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Thriller "विश्वरूप" ( completed )

Kala Nag

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👉छब्बीसवां अपडेट
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" कैबिनेट की सिफारिश के बाद जल्दी जल्दी सुनवाई के लिए अदालत तैयार हो गई थी..... और पिछली सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील श्री जयंत कुमार राउत जी के दलीलों को स्वीकार कर....... अदालत ने अपने परिसर के बाहर पांच सौ मीटर की दूरी तक मीडिया कवरेज के लिए रोक लगा दी है.... पर मीडिया को सुनवाई के तुरंत बाद मीडिया को कोर्ट रूम की पूरी जानकारी मुहैया की जाएगी..... अभी कुछ ही समय पहले पुलिस अभियुक्त को कोर्ट रूम में लेकर गई है.... मनरेगा घोटाले की जांच पर सुनवाई के लिए.... आज का दिन बहुत ही खास है.... क्यूंकि आज प्रोसिक्युशन के तरफ से अभियुक्त के विरुद्ध पुलिस की जांच की पक्ष रखी जाएगी.... क्यूँकी दोनों वकील भी अनुबंधित हैं इसीलिए... मीडिया से कोई किसी भी प्रकार से बातचीत नहीं कर रहे हैं.... परंतु हमारे सूत्र हमे बता रहे हैं... की आज अभियोग पक्ष अपनी तगड़ी तैयारी की हुई है... इसलिए आज की दिन की कारवाई की अधिक जानकारी के लिए हम समय समय पर पुष्टि करते रहेंगे.... कैमरा मैन सतबीर के साथ मैं प्रज्ञा खबर ओड़िशा के लिए "
ख़बर सुन कर पिनाक कमरे में इधर उधर हो रहा है l वीर अपने मस्ती में धुन मोबाइल पर गेम खेलने में व्यस्त है l
पिनाक - क्यूँ राजकुमार... आज नहीं गए कॉलेज के लिए..
वीर - जाना चाहिए था क्या...
पिनाक - तो होटल में क्या करेंगे आप....
वीर मोबाइल रख देता है,
वीर - छोटे राजा जी... आपका ध्यान कहाँ है.... किसके ऊपर का गुस्सा निकाल रहे हैं....
पिनाक - नहीं तो... आपको ऐसा क्यूँ लगा...
वीर - क्यूँ की सवाल तो ठीक पूछ रहे हैं.... पर आपका मुड़... सवालों के साथ... मैच नहीं हो रहा है....
पिनाक - ठीक है.. ठीक है... आप अपने मोबाइल पर... बिजी हो जाइए.... और हमे... ह्म्म्म्म कुछ सोचने दीजिए....
पिनाक मन में - पता नहीं कोर्ट में क्या हो रहा होगा अब.... राजा साहब कह रहे थे... प्रधान और रोणा दोनों केस के दौरान उपस्थित रहेंगे... पर उन दोनों ने... मुझसे कॉन्टैक्ट अभी तक नहीं किया.... क्यूँ.. ह्म्म्म्म... कोई नहीं... जब पता चलेगा... आज की सुनवाई खतम हुई... तब उन दोनों से फोन पर सारी जानकारी लेनी होगी.... ह्म्म्म्म...


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कोर्ट रूम में
अभियोजन पक्ष, अभियुक्त पक्ष के वकील, तापस अपने कुछ साथी कर्माचारियों के साथ विश्व को लेकर बैठे हुए हैं l वैदेही जयंत के कुर्सी के पीछे वाली बेंच पर बैठी हुई है l
हॉकर जजों के आने का संकेत देता है l सभी अपने स्थान पर खड़े हो जाते हैं l पैनल के तीनों जज रूम के अंदर आते हैं और अपना स्थान ग्रहण करते हैं l उनके बैठते ही सब अपने अपने जगह पर बैठ जाते हैं l
हमेशा की तरह जज - ऑर्डर.... ऑर्डर.... आज की कारवाई शरू की जाए... जैसे कि तय हुआ था.... आज अभियोजन पक्ष अपना पक्ष रखेंगे... और साथ साथ गवाहों के बयानों की कॉपी और सबूतों की कॉपी के साथ गवाहों की लिस्ट भी अदालत में जमा करने के साथ.... अभियुक्त पक्ष को भी देना होगा.... जिसे परखने के बाद.... अभियुक्त अपना पक्ष रखेंगे....
क्या किसीको कोई आपत्ति है...
दोनों वकील अपने अपने जगह पर खड़े होकर - नो योर ऑनर...
जज - ठीक है... अभियोजन पक्ष के वकील को अनुमती दी जाती है... वह अपना पक्ष... अदालत के सामने प्रस्तुत करें....
प्रतिभा - (अपने सीट से उठ कर) थैंक्यू... माय लॉर्ड.... आज अदालत में एक ऐसा केस आया है.... जिसकी कल्पना शायद किसीने नहीं की थी.... जिस पर पूरे राज्य के जनता की आंखे लगी हुई है.... जो भी हुआ है... निश्चित रूप से शर्म सार कर देने वाली घटना है.... (विश्व की ओर देख कर) यह जो मुल्जिम के कटघरे में खड़ा है.... दिखने में कितना मासूम... भोला दिख रहा है.... सबसे आश्चर्य चकित करने वाली बात यह है कि... यह सिर्फ़ इक्कीस वर्ष की आयु का है... तो मन में स्वतः प्रश्न उठते हैं... क्या इतनी छोटी उम्र में... इतना बड़ा अपराध कोई कर सकता है.... शायद हाँ... और उदाहरण स्वयं विश्व है... जुर्म की दुनिया में... क्या विश्व एक मात्र उदाहरण है.... नहीं माय लॉर्ड नहीं.... आप इन्टरनेट पर खोजने पर ऐसे अपराधियों को लंबी लिस्ट दिख जाएगी... इसलिए जब इनके द्वारा किए गए जुर्म की समीक्षा होगी.... तब इनके उम्र को देखा ना जाए....
इतना कह कर प्रतिभा चुप हो जाती है, और जयंत के तरफ देखती है, पर जयंत प्रतिभा के तरफ बिल्कुल नहीं देखता है l प्रतिभा अपनी टेबल पर आकर अपनी फाइल उठाती है और जज की ओर देखती है l
प्रतिभा - योर ऑनर.... मुल्जिम के बारे में पुलिस अपनी छानबीन में जो पता लगाया है... वह अब मैं विस्तार से अदालत को बताना चाहती हूँ.....
इस शख्स का नाम विश्व प्रताप महापात्र है, पिता रघुनाथ महापात्र और माता सरला महापात्र....
इनके पिता जल संसाधन मंत्रालय के एक साधारण कर्मचारी थे जो देवगड़ से ट्रांसफर हो कर राजगड़ आए थे.... विवाह के दस वर्ष बाद इनका जन्म होता है.... बचपन से माँ के ममता से बंचित रहे... और तेरह वर्ष के आयु में सर से पिता की अकस्मात मृत्य से... यह अनाथ हो गए.... क्यूँ विश्व प्रताप यहाँ तक मैं सही कह रही हूँ ना....
विश्व अपना हाँ में सर हिलाया l
जज - श्री विश्व प्रताप जी... आपको हिदायत दी जाती है.... आप अपना उत्तर जुबानी दें... विश्व - जी... वकील साहिबा अब तक सही कहा है....
प्रतिभा - धन्यबाद माय लॉर्ड.... और विश्व जी आपको भी.... हाँ तो मैं कहाँ थी....
विश्व - जी मैं तेरह वर्ष की आयु में अनाथ हो गया....
प्रतिभा - जी... येस माय लॉर्ड... उस समय देव पुरुष के समान राजा साहब उर्फ़ भैरव सिंह विश्व के जीवन में आए.... और अपने संरक्षण में श्री विश्व को रखा.... जिस वजह से.... श्री विश्व अपना इंटर तक पढ़ाई पूरी कर सके.... क्या मैं अब भी सही हूँ विश्व प्रताप....
विश्व - जी... आप अभी तक सही हैं...
जयंत - एक्सक्युज मी... माय लॉर्ड....
जज - जी कहिए डिफेंस लॉयर....
जयंत - मैं अदालत से अनुरोध कर रहा हूँ... प्रोसिक्यूशन अपना पक्ष रखे... सिर्फ अपना पक्ष... पर देख रहा हूँ... प्रोसिक्यूशन अपना पक्ष रखते हुए... मुल्जिम की काउंसिलिंग भी कर रही हैं.... यह गलत है... मैं इस प्रक्रिया का विरोध दर्ज कर रहा हूँ...
जज - अदालत... डिफेंस लॉयर से इत्तेफाक रखती है.... प्रोसिक्यूशन को हिदायत देती है... आप आज केवल अपना पक्ष रखें...
प्रतिभा - जी माय लॉर्ड... एंड... मैं बचाव पक्ष की भावनाओं का सम्मान करते हुए क्षमा चाहती हूँ...
जज - ठीक है... आप आगे बढ़ें.....
प्रतिभा - तो जज साहब... मैं यह कह रही थी.... विश्व... राजा साहब उर्फ़ श्री भैरव सिंह जी के सरपरस्ती में रह कर अपनी इंटर की पढ़ाई पूरी की.... जब इंटर पूरी हुई.... विश्व के पिता जी की कुछ जमीनें थी... जिनकी देखभाल... उनके पारिवारिक मित्र श्री उमाकांत आचार्य जी के देख रेख में थी.... उनसे अपनी जमीन और आचार्य जी की जमीन पर... खेती कर स्वरोजगार भी हुए....
प्रतिभा थोड़ी रुक जाती है और अपने टेबल पर आकर ग्लास में से पानी की एक घूंट पी कर
प्रतिभा - अपनी स्वरोजगार के दम पर... श्री विश्व ने अच्छा नाम भी कमाया फिर इसे इत्तेफाक कहें या... विश्व के किस्मत.... भारत सरकार के द्वारा... जन संख्या के आधार पर राजगड़ पंचायत का नक्शा बदला गया... जिसे डेमोग्राफिकल चेंजस कहते हैं.... पीढ़ी दर पीढ़ी उन्नति को तरस रही राजगड़ पंचायत की बदहाली को दूर करने के लिए.... श्री राजा साहब जी ने... श्री विश्व प्रताप से आने वाले पंचायत चुनाव में भाग लेने के लिए अनुरोध किया...
बस योर ऑनर... यहीं से.. श्री विश्व के मन में.. पल रही उच्च आकांक्षाओं ने करवट लेना शुरू किया.... बचपन के कष्टों से जुझते विश्व... जब महल में अपना बचपन बिताया... तब महल की आरामदायक जीवन को देख कर कभी आहें भरने वाला विश्व... श्री विश्व को अब मौका दिखने लगा था.... विश्व अब इक्कीस वर्ष के हो चुके थे.... मतलब कानूनन वह पंचायत चुनाव लड़ने के लिए योग्य भी थे... बड़े धूमधाम से अपना नामांकन दाखिल किया.... और लोगों की उम्मीद बन चुके विश्व को जबरदस्त जन समर्थन मिला.....
प्रत्येक वार्ड मेंबर और पंचायत समिति के सारे सभ्य... एक नए... जोश भरे जवान लहू को मौका दिया... ताकि विश्व... आजादी के बाद पिछड़े पन से जुझ रहे राजगड़ को एक स्वर्णिम भविष्य दे.... किन्तु यही...यही माय लॉर्ड... राजगड़ वासियों की सबसे बड़ी भूल साबित हुई... माय लॉर्ड... सबसे बड़ी भूल...
अदालत में सिर्फ प्रतिभा की आवाज ही गूंज रही है, और जैसे ही प्रतिभा चुप हो जाती है तो छत पर घूमते पंखे की हवा की आवाज़ सुनाई दे रही है l प्रतिभा को भी मन में शंका होने लगी, कहीं कमरे में वह अकेली तो नहीं l इसलिए फिर से सब पर अपनी नजर घुमाने के बाद,
प्रतिभा - माय लॉर्ड... गांव में खुशियां मनाई जा रही थी... मिठाई बांटी जा रही थी... जब पंचायत कार्यालय में आधिकारिक तौर पर विश्व का सरपंच के रूप में प्रवेश हुआ.... पर असल में वह खुशियां वह उत्सव को विश्व एंड ग्रुप की नजर लगने वाली थी.....
ठीक एक महीने के भीतर विश्व ने एक पचहत्तर लाख रुपये का चेक साइन किया... वह भी पंचायत समिति के पुराने सदस्य के अनुरोध पर.... उन्हें बक़ाया राशि की भुगतान के लिए सिर्फ पचपन लाख रुपये की बात कही थी.... पर श्री विश्व.... पचहत्तर लाख रुपये चेक पर साइन किया.... जब चेक पास हो कर रकम... पंचायत कार्यालय के अकाउंट में आ गया.... श्री विश्व की आंखे चुंधीया गई.... योर ऑनर... कहावत है... बगैर रौशनी के दिखाई नहीं देती.... मगर यह भी सच है.... ज्यादा रौशनी आँखों को चुंधीया कर अंधा कर देता है.... और श्री विश्व के साथ यही हुआ.... उन्हें सिर्फ अब दौलत... दौलत और दौलत ही नजर आने लगा....
उस पंचायत समिति के सदस्य का नाम दिलीप कुमार कर था.... योर ऑनर... उसे अपने इलाके में कैनाल पर बनें कॉलभर्ट के बकाया लौटाने के लिए विश्व को राजी कर पेमेंट करवा दिया.... पहली ही महीने में एक बड़ा रकम सिर्फ़ एक दस्तखत में.... वह रकम में से विश्व अपना हिस्सा लेने के बाद... दिलीप कुमार कर को भी दिया.... पैसा देख कर... दिलीप कर का मन भी मचल गया..... और श्री विश्व की आंखे बड़ी होती चली गई.... उसके बाद दिलीप कर के माध्यम से यशपुर के एक बैंक अधिकारी, तहसील ऑफिस के एक क्लार्क और ADM, BDO, और पंचायत ऑफिस के कुछ और सदस्यों से अपनी पहचान बढ़ाई.... और उन सबको लेकर बहुत बड़ा प्लान बनाया गया.... क्यूंकि विश्व को मालूम हुआ... के पिछले सरपंच के कार्यकाल में पैसा ज्यों का त्यों पड़ा हुआ है....क्यूँ की उन्नयन के लिए आवंटित राशि लौट भी सकती है.... जब तक कि उन पैसों की युटीलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं हो जाती तब तक... पंचायत उन्नयन के लिए कोई भी नया रकम सरकार की तरफ से नहीं दी जाएगी.....

बस योर ऑनर... यहीं से विश्व के विश्वरूप की नींव पड़ी....
जी हाँ योर ऑनर.... इन सभी बंदों ने मिलकर एक एनजीओ का गठन किया.... "राजगड़ उन्नयन परिषद" यानी रूप.... विश्व की रूप विश्वरूप..... इस रूप के ज़रिए... श्री विश्व ने घोटाले का ऐसा विश्वरूप दिखाया है.... के बड़े से बड़े घोटाले बाज भी हैरान रह गए.... मशहूर ठग... नटवर लाल भी हैरान रह गया होगा.... सिर्फ़ सात महीने में साढ़े सात सौ करोड़ रुपए की घोटाला देख कर....
पिछले सरपंच के कार्यकाल के बकाया राशि को हथियाने का एक जबर्दस्त प्लान.... रूप योर ऑनर रूप....
दूसरे ही महीने में... श्री विश्व.. एनजीओ रजिस्ट्रेशन की तैयारी करते हुए एप्लीकेशन देते हैं.... चूंकि अब ADM उनके पार्टनर बन चुके थे.... इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की विलंब नहीं हुई... फिर उसी महीने में सौ से भी अधिक शेल कंपनियां रजिस्टर हुईं.... वह भी मरे हुए लोगों के नाम पर.....
जज - शेल कंपनीयां... वह भी मरे हुए लोगों के नाम पर...

प्रतिभा - जी... योर ऑनर... मैं विस्तार से जानकारी दे रही हूँ... सभी के सभी... वह मरे हुए लोग यशपुर के बाशिंदे थे.... उनके आधर कार्ड को किसी तरह से हासिल कर लिया गया.... और उनके बैंक अकाउंट को डेड़ होने नहीं दिया गया.... उन लोगों के नाम शेल कंपनीयां रजिस्टर हुई... उन सभी के सेविंग अकाउंट्स को करंट अकाउंट में बदल दी गई.... और जितने भी पेंडिंग कंट्राक्ट के काम पांच सालों में बाकी था... उन सभी के पैसों की रिलीज़ की तैयारी की गई... और सभी पैसों को उन मुर्दे लोगों के अकाउंट्स में पहुंचा दी गई.... यह बहुत ही आसान था... चूंकि बैंक अधिकारी भी इनसे मिला हुआ था.... अब मुर्दों के अकाउंट में पैसे निकले कैसे जाए.... इसका भी लॉंग-टाइम फूल प्रूफ प्लान तैयार था योर ऑनर... उन सभी शेल कंपनीयों से ECS के जरिए रूप को डोनेशन के रूप में पैसा वापस आ गया.... और जैसे ही रूप के अकाउंट में पैसा आ गया.... उन शेल कंपनियों के मुर्दे मालिकों के मृत्यु प्रमाण पत्र दाख़िल कर पहले बैंक अकाउंट्स को डेड़ किया गया.... और उसके बाद उन शेल कंपनीयों की डी-रेजिस्ट्रेशन कर दिया गया... और तो और.... योर ऑनर... उन सभी पैसों को सिर्फ़ छह महीने के भीतर ही आत्मसात कर लिया गया..... योर ऑनर....सिर्फ़ छह महीने के भीतर....
जज - कितना बड़ा रकम था.... और किन किन कामों के लिए वह पैसा रिलीज़ किया गया.... और सबसे अहम सवाल.... मनरेगा से इसका क्या संबंध....
प्रतिभा - यही तो असली खेल है योर ऑनर.... भारत सरकार मनरेगा के जरिए हर उन लोगों को एक साल में कम से कम सौ दिन की रोजगार गारंटी देती है.... जो गाँव में खेतीबाड़ी करने के बाद बिना काम के खाली रहते हैं.... पर विश्व के रूप के स्कीम में... सिर्फ़ राजगड़ ही नहीं... बल्कि यशपुर के लोग भी शामिल किए गए... योर ऑनर.... पिछले पांच सालों में... जितने भी... पीएम आवास योजना, पीएम ग्राम सड़क योजना, जितने भी कैनाल सफाई योजना, और राजगड़ उन्नयन परियोजना के पैसे लटके हुए थे.... सभी को... मनरेगा के माध्यम से... लोगों से श्रम दान दिखा कर... प्रोजेक्ट कम्प्लीशन सर्टिफिकेट देकर.... पेंडिंग पैसे सब रिलीज किया गया.... और सबसे मजेदार बात... मनरेगा में जिन लोगों से श्रमदान लिया गया.... जिनके आधार कार्ड के जरिए काम पूर्ण दिखा कर पैसे निकले गए... सब के सब मरे हुए लोग थे... योर ऑनर....
यह घोटाला कभी भी सामने नहीं आता योर ऑनर....अगर विश्व के आचार्य... श्री उमाकांत आचार्य राजा साहब से गुहार ना लगाई होती.... विश्व के सरपंच बनने के ठीक छह महीने बाद.... मौखिक अभियोग लेकर राजा साहब के पास.... श्री आचार्य जी पहुंचे..... राजा साहब ने इसे गंभीरता से लिया.... और उन्होंने मुख्यमंत्री जी से छानबीन की अनुरोध किया.... तब मुख्यमंत्री जी ने एसआईटी का गठन किया तथा ऑडिट करवाया.... एसआईटी ने सबसे कमजोर कड़ी... श्री दिलीप कुमार कर को धर दबोचा.... उसे सरकारी गवाह बनाया..... पर इस दौरान श्री आचार्य जी का सांप काटने से देहांत हो गया.... खबर यह भी है... की जैसे ही बड़े अधिकारियों को भनक लगी.... वे फरार हो गए.... और पंचायत ऑफिस में, पैसों पर ऑडिट को लेकर विश्व की दिलीप से झगड़ा हुआ.... जब इस बाबत विश्व तहसील ऑफिस में विश्व ADM जी से मिलने पहुंचे... तब तक ADM महाशय फरार हो चुके थे.... और यहाँ भी तहसील ऑफिस में क्लार्क से झगड़ा हो गया.... इस झगडे के हफ्ते के भीतर ही... बैंक अधिकारी और क्लार्क दोनों की मृत्यु हो गई.... यह सब हाथ से निकालता देख... एसआईटी ने विश्व की गिरफ्तारी की आदेश जारी की.... एंड रेस्ट इज़ ऑल बीफॉर यु... योर ऑनर....
जज - ठीक है.... आपकी उपस्थापना रिकार्ड कर ली गई.... आपके द्वारा जमा किए गए सारे रिकार्ड्स के कॉपी.... डिफेंस को हस्तांतर किया जाता है.... अब अदालत डिफेंस से प्रश्न पूछती क्या अगले सुनवाई में अपना पक्ष रख पाएंगे... या कुछ दिन की मोहलत लेंगे....
जयंत - जी नहीं योर ऑनर... हम शुक्रवार को ही अपना पक्ष रखेंगे.... और अदालत से अनुरोध करते हैं.... प्रोसिक्यूशन के तरफ से जिन जिन गवाहों के नाम व बयानात रिकार्ड किए गए हैं.... उन्हें अगले हफ्ते से एक एक कर समन किया जाए... ताकि जिरह किया जा सके और शीघ्र ही इस केस में निर्णय तक पहुंचा जा सके.... दैट्स ऑल माय लॉर्ड...
तीनों जज आपस में बात करते हैं और मुख्य जज अपनी राय व्यक्त करते हुए,
जज - आज की कार्यवाही में.... तय अनुसार... प्रोसिक्यूशन अपना पक्ष रख चुकी है.... और परसों... डिफेंस अपना पक्ष रखेगी.... अगले हफ्ते से... गवाहों से अदालत में बयान दर्ज किए जाएंगे... और डिफेंस के द्वारा क्रॉस एग्जामिन किए जाएंगे... इसके साथ ही आज की यह अदालत बर्खास्त किया जाता है.... (कह कर जज अपना हथोड़ा टेबल पर मार देता है)

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नराज बैराज के पास सूरज डूबने की बहुत ही खूबसूरत नज़ारा दिख रहा है l बहुत से प्रेमी जोड़े और कुछ लोग वहाँ पर संध्या समय के दृश्य को इंजॉय कर रहे हैं l उनके कोलाहल और मस्ती से दूर महानदी की एक रेतीली पठार पर एक जीप खड़ी है l उस जीप के बॉनेट पर बल्लभ बैठा हुआ है और रेत पर रोणा मस्ती में चिल्ला रहा है
रोणा- ओ... हो... हो.. हो... वाह.. प्रधान वाह... हमारी टीम वर्क... बहुत जबरदस्त था.... यह साला विश्व गया.... कोई नहीं बचा सकता है उसको.... हा हा हा हा.... क्या बात है.... तु खुश नहीं है...
बल्लभ - मैं... रिजल्ट से पहले... खुशी मनाना नहीं चाहता हूँ... मुझे.... लगता है.... हम कुछ ओवर कॉन्फीडेंट हो गए....
रोणा - (हंसी गायब हो गई) मतलब....
बल्लभ - जयंत....
रोणा - वह... साला बुढ़ा... जिसका एक टांग... कब्र में और... केले के छिलके पर... अरे... छोड़ ना यार... हमारे पैदा किए गए सबूतों के आगे... उसकी दलीलें.... काम नहीं आयेंगी...
बल्लभ - (एक गहरी सांस लेते हुए अपना सर ना में हिलाता है) मुझे ऐसा नहीं लग रहा है... अब... सच कहूँ तो... मैं अब डरने लगा हूँ....
रोणा - अबे... तुझे... बिन पीए... चढ़ गई है... हमने पूरी टीम बना कर... सबूत बनाए... उस सबूतों के चक्रव्यूह में से... विश्व को... कोई निकाल नहीं सकता.... आरे... आज राजा साहब भी होते.... उस प्रतिभा की... प्रेजेंटेशन देख कर खुश जो जाते.... राजा साहब को देव पुरुष कर दिया...... हा हा हा हा...
बल्लभ को फिर भी शांत व चिंतित देख कर रोणा की हंसी रुक जाती है
रोणा - देख.... जो दिल में है... वह निकाल दे.... फिर हम दोनों कुछ करते हैं....
बल्लभ - तू जानता है.... जयंत... पिछले तीन सालों से... कोई भी केस अपने हांथों में... नहीं ले रहा था... अब वह अपनी रिटायर्मेंट की तैयारी कर रहा था..... मैं भी वकील हूँ... यह मानसिकता समझने में... मुझसे कोई गलती नहीं हो सकती.... यह उसकी सरकारी वकील के रूप में आखिरी केस है.... और कोई भी वकील अपना आखिरी केस कभी हारना नहीं चाहेगा.... और जो बंदा... तीन सालों से कभी हेल्थ इशू के बहाने या... पर्सनल रीजन के बहाने... एक भी केस नहीं लिया.... इस केस को क्यूँ लिया..... और पिछली दोनों बार बहस में.... उसने अपने हिसाब से ही.... कारवाई को मोड़ा है.... यही बात अब मुझे डरा रही है.....
इतना कह कर बल्लभ चुप हो जाता है और रोणा को गौर से देखने लगता है l
बल्लभ - हमने सबूत बहुत सालिड बनाए हैं... गवाहों को हमने तैयार किया है.... पर अगर अदालत में गवाह टूट जाएंगे... तो सबूत भी टिक नहीं पाएंगे....
रोणा तु पुलिस वाला है... जरा इस ओर ध्यान दे....
रोणा - तो चलो ना... बुढ़े को अभी ठोक देते हैं...
बल्लभ - (फीकी हंसी हंसते हुए) बुढ़ा बहुत ही चालाक निकला.... उसने पहले से ही.. अपनी जान को खतरा बता कर... सरकारी सुरक्षा अपने लिए.. ले लिया है...
रोणा - साला.... आज तूने.. मेरा सारा मुड़ खराब करदिया.... प्रतिभा की प्रेजेंटेशन देख कर... बहुत खुश हो गया था.... तूने सब पर पानी फ़ेर दिया....
बल्लभ - इसलिए तो कह रहा हूँ.... समय से पहले... कोई भी सेलिब्रेशन ठीक नहीं है...
रोणा - (अपने बालों को नोचते हुए) आ... ह् आह्... अब क्या करें...
बल्लभ - वही जो तुने कहा था... हम इस बांध के... छोटे छोटे ईंटों को सरकाएंगे.... ताकि सैलाब लाया जा सके
Nice and superb update...
 

Kala Nag

Mr. X
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Aaj puri story padhi, maja aa gaya bhai, gazab ke lekhak ho aap, shandar chitran kiya hain aapne

Waiting for next update
बहुत बहुत धन्यबाद मित्र
अगला अपडेट कल देर शाम को आएगी
 

sunoanuj

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Bahut hi behtarin update court scene ka varnan bhi gajab … 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻

Agle update ki pratiksha hai
 

Kala Nag

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Bahut hi behtarin update court scene ka varnan bhi gajab … 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻

Agle update ki pratiksha hai
धन्यबाद मित्र बहुत बहुत धन्यबाद
अगला अपडेट कल देर शाम तक आएगी
इसी तरह जुड़े रहें और अपने समीक्षा के द्वारा मेरा उत्साह बढ़ाते रहें
 

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
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उस समय देव पुरुष के समान राजा साहब उर्फ़ भैरव सिंह विश्व के जीवन में आए....

देव पुरुष का देवत्व अंततः मालूम पड़ ही जाएगा सभी को!

अगर विश्व के आचार्य... श्री उमाकांत आचार्य राजा साहब से गुहार ना लगाई होती.... विश्व के सरपंच बनने के ठीक छह महीने बाद.... मौखिक अभियोग लेकर राजा साहब के पास.... श्री आचार्य जी पहुंचे..... राजा साहब ने इसे गंभीरता से लिया.... और उन्होंने मुख्यमंत्री जी से छानबीन की अनुरोध किया.... तब मुख्यमंत्री जी ने एसआईटी का गठन किया तथा ऑडिट करवाया.... एसआईटी ने सबसे कमजोर कड़ी... श्री दिलीप कुमार कर को धर दबोचा.... उसे सरकारी गवाह बनाया..... पर इस दौरान श्री आचार्य जी का सांप काटने से देहांत हो गया.... खबर यह भी है... की जैसे ही बड़े अधिकारियों को भनक लगी.... वे फरार हो गए.... और पंचायत ऑफिस में, पैसों पर ऑडिट को लेकर विश्व की दिलीप से झगड़ा हुआ...

सारे घोटालेबाज़ों के नाम यहीं हैं। मुख्यमंत्री को हटा देते हैं इसमें से ;)
आचार्य जी की सफ़ाई तो साँप द्वारा हो गई। दिलीप का हश्र आगे मालूम पड़ेगा।
और राजा साहब तो ख़ैर हैं ही विलेन।

पहली बार देवनागरी में कोई कोर्टरूम ड्रामा पढ़ रहा हूँ।
इसके पहले तो बस जॉन ग्रीशम के नावेल ही थे कोर्टरूम ड्रामा पढ़ने और जानन के लिए। तो इसके लिए धन्यवाद। :)
 

Kala Nag

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देव पुरुष का देवत्व अंततः मालूम पड़ ही जाएगा सभी को!



सारे घोटालेबाज़ों के नाम यहीं हैं। मुख्यमंत्री को हटा देते हैं इसमें से ;)
आचार्य जी की सफ़ाई तो साँप द्वारा हो गई। दिलीप का हश्र आगे मालूम पड़ेगा।
और राजा साहब तो ख़ैर हैं ही विलेन।

पहली बार देवनागरी में कोई कोर्टरूम ड्रामा पढ़ रहा हूँ।
इसके पहले तो बस जॉन ग्रीशम के नावेल ही थे कोर्टरूम ड्रामा पढ़ने और जानन के लिए। तो इसके लिए धन्यवाद। :)
धन्यबाद मित्र बहुत बहुत धन्यबाद
आपका समीक्षा बहुत ही मूल्यवान है मेरे लिए
 
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कोर्ट रूम की कार्यवाही शुरू हो गई और इसे बहुत ही बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया है आपने ।
मुझे एक चीज में डाउट है । पब्लिक प्रासिक्यूटर यदि मुलजिम की ओर से केस लड़ता है तो उसे सबसे पहले पब्लिक प्रासिक्यूटर से रिजाइन देना होता है।
ऐसा ही एक केस अमिताभ बच्चन , संजीव कुमार , परवीन बॉबी एवं विनोद मेहरा अभिनित मूवी " खुद्दार " में देखा था मैंने । संजीव कुमार जज थे और उनका छोटा भाई अमिताभ बच्चन मुलजिम के कटघरे में था तब उन्होंने जज के पोस्ट से इस्तीफा दिया और फिर अमिताभ की तरफ से केस लड़ा ।
शायद ऐसा ही सरकारी वकील के साथ भी होता होगा ।

वैसे विश्व के उपर क्या चार्ज किया गया है , पता चला । लेकिन अभी भी पुरी चीजें साफ नहीं हुई है । यह तो क्लियर है कि उसे फंसाया गया है और उमाकांत जी की मौत स्वाभाविक नहीं बल्कि षड्यंत्र के तहत हुआ है । पुरे केस में भैरव सिंह का फायदा कैसे और किस तरह हुआ ! यह भी सामने आना बाकी है ।

वैसे इस केस का फैसला हमें मालूम ही है और उसका कारण वो जज होना चाहिए जो भैरव सिंह की जी हुजूरी करने उसके आवास गया था । इसके अलावा सबूत भी उसके खिलाफ ही थे । पर कुछ न कुछ लूज प्वाइंट तो जरूर ही जयंत साहब ने पकड़ा होगा ।

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट भाई ।
वेटिंग नेक्स्ट धमाकेदार अपडेट ।
 
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Kala Nag

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कोर्ट रूम की कार्यवाही शुरू हो गई और इसे बहुत ही बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया है आपने ।
मुझे एक चीज में डाउट है । पब्लिक प्रासिक्यूटर यदि मुलजिम की ओर से केस लड़ता है तो उसे सबसे पहले पब्लिक प्रासिक्यूटर से रिजाइन देना होता है।
ऐसा ही एक केस अमिताभ बच्चन , संजीव कुमार , परवीन बॉबी एवं विनोद मेहरा अभिनित मूवी " खुद्दार " में देखा था मैंने । संजीव कुमार जज थे और उनका छोटा भाई अमिताभ बच्चन मुलजिम के कटघरे में था तब उन्होंने जज के पोस्ट से इस्तीफा दिया और फिर अमिताभ की तरफ से केस लड़ा ।
शायद ऐसा ही सरकारी वकील के साथ भी होता होगा ।

वैसे विश्व के उपर क्या चार्ज किया गया है , पता चला । लेकिन अभी भी पुरी चीजें साफ नहीं हुई है । यह तो क्लियर है कि उसे फंसाया गया है और उमाकांत जी की मौत स्वाभाविक नहीं बल्कि षड्यंत्र के तहत हुआ है । पुरे केस में भैरव सिंह का फायदा कैसे और किस तरह हुआ ! यह भी सामने आना बाकी है ।

वैसे इस केस का फैसला हमें मालूम ही है और उसका कारण वो जज होना चाहिए जो भैरव सिंह की जी हुजूरी करने उसके आवास गया था । इसके अलावा सबूत भी उसके खिलाफ ही थे । पर कुछ न कुछ लूज प्वाइंट तो जरूर ही जयंत साहब ने पकड़ा होगा ।

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट भाई ।
वेटिंग नेक्स्ट धमाकेदार अपडेट ।
पब्लिक प्रोसिक्यूटर पुलिस के तरफ से केस लड़ता है.... वह केवल प्रोसिक्युशन कर सकता है.... उसकी नौकरी की विशेषता यह है कि वह जांच के पुलिस के द्वारा लगाए गए हर चार्जस को सही ठहराना..
इसलिए वह किसीके बचाव के लिए लड़ नहीं सकता l जब उसे बचाव पक्ष के लिए लड़ना होगा तब उसे अपनी पब्लिक प्रोसिक्यूटर नौकरी से इस्तीफा देना होगा....
पर अगर किसी भी केस में अभियुक्त को वकील ना मिले... फेयर ट्रायल के ख़ातिर सरकार बचाव पक्ष के लिए वकील दे सकती है l आपने अजमल कसाब के क्षेत्र में देखा होगा
 
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