कभी कभी तो मुझे खुद पर गर्व होने लगता है कि मैंने आपके टेलेंट को पहचानने में कोई भी गलती नहीं की । मुझे विश्वास था आप कोर्ट रूम सीन को बेहतरीन तरीके से लिख सकते हैं और मेरा विश्वास हंड्रेड वन परसैंट सच साबित हुआ ।
क्या लाजवाब जयंत सर को वकालत करते हुए दिखाया आपने भाई ! दिल का कोना-कोना प्रसन्न हो गया । शरीर के रोएं तक खड़े हो गए थे मेरे ।
ऐसा लेखनी कोई बहुत ही शिक्षित इंसान ही लिख सकता है और यह देखकर मेरी प्रसन्नता और भी बढ़ जाती है कि फोरम पर एक से बढ़कर एक काबिल राइटर मौजूद हैं ।
आप की लेखनी को मेरा तहे दिल से नमन ।
" कर साहब " के बाद इंस्पेक्टर रोणा की भी बखिया उधेड़ डाली जयंत सर ने । एक एक लूज प्वाइंट ढूंढ कर अदालत में पासा ही पलट दिया था उन्होंने । आउटस्टैंडिंग ।
विक्रम और शुभ्रा की कहानी पढ़कर लगता है थ्रीलर नहीं बल्कि रोमांटिक स्टोरी पढ़ रहा हूं । मतलब रोमांटिक माहौल तैयार करने में भी आप का जबाव नहीं ! दिल को गुदगुदाने वाला प्रसंग लगता है जब दोनों की एक साथ एंट्री होती है । यह भी आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट है आपका ।
दोनों अपडेट्स एक बार फिर से जगमग जगमग करने वाला था । हमेशा की तरह आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग भाई ।
यह कहानी भी मेरे फेवरेट लिस्ट में शामिल है ।
धन्यबाद SANJU भाई
हमेशा की तरह आपकी विश्लेषण की मुझे प्रतीक्षा रहती है और आप जब भी पेज पर आकर अपनी कलम चला देते हैं, मेरा उत्साह दुगना हो जाता है l
आपके हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
वैसे अब कोर्ट रूम ड्रामा समाप्ति की ओर है l षड्यंत्र अपने चरम पर है l क्यूँकी युद्ध भूमि सज रहा है l योद्धा भी तैयार हो रहा है l और सब युद्ध कानूनी दायरे में होगी l
मैं आपकी अपेक्षाओं खरा उतर पाया यही बहुत है
फिर से धन्यबाद आभार