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Thriller "विश्वरूप" ( completed )

Kala Nag

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Kala Nag

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भाई पोस्ट कर दी है देरी के लिए माफी चाहता हूँ
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Shadnar update hain Bhai, waiting for next
भाई पोस्ट कर दी है
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फिर से माफ़ी मांग रहा हूँ पोस्ट कर दी है
 
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parkas

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👉छियालीसवां अपडेट
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एक तरफ विश्व की मार्शल आर्ट ट्रेनिंग शुरु हो जाती है l दुसरी तरफ सब अपनी अपनी जिंदगी में अपने अपने तरीके से व्यस्त होते जाते हैं l वैदेही की चाय नाश्ते की दुकान चल निकलती है, तापस और प्रतिभा अपने अपने प्रोफेशन में व्यस्त हो जाते हैं l प्रत्युष निरोग हस्पताल में इंटर्नशिप करने लगता है l विक्रम और उसकी सेक्यूरिटी सर्विस भुवनेश्वर सहर में पुरी तरह से स्थापित हो जाते हैं l वीर अब कॉलेज में प्रेसिडेंट बन चुका है l शुभ्रा की हर दिन विक्रम से फोन पर बातेँ करते हुए शुरु होती है और रात को बातों पर ही खतम करती है l शुभ्रा बड़ी चाहत व अरमानों के साथ कैलेंडर से दिन काट काट कर दिन बिता रही है l इस तरह नौ महीने गुज़र जाते हैं l इन नौ महीनों में जो किसीको भी भनक तक नहीं लगी थी, वह थी विश्व का डैनी एंड ग्रुप से ट्रेनड् होना l कैसे होता, वाच टावर से देखने वालों को लगता था कि डैनी एंड ग्रुप विश्व को परेशान व ज़बरदस्ती मेहनत करवा रहे हैं l इसलिए उन्होंने भी इस ओर ध्यान देना धीरे धीरे बंद कर दिया l विश्व को सिखाने के लिए डैनी एंड ग्रुप ने सात नंबर घर को चुना था l वह असल में एक पुराना गोडाउन था जिसे बाद में स्कुल घर फिर जैल की स्पेशल बैरक में मीटिंग हॉल बना दिया गया था, और वह घर वाच टवार से एक तरह से छिपा हुआ है l इसलिए उसके भीतर क्या हो रहा है यह वाच टावर से बिल्कुल भी नहीं दिखता है l

नौ महीने बाद
सेंट्रल जैल
स्पेशल बैरक के सात नंबर घर
विश्व पंच बैग पर पंच बरसा रहा है l फिर विश्व रुक जाता है, पंच बैग को गले लगा कर, गहरी सांसे लेते हुए आँखे मूँद कर सोचने लगता है l
सब मिलकर उसे, जो जो सीखा रहे हैं, वह बड़ी चाह से और शिद्दत से सीख रहा है l प्रणब से छुरी से लेकर तलवार और लाठी चलाना सीखा, छुरी से मतलब जो जैल की रसोई में इस्तेमाल होता है प्रणब कभी रसोई में सारे सब्जियाँ छुरी या चॅपर से कटवाता तो कभी फेंक कर निशाना लगाना सीखवाता रहा l बात जब तलवार बाजी की प्रैक्टिस की थी तब दो मजबूत बेंत से प्रैक्टिस कर तलवार बाजी प्रणब से सीखी l प्रणब रोज उससे आटा गुंथवाता था वह भी सौ डेढ़ सौ लोगों का और एक स्पेशल पैटर्न में जैसे किसीसे ताकत आजमा रहे हो l उसने प्रणब के लिए सभी एक्जाम में डिस्टींशन में पास हुआ l प्रणब के सिखाया हर दाव पेच पाइक अखाड़ा के युद्ध शैली है l यहाँ तक पाइक शैली में खाली हाथ की लड़ाई भी काफी हद तक कराटे से मिलता जुलता है l प्रणब से सीखने के बाद प्रणब से लड़ा भी है और प्रणब के सिखाए हर दाव पेच में प्रणब को हराया भी है l
वसंत की हाथ की सफ़ाई बहुत ही कमाल की है l जितनी सफाई से जेब काट सकता है उतनी ही सफ़ाई से चीजें जेब में वापस भी रख देता है l असल में हाथ की सफाई से चीजों को ग़ायब करना वह भी पलक झपकते ही यानी आखों के सामने और वसंत से चीजें गायब कर और चीजों को वापस रखना सीखने के साथ साथ बालू और उनके साथियों की छुट्टी करा दिया था सारे कपड़े विश्व ही साफ करता रहा l कपड़े धोने और निचोड़ने में वसंत ने कुछ ऐसे तरीके सिखाया था जो कि उसे मार्शल आर्ट ट्रेनिंग में सहायक भी हुआ l वसंत ने उसे गिले कपड़ों को हथियार बना कर लड़ना सिखाया जिसे विश्व ने बड़ी तल्लीनता से सीखा l यह सब विश्व ने सीखा भलेही बेमन से, पर सीखा और वसंत के हिसाब से उस परीक्षा में विश्व ने एक्सीलेंट स्कोर किया है l वसंत भी एक बढ़िया फाइटर है जिसके साथ एक बार लड़कर विश्व हराया भी है l
समीर अभी भी विश्व को हैरान कर रहा है l वाकई डैनी ने सच कहा था l समीर एक आदमी को देख कर उसकी स्वभाव और चरित्र का ज़बरदस्त स्कैन कर लेता है l विश्व को समीर के लिए एक्जाम में सिर्फ़ पास मार्क ही मिले हैं l पर फेल नहीं हुआ है l
हरीश से सीखते सीखते विश्व को एक नई बात का पता चला l डेल्टा कट इंटोरेगेशन l इसमें एक आदमी को बीच में बिठा कर तीन आदमी तीन दिशा से इंटोरेगेट करते हैं l तीनों के भाव अलग अलग होते हैं l एक हिंसक तरीके से पूछता है, दुसरा समझा कर और प्यार से पुछता है पर तीसरा बिना किसी भाव के, साधारण तरीके से पर रौब डाल कर पुछता है l ऐसे तीनों की गुणों को एक साथ अपना कर किसीसे सवाल ज़वाब करने की शैली, पता नहीं कभी जीवन में काम भी आएगा, पर सीखा l
चित्त उसका खाने पीने का ध्यान रखते हुए सुरज ढलने के बाद खाने से मना कर दिया है l जब भी जैल में राशन और सब्जी की गाड़ी आती है तो चित्त, विश्व से भरे बोरियों को ट्रक से उतरवाता है, पर नॉर्मल तरीके से नहीं जैसे किसी आदमी को दोनों हाथों से गले लगा कर उठा दिया जाए या किसी बच्चे को जैसे उठाया जाए, फ़िर अपने ही शरीर में घुमा कर सही जगह पर रखना l रात को सोने से पहले सिर्फ़ दुध एक लीटर दिया जाता है l बाकी का खाना पीना सिर्फ़ सुबह से लेकर शाम तक l इसके बावजुद विश्व का शरीर काफी मजबुत हुआ है l उसके पेशियों में ज़बरदस्त कटाव भी आ गया है जो कि नंगे शरीर में स्पष्ट रूप से उभर कर दिख रहा है l सबके लिए गए परिक्षा में विश्व पास हुआ है पर अभी तक डैनी से लड़ने के लिए विश्व क़ाबिल नहीं हुआ है ऐसा सभी कह रहे हैं l यही विश्व को परेशान कर रही है

क्यूँ... क्यूँ....

अपने सर को पंच बैग पर मारते हुए खुद से सवाल कर रहा है l

क्यूँ... क्यूँ...

फिर वह पंच बैग को छोड़ उस कमरे में बने पंद्रह बाई पंद्रह के रिंग में आता है l उस रिंग के एक कोने पर पहुंच कर टर्न बक्कल पर सट कर आलती पालती मार कर बैठ जाता है और अपनी आँखे बंद कर शुरू से लेकर अब तक डैनी से सीखते वक्त, डैनी के द्वारा दिए गए सारे गुरु ज्ञान को याद करने लगता है l

डैनी -मार्शल आर्ट क्या है... युद्ध कला... पौराणिक भाषा में कहें तो द्वंद युद्ध... अब द्वंद को व्यवहारिक भाषा में अनुवाद करें तो कंनफ्युजन... अर्थात्‌ अपने अपोनेंट को युद्ध में द्वंद में डालो और हराओ....
विश्व - मतलब...
डैनी - मतलब यह हुआ कि... तु अब कंफ्युज्ड हो गया है....
विश्व - (चुप रहता है)
डैनी - तुझे चुस्त, दुरुस्त, फुर्ती और स्फूर्ति के साथ साथ तेज़... बहुत तेज़ होना पड़ेगा...
विश्व - (डैनी की ओर देखता है)
डैनी - तु प्रैक्टिस में जितना इंव्ल्व होगा... तु उतनी ही फुर्तीला हो जाएगा... मेरा मतलब है तु खुदको जितना झोंक देगा... तुझे रिजल्ट अनुरूप ही मिलेगा....
एक बात याद रखना... युद्ध में खुदको बचाना है और वार भी करना है... यानी तेरे रीफ्लेक्सेस और अटैक तेरे अपोनेंट से तेज़ हो... बहुत तेज हो... और तुझे वह स्पीड रेगुलर प्रैक्टिस से एच्चीव करना होगा...
एक बात और... बहुत ही महत्त्वपूर्ण बात... व्यावहारिक जीवन में जब भी कोई लक्ष तय करो.... उसके लिए... थ्री डी फॉलो करना...
विश्व - थ्री डी... मतलब थ्री डायमेंशन...
डैनी - नहीं रे... गोबर दिमाग़... मेरी भाषा में थ्री डी में पहला डी है डिटरमीनेशन... दुसरा डी है डेडीकेशन और तीसरा डी है... डीवोशन...
जीवन में कोई भी लक्ष तय करो... उसे साधने के लिए यही थ्री डी को फॉलो करो... समझे...
विश्व - जी...
डैनी - कुछ भी आसानी से नहीं मिलता... एच्चीवमेंट हमेशा ऑनेस्टी और हार्ड वर्क मांगता है... तु सब कुछ सीख जाएगा... फ़िर भी हार जाएगा... अगर तेज नहीं होगा... तुझे इतना तेज़ होना होगा... के तुझसे लड़ने वाले को लगे.... कि वह एक विश्व से नहीं एक साथ दो दो विश्व से लड़ रहा है...
विश्व - (हैरानी से) जी...
डैनी - तेरा वज़न इतना हो... जितना तु अपने शरीर को आसानी से फ़ेंक सके... उछाल सके...
तेरे वार में इतना कंट्रोल हो... मतलब पंच, चॉप, किक जो भी... उस पर कितना इम्पैक्ट हो यह वार करते वक्त भी तु डिसाइड कर सके... तुझे उतना परफेक्ट होना होगा...
वीर - क्या...
डैनी - हाँ... तेरा वार बॉडी के जिस एरिया में हिट करेगा... वहाँ इम्पैक्ट कितना होगा... तु यह लास्ट मोमेंट में डिसाइड कर सके... उतना कंट्रोल हासिल करना होगा तुझे...
विश्व - और यह सब हासिल करने के लिए... आपकी दी हुई मंत्र थ्री डी को फॉलो करना होगा...
डैनी - कोई शक़...

विश्व अपने यादों से बाहर आता है और वह ख़ुद को समझाता है l - जरूर मेरा डीवोशन और डेडीकेशन में प्रॉब्लम हो रहा है... मुझे ध्यान लगाना होगा... मुझे तेज होना होगा... इतना तेज के मुझे एक नहीं दो दो बनकर लड़ना होगा... हाँ

फिर ध्यान में याद करने लगता है डैनी को जितनी बार वह विंग चुंग पर प्रैक्टिस करते देखा है है l डैनी हमेशा उससे बेहतर लगा है विश्व को l क्यूँकी इसमें कोई शक़ नहीं है डैनी विश्व से बहुत तेज है l वह हर लड़ाई को जो डैनी के पट्ठों से लड़ा है उसे याद करने लगता है l फिर विश्व आपनी आँखे खोलता है l तो देखता है उसे समीर, प्रणब हरीश और वसंत उसे ही देख रहे हैं l

प्रणब - क्यूँ भई... सब कुछ छोड़ कर... हिमालय जाने का इरादा है क्या...
वसंत - देखने से तो यही लग रहा है...

विश्व बैठे बैठे अपने पैर सीधा करता है और टर्न बक्कल के सहारे उठ खड़ा होता है l सीधे जा कर विंग चुंग के सामने खड़े हो कर उस पर तेजी से हाथ चलाने लगता है l कोशीश करता है एकाग्र हो कर प्रैक्टिस करे l

समीर - क्यूँ भई... हमसे बात नहीं करना चाहते क्या...
हरीश - हमे हरा कर सोच रहा है... कोई बड़ा तीर मारा है... पर अभी तक... डैनी से लड़ने के काबिल नहीं हो पाया है... इसका दुख है... है ना...
प्रणब - अरे हम तो उसे खुश करने के लिए हार जाते थे... वरना यह हमे हरा पाएगा... ऐसा दिखता भी है....

विश्व उनके बातों को सुन कर और तेजी से हाथ चलाने लगता है l वसंत उसके प्रैक्टिस देख कर पुछता है

वसंत - क्यूँ भई... हो जाए दो दो हाथ....
विश्व - मैं सोच रहा हूँ... क्यूँ ना तुम चारों से एक साथ लड़ुँ..
समीर - खयाल अच्छा है दिल को बहलाने के लिए ए ग़ालिब... लेकिन कंडिशन यह है कि... नो ग्लोव्स... नो सैफ्टी आरमॉर पैड्स...
विश्व - ठीक है...
हरीश - सोच ले... बाद में पछताने के लिए भी... टाइम नहीं मिलेगा तुझे...
विश्व - अब तक तो चारों को अलग अलग धोया है... पर आज एक साथ धोने को मन कर रहा है...
हरीश - बहुत बड़ी बात कह दी तुने... अब तक हम सीखा रहे थे...
प्रणब - अब कुटेंगे... और ऐसे कुटेंगे की आइंदा... ऊंचा पकवान बेचने से पहले... अपना दुकान बचाने की सोचेगा तु...
विश्व - बहुत पका रहे हो... पहले शुरू तो हो जाओ...

वे चारों रिंग में घुस जाते हैं और विश्व को चारों ओर से घेर लेते हैं l विश्व अपना बचाव का पोजीशन लेता है l चारों आपस में इशारा करते हुए विश्व के चारों तरफ़ घेरा बना कर हमला शुरू करते हैं l विश्व उनके हमले को डॉज करने लगता है l लेकिन चारों मास्टर्स से लड़ना एक साथ विश्व के लिए भारी पड़ा l पहली ही राउंड में सिर्फ़ पांच मिनिट में विश्व रिंग के फर्श पर गिर पड़ा l गिरने के बाद विश्व पहले संभल कर बैठा l

प्रणब - क्यूँ प्यारे कुटाई से पेट भरा या... भुख और भी है...
हरीश - कहा था... बहुत बड़ी बात कह दी है तुने... अबे अंडे से निकले जुमा जुमा ही कुछ दिन हुए हैं... फुदकना छोड़ उड़ने की सोच रहा है... कट गया ना पर...
विश्व - और एक राउंड हो जाए... इसबार पक्का... तुम चारों को... चारो खाने चित...
समीर - वाह... ना स्वाद है... ना खुशबु... यह खयाली पुलाव है अच्छा है... बच्चे... तेरा पेट आज भरेंगे जरूर...
वसंत - चलो हम सब ग्लोवस पहने लेते हैं.. और तु... सारे सेफ्टी पैड्स पहन ले... वरना अगली बार नहीं उठ पाएगा...
विश्व - मुझे सेफ्टी पैड्स की जरूरत नहीं... हाँ मेरे मार की दर्द से बचना चाहते हो तो... ग्लोवस मैं पहन लेता हूँ...
हरीश - फ़िर से बड़ी बात कह दी... अब तो तेरे दुकान में शटर डालना ही पड़ेगा...

फिर से विश्व अपना पोजीशन लेता है l वे चारों भी अपना अपना पोजीशन लेते हैं l फ़िर शुरू होता अटैक और डॉज l इसबार विश्व की फुर्ती देख कर चारों हैरान रह जाते हैं l उनके अटैक के जवाब में विश्व की डॉज और रीफ्लेक्सेस मूवमेंट उन चारों को हैरानी में डाल देता है l अब वे लोग आँखों आँखों में इशारा करते हैं, समीर को छोड़ सब विश्व के सामने आ जाते हैं और समीर पीछे से विश्व के पैरों पर डाइभ लगाता है विश्व चौकन्ना था इसलिए संभल कर पीछे मुड़ कर दो कदम कुद कर हटता है पर इस बार पीछे हरीश डाइभ लगा देता है l विश्व खुद को संभालने की कोशिश में घुम जाता है और पेट के बल गिरता है l जैसे ही विश्व गिरता है उसके उपर बाकी लोग कुद कर गिर जाते हैं l विश्व फिर से मुहँ की खा चुका है l क्यूँकी सब उसके ऊपर अपना वजन डाले गिरे हुए हैं इसलिए दर्द के मारे विश्व कराहने लगता है l विश्व की कराह सुन कर सब विश्व के उपर से उठ जाते हैं l

हरीश - (उसके उपर से उठते हुए) अब पड़ी कलेजे में ठंडक... हो गई तेरी दुकान बंद...
समीर - अब समझ में आ गया होगा... उड़ना और फुदकना किसे कहते हैं...
प्रणब - मुझे लगता है... इसका पेट भर गया है... कम से कम एक हफ्ते तक भूख नहीं लगेगी इसे...
वसंत - क्यूँ भई... क्या सोचने लग गया...
विश्व - मजा नहीं आया... अब... एक राउंड और... फाइनल... बस... अब तो तुम लोगों को बगैर धोए... खाना हज़म नहीं होगा मुझसे...
वसंत - अबे पागल हो गया क्या... तुझे सिखाने के लिए... कितने पापड बेलने पड़ते हैं... कहाँ कहाँ से जुगाड़ लगानी पड़ रही है... और तु है कि... अपना कबाड़ा करवाने पर तुला हुआ है...
विश्व - जो भी होगा मेरा होगा ना... क्या करूँ... तुम लोगों से सीख कर... तुम्हीं लोगों को हराया है... पर अलग अलग... अब एक साथ हराना चाहता हूँ... सिर्फ़ हराना ही नहीं... अब तक जितना कुटा है मुझे... वह सब सुध समेत कुट कर वापस करना है..
हरीश - अबे ऑए... डैनी भाई ने कहा तो तुझे सीखा रहे हैं... इसलिए लिहाज़ कर रहे हैं... वरना हम सब यहाँ उल्टे खोपड़ी के हैं... दिमाग फ़िर गया तो...
समीर - कहने की क्या जरूरत है... अब तक खेल हो रहा था... अब और खेल नहीं...
प्रणब - अब तो शटर गिरेगा भी और दुकान बंद होगा भी... चलो

अब एक साथ मिलकर विश्व पर हमला कर देते हैं l विश्व इस बार पुरी तरह से चौकन्ना हो कर अपना सीखा हुआ मूवमेंट्स आजमाने लगा l अबकी बार स्फूर्ति, फुर्ती और तेजी विश्व के रीफ्लेक्सेस में नजर आने लगती है l अब तक उनके अटैक के जवाब में डॉज करने वाला विश्व अब काउंटर अटैक करने लगा l और फिर सिर्फ़ सात मिनट में वे चारों नीचे गिरे हुए दिखे l उनके नीचे गिरने के बाद विश्व के कानों में तालियों की गूँज सुनाई देने लगती है l
विश्व उस तरफ देखता है l वहाँ पर डैनी और चित्त दोनों खड़े थे l डैनी और चित्त दोनों ताली मार रहे हैं l

डैनी - वाह विश्व वाह... मुझे इसी दिन की उम्मीद थी तुमसे... वाह... वाकई तुमने आज मुझे खुश कर दिया...

विश्व चुप रहता है l अब वह चार खुद को झाड़ कर उठते हैं l वे चारों भी चार कोने में पहुंच कर ताली बजाने लगते हैं l

डैनी - विश्व... तुममें सबसे अच्छी क्वालिटी क्या है... जानते हो... आसानी से हार ना मानना... एक जुनून है तुम्हारे अंदर... कुछ हासिल करने के लिए... वाह सच में मजा आ गया.... तुम सीख तो रहे थे... पर जीते सही मायने में आज हो... तुम वन टु वन फाइट में इन्हें हरा पाए... क्यूंकि उस फाइट में तुम जितने कंफीडेंट होते हो... नंबर बढ़ जाने से... तुम्हारा कंफीडेंट हिल जाता था... पर अब यक़ीन है... तुम अब मैनेज कर लोगे....
विश्व - डैनी भाई... मैं एक बार आपके साथ... खुदको आजमाना चाहता हूँ...
डैनी - (मुस्कराकर) ठीक है... कल... कल तुम्हारा यह ख्वाहिश पूरा होगा...
विश्व - थैंक्यू भाई... थैंक्यू.... पर बड़े कह गए हैं... कल करे सो आज कर... आज करे सो अब...
डैनी - तुम मुझे चैलेंज कर रहे हो...

विश्व - इतनी बड़ी हिमाकत मैं नहीं कर सकता... मैं बस आज खुदको आजमाना चाहता हूँ...
डैनी - (मुस्कराता है) विश्व तुममें भुख भी ग़ज़ब का है... सीखने की भुख... सीख लेने की भुख... चलो फ़िर...

डैनी रिंग में उतरता है और उसके बंदे सारे बाहर निकल कर चित्त के पास खड़े हो जाते हैं l

डैनी - चाहो तो तुम... सेफ्टी आरमॉर पैड्स पहन सकते हो.... और मैं ग्लोव्स पहन लेता हूँ...
विश्व - नहीं बिल्कुल नहीं... प्रैक्टिस इन नौ महीनों में कर ली है मैंने... अब सिर्फ़ प्रैक्टिकल चाहिए... मुझे भी मालुम होना चाहिए... मुझ पर होने वाले वार कितना इम्पैक्ट कर सकता है.... और मैं अपने वार को कंट्रोल कर पाता हूँ या नहीं.... इसलिए अब और प्रैक्टिस नहीं....
डैनी - वाह विश्व वाह... वाकई तुम्हारा एटीट्यूड बहुत बदल गया है... ह्म्म्म्म... बहुत अच्छे... तो फिर शुरू हो जाओ...

विश्व अपना पोजीशन लेता है और डैनी भी अपना पोजीशन लेता है l बाहर खड़े पांचो बंदे बड़े उत्सुकता के साथ गुरू और शिष्य की लड़ाई देखने को बेताब हैं l

अचानक डैनी अपना पोजीशन बदल कर अटैक शुरू करता है l विश्व भी उतनी ही फुर्ती के साथ डिफेंस करता है l विश्व के रीफ्लेक्सेस को देख कर डैनी पैंतरा बदलता है, विश्व भी अनुरुप उसे डॉज करता है और परफेक्ट डिफेंस ब्लॉक करता है l हाथों और पैरों का अद्भुत कला कौशल एक दूसरे पर आजमा रहे गुरु और शिष्य को बाहर खड़े विश्व के वह पांच आंशिक गुरु भी अचंभित हो गए हैं l अत्यधिक डिफेंस के चलते विश्व के दाहिने तरफ कंधे और कमर के बीच एक गैप दिख जाता है डैनी को l डैनी भी मौके का फायदा उठाकर एक किक हिट करता है l किक लगते ही विश्व का ध्यान भटक जाता है फिर डैनी दन दना दन किक व पंचेस की बौछार कर देता है l विश्व थोड़ा नर्वस हो जाता है और उसी समय उसके छाती पर एक ज़ोरदार किक लगता है l विश्व कुछ दूर छिटक कर टर्न बक्कल से टकरा कर फ़र्श पर गिरता है l पर दुसरे ही पल अपने दोनों पैरों को घुमा कर उठ खड़ा हो जाता है l

डैनी - क्या हुआ विश्व... तुम्हारे पास सिर्फ़ डिफेंस ही है... अटैक का क्या हुआ...
विश्व -( चुप रहता है)
डैनी - जो डीटरमीनेशन (समीर, वसंत, प्रणब और हरीश की ओर इशारा करते हुए) इनके साथ लड़ते दिखा रहे थे... मेरे साथ लड़ते वक्त क्या हो गया तुमको... तुम ओवर डीफेंसीव हो गए.... (विश्व को चुप रहते देख) बहुत कुछ तुमने... एक्सपेरियंस किया है... इसलिए यह भी याद रखो... जो तुम्हारे सामने है... वह तुम्हारा गुरु भले ही हो... पर तुम्हारा व्यवहार उसके साथ ओपोनेंट की तरह होनी चाहिए... तुमने महाभारत में नहीं पढ़ा.... या देखा.... कुरुक्षेत्र में अर्जुन के विरुद्ध द्रोण युद्ध कर रहे थे....
विश्व - (अपना सर हिला कर हाँ कहता है)
डैनी - यह बात भी गांठ बाँध लो... कभी कभी अटैक इज़ द बेस्ट डीफेंस होता है...
विश्व - जी डैनी भाई.... एक और राउंड कोशिश करें....

डैनी - क्या... विश्व... तु क्या करना चाहता है... आज नहीं तो कल भी हम फाइट कर सकते हैं.... अभी मुझसे पहले इन लोगों से तीन तीन राउंड लड़ा है तु... और कितना देर टिक पाएगा...
विश्व - डैनी भाई... आप के पास मेरे लिए छह महीने बाकी हैं... एक साल गुज़र गया है.... इन एक सालों में यह पता चला... सीखने के लिए बहुत है... पर सीखा बहुत कम है.... खैर... जितना वक्त साथ दे.... इसलिए मैं आज अपना एक्सट्रीम चेक करना चाहता हूँ.... और आपसे निवेदन है.... आप मुझ पर रहम बिल्कुल मत कीजिए....

डैनी विश्व को हैरान हो कर देखता है l डैनी के साथ साथ उसके पंटर भी विश्व की बात सुनकर हैरान हो जाते हैं l विश्व अपना पोजीशन लेता है l डैनी भी अपना पोजीशन लेता है l इस बार डैनी जैसे ही अटैक स्टार्ट करता है विश्व डीफेंस के साथ साथ काउंटर अटैक भी करता है l अब कि लड़ाई में एक दुसरे को छकाना और वार करने की कोशिश करना हर एक स्टाइल में चलता रहा l फिर अचानक विश्व के पंच और किक तेज होते जाते हैं l इस बार डैनी थोड़ा डीफेंसीव हो जाता है जिससे विश्व की अटैक की रफ्तार और बढ़ जाता है l फिर अचानक विश्व की दाहिने हाथ की कलाई को डैनी अपनी बाएं हाथ की तीन उंगली से पकड़ लेता है l डैनी की पकड़ इतनी मजबूत होती है कि विश्व को दर्द होने लगता है l फ़िर डैनी दो पंच मारता है एक अंदरुनी कोहनी पर और दुसरा कंधे पर l विश्व के हाथ पूरी तरह से शुन हो जाता है l फिर विश्व को डैनी एक फ्रंट किक मारता है तो विश्व जाके एक टर्न बक्कल से टकराता है, वहीँ नीचे गिर जाता पहुंच कर डैनी को हैरान हो कर देखता है l

विश्व - (कराहते हुए) क्या.... क्या था यह... आ.. ह
डैनी - वर्म कलई...
विश्व - क्या.. व.. वर..म..
डैनी - वर्म कलई... एक प्राचीन भारतीय युद्ध कला...
विश्व - भारतीय...
डैनी - हाँ भारतीय... प्राचीन लोक कथाओं के अनुसार... भगवान शिव ने अपने पुत्र मुरुगन को सिखाया... भगवान मुरुगन से अगस्त्य महा मुनी ने सीखा और लोक कल्याण के लिए लोकार्पण किया.... यह बहुत ही प्राचीन विद्या है... तमिल और मलयालम में वर्म कलई कहते हैं... तेलुगु कन्नड़ और संस्कृत में मर्म कला...
विश्व - इतनी प्राचीन कला... आप कैसे...
डैनी - प्राचीन कला... लुप्त कला नहीं है...
विश्व - क्या आप मुझे यह सिखायेंगे...
डैनी - क्यूँ नहीं... मैंने कहा था ना... मेरी खुन पसीने की कमाई तुझे दे कर जाऊँगा... यह भी मेरी कमाई है... और तुझे देकर जाऊँगा...

विश्व के पास आकर डैनी हाथ बढ़ाता है, विश्व उसका हाथ थाम कर उठ खड़ा होता है l

डैनी - हमारे शरीर में छियासी ऐसे नर्व पॉइंट्स हैं... जिन पर अब तुम्हें ज्ञान लेना होगा... और ऐसे पॉइंट्स पर हमला करने के लिए... मुट्ठी या घुसे के वजाए... उँगलियों को इस्तेमाल किया जाता है... पर उस पर वार के लिए उँगलियों का मजबुत होना चाहिए... इसीलिये तुमसे साल भर कुए से पानी निकलवाया है... वह भी तीन उँगलियों से.... याद है इम्तिहान के बाद जब तुमने अपने तीन उँगलियों से मछली पकड़ा था...
विश्व - हाँ...
डैनी - वह तुम्हारा पहला कदम था... वर्म कलई की ओर...
विश्व - (हैरानी से) क.. क्या...
डैनी - तो अब... वर्म कलई सीखने के लिए तैयार हो जाओ....
Nice and beautiful update....
 

Jaguaar

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स्पेशल बैरक के सात नंबर घर
विश्व पंच बैग पर पंच बरसा रहा है l फिर विश्व रुक जाता है, पंच बैग को गले लगा कर, गहरी सांसे लेते हुए आँखे मूँद कर सोचने लगता है l
सब मिलकर उसे, जो जो सीखा रहे हैं, वह बड़ी चाह से और शिद्दत से सीख रहा है l प्रणब से छुरी से लेकर तलवार और लाठी चलाना सीखा, छुरी से मतलब जो जैल की रसोई में इस्तेमाल होता है प्रणब कभी रसोई में सारे सब्जियाँ छुरी या चॅपर से कटवाता तो कभी फेंक कर निशाना लगाना सीखवाता रहा l बात जब तलवार बाजी की प्रैक्टिस की थी तब दो मजबूत बेंत से प्रैक्टिस कर तलवार बाजी प्रणब से सीखी l प्रणब रोज उससे आटा गुंथवाता था वह भी सौ डेढ़ सौ लोगों का और एक स्पेशल पैटर्न में जैसे किसीसे ताकत आजमा रहे हो l उसने प्रणब के लिए सभी एक्जाम में डिस्टींशन में पास हुआ l प्रणब के सिखाया हर दाव पेच पाइक अखाड़ा के युद्ध शैली है l यहाँ तक पाइक शैली में खाली हाथ की लड़ाई भी काफी हद तक कराटे से मिलता जुलता है l प्रणब से सीखने के बाद प्रणब से लड़ा भी है और प्रणब के सिखाए हर दाव पेच में प्रणब को हराया भी है l
वसंत की हाथ की सफ़ाई बहुत ही कमाल की है l जितनी सफाई से जेब काट सकता है उतनी ही सफ़ाई से चीजें जेब में वापस भी रख देता है l असल में हाथ की सफाई से चीजों को ग़ायब करना वह भी पलक झपकते ही यानी आखों के सामने और वसंत से चीजें गायब कर और चीजों को वापस रखना सीखने के साथ साथ बालू और उनके साथियों की छुट्टी करा दिया था सारे कपड़े विश्व ही साफ करता रहा l कपड़े धोने और निचोड़ने में वसंत ने कुछ ऐसे तरीके सिखाया था जो कि उसे मार्शल आर्ट ट्रेनिंग में सहायक भी हुआ l वसंत ने उसे गिले कपड़ों को हथियार बना कर लड़ना सिखाया जिसे विश्व ने बड़ी तल्लीनता से सीखा l यह सब विश्व ने सीखा भलेही बेमन से, पर सीखा और वसंत के हिसाब से उस परीक्षा में विश्व ने एक्सीलेंट स्कोर किया है l वसंत भी एक बढ़िया फाइटर है जिसके साथ एक बार लड़कर विश्व हराया भी है l
समीर अभी भी विश्व को हैरान कर रहा है l वाकई डैनी ने सच कहा था l समीर एक आदमी को देख कर उसकी स्वभाव और चरित्र का ज़बरदस्त स्कैन कर लेता है l विश्व को समीर के लिए एक्जाम में सिर्फ़ पास मार्क ही मिले हैं l पर फेल नहीं हुआ है l
हरीश से सीखते सीखते विश्व को एक नई बात का पता चला l डेल्टा कट इंटोरेगेशन l इसमें एक आदमी को बीच में बिठा कर तीन आदमी तीन दिशा से इंटोरेगेट करते हैं l तीनों के भाव अलग अलग होते हैं l एक हिंसक तरीके से पूछता है, दुसरा समझा कर और प्यार से पुछता है पर तीसरा बिना किसी भाव के, साधारण तरीके से पर रौब डाल कर पुछता है l ऐसे तीनों की गुणों को एक साथ अपना कर किसीसे सवाल ज़वाब करने की शैली, पता नहीं कभी जीवन में काम भी आएगा, पर सीखा l
चित्त उसका खाने पीने का ध्यान रखते हुए सुरज ढलने के बाद खाने से मना कर दिया है l जब भी जैल में राशन और सब्जी की गाड़ी आती है तो चित्त, विश्व से भरे बोरियों को ट्रक से उतरवाता है, पर नॉर्मल तरीके से नहीं जैसे किसी आदमी को दोनों हाथों से गले लगा कर उठा दिया जाए या किसी बच्चे को जैसे उठाया जाए, फ़िर अपने ही शरीर में घुमा कर सही जगह पर रखना l रात को सोने से पहले सिर्फ़ दुध एक लीटर दिया जाता है l बाकी का खाना पीना सिर्फ़ सुबह से लेकर शाम तक l इसके बावजुद विश्व का शरीर काफी मजबुत हुआ है l उसके पेशियों में ज़बरदस्त कटाव भी आ गया है जो कि नंगे शरीर में स्पष्ट रूप से उभर कर दिख रहा है l सबके लिए गए परिक्षा में विश्व पास हुआ है पर अभी तक डैनी से लड़ने के लिए विश्व क़ाबिल नहीं हुआ है ऐसा सभी कह रहे हैं l यही विश्व को परेशान कर रही है

क्यूँ... क्यूँ....

अपने सर को पंच बैग पर मारते हुए खुद से सवाल कर रहा है l

क्यूँ... क्यूँ...

फिर वह पंच बैग को छोड़ उस कमरे में बने पंद्रह बाई पंद्रह के रिंग में आता है l उस रिंग के एक कोने पर पहुंच कर टर्न बक्कल पर सट कर आलती पालती मार कर बैठ जाता है और अपनी आँखे बंद कर शुरू से लेकर अब तक डैनी से सीखते वक्त, डैनी के द्वारा दिए गए सारे गुरु ज्ञान को याद करने लगता है l

डैनी -मार्शल आर्ट क्या है... युद्ध कला... पौराणिक भाषा में कहें तो द्वंद युद्ध... अब द्वंद को व्यवहारिक भाषा में अनुवाद करें तो कंनफ्युजन... अर्थात्‌ अपने अपोनेंट को युद्ध में द्वंद में डालो और हराओ....
विश्व - मतलब...
डैनी - मतलब यह हुआ कि... तु अब कंफ्युज्ड हो गया है....
विश्व - (चुप रहता है)
डैनी - तुझे चुस्त, दुरुस्त, फुर्ती और स्फूर्ति के साथ साथ तेज़... बहुत तेज़ होना पड़ेगा...
विश्व - (डैनी की ओर देखता है)
डैनी - तु प्रैक्टिस में जितना इंव्ल्व होगा... तु उतनी ही फुर्तीला हो जाएगा... मेरा मतलब है तु खुदको जितना झोंक देगा... तुझे रिजल्ट अनुरूप ही मिलेगा....
एक बात याद रखना... युद्ध में खुदको बचाना है और वार भी करना है... यानी तेरे रीफ्लेक्सेस और अटैक तेरे अपोनेंट से तेज़ हो... बहुत तेज हो... और तुझे वह स्पीड रेगुलर प्रैक्टिस से एच्चीव करना होगा...
एक बात और... बहुत ही महत्त्वपूर्ण बात... व्यावहारिक जीवन में जब भी कोई लक्ष तय करो.... उसके लिए... थ्री डी फॉलो करना...
विश्व - थ्री डी... मतलब थ्री डायमेंशन...
डैनी - नहीं रे... गोबर दिमाग़... मेरी भाषा में थ्री डी में पहला डी है डिटरमीनेशन... दुसरा डी है डेडीकेशन और तीसरा डी है... डीवोशन...
जीवन में कोई भी लक्ष तय करो... उसे साधने के लिए यही थ्री डी को फॉलो करो... समझे...
विश्व - जी...
डैनी - कुछ भी आसानी से नहीं मिलता... एच्चीवमेंट हमेशा ऑनेस्टी और हार्ड वर्क मांगता है... तु सब कुछ सीख जाएगा... फ़िर भी हार जाएगा... अगर तेज नहीं होगा... तुझे इतना तेज़ होना होगा... के तुझसे लड़ने वाले को लगे.... कि वह एक विश्व से नहीं एक साथ दो दो विश्व से लड़ रहा है...
विश्व - (हैरानी से) जी...
डैनी - तेरा वज़न इतना हो... जितना तु अपने शरीर को आसानी से फ़ेंक सके... उछाल सके...
तेरे वार में इतना कंट्रोल हो... मतलब पंच, चॉप, किक जो भी... उस पर कितना इम्पैक्ट हो यह वार करते वक्त भी तु डिसाइड कर सके... तुझे उतना परफेक्ट होना होगा...
वीर - क्या...
डैनी - हाँ... तेरा वार बॉडी के जिस एरिया में हिट करेगा... वहाँ इम्पैक्ट कितना होगा... तु यह लास्ट मोमेंट में डिसाइड कर सके... उतना कंट्रोल हासिल करना होगा तुझे...
विश्व - और यह सब हासिल करने के लिए... आपकी दी हुई मंत्र थ्री डी को फॉलो करना होगा...
डैनी - कोई शक़...

विश्व अपने यादों से बाहर आता है और वह ख़ुद को समझाता है l - जरूर मेरा डीवोशन और डेडीकेशन में प्रॉब्लम हो रहा है... मुझे ध्यान लगाना होगा... मुझे तेज होना होगा... इतना तेज के मुझे एक नहीं दो दो बनकर लड़ना होगा... हाँ

फिर ध्यान में याद करने लगता है डैनी को जितनी बार वह विंग चुंग पर प्रैक्टिस करते देखा है है l डैनी हमेशा उससे बेहतर लगा है विश्व को l क्यूँकी इसमें कोई शक़ नहीं है डैनी विश्व से बहुत तेज है l वह हर लड़ाई को जो डैनी के पट्ठों से लड़ा है उसे याद करने लगता है l फिर विश्व आपनी आँखे खोलता है l तो देखता है उसे समीर, प्रणब हरीश और वसंत उसे ही देख रहे हैं l

प्रणब - क्यूँ भई... सब कुछ छोड़ कर... हिमालय जाने का इरादा है क्या...
वसंत - देखने से तो यही लग रहा है...

विश्व बैठे बैठे अपने पैर सीधा करता है और टर्न बक्कल के सहारे उठ खड़ा होता है l सीधे जा कर विंग चुंग के सामने खड़े हो कर उस पर तेजी से हाथ चलाने लगता है l कोशीश करता है एकाग्र हो कर प्रैक्टिस करे l

समीर - क्यूँ भई... हमसे बात नहीं करना चाहते क्या...
हरीश - हमे हरा कर सोच रहा है... कोई बड़ा तीर मारा है... पर अभी तक... डैनी से लड़ने के काबिल नहीं हो पाया है... इसका दुख है... है ना...
प्रणब - अरे हम तो उसे खुश करने के लिए हार जाते थे... वरना यह हमे हरा पाएगा... ऐसा दिखता भी है....

विश्व उनके बातों को सुन कर और तेजी से हाथ चलाने लगता है l वसंत उसके प्रैक्टिस देख कर पुछता है

वसंत - क्यूँ भई... हो जाए दो दो हाथ....
विश्व - मैं सोच रहा हूँ... क्यूँ ना तुम चारों से एक साथ लड़ुँ..
समीर - खयाल अच्छा है दिल को बहलाने के लिए ए ग़ालिब... लेकिन कंडिशन यह है कि... नो ग्लोव्स... नो सैफ्टी आरमॉर पैड्स...
विश्व - ठीक है...
हरीश - सोच ले... बाद में पछताने के लिए भी... टाइम नहीं मिलेगा तुझे...
विश्व - अब तक तो चारों को अलग अलग धोया है... पर आज एक साथ धोने को मन कर रहा है...
हरीश - बहुत बड़ी बात कह दी तुने... अब तक हम सीखा रहे थे...
प्रणब - अब कुटेंगे... और ऐसे कुटेंगे की आइंदा... ऊंचा पकवान बेचने से पहले... अपना दुकान बचाने की सोचेगा तु...
विश्व - बहुत पका रहे हो... पहले शुरू तो हो जाओ...

वे चारों रिंग में घुस जाते हैं और विश्व को चारों ओर से घेर लेते हैं l विश्व अपना बचाव का पोजीशन लेता है l चारों आपस में इशारा करते हुए विश्व के चारों तरफ़ घेरा बना कर हमला शुरू करते हैं l विश्व उनके हमले को डॉज करने लगता है l लेकिन चारों मास्टर्स से लड़ना एक साथ विश्व के लिए भारी पड़ा l पहली ही राउंड में सिर्फ़ पांच मिनिट में विश्व रिंग के फर्श पर गिर पड़ा l गिरने के बाद विश्व पहले संभल कर बैठा l

प्रणब - क्यूँ प्यारे कुटाई से पेट भरा या... भुख और भी है...
हरीश - कहा था... बहुत बड़ी बात कह दी है तुने... अबे अंडे से निकले जुमा जुमा ही कुछ दिन हुए हैं... फुदकना छोड़ उड़ने की सोच रहा है... कट गया ना पर...
विश्व - और एक राउंड हो जाए... इसबार पक्का... तुम चारों को... चारो खाने चित...
समीर - वाह... ना स्वाद है... ना खुशबु... यह खयाली पुलाव है अच्छा है... बच्चे... तेरा पेट आज भरेंगे जरूर...
वसंत - चलो हम सब ग्लोवस पहने लेते हैं.. और तु... सारे सेफ्टी पैड्स पहन ले... वरना अगली बार नहीं उठ पाएगा...
विश्व - मुझे सेफ्टी पैड्स की जरूरत नहीं... हाँ मेरे मार की दर्द से बचना चाहते हो तो... ग्लोवस मैं पहन लेता हूँ...
हरीश - फ़िर से बड़ी बात कह दी... अब तो तेरे दुकान में शटर डालना ही पड़ेगा...

फिर से विश्व अपना पोजीशन लेता है l वे चारों भी अपना अपना पोजीशन लेते हैं l फ़िर शुरू होता अटैक और डॉज l इसबार विश्व की फुर्ती देख कर चारों हैरान रह जाते हैं l उनके अटैक के जवाब में विश्व की डॉज और रीफ्लेक्सेस मूवमेंट उन चारों को हैरानी में डाल देता है l अब वे लोग आँखों आँखों में इशारा करते हैं, समीर को छोड़ सब विश्व के सामने आ जाते हैं और समीर पीछे से विश्व के पैरों पर डाइभ लगाता है विश्व चौकन्ना था इसलिए संभल कर पीछे मुड़ कर दो कदम कुद कर हटता है पर इस बार पीछे हरीश डाइभ लगा देता है l विश्व खुद को संभालने की कोशिश में घुम जाता है और पेट के बल गिरता है l जैसे ही विश्व गिरता है उसके उपर बाकी लोग कुद कर गिर जाते हैं l विश्व फिर से मुहँ की खा चुका है l क्यूँकी सब उसके ऊपर अपना वजन डाले गिरे हुए हैं इसलिए दर्द के मारे विश्व कराहने लगता है l विश्व की कराह सुन कर सब विश्व के उपर से उठ जाते हैं l

हरीश - (उसके उपर से उठते हुए) अब पड़ी कलेजे में ठंडक... हो गई तेरी दुकान बंद...
समीर - अब समझ में आ गया होगा... उड़ना और फुदकना किसे कहते हैं...
प्रणब - मुझे लगता है... इसका पेट भर गया है... कम से कम एक हफ्ते तक भूख नहीं लगेगी इसे...
वसंत - क्यूँ भई... क्या सोचने लग गया...
विश्व - मजा नहीं आया... अब... एक राउंड और... फाइनल... बस... अब तो तुम लोगों को बगैर धोए... खाना हज़म नहीं होगा मुझसे...
वसंत - अबे पागल हो गया क्या... तुझे सिखाने के लिए... कितने पापड बेलने पड़ते हैं... कहाँ कहाँ से जुगाड़ लगानी पड़ रही है... और तु है कि... अपना कबाड़ा करवाने पर तुला हुआ है...
विश्व - जो भी होगा मेरा होगा ना... क्या करूँ... तुम लोगों से सीख कर... तुम्हीं लोगों को हराया है... पर अलग अलग... अब एक साथ हराना चाहता हूँ... सिर्फ़ हराना ही नहीं... अब तक जितना कुटा है मुझे... वह सब सुध समेत कुट कर वापस करना है..
हरीश - अबे ऑए... डैनी भाई ने कहा तो तुझे सीखा रहे हैं... इसलिए लिहाज़ कर रहे हैं... वरना हम सब यहाँ उल्टे खोपड़ी के हैं... दिमाग फ़िर गया तो...
समीर - कहने की क्या जरूरत है... अब तक खेल हो रहा था... अब और खेल नहीं...
प्रणब - अब तो शटर गिरेगा भी और दुकान बंद होगा भी... चलो

अब एक साथ मिलकर विश्व पर हमला कर देते हैं l विश्व इस बार पुरी तरह से चौकन्ना हो कर अपना सीखा हुआ मूवमेंट्स आजमाने लगा l अबकी बार स्फूर्ति, फुर्ती और तेजी विश्व के रीफ्लेक्सेस में नजर आने लगती है l अब तक उनके अटैक के जवाब में डॉज करने वाला विश्व अब काउंटर अटैक करने लगा l और फिर सिर्फ़ सात मिनट में वे चारों नीचे गिरे हुए दिखे l उनके नीचे गिरने के बाद विश्व के कानों में तालियों की गूँज सुनाई देने लगती है l
विश्व उस तरफ देखता है l वहाँ पर डैनी और चित्त दोनों खड़े थे l डैनी और चित्त दोनों ताली मार रहे हैं l

डैनी - वाह विश्व वाह... मुझे इसी दिन की उम्मीद थी तुमसे... वाह... वाकई तुमने आज मुझे खुश कर दिया...

विश्व चुप रहता है l अब वह चार खुद को झाड़ कर उठते हैं l वे चारों भी चार कोने में पहुंच कर ताली बजाने लगते हैं l

डैनी - विश्व... तुममें सबसे अच्छी क्वालिटी क्या है... जानते हो... आसानी से हार ना मानना... एक जुनून है तुम्हारे अंदर... कुछ हासिल करने के लिए... वाह सच में मजा आ गया.... तुम सीख तो रहे थे... पर जीते सही मायने में आज हो... तुम वन टु वन फाइट में इन्हें हरा पाए... क्यूंकि उस फाइट में तुम जितने कंफीडेंट होते हो... नंबर बढ़ जाने से... तुम्हारा कंफीडेंट हिल जाता था... पर अब यक़ीन है... तुम अब मैनेज कर लोगे....
विश्व - डैनी भाई... मैं एक बार आपके साथ... खुदको आजमाना चाहता हूँ...
डैनी - (मुस्कराकर) ठीक है... कल... कल तुम्हारा यह ख्वाहिश पूरा होगा...
विश्व - थैंक्यू भाई... थैंक्यू.... पर बड़े कह गए हैं... कल करे सो आज कर... आज करे सो अब...
डैनी - तुम मुझे चैलेंज कर रहे हो...

विश्व - इतनी बड़ी हिमाकत मैं नहीं कर सकता... मैं बस आज खुदको आजमाना चाहता हूँ...
डैनी - (मुस्कराता है) विश्व तुममें भुख भी ग़ज़ब का है... सीखने की भुख... सीख लेने की भुख... चलो फ़िर...

डैनी रिंग में उतरता है और उसके बंदे सारे बाहर निकल कर चित्त के पास खड़े हो जाते हैं l

डैनी - चाहो तो तुम... सेफ्टी आरमॉर पैड्स पहन सकते हो.... और मैं ग्लोव्स पहन लेता हूँ...
विश्व - नहीं बिल्कुल नहीं... प्रैक्टिस इन नौ महीनों में कर ली है मैंने... अब सिर्फ़ प्रैक्टिकल चाहिए... मुझे भी मालुम होना चाहिए... मुझ पर होने वाले वार कितना इम्पैक्ट कर सकता है.... और मैं अपने वार को कंट्रोल कर पाता हूँ या नहीं.... इसलिए अब और प्रैक्टिस नहीं....
डैनी - वाह विश्व वाह... वाकई तुम्हारा एटीट्यूड बहुत बदल गया है... ह्म्म्म्म... बहुत अच्छे... तो फिर शुरू हो जाओ...

विश्व अपना पोजीशन लेता है और डैनी भी अपना पोजीशन लेता है l बाहर खड़े पांचो बंदे बड़े उत्सुकता के साथ गुरू और शिष्य की लड़ाई देखने को बेताब हैं l

अचानक डैनी अपना पोजीशन बदल कर अटैक शुरू करता है l विश्व भी उतनी ही फुर्ती के साथ डिफेंस करता है l विश्व के रीफ्लेक्सेस को देख कर डैनी पैंतरा बदलता है, विश्व भी अनुरुप उसे डॉज करता है और परफेक्ट डिफेंस ब्लॉक करता है l हाथों और पैरों का अद्भुत कला कौशल एक दूसरे पर आजमा रहे गुरु और शिष्य को बाहर खड़े विश्व के वह पांच आंशिक गुरु भी अचंभित हो गए हैं l अत्यधिक डिफेंस के चलते विश्व के दाहिने तरफ कंधे और कमर के बीच एक गैप दिख जाता है डैनी को l डैनी भी मौके का फायदा उठाकर एक किक हिट करता है l किक लगते ही विश्व का ध्यान भटक जाता है फिर डैनी दन दना दन किक व पंचेस की बौछार कर देता है l विश्व थोड़ा नर्वस हो जाता है और उसी समय उसके छाती पर एक ज़ोरदार किक लगता है l विश्व कुछ दूर छिटक कर टर्न बक्कल से टकरा कर फ़र्श पर गिरता है l पर दुसरे ही पल अपने दोनों पैरों को घुमा कर उठ खड़ा हो जाता है l

डैनी - क्या हुआ विश्व... तुम्हारे पास सिर्फ़ डिफेंस ही है... अटैक का क्या हुआ...
विश्व -( चुप रहता है)
डैनी - जो डीटरमीनेशन (समीर, वसंत, प्रणब और हरीश की ओर इशारा करते हुए) इनके साथ लड़ते दिखा रहे थे... मेरे साथ लड़ते वक्त क्या हो गया तुमको... तुम ओवर डीफेंसीव हो गए.... (विश्व को चुप रहते देख) बहुत कुछ तुमने... एक्सपेरियंस किया है... इसलिए यह भी याद रखो... जो तुम्हारे सामने है... वह तुम्हारा गुरु भले ही हो... पर तुम्हारा व्यवहार उसके साथ ओपोनेंट की तरह होनी चाहिए... तुमने महाभारत में नहीं पढ़ा.... या देखा.... कुरुक्षेत्र में अर्जुन के विरुद्ध द्रोण युद्ध कर रहे थे....
विश्व - (अपना सर हिला कर हाँ कहता है)
डैनी - यह बात भी गांठ बाँध लो... कभी कभी अटैक इज़ द बेस्ट डीफेंस होता है...
विश्व - जी डैनी भाई.... एक और राउंड कोशिश करें....

डैनी - क्या... विश्व... तु क्या करना चाहता है... आज नहीं तो कल भी हम फाइट कर सकते हैं.... अभी मुझसे पहले इन लोगों से तीन तीन राउंड लड़ा है तु... और कितना देर टिक पाएगा...
विश्व - डैनी भाई... आप के पास मेरे लिए छह महीने बाकी हैं... एक साल गुज़र गया है.... इन एक सालों में यह पता चला... सीखने के लिए बहुत है... पर सीखा बहुत कम है.... खैर... जितना वक्त साथ दे.... इसलिए मैं आज अपना एक्सट्रीम चेक करना चाहता हूँ.... और आपसे निवेदन है.... आप मुझ पर रहम बिल्कुल मत कीजिए....

डैनी विश्व को हैरान हो कर देखता है l डैनी के साथ साथ उसके पंटर भी विश्व की बात सुनकर हैरान हो जाते हैं l विश्व अपना पोजीशन लेता है l डैनी भी अपना पोजीशन लेता है l इस बार डैनी जैसे ही अटैक स्टार्ट करता है विश्व डीफेंस के साथ साथ काउंटर अटैक भी करता है l अब कि लड़ाई में एक दुसरे को छकाना और वार करने की कोशिश करना हर एक स्टाइल में चलता रहा l फिर अचानक विश्व के पंच और किक तेज होते जाते हैं l इस बार डैनी थोड़ा डीफेंसीव हो जाता है जिससे विश्व की अटैक की रफ्तार और बढ़ जाता है l फिर अचानक विश्व की दाहिने हाथ की कलाई को डैनी अपनी बाएं हाथ की तीन उंगली से पकड़ लेता है l डैनी की पकड़ इतनी मजबूत होती है कि विश्व को दर्द होने लगता है l फ़िर डैनी दो पंच मारता है एक अंदरुनी कोहनी पर और दुसरा कंधे पर l विश्व के हाथ पूरी तरह से शुन हो जाता है l फिर विश्व को डैनी एक फ्रंट किक मारता है तो विश्व जाके एक टर्न बक्कल से टकराता है, वहीँ नीचे गिर जाता पहुंच कर डैनी को हैरान हो कर देखता है l

विश्व - (कराहते हुए) क्या.... क्या था यह... आ.. ह
डैनी - वर्म कलई...
विश्व - क्या.. व.. वर..म..
डैनी - वर्म कलई... एक प्राचीन भारतीय युद्ध कला...
विश्व - भारतीय...
डैनी - हाँ भारतीय... प्राचीन लोक कथाओं के अनुसार... भगवान शिव ने अपने पुत्र मुरुगन को सिखाया... भगवान मुरुगन से अगस्त्य महा मुनी ने सीखा और लोक कल्याण के लिए लोकार्पण किया.... यह बहुत ही प्राचीन विद्या है... तमिल और मलयालम में वर्म कलई कहते हैं... तेलुगु कन्नड़ और संस्कृत में मर्म कला...
विश्व - इतनी प्राचीन कला... आप कैसे...
डैनी - प्राचीन कला... लुप्त कला नहीं है...
विश्व - क्या आप मुझे यह सिखायेंगे...
डैनी - क्यूँ नहीं... मैंने कहा था ना... मेरी खुन पसीने की कमाई तुझे दे कर जाऊँगा... यह भी मेरी कमाई है... और तुझे देकर जाऊँगा...

विश्व के पास आकर डैनी हाथ बढ़ाता है, विश्व उसका हाथ थाम कर उठ खड़ा होता है l

डैनी - हमारे शरीर में छियासी ऐसे नर्व पॉइंट्स हैं... जिन पर अब तुम्हें ज्ञान लेना होगा... और ऐसे पॉइंट्स पर हमला करने के लिए... मुट्ठी या घुसे के वजाए... उँगलियों को इस्तेमाल किया जाता है... पर उस पर वार के लिए उँगलियों का मजबुत होना चाहिए... इसीलिये तुमसे साल भर कुए से पानी निकलवाया है... वह भी तीन उँगलियों से.... याद है इम्तिहान के बाद जब तुमने अपने तीन उँगलियों से मछली पकड़ा था...
विश्व - हाँ...
डैनी - वह तुम्हारा पहला कदम था... वर्म कलई की ओर...
विश्व - (हैरानी से) क.. क्या...
डैनी - तो अब... वर्म कलई सीखने के लिए तैयार हो जाओ....
Jabardastttt Updateee

Unn haramiyon se ladhne ke liye Vishwa ek aisa hatiyaar ban gaya hai jiske ek waar se saamne wale ki jaan chali jaayee. Bahottt khubbb
 

Death Kiñg

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Maaf karna bhai bahot samay se aapki story par revo nahi de paaya... Par story sahi disha mein aage badh rahi hai... Vaidaihi Jail mein Danny se mili thi aur wahin usne usse bataya ke Vishwa Danny ko Jayant Babu jitna hi maanta hai... Ab Aese mein Danny ne bhi Vishwa ke liye apni zinmedari nibhaayi...

Danny ka dukhad ateet bhi saamne aaya... Pata chala ke samaaj ke kuchh kuroop hisson ke kaaran hi gangsters Paida hote hain... Janam se koyi bhi criminal nahi hita, Danny bhi nahi tha par waqt aur haalaat kab badal jaayen koyi nahi jaanta... Khair, ab Danny apne jeevan ki kamaayi yaani uski fighting skills Vishwa ko sikha raha hai...

Jiss tezzi se Vishwa sab cheezen seekh raha hai, saaf hai ke Kshetrapaal khaandan ki jaden jald hi hilne waali hain... Idhar Vikram aur Shubhra ka ateet bhi dekhne mill raha hai... Apne khaandan ki parampara nibhate huye Vikram ne Shubhra ke pyaar se dhokha kar diya hai aur rangmahal hi wo kaaran hai jiske chalte present mein Shubhra aur Vikram ke beech baat cheet tak nahi hoti...

Khair, Vaidahi ne jo saat baatein Bhairav Singh ko kahi thi usmein ye bhi tha ke Kshetrapaal parivaar bikhar jaayega... Nischit hi ye jald hi hoga... Apne Baap ki galat saanidhya ko chhod Vikram apne pyaar Shubhra aur Veer joki apne office mein kaam karne waali ladki se pyaar kar baithegaa... Dono Bhairav Singh se munh modd lenge...

Dekhna ye hai ke Vishwa aur Danny ke madhya aage kya hota hai aur jab Shubhra ko Vikram ki sachayi pata chalegi tab kya hoga...

Behad hi shaandar tareeke se likh rahe hain aap Kala Naag bhai... Danny se prashikshan jo Vishwa le raha hai usse likhne mein koyi jaldbazi nahi dikhayi gayi aur bilkul sahi dhang se sab kuchh darshaya hai aapne...

Badhiya Chitran...

Outstanding Updates Kala Naag bhai & Waiting For Next...
 
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