूँ...
तापस - देन... व्हाट रॉब्बीश... तुम जानते हो... जैल में जितने भी कैदी सुधार प्रोग्राम हो रहे हैं.... सब विश्व की दी हुई आइडिया से है... सुधरने की कोशिश करने वाले क़ैदियों को स्वरोजगार और स्वावलंब की जितनी भी प्रोग्राम है... सब के सब विश्व के आइडिया है.... आज कैन्टीन में जो टीवी और न्यूज पेपर उपलब्ध है वह भी विश्व का आइडिया है.... और अभी अभी मैंने तुमको बताया कैसे... कैसे विश्व ने जैल में दंगा भड़कने से रोका और कैदियों के साथ साथ हम पुलिस वालों की भी जान बचाई... बाय द वे... तुम जिसे हत्या कह रहे हो.... वह एक हादसा था... यह इंक्वायरी में साबित भी हो चुका है... तो फिर किस बिनाह पर तुम उसे क़ातिल बता रहे हो...(एक ही सांस में बिना रुके बोलता है)
खान - रिलैक्स... रिलैक्स... तुम इतना हाइपर क्यूँ हो रहे हो...
तापस - (खुदको संभालते हुए) सॉरी... पर तुम बिना सबुत के कैसे किसी पर आरोप लगा सकते हो...
खान - हाँ सबुत तो है नहीं... पर मैं लॉजिक बिठा सकता हूँ....
प्रतिभा - अगर सबुत ही नहीं है... तो हम क्यूँ बे फिजूल डिस्कस कर रहे हैं...
खान - सबुत तो... यश ने भी नहीं छोड़ा था...
तापस - इनॉफ...(आवाज़ में थोड़ा गुस्सा झलकता है) तुम विश्व और यश को मत मिलाओ... तुम यह सब इसलिए कह रहे हो... क्यूंकि यश ने हम सबका कुछ ना कुछ बिगाड़ा था.... पर वह... जो भी हुआ था... वह एक हादसा था... उस वक़्त मैं था भी नहीं... और उस हादसे पर रिपोर्ट.... इंटरनल इनवेस्टिगेशन पैनल ने बनाई थी... और वह इंफ्लुयंस्ड नहीं थे...
खान - आई नो... पर मैंने कहा ना मैं लॉजिक बिठा सकता हूँ...

तापस वाकई हाइपर होने लगा था l उसकी सांस ऊपर नीचे होने लगी थी l प्रतिभा ने उसका हाथ थाम लिया l

तापस - (थोड़ा नॉर्मल होते हुए) ठीक है... बताओ तुम क्या जानते हो...
खान - (मुस्कराकर) तुमने खुद बताया... विश्व... एक मासूम गाँव वाला... पर अब.... अब कहाँ से कहाँ पहुँच गया है...
तापस - खान प्लीज...
खान - ओके ओके... ठीक है... तो मैं बताता हूँ.... जैसा कि विश्व अगले महीने छूटने वाला है... तो जाहिर सी बात है... मुझे उसके अब तक जितने दिन भी रहा है... उसके चाल चलन पर रिपोर्ट बना कर मंत्रालय को भेजना था... तभी मैंने उसके फाइल में यह भी देखा था... की उसे एक इंटरनल इंक्वायरी का सामना करना पड़ा है... रिपोर्ट में उसके साथ और पाँच सस्पेक्ट और भी थे... बट ऑल क्लीयर... पर तुम्हारे कहानी सुनने के बाद.... मुझे न्यूज पेपर पर पढ़े... और टीवी पर देखे सुने न्यूज... कुछ कुछ याद आने लगे... आख़िर पुलिस वाला हूँ... मैंने अपना लॉजिक बिठा दिया...
तापस - पर ऐसे कैसे...
खान - सेनापति... हम दोनों एक दुसरे को... अच्छी तरह से जानते हैं... हमने कई कंभींग ऑपरेशन साथ किया है... तुम जानते हो... मैं बे फिजूल कोई बात करता नहीं...
तापस - (चुप रहता है)
खान - वह हादसा था या हत्या... यह बाद की बात है... पर सच यह भी है... की यश से बदला लेने के लिए... विश्व के पास दो दो वजह थे.... एक जयंत राउत और दुसरा प्रत्युष....

तापस और प्रतिभा चुप रहते हैं l खान भी उनकी प्रतिक्रिया देखने के लिए कुछ दूर चुप रहता है l फ़िर ख़ामोशियों को तोड़ते हुए तापस पूछता है

तापस - ओ... तो तुम अपना लॉजिक बिठा रहे हो...
खान - सिर्फ़ लॉजिक नहीं... एक दम सलिड लॉजिक...
तापस - ठीक है... असल मुद्दे पर आओ...
खान - बताता हूँ... जैसे कि मैंने कहा तुम्हारे और विश्व के अतीत में झांकने के बाद ही.... मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूँ... इसलिए मैं भी तुम्हें... दो साल पहले लिए चलता हूँ... जो उस वक़्त पेपर के हेडलाइंस बने हुए थे... दो साल पहले... चेट्टीस् ओर क्षेत्रपालों की बीच दूरियां आ चुकी थी.... वजह का तो पता नहीं... पर क्यूँकी जब विक्रम सिंह क्षेत्रपाल की शादी हुई थी तब... तब उसके शादी में चेट्टीस् का ना जाना बहुत ही बड़ी न्यूज थी... आखिर क्षेत्रपाल परिवार को राजनीति में लाने वाले चेट्टीस् जो थे.... उसके बाद तो जैसे... चेट्टीस् के सियासत और निजी जिंदगी में पतझड़ो का सिलसिला ही शुरू हो गया... वजह... वही लोग जानें... मगर उसके बाद से ही ओंकार चेट्टी की सियासत को और यश चेट्टी की व्यापार सब को ग्रहण लगना शुरू हो गया था.... दो साल पहले... नयी नयी एक उभरती मीडिया चैनल... नभ वाणी के रिपोर्टर प्रवीण रथ ने... पहले यश पर सनसनी आरोप लगाया कि... यश एक लड़की बाज और ऐयाश किस्म का आदमी है... तब मीडिया में वॉर छिड़ गई थी... यश के बचाव में कुछ आ गए थे... और हमले में सिर्फ कुछ एक ही मीडिया थे.... और उन सबमें सबसे आगे था... नभ वाणी... फिर एक दिन प्राइम टाइम न्यूज में.... निहारिका नाम की एक टॉप मॉडल आकर यश पर इल्ज़ाम लगा देती है... की पाँच सालों से वह और यश लिव इन रिलेशनशिप में थे... अब जब वह उसके बच्चे की माँ बनने वाली है... तब यश ने उसे धक्के मार कर घर से निकाल दिया है.... इस पर यश ने काउंटर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए... निहारिका पर पाँच सौ करोड़ रुपए की... डिफेम केस शूट कर दिया.....
क्यूँ है ना....
प्रतिभा - हाँ... यह तो सब जानते हैं... इसमें नया क्या है...
खान - नया क्या है... वह मैं आखिर में कहूँगा... फ़िलहाल में कड़ी से कड़ी जोड़ रहा हूँ....
तापस - ठीक है... कहो....
खान - जब यश जैसा बिजनस टाईकुन... पांच सौ करोड़ की डिफेम शूट किया हो... तो उससे बचने के लिए... कोई नामी या फिर दमदार वकील होना चाहिए कि नहीं.... भाभीजी तभी धीरे धीरे ग्रूम कर रही थीं... इतनी नामी तो थी नहीं.... पर फ़िर भी... निहारिका ने अपनी केस लड़ने के लिए.... आपके पास आई... और आप यश के खिलाफ केस लड़ने के लिए.... किसी भी हद तक जा सकती थीं.... यह बात निहारिका अच्छी तरह से जानती थी.... आपने भी हाथ में केस लेने की जरा भी देरी ना लगाई.... और कोर्ट में... आपकी क्लाएंट को यश से जान की खतरा है.... और अगर निहारिका को कुछ भी हो जाता है तो.... उसका जिम्मेदार सिर्फ़ व सिर्फ़ यश ही होगा... ऐसा हलफनामा दायर किया....
है ना....
प्रतिभा - हाँ यह सच है और यह बात सबको पता है...
खान - हाँ... इस बार यश बौरा गया था... अपनी आदत के अनुसार दुश्मन को खुद मारने निकला और इसलिए... खुद ही अपनी गाड़ी से निहारिका की एक्सीडेंट कर दिया... पुलिस की तफ्तीश आगे बढ़ी तो शक़ यश पर आया... चूंकि आपने पहले से ही अदालत में हलफनामा दायर कर चुकीं थी... तो यश के नाम पर वारंट अदालत से निकली... तब मज़बूर हो कर यश ने खुद को अदालत में सरेंडर करा दिया... पर अदालत में यह भी कहा.... उसको जैल सुपरिटेंडेंट तापस सेनापति से जान का खतरा हो सकता है... इसलिए उसे किसी और जैल में रखा जाए... और अदालत ने आपकी और यश के अतीत को देख कर.... यश को झारपड़ा जैल में भेज दिया....
है ना...
तापसा - (अपना सिर हाँ में हिलाते हुए) हूँ...
खान - झारपड़ा जैल में जब यश चौदह दिनों की रिमांड पर था... तब...

अब खान की जुबानी फ्लैशबैक जो वह बीच बीच में ब्रेक लेकर सुनाएगा

सेंट्रल जैल
विश्व स्किल अपग्रेडेशन सेंटर में कारपेंट्री का काम कर रहा है l उसके पास सीलु आता है पर विश्व को कुछ नहीं कहता वहीँ जगह देख कर बैठ जाता है l

विश्व - क्या बात है... ऐसे मुहँ लटकाये क्यूँ बैठा है...
सीलु - वह भाई तुमसे एक बात करनी है...
विश्व - हाँ तो कहो...
सीलु - भाई... वह...
विश्व - (अपना काम रोक देता है, और सीलु को अपने साथ सेंटर से बाहर आता है) अब बोलो क्या बात है... बेझिझक बोलो...
सीलु - भाई मैं और जिलु यहाँ साथ हैं.. मिलु और टीलु बाहर हैं... तो वही इंसपेक्टर ने उन दोनों को एक बड़ा ऑफर दिया है...
विश्व - क्या ऑफर दिया है....
सीलु - भाई हम हमेशा हिट एंड रन केस को... अपने ऊपर ले लेते हैं... बदले में हमारी तगड़ी कमाई भी हो जाती है... पर हर हिट एंड रन केस में... कभी किसीकी जान नहीं गई थी... पर इस बार मामला थोड़ा अलग है...
विश्व - मतलब अब इस बार किसीकी जान गई है...
सीलु - हाँ... हम कभी पाँच या छह महीने से ज्यादा जैल में रुके भी नहीं है... पर इसबार बात अलग है...
विश्व - क्या अलग है...
सीलु -.. वह इंस्पेक्टर... इसबार कह रहा है... की हिट एंड रन केस में... पाँच साल की सजा हो सकती है.... अनइंटेंश्नली मर्डर चार्जर्स लग सकते हैं... पर हर एक साल की ऐवज में दो करोड़... मतलब हम चारों को दस दस करोड़ रुपये...
विश्व - ह्म्म्म्म... तो तुम लोग मुझसे चाहते क्या हो...
सीलु - भाई... हमने पहले भी कहा था... की हम यह काम छोड़ देंगे... और तुम्हारे साथ ही रहेंगे... बात अगर दो साल की होती तो हम मान लेते... पर पाँच साल...
विश्व - (सीलु को घूर कर देखता है) सीलु... मैं तब भी चाहता था... और अब भी चाहता हूँ... तुम लोग यह काम छोड़ दो...
सीलु - हम छोड़ तो दें... पर वह इंस्पेक्टर हमे नहीं छोड़ रहा है ना...
विश्व - वैसे यह किस बंदे के लिए... कह रहा है...
सीलु - मालुम नहीं भाई... हमारे उस इंस्पेक्टर के साथ पहले ही डील है... हमको उनके बारे में... कोई जानकारी नहीं दी जाती...
विश्व - अच्छा... पहले कितना ऑफर होता था...
सीलु - यही कोई पचास हजार या लाख या ज्यादा से ज्यादा डेढ़ लाख...
विश्व - (भवें तन जाती है) इस बार करोड़ों...
सीलु - हाँ भाई....
विश्व - (सीलु को अपने तरफ घुमाता है और उसके दोनों कंधे पर अपना हाथ रख कर) सीलु मुझसे सच सच कहो... क्या वाकई तुम लोग इस दल दल से निकालना चाहते हो...
सीलु - हाँ भाई कसम से...
विश्व - तो मुझे कल तक का समय दो... फिर मैं जैसा कहूँगा... तुम मिलु और टीलु से कहना... वह लोग सब बिल्कुल वैसे ही करेंगे...
सीलु - ठीक है भाई...

फिर वहीँ, सीलु को छोड़ कर तापस के कैबिन की ओर जाता है l वहाँ पहुँच कर देखता है तापस किसी गहरी सोच में डूबा हुआ है l

विश्व - क्या मैं अंदर आ सकता हूँ...
तापस - (होश में आते हुए) हूँ... हाँ... विश्व आओ... कहो क्या बात है...
विश्व - मुझे आपका फोन चाहिए...
तापस - क्यूँ प्रतिभा से बात करनी है क्या...
विश्व - हाँ...
तापस - यह लो...
विश्व - (फोन लगाता है)...
प्रतिभा - (दुसरी तरफ से) हाँ बेटा बोल...
विश्व - अरे माँ.. तुमको कैसे पता... मैंने आपको फोन लगाया है...
प्रतिभा - बेटे को कब माँ की जरूरत पड़ती है... माँ समझ जाती है... अच्छा अब बोल... तूने फोन क्यूँ किया...
विश्व - माँ.. वह यश... बचने के लिए... जुगाड़ लगा रहा है... वह अपने बदले किसी और से इकबालिया बयान दिला कर... खुद को बचाने के चक्कर में है... आपको कुछ करना पड़ेगा...
प्रतिभा - (हैरान होते हुए) तुझे कैसे पता....
विश्व - माँ... यहाँ पर मेरे चार दोस्त हैं (विश्व उनके बारे में और वह लोग कैसे जैल में आते हैं सब बता देता है) माँ... मैंने उनसे वादा किया था... की उनको एक दिन उस दल दल से निकालूँगा... अब वक़्त आ गया है...
प्रतिभा - ठीक है पर कैसे...
विश्व - आप उस इंस्पेक्टर की स्टिंग ऑपरेशन करोगे... मेरे दोस्तों के जरिए... मेरे यही दोस्त सरकारी गवाह बनकर... यश के खिलाफ सबूत बन जाएंगे...
प्रतिभा - (आवाज़ में खुशी जाहिर करते हुए) बहुत ही बढ़िया आइडिया दिया है तुमने... एक काम करो... तुम अपने दोस्तों के डिटेल्स दो... और जो बाहर हैं... उन्हें कहो मुझसे कहीं... न्यूट्रल वेन्यू पर मिले...
विश्व - ठीक है माँ... अच्छा अब बस इतना ही... बाद में कभी...
प्रतिभा - बाय बेटा... लव यू...
विश्व - लव यू ठु माँ...

कह कर फोन काट देता है और तापस को दे देता है l विश्व गौर करता है तापस उसे घूर कर देख रहा है l

विश्व - आप ऐसे क्यूँ घूर रहे हैं...
तापस - कितना दिमाग चला लेते हो... एक दिन बहुत बड़ा वकील बनोगे...

विश्व थोड़ा शर्मा कर सकुचाते हुए बाहर चला जाता है l
कुछ दिनों बाद स्टिंग ऑपरेशन में चन्द्रशेखर पुर थाने के इंस्पेक्टर यश का नाम खुलासा करते हुए पाया जाता है l उसके बाद वह इंस्पेक्टर सस्पेंड कर दिया जाता है l चौदह दिन की रिमांड के बाद अदालत की पेशी में यश की रिमांड और चौदह दिन और बढ़ जाता है l अदालत के बाहर यश और प्रतिभा का मुलाकात होती है

यश - यह स्टिंग ऑपरेशन तुने ही कराया था ना बुढ़िया.... अच्छी चाल थी... पर तेरे हाथ कुछ नहीं लगेगा....
प्रतिभा - यह तो शुरुआत है... यश वर्धन... तुम्हें अंजाम तक पहुंचाने के लिए... मैं किसी भी हद तक जा सकती हूँ...
यश - ठीक है बुढ़िया... ठीक है... पहली चाल तूने चल दी... अब मेरी चाल बाकी है...
प्रतिभा - ठीक है... देखते हैं...

दो दिन बाद
कमिश्नर ऑफिस में

तापस - व्हाट इज़ दिस सर... मेरी ईमानदारी और वफ़ादारी का यह सिला दे रहा है मुझे... मेरी डिपार्टमेंट...
कमिश्नर - देखो सेनापति... यह अदालती प्रोसिजर है...
तापस - सर यह क्या नॉनसेंस है... एक कंविक्टेड अदालत में... पिटीशन फाइल कर कर कहता है... बाकी के रिमांड दिन... स्पेशल सेल में रहना है... और जब तक उसकी रिमांड पूरी नहीं होती... तब तक उस जैल की अधिकारी तापस सेनापति नहीं रहेगा.... और अदालत उसकी यह अर्जी मान भी लेती है...
कमिश्नर - तुम ऐसे क्यूँ रिएक्ट हो रहे हो... ऐसा नहीं कि मैं तुम्हारे लिए नहीं लड़ा... पर हम इस सिस्टम में अपनी अपनी सीमा में बंधे हुए हैं... हमारी अपनी लिमिटेशन है... एंड डोंट फॉरगेट वह एक मिनिस्टर का बेटा है और खुद में बड़ा बिजनेसमैन है... अभी भी उनके इंफ्लुयंस कम नहीं हुए हैं.... इसलिए मैंने स्पेशयली तुम्हारे लिए डिपार्टमेंटल लिव सांकशन किया है... अभी तुम अपनी पत्नी को लेकर... कहीं भी जाओ... एंजॉय करो... टीए, डीए और स्टे सब डिपार्टमेंट देगी...
तापस - सर इससे बढ़िया होता.. के आप मुझे सस्पेंड कर दें...
कमिश्नर - बस... बहुत हो गया.... यह अदालत का ऑर्डर है... डिपार्टमेंट का कोई रोल नहीं है... तुम इतने सीनियर ऑफिसर हो.... फ़िर भी तुम एक नासमझ की तरह आर्गयु कर रहे हो...
तापस - सॉरी सर...
कमिश्नर - देखो... सब जानते हैं... यश पर सबसे पहले एफआईआर दर्ज कराने वाले सेनापति दंपति हैं... और इस बात को मान कर ही अदालत ने यह फैसला दिया है....
तापस - ठीक है सर... यह वाकई पहली बार ऐसा हो रहा है.... मुजरिम के अर्जी पर... एक पुलिस वाले का तड़ीपार किया जा रहा है...
कमिश्नर - तुम फ़िर शुरू हो गए.... यश ने यह चार्जर्स लगाया है... की तुम जैल में उसके खिलाफ कभी भी.. वायलंट हो सकते हो... इसीलिए अदालत ने यह ऑर्डर निकाला है...
तापस - अगैंन सॉरी...
कमिश्नर - नाउ... नो मोर डिस्कशन... डिसमिस...

तापस सैल्यूट दे कर चला जाता है l और अपने ऑफिस में पहुंच कर दास को बुलाता है l दास आकर उसे सैल्यूट मारता है तो तापस उसे एक चिट्ठी थमा देता है l

दास - यह क्या है सर...
तापस - सिर्फ़ दो दिन में... स्पेशल सेल तैयार रखो.... एक बहुत बड़ा बिजनैस टाईकुन आने वाला है...
दास - ओ...
तापस - दास... मुझे फ़िलहाल एक महीने के लिए... दिल्ली डेपुटेशन में भेजा जा रहा है... इस एक एक महीने के लिए झारपड़ा जैल के इनचार्ज इस जैल के एडीशनल चार्ज में रहेंगे... तब तक यश तुम्हारा मेहमान है...
दास - ओ अच्छा... यह बात है...
तापस - हूँ... एक बात और... कोशिश करना... विश्व और यश का आमना सामना जितना कम हो...
दास - ठीक है सर... मैं समझ सकता हूँ...

अगले दिन प्रतिभा को लेकर तापस दिल्ली चला जाता है l उधर स्पेशल सेल के एक दो रूम को तैयार किया जा रहा है l जैल में सबको मालूम हो चुका है कि यश वर्धन आ रहा है l यश के आने की खबर मिलने के बाद विश्व अपनी सेल से निकला नहीं है l यह बात दास नोटिस कर लेता है l फ़िर एक दिन बीत जाता है दास देखता है कि दो दिन हो चुका है फ़िर भी विश्व अपने सेल से बाहर नहीं आया है l दास से रहा नहीं जाता तो वह विश्व के पास आता है l

दास - क्या बात है विश्व... तुम अपने सेल से बाहर क्यूँ नहीं निकल रहे हो...
विश्व - क्या यह सच है... की सुपरिटेंडेंट सर की डेपुटेशन के पीछे यश का हाथ है...
दास - देखो विश्व... मैं समझ सकता हूँ... पर तुम रिएक्ट मत हो... हमने जैल की उस वारदात को कितनी अच्छी तरह से हैंडल किया है... की कोई अब तक नहीं जानता कि... तुम्हारा क्या रोल था उसमें... वरना यश कभी भी स्पेशल सेल के लिए यहाँ नहीं आता... और यहाँ कैदियों में... तुम्हारा और सुपरिटेंडेंट सर जी के बीच क्या रिस्ता है... कोई नहीं जानता... इसलिए तुम अगर यश को देख भी लो तो... रिएक्ट मत हो जाना... प्लीज...
विश्व - ठीक है...
दास - तो तुम बाहर निकलो... इससे पहले कि कोई मतलब निकाले..
विश्व - ठीक है... दास बाबु... आपकी बात सर आँखों पर...
दास - इतनी सी बात मान लेने के लिए थैंक्स... अच्छा मैं चलता हूँ... अब बाहर निकलो... सबके साथ वैसे ही मिलो... जैसे मिलते थे...
विश्व - ठीक है... आप जाइए...

दास वहाँ से चला जाता है l विश्व भी तैयार हो कर बाहर आता है l सारे कैदी विश्व की इज़्ज़त करते हैं वजह था कि इन दिनों में जितने भी शैटर डे स्कैरी नाइट सोल्यूशन फाइट हुए हैं उनमें विश्व ही जीता है अब तक l विश्व स्किल डिवेलपमेंट सेंटर जा कर अपना काम करने लगता है l काम करने के समय उससे सीलु और जिलु मिलने आते हैं l

सीलु - क्या बात है भाई... दो दिन से दिखे नहीं आप...
विश्व - कुछ नहीं... मैं कुछ प्लान कर रहा था... अब अमल करने का वक़्त आ गया है... तुम दोनों को साथ देना है...
जिलु - बोलो भाई... क्या करना है...
विश्व - यहाँ पर सबको यह यक़ीन दिलाओ... के जैल से छूटने के बाद... विश्वा भाई... सेनापति दंपती से बदला लेने वाला है...
सीलु - यह क्या बोल रहे हो भाई... आपके कहने पर तो... सेनापति मैडम ने हमें... अंडर कवर सरकारी गवाह बनाया... और इस बार छूटने के बाद... हम पर अब तक के सभी चार्जर्स हटा देंगे... फिर आप...
विश्व - (बीच में बात को काट कर) पहले यह बताओ... मैंने जो कहा... वह करोगे या नहीं...
जिलु - क्या बात कर रहे हो भाई... हम आपके लिए... जान भी दे सकते हैं...
विश्व - तो फ़िर यहाँ के सारे कैदी... अपनी जुबान पर हर दिन सौ बातेँ भले ही करते हों... पर उसमें एक बात ज़रूर कहें... के विश्व जब छूटेगा... तब वह इस जैलर की पत्नी से बदला लेगा...
दोनों - ठीक है... भाई... आपने प्लान किया है तो कुछ ना कुछ सोचा जरूर होगा... अब देखिए हमारा कमाल...
विश्व - यह बात.. दुसरे कैदी कितना कहेंगे जरूरी नहीं... पर कल जो नया मेहमान आ रहा है... उसके दिल दिमाग में यह बात पूरी तरह से छप जानी चाहिए...
दोनों - मतलब...
विश्व - मतलब यह है कि... तुम दोनों उसके पक्के चापलूस बन जाओगे...
दोनों - इससे क्या होगा...
विश्व - अब तक मैंने यहाँ जैसा सेट उप किया हुआ है... अंदर से और बाहर से.... समझ लो उसका एसिड टेस्ट होने वाला है...
दोनों - ओ... तो ठीक है भाई...
विश्व - और आखिरी बात... यह नया मेहमान जितना भी दिन यहाँ रुकेगा... तुम दोनों उसके पक्के चमचे बन जाओगे... और मेरे खिलाफ जितना हो सके... उसके कान भरोगे...
दोनों - वह क्यूँ... (विश्व उनको घूर के देखता है) ठीक है भाई.... ठीक है...

अगले दिन यश को लाया जाता है और उसे सीधे स्पेशल सेल में रखा जाता है l सीलु ओर जिलु दोनों पुरे जैल में यह बात फैलाने में कामयाब हो गए थे कि विश्व और सेनापति दंपति के बीच जानी दुश्मनी है l ऐसे ही दो दिन गुजर जाते हैं l यश भी अपने सेल से बाहर निकल कर डायनिंग हॉल और लाइब्रेरी जाने लगता है l विश्व के प्लान के मुताबिक सीलु और जिलु यश की चापलूसी और चमचागीरी जम कर करने लगते हैं और दुसरे कैदियों पर यश का इम्प्रेशन ज़माने लगते हैं l यश भी विश्व के बारे में कुछ कैदियों से जानकारी लेने लगता है l तीसरे दिन लंच के वक़्त वह देखता है कि विश्व एक कोने में टेबल पर अपना लंच ले रहा है l यश के साथ सीलु और जिलु बैठ कर खाना खा रहे हैं l

यश - यह....यह विश्वा है क्या...
सीलु - (उस तरफ देख कर) हाँ भाई... वही विश्वा है...
यश - हूँ... किस जुर्म में है...
जिलु - पता नहीं बॉस.... पर इतना मालुम है... की चार सौ बीस का लफड़ा है...
यश - हम्म...

फिर यश देखता है के विश्व अपना खाना खतम कर वॉश रूम जा रहा है l यश भी अपनी जगह से उठता है और वॉश रूम में पहुँचता है l वहाँ देखता है विश्व अपना थाली साफ कर हाथ मुहँ धो रहा है l यश उस पर नजर गड़ाए देखता है l विश्व उसे देखता है और फिर वहाँ से जा कर थाली वापस कर बाहर चला जाता है l विश्व के जाने के बाद यश भी वहाँ से निकल कर लाइब्रेरी जाता है l लाइब्रेरी में कुछ वक़्त गुजारने के बाद वह लाइब्रेरी से निकल कर स्किल सेंटर जाता है l वहाँ पहुँच कर देखता है l वहाँ पर मौजूद सारे कैदी कामों में लगे हुए हैं l कोई मोटर वाइंडींग कर रहा है, कोई कार्पेंट्री का काम कर रहा है, कोई गाड़ी रिपेयर का काम l सभी किसी ना किसी काम में लगे हुए हैं l पर यश की नजरें विश्व को ढूंढ रहे थे l वह देखता है एक जगह विश्व वेल्डिंग मशीन से रॉड काटने और जोड़ने का काम कर रहा है l यश वहाँ पहुँचता है और विश्व को घूरने लगता है l विश्व उसे देखता है फिर अपने काम में लग जाता है l खुद को ऐसे घूरे जाने पर विश्व का ध्यान भटकने लगता है l विश्व अपना काम रोक देता है l पहले अपना एप्रन उतार देता है फ़िर गॉगल l

विश्व - क्या... क्या हुआ... सुबह से मेरे पीछे क्यूँ पड़े हो...
यश - पता नहीं... मैंने तुम्हारे बारे में जो सुना... वह तुम्हारे शख्सियत के साथ मैच नहीं कर रहा...
विश्व - ऐ... इधर मेरे बारे में... कोई बकचोदी कर रहा है... तो उसका कंफर्मेशन के लिए आया है... चल निकल यहाँ से...
यश - तुम ऊपर से जितना दिख रहे हो... तुम उतने ही गहरे में छुपे हुए हो... मतलब चेहरे के एक हिस्सा उजाले में दिख रहा है... तो दुसरा हिस्सा अंधेरे में छुपा हुआ है...
विश्व - (उसके पास आकर) ज्यादा मत सोचो... मेरे बारे में जानोगे... तो तुम्हारे दिमाग की नसें फट जाएंगी... और तुम स्पेशल सेल के वजाए... किसी पागल खाने में नजर आओगे....
यश - (उसे गौर से देखते हुए, अपना सर ना में हिलाते हुए) एक आदमी जिसके कहने पर... सेनापति यहाँ स्किल सेंटर बनवाता है... वह उसकी बीवी से बदला लेगा... ऐसे लगते नहीं हो तुम..
विश्व - तु होता कौन है... मुझे सर्टिफिकेट देने वाला...
यश - तुम्हारे बारे में यहाँ बहुत गॉसिप हो रहे हैं... इसलिए तुम्हें समझना चाहता था...
विश्व - सुन बे स्पेशल सेल के कबूतर... कुछ ही दिनों में तुझे उड़ जाना है ना... तो अपनी उड़ने की तैयारी कर... यहाँ दिमाग़ का दही मत कर... एक बात भेजे में डाल ले... मैं एक नाग हूँ... काला नाग... और फ़िलहाल मैं ऐकडीशिस में हूँ... जिस दिन मेरी केंचुली उतरेगी... उस दिन शिकार को निकलूँगा... उस दिन मैं इतना जहरीला हुंगा... के किसीको डंस दिया ना.. वह पानी भी नहीं मांगेगा... इसलिए मुझसे दूर रह समझा....

इतना कह कर विश्व उसे वहीँ छोड़ कर चला जाता है l उसे जाते देख कर यश के चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है l उधर विश्व के चेहरे पर भी एक मुस्कान आ कर गायब हो जाती है l
और तीन दिन गुजर जाता है
विश्व लाइब्रेरी में बैठ कर दरवाजे की तरफ पीठ कर पेपर पढ़ रहा है l विश्व को लगता है कोई उसे दरवाजे के पास खड़े हो कर देख रहा है l

विश्व - कहो यश बाबु... आज फिर क्यूँ खुजली हो रही है... तुम्हारी...
यश - वाव... क्या बात है... बिना देखे ही जान गए... की मैं हूँ... (कहते कहते विश्व के सामने वाली चेयर पर बैठ जाता है)
विश्व - कहिए... अब आपको क्या प्रॉब्लम है...
यश - मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ...
विश्व - आप गलत जगह आए हैं... मिस्टर यश वर्धन... मैं ना तो किसीसे आसानी से दोस्ती करता हूँ... ना ही दुश्मनी छोड़ता हूँ... आई एम अ रौंग गय... फॉर यु... नीदर यु कैन हैंडल... नर यु कैन डील वीथ...
यश - यु नो वन थिंग... तुम जितने मिस्ट्रीयस हो... उतने ही इंट्रेस्टिंग... मुझे पहले तुम पर शक हुआ... इसलिए अपने वकील से... एक जासूस को हायर किया... अब जब सब जान गया हूँ... इसलिए तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ....
विश्व - क्या पता किया तुमने...
यश - तुम... राजगड़ से हो... तुम्हारी ज्याती दुश्मनी... क्षेत्रपाल से है... तुमने डैनी की वकील की मदत से बीए किया है... और अपने आप लॉ भी कर रहे हो...
विश्व - और कुछ...
यश - मैंने बस उतना ही जाना... जितना मुझे जानना चाहिए था...
विश्व - (मन ही मन) कैसे जानेगा भड़वे... पेरोल पर बाहर निकालने के लिए... मैंने हमेशा माँ को मना करता रहा... दुसरे वकील को अपने अकाउंट से हायर करके... लॉ की एक्जाम दे रहा हूँ... तु क्या तेरा बाप भी नहीं जान सकता... यही तो एसिड टेस्ट थी... मैं पास तु फैल...
यश - क्या सोचने लगे...
विश्व - यही के... तुम मेरे बारे में... इतना इंक्वायरी क्यूँ करवा रहे हो... कहीं अपनी बहन का रिस्ता तो मुझसे नहीं करवाना चाहते....
यश - शायद करवा देता... पर मेरी कोई बहन नहीं है...
विश्व - फ़िर किस बात के लिए इंक्वायरी करवा रहे थे...
यश - तुमसे दोस्ती करनी चाहिए या नहीं...
विश्व - मुझसे दोस्ती के लिये... क्यूँ इतना मरे जा रहे हो...
यश - क्यूँकी... एक मशहूर कहावत है... दुश्मन का दुश्मन दोस्त हो सकता है... तुम्हारी दुश्मनी क्षेत्रपाल से है... और मेरी भी... तुम्हारी रंजिश प्रतिभा सेनापति से है... मेरी भी...
विश्व - मेरी तो ठीक है... प्रतिभा जी से... तुम्हारी क्या प्रॉब्लम है...
यश - उनकी स्टिंग ऑपरेशन के वजह से ही... मैं यहाँ पर हुँ... और वह मेरे पीछे हाथ धो कर पड़े हुए हैं...
विश्व - कहीं तुम वह तो नहीं... जिसने.. उनके बेटे की हत्या की थी...
यश - (सकपका जाता है) ये.. य... यह तुम क.. क्या कह रहे हो... मैं भला ऐसा क्यूँ करूंगा...
विश्व - तो फिर तुम मुझसे किस बिनाह पर दोस्ती चाहते हो...
यश - कहा ना दुश्मनी...
विश्व - तुम मुझसे क्या चाहते हो...
यश - फ़िलहाल तुम मेरे लिए जैल के अंदर काम करोगे... और जब बाहर आओगे... मेरे फार्म में लॉ सेक्शन संभालोगे...
विश्व - (चुप रहता है)
यश - क्या सोच रहे हो...
विश्व - यही की अंदर से क्या मदत चाहिए तुम्हें...
यश - देखो अब मैं तुमको पूरा डिटेल्स में बताता हूँ... सुनो...
मुझसे एक अनइंटेंशनली एक्सीडेंट हो गया है... उसमें किसीकी जान चली गई है...
विश्व - तो...
यश - मुझे एक आदमी चाहिए... जो मेरी जगह ले और सजा भुगते... बदले में... मैं उसे पच्चीस करोड़ दे सकता हूँ...
विश्व - तो फिर तुम गलत जगह आए हो... मैं पहले से ही सजायाफ्ता हूँ... दो साल बाद निकलना है... और उसके बाद मैं कभी वापस नहीं आना चाहता...
यश - नहीं नहीं... मैंने इस बारे में... किसी और से बात की है... पर वह मान नहीं रहा है...
विश्व - हाँ तो... कोई मानेगा क्यूँ...
यश - देखो विश्व... तुम्हारा बाहर कोई नेटवर्क नहीं है... पर यहाँ एक बंदा है... बाहर जिसका अपना गैंग है और नेट वर्क भी...
विश्व - कौन है वह...
यश - देखो विश्व... इस जैल में बहुत से ग्रुप हैं... पर उन ग्रुपस् में लेनीन ग्रुप बहुत स्ट्रॉन्ग है और लोकल में अच्छा इंफ्लुयंश रखते हैं... पर उसके गैंग को तैयार तुम कर सकते हो...
विश्व - किस चीज़ के लिए...
यश - उनके किसी गैंग मेंबर से इकबालिया बयान दिलवा कर... मैं... मैं उन्हें मुहँ मांगा रकम दे सकता हूँ...
विश्व - तो तुम चाहते हो... मैं तुम्हारे लिए लेनिन को राजी करूँ....
यश - हाँ मैं जानता हूँ... तुम अगर उसे मनाओगे... वह तुमसे नहीं मना नहीं... क्यूंकि यहाँ पर सभी कैदियों पर तुम्हारा जबरदस्त इंप्रेशन और कमांड है... वजह यह है कि... यहाँ पर तुमने अब तक चार फाइट लड़ चुके हो.... और हर फाइट में तुमने सबको धुल चटाया है... और पहले भी लेनिन तुमसे मुहं की खा चुका है...
विश्व - तो फिर...
यश - देखो विश्व... मेरी रिमांड का टाइम खतम हो रहा है... मुझे कुछ सूझ नहीं रहा है... इसलिए तुम से मदत मांग रहा हूँ...
विश्व - जो भी कहना है... साफ साफ कहो...
यश - मैं चाहता हूँ... के तुम किसी तरह से लेनिन को राजी करो... वह तुम्हारी बात मान सकता है...
विश्व - ठीक है... मैं बात करता हूँ... पर अगर राजी नहीं हुआ तो....
यश - (विश्व के हाथ को पकड़ लेता है) यार विश्व... मैंने इतने दिनों में... सारे कैदियों पर तुम्हार इम्प्रेशन को जज किया है... इसलिए प्लीज... तुम मेरे लिए यह काम कर दो... मैं... मैं बाहर जाने के बाद... तुम्हारा हर तरह से मदत करूँगा... प्लीज प्लीज... (गिड़गिड़ाने लगता है)
विश्व - ठीक है... मैं लेनिन से बात करूँगा...

यश - थैंक्स दोस्त.... सच कहता हूँ दोस्त... मैं इस जैल में नहीं रह सकता.... अगर कुछ और दिन रहा तो मर जाऊँगा... मैं इस बार किसी भी तरह बाहर निकल जाऊँ.... फिर कभी इस जैल में नहीं रहूँगा... इस जैल में क्या... मैं इस मुल्क में नहीं रहूँगा... तुमने अगर मेरा इतना सा काम कर दिया... तो वादा करता हूं दोस्त... तुम्हारे बाकी की जिंदगी ऐश से गुजरेगी... थैंक्स... थैंक्स.. (कहकर यश वहाँ से उठ कर जाने लगता है)
विश्व - यश (बुलाता है, यश पीछे मुड़ कर विश्व को देखता है) मैं वादा करता हूँ... यह तुम्हारा आखिरी रिमांड होगा... प्रॉमिस...

विश्व इस बात पर यश गदगद हो जाता है और अपनी खुशी को आँखों से जाहिर कर वहाँ से चला जाता है l उसके जाते ही विश्व का चेहरे का रंग बदल जाता है l
उसी दिन शाम को गेम हॉल में यश आता है l गेम हॉल के अंदर वह देखता है कि विश्व और लेनिन कुछ बात कर रहे हैं l विश्व दरवाजे की तरफ देखता है और यश के देख कर अपने पास बुलाता है l विश्व यश और लेनिन एक टेबल पर बैठ जाते हैं l

लेनिन - हाँ तो यश बाबु... तुम को मेरे से हेल्प चाहिए...
यश - हाँ...
लेनिन - देखो यश बाबु... मैं इधर विश्वा भाई का इज़्ज़त करता है... क्यूँ... क्यूंकि उन्होंने मेरे को हराया था... इसलिए... अब देखो मैं तुम्हारे लिए किसीको बलि पर चढ़ायेगा.... माना कि तुम उसको.. मुहँ मांगा रकम देगा... पर इसमें मेरे को क्या...
यश - देखो... मैं इसके लिए भी तुमको... मुहँ माँगा रकम दूँगा...
लेनिन - बात रकम की नहीं... बात इज़्ज़त की है... मैं उसके लिए कुछ करता है... जिसके लिए मेरे दिल में इज़्ज़त हो...
यश - तो तुम समझ लो यह विश्व कह रहा है तुमसे...
लेनिन - हाँ... सच में... क्या विश्वा भाई...
विश्व - देखो लेनिन... मुझे कोई मतलब नहीं है... तुमको पैसा चाहिए... और यह पैसा देने को तैयार है... मैं बीच में... सिर्फ़ मांडवाली करा रहा हूँ... मेरा रोल यहीं तक है... यश बाबु... बात को आगे बढ़ाओ...
यश - (कसमसा जाता है) मैं.. मैं... मैं कैसे... (विश्व के तरफ देखने लगता है)
विश्व - लेनिन... तुम इसके लिए अपने गैंग से किसीको कह सकते हो... जो इसका गुनाह अपने सर लेले...
लेनिन - भाई... मैं किसीको बोल के देखता हूँ...
विश्व - देखो यह कल या परसों तक हो जाना चाहिए...
लेनिन - हूँ... मैं जानता हूँ... यश बाबु... आप पहले मेरे को एडवांस्ड दिलाओ... अगर कल शाम तक पैसे मिला तो रात तक मेरा एक बंदा जाकर अपनी गिरफ्तारी देगा...
यश - कितना चाहिए...
लेनिन - दस करोड़...
यश - डन... कल मेरा वकील आएगा... मैं उसे कह दूँगा... वह पैसे कब कहाँ और कैसे देगा यह डिटेल् मुजे बता दो...
लेनिन - ठीक है...
विश्व - रुको... मेरा रोल यहीं पर खतम होता है... अब जो भी करो... तुम दोनों आपस में बात चित कर खतम करो...
दोनों - ठीक है
विश्व - तुम दोनों को... मेरे बेस्ट ऑफ लक...

विश्व उन दोनों को छोड़ कर वहाँ से उठ जाता है l विश्व की पीठ उन दोनों के तरफ था और चेहरा धीरे धीरे कठोर होता जा रहा था l
अब विश्व एक myth बनता जा रहा है, जिसको कोई भी नही समझ सकता है। देखना है की विश्व ने यश के लिए प्लान क्या किया है।कुछ मजेदार और जबरदस्त होने वाला है, देखते है वो क्या है। मस्त लेखन
 
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Jaguaar

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तापस और प्रतिभा खान को ऐसे देखने लगते हैं जैसे उनके सामने कोई भूत बैठा हो l दोनों का मुहँ खुला रह जाता है और हैरानी से कभी एक दुसरे को तो कभी खान को देखने लगते हैं I

तापस - ये.. यह... क्या मज़ाक है... खान... तुम विश्व पर आरोप मढ रहे हो...
खान - नहीं बिल्कुल नहीं... तुम्हें लगता है कि मैं मज़ाक करने के मूड में हूँ...
तापस - देन... व्हाट रॉब्बीश... तुम जानते हो... जैल में जितने भी कैदी सुधार प्रोग्राम हो रहे हैं.... सब विश्व की दी हुई आइडिया से है... सुधरने की कोशिश करने वाले क़ैदियों को स्वरोजगार और स्वावलंब की जितनी भी प्रोग्राम है... सब के सब विश्व के आइडिया है.... आज कैन्टीन में जो टीवी और न्यूज पेपर उपलब्ध है वह भी विश्व का आइडिया है.... और अभी अभी मैंने तुमको बताया कैसे... कैसे विश्व ने जैल में दंगा भड़कने से रोका और कैदियों के साथ साथ हम पुलिस वालों की भी जान बचाई... बाय द वे... तुम जिसे हत्या कह रहे हो.... वह एक हादसा था... यह इंक्वायरी में साबित भी हो चुका है... तो फिर किस बिनाह पर तुम उसे क़ातिल बता रहे हो...(एक ही सांस में बिना रुके बोलता है)
खान - रिलैक्स... रिलैक्स... तुम इतना हाइपर क्यूँ हो रहे हो...
तापस - (खुदको संभालते हुए) सॉरी... पर तुम बिना सबुत के कैसे किसी पर आरोप लगा सकते हो...
खान - हाँ सबुत तो है नहीं... पर मैं लॉजिक बिठा सकता हूँ....
प्रतिभा - अगर सबुत ही नहीं है... तो हम क्यूँ बे फिजूल डिस्कस कर रहे हैं...
खान - सबुत तो... यश ने भी नहीं छोड़ा था...
तापस - इनॉफ...(आवाज़ में थोड़ा गुस्सा झलकता है) तुम विश्व और यश को मत मिलाओ... तुम यह सब इसलिए कह रहे हो... क्यूंकि यश ने हम सबका कुछ ना कुछ बिगाड़ा था.... पर वह... जो भी हुआ था... वह एक हादसा था... उस वक़्त मैं था भी नहीं... और उस हादसे पर रिपोर्ट.... इंटरनल इनवेस्टिगेशन पैनल ने बनाई थी... और वह इंफ्लुयंस्ड नहीं थे...
खान - आई नो... पर मैंने कहा ना मैं लॉजिक बिठा सकता हूँ...

तापस वाकई हाइपर होने लगा था l उसकी सांस ऊपर नीचे होने लगी थी l प्रतिभा ने उसका हाथ थाम लिया l

तापस - (थोड़ा नॉर्मल होते हुए) ठीक है... बताओ तुम क्या जानते हो...
खान - (मुस्कराकर) तुमने खुद बताया... विश्व... एक मासूम गाँव वाला... पर अब.... अब कहाँ से कहाँ पहुँच गया है...
तापस - खान प्लीज...
खान - ओके ओके... ठीक है... तो मैं बताता हूँ.... जैसा कि विश्व अगले महीने छूटने वाला है... तो जाहिर सी बात है... मुझे उसके अब तक जितने दिन भी रहा है... उसके चाल चलन पर रिपोर्ट बना कर मंत्रालय को भेजना था... तभी मैंने उसके फाइल में यह भी देखा था... की उसे एक इंटरनल इंक्वायरी का सामना करना पड़ा है... रिपोर्ट में उसके साथ और पाँच सस्पेक्ट और भी थे... बट ऑल क्लीयर... पर तुम्हारे कहानी सुनने के बाद.... मुझे न्यूज पेपर पर पढ़े... और टीवी पर देखे सुने न्यूज... कुछ कुछ याद आने लगे... आख़िर पुलिस वाला हूँ... मैंने अपना लॉजिक बिठा दिया...
तापस - पर ऐसे कैसे...
खान - सेनापति... हम दोनों एक दुसरे को... अच्छी तरह से जानते हैं... हमने कई कंभींग ऑपरेशन साथ किया है... तुम जानते हो... मैं बे फिजूल कोई बात करता नहीं...
तापस - (चुप रहता है)
खान - वह हादसा था या हत्या... यह बाद की बात है... पर सच यह भी है... की यश से बदला लेने के लिए... विश्व के पास दो दो वजह थे.... एक जयंत राउत और दुसरा प्रत्युष....

तापस और प्रतिभा चुप रहते हैं l खान भी उनकी प्रतिक्रिया देखने के लिए कुछ दूर चुप रहता है l फ़िर ख़ामोशियों को तोड़ते हुए तापस पूछता है

तापस - ओ... तो तुम अपना लॉजिक बिठा रहे हो...
खान - सिर्फ़ लॉजिक नहीं... एक दम सलिड लॉजिक...
तापस - ठीक है... असल मुद्दे पर आओ...
खान - बताता हूँ... जैसे कि मैंने कहा तुम्हारे और विश्व के अतीत में झांकने के बाद ही.... मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूँ... इसलिए मैं भी तुम्हें... दो साल पहले लिए चलता हूँ... जो उस वक़्त पेपर के हेडलाइंस बने हुए थे... दो साल पहले... चेट्टीस् ओर क्षेत्रपालों की बीच दूरियां आ चुकी थी.... वजह का तो पता नहीं... पर क्यूँकी जब विक्रम सिंह क्षेत्रपाल की शादी हुई थी तब... तब उसके शादी में चेट्टीस् का ना जाना बहुत ही बड़ी न्यूज थी... आखिर क्षेत्रपाल परिवार को राजनीति में लाने वाले चेट्टीस् जो थे.... उसके बाद तो जैसे... चेट्टीस् के सियासत और निजी जिंदगी में पतझड़ो का सिलसिला ही शुरू हो गया... वजह... वही लोग जानें... मगर उसके बाद से ही ओंकार चेट्टी की सियासत को और यश चेट्टी की व्यापार सब को ग्रहण लगना शुरू हो गया था.... दो साल पहले... नयी नयी एक उभरती मीडिया चैनल... नभ वाणी के रिपोर्टर प्रवीण रथ ने... पहले यश पर सनसनी आरोप लगाया कि... यश एक लड़की बाज और ऐयाश किस्म का आदमी है... तब मीडिया में वॉर छिड़ गई थी... यश के बचाव में कुछ आ गए थे... और हमले में सिर्फ कुछ एक ही मीडिया थे.... और उन सबमें सबसे आगे था... नभ वाणी... फिर एक दिन प्राइम टाइम न्यूज में.... निहारिका नाम की एक टॉप मॉडल आकर यश पर इल्ज़ाम लगा देती है... की पाँच सालों से वह और यश लिव इन रिलेशनशिप में थे... अब जब वह उसके बच्चे की माँ बनने वाली है... तब यश ने उसे धक्के मार कर घर से निकाल दिया है.... इस पर यश ने काउंटर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए... निहारिका पर पाँच सौ करोड़ रुपए की... डिफेम केस शूट कर दिया.....
क्यूँ है ना....
प्रतिभा - हाँ... यह तो सब जानते हैं... इसमें नया क्या है...
खान - नया क्या है... वह मैं आखिर में कहूँगा... फ़िलहाल में कड़ी से कड़ी जोड़ रहा हूँ....
तापस - ठीक है... कहो....
खान - जब यश जैसा बिजनस टाईकुन... पांच सौ करोड़ की डिफेम शूट किया हो... तो उससे बचने के लिए... कोई नामी या फिर दमदार वकील होना चाहिए कि नहीं.... भाभीजी तभी धीरे धीरे ग्रूम कर रही थीं... इतनी नामी तो थी नहीं.... पर फ़िर भी... निहारिका ने अपनी केस लड़ने के लिए.... आपके पास आई... और आप यश के खिलाफ केस लड़ने के लिए.... किसी भी हद तक जा सकती थीं.... यह बात निहारिका अच्छी तरह से जानती थी.... आपने भी हाथ में केस लेने की जरा भी देरी ना लगाई.... और कोर्ट में... आपकी क्लाएंट को यश से जान की खतरा है.... और अगर निहारिका को कुछ भी हो जाता है तो.... उसका जिम्मेदार सिर्फ़ व सिर्फ़ यश ही होगा... ऐसा हलफनामा दायर किया....
है ना....
प्रतिभा - हाँ यह सच है और यह बात सबको पता है...
खान - हाँ... इस बार यश बौरा गया था... अपनी आदत के अनुसार दुश्मन को खुद मारने निकला और इसलिए... खुद ही अपनी गाड़ी से निहारिका की एक्सीडेंट कर दिया... पुलिस की तफ्तीश आगे बढ़ी तो शक़ यश पर आया... चूंकि आपने पहले से ही अदालत में हलफनामा दायर कर चुकीं थी... तो यश के नाम पर वारंट अदालत से निकली... तब मज़बूर हो कर यश ने खुद को अदालत में सरेंडर करा दिया... पर अदालत में यह भी कहा.... उसको जैल सुपरिटेंडेंट तापस सेनापति से जान का खतरा हो सकता है... इसलिए उसे किसी और जैल में रखा जाए... और अदालत ने आपकी और यश के अतीत को देख कर.... यश को झारपड़ा जैल में भेज दिया....
है ना...
तापसा - (अपना सिर हाँ में हिलाते हुए) हूँ...
खान - झारपड़ा जैल में जब यश चौदह दिनों की रिमांड पर था... तब...

अब खान की जुबानी फ्लैशबैक जो वह बीच बीच में ब्रेक लेकर सुनाएगा

सेंट्रल जैल
विश्व स्किल अपग्रेडेशन सेंटर में कारपेंट्री का काम कर रहा है l उसके पास सीलु आता है पर विश्व को कुछ नहीं कहता वहीँ जगह देख कर बैठ जाता है l

विश्व - क्या बात है... ऐसे मुहँ लटकाये क्यूँ बैठा है...
सीलु - वह भाई तुमसे एक बात करनी है...
विश्व - हाँ तो कहो...
सीलु - भाई... वह...
विश्व - (अपना काम रोक देता है, और सीलु को अपने साथ सेंटर से बाहर आता है) अब बोलो क्या बात है... बेझिझक बोलो...
सीलु - भाई मैं और जिलु यहाँ साथ हैं.. मिलु और टीलु बाहर हैं... तो वही इंसपेक्टर ने उन दोनों को एक बड़ा ऑफर दिया है...
विश्व - क्या ऑफर दिया है....
सीलु - भाई हम हमेशा हिट एंड रन केस को... अपने ऊपर ले लेते हैं... बदले में हमारी तगड़ी कमाई भी हो जाती है... पर हर हिट एंड रन केस में... कभी किसीकी जान नहीं गई थी... पर इस बार मामला थोड़ा अलग है...
विश्व - मतलब अब इस बार किसीकी जान गई है...
सीलु - हाँ... हम कभी पाँच या छह महीने से ज्यादा जैल में रुके भी नहीं है... पर इसबार बात अलग है...
विश्व - क्या अलग है...
सीलु -.. वह इंस्पेक्टर... इसबार कह रहा है... की हिट एंड रन केस में... पाँच साल की सजा हो सकती है.... अनइंटेंश्नली मर्डर चार्जर्स लग सकते हैं... पर हर एक साल की ऐवज में दो करोड़... मतलब हम चारों को दस दस करोड़ रुपये...
विश्व - ह्म्म्म्म... तो तुम लोग मुझसे चाहते क्या हो...
सीलु - भाई... हमने पहले भी कहा था... की हम यह काम छोड़ देंगे... और तुम्हारे साथ ही रहेंगे... बात अगर दो साल की होती तो हम मान लेते... पर पाँच साल...
विश्व - (सीलु को घूर कर देखता है) सीलु... मैं तब भी चाहता था... और अब भी चाहता हूँ... तुम लोग यह काम छोड़ दो...
सीलु - हम छोड़ तो दें... पर वह इंस्पेक्टर हमे नहीं छोड़ रहा है ना...
विश्व - वैसे यह किस बंदे के लिए... कह रहा है...
सीलु - मालुम नहीं भाई... हमारे उस इंस्पेक्टर के साथ पहले ही डील है... हमको उनके बारे में... कोई जानकारी नहीं दी जाती...
विश्व - अच्छा... पहले कितना ऑफर होता था...
सीलु - यही कोई पचास हजार या लाख या ज्यादा से ज्यादा डेढ़ लाख...
विश्व - (भवें तन जाती है) इस बार करोड़ों...
सीलु - हाँ भाई....
विश्व - (सीलु को अपने तरफ घुमाता है और उसके दोनों कंधे पर अपना हाथ रख कर) सीलु मुझसे सच सच कहो... क्या वाकई तुम लोग इस दल दल से निकालना चाहते हो...
सीलु - हाँ भाई कसम से...
विश्व - तो मुझे कल तक का समय दो... फिर मैं जैसा कहूँगा... तुम मिलु और टीलु से कहना... वह लोग सब बिल्कुल वैसे ही करेंगे...
सीलु - ठीक है भाई...

फिर वहीँ, सीलु को छोड़ कर तापस के कैबिन की ओर जाता है l वहाँ पहुँच कर देखता है तापस किसी गहरी सोच में डूबा हुआ है l

विश्व - क्या मैं अंदर आ सकता हूँ...
तापस - (होश में आते हुए) हूँ... हाँ... विश्व आओ... कहो क्या बात है...
विश्व - मुझे आपका फोन चाहिए...
तापस - क्यूँ प्रतिभा से बात करनी है क्या...
विश्व - हाँ...
तापस - यह लो...
विश्व - (फोन लगाता है)...
प्रतिभा - (दुसरी तरफ से) हाँ बेटा बोल...
विश्व - अरे माँ.. तुमको कैसे पता... मैंने आपको फोन लगाया है...
प्रतिभा - बेटे को कब माँ की जरूरत पड़ती है... माँ समझ जाती है... अच्छा अब बोल... तूने फोन क्यूँ किया...
विश्व - माँ.. वह यश... बचने के लिए... जुगाड़ लगा रहा है... वह अपने बदले किसी और से इकबालिया बयान दिला कर... खुद को बचाने के चक्कर में है... आपको कुछ करना पड़ेगा...
प्रतिभा - (हैरान होते हुए) तुझे कैसे पता....
विश्व - माँ... यहाँ पर मेरे चार दोस्त हैं (विश्व उनके बारे में और वह लोग कैसे जैल में आते हैं सब बता देता है) माँ... मैंने उनसे वादा किया था... की उनको एक दिन उस दल दल से निकालूँगा... अब वक़्त आ गया है...
प्रतिभा - ठीक है पर कैसे...
विश्व - आप उस इंस्पेक्टर की स्टिंग ऑपरेशन करोगे... मेरे दोस्तों के जरिए... मेरे यही दोस्त सरकारी गवाह बनकर... यश के खिलाफ सबूत बन जाएंगे...
प्रतिभा - (आवाज़ में खुशी जाहिर करते हुए) बहुत ही बढ़िया आइडिया दिया है तुमने... एक काम करो... तुम अपने दोस्तों के डिटेल्स दो... और जो बाहर हैं... उन्हें कहो मुझसे कहीं... न्यूट्रल वेन्यू पर मिले...
विश्व - ठीक है माँ... अच्छा अब बस इतना ही... बाद में कभी...
प्रतिभा - बाय बेटा... लव यू...
विश्व - लव यू ठु माँ...

कह कर फोन काट देता है और तापस को दे देता है l विश्व गौर करता है तापस उसे घूर कर देख रहा है l

विश्व - आप ऐसे क्यूँ घूर रहे हैं...
तापस - कितना दिमाग चला लेते हो... एक दिन बहुत बड़ा वकील बनोगे...

विश्व थोड़ा शर्मा कर सकुचाते हुए बाहर चला जाता है l
कुछ दिनों बाद स्टिंग ऑपरेशन में चन्द्रशेखर पुर थाने के इंस्पेक्टर यश का नाम खुलासा करते हुए पाया जाता है l उसके बाद वह इंस्पेक्टर सस्पेंड कर दिया जाता है l चौदह दिन की रिमांड के बाद अदालत की पेशी में यश की रिमांड और चौदह दिन और बढ़ जाता है l अदालत के बाहर यश और प्रतिभा का मुलाकात होती है

यश - यह स्टिंग ऑपरेशन तुने ही कराया था ना बुढ़िया.... अच्छी चाल थी... पर तेरे हाथ कुछ नहीं लगेगा....
प्रतिभा - यह तो शुरुआत है... यश वर्धन... तुम्हें अंजाम तक पहुंचाने के लिए... मैं किसी भी हद तक जा सकती हूँ...
यश - ठीक है बुढ़िया... ठीक है... पहली चाल तूने चल दी... अब मेरी चाल बाकी है...
प्रतिभा - ठीक है... देखते हैं...

दो दिन बाद
कमिश्नर ऑफिस में

तापस - व्हाट इज़ दिस सर... मेरी ईमानदारी और वफ़ादारी का यह सिला दे रहा है मुझे... मेरी डिपार्टमेंट...
कमिश्नर - देखो सेनापति... यह अदालती प्रोसिजर है...
तापस - सर यह क्या नॉनसेंस है... एक कंविक्टेड अदालत में... पिटीशन फाइल कर कर कहता है... बाकी के रिमांड दिन... स्पेशल सेल में रहना है... और जब तक उसकी रिमांड पूरी नहीं होती... तब तक उस जैल की अधिकारी तापस सेनापति नहीं रहेगा.... और अदालत उसकी यह अर्जी मान भी लेती है...
कमिश्नर - तुम ऐसे क्यूँ रिएक्ट हो रहे हो... ऐसा नहीं कि मैं तुम्हारे लिए नहीं लड़ा... पर हम इस सिस्टम में अपनी अपनी सीमा में बंधे हुए हैं... हमारी अपनी लिमिटेशन है... एंड डोंट फॉरगेट वह एक मिनिस्टर का बेटा है और खुद में बड़ा बिजनेसमैन है... अभी भी उनके इंफ्लुयंस कम नहीं हुए हैं.... इसलिए मैंने स्पेशयली तुम्हारे लिए डिपार्टमेंटल लिव सांकशन किया है... अभी तुम अपनी पत्नी को लेकर... कहीं भी जाओ... एंजॉय करो... टीए, डीए और स्टे सब डिपार्टमेंट देगी...
तापस - सर इससे बढ़िया होता.. के आप मुझे सस्पेंड कर दें...
कमिश्नर - बस... बहुत हो गया.... यह अदालत का ऑर्डर है... डिपार्टमेंट का कोई रोल नहीं है... तुम इतने सीनियर ऑफिसर हो.... फ़िर भी तुम एक नासमझ की तरह आर्गयु कर रहे हो...
तापस - सॉरी सर...
कमिश्नर - देखो... सब जानते हैं... यश पर सबसे पहले एफआईआर दर्ज कराने वाले सेनापति दंपति हैं... और इस बात को मान कर ही अदालत ने यह फैसला दिया है....
तापस - ठीक है सर... यह वाकई पहली बार ऐसा हो रहा है.... मुजरिम के अर्जी पर... एक पुलिस वाले का तड़ीपार किया जा रहा है...
कमिश्नर - तुम फ़िर शुरू हो गए.... यश ने यह चार्जर्स लगाया है... की तुम जैल में उसके खिलाफ कभी भी.. वायलंट हो सकते हो... इसीलिए अदालत ने यह ऑर्डर निकाला है...
तापस - अगैंन सॉरी...
कमिश्नर - नाउ... नो मोर डिस्कशन... डिसमिस...

तापस सैल्यूट दे कर चला जाता है l और अपने ऑफिस में पहुंच कर दास को बुलाता है l दास आकर उसे सैल्यूट मारता है तो तापस उसे एक चिट्ठी थमा देता है l

दास - यह क्या है सर...
तापस - सिर्फ़ दो दिन में... स्पेशल सेल तैयार रखो.... एक बहुत बड़ा बिजनैस टाईकुन आने वाला है...
दास - ओ...
तापस - दास... मुझे फ़िलहाल एक महीने के लिए... दिल्ली डेपुटेशन में भेजा जा रहा है... इस एक एक महीने के लिए झारपड़ा जैल के इनचार्ज इस जैल के एडीशनल चार्ज में रहेंगे... तब तक यश तुम्हारा मेहमान है...
दास - ओ अच्छा... यह बात है...
तापस - हूँ... एक बात और... कोशिश करना... विश्व और यश का आमना सामना जितना कम हो...
दास - ठीक है सर... मैं समझ सकता हूँ...

अगले दिन प्रतिभा को लेकर तापस दिल्ली चला जाता है l उधर स्पेशल सेल के एक दो रूम को तैयार किया जा रहा है l जैल में सबको मालूम हो चुका है कि यश वर्धन आ रहा है l यश के आने की खबर मिलने के बाद विश्व अपनी सेल से निकला नहीं है l यह बात दास नोटिस कर लेता है l फ़िर एक दिन बीत जाता है दास देखता है कि दो दिन हो चुका है फ़िर भी विश्व अपने सेल से बाहर नहीं आया है l दास से रहा नहीं जाता तो वह विश्व के पास आता है l

दास - क्या बात है विश्व... तुम अपने सेल से बाहर क्यूँ नहीं निकल रहे हो...
विश्व - क्या यह सच है... की सुपरिटेंडेंट सर की डेपुटेशन के पीछे यश का हाथ है...
दास - देखो विश्व... मैं समझ सकता हूँ... पर तुम रिएक्ट मत हो... हमने जैल की उस वारदात को कितनी अच्छी तरह से हैंडल किया है... की कोई अब तक नहीं जानता कि... तुम्हारा क्या रोल था उसमें... वरना यश कभी भी स्पेशल सेल के लिए यहाँ नहीं आता... और यहाँ कैदियों में... तुम्हारा और सुपरिटेंडेंट सर जी के बीच क्या रिस्ता है... कोई नहीं जानता... इसलिए तुम अगर यश को देख भी लो तो... रिएक्ट मत हो जाना... प्लीज...
विश्व - ठीक है...
दास - तो तुम बाहर निकलो... इससे पहले कि कोई मतलब निकाले..
विश्व - ठीक है... दास बाबु... आपकी बात सर आँखों पर...
दास - इतनी सी बात मान लेने के लिए थैंक्स... अच्छा मैं चलता हूँ... अब बाहर निकलो... सबके साथ वैसे ही मिलो... जैसे मिलते थे...
विश्व - ठीक है... आप जाइए...

दास वहाँ से चला जाता है l विश्व भी तैयार हो कर बाहर आता है l सारे कैदी विश्व की इज़्ज़त करते हैं वजह था कि इन दिनों में जितने भी शैटर डे स्कैरी नाइट सोल्यूशन फाइट हुए हैं उनमें विश्व ही जीता है अब तक l विश्व स्किल डिवेलपमेंट सेंटर जा कर अपना काम करने लगता है l काम करने के समय उससे सीलु और जिलु मिलने आते हैं l

सीलु - क्या बात है भाई... दो दिन से दिखे नहीं आप...
विश्व - कुछ नहीं... मैं कुछ प्लान कर रहा था... अब अमल करने का वक़्त आ गया है... तुम दोनों को साथ देना है...
जिलु - बोलो भाई... क्या करना है...
विश्व - यहाँ पर सबको यह यक़ीन दिलाओ... के जैल से छूटने के बाद... विश्वा भाई... सेनापति दंपती से बदला लेने वाला है...
सीलु - यह क्या बोल रहे हो भाई... आपके कहने पर तो... सेनापति मैडम ने हमें... अंडर कवर सरकारी गवाह बनाया... और इस बार छूटने के बाद... हम पर अब तक के सभी चार्जर्स हटा देंगे... फिर आप...
विश्व - (बीच में बात को काट कर) पहले यह बताओ... मैंने जो कहा... वह करोगे या नहीं...
जिलु - क्या बात कर रहे हो भाई... हम आपके लिए... जान भी दे सकते हैं...
विश्व - तो फ़िर यहाँ के सारे कैदी... अपनी जुबान पर हर दिन सौ बातेँ भले ही करते हों... पर उसमें एक बात ज़रूर कहें... के विश्व जब छूटेगा... तब वह इस जैलर की पत्नी से बदला लेगा...
दोनों - ठीक है... भाई... आपने प्लान किया है तो कुछ ना कुछ सोचा जरूर होगा... अब देखिए हमारा कमाल...
विश्व - यह बात.. दुसरे कैदी कितना कहेंगे जरूरी नहीं... पर कल जो नया मेहमान आ रहा है... उसके दिल दिमाग में यह बात पूरी तरह से छप जानी चाहिए...
दोनों - मतलब...
विश्व - मतलब यह है कि... तुम दोनों उसके पक्के चापलूस बन जाओगे...
दोनों - इससे क्या होगा...
विश्व - अब तक मैंने यहाँ जैसा सेट उप किया हुआ है... अंदर से और बाहर से.... समझ लो उसका एसिड टेस्ट होने वाला है...
दोनों - ओ... तो ठीक है भाई...
विश्व - और आखिरी बात... यह नया मेहमान जितना भी दिन यहाँ रुकेगा... तुम दोनों उसके पक्के चमचे बन जाओगे... और मेरे खिलाफ जितना हो सके... उसके कान भरोगे...
दोनों - वह क्यूँ... (विश्व उनको घूर के देखता है) ठीक है भाई.... ठीक है...

अगले दिन यश को लाया जाता है और उसे सीधे स्पेशल सेल में रखा जाता है l सीलु ओर जिलु दोनों पुरे जैल में यह बात फैलाने में कामयाब हो गए थे कि विश्व और सेनापति दंपति के बीच जानी दुश्मनी है l ऐसे ही दो दिन गुजर जाते हैं l यश भी अपने सेल से बाहर निकल कर डायनिंग हॉल और लाइब्रेरी जाने लगता है l विश्व के प्लान के मुताबिक सीलु और जिलु यश की चापलूसी और चमचागीरी जम कर करने लगते हैं और दुसरे कैदियों पर यश का इम्प्रेशन ज़माने लगते हैं l यश भी विश्व के बारे में कुछ कैदियों से जानकारी लेने लगता है l तीसरे दिन लंच के वक़्त वह देखता है कि विश्व एक कोने में टेबल पर अपना लंच ले रहा है l यश के साथ सीलु और जिलु बैठ कर खाना खा रहे हैं l

यश - यह....यह विश्वा है क्या...
सीलु - (उस तरफ देख कर) हाँ भाई... वही विश्वा है...
यश - हूँ... किस जुर्म में है...
जिलु - पता नहीं बॉस.... पर इतना मालुम है... की चार सौ बीस का लफड़ा है...
यश - हम्म...

फिर यश देखता है के विश्व अपना खाना खतम कर वॉश रूम जा रहा है l यश भी अपनी जगह से उठता है और वॉश रूम में पहुँचता है l वहाँ देखता है विश्व अपना थाली साफ कर हाथ मुहँ धो रहा है l यश उस पर नजर गड़ाए देखता है l विश्व उसे देखता है और फिर वहाँ से जा कर थाली वापस कर बाहर चला जाता है l विश्व के जाने के बाद यश भी वहाँ से निकल कर लाइब्रेरी जाता है l लाइब्रेरी में कुछ वक़्त गुजारने के बाद वह लाइब्रेरी से निकल कर स्किल सेंटर जाता है l वहाँ पहुँच कर देखता है l वहाँ पर मौजूद सारे कैदी कामों में लगे हुए हैं l कोई मोटर वाइंडींग कर रहा है, कोई कार्पेंट्री का काम कर रहा है, कोई गाड़ी रिपेयर का काम l सभी किसी ना किसी काम में लगे हुए हैं l पर यश की नजरें विश्व को ढूंढ रहे थे l वह देखता है एक जगह विश्व वेल्डिंग मशीन से रॉड काटने और जोड़ने का काम कर रहा है l यश वहाँ पहुँचता है और विश्व को घूरने लगता है l विश्व उसे देखता है फिर अपने काम में लग जाता है l खुद को ऐसे घूरे जाने पर विश्व का ध्यान भटकने लगता है l विश्व अपना काम रोक देता है l पहले अपना एप्रन उतार देता है फ़िर गॉगल l

विश्व - क्या... क्या हुआ... सुबह से मेरे पीछे क्यूँ पड़े हो...
यश - पता नहीं... मैंने तुम्हारे बारे में जो सुना... वह तुम्हारे शख्सियत के साथ मैच नहीं कर रहा...
विश्व - ऐ... इधर मेरे बारे में... कोई बकचोदी कर रहा है... तो उसका कंफर्मेशन के लिए आया है... चल निकल यहाँ से...
यश - तुम ऊपर से जितना दिख रहे हो... तुम उतने ही गहरे में छुपे हुए हो... मतलब चेहरे के एक हिस्सा उजाले में दिख रहा है... तो दुसरा हिस्सा अंधेरे में छुपा हुआ है...
विश्व - (उसके पास आकर) ज्यादा मत सोचो... मेरे बारे में जानोगे... तो तुम्हारे दिमाग की नसें फट जाएंगी... और तुम स्पेशल सेल के वजाए... किसी पागल खाने में नजर आओगे....
यश - (उसे गौर से देखते हुए, अपना सर ना में हिलाते हुए) एक आदमी जिसके कहने पर... सेनापति यहाँ स्किल सेंटर बनवाता है... वह उसकी बीवी से बदला लेगा... ऐसे लगते नहीं हो तुम..
विश्व - तु होता कौन है... मुझे सर्टिफिकेट देने वाला...
यश - तुम्हारे बारे में यहाँ बहुत गॉसिप हो रहे हैं... इसलिए तुम्हें समझना चाहता था...
विश्व - सुन बे स्पेशल सेल के कबूतर... कुछ ही दिनों में तुझे उड़ जाना है ना... तो अपनी उड़ने की तैयारी कर... यहाँ दिमाग़ का दही मत कर... एक बात भेजे में डाल ले... मैं एक नाग हूँ... काला नाग... और फ़िलहाल मैं ऐकडीशिस में हूँ... जिस दिन मेरी केंचुली उतरेगी... उस दिन शिकार को निकलूँगा... उस दिन मैं इतना जहरीला हुंगा... के किसीको डंस दिया ना.. वह पानी भी नहीं मांगेगा... इसलिए मुझसे दूर रह समझा....

इतना कह कर विश्व उसे वहीँ छोड़ कर चला जाता है l उसे जाते देख कर यश के चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है l उधर विश्व के चेहरे पर भी एक मुस्कान आ कर गायब हो जाती है l
और तीन दिन गुजर जाता है
विश्व लाइब्रेरी में बैठ कर दरवाजे की तरफ पीठ कर पेपर पढ़ रहा है l विश्व को लगता है कोई उसे दरवाजे के पास खड़े हो कर देख रहा है l

विश्व - कहो यश बाबु... आज फिर क्यूँ खुजली हो रही है... तुम्हारी...
यश - वाव... क्या बात है... बिना देखे ही जान गए... की मैं हूँ... (कहते कहते विश्व के सामने वाली चेयर पर बैठ जाता है)
विश्व - कहिए... अब आपको क्या प्रॉब्लम है...
यश - मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ...
विश्व - आप गलत जगह आए हैं... मिस्टर यश वर्धन... मैं ना तो किसीसे आसानी से दोस्ती करता हूँ... ना ही दुश्मनी छोड़ता हूँ... आई एम अ रौंग गय... फॉर यु... नीदर यु कैन हैंडल... नर यु कैन डील वीथ...
यश - यु नो वन थिंग... तुम जितने मिस्ट्रीयस हो... उतने ही इंट्रेस्टिंग... मुझे पहले तुम पर शक हुआ... इसलिए अपने वकील से... एक जासूस को हायर किया... अब जब सब जान गया हूँ... इसलिए तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ....
विश्व - क्या पता किया तुमने...
यश - तुम... राजगड़ से हो... तुम्हारी ज्याती दुश्मनी... क्षेत्रपाल से है... तुमने डैनी की वकील की मदत से बीए किया है... और अपने आप लॉ भी कर रहे हो...
विश्व - और कुछ...
यश - मैंने बस उतना ही जाना... जितना मुझे जानना चाहिए था...
विश्व - (मन ही मन) कैसे जानेगा भड़वे... पेरोल पर बाहर निकालने के लिए... मैंने हमेशा माँ को मना करता रहा... दुसरे वकील को अपने अकाउंट से हायर करके... लॉ की एक्जाम दे रहा हूँ... तु क्या तेरा बाप भी नहीं जान सकता... यही तो एसिड टेस्ट थी... मैं पास तु फैल...
यश - क्या सोचने लगे...
विश्व - यही के... तुम मेरे बारे में... इतना इंक्वायरी क्यूँ करवा रहे हो... कहीं अपनी बहन का रिस्ता तो मुझसे नहीं करवाना चाहते....
यश - शायद करवा देता... पर मेरी कोई बहन नहीं है...
विश्व - फ़िर किस बात के लिए इंक्वायरी करवा रहे थे...
यश - तुमसे दोस्ती करनी चाहिए या नहीं...
विश्व - मुझसे दोस्ती के लिये... क्यूँ इतना मरे जा रहे हो...
यश - क्यूँकी... एक मशहूर कहावत है... दुश्मन का दुश्मन दोस्त हो सकता है... तुम्हारी दुश्मनी क्षेत्रपाल से है... और मेरी भी... तुम्हारी रंजिश प्रतिभा सेनापति से है... मेरी भी...
विश्व - मेरी तो ठीक है... प्रतिभा जी से... तुम्हारी क्या प्रॉब्लम है...
यश - उनकी स्टिंग ऑपरेशन के वजह से ही... मैं यहाँ पर हुँ... और वह मेरे पीछे हाथ धो कर पड़े हुए हैं...
विश्व - कहीं तुम वह तो नहीं... जिसने.. उनके बेटे की हत्या की थी...
यश - (सकपका जाता है) ये.. य... यह तुम क.. क्या कह रहे हो... मैं भला ऐसा क्यूँ करूंगा...
विश्व - तो फिर तुम मुझसे किस बिनाह पर दोस्ती चाहते हो...
यश - कहा ना दुश्मनी...
विश्व - तुम मुझसे क्या चाहते हो...
यश - फ़िलहाल तुम मेरे लिए जैल के अंदर काम करोगे... और जब बाहर आओगे... मेरे फार्म में लॉ सेक्शन संभालोगे...
विश्व - (चुप रहता है)
यश - क्या सोच रहे हो...
विश्व - यही की अंदर से क्या मदत चाहिए तुम्हें...
यश - देखो अब मैं तुमको पूरा डिटेल्स में बताता हूँ... सुनो...
मुझसे एक अनइंटेंशनली एक्सीडेंट हो गया है... उसमें किसीकी जान चली गई है...
विश्व - तो...
यश - मुझे एक आदमी चाहिए... जो मेरी जगह ले और सजा भुगते... बदले में... मैं उसे पच्चीस करोड़ दे सकता हूँ...
विश्व - तो फिर तुम गलत जगह आए हो... मैं पहले से ही सजायाफ्ता हूँ... दो साल बाद निकलना है... और उसके बाद मैं कभी वापस नहीं आना चाहता...
यश - नहीं नहीं... मैंने इस बारे में... किसी और से बात की है... पर वह मान नहीं रहा है...
विश्व - हाँ तो... कोई मानेगा क्यूँ...
यश - देखो विश्व... तुम्हारा बाहर कोई नेटवर्क नहीं है... पर यहाँ एक बंदा है... बाहर जिसका अपना गैंग है और नेट वर्क भी...
विश्व - कौन है वह...
यश - देखो विश्व... इस जैल में बहुत से ग्रुप हैं... पर उन ग्रुपस् में लेनीन ग्रुप बहुत स्ट्रॉन्ग है और लोकल में अच्छा इंफ्लुयंश रखते हैं... पर उसके गैंग को तैयार तुम कर सकते हो...
विश्व - किस चीज़ के लिए...
यश - उनके किसी गैंग मेंबर से इकबालिया बयान दिलवा कर... मैं... मैं उन्हें मुहँ मांगा रकम दे सकता हूँ...
विश्व - तो तुम चाहते हो... मैं तुम्हारे लिए लेनिन को राजी करूँ....
यश - हाँ मैं जानता हूँ... तुम अगर उसे मनाओगे... वह तुमसे नहीं मना नहीं... क्यूंकि यहाँ पर सभी कैदियों पर तुम्हारा जबरदस्त इंप्रेशन और कमांड है... वजह यह है कि... यहाँ पर तुमने अब तक चार फाइट लड़ चुके हो.... और हर फाइट में तुमने सबको धुल चटाया है... और पहले भी लेनिन तुमसे मुहं की खा चुका है...
विश्व - तो फिर...
यश - देखो विश्व... मेरी रिमांड का टाइम खतम हो रहा है... मुझे कुछ सूझ नहीं रहा है... इसलिए तुम से मदत मांग रहा हूँ...
विश्व - जो भी कहना है... साफ साफ कहो...
यश - मैं चाहता हूँ... के तुम किसी तरह से लेनिन को राजी करो... वह तुम्हारी बात मान सकता है...
विश्व - ठीक है... मैं बात करता हूँ... पर अगर राजी नहीं हुआ तो....
यश - (विश्व के हाथ को पकड़ लेता है) यार विश्व... मैंने इतने दिनों में... सारे कैदियों पर तुम्हार इम्प्रेशन को जज किया है... इसलिए प्लीज... तुम मेरे लिए यह काम कर दो... मैं... मैं बाहर जाने के बाद... तुम्हारा हर तरह से मदत करूँगा... प्लीज प्लीज... (गिड़गिड़ाने लगता है)
विश्व - ठीक है... मैं लेनिन से बात करूँगा...

यश - थैंक्स दोस्त.... सच कहता हूँ दोस्त... मैं इस जैल में नहीं रह सकता.... अगर कुछ और दिन रहा तो मर जाऊँगा... मैं इस बार किसी भी तरह बाहर निकल जाऊँ.... फिर कभी इस जैल में नहीं रहूँगा... इस जैल में क्या... मैं इस मुल्क में नहीं रहूँगा... तुमने अगर मेरा इतना सा काम कर दिया... तो वादा करता हूं दोस्त... तुम्हारे बाकी की जिंदगी ऐश से गुजरेगी... थैंक्स... थैंक्स.. (कहकर यश वहाँ से उठ कर जाने लगता है)
विश्व - यश (बुलाता है, यश पीछे मुड़ कर विश्व को देखता है) मैं वादा करता हूँ... यह तुम्हारा आखिरी रिमांड होगा... प्रॉमिस...

विश्व इस बात पर यश गदगद हो जाता है और अपनी खुशी को आँखों से जाहिर कर वहाँ से चला जाता है l उसके जाते ही विश्व का चेहरे का रंग बदल जाता है l
उसी दिन शाम को गेम हॉल में यश आता है l गेम हॉल के अंदर वह देखता है कि विश्व और लेनिन कुछ बात कर रहे हैं l विश्व दरवाजे की तरफ देखता है और यश के देख कर अपने पास बुलाता है l विश्व यश और लेनिन एक टेबल पर बैठ जाते हैं l

लेनिन - हाँ तो यश बाबु... तुम को मेरे से हेल्प चाहिए...
यश - हाँ...
लेनिन - देखो यश बाबु... मैं इधर विश्वा भाई का इज़्ज़त करता है... क्यूँ... क्यूंकि उन्होंने मेरे को हराया था... इसलिए... अब देखो मैं तुम्हारे लिए किसीको बलि पर चढ़ायेगा.... माना कि तुम उसको.. मुहँ मांगा रकम देगा... पर इसमें मेरे को क्या...
यश - देखो... मैं इसके लिए भी तुमको... मुहँ माँगा रकम दूँगा...
लेनिन - बात रकम की नहीं... बात इज़्ज़त की है... मैं उसके लिए कुछ करता है... जिसके लिए मेरे दिल में इज़्ज़त हो...
यश - तो तुम समझ लो यह विश्व कह रहा है तुमसे...
लेनिन - हाँ... सच में... क्या विश्वा भाई...
विश्व - देखो लेनिन... मुझे कोई मतलब नहीं है... तुमको पैसा चाहिए... और यह पैसा देने को तैयार है... मैं बीच में... सिर्फ़ मांडवाली करा रहा हूँ... मेरा रोल यहीं तक है... यश बाबु... बात को आगे बढ़ाओ...
यश - (कसमसा जाता है) मैं.. मैं... मैं कैसे... (विश्व के तरफ देखने लगता है)
विश्व - लेनिन... तुम इसके लिए अपने गैंग से किसीको कह सकते हो... जो इसका गुनाह अपने सर लेले...
लेनिन - भाई... मैं किसीको बोल के देखता हूँ...
विश्व - देखो यह कल या परसों तक हो जाना चाहिए...
लेनिन - हूँ... मैं जानता हूँ... यश बाबु... आप पहले मेरे को एडवांस्ड दिलाओ... अगर कल शाम तक पैसे मिला तो रात तक मेरा एक बंदा जाकर अपनी गिरफ्तारी देगा...
यश - कितना चाहिए...
लेनिन - दस करोड़...
यश - डन... कल मेरा वकील आएगा... मैं उसे कह दूँगा... वह पैसे कब कहाँ और कैसे देगा यह डिटेल् मुजे बता दो...
लेनिन - ठीक है...
विश्व - रुको... मेरा रोल यहीं पर खतम होता है... अब जो भी करो... तुम दोनों आपस में बात चित कर खतम करो...
दोनों - ठीक है
विश्व - तुम दोनों को... मेरे बेस्ट ऑफ लक...

विश्व उन दोनों को छोड़ कर वहाँ से उठ जाता है l विश्व की पीठ उन दोनों के तरफ था और चेहरा धीरे धीरे कठोर होता जा रहा था l
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Kala Nag

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अब विश्व एक myth बनता जा रहा है, जिसको कोई भी नही समझ सकता है। देखना है की विश्व ने यश के लिए प्लान क्या किया है।कुछ मजेदार और जबरदस्त होने वाला है, देखते है वो क्या है। मस्त लेखन
हाँ यह बात आपने सही कही
 
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