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Thriller "विश्वरूप"

Kala Nag

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👉पचासवां अपडेट
--------------------
कुछ दिनों के बाद
सेंट्रल जैल
अब सिर्फ़ जीलू और मिलू दोनों जैल में हैं l सीलु और टीलु पर चल रहे केस फॉलस् हो गया इसलिए अब वे दोनों बाहर हैं l
एक रात डायनिंग हॉल में
डिनर के टेबल पर विश्व के साथ जीलू बैठ कर खाना खा रहा है l

जीलू - (वगैर विश्व के तरफ देखे) भाई एक खबर है...
विश्व - ह्म्म्म्म... (विश्व भी जीलू के तरफ बिना देखे) कहो...
जीलू - सीलु ने आपको आगाह करने के लिए कहा है...
विश्व - बात को लंबा मत खिंचो... मुद्दे पर आओ...
जीलू - परसों पटीया पुलिस स्टेशन से सीलु के लिए खबर आया था... ऑफिसर इनचार्ज.... सीलु से मिलना चाहता था... इसलिए सीलु ओर टीलु दोनों मिलने गए थे...
विश्व - ह्म्म्म्म... आगे...
जीलू - ऑफिसर इनचार्ज... सीलु को तैयार रहने को बोला... हो सकता है... अगले हफ्ते सीलु यहाँ हो...
विश्व - (अब जीलू की ओर देखते हुए) तुम कहना क्या चाहते हो... तब से बेवजह बात को घुमा फिरा कर खिंच रहे हो...
जीलू - (बेशर्मों की तरह हंसते हुए) सॉरी भाई... तुम मेरे तरफ देख नहीं रहे हो... सोचा तुमको थोड़ा सिरीयस कर दूँ...
विश्व - हाँ बोलो... अब मैं सिरीयस हूँ...
जीलू - हाँ नहीं तो.... बात ही इतनी सिरीयस है... इसलिये आपको सिरीयस होना ही पड़ेगा...
विश्व - अब बोलोगे भी...
जीलू - हाँ बोलता हूँ ना... तो इनचार्ज से सीलु और टीलु मिलने पहुंचे... तो वहाँ पर रंगा का वकील... पहले से ही बैठ कर... थाने के इनचार्ज से बातेँ कर रहा था....
विश्व - हाँ तो...
जीलू - भाई... रंगा अभी यहाँ आने की तैयारी कर रहा है....
विश्व - अच्छा...
जीलू - हाँ भाई... और इसबार वह अकेला नहीं आ रहा है.... अपने साथ चार चार हाती, सांढ भालू और गेंडा भी ला रहा है...
विश्व - मतलब....
जीलू - ओह ओ... भाई समझा करो... वह अपने साथ चार चार हट्टे कट्टे लंबे-चौड़े तगड़े मुस्टंडे ला रहा है... तुमसे बदला लेने....
विश्व - ह्म्म्म्म अच्छी बात है...
जीलू - क्या अच्छी बात है... तुम जानते नहीं भाई... इन बीते दो सालों में... रंगा खुद को एक सांढ जैसा बनाया है... वह वकील... उस इनचार्ज से कह रहा था... रंगा इसबार विश्व को मसल कर रख देगा...
विश्व - तो ठीक है... वह वही करने आ रहा है... जो उसे करना चाहिए... और वापस कंधे पर जाने के लिए... साथ में गिन गिन कर चार लोगों को भी ला रहा है...
जीलू - भाई जो भी हो... तुम्हें सावधान रहना होगा उनसे... जब तुम आए थे... तब वह लोग छुप छुप कर उकसा रहे थे... पर अब आर या पार का इरादा लेकर आ रहा है... वह सबके सामने उकसाने से भी नहीं चुकेगा...
विश्व - ठीक है... जो भी होगा... देखा जाएगा....
जीलू - क्या भाई... इतना हलके में क्यूँ ले रहे हो...
विश्व - अब कि बार... रंगा मुझे छेड़ेगा, उकसायेगा, मार भी सकता है... पर तब... जब मैं चाहूँगा... वहाँ... जहां मैं चाहूँगा... पर उसका अंजाम वह होगा... जो मैं तय करूंगा....

_____×_____×_____×_____×_____×_____×

आधी रात को तापस अपने बिस्तर पर करवट बदल कर जब बगल में प्रतिभा को नहीं पाता है तो झट से उठ कर बिस्तर पर बैठ जाता है l प्रतिभा उसको बाल्कनी में छत को घूरते हुए दिखती है l तापस उसके पास आकर खड़ा होता है l प्रतिभा को एहसास हो जाता है कि तापस उसके पास खड़ा है l वह तापस की ओर बिना देखे

प्रतिभा - सेनापति जी.... क्या मैंने सही किया...
तापस - जान... तुमने जो भी किया सब सही किया है... सोच समझ कर किया है... हमारा बेटा अंधेरे में भटक रहा था... तुमने उसे रौशनी दिखाई है... कुछ देर के लिए ही सही... वह अब हमारा बेटा लग रहा है...
प्रतिभा - थैंक्स सेनापति जी... आप मुझे समझते हैं....
तापस - जान... मैं और तुम ना अलग हैं... ना जुदा हैं... हम पति पत्नी हैं... साथी हैं... एक दूसरे के पूरक हैं...
प्रतिभा - फिर भी मुझे डर लग रहा है...
तापस - जान डरा हुआ तो मैं भी हूँ... पर तुमने कम से कम प्रत्युष को... फ्रस्ट्रेशन से... डिप्रेशन से निकाला है.... तुम नहीं जानती... वह मुझे खुद को कुछ कर लेने की बात कह रहा था... अटलीस्ट तुमने उसे टार्गेट दिया है... वह कुछ करे या ना करे... मगर हम उसे भँवर से निकलेंगे... जरूर निकलेंगे....
प्रतिभा - (थोड़ी राहत की साँस लेते हुए) आप ने कुछ पता किया है...
तापस - हाँ... और तुमने...
प्रतिभा - हाँ मैंने भी थोड़ा बहुत खबर... निकलने की कोशिश की है...
तापस - तो तुमने... डिनर पर बताया क्यूँ नहीं...
प्रतिभा - मैं... प्रत्युष के दिमाग पर बोझ नहीं डालना चाहती थी...
तापस - हम यूहीं फार्म पर या किसी दुकान पर रैड नहीं करा सकते हैं... यहाँ तक हस्पताल में भी नहीं...
प्रतिभा - क्यूँ... काउन्टर फैट ड्रग के विरुद्ध... सीएफएसआई एक्शन क्यूँ ले नहीं सकती...
तापस - तुम अब माँ बन कर सोच रही हो... वकील बन कर सोचो... वह भी क्रिमिनल वकील की तरह...
प्रतिभा - क्या मतलब...
तापस - खुदको तुम क्यूँ इतना असहाय बना रही हो... हमने जिसके खिलाफ मोर्चा खोला है... एक वेल ऑर्गनाइज्ड तरीके से क्राइम करता है.... हर क्राइम के परफेक्शन के लिए बैकअप भी रखता है....
प्रतिभा - (एक फीकी सी मुस्कान मुस्कराते हुए) लगता है... आपने अपनी तरीके से खूब रिसर्च किया है...
तापस - हाँ... कह सकती हो... असल में.. हम बाप बेटे मिलकर... हर पहलू पर गौर किया है...
प्रतिभा - तो क्या हम कामयाब होंगे....
तापस - जान... कोशिश कर रहे हैं... वैसे तुमने क्या किया है...
प्रतिभा - यही की... यश अपना काला बिजनैस कटक से समेट रहा है... और यशपुर शिफ्ट कर रहा है....
तापस - तुम्हें कैसे पता...
प्रतिभा - आपने न्यूज में सुना या देखा होगा... दो साल पहले ही... निरोग हस्पताल की चेन को... यशपुर एक्शटेंड कर रहा है... उसकी सारी फर्मालीटी अब हाल ही में पूरी हुई है... साथ ही साथ... फार्मास्यूटिकल्स की ब्रांच भी राजगड़ ले जाने की कोशिश में है...
तापस - ओ... राजगड़ मतलब... कानून और प्रशासन की पहुंच से दूर...
प्रतिभा - हाँ....
तापस - तब तो खेल बहुत पेचीदा हो जाएगा...
प्रतिभा - इसलिए मैं... रैड की बात कह रही थी...
तापस - मैंने भी देख लिया है... वह हर तरह की... वोर्स्ट सिचुएशन के लिए... तैयार है...
उसके फार्म में... दो तरह की दवाई बनती हैं... एक इंडियन मेडिकल स्टैंडर्ड पर... और एक उसके अपने मतलब के स्टैंडर्ड पर... वह अपनी दवाएं... बड़ी चालाकी से खपा रहा है.... हमे बहुत ही पुख्ता सबूत चाहिए... यश वर्धन जैसे हस्ती को सरे आम नंगा करने के लिए....
प्रतिभा - हाँ... यह आपने सही कहा...
तापस - अब तक उसे पता भी नहीं है... की हम उसके पीछे लगे हुए हैं...
प्रतिभा - यही डर मुझे सोने नहीं दे रही है... जो क्षेत्रपाल के लिए... जयंत सर की मौत को... एक दुखद हादसा बना दिया... वह अपने लिए क्या कर जाएगा... (तापस चुप रहता है) जब उसे पता चलेगा... उसकी सल्तनत की नींव को कोई खरोंच रहा है... क्या करेगा वह... (तापस की ओर देखती है, तापस अब आसमान की ओर देख रहा है) सेनापति जी... हम आग से... तेजाब से खेल रहे हैं... हैं ना...
तापस - जान... अब हम पीछे नहीं हट सकते... सवाल बेटे का है... प्रत्युष अपने आपसे लड़ रहा है.... तुमने उसकी लड़ाई को डाइवर्ट किया है.... अब उस लड़ाई में... हमे उसका साथ देना है... चाहे कुछ भी हो... अंजाम हम तीनों भुगतेंगे... उसके लिए खुद को तैयार करना होगा....

_____×_____×_____×_____×_____×_____×


अगली सुबह
नाश्ते के टेबल पर
सब चुपचाप अपने नाश्ते में लगे हुए हैं l

प्रतिभा - अच्छा प्रत्युष... तुमने कितने पेशेंट से... लैब टेस्ट के लिए फर्म भरवाया है...
प्रत्युष - सिर्फ़ एक ही अंकल से भरवाया है...
प्रतिभा - क्या... (हैरानी से) पर तो मैंने तुझसे... एक से ज्यादा कहा था....
प्रत्युष - हाँ पर... मैं किसी को अंधेरे में रख कर और उनके कंधे पर बंदूक रख कर... लड़ना नहीं चाहता...
प्रतिभा - तो इस अंकल को तैयार कैसे किया...
प्रत्युष - वह एक एक्ससर्विस मेन हैं... मैं उन्हें पांच सालों से जनता हूँ... इसलिए... मैंने उनसे बात कर सब समझा दिया... तो वह सारे प्रेसक्रीप्शन मेरे हवाले कर दिया है... और तीनों लैब के फॉर्म में साइन कर दिया है... और मैंने उनके लिए दी जाने वाली दवाओं के सैंपल को... भेज भी दिया है...
तापस - इस मिशन में... तु अकेला है... या कोई और भी है... साथ में...
प्रत्युष - हाँ हैं तो... पर उनके बारे में... किसी से भी... कुछ भी रिवील नहीं करूंगा.... आप से भी नहीं...
तापस - क्यूँ...
प्रत्युष - माँ... डैड... सॉरी पर... कल रात... मैंने आप दोनों की सारी बातेँ सुन ली थी...

दोनों हैरान हो कर प्रत्युष को देखने लगते हैं l पर प्रत्युष बिना किसी रिएक्शन के अपना नाश्ता कर रहा है l तापस और प्रतिभा दोनों एक दूसरे को देखने लगते हैं l

प्रत्युष - कल मैं आपके कमरे के पास से गुज़रा.... तो पाया दरवाज़ा खुला था... अंदर झांका तो आप दोनों बाल्कनी में थे... तब पीछे रह कर मैंने सारी बात सुन लिया था... मैं डैड की इस बात से सहमत हूँ... अंजाम जो भी हो... हम तीनों उसे भुगतेंगे...

प्रत्युष की यह बात दोनों पर बम की तरह गिरा l दोनों की मुहँ खुला रह गया l

प्रत्युष - माँ... आग हो या तेजाब... कमर कस ली है... मैं एक डॉक्टर हूँ.. जिंदगी बांट सकता हूँ... जहर तो हरगिज नहीं... मैंने गलत इंसान को अपना आइडल माना... अब लड़ाई उसके मुखौटे को नोच कर उतार फेंकने की है... माँ थैंक्स... आपने मुझे एक मोटीव दिया है... और डैड थैंक्स... आपने मुझे जिंदगी का फलसफा समझाया... अब मुझे माँ की दी हुई लक्ष को साधना है... बस...

इतना कह कर प्रत्युष वहाँ से उठ कर चला जाता है l पीछे टेबल पर तापस और प्रतिभा शॉक से उबरने की कोशिश करते हैं l

प्रतिभा - ये... यह क्या... कह रहा था... प्रत्युष
तापस - चाहे कुछ भी कहा है... उसे अकेला नहीं छोड़ना है...

प्रतिभा जल्दी से अपना नाश्ता खतम करती है और तैयार हो कर गाड़ी निकालती है l प्रत्युष आकर गाड़ी में बैठ जाता है l दोनों निकल जाते हैं l तापस भी तैयार हो कर जैल की तरफ चला जाता है l प्रतिभा प्रत्युष को लेकर पहले लिंगराज मंदिर में जाति है l वहाँ पहुँच कर पूजा की सामान लेकर अंदर जाती है l वह पुजारी से अपना पुजा कराने के बाद प्रत्युष को लेकर जल्दी मंदिर से जाने लगती है l प्रतिभा इतनी जल्दी में होती है कि उसे किसीका ध्यान ही नहीं रहता l जल्दी जल्दी में वह किसीसे टकरा जाती है, प्रतिभा की सामान गिरने को होती है कि वह औरत थाम लेती है l

औरत - संभलकर...(प्रतिभा को देख कर) आरे... वकील मासी जी... आप..
प्रतिभा - (उस औरत को देखती है) आप ...(हैरानी से) जानी-पहचानी लग रही हैं... पर याद नहीं आ रहा है...
औरत - जी कोई बात नहीं.... मैं वैदेही...
प्रतिभा - व... वैदेही... (प्रतिभा याद करने की कोशिश करते हुए) ना... नहीं... मुझे...
वैदेही - कोई बात नहीं... आपको जयंत सर याद हैं ना... वह जिसके केस लड़ते हुए चल बसे... मैं उसकी बहन हूँ....
प्रतिभा - ओ... ठी... ठीक है... कैसी हो... और यहाँ... तुम...
वैदेही - आज मैं अपने भाई से मिलने आई थी... मिलने से पहले... भगवान लिंगराज की दर्शन करने आई हूँ...
प्रतिभा - ओह... अच्छा... ठीक है... जाओ दर्शन कर लो... मैं चलती हूँ... हो सका तो बाद में मिलते हैं...
वैदेही - जी अच्छा....

वैदेही मंदिर के भीतर चली जाती है l प्रतिभा भी जल्दी जल्दी बाहर निकल जाती है l बाहर गाड़ी के पास पहुंच कर पीछे मुड़ कर देखती है, वैदेही को जाते हुए l फिर कार में बैठ कर प्रत्युष और वह, वहाँ से निकल जाते हैं l उधर तापस ऑफिस पहुँचता है तो देखता है उसके कैबिन में दास इंतजार कर रहा है l

तापस - क्या बात है दास... कोई इमर्जेंसी है क्या... मेरे कैबिन में.. मेरा ही इंतजार कर रहे हो...
दास - सर... एक खबर है... कितनी इमर्जेंसी है... यह आप निर्णय कीजिए...
तापस - अच्छा... लगता है.. बीपी बढ़ाने वाली खबर है...
दास - जी सर...
तापस - ठीक है.. बताओ क्या खबर है...
दास - सर आज ही खबर आई है... रंगा और उसके चार साथियों को... पुलिस ने फरदर इंट्रोगेशन के लिए... अपनी कस्टडी में डिमांड किया है... और अदालत ने... चौदह दिनों की हिरासत में लेने के लिए... पुलिस को परमीशन दी है.... इसलिए शायद कल उन पांचो को यहाँ लाकर पुलिस हैंड ओवर करेगी...
तापस - व्हाट द हैल इज़ गोइंग ऑन दास...
दास - अब इसमें हम क्या कर सकते हैं... रंगा अपना हिसाब चुकाने आ रहा है... सिर्फ़ चौदह दिनों में अपना काम तमाम करने...
तापस - ओह गॉड... विश्व को उनसे दुर रखना पड़ेगा... वरना... (अपना हाथ टेबल पर मारते हुए) दास गिव मी सम आइडिया... रंगा... खुन खराबा के उदेश्य से आ रहा है.... पिछली बार जब वह हस्पताल में था... मैंने उसके आंखों में बदले की आग देखा था... वह उसके लिए... किसी भी हद तक जाएगा...
दास - सर अगर आप बुरा ना माने तो...
तापस - हाँ हाँ... कहो...
दास - मेरे हिसाब से... हमे इस मैटर को इतना भी... सिरीयसली लेना नहीं चाहिए....
तापस - क्या... आर यु गॉन मैड... तुम जानते भी हो क्या कह रहे हो...
दास - सर अगर मेरा अंदाजा सही है... तो... जो आप नहीं जान पा रहे हैं... और रंगा नहीं जानता... वह होने वाला है....
तापस - पहेलियाँ ना बुझाओ... दास खुलकर कहो क्या कहना चाहते हो...
दास - सर... मैं यह कह रहा हूँ... जो हो रहा है... उसे होने देते हैं... हम नजर रखेंगे... कुछ गलत होने लगा तो... रंगा का एनकाउंटर कर देंगे... हमारे पास सीसीटीवी है... पहले ऑब्जर्व करते हैं... फ़िर कुछ करते हैं... वह चौदह दिनों के लिए... आ रहा है... हो सकता है... अपने ऊपर वह और चार्जर्स ना ले...
तापस - मैं दुआ करूंगा... तुम्हारा अंदाजा सही निकले... लेट हाव क्रॉस फिंगर... एंड होप फॉर बेस्ट...
दास - यस सर....
तापस - दास.... वैसे कब तक हैंड ओवर होगा...
दास - सर... आज शाम तक या.... कल सुबह तक हो जाना चाहिए...
तापस - ओके... यु मे लिव नाउ... (कह कर बेल बजाता है, जगन भागते हुए आता है, और सैल्यूट करता है) जगन... जाओ विश्व को बुला कर लाओ...

जगन और दास दोनों बाहर चले जाते हैं l तापस के चेहरे पर टेंशन साफ़ दिखने लगता है l वह अपने कैबिन में एक सिरे से दुसरे सिरे तक चलने लगता है l तभी विश्व आता है l

तापस - विश्व... आओ...
विश्व - जी कहिए... आपने बुलाया है...
तापस - जानते हो... कभी कभी जो हम बोते हैं... वही वक्त आने पर काटते हैं...
विश्व - जी यह बहुत दार्शनिक बात है... इस बात का मुझसे क्या सम्बंध....
तापस - रंगा शायद आज... जैल में आ रहा है...
विश्व - तो...
तापस - तो... तुम्हें फिक्र नहीं है...
विश्व - किस बात की फिक्र... क्यूँ की रंगा आ रहा है... इसलिये...
तापस - कमाल के आदमी हो तुम... जिससे बचने के लिए मारे फिर रहे थे... आज जब वही आ रहा है... तुम्हें कोई फिक्र ही नहीं है...बस इतना जान लो... वह सिर्फ़ तुम्हारे लिए आ रहा है... क्यूंकि वह यहाँ चौदह दिनों की रिमांड के नाम पर आ रहा है...
विश्व - अच्छा ऐसा भी होता है...
तापस - हाँ ऐसा होता है... मेरा मतलब है... ऐसा हो सकता है...
विश्व - तो आप मुझे यह क्यूँ बता रहे हैं....
तापस - ताकि यह चौदह दिन तुम रंगा से... थोड़ा सावधान रहो....
विश्व - और आप क्या करेंगे...
तापस - क्या मतलब है तुम्हारा...
विश्व - अगर आपको किसी अनहोनी का अंदेशा है... तो आप उसे कानूनन रोकने की कोशिश क्यूँ नहीं कर रहे हैं...
तापस - वह हम कोशिश करेंगे... पर तुमको भी हमारा साथ देना चाहिए... देखो विश्व... पिछली बार उसने मुझसे रिक्वेस्ट किया था... पर मैंने नकार दिया था... अब वह कानून का सहारा लेकर... मेरा मतलब है कानून का आड़ लेकर आ रहा है... वह बार बार मौके की तलाश करेगा... बस तुम सावधान रहना...
विश्व - कितना बेबस है आपका कानून... सुपरिटेंडेंट सर.... अनहोनी का अंदेशा है... पर रोकने के लिए असमर्थ... जो गुनाह करने के लिए अंदर आने के लिए... कानून का सहारा ले रहा है... पर कानून मदत उससे मांग रहा है जो पीड़ित होने वाला है....

यह बात सुन कर तापस कुछ और सोच में खो जाता है l विश्व उसे किसी सोच में डूबा हुआ देखता है तो वह वहाँ से जाने लगता है तभी तापस को होश आता है l

तापस - हाँ विश्व.. कुछ कह रहे थे...
विश्व - यही... की.. मैं ध्यान रखूँगा... सावधान रहूँगा...
तापस - हाँ ठीक है जाओ....

विश्व चला जाता है l पर तापस फ़िर से अपनी सोच में खो जाता है l उसकी सोच तब टूटती है जब दास की आवाज उसके कानों में पड़ता है l तापस दास की ओर देखता है

तापस - हाँ दास... क्या कह रहे थे...
दास - सर आप कुछ सोच रहे थे... मैंने डिस्टर्ब तो नहीं किया...
तापस - अरे नहीं... कहो.. क्या हुआ...
दास - सर वह... रंगा को आज शाम को हैंड ओवर करने वाले हैं....
बेचारा प्रत्युष अपने गलत निर्णय को ठीक करने के लिए जीवन और मृत्यु का खेल खेलने जा रहा है। शायद तीनों ने ही यश को गलत आंका है और उसका परिणाम भी बहुत ज्यादा भारी पड़ने वाला है उनके उपर। मतलब वो घटना होने वाली है जिसमे विश्व तापस और जेल को बचाता है। अति सुंदर अपडेट।
 

Kala Nag

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Superb Updatee

Toh Ranga wapas aaraha hai Vishwa se badla lene ke liye. Aur apne saath 4-4 mustande bhi la raha hai. Par Ranga shayad nhi jaanta ke yeh Vishwa woh Vishwa nhi hai. Yeh Vishwa pura badal chuka hai.

Dekhte hai issbaar Ranga ka kyaa hota hai aur Vishwa exactly kyaa karta hai.
सही कहा
विश्व की बदलाव का अंदाजा रंगा नहीं जानता यहां तक तापस भी नहीं जानता बस दास को शक़ है जो बाद में आगे चल कर कंफर्म होगा
 

Kala Nag

Mr. X
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बेचारा प्रत्युष अपने गलत निर्णय को ठीक करने के लिए जीवन और मृत्यु का खेल खेलने जा रहा है। शायद तीनों ने ही यश को गलत आंका है और उसका परिणाम भी बहुत ज्यादा भारी पड़ने वाला है उनके उपर। मतलब वो घटना होने वाली है जिसमे विश्व तापस और जेल को बचाता है। अति सुंदर अपडेट।
हाँ किसी भी टाईकुन से पंगा लेना किसी आम नागरिक की बूते की बात नहीं है
जैल में झगड़ा तो होगा पर दंगे के लिए वक्त और चरित्र बाकी हैं
अभी सिर्फ़ रंगा का इलाज होगा और प्रत्युष की चरित्र का समापन होगा
 

sunoanuj

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sunoanuj

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Bahut hi behtarin kahani… bahut hee details main aap likhte hai jaise wanhi khade hokar dekh rahen ho …
 

parkas

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👉पचासवां अपडेट
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कुछ दिनों के बाद
सेंट्रल जैल
अब सिर्फ़ जीलू और मिलू दोनों जैल में हैं l सीलु और टीलु पर चल रहे केस फॉलस् हो गया इसलिए अब वे दोनों बाहर हैं l
एक रात डायनिंग हॉल में
डिनर के टेबल पर विश्व के साथ जीलू बैठ कर खाना खा रहा है l

जीलू - (वगैर विश्व के तरफ देखे) भाई एक खबर है...
विश्व - ह्म्म्म्म... (विश्व भी जीलू के तरफ बिना देखे) कहो...
जीलू - सीलु ने आपको आगाह करने के लिए कहा है...
विश्व - बात को लंबा मत खिंचो... मुद्दे पर आओ...
जीलू - परसों पटीया पुलिस स्टेशन से सीलु के लिए खबर आया था... ऑफिसर इनचार्ज.... सीलु से मिलना चाहता था... इसलिए सीलु ओर टीलु दोनों मिलने गए थे...
विश्व - ह्म्म्म्म... आगे...
जीलू - ऑफिसर इनचार्ज... सीलु को तैयार रहने को बोला... हो सकता है... अगले हफ्ते सीलु यहाँ हो...
विश्व - (अब जीलू की ओर देखते हुए) तुम कहना क्या चाहते हो... तब से बेवजह बात को घुमा फिरा कर खिंच रहे हो...
जीलू - (बेशर्मों की तरह हंसते हुए) सॉरी भाई... तुम मेरे तरफ देख नहीं रहे हो... सोचा तुमको थोड़ा सिरीयस कर दूँ...
विश्व - हाँ बोलो... अब मैं सिरीयस हूँ...
जीलू - हाँ नहीं तो.... बात ही इतनी सिरीयस है... इसलिये आपको सिरीयस होना ही पड़ेगा...
विश्व - अब बोलोगे भी...
जीलू - हाँ बोलता हूँ ना... तो इनचार्ज से सीलु और टीलु मिलने पहुंचे... तो वहाँ पर रंगा का वकील... पहले से ही बैठ कर... थाने के इनचार्ज से बातेँ कर रहा था....
विश्व - हाँ तो...
जीलू - भाई... रंगा अभी यहाँ आने की तैयारी कर रहा है....
विश्व - अच्छा...
जीलू - हाँ भाई... और इसबार वह अकेला नहीं आ रहा है.... अपने साथ चार चार हाती, सांढ भालू और गेंडा भी ला रहा है...
विश्व - मतलब....
जीलू - ओह ओ... भाई समझा करो... वह अपने साथ चार चार हट्टे कट्टे लंबे-चौड़े तगड़े मुस्टंडे ला रहा है... तुमसे बदला लेने....
विश्व - ह्म्म्म्म अच्छी बात है...
जीलू - क्या अच्छी बात है... तुम जानते नहीं भाई... इन बीते दो सालों में... रंगा खुद को एक सांढ जैसा बनाया है... वह वकील... उस इनचार्ज से कह रहा था... रंगा इसबार विश्व को मसल कर रख देगा...
विश्व - तो ठीक है... वह वही करने आ रहा है... जो उसे करना चाहिए... और वापस कंधे पर जाने के लिए... साथ में गिन गिन कर चार लोगों को भी ला रहा है...
जीलू - भाई जो भी हो... तुम्हें सावधान रहना होगा उनसे... जब तुम आए थे... तब वह लोग छुप छुप कर उकसा रहे थे... पर अब आर या पार का इरादा लेकर आ रहा है... वह सबके सामने उकसाने से भी नहीं चुकेगा...
विश्व - ठीक है... जो भी होगा... देखा जाएगा....
जीलू - क्या भाई... इतना हलके में क्यूँ ले रहे हो...
विश्व - अब कि बार... रंगा मुझे छेड़ेगा, उकसायेगा, मार भी सकता है... पर तब... जब मैं चाहूँगा... वहाँ... जहां मैं चाहूँगा... पर उसका अंजाम वह होगा... जो मैं तय करूंगा....

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आधी रात को तापस अपने बिस्तर पर करवट बदल कर जब बगल में प्रतिभा को नहीं पाता है तो झट से उठ कर बिस्तर पर बैठ जाता है l प्रतिभा उसको बाल्कनी में छत को घूरते हुए दिखती है l तापस उसके पास आकर खड़ा होता है l प्रतिभा को एहसास हो जाता है कि तापस उसके पास खड़ा है l वह तापस की ओर बिना देखे

प्रतिभा - सेनापति जी.... क्या मैंने सही किया...
तापस - जान... तुमने जो भी किया सब सही किया है... सोच समझ कर किया है... हमारा बेटा अंधेरे में भटक रहा था... तुमने उसे रौशनी दिखाई है... कुछ देर के लिए ही सही... वह अब हमारा बेटा लग रहा है...
प्रतिभा - थैंक्स सेनापति जी... आप मुझे समझते हैं....
तापस - जान... मैं और तुम ना अलग हैं... ना जुदा हैं... हम पति पत्नी हैं... साथी हैं... एक दूसरे के पूरक हैं...
प्रतिभा - फिर भी मुझे डर लग रहा है...
तापस - जान डरा हुआ तो मैं भी हूँ... पर तुमने कम से कम प्रत्युष को... फ्रस्ट्रेशन से... डिप्रेशन से निकाला है.... तुम नहीं जानती... वह मुझे खुद को कुछ कर लेने की बात कह रहा था... अटलीस्ट तुमने उसे टार्गेट दिया है... वह कुछ करे या ना करे... मगर हम उसे भँवर से निकलेंगे... जरूर निकलेंगे....
प्रतिभा - (थोड़ी राहत की साँस लेते हुए) आप ने कुछ पता किया है...
तापस - हाँ... और तुमने...
प्रतिभा - हाँ मैंने भी थोड़ा बहुत खबर... निकलने की कोशिश की है...
तापस - तो तुमने... डिनर पर बताया क्यूँ नहीं...
प्रतिभा - मैं... प्रत्युष के दिमाग पर बोझ नहीं डालना चाहती थी...
तापस - हम यूहीं फार्म पर या किसी दुकान पर रैड नहीं करा सकते हैं... यहाँ तक हस्पताल में भी नहीं...
प्रतिभा - क्यूँ... काउन्टर फैट ड्रग के विरुद्ध... सीएफएसआई एक्शन क्यूँ ले नहीं सकती...
तापस - तुम अब माँ बन कर सोच रही हो... वकील बन कर सोचो... वह भी क्रिमिनल वकील की तरह...
प्रतिभा - क्या मतलब...
तापस - खुदको तुम क्यूँ इतना असहाय बना रही हो... हमने जिसके खिलाफ मोर्चा खोला है... एक वेल ऑर्गनाइज्ड तरीके से क्राइम करता है.... हर क्राइम के परफेक्शन के लिए बैकअप भी रखता है....
प्रतिभा - (एक फीकी सी मुस्कान मुस्कराते हुए) लगता है... आपने अपनी तरीके से खूब रिसर्च किया है...
तापस - हाँ... कह सकती हो... असल में.. हम बाप बेटे मिलकर... हर पहलू पर गौर किया है...
प्रतिभा - तो क्या हम कामयाब होंगे....
तापस - जान... कोशिश कर रहे हैं... वैसे तुमने क्या किया है...
प्रतिभा - यही की... यश अपना काला बिजनैस कटक से समेट रहा है... और यशपुर शिफ्ट कर रहा है....
तापस - तुम्हें कैसे पता...
प्रतिभा - आपने न्यूज में सुना या देखा होगा... दो साल पहले ही... निरोग हस्पताल की चेन को... यशपुर एक्शटेंड कर रहा है... उसकी सारी फर्मालीटी अब हाल ही में पूरी हुई है... साथ ही साथ... फार्मास्यूटिकल्स की ब्रांच भी राजगड़ ले जाने की कोशिश में है...
तापस - ओ... राजगड़ मतलब... कानून और प्रशासन की पहुंच से दूर...
प्रतिभा - हाँ....
तापस - तब तो खेल बहुत पेचीदा हो जाएगा...
प्रतिभा - इसलिए मैं... रैड की बात कह रही थी...
तापस - मैंने भी देख लिया है... वह हर तरह की... वोर्स्ट सिचुएशन के लिए... तैयार है...
उसके फार्म में... दो तरह की दवाई बनती हैं... एक इंडियन मेडिकल स्टैंडर्ड पर... और एक उसके अपने मतलब के स्टैंडर्ड पर... वह अपनी दवाएं... बड़ी चालाकी से खपा रहा है.... हमे बहुत ही पुख्ता सबूत चाहिए... यश वर्धन जैसे हस्ती को सरे आम नंगा करने के लिए....
प्रतिभा - हाँ... यह आपने सही कहा...
तापस - अब तक उसे पता भी नहीं है... की हम उसके पीछे लगे हुए हैं...
प्रतिभा - यही डर मुझे सोने नहीं दे रही है... जो क्षेत्रपाल के लिए... जयंत सर की मौत को... एक दुखद हादसा बना दिया... वह अपने लिए क्या कर जाएगा... (तापस चुप रहता है) जब उसे पता चलेगा... उसकी सल्तनत की नींव को कोई खरोंच रहा है... क्या करेगा वह... (तापस की ओर देखती है, तापस अब आसमान की ओर देख रहा है) सेनापति जी... हम आग से... तेजाब से खेल रहे हैं... हैं ना...
तापस - जान... अब हम पीछे नहीं हट सकते... सवाल बेटे का है... प्रत्युष अपने आपसे लड़ रहा है.... तुमने उसकी लड़ाई को डाइवर्ट किया है.... अब उस लड़ाई में... हमे उसका साथ देना है... चाहे कुछ भी हो... अंजाम हम तीनों भुगतेंगे... उसके लिए खुद को तैयार करना होगा....

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अगली सुबह
नाश्ते के टेबल पर
सब चुपचाप अपने नाश्ते में लगे हुए हैं l

प्रतिभा - अच्छा प्रत्युष... तुमने कितने पेशेंट से... लैब टेस्ट के लिए फर्म भरवाया है...
प्रत्युष - सिर्फ़ एक ही अंकल से भरवाया है...
प्रतिभा - क्या... (हैरानी से) पर तो मैंने तुझसे... एक से ज्यादा कहा था....
प्रत्युष - हाँ पर... मैं किसी को अंधेरे में रख कर और उनके कंधे पर बंदूक रख कर... लड़ना नहीं चाहता...
प्रतिभा - तो इस अंकल को तैयार कैसे किया...
प्रत्युष - वह एक एक्ससर्विस मेन हैं... मैं उन्हें पांच सालों से जनता हूँ... इसलिए... मैंने उनसे बात कर सब समझा दिया... तो वह सारे प्रेसक्रीप्शन मेरे हवाले कर दिया है... और तीनों लैब के फॉर्म में साइन कर दिया है... और मैंने उनके लिए दी जाने वाली दवाओं के सैंपल को... भेज भी दिया है...
तापस - इस मिशन में... तु अकेला है... या कोई और भी है... साथ में...
प्रत्युष - हाँ हैं तो... पर उनके बारे में... किसी से भी... कुछ भी रिवील नहीं करूंगा.... आप से भी नहीं...
तापस - क्यूँ...
प्रत्युष - माँ... डैड... सॉरी पर... कल रात... मैंने आप दोनों की सारी बातेँ सुन ली थी...

दोनों हैरान हो कर प्रत्युष को देखने लगते हैं l पर प्रत्युष बिना किसी रिएक्शन के अपना नाश्ता कर रहा है l तापस और प्रतिभा दोनों एक दूसरे को देखने लगते हैं l

प्रत्युष - कल मैं आपके कमरे के पास से गुज़रा.... तो पाया दरवाज़ा खुला था... अंदर झांका तो आप दोनों बाल्कनी में थे... तब पीछे रह कर मैंने सारी बात सुन लिया था... मैं डैड की इस बात से सहमत हूँ... अंजाम जो भी हो... हम तीनों उसे भुगतेंगे...

प्रत्युष की यह बात दोनों पर बम की तरह गिरा l दोनों की मुहँ खुला रह गया l

प्रत्युष - माँ... आग हो या तेजाब... कमर कस ली है... मैं एक डॉक्टर हूँ.. जिंदगी बांट सकता हूँ... जहर तो हरगिज नहीं... मैंने गलत इंसान को अपना आइडल माना... अब लड़ाई उसके मुखौटे को नोच कर उतार फेंकने की है... माँ थैंक्स... आपने मुझे एक मोटीव दिया है... और डैड थैंक्स... आपने मुझे जिंदगी का फलसफा समझाया... अब मुझे माँ की दी हुई लक्ष को साधना है... बस...

इतना कह कर प्रत्युष वहाँ से उठ कर चला जाता है l पीछे टेबल पर तापस और प्रतिभा शॉक से उबरने की कोशिश करते हैं l

प्रतिभा - ये... यह क्या... कह रहा था... प्रत्युष
तापस - चाहे कुछ भी कहा है... उसे अकेला नहीं छोड़ना है...

प्रतिभा जल्दी से अपना नाश्ता खतम करती है और तैयार हो कर गाड़ी निकालती है l प्रत्युष आकर गाड़ी में बैठ जाता है l दोनों निकल जाते हैं l तापस भी तैयार हो कर जैल की तरफ चला जाता है l प्रतिभा प्रत्युष को लेकर पहले लिंगराज मंदिर में जाति है l वहाँ पहुँच कर पूजा की सामान लेकर अंदर जाती है l वह पुजारी से अपना पुजा कराने के बाद प्रत्युष को लेकर जल्दी मंदिर से जाने लगती है l प्रतिभा इतनी जल्दी में होती है कि उसे किसीका ध्यान ही नहीं रहता l जल्दी जल्दी में वह किसीसे टकरा जाती है, प्रतिभा की सामान गिरने को होती है कि वह औरत थाम लेती है l

औरत - संभलकर...(प्रतिभा को देख कर) आरे... वकील मासी जी... आप..
प्रतिभा - (उस औरत को देखती है) आप ...(हैरानी से) जानी-पहचानी लग रही हैं... पर याद नहीं आ रहा है...
औरत - जी कोई बात नहीं.... मैं वैदेही...
प्रतिभा - व... वैदेही... (प्रतिभा याद करने की कोशिश करते हुए) ना... नहीं... मुझे...
वैदेही - कोई बात नहीं... आपको जयंत सर याद हैं ना... वह जिसके केस लड़ते हुए चल बसे... मैं उसकी बहन हूँ....
प्रतिभा - ओ... ठी... ठीक है... कैसी हो... और यहाँ... तुम...
वैदेही - आज मैं अपने भाई से मिलने आई थी... मिलने से पहले... भगवान लिंगराज की दर्शन करने आई हूँ...
प्रतिभा - ओह... अच्छा... ठीक है... जाओ दर्शन कर लो... मैं चलती हूँ... हो सका तो बाद में मिलते हैं...
वैदेही - जी अच्छा....

वैदेही मंदिर के भीतर चली जाती है l प्रतिभा भी जल्दी जल्दी बाहर निकल जाती है l बाहर गाड़ी के पास पहुंच कर पीछे मुड़ कर देखती है, वैदेही को जाते हुए l फिर कार में बैठ कर प्रत्युष और वह, वहाँ से निकल जाते हैं l उधर तापस ऑफिस पहुँचता है तो देखता है उसके कैबिन में दास इंतजार कर रहा है l

तापस - क्या बात है दास... कोई इमर्जेंसी है क्या... मेरे कैबिन में.. मेरा ही इंतजार कर रहे हो...
दास - सर... एक खबर है... कितनी इमर्जेंसी है... यह आप निर्णय कीजिए...
तापस - अच्छा... लगता है.. बीपी बढ़ाने वाली खबर है...
दास - जी सर...
तापस - ठीक है.. बताओ क्या खबर है...
दास - सर आज ही खबर आई है... रंगा और उसके चार साथियों को... पुलिस ने फरदर इंट्रोगेशन के लिए... अपनी कस्टडी में डिमांड किया है... और अदालत ने... चौदह दिनों की हिरासत में लेने के लिए... पुलिस को परमीशन दी है.... इसलिए शायद कल उन पांचो को यहाँ लाकर पुलिस हैंड ओवर करेगी...
तापस - व्हाट द हैल इज़ गोइंग ऑन दास...
दास - अब इसमें हम क्या कर सकते हैं... रंगा अपना हिसाब चुकाने आ रहा है... सिर्फ़ चौदह दिनों में अपना काम तमाम करने...
तापस - ओह गॉड... विश्व को उनसे दुर रखना पड़ेगा... वरना... (अपना हाथ टेबल पर मारते हुए) दास गिव मी सम आइडिया... रंगा... खुन खराबा के उदेश्य से आ रहा है.... पिछली बार जब वह हस्पताल में था... मैंने उसके आंखों में बदले की आग देखा था... वह उसके लिए... किसी भी हद तक जाएगा...
दास - सर अगर आप बुरा ना माने तो...
तापस - हाँ हाँ... कहो...
दास - मेरे हिसाब से... हमे इस मैटर को इतना भी... सिरीयसली लेना नहीं चाहिए....
तापस - क्या... आर यु गॉन मैड... तुम जानते भी हो क्या कह रहे हो...
दास - सर अगर मेरा अंदाजा सही है... तो... जो आप नहीं जान पा रहे हैं... और रंगा नहीं जानता... वह होने वाला है....
तापस - पहेलियाँ ना बुझाओ... दास खुलकर कहो क्या कहना चाहते हो...
दास - सर... मैं यह कह रहा हूँ... जो हो रहा है... उसे होने देते हैं... हम नजर रखेंगे... कुछ गलत होने लगा तो... रंगा का एनकाउंटर कर देंगे... हमारे पास सीसीटीवी है... पहले ऑब्जर्व करते हैं... फ़िर कुछ करते हैं... वह चौदह दिनों के लिए... आ रहा है... हो सकता है... अपने ऊपर वह और चार्जर्स ना ले...
तापस - मैं दुआ करूंगा... तुम्हारा अंदाजा सही निकले... लेट हाव क्रॉस फिंगर... एंड होप फॉर बेस्ट...
दास - यस सर....
तापस - दास.... वैसे कब तक हैंड ओवर होगा...
दास - सर... आज शाम तक या.... कल सुबह तक हो जाना चाहिए...
तापस - ओके... यु मे लिव नाउ... (कह कर बेल बजाता है, जगन भागते हुए आता है, और सैल्यूट करता है) जगन... जाओ विश्व को बुला कर लाओ...

जगन और दास दोनों बाहर चले जाते हैं l तापस के चेहरे पर टेंशन साफ़ दिखने लगता है l वह अपने कैबिन में एक सिरे से दुसरे सिरे तक चलने लगता है l तभी विश्व आता है l

तापस - विश्व... आओ...
विश्व - जी कहिए... आपने बुलाया है...
तापस - जानते हो... कभी कभी जो हम बोते हैं... वही वक्त आने पर काटते हैं...
विश्व - जी यह बहुत दार्शनिक बात है... इस बात का मुझसे क्या सम्बंध....
तापस - रंगा शायद आज... जैल में आ रहा है...
विश्व - तो...
तापस - तो... तुम्हें फिक्र नहीं है...
विश्व - किस बात की फिक्र... क्यूँ की रंगा आ रहा है... इसलिये...
तापस - कमाल के आदमी हो तुम... जिससे बचने के लिए मारे फिर रहे थे... आज जब वही आ रहा है... तुम्हें कोई फिक्र ही नहीं है...बस इतना जान लो... वह सिर्फ़ तुम्हारे लिए आ रहा है... क्यूंकि वह यहाँ चौदह दिनों की रिमांड के नाम पर आ रहा है...
विश्व - अच्छा ऐसा भी होता है...
तापस - हाँ ऐसा होता है... मेरा मतलब है... ऐसा हो सकता है...
विश्व - तो आप मुझे यह क्यूँ बता रहे हैं....
तापस - ताकि यह चौदह दिन तुम रंगा से... थोड़ा सावधान रहो....
विश्व - और आप क्या करेंगे...
तापस - क्या मतलब है तुम्हारा...
विश्व - अगर आपको किसी अनहोनी का अंदेशा है... तो आप उसे कानूनन रोकने की कोशिश क्यूँ नहीं कर रहे हैं...
तापस - वह हम कोशिश करेंगे... पर तुमको भी हमारा साथ देना चाहिए... देखो विश्व... पिछली बार उसने मुझसे रिक्वेस्ट किया था... पर मैंने नकार दिया था... अब वह कानून का सहारा लेकर... मेरा मतलब है कानून का आड़ लेकर आ रहा है... वह बार बार मौके की तलाश करेगा... बस तुम सावधान रहना...
विश्व - कितना बेबस है आपका कानून... सुपरिटेंडेंट सर.... अनहोनी का अंदेशा है... पर रोकने के लिए असमर्थ... जो गुनाह करने के लिए अंदर आने के लिए... कानून का सहारा ले रहा है... पर कानून मदत उससे मांग रहा है जो पीड़ित होने वाला है....

यह बात सुन कर तापस कुछ और सोच में खो जाता है l विश्व उसे किसी सोच में डूबा हुआ देखता है तो वह वहाँ से जाने लगता है तभी तापस को होश आता है l

तापस - हाँ विश्व.. कुछ कह रहे थे...
विश्व - यही... की.. मैं ध्यान रखूँगा... सावधान रहूँगा...
तापस - हाँ ठीक है जाओ....

विश्व चला जाता है l पर तापस फ़िर से अपनी सोच में खो जाता है l उसकी सोच तब टूटती है जब दास की आवाज उसके कानों में पड़ता है l तापस दास की ओर देखता है

तापस - हाँ दास... क्या कह रहे थे...
दास - सर आप कुछ सोच रहे थे... मैंने डिस्टर्ब तो नहीं किया...
तापस - अरे नहीं... कहो.. क्या हुआ...
दास - सर वह... रंगा को आज शाम को हैंड ओवर करने वाले हैं....
Nice and awesome update....
 

Kala Nag

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Bahut hi behtarin kahani… bahut hee details main aap likhte hai jaise wanhi khade hokar dekh rahen ho …
धन्यबाद भाई
बहुत बहुत धन्यबाद
आप इसी तरह जुड़े रहें और समीक्षा प्रदान करते रहें
 

Kala Nag

Mr. X
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