मेरे भाइयों, मित्रों व बंधुओं..
आप सबको आप सबको अभिनंदन एवं शुभकामनाएं
अगर कोरोना महामारी न आया होता तो शायद मैं इस फोरम की पाठक ना होता और न ही सदस्यता ली होती l
एक्सीडेंटाली मैं इस फोरम में आया था l एक बार सलमान खान की फिल्म रेडी का एक डैलॉग "कोई तो रोक लो" टाइप किया तो इस फोरम में आने का रास्ता मिला l
प्रीतम भाई का लिखा यह कहानी वाकई बहुत ही अद्भुत था, पर दुख की बात यह रही कि यह अभी भी अधुरी है l
फिर मैंने रेड हैट भाई के लिखी "मेरी जंग" पढ़ा पर अफ़सोस की बात यह रही कि यह कहानी भी अधूरी ही मिली l
उसके बाद ना जाने मैंने कितनी कहानियाँ पढ़ी सच कहता हूँ उन लेखकों का कल्पना व लेखन की लेवल देख कर मैं दंग रह गया l जैसे जगुआर भाई, वैर वुल्फ भाई, विजे भाई, ऐसे अनेक हैं... उनकी कहानी की अपडेट की प्रतीक्षा करते करते मैंने अपनी इस कहानी को मज़ाक मज़ाक में शुरू कर दिया l ज्यूं ज्यूं कहानी आगे बढ़ती गई कुछ खास व्यक्ति विशेष ने मेरे लेखन पर रिव्यू देने लगे l जो मेरे लिए सम्मानित व उत्साहित करने वाली बात थी l पर अब डर भी लगने लगा है l कहीं मज़ाक में शुरू हुई कहानी अब किसीके नमस्ते अपेक्षाओं पर खरा ना उतरा तो l
अब कहानी में आगे कुछ और पात्र आयेंगे जो अपनी उपस्थिति से नायक, खलनायक, प्रति नायक व सह नायक के चरित्रों को और भी निखारेंगे l मैंने जब कहानी शुरू किया था सोचा था, ज्यादा से ज्यादा चालीस या पचास एपिसोड में खतम कर दूँगा सोचा था, पर अब लिखने के बाद यह एहसास हो रहा है यह डेढ़ सौ या दो सौ तक खिंच जाएगी l
अभी कहानी का इकतीसवां एपिसोड लिखना शुरू कर दिया है l नए वर्ष के पहले दिन को आयेगा l जो मेरे लेखन की प्रतीक्षा में हैं और रिव्यू के साथ कमेंट्स भी देते हैं l उन सभी भाईयों का धन्यबाद व आभार