तो मेरा शक़ कुछ हद तक सही था - रूप के मित्रों को एक तरह से collateral जैसा इस्तेमाल किया था भैरव ने।
लेकिन उनका अन्य इस्तेमाल भी था, जो इस अपडेट से स्पष्ट हो गया।
लेकिन भैरव सिंह की हालत उस कहावत जैसी हो गई - खाया पिया कुछ नहीं, गिलास तोड़े बारह आने!
सबसे मज़े की बात ये थी कि रूप के दोस्तों ने ही भैरव का बलात्कार कर दिया।
केके बिना वजह ही सस्ती मौत मारा गया।
फ़िलहाल तो विश्व का पलड़ा भारी प्रतीत होता है। भैरव के खेमे में धन, सिस्टम, पुराना डर और वल्लभ हैं, और उधर विश्व के खेमे में सेनानी बढ़ते जा रहे हैं।
लेकिन भैरव को न्यायिक प्रणाली से मात देने में वो अभी भी कोसों दूर है।
बहुत बढ़िया लिखा है भाई। ये कहानी, और
Raj_sharma भाई की "वो सर्द रात" बहुत पसंद आ रही हैं मुझको!
मिलते हैं