जैसा कि सभी रीडर्स ने अनुमान लगाया था कि डैनी विश्वा को सजा नहीं बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से ट्रेंड कर रहा है वैसा ही इस अपडेट में जाहिर हुआ ।
इसमें कोई शक नहीं कि यह ट्रैनिंग सेशन काफी हार्ड और कठोर होने वाला है । उसे एक ऐसा ट्रैनिंग दिया जा रहा है जैसा आमतौर पर एक ब्लैक कमांडो को दिया जाता है ।
हम जानते हैं सोना को जितना अधिक तपाया जाता है उतना ही वह और भी खरा बनकर उभरता है । विश्व के साथ वही किया जा रहा है ।
उसने चपलता , स्टैमिना , दर्द सहने की क्षमता में अद्भुत उपलब्धियां हासिल कर ली है लेकिन सिखने के लिए अभी भी काफी लम्बी रास्ते तय करनी है ।
डैनी चाहता है कि वो हर तरह के हथियार चलाने में माहिर हो....नजर गिद्ध की तरह और पारखी हो... बातें स्मार्ट टाॅक की तरह हो...जेब काटने में भी महारथ हासिल कर ले.... मार्शल आर्ट्स में ब्रूस ली की तरह दक्षता हासिल कर ले.... भोजन के लिए मात्रा संतुलित और पौष्टिक हो ।
क्या बात है ब्लैक नाग भाई ! बहुत बढ़िया होम वर्क किया है इस स्टोरी पर । कोई अन्य राइटर्स होता तो थोड़े बहुत शब्दों में इस पुरे परिदृश्य को निपटा देता लेकिन आपने जरा सा भी स्किप नहीं किया है ।
वैसे तो जैसा जूनून अभी तक विश्व ने दिखाया है उससे यह श्योर लगता है कि वो इन सारी विद्याओं में पारंगत हो जायेगा ।
विक्रम के लिए उसकी मरहूम मां ने धर्मसंकट जैसी परिस्थितियां खड़ा कर गई है । सब कुछ जानते बूझते हुए भी वो अपने पिता का साथ दे रहा है । अगर उसकी मां ने उससे भैरव सिंह का हर अच्छे बुरे कामों में साथ देने की वादा नहीं ली होती तो बहुत पहले ही वो अपने बाप के साये से खुद को दूर कर लेता ।
उसकी मां ने आत्महत्या की थी और वजह हंड्रेड परसेंट उसके पति रहे होंगे । वो जानती थी कि उनका पति इंसान के रूप में एक भेड़िया है । फिर ऐसा वाहियात वादे लेने की क्या जरूरत थी ? जिस लड़के ने कभी शराब और सिगरेट नहीं पिया हो उसे एक रेपिस्ट बना दिया । और यह सिर्फ उनके गलत वादे के चलते हुआ । भले ही विक्रम एक अबला की इज्जत लूटते वक्त नशे में रहा होगा पर उससे क्या ! बलात्कारी तो बन ही गया वो ।
भगवत गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि अगर कोई गलत कार्य करता है और उसके गलत कार्यों में अप्रत्यक्ष रूप से भी तुम्हारी रजामंदी शामिल है तो तुम भी गलत ही कहलाये जाओगे । मुझे विक्रम की मां की वह सोच बिल्कुल ही नहीं जंची । वो शायद पिता के प्रति पुत्र के कर्तव्यों का निर्वाह करने की नसीहत दे रही थी । उनका मानना था कि जब तक तुम्हारा बाप अपने कर्तव्य से विमुख न हो जाए तब तक तुम अपने कर्तव्य निभाते रहना ।
लेकिन भक्त प्रहलाद ने अपने पिता हिरण्यकशिपु के विरुद्ध सच्चाई का साथ दिया था । परमपिता परमेश्वर का पूजन किया था ।
दोनों अपडेट्स बेहद ही खूबसूरत थे ब्लैक नाग भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग ।