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Thriller "विश्वरूप"

Kala Nag

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horny j

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कुछ दिन हुए मुझे इस साइट पर यह दिख रहा है इसलिए थोड़ा कंफ्यूज था और एक नेटवर्क की सहायता से इस साइट पर पहुंच पाया हूँ
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Kala Nag

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👉इक्यावनवां अपडेट
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रंगा को जैल में आए तीन बीत चुके हैं l रंगा के साथ साथ सीलु और टीलु भी जैल में आ चुके हैं l विश्व के कहे अनुसार विश्व के चारों जासूस रंगा और उसके चार साथियों के साथ मिल गए हैं और चौबीसों घंटे उनकी चापलूसी में लगे चुके हुए हैं l इधर तापस के कैबिन में तापस के साथ साथ सतपती और दास मिलकर लैपटॉप पर पिछले तीन दिनों के सीसीटीवी के फुटेज देख रहे हैं l हर फुटेज में कहीं रंगा विश्व को उकसा रहा है, कहीं पर धक्का लगा रहा है और कहीं टंगड़ी लगा कर छेड़ रहा है l पर कहीं पर भी विश्व प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है l

तापस - चलो एक बात तो है... विश्व कोशिश कर रहा है... रंगा को अवॉइड करने की... बस रंगा ही जबरदस्ती गले पड़ रहा है...
सतपती - आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं सर... हमे रंगा को वार्न करना चाहिए....
तापस - हाँ मैंने उसे बुलाया है... आने दो उसे...

तभी रंगा बाहर से अंदर आने के लिए पूछता है l तीनों दरवाजे के तरफ देखते हैं l

तापस - हाँ... आओ.. रंगनाथ उर्फ़ रंगा... तुम जब आये थे... मैंने तुमको समझाया था... कुछ ऐसा मत करना... अपने रिमांड पिरीयड में... के मैं तुम पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज लगाऊँ... पर निकले तुम कुत्ते के दुम... बाज नहीं आए आखिर तुम...
रंगा - क्या सर... आप जानते हैं... मैं यहाँ आया क्यूँ हूँ...
सतपती - अच्छा... तो देर किस बात पर हो रही है... कोई अच्छी सी महुरत की प्रतीक्षा कर रहे हो क्या....

सतपती के इस तरह से कहने पर तापस हैरान व गुस्सा होता है और सतपती को घूरने लगता है l

रंगा - नहीं सर... वह क्या है कि... और दस दिन रहना है... मुझे... इसलिए मजे के लिए उसको अभी हड़का रहा हूँ...
सतपती - मतलब तुमने... विश्व से बदला लेने की ठान ली है..
रंगा - यह तो हो कर ही रहेगा... चाहे आप कितना भी चार्जर्स लगाओ...
सतपती - तब तो तुम्हें... और दस दिनों के लिए... काली कोठरी में बंद करना पड़ेगा...
रंगा - अगर आप ऐसा कुछ करने की कोशिश की.... तब... मैं खुद को बुरी तरह से ज़ख्मी कर लूँगा... और आप सब जैल स्टाफ पर... मानवाधिकार आयोग के सामने टॉर्चर का इल्ज़ाम लगा दूँगा...
तापस - व्हाट... यह क्या बकवास है....
रंगा - सर... इसलिए.... मेरे को ज्यादा ज्ञान मत चेपो... मैं जिस काम के लिए आया हूँ... वह तो मैं करूंगा ही... आप चाहे कुछ भी कर लो....
तापस - (अपनी जबड़े भींच कर) तुम मुझे धमका रहे हो....
रंगा - आप चाहे कुछ भी समझ लो...
तापस - तुम अपनी हेकड़ी हांकने के चक्कर में... बड़ी गलती कर गए हो.... पहली बात... तुमने इन तीन दिनों में... अपने ही खिलाफ सबूत बनाए हैं... यह देखो... (तापस लैपटॉप में वह सारे फुटेज दिखाता है, फुटेज देख कर रंगा की आंखे हैरानी से चौड़ी हो जाती है) और यहाँ आकर तुमने अपना इकबालिया जुर्म की बयान भी दे दिया है.... यह देखो.... (तापस अपने पीछे की दीवार पर लगे एक छोटी सी कैमरा दिखाता है) और इन सबके आधार पर मैं तुम्हें काल कोठरी में डाल सकता हूँ...

रंगा खुद को ठगासा महसूस करता है l वह अपना सर हिलाते हुए बिना कुछ कहे वहाँ से चल देता है l रंगा के जाते ही सतपती के तरफ देख कर

तापस - गुड़ वर्क सतपती... अच्छा ट्रैप किया...
सतपती - थैंक्स सर... पर आपने मुझे जिस तरह से देखा... पल भर के लिए तो मैं डर गया था...
तापस - हा हा... सॉरी... यह रंगा के सामने जरूरी था... पर पुरे इस प्रकरण में... एक आदमी खामोश खड़ा है... क्यूँ... दास क्या हुआ...
दास - सर पता नहीं क्यूँ पर अभी भी...
तापस - हाँ अभी भी...
दास - अभी भी... ऐसा लग रहा है... की हम बेवजह वीर को रंगा से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं... मुझे लगता है... हमे रंगा को वीर से दूर रखने की ज़रूरत है....
तापस - क्या... यह तुम किस आधार पर कह रहे हो....
दास - जी सर... एक मिनट... (कह कर लैपटॉप में फाइल से वह कैन्टीन वाली वीडियो चलाता है, जिसमें विश्व एक घुसे से दीवार पर लगे ग्रेनाइट को तोड़ रहा है) मैं इस वीडियो की बात कर रहा था...
सतपती - क्यूँ इसमे ऐसा क्या खास है... हो सकता है वह ग्रेनाइट कमजोर रहा हो...
दास - पर वह घुसा कमजोर नहीं था.... (तापस की ओर देख कर) सर... विश्व ने एक ज़ोरदार घुसा डैनी को भी मारा था... नतीजतन विश्व की हाथ में सूजन आ गई थी... डॉक्टर ने उसके हाथ में क्रैप्ट बैंडेज बांधा था... पर इस बार विश्व की हाथ सही सलामत है.... और गौर से देखिए सर... रंगा विश्व को वहीँ छेड़ पाया है... जहां जहां कैमरा है... मतलब विश्व रंगा के खिलाफ सबूत बना रहा है.... मुझे ऐसा लगता है... जैसे विश्व हमे दिखा कुछ रहा है... हम देख कुछ रहे हैं... रंगा सोच कुछ रहा है... पर होने वाला कुछ और है....
तापस - कभी इतनी कडवा सच बोलते हो... की चाह कर भी मन स्वीकार कर नहीं पाता है... खैर फ़िलहाल रंगा को वार्न किया है... देखो क्या होता है....


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इधर रंगा अपने चार साथी और चार नए चमचों के बीच बैठा गहरी सोच में डुबा हुआ है l

सीलु - (ख़ामोशी को तोड़ते हुए) बॉस... क्या बात है... आप... टेंशन में लग रहे हो...
रंगा - मैं इस जैल में कई बार आया हूँ... हर चप्पे चप्पे से वाकिफ़ हूँ... फ़िर भी जोश जोश में... मुझे याद नहीं रहा... कहाँ कहाँ पर सीसीटीवी के कैमरे लगे हुए हैं...
एक आदमी - तो... क्या हुआ बॉस... तुमको कौनसा अच्छे चाल चलन के लिए... बाहर जल्दी निकालना है...
जीलू - बिल्कुल बॉस... तुम्हें इस बात को लेकर इतना सिरीयस नहीं होना चाहिए....
दुसरा आदमी - हाँ बॉस... यह छूटकु... एक दम सही बोल रहा है... तुम इतना टेंशन में क्यूँ हो.... वह भी एक चिरकुट के लिए...
रंगा - तुम लोगों को... समझ में नहीं आ नहीं रहा है बे.... मैं यहाँ आने के बाद से विश्व को ढूंढ रहा हूँ... और वह मेरे हाथ आया भी... पर जब जब वह कैमरा के सामने आया... तब तब मेरे हाथ वह लगा... और हाथ में से ऐसे फिसला... जैसे पानी में मछली... अब मुझे लगने लगा है... मैं उसे नहीं बल्कि वह मुझे घेर रहा है....
मीलु - बॉस... इससे क्या होगा... मारना तो आपको है ना उसे...
तीसरा आदमी - हाँ बॉस... मारना तो आपको है उसे...
रंगा - तुम समझ नहीं रहे हो... मैंने उसके पास दिखा तो मुझे काल कोठरी वाले सेल में डाल देंगे... फ़िर मेरा बदला अधूरा रह जाएगा...
सीलु - तो इस परेशानी में... समाधान एक ही है...
रंगा - क्या....
सीलु - (गाते हुए) शनिवारा...ती हमें नींद नहीं आती....
चौथा आदमी - (सीलु के सर के पीछे टफली मारते हुए) अबे सही सही बोल... गाना क्यूँ बजा रहा है...
सीलु - (अपना सर को मलते हुए) बॉस मैं... शनिवार रात वाली समाधान की बात कर रहा था...
पहला आदमी - यह... शनिवार समाधान वाली रात क्या है बॉस....
रंगा - अररे.. हाँ... यह सीलु ने... ठीक कहा है... यह एक रिवाज है... जिसे डैनी के साथ मिलकर हम सब लोगों ने ही... इस जैल में शुरू किया था...
दुसरा आदमी - रिवाज.... कैसा रिवाज...
रंगा - गुस्सा उतारने के लिए... दो कैदी अपनी मर्जी से... एक दुसरे से लड़ते हैं... आपसी मंजुरी से... इसमें जैल वालों की कोई दखल नहीं होता.... पर सवाल यह है... उस लड़ाई के लिए... विश्व को तैयार कैसे किया जाए....
टीलु - बहुत ही आसान है बॉस...
रंगा - कैसे...
टीलु - बॉस... विश्व को आप सबके सामने.... डैनी की तरह की तरह छेड़ना.... आख़िर विश्व ने डैनी पर भी हाथ छोड़ा ही था....
रंगा - हाँ यह मैं यहाँ सुना है... और विश्व ने.... इस बात के लिए... डेढ़ साल तक डैनी की गुलामी करी है...
तीसरा आदमी - सुना तो यह भी है... विश्व ने एक घुसे से... दीवार से चिपके ग्रेनाइट को तोड़ा है...
सीलु - अरे भाई... अगर उस वक़्त विश्व को मैंने ही उकसाया था... हाँ यह बात और है... फटी मेरी बहुत थी... पर सच तो यह है कि... वह ग्रेनाइट दीवार से खराब सीमेंट से चिपका हुआ था... इसलिए टूट गया.... ग्रेनाइट अगर एक फुट की ऊँचाई से भी गिर जाता है... तब भी टूटता ही है... अरे मैं तो बोलता हूँ... रंगा भाई होते तो पुरा का पुरा दीवार ही ढह गया होता...
रंगा - हा हा हा हा.... शाबाश मेरे चमचे शाबाश... (खड़े हो कर) अब शुक्रवार लंच के टाइम को ही.... मैं खुद उसको उकसाउंगा.. हा हा हा हा...

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तापस घर पहुंच कर देखता है प्रतिभा और प्रत्युष दोनों सोफ़े पर मुहँ लटकाए बैठे हुए हैं l तापस दोनों के चेहरे को गौर से देखता है और

तापस - क्या हुआ प्रत्युष....
प्रत्युष - प्लान फैल हो गया...
तापस - मतलब...
प्रत्युष - मैंने जो दवाई के सैंपल भेजे थे... उनमें कोई बैनड ड्रग्स नहीं मिले....
तापस - क्या... (तापस धप कर बैठ जाता है) इसका मतलब...
प्रतिभा - या तो... दवाओं के मामले में प्रत्युष को गलत फहमी है या फिर.... यश वर्धन को मालुम हो गया है....
प्रत्युष - दवाओं के मामले में मुझे कोई गलत फहमी नहीं है डैड... पर लगता है... हम लोग यश वर्धन के सर्विलांस में हैं...

कुछ देर के लिए किसीके मुहँ से कोई शब्द नहीं निकालता है l तापस और प्रतिभा के चेहरे पर टेंशन साफ़ दिख रहा है पर प्रत्युष का चेहरा कठोर दिख रहा है l

तापस - उन अंकल के नाम पर... तुमने फॉर्म भरा था ना...
प्रत्युष - हाँ... सैंपल का रिपोर्ट भी उन अंकल के पते पर ही आया था...
तापस - (झिझकते हुए) क्या... सैंपल... उन अंकल ने....
प्रत्युष - नहीं डैड नहीं... वह एक्स सर्विस मेन हैं... और वह अपने हेल्थ के लिए... बहुत कंसियस हैं.... उनको भी दवाओं की रिपोर्ट पर खेद है.... इसलिए कुछ पुराने दवाएँ थे उनके पास... वह मैं लेकर आया हूँ... पर हम इसे पोस्टल पर भेजने के वजाए खुद जा कर हाथों हाथ रिपोर्ट लाएं तो बेहतर होगा....
तापस - ह्म्म्म्म... अगर हम उसके सर्विलांस में हैं... तो हम जरा सा भी हिले... उसे पता चल जाएगा...
प्रत्युष - डैड अगर नहीं... हम वाकई उसके सर्विलांस में हैं....
प्रतिभा - अगर हम उसके सर्विलांस में हैं... तो अभी तक वह रिएक्ट क्यूँ नहीं किया....
तापस - शायद मौके की तलाश में है....
प्रतिभा - (आँखे डबडबा जाती हैं) अब हम क्या करें... सेनापति जी...
तापस - मुझे भी कुछ सूझ नहीं रहा है...
प्रतिभा - हमें उसकी सर्विलांस को भटकाना होगा... या फिर उस वक्त का इंतजार करना होगा... कुछ भी हो हमे यह काम जल्द से जल्द पुरा करना ही होगा....
प्रत्युष - हाँ डैड... इससे पहले कि वह रिएक्ट करे... हमे उस पर वार करना होगा...
तापस - कैसे... कैसे... कैसे... हमारे पास सबूत नहीं है... रैड नहीं करा सकते.... कहीं पर चूक गए तो... वह हम पर डीफेम केस कर देगा और पेनाल्टी ठोक देगा...
प्रतिभा - एक प्लान है.... जिससे काम बन सकता है...
तापस - कैसा प्लान...
प्रतिभा - आप किसी तरह ऑफिशियली टूर पर... भुवनेश्वर से बाहर निकलिए... और हाथों हाथ रिपोर्ट लाने की कोशिश करें....
प्रत्युष - हाँ डैड... माँ ठीक कह रही है... हमारी हर एक्टिविटी पर उसकी नजर है.... आप अगर ऑफिशियली भुवनेश्वर से बाहर निकलेंगे... तो हम शायद कुछ कर पाएंगे... उधर आपको जैसे ही रिपोर्ट हासिल होगा... हम यहां पर प्रेस कांफ्रेंस कर यश की पोल खोल देंगे....
प्रतिभा - हाँ ऐसा हो पाया तो... बहुत बढ़िया होगा....
तापस - ह्म्म्म्म... ठीक है... मैं दिल्ली का टूर प्लान करता हूँ.... ट्रेन में बैठ कर हावड़ा में उतर जाऊँगा.... कलकत्ते में रिपोर्ट बना लेने के बाद... फ्लाइट लेकर सीधे भुवनेश्वर आ जाऊँगा...
प्रत्युष - वाव डैड... क्या क्रिमिनल वाला दिमाग चलाया है... जैसे ही आपको रिपोर्ट मिल जाएगी...
प्रतिभा - वैसे ही हम... यहां पर प्रेस कांफ्रेंस की तैयारी कर देंगे.... और सीधे प्रेस कांफ्रेंस में ही... यश के चेहरे पर से.. शराफत का नकाब उतारेंगे....
तापस - डन...
प्रत्युष - डन....
प्रतिभा - डन...

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रविवार की सुबह तड़के तापस के घर की फोन बजने लगता है l तापस नींद भरे आंखों से फोन उठाता है l

तापस - है... हैलो...
सतपती - सर आपका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा है....
तापस - अच्छा... शायद बैटरी में चार्ज खतम हो गई होगी... सुबह सुबह मतलब क्या कोई लफड़ा हुआ है.... बोलो क्या हुआ है...
सतपती - सर... वह... एक्चुऐली... कैसे कहूँ...
तापस - क्या यह रंगा से ताल्लुक है...
सतपती - जी सर...
तापस - आऊंगा जरूर... पहले बताओ हुआ क्या है....

फिर सतपती फोन पर कुछ बताने लगता है l जिसे सुन कर तापस की आँखे हैरानी से फैलती चली जाती है l फिर फोन रख कर खुद को जल्दी जल्दी तैयार करता है और गाड़ी ड्राइव कर कैपिटल हॉस्पिटल में पहुंचता है l वहाँ उसे दास और सतपती इंतजार करते हुए मिल जाते हैं l तीनों मिलकर स्पेशल वार्ड में पहुंचते हैं l तापस देखता है रंगा और उसके चार साथी वार्ड में ख़राब हालत में पड़े हुए हैं l रंगा की हालत तो फिरभी ठीक लग रही है पर उसके साथी ऐसे पड़े हुए हैं जैसे बदन का कोई हिस्सा लकवा ग्रस्त हुआ हो l तापस रंगा के बेड पर पहुंचता है l रंगा की आँखों में खौफ साफ साफ दिख रहा है l रंगा जैसे ही तापस को देखता है

रंगा - सुपरिटेंडेंट सर... मुझे किसी और जैल में शिफ्ट करा दीजिए.... प्लीज...
तापस - क्यूँ ऐसा क्या हुआ रंगा.... तुम तो अपना बदला लेने आए थे ना...
रंगा - (गिड़गिड़ाते हुए) मुझे किसी से कोई बदला नहीं लेना.... सर बस आप मुझे मेरे वकील से बात करा दीजिए... मैं... मैं दुबारा कभी... इस जैल में नहीं आऊंगा.... (तापस कुछ नहीं कहता, बस चुप रह कर कुछ सोचने लगता है) आ आप क्या सोच रहे हैं... सर...
तापस - हूँ... हाँ... मैं यह सोच रहा हूँ... आदमी को सीधा रहना चाहिए... देखो ना इससे पहले... इसी हस्पताल के इसी बेड पर... तुम उल्टे लेटे हुए थे... मगर जिद और माँग कर रहे थे... जैल में वापस जाने के लिए.... आज सीधे लेटे हुए हो... आज जिद भी कर रहे हो और मांग भी... इस जैल में नहीं जाने की...
रंगा - हाँ... आप सही कह रहे हैं... मैं तब उल्टी खोपड़ी से सोच रहा था... अब सीधा हो कर सोच रहा हूँ.... प्लीज मुझे मेरे वकील से बात करा दीजिए...
तापस - ठीक है... ठीक है... करा दूँगा... अब मुझे पूरे विस्तार में... सारी जानकारी दो.... वरना... आज रविवार है... और कल दस बजे तक... तुम्हें जैल में रख सकता हूँ...
रंगा - नहीं... नहीं... नहीं... नहीं... मैं बताता हूँ.... सब बताता हूँ...
सर... दो साल पहले... जब विश्व घायल हो कर इसी हस्पताल में इलाज के लिए दाखिल था... उस वक्त मेरे अड्डे पर छोटे राजा जी उर्फ़ पिनाक सिंह क्षेत्रपाल जी मिलने आए थे... उन्होंने मुझे एक काम सौंपा था... विश्व को अदालत में हाजिरी से पहले... अंदर से तोड़ देने के लिए... मैं विश्व से बलात्कार कर उसके अंदर के पुरुषार्थ को मिटा देना चाहता था.... पर आप जानते हैं... विश्व ने उल्टा मेरा पुरुषार्थ को तोड़ कर... झंझोड कर रख दिया.... नाकाम लोगों की... राजा साहब के दरबार में कोई काम नहीं होती... मुझे ना सिर्फ राजा साहब ने... बल्कि मेरी अपनी बनाई हुई दुनिया ने भी मुझे छोड़ दिया था...
इसी का बदला लेने के लिए पिछले एक साल से तैयारी कर रहा था... ताकि जो ज़ख़्म मुझे विश्व से मिला है... उससे कई गुना बड़ा ज़ख़्म विश्व को देना चाहता था... उससे पहले विश्व को मार मार कर धज्जियाँ उड़ा देना चाहता था.... मैं हर तरह से कोशिश किया विश्व को मुझसे उलझाने के लिए... मगर विश्व मुझे अपने जाल में फंसाता चला गया... वह बात मुझे आपके ऑफिस से पता चला... उस सीसीटीवी फुटेज से...
इसलिए मेरे पास सिर्फ़ एक ही रास्ता बचा था.... शैटर डे स्कैरी नाइट सल्युशन... जो हमने जैल में चलाया था....
तापस - व्हाट... तुम लोगों ने यह किया... और हममे से किसी को भी खबर नहीं...
दास - सर यह बात.. कांड होने के बाद ही हमें पता चलता है... यह लोग ऐफिडेविट पेपर में अपना कबुल नामा लिख कर रख लेते हैं.... और कांड के बाद किसी को कुछ हो या ना हो... कांड के हो जाने पर वह पेपर निकालते हैं....
तापस - अच्छा... यह बात है... यह जुगाड़ कैसे लगा लेते हैं... यह कम्बख्त.... हाँ तो रंगा... अब पूरी वाक्या विस्तार से बताओ... तुम जो विश्व को डराने आए थे... अब कैसे और क्यों डर के मारे भागने के जुगत में हो....
रंगा - सर बताता हूँ...

फ्लैशबैक रंगा की जुबानी

शुक्रवार लंच के समय विश्व अकेला एक कोने में डायनिंग टेबल पर बैठ कर खा रहा है l तभी रंगा अपना थाली लेकर विश्व के सामने बैठता है l विश्व अपने खाने में मगन रंगा की तरफ देखता नहीं l

रंगा - क्यूँ बे... हराम जादे... आज कल दिमाग खुब चला रहा है...
विश्व - (चुप रहता है)
रंगा - बे मादरचोद... तेरे रगों में खुन दौड़ता है या पानी... भोषड़ी के... कितनी आसानी से गाली हज़म कर रहा है...
विश्व - (फ़िर भी चुप रहता है)
रंगा - क्यूँ बे... जिस महापात्र का उपनाम अपने नाम के पीछे लगाया है.... उसके साथ तेरी माँ सोई थी तब जाकर तु पैदा हुआ... या वह भी गांडु महापात्र था... जो यही सोच कर रह गया... कौन मरा मारा... बच्चा हमारा... हा हा हा...

विश्व अपना खाना खतम कर हाथ और थाली धोने के लिए उठता है तो रास्ते में रंगा अपना टांग अड़ा देता है l विश्व रुक जाता है और रंगा को सपाट नजरों से देखता है l अब डायनिंग हॉल में सभी कैदी उन दोनों को देख रहे हैं l

विश्व - तु... चाहता क्या है... गांडु रंगा...
रंगा - ऐ... जुबान सम्भाल अपना...
विश्व - और तु गांड...

सभी कैदी दबी जुबान से हँसने लगते हैं l जिससे रंगा हाथ उठा देता है पर विश्व अपनी थाली दिखा देता है तो रंगा का हाथ थाली से टकरा जाता है l

विश्व - मुझे उकसाने के चक्कर में... तुने अपना सयम खो दिया... यहाँ भी सीसीटीवी है... ऐसा फंसेगा की...
रंगा - चुप बे... मर्द है तो मर्द की तरह भीड़ ना... यह सीसीटीवी की आड़ क्यूँ ले रहा है...
विश्व - यह कौन बोल रहा है... चूहे की जिगर रखने वाला... जो चार चार बंदों से एक आदमी को पकड़ कर उसके पिछवाड़े मुतने वाला... मर्द होने की धौंस जमा रहा है....
रंगा - अच्छा... यह बात है... तो तु... रंगा का जिगर देखेगा... रंगा कितना बड़ा मर्द है देखेगा... चल तेरी मन की मुराद पुरा कर देता हूँ... कल शनिवार है... यहाँ आपसी दुश्मनी को सुलझाने के लिए एक दुसरे से लड़ते हैं.... अग्रिमेंट के ज़रिए... चल करता है क्या... शैटर डे नाइट स्कैरी सल्युशन...
विश्व - (चुप रहता है)
रंगा - क्यूँ फट गई तेरी... चल अब मेरे सामने घुटने के बल झुक कर.... खुद को गांडु महापात्र बोल...

विश्व उसके सामने झुक कर घुटनों पर बैठता है, यह देख कर कुछ कैदी हैरान होते हैं और रंगा के चेहरे पर कुटिल मुस्कान खिल उठाता है l

विश्व - जैसी तेरी इच्छा... गांडु रंगा....

यह सुनते ही जहां रंगा की हँसी रुक जाती है वहीँ सभी कैदी मंद मंद मुस्कराने लगते हैं l फ़िर विश्व खड़ा हो जाता है l

रंगा - (चिल्लाता है) सीलु...
सीलु - जी... जी रंगा भाई...
रंगा - विश्व से कागजात पर दस्तखत ले लो....

सीलु विश्व के पास दो कागजात लेके जाता है l विश्व देखता है उसमें पहले से ही रंगा का दस्तखत है इसलिए दस्तखत कर एक काग़ज़ रख लेता है और दुसरा लौटा देता है l

रंगा काग़ज़ हाथ ले कर कहता है - हमारे फाइट का रेफरी येही सीलु होगा...
विश्व - जैसी तेरी इच्छा... गांडु रंगा...

रंगा बड़ी मुश्किल से सुन कर भी खुद को काबु करता है और विश्व को उंगली के इशारे से मार डालने की धमकी दे कर चला जाता है l
उसके बाद शनिवार की रात को गेम हॉल में सारे कैदी जमा हो जाते हैं l हॉल में सारे सामान एक किनारे कर दिया गया है l रंगा और विश्व दोनों हॉल के बीच में आ कर खड़े होते हैं l फर्श पर पानी डाल कर फिसलन भरा कर दिया गया है l रंगा अपना कुर्ता उतार देता है और अपना बॉडी दिखाने लगता है l इन दो सालों में रंगा ने अपना बढ़िया बॉडी बनाया हुआ है l सारे कैदी रंगा के नाम की हूटिंग करने लगते हैं l
सीलु सिटी मार कर फाइट का आगाज़ कर वहाँ से साइड हो जाता है l रंगा भाग कर चिल्लाते हुए विश्व के तरफ बढ़ता है l विश्व एक तरफ हट जाता है l रंगा फ़िर से विश्व को पकड़ने के लिए कोशिश करता है, इस बार भी वही होता है l विश्व लड़ाई की माहौल को कबड्डी में बदल देता है l रंगा कोशिश बहुत करता है पर विश्व उसके हाथ नहीं लगता l जिसके कारण रंगा बुरी तरह से थकने लगता है l उसे थकता देख रंगा के चारों साथी अचानक से अंदर आकर विश्व को पकड़ लेते हैं l

रंगा - (खुश होते हुए) शाबाश मेरे यारों... शाबाश... अब इस हरामजादे को तोड़ कर मसलता हूँ...
सीलु - (बीच में आ जाता है) यह गलत है... रंगा भाई.. यह गलत है... अग्रिमेंट में... वन टू वन फाइट लिखा है... आप लोग पांच हैं... यह गलत है...
रंगा - ऐ... इसे उठा कर फेंक दो रे....

रंगा का एक साथी सीलु को उठा कर कैदियों पर फेंक देता है l अब तीन लोग विश्व को पकड़े खड़े हुए हैं l रंगा और उसके साथी हँसने लगते हैं पर अचानक उन सबकी हँसी रुक जाती है l विश्व एक हूकींग किक उठाता है जो उसे पीछे पकड़े हुए आदमी को लगता है और वह पीछे छिटक कर दूर जा कर गिरता है, उसके बाद जो दो लोग विश्व के हाथों को पकड़े हुए हैं उन दोनों के हाथों को पकड़ कर सामने की तरफ फ्लिप मारता है l विश्व अपने घुटने पर आ जाता है पर वह दो लोग अपने पीठ के बल गिर कर कराहने लगते हैं l
यह सब सेकेंड के कुछ ही हिस्से में हो जाता है l रंगा और उसका चौथा साथी ही नहीं बल्कि सभी कैदी अचानक हुए इस घटनाक्रम से आश्चर्य चकित हो जाते हैं l पर उनके पकड़ से छूटने पर विश्व की कुर्ता फट जाता है, तो विश्व अपना कुर्ता फाड़ कर फेंक देता है l सबको विश्व के शरीर पर पेशियां और पेशियों पर कटाव दिखते हैं l सब विश्व के बदन को देख कर मन ही मन रंगा के बदन से तुलना करने लगते हैं l विश्व के जिस्म की कटाव के आगे रंगा का बदन भरा हुआ मांस का लोथड़ा नजर आने लगता है l खुद रंगा की हलक सूखने लगता है और वह बड़ी मुश्किल से थूक निगलता है l रंगा का वह चौथा साथी विश्व पर झपटा मार कर दाहिने हाथ का घुसा मारता है l विश्व उसके हाथ को अपने बाएं हाथ से रोक कर अपने दाएं हाथ की मुट्ठी में तर्जनी को मोड़ कर उसके कोहनी की अंदरुनी हिस्से पर मारता है फ़िर सामने कंधे की जोड़ पर मारता है फिर एक लात उसके सीने पर जड़ देता है जिससे वह आदमी उड़ते हुए कैदियों के बीच गिरता है l उसको उड़ते हुए जाते देख रंगा वहीँ पर जड़वत खड़ा रह जाता है l वह तीनों जो पीछे पड़े हुए थे वह उठ कर विश्व पर हमला कर देते हैं l विश्व उनके लिए तैयार था पहले वाले को एक स्पिन किक, दुसरे के चेहरे पर घुटने से और उसके बाद तीसरे को अपनी मुट्ठी के सारे मुड़े उँगलियों को सीधा कर एक ताकतवर पंच नाभि के ऊपर पेट पर जड़ देता है l उस तीसरे आदमी के मुहं से थोड़ा खुन निकालता है और वह पेट के बल गिर कर छटपटाने लगता है l फ़िर अपनी मुक्के की मध्यमा उंगली को मोड़ कर पहले वाले के बाएं रिबस पर मारता है फिर तर्जनी उंगली से दुसरे आदमी पीठ पर कंधे की जोड़ पर मारता है वह आदमी एक तरफ झुक कर किक मारने की कोशिश करता है तो उसके पैर पकड़ कर उसी मुड़ी हुई तर्जनी से घुटने के ऊपर जांघ पर एक घुसा मारता है l वे दोनों नीचे गिर जाते हैं और उनके हलक से गँ गँ कि आवाज़ निकलने लगती है I अपने चार साथियों का हश्र वह भी सिर्फ़ पांच सेकेंड से भी कम समय के भीतर देख कर रंगा के पैर कांपने लगते हैं l विश्व अब रंगा के तरफ बढ़ने लगता है और रंगा पीछे हटने लगता है और भागने की कोशिश करता है l पर चूँकि चारों तरफ कैदी घेरे हुए हैं इसलिए वह भाग नहीं पाता और तब तक विश्व रंगा तक पहुँच जाता है l रंगा डर के मारे घुटनों पर बैठ कर विश्व के आगे हाथ जोड़ देता है l विश्व उसके सामने आलती पालती मार कर बैठ जाता है l

विश्व - क्यूँ फट गई तेरी...
रंगा - (चुप रहता है)
विश्व - कितनी गालियाँ दी तुने मुझे... गिना नहीं होगा तुने....
रंगा - (चुप रहता है)
विश्व - जुबान है... तो कैसे कैसे चलाए तुने... कलेजा छलनी कर रख दिया तुने...
रंगा - म.. म.. मुझे.. मा.. माफ कर दो...
विश्व - एक शर्त पर...
रंगा - ब ब.. बोलिए विश्वा भाई...
विश्व - अब तु मुझे कभी नहीं दिखेगा... अगर कभी दिखा तो उसी दिन वहीँ पर जिंदा गाड़ दूँगा... कसम से... तेरी हर गाली का बदला उस दिन मैं लूँगा....

फ्लैशबैक से बाहर आता है रंगा l

रंगा - सर.... कुछ भी हो जाए... मैं तो जीते जी... विश्व के सामने नहीं आऊंगा... यह वह विश्व नहीं है... जो दो साल पहले आया था... जिससे मैं बदला लेना चाहता था.... यह तो कोई और है... ना चेहरे पर गुस्सा ना डर ना ही कोई भाव... एक दम सपाट... जब भी बात करता है... उसके हर शब्द में लगता है... जैसे मौत... हाँ मौत की सर्द महसूस होता है.... नहीं नहीं.. यह वह विश्व नहीं है... यह तो कोई और है.... या फिर यह कोई भूत है.... हाँ हाँ भूत ही तो हो सकता है... और नहीं तो... वह कहीं पर भी लड़ते हुए.... अकेला नहीं लगता था... ऐसा लगा जैसे एक नहीं... दो दो विश्व लड़ रहे हैं... या फिर उसके दो नहीं चार चार हाथ थे... इतना फुर्ती.... इतना फुर्ती किसी इंसान में... नहीं नहीं... यह भूत है... सेनापति सर भूत है वह... वह विश्व नहीं है...

तभी उस कमरे में डॉक्टर विजय आता है l विजय के देख कर

तापस - कहिए डॉक्टर... इन सबकी हालत कैसी है अब....

डॉक्टर - यार... यह तुम्हारा रंगा... इसको बहुत ही जबर्दस्त शॉक लगा है... कुछ ऐसा देखा है जिससे उसके मन में गहरा डर बैठ गया है... और बाकी चारों की हालत थोड़ी खराब है...
तापस - मतलब कितना खराब है....
डॉक्टर विजय - इन चारों को जहां जहां मार पड़ी है... उन जगहों पर लीगमेंटस हिल गए हैं... इसलिए उनको पारसीअल पैरालीसीस हुआ है... मतलब आंशिक लकवा...
तापस - (हैरान हो कर) व्हाट...
 

Kala Nag

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रंगा को जैल में आए तीन बीत चुके हैं l रंगा के साथ साथ सीलु और टीलु भी जैल में आ चुके हैं l विश्व के कहे अनुसार विश्व के चारों जासूस रंगा और उसके चार साथियों के साथ मिल गए हैं और चौबीसों घंटे उनकी चापलूसी में लगे चुके हुए हैं l इधर तापस के कैबिन में तापस के साथ साथ सतपती और दास मिलकर लैपटॉप पर पिछले तीन दिनों के सीसीटीवी के फुटेज देख रहे हैं l हर फुटेज में कहीं रंगा विश्व को उकसा रहा है, कहीं पर धक्का लगा रहा है और कहीं टंगड़ी लगा कर छेड़ रहा है l पर कहीं पर भी विश्व प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है l

तापस - चलो एक बात तो है... विश्व कोशिश कर रहा है... रंगा को अवॉइड करने की... बस रंगा ही जबरदस्ती गले पड़ रहा है...
सतपती - आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं सर... हमे रंगा को वार्न करना चाहिए....
तापस - हाँ मैंने उसे बुलाया है... आने दो उसे...

तभी रंगा बाहर से अंदर आने के लिए पूछता है l तीनों दरवाजे के तरफ देखते हैं l

तापस - हाँ... आओ.. रंगनाथ उर्फ़ रंगा... तुम जब आये थे... मैंने तुमको समझाया था... कुछ ऐसा मत करना... अपने रिमांड पिरीयड में... के मैं तुम पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज लगाऊँ... पर निकले तुम कुत्ते के दुम... बाज नहीं आए आखिर तुम...
रंगा - क्या सर... आप जानते हैं... मैं यहाँ आया क्यूँ हूँ...
सतपती - अच्छा... तो देर किस बात पर हो रही है... कोई अच्छी सी महुरत की प्रतीक्षा कर रहे हो क्या....

सतपती के इस तरह से कहने पर तापस हैरान व गुस्सा होता है और सतपती को घूरने लगता है l

रंगा - नहीं सर... वह क्या है कि... और दस दिन रहना है... मुझे... इसलिए मजे के लिए उसको अभी हड़का रहा हूँ...
सतपती - मतलब तुमने... विश्व से बदला लेने की ठान ली है..
रंगा - यह तो हो कर ही रहेगा... चाहे आप कितना भी चार्जर्स लगाओ...
सतपती - तब तो तुम्हें... और दस दिनों के लिए... काली कोठरी में बंद करना पड़ेगा...
रंगा - अगर आप ऐसा कुछ करने की कोशिश की.... तब... मैं खुद को बुरी तरह से ज़ख्मी कर लूँगा... और आप सब जैल स्टाफ पर... मानवाधिकार आयोग के सामने टॉर्चर का इल्ज़ाम लगा दूँगा...
तापस - व्हाट... यह क्या बकवास है....
रंगा - सर... इसलिए.... मेरे को ज्यादा ज्ञान मत चेपो... मैं जिस काम के लिए आया हूँ... वह तो मैं करूंगा ही... आप चाहे कुछ भी कर लो....
तापस - (अपनी जबड़े भींच कर) तुम मुझे धमका रहे हो....
रंगा - आप चाहे कुछ भी समझ लो...
तापस - तुम अपनी हेकड़ी हांकने के चक्कर में... बड़ी गलती कर गए हो.... पहली बात... तुमने इन तीन दिनों में... अपने ही खिलाफ सबूत बनाए हैं... यह देखो... (तापस लैपटॉप में वह सारे फुटेज दिखाता है, फुटेज देख कर रंगा की आंखे हैरानी से चौड़ी हो जाती है) और यहाँ आकर तुमने अपना इकबालिया जुर्म की बयान भी दे दिया है.... यह देखो.... (तापस अपने पीछे की दीवार पर लगे एक छोटी सी कैमरा दिखाता है) और इन सबके आधार पर मैं तुम्हें काल कोठरी में डाल सकता हूँ...

रंगा खुद को ठगासा महसूस करता है l वह अपना सर हिलाते हुए बिना कुछ कहे वहाँ से चल देता है l रंगा के जाते ही सतपती के तरफ देख कर

तापस - गुड़ वर्क सतपती... अच्छा ट्रैप किया...
सतपती - थैंक्स सर... पर आपने मुझे जिस तरह से देखा... पल भर के लिए तो मैं डर गया था...
तापस - हा हा... सॉरी... यह रंगा के सामने जरूरी था... पर पुरे इस प्रकरण में... एक आदमी खामोश खड़ा है... क्यूँ... दास क्या हुआ...
दास - सर पता नहीं क्यूँ पर अभी भी...
तापस - हाँ अभी भी...
दास - अभी भी... ऐसा लग रहा है... की हम बेवजह वीर को रंगा से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं... मुझे लगता है... हमे रंगा को वीर से दूर रखने की ज़रूरत है....
तापस - क्या... यह तुम किस आधार पर कह रहे हो....
दास - जी सर... एक मिनट... (कह कर लैपटॉप में फाइल से वह कैन्टीन वाली वीडियो चलाता है, जिसमें विश्व एक घुसे से दीवार पर लगे ग्रेनाइट को तोड़ रहा है) मैं इस वीडियो की बात कर रहा था...
सतपती - क्यूँ इसमे ऐसा क्या खास है... हो सकता है वह ग्रेनाइट कमजोर रहा हो...
दास - पर वह घुसा कमजोर नहीं था.... (तापस की ओर देख कर) सर... विश्व ने एक ज़ोरदार घुसा डैनी को भी मारा था... नतीजतन विश्व की हाथ में सूजन आ गई थी... डॉक्टर ने उसके हाथ में क्रैप्ट बैंडेज बांधा था... पर इस बार विश्व की हाथ सही सलामत है.... और गौर से देखिए सर... रंगा विश्व को वहीँ छेड़ पाया है... जहां जहां कैमरा है... मतलब विश्व रंगा के खिलाफ सबूत बना रहा है.... मुझे ऐसा लगता है... जैसे विश्व हमे दिखा कुछ रहा है... हम देख कुछ रहे हैं... रंगा सोच कुछ रहा है... पर होने वाला कुछ और है....
तापस - कभी इतनी कडवा सच बोलते हो... की चाह कर भी मन स्वीकार कर नहीं पाता है... खैर फ़िलहाल रंगा को वार्न किया है... देखो क्या होता है....


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इधर रंगा अपने चार साथी और चार नए चमचों के बीच बैठा गहरी सोच में डुबा हुआ है l

सीलु - (ख़ामोशी को तोड़ते हुए) बॉस... क्या बात है... आप... टेंशन में लग रहे हो...
रंगा - मैं इस जैल में कई बार आया हूँ... हर चप्पे चप्पे से वाकिफ़ हूँ... फ़िर भी जोश जोश में... मुझे याद नहीं रहा... कहाँ कहाँ पर सीसीटीवी के कैमरे लगे हुए हैं...
एक आदमी - तो... क्या हुआ बॉस... तुमको कौनसा अच्छे चाल चलन के लिए... बाहर जल्दी निकालना है...
जीलू - बिल्कुल बॉस... तुम्हें इस बात को लेकर इतना सिरीयस नहीं होना चाहिए....
दुसरा आदमी - हाँ बॉस... यह छूटकु... एक दम सही बोल रहा है... तुम इतना टेंशन में क्यूँ हो.... वह भी एक चिरकुट के लिए...
रंगा - तुम लोगों को... समझ में नहीं आ नहीं रहा है बे.... मैं यहाँ आने के बाद से विश्व को ढूंढ रहा हूँ... और वह मेरे हाथ आया भी... पर जब जब वह कैमरा के सामने आया... तब तब मेरे हाथ वह लगा... और हाथ में से ऐसे फिसला... जैसे पानी में मछली... अब मुझे लगने लगा है... मैं उसे नहीं बल्कि वह मुझे घेर रहा है....
मीलु - बॉस... इससे क्या होगा... मारना तो आपको है ना उसे...
तीसरा आदमी - हाँ बॉस... मारना तो आपको है उसे...
रंगा - तुम समझ नहीं रहे हो... मैंने उसके पास दिखा तो मुझे काल कोठरी वाले सेल में डाल देंगे... फ़िर मेरा बदला अधूरा रह जाएगा...
सीलु - तो इस परेशानी में... समाधान एक ही है...
रंगा - क्या....
सीलु - (गाते हुए) शनिवारा...ती हमें नींद नहीं आती....
चौथा आदमी - (सीलु के सर के पीछे टफली मारते हुए) अबे सही सही बोल... गाना क्यूँ बजा रहा है...
सीलु - (अपना सर को मलते हुए) बॉस मैं... शनिवार रात वाली समाधान की बात कर रहा था...
पहला आदमी - यह... शनिवार समाधान वाली रात क्या है बॉस....
रंगा - अररे.. हाँ... यह सीलु ने... ठीक कहा है... यह एक रिवाज है... जिसे डैनी के साथ मिलकर हम सब लोगों ने ही... इस जैल में शुरू किया था...
दुसरा आदमी - रिवाज.... कैसा रिवाज...
रंगा - गुस्सा उतारने के लिए... दो कैदी अपनी मर्जी से... एक दुसरे से लड़ते हैं... आपसी मंजुरी से... इसमें जैल वालों की कोई दखल नहीं होता.... पर सवाल यह है... उस लड़ाई के लिए... विश्व को तैयार कैसे किया जाए....
टीलु - बहुत ही आसान है बॉस...
रंगा - कैसे...
टीलु - बॉस... विश्व को आप सबके सामने.... डैनी की तरह की तरह छेड़ना.... आख़िर विश्व ने डैनी पर भी हाथ छोड़ा ही था....
रंगा - हाँ यह मैं यहाँ सुना है... और विश्व ने.... इस बात के लिए... डेढ़ साल तक डैनी की गुलामी करी है...
तीसरा आदमी - सुना तो यह भी है... विश्व ने एक घुसे से... दीवार से चिपके ग्रेनाइट को तोड़ा है...
सीलु - अरे भाई... अगर उस वक़्त विश्व को मैंने ही उकसाया था... हाँ यह बात और है... फटी मेरी बहुत थी... पर सच तो यह है कि... वह ग्रेनाइट दीवार से खराब सीमेंट से चिपका हुआ था... इसलिए टूट गया.... ग्रेनाइट अगर एक फुट की ऊँचाई से भी गिर जाता है... तब भी टूटता ही है... अरे मैं तो बोलता हूँ... रंगा भाई होते तो पुरा का पुरा दीवार ही ढह गया होता...
रंगा - हा हा हा हा.... शाबाश मेरे चमचे शाबाश... (खड़े हो कर) अब शुक्रवार लंच के टाइम को ही.... मैं खुद उसको उकसाउंगा.. हा हा हा हा...

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तापस घर पहुंच कर देखता है प्रतिभा और प्रत्युष दोनों सोफ़े पर मुहँ लटकाए बैठे हुए हैं l तापस दोनों के चेहरे को गौर से देखता है और

तापस - क्या हुआ प्रत्युष....
प्रत्युष - प्लान फैल हो गया...
तापस - मतलब...
प्रत्युष - मैंने जो दवाई के सैंपल भेजे थे... उनमें कोई बैनड ड्रग्स नहीं मिले....
तापस - क्या... (तापस धप कर बैठ जाता है) इसका मतलब...
प्रतिभा - या तो... दवाओं के मामले में प्रत्युष को गलत फहमी है या फिर.... यश वर्धन को मालुम हो गया है....
प्रत्युष - दवाओं के मामले में मुझे कोई गलत फहमी नहीं है डैड... पर लगता है... हम लोग यश वर्धन के सर्विलांस में हैं...

कुछ देर के लिए किसीके मुहँ से कोई शब्द नहीं निकालता है l तापस और प्रतिभा के चेहरे पर टेंशन साफ़ दिख रहा है पर प्रत्युष का चेहरा कठोर दिख रहा है l

तापस - उन अंकल के नाम पर... तुमने फॉर्म भरा था ना...
प्रत्युष - हाँ... सैंपल का रिपोर्ट भी उन अंकल के पते पर ही आया था...
तापस - (झिझकते हुए) क्या... सैंपल... उन अंकल ने....
प्रत्युष - नहीं डैड नहीं... वह एक्स सर्विस मेन हैं... और वह अपने हेल्थ के लिए... बहुत कंसियस हैं.... उनको भी दवाओं की रिपोर्ट पर खेद है.... इसलिए कुछ पुराने दवाएँ थे उनके पास... वह मैं लेकर आया हूँ... पर हम इसे पोस्टल पर भेजने के वजाए खुद जा कर हाथों हाथ रिपोर्ट लाएं तो बेहतर होगा....
तापस - ह्म्म्म्म... अगर हम उसके सर्विलांस में हैं... तो हम जरा सा भी हिले... उसे पता चल जाएगा...
प्रत्युष - डैड अगर नहीं... हम वाकई उसके सर्विलांस में हैं....
प्रतिभा - अगर हम उसके सर्विलांस में हैं... तो अभी तक वह रिएक्ट क्यूँ नहीं किया....
तापस - शायद मौके की तलाश में है....
प्रतिभा - (आँखे डबडबा जाती हैं) अब हम क्या करें... सेनापति जी...
तापस - मुझे भी कुछ सूझ नहीं रहा है...
प्रतिभा - हमें उसकी सर्विलांस को भटकाना होगा... या फिर उस वक्त का इंतजार करना होगा... कुछ भी हो हमे यह काम जल्द से जल्द पुरा करना ही होगा....
प्रत्युष - हाँ डैड... इससे पहले कि वह रिएक्ट करे... हमे उस पर वार करना होगा...
तापस - कैसे... कैसे... कैसे... हमारे पास सबूत नहीं है... रैड नहीं करा सकते.... कहीं पर चूक गए तो... वह हम पर डीफेम केस कर देगा और पेनाल्टी ठोक देगा...
प्रतिभा - एक प्लान है.... जिससे काम बन सकता है...
तापस - कैसा प्लान...
प्रतिभा - आप किसी तरह ऑफिशियली टूर पर... भुवनेश्वर से बाहर निकलिए... और हाथों हाथ रिपोर्ट लाने की कोशिश करें....
प्रत्युष - हाँ डैड... माँ ठीक कह रही है... हमारी हर एक्टिविटी पर उसकी नजर है.... आप अगर ऑफिशियली भुवनेश्वर से बाहर निकलेंगे... तो हम शायद कुछ कर पाएंगे... उधर आपको जैसे ही रिपोर्ट हासिल होगा... हम यहां पर प्रेस कांफ्रेंस कर यश की पोल खोल देंगे....
प्रतिभा - हाँ ऐसा हो पाया तो... बहुत बढ़िया होगा....
तापस - ह्म्म्म्म... ठीक है... मैं दिल्ली का टूर प्लान करता हूँ.... ट्रेन में बैठ कर हावड़ा में उतर जाऊँगा.... कलकत्ते में रिपोर्ट बना लेने के बाद... फ्लाइट लेकर सीधे भुवनेश्वर आ जाऊँगा...
प्रत्युष - वाव डैड... क्या क्रिमिनल वाला दिमाग चलाया है... जैसे ही आपको रिपोर्ट मिल जाएगी...
प्रतिभा - वैसे ही हम... यहां पर प्रेस कांफ्रेंस की तैयारी कर देंगे.... और सीधे प्रेस कांफ्रेंस में ही... यश के चेहरे पर से.. शराफत का नकाब उतारेंगे....
तापस - डन...
प्रत्युष - डन....
प्रतिभा - डन...

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रविवार की सुबह तड़के तापस के घर की फोन बजने लगता है l तापस नींद भरे आंखों से फोन उठाता है l

तापस - है... हैलो...
सतपती - सर आपका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा है....
तापस - अच्छा... शायद बैटरी में चार्ज खतम हो गई होगी... सुबह सुबह मतलब क्या कोई लफड़ा हुआ है.... बोलो क्या हुआ है...
सतपती - सर... वह... एक्चुऐली... कैसे कहूँ...
तापस - क्या यह रंगा से ताल्लुक है...
सतपती - जी सर...
तापस - आऊंगा जरूर... पहले बताओ हुआ क्या है....

फिर सतपती फोन पर कुछ बताने लगता है l जिसे सुन कर तापस की आँखे हैरानी से फैलती चली जाती है l फिर फोन रख कर खुद को जल्दी जल्दी तैयार करता है और गाड़ी ड्राइव कर कैपिटल हॉस्पिटल में पहुंचता है l वहाँ उसे दास और सतपती इंतजार करते हुए मिल जाते हैं l तीनों मिलकर स्पेशल वार्ड में पहुंचते हैं l तापस देखता है रंगा और उसके चार साथी वार्ड में ख़राब हालत में पड़े हुए हैं l रंगा की हालत तो फिरभी ठीक लग रही है पर उसके साथी ऐसे पड़े हुए हैं जैसे बदन का कोई हिस्सा लकवा ग्रस्त हुआ हो l तापस रंगा के बेड पर पहुंचता है l रंगा की आँखों में खौफ साफ साफ दिख रहा है l रंगा जैसे ही तापस को देखता है

रंगा - सुपरिटेंडेंट सर... मुझे किसी और जैल में शिफ्ट करा दीजिए.... प्लीज...
तापस - क्यूँ ऐसा क्या हुआ रंगा.... तुम तो अपना बदला लेने आए थे ना...
रंगा - (गिड़गिड़ाते हुए) मुझे किसी से कोई बदला नहीं लेना.... सर बस आप मुझे मेरे वकील से बात करा दीजिए... मैं... मैं दुबारा कभी... इस जैल में नहीं आऊंगा.... (तापस कुछ नहीं कहता, बस चुप रह कर कुछ सोचने लगता है) आ आप क्या सोच रहे हैं... सर...
तापस - हूँ... हाँ... मैं यह सोच रहा हूँ... आदमी को सीधा रहना चाहिए... देखो ना इससे पहले... इसी हस्पताल के इसी बेड पर... तुम उल्टे लेटे हुए थे... मगर जिद और माँग कर रहे थे... जैल में वापस जाने के लिए.... आज सीधे लेटे हुए हो... आज जिद भी कर रहे हो और मांग भी... इस जैल में नहीं जाने की...
रंगा - हाँ... आप सही कह रहे हैं... मैं तब उल्टी खोपड़ी से सोच रहा था... अब सीधा हो कर सोच रहा हूँ.... प्लीज मुझे मेरे वकील से बात करा दीजिए...
तापस - ठीक है... ठीक है... करा दूँगा... अब मुझे पूरे विस्तार में... सारी जानकारी दो.... वरना... आज रविवार है... और कल दस बजे तक... तुम्हें जैल में रख सकता हूँ...
रंगा - नहीं... नहीं... नहीं... नहीं... मैं बताता हूँ.... सब बताता हूँ...
सर... दो साल पहले... जब विश्व घायल हो कर इसी हस्पताल में इलाज के लिए दाखिल था... उस वक्त मेरे अड्डे पर छोटे राजा जी उर्फ़ पिनाक सिंह क्षेत्रपाल जी मिलने आए थे... उन्होंने मुझे एक काम सौंपा था... विश्व को अदालत में हाजिरी से पहले... अंदर से तोड़ देने के लिए... मैं विश्व से बलात्कार कर उसके अंदर के पुरुषार्थ को मिटा देना चाहता था.... पर आप जानते हैं... विश्व ने उल्टा मेरा पुरुषार्थ को तोड़ कर... झंझोड कर रख दिया.... नाकाम लोगों की... राजा साहब के दरबार में कोई काम नहीं होती... मुझे ना सिर्फ राजा साहब ने... बल्कि मेरी अपनी बनाई हुई दुनिया ने भी मुझे छोड़ दिया था...
इसी का बदला लेने के लिए पिछले एक साल से तैयारी कर रहा था... ताकि जो ज़ख़्म मुझे विश्व से मिला है... उससे कई गुना बड़ा ज़ख़्म विश्व को देना चाहता था... उससे पहले विश्व को मार मार कर धज्जियाँ उड़ा देना चाहता था.... मैं हर तरह से कोशिश किया विश्व को मुझसे उलझाने के लिए... मगर विश्व मुझे अपने जाल में फंसाता चला गया... वह बात मुझे आपके ऑफिस से पता चला... उस सीसीटीवी फुटेज से...
इसलिए मेरे पास सिर्फ़ एक ही रास्ता बचा था.... शैटर डे स्कैरी नाइट सल्युशन... जो हमने जैल में चलाया था....
तापस - व्हाट... तुम लोगों ने यह किया... और हममे से किसी को भी खबर नहीं...
दास - सर यह बात.. कांड होने के बाद ही हमें पता चलता है... यह लोग ऐफिडेविट पेपर में अपना कबुल नामा लिख कर रख लेते हैं.... और कांड के बाद किसी को कुछ हो या ना हो... कांड के हो जाने पर वह पेपर निकालते हैं....
तापस - अच्छा... यह बात है... यह जुगाड़ कैसे लगा लेते हैं... यह कम्बख्त.... हाँ तो रंगा... अब पूरी वाक्या विस्तार से बताओ... तुम जो विश्व को डराने आए थे... अब कैसे और क्यों डर के मारे भागने के जुगत में हो....
रंगा - सर बताता हूँ...

फ्लैशबैक रंगा की जुबानी

शुक्रवार लंच के समय विश्व अकेला एक कोने में डायनिंग टेबल पर बैठ कर खा रहा है l तभी रंगा अपना थाली लेकर विश्व के सामने बैठता है l विश्व अपने खाने में मगन रंगा की तरफ देखता नहीं l

रंगा - क्यूँ बे... हराम जादे... आज कल दिमाग खुब चला रहा है...
विश्व - (चुप रहता है)
रंगा - बे मादरचोद... तेरे रगों में खुन दौड़ता है या पानी... भोषड़ी के... कितनी आसानी से गाली हज़म कर रहा है...
विश्व - (फ़िर भी चुप रहता है)
रंगा - क्यूँ बे... जिस महापात्र का उपनाम अपने नाम के पीछे लगाया है.... उसके साथ तेरी माँ सोई थी तब जाकर तु पैदा हुआ... या वह भी गांडु महापात्र था... जो यही सोच कर रह गया... कौन मरा मारा... बच्चा हमारा... हा हा हा...

विश्व अपना खाना खतम कर हाथ और थाली धोने के लिए उठता है तो रास्ते में रंगा अपना टांग अड़ा देता है l विश्व रुक जाता है और रंगा को सपाट नजरों से देखता है l अब डायनिंग हॉल में सभी कैदी उन दोनों को देख रहे हैं l

विश्व - तु... चाहता क्या है... गांडु रंगा...
रंगा - ऐ... जुबान सम्भाल अपना...
विश्व - और तु गांड...

सभी कैदी दबी जुबान से हँसने लगते हैं l जिससे रंगा हाथ उठा देता है पर विश्व अपनी थाली दिखा देता है तो रंगा का हाथ थाली से टकरा जाता है l

विश्व - मुझे उकसाने के चक्कर में... तुने अपना सयम खो दिया... यहाँ भी सीसीटीवी है... ऐसा फंसेगा की...
रंगा - चुप बे... मर्द है तो मर्द की तरह भीड़ ना... यह सीसीटीवी की आड़ क्यूँ ले रहा है...
विश्व - यह कौन बोल रहा है... चूहे की जिगर रखने वाला... जो चार चार बंदों से एक आदमी को पकड़ कर उसके पिछवाड़े मुतने वाला... मर्द होने की धौंस जमा रहा है....
रंगा - अच्छा... यह बात है... तो तु... रंगा का जिगर देखेगा... रंगा कितना बड़ा मर्द है देखेगा... चल तेरी मन की मुराद पुरा कर देता हूँ... कल शनिवार है... यहाँ आपसी दुश्मनी को सुलझाने के लिए एक दुसरे से लड़ते हैं.... अग्रिमेंट के ज़रिए... चल करता है क्या... शैटर डे नाइट स्कैरी सल्युशन...
विश्व - (चुप रहता है)
रंगा - क्यूँ फट गई तेरी... चल अब मेरे सामने घुटने के बल झुक कर.... खुद को गांडु महापात्र बोल...

विश्व उसके सामने झुक कर घुटनों पर बैठता है, यह देख कर कुछ कैदी हैरान होते हैं और रंगा के चेहरे पर कुटिल मुस्कान खिल उठाता है l

विश्व - जैसी तेरी इच्छा... गांडु रंगा....

यह सुनते ही जहां रंगा की हँसी रुक जाती है वहीँ सभी कैदी मंद मंद मुस्कराने लगते हैं l फ़िर विश्व खड़ा हो जाता है l

रंगा - (चिल्लाता है) सीलु...
सीलु - जी... जी रंगा भाई...
रंगा - विश्व से कागजात पर दस्तखत ले लो....

सीलु विश्व के पास दो कागजात लेके जाता है l विश्व देखता है उसमें पहले से ही रंगा का दस्तखत है इसलिए दस्तखत कर एक काग़ज़ रख लेता है और दुसरा लौटा देता है l

रंगा काग़ज़ हाथ ले कर कहता है - हमारे फाइट का रेफरी येही सीलु होगा...
विश्व - जैसी तेरी इच्छा... गांडु रंगा...

रंगा बड़ी मुश्किल से सुन कर भी खुद को काबु करता है और विश्व को उंगली के इशारे से मार डालने की धमकी दे कर चला जाता है l
उसके बाद शनिवार की रात को गेम हॉल में सारे कैदी जमा हो जाते हैं l हॉल में सारे सामान एक किनारे कर दिया गया है l रंगा और विश्व दोनों हॉल के बीच में आ कर खड़े होते हैं l फर्श पर पानी डाल कर फिसलन भरा कर दिया गया है l रंगा अपना कुर्ता उतार देता है और अपना बॉडी दिखाने लगता है l इन दो सालों में रंगा ने अपना बढ़िया बॉडी बनाया हुआ है l सारे कैदी रंगा के नाम की हूटिंग करने लगते हैं l
सीलु सिटी मार कर फाइट का आगाज़ कर वहाँ से साइड हो जाता है l रंगा भाग कर चिल्लाते हुए विश्व के तरफ बढ़ता है l विश्व एक तरफ हट जाता है l रंगा फ़िर से विश्व को पकड़ने के लिए कोशिश करता है, इस बार भी वही होता है l विश्व लड़ाई की माहौल को कबड्डी में बदल देता है l रंगा कोशिश बहुत करता है पर विश्व उसके हाथ नहीं लगता l जिसके कारण रंगा बुरी तरह से थकने लगता है l उसे थकता देख रंगा के चारों साथी अचानक से अंदर आकर विश्व को पकड़ लेते हैं l

रंगा - (खुश होते हुए) शाबाश मेरे यारों... शाबाश... अब इस हरामजादे को तोड़ कर मसलता हूँ...
सीलु - (बीच में आ जाता है) यह गलत है... रंगा भाई.. यह गलत है... अग्रिमेंट में... वन टू वन फाइट लिखा है... आप लोग पांच हैं... यह गलत है...
रंगा - ऐ... इसे उठा कर फेंक दो रे....

रंगा का एक साथी सीलु को उठा कर कैदियों पर फेंक देता है l अब तीन लोग विश्व को पकड़े खड़े हुए हैं l रंगा और उसके साथी हँसने लगते हैं पर अचानक उन सबकी हँसी रुक जाती है l विश्व एक हूकींग किक उठाता है जो उसे पीछे पकड़े हुए आदमी को लगता है और वह पीछे छिटक कर दूर जा कर गिरता है, उसके बाद जो दो लोग विश्व के हाथों को पकड़े हुए हैं उन दोनों के हाथों को पकड़ कर सामने की तरफ फ्लिप मारता है l विश्व अपने घुटने पर आ जाता है पर वह दो लोग अपने पीठ के बल गिर कर कराहने लगते हैं l
यह सब सेकेंड के कुछ ही हिस्से में हो जाता है l रंगा और उसका चौथा साथी ही नहीं बल्कि सभी कैदी अचानक हुए इस घटनाक्रम से आश्चर्य चकित हो जाते हैं l पर उनके पकड़ से छूटने पर विश्व की कुर्ता फट जाता है, तो विश्व अपना कुर्ता फाड़ कर फेंक देता है l सबको विश्व के शरीर पर पेशियां और पेशियों पर कटाव दिखते हैं l सब विश्व के बदन को देख कर मन ही मन रंगा के बदन से तुलना करने लगते हैं l विश्व के जिस्म की कटाव के आगे रंगा का बदन भरा हुआ मांस का लोथड़ा नजर आने लगता है l खुद रंगा की हलक सूखने लगता है और वह बड़ी मुश्किल से थूक निगलता है l रंगा का वह चौथा साथी विश्व पर झपटा मार कर दाहिने हाथ का घुसा मारता है l विश्व उसके हाथ को अपने बाएं हाथ से रोक कर अपने दाएं हाथ की मुट्ठी में तर्जनी को मोड़ कर उसके कोहनी की अंदरुनी हिस्से पर मारता है फ़िर सामने कंधे की जोड़ पर मारता है फिर एक लात उसके सीने पर जड़ देता है जिससे वह आदमी उड़ते हुए कैदियों के बीच गिरता है l उसको उड़ते हुए जाते देख रंगा वहीँ पर जड़वत खड़ा रह जाता है l वह तीनों जो पीछे पड़े हुए थे वह उठ कर विश्व पर हमला कर देते हैं l विश्व उनके लिए तैयार था पहले वाले को एक स्पिन किक, दुसरे के चेहरे पर घुटने से और उसके बाद तीसरे को अपनी मुट्ठी के सारे मुड़े उँगलियों को सीधा कर एक ताकतवर पंच नाभि के ऊपर पेट पर जड़ देता है l उस तीसरे आदमी के मुहं से थोड़ा खुन निकालता है और वह पेट के बल गिर कर छटपटाने लगता है l फ़िर अपनी मुक्के की मध्यमा उंगली को मोड़ कर पहले वाले के बाएं रिबस पर मारता है फिर तर्जनी उंगली से दुसरे आदमी पीठ पर कंधे की जोड़ पर मारता है वह आदमी एक तरफ झुक कर किक मारने की कोशिश करता है तो उसके पैर पकड़ कर उसी मुड़ी हुई तर्जनी से घुटने के ऊपर जांघ पर एक घुसा मारता है l वे दोनों नीचे गिर जाते हैं और उनके हलक से गँ गँ कि आवाज़ निकलने लगती है I अपने चार साथियों का हश्र वह भी सिर्फ़ पांच सेकेंड से भी कम समय के भीतर देख कर रंगा के पैर कांपने लगते हैं l विश्व अब रंगा के तरफ बढ़ने लगता है और रंगा पीछे हटने लगता है और भागने की कोशिश करता है l पर चूँकि चारों तरफ कैदी घेरे हुए हैं इसलिए वह भाग नहीं पाता और तब तक विश्व रंगा तक पहुँच जाता है l रंगा डर के मारे घुटनों पर बैठ कर विश्व के आगे हाथ जोड़ देता है l विश्व उसके सामने आलती पालती मार कर बैठ जाता है l

विश्व - क्यूँ फट गई तेरी...
रंगा - (चुप रहता है)
विश्व - कितनी गालियाँ दी तुने मुझे... गिना नहीं होगा तुने....
रंगा - (चुप रहता है)
विश्व - जुबान है... तो कैसे कैसे चलाए तुने... कलेजा छलनी कर रख दिया तुने...
रंगा - म.. म.. मुझे.. मा.. माफ कर दो...
विश्व - एक शर्त पर...
रंगा - ब ब.. बोलिए विश्वा भाई...
विश्व - अब तु मुझे कभी नहीं दिखेगा... अगर कभी दिखा तो उसी दिन वहीँ पर जिंदा गाड़ दूँगा... कसम से... तेरी हर गाली का बदला उस दिन मैं लूँगा....

फ्लैशबैक से बाहर आता है रंगा l

रंगा - सर.... कुछ भी हो जाए... मैं तो जीते जी... विश्व के सामने नहीं आऊंगा... यह वह विश्व नहीं है... जो दो साल पहले आया था... जिससे मैं बदला लेना चाहता था.... यह तो कोई और है... ना चेहरे पर गुस्सा ना डर ना ही कोई भाव... एक दम सपाट... जब भी बात करता है... उसके हर शब्द में लगता है... जैसे मौत... हाँ मौत की सर्द महसूस होता है.... नहीं नहीं.. यह वह विश्व नहीं है... यह तो कोई और है.... या फिर यह कोई भूत है.... हाँ हाँ भूत ही तो हो सकता है... और नहीं तो... वह कहीं पर भी लड़ते हुए.... अकेला नहीं लगता था... ऐसा लगा जैसे एक नहीं... दो दो विश्व लड़ रहे हैं... या फिर उसके दो नहीं चार चार हाथ थे... इतना फुर्ती.... इतना फुर्ती किसी इंसान में... नहीं नहीं... यह भूत है... सेनापति सर भूत है वह... वह विश्व नहीं है...

तभी उस कमरे में डॉक्टर विजय आता है l विजय के देख कर

तापस - कहिए डॉक्टर... इन सबकी हालत कैसी है अब....

डॉक्टर - यार... यह तुम्हारा रंगा... इसको बहुत ही जबर्दस्त शॉक लगा है... कुछ ऐसा देखा है जिससे उसके मन में गहरा डर बैठ गया है... और बाकी चारों की हालत थोड़ी खराब है...
तापस - मतलब कितना खराब है....
डॉक्टर विजय - इन चारों को जहां जहां मार पड़ी है... उन जगहों पर लीगमेंटस हिल गए हैं... इसलिए उनको पारसीअल पैरालीसीस हुआ है... मतलब आंशिक लकवा...
तापस - (हैरान हो कर) व्हाट...
Jabardasttt Updatee

Vishwa ne Ranga ki jo halat ki hai uske baad toh woh ab kabhi bhi zindagi mein Vishwa ke samne nhi aayega. Woh toh uska naam sunke hi darega ab.

Ab lagta hai Pratyush ki maut hogi aur flashback khatam. Waise bhi bahot time hogya hai Flashback start hue. Ab present mein aajana chahiye kahani ko.
 

Lib am

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रंगा को जैल में आए तीन बीत चुके हैं l रंगा के साथ साथ सीलु और टीलु भी जैल में आ चुके हैं l विश्व के कहे अनुसार विश्व के चारों जासूस रंगा और उसके चार साथियों के साथ मिल गए हैं और चौबीसों घंटे उनकी चापलूसी में लगे चुके हुए हैं l इधर तापस के कैबिन में तापस के साथ साथ सतपती और दास मिलकर लैपटॉप पर पिछले तीन दिनों के सीसीटीवी के फुटेज देख रहे हैं l हर फुटेज में कहीं रंगा विश्व को उकसा रहा है, कहीं पर धक्का लगा रहा है और कहीं टंगड़ी लगा कर छेड़ रहा है l पर कहीं पर भी विश्व प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है l

तापस - चलो एक बात तो है... विश्व कोशिश कर रहा है... रंगा को अवॉइड करने की... बस रंगा ही जबरदस्ती गले पड़ रहा है...
सतपती - आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं सर... हमे रंगा को वार्न करना चाहिए....
तापस - हाँ मैंने उसे बुलाया है... आने दो उसे...

तभी रंगा बाहर से अंदर आने के लिए पूछता है l तीनों दरवाजे के तरफ देखते हैं l

तापस - हाँ... आओ.. रंगनाथ उर्फ़ रंगा... तुम जब आये थे... मैंने तुमको समझाया था... कुछ ऐसा मत करना... अपने रिमांड पिरीयड में... के मैं तुम पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज लगाऊँ... पर निकले तुम कुत्ते के दुम... बाज नहीं आए आखिर तुम...
रंगा - क्या सर... आप जानते हैं... मैं यहाँ आया क्यूँ हूँ...
सतपती - अच्छा... तो देर किस बात पर हो रही है... कोई अच्छी सी महुरत की प्रतीक्षा कर रहे हो क्या....

सतपती के इस तरह से कहने पर तापस हैरान व गुस्सा होता है और सतपती को घूरने लगता है l

रंगा - नहीं सर... वह क्या है कि... और दस दिन रहना है... मुझे... इसलिए मजे के लिए उसको अभी हड़का रहा हूँ...
सतपती - मतलब तुमने... विश्व से बदला लेने की ठान ली है..
रंगा - यह तो हो कर ही रहेगा... चाहे आप कितना भी चार्जर्स लगाओ...
सतपती - तब तो तुम्हें... और दस दिनों के लिए... काली कोठरी में बंद करना पड़ेगा...
रंगा - अगर आप ऐसा कुछ करने की कोशिश की.... तब... मैं खुद को बुरी तरह से ज़ख्मी कर लूँगा... और आप सब जैल स्टाफ पर... मानवाधिकार आयोग के सामने टॉर्चर का इल्ज़ाम लगा दूँगा...
तापस - व्हाट... यह क्या बकवास है....
रंगा - सर... इसलिए.... मेरे को ज्यादा ज्ञान मत चेपो... मैं जिस काम के लिए आया हूँ... वह तो मैं करूंगा ही... आप चाहे कुछ भी कर लो....
तापस - (अपनी जबड़े भींच कर) तुम मुझे धमका रहे हो....
रंगा - आप चाहे कुछ भी समझ लो...
तापस - तुम अपनी हेकड़ी हांकने के चक्कर में... बड़ी गलती कर गए हो.... पहली बात... तुमने इन तीन दिनों में... अपने ही खिलाफ सबूत बनाए हैं... यह देखो... (तापस लैपटॉप में वह सारे फुटेज दिखाता है, फुटेज देख कर रंगा की आंखे हैरानी से चौड़ी हो जाती है) और यहाँ आकर तुमने अपना इकबालिया जुर्म की बयान भी दे दिया है.... यह देखो.... (तापस अपने पीछे की दीवार पर लगे एक छोटी सी कैमरा दिखाता है) और इन सबके आधार पर मैं तुम्हें काल कोठरी में डाल सकता हूँ...

रंगा खुद को ठगासा महसूस करता है l वह अपना सर हिलाते हुए बिना कुछ कहे वहाँ से चल देता है l रंगा के जाते ही सतपती के तरफ देख कर

तापस - गुड़ वर्क सतपती... अच्छा ट्रैप किया...
सतपती - थैंक्स सर... पर आपने मुझे जिस तरह से देखा... पल भर के लिए तो मैं डर गया था...
तापस - हा हा... सॉरी... यह रंगा के सामने जरूरी था... पर पुरे इस प्रकरण में... एक आदमी खामोश खड़ा है... क्यूँ... दास क्या हुआ...
दास - सर पता नहीं क्यूँ पर अभी भी...
तापस - हाँ अभी भी...
दास - अभी भी... ऐसा लग रहा है... की हम बेवजह वीर को रंगा से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं... मुझे लगता है... हमे रंगा को वीर से दूर रखने की ज़रूरत है....
तापस - क्या... यह तुम किस आधार पर कह रहे हो....
दास - जी सर... एक मिनट... (कह कर लैपटॉप में फाइल से वह कैन्टीन वाली वीडियो चलाता है, जिसमें विश्व एक घुसे से दीवार पर लगे ग्रेनाइट को तोड़ रहा है) मैं इस वीडियो की बात कर रहा था...
सतपती - क्यूँ इसमे ऐसा क्या खास है... हो सकता है वह ग्रेनाइट कमजोर रहा हो...
दास - पर वह घुसा कमजोर नहीं था.... (तापस की ओर देख कर) सर... विश्व ने एक ज़ोरदार घुसा डैनी को भी मारा था... नतीजतन विश्व की हाथ में सूजन आ गई थी... डॉक्टर ने उसके हाथ में क्रैप्ट बैंडेज बांधा था... पर इस बार विश्व की हाथ सही सलामत है.... और गौर से देखिए सर... रंगा विश्व को वहीँ छेड़ पाया है... जहां जहां कैमरा है... मतलब विश्व रंगा के खिलाफ सबूत बना रहा है.... मुझे ऐसा लगता है... जैसे विश्व हमे दिखा कुछ रहा है... हम देख कुछ रहे हैं... रंगा सोच कुछ रहा है... पर होने वाला कुछ और है....
तापस - कभी इतनी कडवा सच बोलते हो... की चाह कर भी मन स्वीकार कर नहीं पाता है... खैर फ़िलहाल रंगा को वार्न किया है... देखो क्या होता है....


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इधर रंगा अपने चार साथी और चार नए चमचों के बीच बैठा गहरी सोच में डुबा हुआ है l

सीलु - (ख़ामोशी को तोड़ते हुए) बॉस... क्या बात है... आप... टेंशन में लग रहे हो...
रंगा - मैं इस जैल में कई बार आया हूँ... हर चप्पे चप्पे से वाकिफ़ हूँ... फ़िर भी जोश जोश में... मुझे याद नहीं रहा... कहाँ कहाँ पर सीसीटीवी के कैमरे लगे हुए हैं...
एक आदमी - तो... क्या हुआ बॉस... तुमको कौनसा अच्छे चाल चलन के लिए... बाहर जल्दी निकालना है...
जीलू - बिल्कुल बॉस... तुम्हें इस बात को लेकर इतना सिरीयस नहीं होना चाहिए....
दुसरा आदमी - हाँ बॉस... यह छूटकु... एक दम सही बोल रहा है... तुम इतना टेंशन में क्यूँ हो.... वह भी एक चिरकुट के लिए...
रंगा - तुम लोगों को... समझ में नहीं आ नहीं रहा है बे.... मैं यहाँ आने के बाद से विश्व को ढूंढ रहा हूँ... और वह मेरे हाथ आया भी... पर जब जब वह कैमरा के सामने आया... तब तब मेरे हाथ वह लगा... और हाथ में से ऐसे फिसला... जैसे पानी में मछली... अब मुझे लगने लगा है... मैं उसे नहीं बल्कि वह मुझे घेर रहा है....
मीलु - बॉस... इससे क्या होगा... मारना तो आपको है ना उसे...
तीसरा आदमी - हाँ बॉस... मारना तो आपको है उसे...
रंगा - तुम समझ नहीं रहे हो... मैंने उसके पास दिखा तो मुझे काल कोठरी वाले सेल में डाल देंगे... फ़िर मेरा बदला अधूरा रह जाएगा...
सीलु - तो इस परेशानी में... समाधान एक ही है...
रंगा - क्या....
सीलु - (गाते हुए) शनिवारा...ती हमें नींद नहीं आती....
चौथा आदमी - (सीलु के सर के पीछे टफली मारते हुए) अबे सही सही बोल... गाना क्यूँ बजा रहा है...
सीलु - (अपना सर को मलते हुए) बॉस मैं... शनिवार रात वाली समाधान की बात कर रहा था...
पहला आदमी - यह... शनिवार समाधान वाली रात क्या है बॉस....
रंगा - अररे.. हाँ... यह सीलु ने... ठीक कहा है... यह एक रिवाज है... जिसे डैनी के साथ मिलकर हम सब लोगों ने ही... इस जैल में शुरू किया था...
दुसरा आदमी - रिवाज.... कैसा रिवाज...
रंगा - गुस्सा उतारने के लिए... दो कैदी अपनी मर्जी से... एक दुसरे से लड़ते हैं... आपसी मंजुरी से... इसमें जैल वालों की कोई दखल नहीं होता.... पर सवाल यह है... उस लड़ाई के लिए... विश्व को तैयार कैसे किया जाए....
टीलु - बहुत ही आसान है बॉस...
रंगा - कैसे...
टीलु - बॉस... विश्व को आप सबके सामने.... डैनी की तरह की तरह छेड़ना.... आख़िर विश्व ने डैनी पर भी हाथ छोड़ा ही था....
रंगा - हाँ यह मैं यहाँ सुना है... और विश्व ने.... इस बात के लिए... डेढ़ साल तक डैनी की गुलामी करी है...
तीसरा आदमी - सुना तो यह भी है... विश्व ने एक घुसे से... दीवार से चिपके ग्रेनाइट को तोड़ा है...
सीलु - अरे भाई... अगर उस वक़्त विश्व को मैंने ही उकसाया था... हाँ यह बात और है... फटी मेरी बहुत थी... पर सच तो यह है कि... वह ग्रेनाइट दीवार से खराब सीमेंट से चिपका हुआ था... इसलिए टूट गया.... ग्रेनाइट अगर एक फुट की ऊँचाई से भी गिर जाता है... तब भी टूटता ही है... अरे मैं तो बोलता हूँ... रंगा भाई होते तो पुरा का पुरा दीवार ही ढह गया होता...
रंगा - हा हा हा हा.... शाबाश मेरे चमचे शाबाश... (खड़े हो कर) अब शुक्रवार लंच के टाइम को ही.... मैं खुद उसको उकसाउंगा.. हा हा हा हा...

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तापस घर पहुंच कर देखता है प्रतिभा और प्रत्युष दोनों सोफ़े पर मुहँ लटकाए बैठे हुए हैं l तापस दोनों के चेहरे को गौर से देखता है और

तापस - क्या हुआ प्रत्युष....
प्रत्युष - प्लान फैल हो गया...
तापस - मतलब...
प्रत्युष - मैंने जो दवाई के सैंपल भेजे थे... उनमें कोई बैनड ड्रग्स नहीं मिले....
तापस - क्या... (तापस धप कर बैठ जाता है) इसका मतलब...
प्रतिभा - या तो... दवाओं के मामले में प्रत्युष को गलत फहमी है या फिर.... यश वर्धन को मालुम हो गया है....
प्रत्युष - दवाओं के मामले में मुझे कोई गलत फहमी नहीं है डैड... पर लगता है... हम लोग यश वर्धन के सर्विलांस में हैं...

कुछ देर के लिए किसीके मुहँ से कोई शब्द नहीं निकालता है l तापस और प्रतिभा के चेहरे पर टेंशन साफ़ दिख रहा है पर प्रत्युष का चेहरा कठोर दिख रहा है l

तापस - उन अंकल के नाम पर... तुमने फॉर्म भरा था ना...
प्रत्युष - हाँ... सैंपल का रिपोर्ट भी उन अंकल के पते पर ही आया था...
तापस - (झिझकते हुए) क्या... सैंपल... उन अंकल ने....
प्रत्युष - नहीं डैड नहीं... वह एक्स सर्विस मेन हैं... और वह अपने हेल्थ के लिए... बहुत कंसियस हैं.... उनको भी दवाओं की रिपोर्ट पर खेद है.... इसलिए कुछ पुराने दवाएँ थे उनके पास... वह मैं लेकर आया हूँ... पर हम इसे पोस्टल पर भेजने के वजाए खुद जा कर हाथों हाथ रिपोर्ट लाएं तो बेहतर होगा....
तापस - ह्म्म्म्म... अगर हम उसके सर्विलांस में हैं... तो हम जरा सा भी हिले... उसे पता चल जाएगा...
प्रत्युष - डैड अगर नहीं... हम वाकई उसके सर्विलांस में हैं....
प्रतिभा - अगर हम उसके सर्विलांस में हैं... तो अभी तक वह रिएक्ट क्यूँ नहीं किया....
तापस - शायद मौके की तलाश में है....
प्रतिभा - (आँखे डबडबा जाती हैं) अब हम क्या करें... सेनापति जी...
तापस - मुझे भी कुछ सूझ नहीं रहा है...
प्रतिभा - हमें उसकी सर्विलांस को भटकाना होगा... या फिर उस वक्त का इंतजार करना होगा... कुछ भी हो हमे यह काम जल्द से जल्द पुरा करना ही होगा....
प्रत्युष - हाँ डैड... इससे पहले कि वह रिएक्ट करे... हमे उस पर वार करना होगा...
तापस - कैसे... कैसे... कैसे... हमारे पास सबूत नहीं है... रैड नहीं करा सकते.... कहीं पर चूक गए तो... वह हम पर डीफेम केस कर देगा और पेनाल्टी ठोक देगा...
प्रतिभा - एक प्लान है.... जिससे काम बन सकता है...
तापस - कैसा प्लान...
प्रतिभा - आप किसी तरह ऑफिशियली टूर पर... भुवनेश्वर से बाहर निकलिए... और हाथों हाथ रिपोर्ट लाने की कोशिश करें....
प्रत्युष - हाँ डैड... माँ ठीक कह रही है... हमारी हर एक्टिविटी पर उसकी नजर है.... आप अगर ऑफिशियली भुवनेश्वर से बाहर निकलेंगे... तो हम शायद कुछ कर पाएंगे... उधर आपको जैसे ही रिपोर्ट हासिल होगा... हम यहां पर प्रेस कांफ्रेंस कर यश की पोल खोल देंगे....
प्रतिभा - हाँ ऐसा हो पाया तो... बहुत बढ़िया होगा....
तापस - ह्म्म्म्म... ठीक है... मैं दिल्ली का टूर प्लान करता हूँ.... ट्रेन में बैठ कर हावड़ा में उतर जाऊँगा.... कलकत्ते में रिपोर्ट बना लेने के बाद... फ्लाइट लेकर सीधे भुवनेश्वर आ जाऊँगा...
प्रत्युष - वाव डैड... क्या क्रिमिनल वाला दिमाग चलाया है... जैसे ही आपको रिपोर्ट मिल जाएगी...
प्रतिभा - वैसे ही हम... यहां पर प्रेस कांफ्रेंस की तैयारी कर देंगे.... और सीधे प्रेस कांफ्रेंस में ही... यश के चेहरे पर से.. शराफत का नकाब उतारेंगे....
तापस - डन...
प्रत्युष - डन....
प्रतिभा - डन...

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रविवार की सुबह तड़के तापस के घर की फोन बजने लगता है l तापस नींद भरे आंखों से फोन उठाता है l

तापस - है... हैलो...
सतपती - सर आपका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा है....
तापस - अच्छा... शायद बैटरी में चार्ज खतम हो गई होगी... सुबह सुबह मतलब क्या कोई लफड़ा हुआ है.... बोलो क्या हुआ है...
सतपती - सर... वह... एक्चुऐली... कैसे कहूँ...
तापस - क्या यह रंगा से ताल्लुक है...
सतपती - जी सर...
तापस - आऊंगा जरूर... पहले बताओ हुआ क्या है....

फिर सतपती फोन पर कुछ बताने लगता है l जिसे सुन कर तापस की आँखे हैरानी से फैलती चली जाती है l फिर फोन रख कर खुद को जल्दी जल्दी तैयार करता है और गाड़ी ड्राइव कर कैपिटल हॉस्पिटल में पहुंचता है l वहाँ उसे दास और सतपती इंतजार करते हुए मिल जाते हैं l तीनों मिलकर स्पेशल वार्ड में पहुंचते हैं l तापस देखता है रंगा और उसके चार साथी वार्ड में ख़राब हालत में पड़े हुए हैं l रंगा की हालत तो फिरभी ठीक लग रही है पर उसके साथी ऐसे पड़े हुए हैं जैसे बदन का कोई हिस्सा लकवा ग्रस्त हुआ हो l तापस रंगा के बेड पर पहुंचता है l रंगा की आँखों में खौफ साफ साफ दिख रहा है l रंगा जैसे ही तापस को देखता है

रंगा - सुपरिटेंडेंट सर... मुझे किसी और जैल में शिफ्ट करा दीजिए.... प्लीज...
तापस - क्यूँ ऐसा क्या हुआ रंगा.... तुम तो अपना बदला लेने आए थे ना...
रंगा - (गिड़गिड़ाते हुए) मुझे किसी से कोई बदला नहीं लेना.... सर बस आप मुझे मेरे वकील से बात करा दीजिए... मैं... मैं दुबारा कभी... इस जैल में नहीं आऊंगा.... (तापस कुछ नहीं कहता, बस चुप रह कर कुछ सोचने लगता है) आ आप क्या सोच रहे हैं... सर...
तापस - हूँ... हाँ... मैं यह सोच रहा हूँ... आदमी को सीधा रहना चाहिए... देखो ना इससे पहले... इसी हस्पताल के इसी बेड पर... तुम उल्टे लेटे हुए थे... मगर जिद और माँग कर रहे थे... जैल में वापस जाने के लिए.... आज सीधे लेटे हुए हो... आज जिद भी कर रहे हो और मांग भी... इस जैल में नहीं जाने की...
रंगा - हाँ... आप सही कह रहे हैं... मैं तब उल्टी खोपड़ी से सोच रहा था... अब सीधा हो कर सोच रहा हूँ.... प्लीज मुझे मेरे वकील से बात करा दीजिए...
तापस - ठीक है... ठीक है... करा दूँगा... अब मुझे पूरे विस्तार में... सारी जानकारी दो.... वरना... आज रविवार है... और कल दस बजे तक... तुम्हें जैल में रख सकता हूँ...
रंगा - नहीं... नहीं... नहीं... नहीं... मैं बताता हूँ.... सब बताता हूँ...
सर... दो साल पहले... जब विश्व घायल हो कर इसी हस्पताल में इलाज के लिए दाखिल था... उस वक्त मेरे अड्डे पर छोटे राजा जी उर्फ़ पिनाक सिंह क्षेत्रपाल जी मिलने आए थे... उन्होंने मुझे एक काम सौंपा था... विश्व को अदालत में हाजिरी से पहले... अंदर से तोड़ देने के लिए... मैं विश्व से बलात्कार कर उसके अंदर के पुरुषार्थ को मिटा देना चाहता था.... पर आप जानते हैं... विश्व ने उल्टा मेरा पुरुषार्थ को तोड़ कर... झंझोड कर रख दिया.... नाकाम लोगों की... राजा साहब के दरबार में कोई काम नहीं होती... मुझे ना सिर्फ राजा साहब ने... बल्कि मेरी अपनी बनाई हुई दुनिया ने भी मुझे छोड़ दिया था...
इसी का बदला लेने के लिए पिछले एक साल से तैयारी कर रहा था... ताकि जो ज़ख़्म मुझे विश्व से मिला है... उससे कई गुना बड़ा ज़ख़्म विश्व को देना चाहता था... उससे पहले विश्व को मार मार कर धज्जियाँ उड़ा देना चाहता था.... मैं हर तरह से कोशिश किया विश्व को मुझसे उलझाने के लिए... मगर विश्व मुझे अपने जाल में फंसाता चला गया... वह बात मुझे आपके ऑफिस से पता चला... उस सीसीटीवी फुटेज से...
इसलिए मेरे पास सिर्फ़ एक ही रास्ता बचा था.... शैटर डे स्कैरी नाइट सल्युशन... जो हमने जैल में चलाया था....
तापस - व्हाट... तुम लोगों ने यह किया... और हममे से किसी को भी खबर नहीं...
दास - सर यह बात.. कांड होने के बाद ही हमें पता चलता है... यह लोग ऐफिडेविट पेपर में अपना कबुल नामा लिख कर रख लेते हैं.... और कांड के बाद किसी को कुछ हो या ना हो... कांड के हो जाने पर वह पेपर निकालते हैं....
तापस - अच्छा... यह बात है... यह जुगाड़ कैसे लगा लेते हैं... यह कम्बख्त.... हाँ तो रंगा... अब पूरी वाक्या विस्तार से बताओ... तुम जो विश्व को डराने आए थे... अब कैसे और क्यों डर के मारे भागने के जुगत में हो....
रंगा - सर बताता हूँ...

फ्लैशबैक रंगा की जुबानी

शुक्रवार लंच के समय विश्व अकेला एक कोने में डायनिंग टेबल पर बैठ कर खा रहा है l तभी रंगा अपना थाली लेकर विश्व के सामने बैठता है l विश्व अपने खाने में मगन रंगा की तरफ देखता नहीं l

रंगा - क्यूँ बे... हराम जादे... आज कल दिमाग खुब चला रहा है...
विश्व - (चुप रहता है)
रंगा - बे मादरचोद... तेरे रगों में खुन दौड़ता है या पानी... भोषड़ी के... कितनी आसानी से गाली हज़म कर रहा है...
विश्व - (फ़िर भी चुप रहता है)
रंगा - क्यूँ बे... जिस महापात्र का उपनाम अपने नाम के पीछे लगाया है.... उसके साथ तेरी माँ सोई थी तब जाकर तु पैदा हुआ... या वह भी गांडु महापात्र था... जो यही सोच कर रह गया... कौन मरा मारा... बच्चा हमारा... हा हा हा...

विश्व अपना खाना खतम कर हाथ और थाली धोने के लिए उठता है तो रास्ते में रंगा अपना टांग अड़ा देता है l विश्व रुक जाता है और रंगा को सपाट नजरों से देखता है l अब डायनिंग हॉल में सभी कैदी उन दोनों को देख रहे हैं l

विश्व - तु... चाहता क्या है... गांडु रंगा...
रंगा - ऐ... जुबान सम्भाल अपना...
विश्व - और तु गांड...

सभी कैदी दबी जुबान से हँसने लगते हैं l जिससे रंगा हाथ उठा देता है पर विश्व अपनी थाली दिखा देता है तो रंगा का हाथ थाली से टकरा जाता है l

विश्व - मुझे उकसाने के चक्कर में... तुने अपना सयम खो दिया... यहाँ भी सीसीटीवी है... ऐसा फंसेगा की...
रंगा - चुप बे... मर्द है तो मर्द की तरह भीड़ ना... यह सीसीटीवी की आड़ क्यूँ ले रहा है...
विश्व - यह कौन बोल रहा है... चूहे की जिगर रखने वाला... जो चार चार बंदों से एक आदमी को पकड़ कर उसके पिछवाड़े मुतने वाला... मर्द होने की धौंस जमा रहा है....
रंगा - अच्छा... यह बात है... तो तु... रंगा का जिगर देखेगा... रंगा कितना बड़ा मर्द है देखेगा... चल तेरी मन की मुराद पुरा कर देता हूँ... कल शनिवार है... यहाँ आपसी दुश्मनी को सुलझाने के लिए एक दुसरे से लड़ते हैं.... अग्रिमेंट के ज़रिए... चल करता है क्या... शैटर डे नाइट स्कैरी सल्युशन...
विश्व - (चुप रहता है)
रंगा - क्यूँ फट गई तेरी... चल अब मेरे सामने घुटने के बल झुक कर.... खुद को गांडु महापात्र बोल...

विश्व उसके सामने झुक कर घुटनों पर बैठता है, यह देख कर कुछ कैदी हैरान होते हैं और रंगा के चेहरे पर कुटिल मुस्कान खिल उठाता है l

विश्व - जैसी तेरी इच्छा... गांडु रंगा....

यह सुनते ही जहां रंगा की हँसी रुक जाती है वहीँ सभी कैदी मंद मंद मुस्कराने लगते हैं l फ़िर विश्व खड़ा हो जाता है l

रंगा - (चिल्लाता है) सीलु...
सीलु - जी... जी रंगा भाई...
रंगा - विश्व से कागजात पर दस्तखत ले लो....

सीलु विश्व के पास दो कागजात लेके जाता है l विश्व देखता है उसमें पहले से ही रंगा का दस्तखत है इसलिए दस्तखत कर एक काग़ज़ रख लेता है और दुसरा लौटा देता है l

रंगा काग़ज़ हाथ ले कर कहता है - हमारे फाइट का रेफरी येही सीलु होगा...
विश्व - जैसी तेरी इच्छा... गांडु रंगा...

रंगा बड़ी मुश्किल से सुन कर भी खुद को काबु करता है और विश्व को उंगली के इशारे से मार डालने की धमकी दे कर चला जाता है l
उसके बाद शनिवार की रात को गेम हॉल में सारे कैदी जमा हो जाते हैं l हॉल में सारे सामान एक किनारे कर दिया गया है l रंगा और विश्व दोनों हॉल के बीच में आ कर खड़े होते हैं l फर्श पर पानी डाल कर फिसलन भरा कर दिया गया है l रंगा अपना कुर्ता उतार देता है और अपना बॉडी दिखाने लगता है l इन दो सालों में रंगा ने अपना बढ़िया बॉडी बनाया हुआ है l सारे कैदी रंगा के नाम की हूटिंग करने लगते हैं l
सीलु सिटी मार कर फाइट का आगाज़ कर वहाँ से साइड हो जाता है l रंगा भाग कर चिल्लाते हुए विश्व के तरफ बढ़ता है l विश्व एक तरफ हट जाता है l रंगा फ़िर से विश्व को पकड़ने के लिए कोशिश करता है, इस बार भी वही होता है l विश्व लड़ाई की माहौल को कबड्डी में बदल देता है l रंगा कोशिश बहुत करता है पर विश्व उसके हाथ नहीं लगता l जिसके कारण रंगा बुरी तरह से थकने लगता है l उसे थकता देख रंगा के चारों साथी अचानक से अंदर आकर विश्व को पकड़ लेते हैं l

रंगा - (खुश होते हुए) शाबाश मेरे यारों... शाबाश... अब इस हरामजादे को तोड़ कर मसलता हूँ...
सीलु - (बीच में आ जाता है) यह गलत है... रंगा भाई.. यह गलत है... अग्रिमेंट में... वन टू वन फाइट लिखा है... आप लोग पांच हैं... यह गलत है...
रंगा - ऐ... इसे उठा कर फेंक दो रे....

रंगा का एक साथी सीलु को उठा कर कैदियों पर फेंक देता है l अब तीन लोग विश्व को पकड़े खड़े हुए हैं l रंगा और उसके साथी हँसने लगते हैं पर अचानक उन सबकी हँसी रुक जाती है l विश्व एक हूकींग किक उठाता है जो उसे पीछे पकड़े हुए आदमी को लगता है और वह पीछे छिटक कर दूर जा कर गिरता है, उसके बाद जो दो लोग विश्व के हाथों को पकड़े हुए हैं उन दोनों के हाथों को पकड़ कर सामने की तरफ फ्लिप मारता है l विश्व अपने घुटने पर आ जाता है पर वह दो लोग अपने पीठ के बल गिर कर कराहने लगते हैं l
यह सब सेकेंड के कुछ ही हिस्से में हो जाता है l रंगा और उसका चौथा साथी ही नहीं बल्कि सभी कैदी अचानक हुए इस घटनाक्रम से आश्चर्य चकित हो जाते हैं l पर उनके पकड़ से छूटने पर विश्व की कुर्ता फट जाता है, तो विश्व अपना कुर्ता फाड़ कर फेंक देता है l सबको विश्व के शरीर पर पेशियां और पेशियों पर कटाव दिखते हैं l सब विश्व के बदन को देख कर मन ही मन रंगा के बदन से तुलना करने लगते हैं l विश्व के जिस्म की कटाव के आगे रंगा का बदन भरा हुआ मांस का लोथड़ा नजर आने लगता है l खुद रंगा की हलक सूखने लगता है और वह बड़ी मुश्किल से थूक निगलता है l रंगा का वह चौथा साथी विश्व पर झपटा मार कर दाहिने हाथ का घुसा मारता है l विश्व उसके हाथ को अपने बाएं हाथ से रोक कर अपने दाएं हाथ की मुट्ठी में तर्जनी को मोड़ कर उसके कोहनी की अंदरुनी हिस्से पर मारता है फ़िर सामने कंधे की जोड़ पर मारता है फिर एक लात उसके सीने पर जड़ देता है जिससे वह आदमी उड़ते हुए कैदियों के बीच गिरता है l उसको उड़ते हुए जाते देख रंगा वहीँ पर जड़वत खड़ा रह जाता है l वह तीनों जो पीछे पड़े हुए थे वह उठ कर विश्व पर हमला कर देते हैं l विश्व उनके लिए तैयार था पहले वाले को एक स्पिन किक, दुसरे के चेहरे पर घुटने से और उसके बाद तीसरे को अपनी मुट्ठी के सारे मुड़े उँगलियों को सीधा कर एक ताकतवर पंच नाभि के ऊपर पेट पर जड़ देता है l उस तीसरे आदमी के मुहं से थोड़ा खुन निकालता है और वह पेट के बल गिर कर छटपटाने लगता है l फ़िर अपनी मुक्के की मध्यमा उंगली को मोड़ कर पहले वाले के बाएं रिबस पर मारता है फिर तर्जनी उंगली से दुसरे आदमी पीठ पर कंधे की जोड़ पर मारता है वह आदमी एक तरफ झुक कर किक मारने की कोशिश करता है तो उसके पैर पकड़ कर उसी मुड़ी हुई तर्जनी से घुटने के ऊपर जांघ पर एक घुसा मारता है l वे दोनों नीचे गिर जाते हैं और उनके हलक से गँ गँ कि आवाज़ निकलने लगती है I अपने चार साथियों का हश्र वह भी सिर्फ़ पांच सेकेंड से भी कम समय के भीतर देख कर रंगा के पैर कांपने लगते हैं l विश्व अब रंगा के तरफ बढ़ने लगता है और रंगा पीछे हटने लगता है और भागने की कोशिश करता है l पर चूँकि चारों तरफ कैदी घेरे हुए हैं इसलिए वह भाग नहीं पाता और तब तक विश्व रंगा तक पहुँच जाता है l रंगा डर के मारे घुटनों पर बैठ कर विश्व के आगे हाथ जोड़ देता है l विश्व उसके सामने आलती पालती मार कर बैठ जाता है l

विश्व - क्यूँ फट गई तेरी...
रंगा - (चुप रहता है)
विश्व - कितनी गालियाँ दी तुने मुझे... गिना नहीं होगा तुने....
रंगा - (चुप रहता है)
विश्व - जुबान है... तो कैसे कैसे चलाए तुने... कलेजा छलनी कर रख दिया तुने...
रंगा - म.. म.. मुझे.. मा.. माफ कर दो...
विश्व - एक शर्त पर...
रंगा - ब ब.. बोलिए विश्वा भाई...
विश्व - अब तु मुझे कभी नहीं दिखेगा... अगर कभी दिखा तो उसी दिन वहीँ पर जिंदा गाड़ दूँगा... कसम से... तेरी हर गाली का बदला उस दिन मैं लूँगा....

फ्लैशबैक से बाहर आता है रंगा l

रंगा - सर.... कुछ भी हो जाए... मैं तो जीते जी... विश्व के सामने नहीं आऊंगा... यह वह विश्व नहीं है... जो दो साल पहले आया था... जिससे मैं बदला लेना चाहता था.... यह तो कोई और है... ना चेहरे पर गुस्सा ना डर ना ही कोई भाव... एक दम सपाट... जब भी बात करता है... उसके हर शब्द में लगता है... जैसे मौत... हाँ मौत की सर्द महसूस होता है.... नहीं नहीं.. यह वह विश्व नहीं है... यह तो कोई और है.... या फिर यह कोई भूत है.... हाँ हाँ भूत ही तो हो सकता है... और नहीं तो... वह कहीं पर भी लड़ते हुए.... अकेला नहीं लगता था... ऐसा लगा जैसे एक नहीं... दो दो विश्व लड़ रहे हैं... या फिर उसके दो नहीं चार चार हाथ थे... इतना फुर्ती.... इतना फुर्ती किसी इंसान में... नहीं नहीं... यह भूत है... सेनापति सर भूत है वह... वह विश्व नहीं है...

तभी उस कमरे में डॉक्टर विजय आता है l विजय के देख कर

तापस - कहिए डॉक्टर... इन सबकी हालत कैसी है अब....

डॉक्टर - यार... यह तुम्हारा रंगा... इसको बहुत ही जबर्दस्त शॉक लगा है... कुछ ऐसा देखा है जिससे उसके मन में गहरा डर बैठ गया है... और बाकी चारों की हालत थोड़ी खराब है...
तापस - मतलब कितना खराब है....
डॉक्टर विजय - इन चारों को जहां जहां मार पड़ी है... उन जगहों पर लीगमेंटस हिल गए हैं... इसलिए उनको पारसीअल पैरालीसीस हुआ है... मतलब आंशिक लकवा...
तापस - (हैरान हो कर) व्हाट...
मतलब जो रंगा विश्व के साथ करना चाह रहा था वो विश्व ने कर दिया उसके साथ। उसकी मर्दानगी और आत्मविश्वास खतम कर दी, अब वो सिर्फ एक डरा हुआ मामूली गुंडा रह गया है। मगर सेनापति परिवार एक गहरी साजिश में फसने वाला है जिसमे प्रत्युष को अपना बलिदान देना पड़ेगा। बहुत खूब, जबरदस्त अपडेट।
 
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Kala Nag

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Jabardasttt Updatee

Vishwa ne Ranga ki jo halat ki hai uske baad toh woh ab kabhi bhi zindagi mein Vishwa ke samne nhi aayega. Woh toh uska naam sunke hi darega ab.

Ab lagta hai Pratyush ki maut hogi aur flashback khatam. Waise bhi bahot time hogya hai Flashback start hue. Ab present mein aajana chahiye kahani ko.
आपने ठीक कहा फ्लैशबैक खतम होने की कगार पर आ गया है
उसके बाद प्रेजेंट पर आएगी और विश्व जैल से छूटेगा
 

Kala Nag

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मतलब जो रंगा विश्व के साथ करना चाह रहा था वो विश्व ने कर दिया उसके साथ। उसकी मर्दानगी और आत्मविश्वास खतम कर दी, अब वो सिर्फ एक डरा हुआ मामूली गुंडा रह गया है। मगर सेनापति परिवार एक गहरी साजिश में फसने वाला है जिसमे प्रत्युष को अपना बलिदान देना पड़ेगा। बहुत खूब, जबरदस्त अपडेट।
प्रत्युष का बलिदान होगा
उसके बाद विश्व के लक्ष को धार मिलेगा
उसके बाद ताकत और दिमाग का खेल होगा
 

parkas

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रंगा को जैल में आए तीन बीत चुके हैं l रंगा के साथ साथ सीलु और टीलु भी जैल में आ चुके हैं l विश्व के कहे अनुसार विश्व के चारों जासूस रंगा और उसके चार साथियों के साथ मिल गए हैं और चौबीसों घंटे उनकी चापलूसी में लगे चुके हुए हैं l इधर तापस के कैबिन में तापस के साथ साथ सतपती और दास मिलकर लैपटॉप पर पिछले तीन दिनों के सीसीटीवी के फुटेज देख रहे हैं l हर फुटेज में कहीं रंगा विश्व को उकसा रहा है, कहीं पर धक्का लगा रहा है और कहीं टंगड़ी लगा कर छेड़ रहा है l पर कहीं पर भी विश्व प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है l

तापस - चलो एक बात तो है... विश्व कोशिश कर रहा है... रंगा को अवॉइड करने की... बस रंगा ही जबरदस्ती गले पड़ रहा है...
सतपती - आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं सर... हमे रंगा को वार्न करना चाहिए....
तापस - हाँ मैंने उसे बुलाया है... आने दो उसे...

तभी रंगा बाहर से अंदर आने के लिए पूछता है l तीनों दरवाजे के तरफ देखते हैं l

तापस - हाँ... आओ.. रंगनाथ उर्फ़ रंगा... तुम जब आये थे... मैंने तुमको समझाया था... कुछ ऐसा मत करना... अपने रिमांड पिरीयड में... के मैं तुम पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज लगाऊँ... पर निकले तुम कुत्ते के दुम... बाज नहीं आए आखिर तुम...
रंगा - क्या सर... आप जानते हैं... मैं यहाँ आया क्यूँ हूँ...
सतपती - अच्छा... तो देर किस बात पर हो रही है... कोई अच्छी सी महुरत की प्रतीक्षा कर रहे हो क्या....

सतपती के इस तरह से कहने पर तापस हैरान व गुस्सा होता है और सतपती को घूरने लगता है l

रंगा - नहीं सर... वह क्या है कि... और दस दिन रहना है... मुझे... इसलिए मजे के लिए उसको अभी हड़का रहा हूँ...
सतपती - मतलब तुमने... विश्व से बदला लेने की ठान ली है..
रंगा - यह तो हो कर ही रहेगा... चाहे आप कितना भी चार्जर्स लगाओ...
सतपती - तब तो तुम्हें... और दस दिनों के लिए... काली कोठरी में बंद करना पड़ेगा...
रंगा - अगर आप ऐसा कुछ करने की कोशिश की.... तब... मैं खुद को बुरी तरह से ज़ख्मी कर लूँगा... और आप सब जैल स्टाफ पर... मानवाधिकार आयोग के सामने टॉर्चर का इल्ज़ाम लगा दूँगा...
तापस - व्हाट... यह क्या बकवास है....
रंगा - सर... इसलिए.... मेरे को ज्यादा ज्ञान मत चेपो... मैं जिस काम के लिए आया हूँ... वह तो मैं करूंगा ही... आप चाहे कुछ भी कर लो....
तापस - (अपनी जबड़े भींच कर) तुम मुझे धमका रहे हो....
रंगा - आप चाहे कुछ भी समझ लो...
तापस - तुम अपनी हेकड़ी हांकने के चक्कर में... बड़ी गलती कर गए हो.... पहली बात... तुमने इन तीन दिनों में... अपने ही खिलाफ सबूत बनाए हैं... यह देखो... (तापस लैपटॉप में वह सारे फुटेज दिखाता है, फुटेज देख कर रंगा की आंखे हैरानी से चौड़ी हो जाती है) और यहाँ आकर तुमने अपना इकबालिया जुर्म की बयान भी दे दिया है.... यह देखो.... (तापस अपने पीछे की दीवार पर लगे एक छोटी सी कैमरा दिखाता है) और इन सबके आधार पर मैं तुम्हें काल कोठरी में डाल सकता हूँ...

रंगा खुद को ठगासा महसूस करता है l वह अपना सर हिलाते हुए बिना कुछ कहे वहाँ से चल देता है l रंगा के जाते ही सतपती के तरफ देख कर

तापस - गुड़ वर्क सतपती... अच्छा ट्रैप किया...
सतपती - थैंक्स सर... पर आपने मुझे जिस तरह से देखा... पल भर के लिए तो मैं डर गया था...
तापस - हा हा... सॉरी... यह रंगा के सामने जरूरी था... पर पुरे इस प्रकरण में... एक आदमी खामोश खड़ा है... क्यूँ... दास क्या हुआ...
दास - सर पता नहीं क्यूँ पर अभी भी...
तापस - हाँ अभी भी...
दास - अभी भी... ऐसा लग रहा है... की हम बेवजह वीर को रंगा से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं... मुझे लगता है... हमे रंगा को वीर से दूर रखने की ज़रूरत है....
तापस - क्या... यह तुम किस आधार पर कह रहे हो....
दास - जी सर... एक मिनट... (कह कर लैपटॉप में फाइल से वह कैन्टीन वाली वीडियो चलाता है, जिसमें विश्व एक घुसे से दीवार पर लगे ग्रेनाइट को तोड़ रहा है) मैं इस वीडियो की बात कर रहा था...
सतपती - क्यूँ इसमे ऐसा क्या खास है... हो सकता है वह ग्रेनाइट कमजोर रहा हो...
दास - पर वह घुसा कमजोर नहीं था.... (तापस की ओर देख कर) सर... विश्व ने एक ज़ोरदार घुसा डैनी को भी मारा था... नतीजतन विश्व की हाथ में सूजन आ गई थी... डॉक्टर ने उसके हाथ में क्रैप्ट बैंडेज बांधा था... पर इस बार विश्व की हाथ सही सलामत है.... और गौर से देखिए सर... रंगा विश्व को वहीँ छेड़ पाया है... जहां जहां कैमरा है... मतलब विश्व रंगा के खिलाफ सबूत बना रहा है.... मुझे ऐसा लगता है... जैसे विश्व हमे दिखा कुछ रहा है... हम देख कुछ रहे हैं... रंगा सोच कुछ रहा है... पर होने वाला कुछ और है....
तापस - कभी इतनी कडवा सच बोलते हो... की चाह कर भी मन स्वीकार कर नहीं पाता है... खैर फ़िलहाल रंगा को वार्न किया है... देखो क्या होता है....


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इधर रंगा अपने चार साथी और चार नए चमचों के बीच बैठा गहरी सोच में डुबा हुआ है l

सीलु - (ख़ामोशी को तोड़ते हुए) बॉस... क्या बात है... आप... टेंशन में लग रहे हो...
रंगा - मैं इस जैल में कई बार आया हूँ... हर चप्पे चप्पे से वाकिफ़ हूँ... फ़िर भी जोश जोश में... मुझे याद नहीं रहा... कहाँ कहाँ पर सीसीटीवी के कैमरे लगे हुए हैं...
एक आदमी - तो... क्या हुआ बॉस... तुमको कौनसा अच्छे चाल चलन के लिए... बाहर जल्दी निकालना है...
जीलू - बिल्कुल बॉस... तुम्हें इस बात को लेकर इतना सिरीयस नहीं होना चाहिए....
दुसरा आदमी - हाँ बॉस... यह छूटकु... एक दम सही बोल रहा है... तुम इतना टेंशन में क्यूँ हो.... वह भी एक चिरकुट के लिए...
रंगा - तुम लोगों को... समझ में नहीं आ नहीं रहा है बे.... मैं यहाँ आने के बाद से विश्व को ढूंढ रहा हूँ... और वह मेरे हाथ आया भी... पर जब जब वह कैमरा के सामने आया... तब तब मेरे हाथ वह लगा... और हाथ में से ऐसे फिसला... जैसे पानी में मछली... अब मुझे लगने लगा है... मैं उसे नहीं बल्कि वह मुझे घेर रहा है....
मीलु - बॉस... इससे क्या होगा... मारना तो आपको है ना उसे...
तीसरा आदमी - हाँ बॉस... मारना तो आपको है उसे...
रंगा - तुम समझ नहीं रहे हो... मैंने उसके पास दिखा तो मुझे काल कोठरी वाले सेल में डाल देंगे... फ़िर मेरा बदला अधूरा रह जाएगा...
सीलु - तो इस परेशानी में... समाधान एक ही है...
रंगा - क्या....
सीलु - (गाते हुए) शनिवारा...ती हमें नींद नहीं आती....
चौथा आदमी - (सीलु के सर के पीछे टफली मारते हुए) अबे सही सही बोल... गाना क्यूँ बजा रहा है...
सीलु - (अपना सर को मलते हुए) बॉस मैं... शनिवार रात वाली समाधान की बात कर रहा था...
पहला आदमी - यह... शनिवार समाधान वाली रात क्या है बॉस....
रंगा - अररे.. हाँ... यह सीलु ने... ठीक कहा है... यह एक रिवाज है... जिसे डैनी के साथ मिलकर हम सब लोगों ने ही... इस जैल में शुरू किया था...
दुसरा आदमी - रिवाज.... कैसा रिवाज...
रंगा - गुस्सा उतारने के लिए... दो कैदी अपनी मर्जी से... एक दुसरे से लड़ते हैं... आपसी मंजुरी से... इसमें जैल वालों की कोई दखल नहीं होता.... पर सवाल यह है... उस लड़ाई के लिए... विश्व को तैयार कैसे किया जाए....
टीलु - बहुत ही आसान है बॉस...
रंगा - कैसे...
टीलु - बॉस... विश्व को आप सबके सामने.... डैनी की तरह की तरह छेड़ना.... आख़िर विश्व ने डैनी पर भी हाथ छोड़ा ही था....
रंगा - हाँ यह मैं यहाँ सुना है... और विश्व ने.... इस बात के लिए... डेढ़ साल तक डैनी की गुलामी करी है...
तीसरा आदमी - सुना तो यह भी है... विश्व ने एक घुसे से... दीवार से चिपके ग्रेनाइट को तोड़ा है...
सीलु - अरे भाई... अगर उस वक़्त विश्व को मैंने ही उकसाया था... हाँ यह बात और है... फटी मेरी बहुत थी... पर सच तो यह है कि... वह ग्रेनाइट दीवार से खराब सीमेंट से चिपका हुआ था... इसलिए टूट गया.... ग्रेनाइट अगर एक फुट की ऊँचाई से भी गिर जाता है... तब भी टूटता ही है... अरे मैं तो बोलता हूँ... रंगा भाई होते तो पुरा का पुरा दीवार ही ढह गया होता...
रंगा - हा हा हा हा.... शाबाश मेरे चमचे शाबाश... (खड़े हो कर) अब शुक्रवार लंच के टाइम को ही.... मैं खुद उसको उकसाउंगा.. हा हा हा हा...

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तापस घर पहुंच कर देखता है प्रतिभा और प्रत्युष दोनों सोफ़े पर मुहँ लटकाए बैठे हुए हैं l तापस दोनों के चेहरे को गौर से देखता है और

तापस - क्या हुआ प्रत्युष....
प्रत्युष - प्लान फैल हो गया...
तापस - मतलब...
प्रत्युष - मैंने जो दवाई के सैंपल भेजे थे... उनमें कोई बैनड ड्रग्स नहीं मिले....
तापस - क्या... (तापस धप कर बैठ जाता है) इसका मतलब...
प्रतिभा - या तो... दवाओं के मामले में प्रत्युष को गलत फहमी है या फिर.... यश वर्धन को मालुम हो गया है....
प्रत्युष - दवाओं के मामले में मुझे कोई गलत फहमी नहीं है डैड... पर लगता है... हम लोग यश वर्धन के सर्विलांस में हैं...

कुछ देर के लिए किसीके मुहँ से कोई शब्द नहीं निकालता है l तापस और प्रतिभा के चेहरे पर टेंशन साफ़ दिख रहा है पर प्रत्युष का चेहरा कठोर दिख रहा है l

तापस - उन अंकल के नाम पर... तुमने फॉर्म भरा था ना...
प्रत्युष - हाँ... सैंपल का रिपोर्ट भी उन अंकल के पते पर ही आया था...
तापस - (झिझकते हुए) क्या... सैंपल... उन अंकल ने....
प्रत्युष - नहीं डैड नहीं... वह एक्स सर्विस मेन हैं... और वह अपने हेल्थ के लिए... बहुत कंसियस हैं.... उनको भी दवाओं की रिपोर्ट पर खेद है.... इसलिए कुछ पुराने दवाएँ थे उनके पास... वह मैं लेकर आया हूँ... पर हम इसे पोस्टल पर भेजने के वजाए खुद जा कर हाथों हाथ रिपोर्ट लाएं तो बेहतर होगा....
तापस - ह्म्म्म्म... अगर हम उसके सर्विलांस में हैं... तो हम जरा सा भी हिले... उसे पता चल जाएगा...
प्रत्युष - डैड अगर नहीं... हम वाकई उसके सर्विलांस में हैं....
प्रतिभा - अगर हम उसके सर्विलांस में हैं... तो अभी तक वह रिएक्ट क्यूँ नहीं किया....
तापस - शायद मौके की तलाश में है....
प्रतिभा - (आँखे डबडबा जाती हैं) अब हम क्या करें... सेनापति जी...
तापस - मुझे भी कुछ सूझ नहीं रहा है...
प्रतिभा - हमें उसकी सर्विलांस को भटकाना होगा... या फिर उस वक्त का इंतजार करना होगा... कुछ भी हो हमे यह काम जल्द से जल्द पुरा करना ही होगा....
प्रत्युष - हाँ डैड... इससे पहले कि वह रिएक्ट करे... हमे उस पर वार करना होगा...
तापस - कैसे... कैसे... कैसे... हमारे पास सबूत नहीं है... रैड नहीं करा सकते.... कहीं पर चूक गए तो... वह हम पर डीफेम केस कर देगा और पेनाल्टी ठोक देगा...
प्रतिभा - एक प्लान है.... जिससे काम बन सकता है...
तापस - कैसा प्लान...
प्रतिभा - आप किसी तरह ऑफिशियली टूर पर... भुवनेश्वर से बाहर निकलिए... और हाथों हाथ रिपोर्ट लाने की कोशिश करें....
प्रत्युष - हाँ डैड... माँ ठीक कह रही है... हमारी हर एक्टिविटी पर उसकी नजर है.... आप अगर ऑफिशियली भुवनेश्वर से बाहर निकलेंगे... तो हम शायद कुछ कर पाएंगे... उधर आपको जैसे ही रिपोर्ट हासिल होगा... हम यहां पर प्रेस कांफ्रेंस कर यश की पोल खोल देंगे....
प्रतिभा - हाँ ऐसा हो पाया तो... बहुत बढ़िया होगा....
तापस - ह्म्म्म्म... ठीक है... मैं दिल्ली का टूर प्लान करता हूँ.... ट्रेन में बैठ कर हावड़ा में उतर जाऊँगा.... कलकत्ते में रिपोर्ट बना लेने के बाद... फ्लाइट लेकर सीधे भुवनेश्वर आ जाऊँगा...
प्रत्युष - वाव डैड... क्या क्रिमिनल वाला दिमाग चलाया है... जैसे ही आपको रिपोर्ट मिल जाएगी...
प्रतिभा - वैसे ही हम... यहां पर प्रेस कांफ्रेंस की तैयारी कर देंगे.... और सीधे प्रेस कांफ्रेंस में ही... यश के चेहरे पर से.. शराफत का नकाब उतारेंगे....
तापस - डन...
प्रत्युष - डन....
प्रतिभा - डन...

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रविवार की सुबह तड़के तापस के घर की फोन बजने लगता है l तापस नींद भरे आंखों से फोन उठाता है l

तापस - है... हैलो...
सतपती - सर आपका मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा है....
तापस - अच्छा... शायद बैटरी में चार्ज खतम हो गई होगी... सुबह सुबह मतलब क्या कोई लफड़ा हुआ है.... बोलो क्या हुआ है...
सतपती - सर... वह... एक्चुऐली... कैसे कहूँ...
तापस - क्या यह रंगा से ताल्लुक है...
सतपती - जी सर...
तापस - आऊंगा जरूर... पहले बताओ हुआ क्या है....

फिर सतपती फोन पर कुछ बताने लगता है l जिसे सुन कर तापस की आँखे हैरानी से फैलती चली जाती है l फिर फोन रख कर खुद को जल्दी जल्दी तैयार करता है और गाड़ी ड्राइव कर कैपिटल हॉस्पिटल में पहुंचता है l वहाँ उसे दास और सतपती इंतजार करते हुए मिल जाते हैं l तीनों मिलकर स्पेशल वार्ड में पहुंचते हैं l तापस देखता है रंगा और उसके चार साथी वार्ड में ख़राब हालत में पड़े हुए हैं l रंगा की हालत तो फिरभी ठीक लग रही है पर उसके साथी ऐसे पड़े हुए हैं जैसे बदन का कोई हिस्सा लकवा ग्रस्त हुआ हो l तापस रंगा के बेड पर पहुंचता है l रंगा की आँखों में खौफ साफ साफ दिख रहा है l रंगा जैसे ही तापस को देखता है

रंगा - सुपरिटेंडेंट सर... मुझे किसी और जैल में शिफ्ट करा दीजिए.... प्लीज...
तापस - क्यूँ ऐसा क्या हुआ रंगा.... तुम तो अपना बदला लेने आए थे ना...
रंगा - (गिड़गिड़ाते हुए) मुझे किसी से कोई बदला नहीं लेना.... सर बस आप मुझे मेरे वकील से बात करा दीजिए... मैं... मैं दुबारा कभी... इस जैल में नहीं आऊंगा.... (तापस कुछ नहीं कहता, बस चुप रह कर कुछ सोचने लगता है) आ आप क्या सोच रहे हैं... सर...
तापस - हूँ... हाँ... मैं यह सोच रहा हूँ... आदमी को सीधा रहना चाहिए... देखो ना इससे पहले... इसी हस्पताल के इसी बेड पर... तुम उल्टे लेटे हुए थे... मगर जिद और माँग कर रहे थे... जैल में वापस जाने के लिए.... आज सीधे लेटे हुए हो... आज जिद भी कर रहे हो और मांग भी... इस जैल में नहीं जाने की...
रंगा - हाँ... आप सही कह रहे हैं... मैं तब उल्टी खोपड़ी से सोच रहा था... अब सीधा हो कर सोच रहा हूँ.... प्लीज मुझे मेरे वकील से बात करा दीजिए...
तापस - ठीक है... ठीक है... करा दूँगा... अब मुझे पूरे विस्तार में... सारी जानकारी दो.... वरना... आज रविवार है... और कल दस बजे तक... तुम्हें जैल में रख सकता हूँ...
रंगा - नहीं... नहीं... नहीं... नहीं... मैं बताता हूँ.... सब बताता हूँ...
सर... दो साल पहले... जब विश्व घायल हो कर इसी हस्पताल में इलाज के लिए दाखिल था... उस वक्त मेरे अड्डे पर छोटे राजा जी उर्फ़ पिनाक सिंह क्षेत्रपाल जी मिलने आए थे... उन्होंने मुझे एक काम सौंपा था... विश्व को अदालत में हाजिरी से पहले... अंदर से तोड़ देने के लिए... मैं विश्व से बलात्कार कर उसके अंदर के पुरुषार्थ को मिटा देना चाहता था.... पर आप जानते हैं... विश्व ने उल्टा मेरा पुरुषार्थ को तोड़ कर... झंझोड कर रख दिया.... नाकाम लोगों की... राजा साहब के दरबार में कोई काम नहीं होती... मुझे ना सिर्फ राजा साहब ने... बल्कि मेरी अपनी बनाई हुई दुनिया ने भी मुझे छोड़ दिया था...
इसी का बदला लेने के लिए पिछले एक साल से तैयारी कर रहा था... ताकि जो ज़ख़्म मुझे विश्व से मिला है... उससे कई गुना बड़ा ज़ख़्म विश्व को देना चाहता था... उससे पहले विश्व को मार मार कर धज्जियाँ उड़ा देना चाहता था.... मैं हर तरह से कोशिश किया विश्व को मुझसे उलझाने के लिए... मगर विश्व मुझे अपने जाल में फंसाता चला गया... वह बात मुझे आपके ऑफिस से पता चला... उस सीसीटीवी फुटेज से...
इसलिए मेरे पास सिर्फ़ एक ही रास्ता बचा था.... शैटर डे स्कैरी नाइट सल्युशन... जो हमने जैल में चलाया था....
तापस - व्हाट... तुम लोगों ने यह किया... और हममे से किसी को भी खबर नहीं...
दास - सर यह बात.. कांड होने के बाद ही हमें पता चलता है... यह लोग ऐफिडेविट पेपर में अपना कबुल नामा लिख कर रख लेते हैं.... और कांड के बाद किसी को कुछ हो या ना हो... कांड के हो जाने पर वह पेपर निकालते हैं....
तापस - अच्छा... यह बात है... यह जुगाड़ कैसे लगा लेते हैं... यह कम्बख्त.... हाँ तो रंगा... अब पूरी वाक्या विस्तार से बताओ... तुम जो विश्व को डराने आए थे... अब कैसे और क्यों डर के मारे भागने के जुगत में हो....
रंगा - सर बताता हूँ...

फ्लैशबैक रंगा की जुबानी

शुक्रवार लंच के समय विश्व अकेला एक कोने में डायनिंग टेबल पर बैठ कर खा रहा है l तभी रंगा अपना थाली लेकर विश्व के सामने बैठता है l विश्व अपने खाने में मगन रंगा की तरफ देखता नहीं l

रंगा - क्यूँ बे... हराम जादे... आज कल दिमाग खुब चला रहा है...
विश्व - (चुप रहता है)
रंगा - बे मादरचोद... तेरे रगों में खुन दौड़ता है या पानी... भोषड़ी के... कितनी आसानी से गाली हज़म कर रहा है...
विश्व - (फ़िर भी चुप रहता है)
रंगा - क्यूँ बे... जिस महापात्र का उपनाम अपने नाम के पीछे लगाया है.... उसके साथ तेरी माँ सोई थी तब जाकर तु पैदा हुआ... या वह भी गांडु महापात्र था... जो यही सोच कर रह गया... कौन मरा मारा... बच्चा हमारा... हा हा हा...

विश्व अपना खाना खतम कर हाथ और थाली धोने के लिए उठता है तो रास्ते में रंगा अपना टांग अड़ा देता है l विश्व रुक जाता है और रंगा को सपाट नजरों से देखता है l अब डायनिंग हॉल में सभी कैदी उन दोनों को देख रहे हैं l

विश्व - तु... चाहता क्या है... गांडु रंगा...
रंगा - ऐ... जुबान सम्भाल अपना...
विश्व - और तु गांड...

सभी कैदी दबी जुबान से हँसने लगते हैं l जिससे रंगा हाथ उठा देता है पर विश्व अपनी थाली दिखा देता है तो रंगा का हाथ थाली से टकरा जाता है l

विश्व - मुझे उकसाने के चक्कर में... तुने अपना सयम खो दिया... यहाँ भी सीसीटीवी है... ऐसा फंसेगा की...
रंगा - चुप बे... मर्द है तो मर्द की तरह भीड़ ना... यह सीसीटीवी की आड़ क्यूँ ले रहा है...
विश्व - यह कौन बोल रहा है... चूहे की जिगर रखने वाला... जो चार चार बंदों से एक आदमी को पकड़ कर उसके पिछवाड़े मुतने वाला... मर्द होने की धौंस जमा रहा है....
रंगा - अच्छा... यह बात है... तो तु... रंगा का जिगर देखेगा... रंगा कितना बड़ा मर्द है देखेगा... चल तेरी मन की मुराद पुरा कर देता हूँ... कल शनिवार है... यहाँ आपसी दुश्मनी को सुलझाने के लिए एक दुसरे से लड़ते हैं.... अग्रिमेंट के ज़रिए... चल करता है क्या... शैटर डे नाइट स्कैरी सल्युशन...
विश्व - (चुप रहता है)
रंगा - क्यूँ फट गई तेरी... चल अब मेरे सामने घुटने के बल झुक कर.... खुद को गांडु महापात्र बोल...

विश्व उसके सामने झुक कर घुटनों पर बैठता है, यह देख कर कुछ कैदी हैरान होते हैं और रंगा के चेहरे पर कुटिल मुस्कान खिल उठाता है l

विश्व - जैसी तेरी इच्छा... गांडु रंगा....

यह सुनते ही जहां रंगा की हँसी रुक जाती है वहीँ सभी कैदी मंद मंद मुस्कराने लगते हैं l फ़िर विश्व खड़ा हो जाता है l

रंगा - (चिल्लाता है) सीलु...
सीलु - जी... जी रंगा भाई...
रंगा - विश्व से कागजात पर दस्तखत ले लो....

सीलु विश्व के पास दो कागजात लेके जाता है l विश्व देखता है उसमें पहले से ही रंगा का दस्तखत है इसलिए दस्तखत कर एक काग़ज़ रख लेता है और दुसरा लौटा देता है l

रंगा काग़ज़ हाथ ले कर कहता है - हमारे फाइट का रेफरी येही सीलु होगा...
विश्व - जैसी तेरी इच्छा... गांडु रंगा...

रंगा बड़ी मुश्किल से सुन कर भी खुद को काबु करता है और विश्व को उंगली के इशारे से मार डालने की धमकी दे कर चला जाता है l
उसके बाद शनिवार की रात को गेम हॉल में सारे कैदी जमा हो जाते हैं l हॉल में सारे सामान एक किनारे कर दिया गया है l रंगा और विश्व दोनों हॉल के बीच में आ कर खड़े होते हैं l फर्श पर पानी डाल कर फिसलन भरा कर दिया गया है l रंगा अपना कुर्ता उतार देता है और अपना बॉडी दिखाने लगता है l इन दो सालों में रंगा ने अपना बढ़िया बॉडी बनाया हुआ है l सारे कैदी रंगा के नाम की हूटिंग करने लगते हैं l
सीलु सिटी मार कर फाइट का आगाज़ कर वहाँ से साइड हो जाता है l रंगा भाग कर चिल्लाते हुए विश्व के तरफ बढ़ता है l विश्व एक तरफ हट जाता है l रंगा फ़िर से विश्व को पकड़ने के लिए कोशिश करता है, इस बार भी वही होता है l विश्व लड़ाई की माहौल को कबड्डी में बदल देता है l रंगा कोशिश बहुत करता है पर विश्व उसके हाथ नहीं लगता l जिसके कारण रंगा बुरी तरह से थकने लगता है l उसे थकता देख रंगा के चारों साथी अचानक से अंदर आकर विश्व को पकड़ लेते हैं l

रंगा - (खुश होते हुए) शाबाश मेरे यारों... शाबाश... अब इस हरामजादे को तोड़ कर मसलता हूँ...
सीलु - (बीच में आ जाता है) यह गलत है... रंगा भाई.. यह गलत है... अग्रिमेंट में... वन टू वन फाइट लिखा है... आप लोग पांच हैं... यह गलत है...
रंगा - ऐ... इसे उठा कर फेंक दो रे....

रंगा का एक साथी सीलु को उठा कर कैदियों पर फेंक देता है l अब तीन लोग विश्व को पकड़े खड़े हुए हैं l रंगा और उसके साथी हँसने लगते हैं पर अचानक उन सबकी हँसी रुक जाती है l विश्व एक हूकींग किक उठाता है जो उसे पीछे पकड़े हुए आदमी को लगता है और वह पीछे छिटक कर दूर जा कर गिरता है, उसके बाद जो दो लोग विश्व के हाथों को पकड़े हुए हैं उन दोनों के हाथों को पकड़ कर सामने की तरफ फ्लिप मारता है l विश्व अपने घुटने पर आ जाता है पर वह दो लोग अपने पीठ के बल गिर कर कराहने लगते हैं l
यह सब सेकेंड के कुछ ही हिस्से में हो जाता है l रंगा और उसका चौथा साथी ही नहीं बल्कि सभी कैदी अचानक हुए इस घटनाक्रम से आश्चर्य चकित हो जाते हैं l पर उनके पकड़ से छूटने पर विश्व की कुर्ता फट जाता है, तो विश्व अपना कुर्ता फाड़ कर फेंक देता है l सबको विश्व के शरीर पर पेशियां और पेशियों पर कटाव दिखते हैं l सब विश्व के बदन को देख कर मन ही मन रंगा के बदन से तुलना करने लगते हैं l विश्व के जिस्म की कटाव के आगे रंगा का बदन भरा हुआ मांस का लोथड़ा नजर आने लगता है l खुद रंगा की हलक सूखने लगता है और वह बड़ी मुश्किल से थूक निगलता है l रंगा का वह चौथा साथी विश्व पर झपटा मार कर दाहिने हाथ का घुसा मारता है l विश्व उसके हाथ को अपने बाएं हाथ से रोक कर अपने दाएं हाथ की मुट्ठी में तर्जनी को मोड़ कर उसके कोहनी की अंदरुनी हिस्से पर मारता है फ़िर सामने कंधे की जोड़ पर मारता है फिर एक लात उसके सीने पर जड़ देता है जिससे वह आदमी उड़ते हुए कैदियों के बीच गिरता है l उसको उड़ते हुए जाते देख रंगा वहीँ पर जड़वत खड़ा रह जाता है l वह तीनों जो पीछे पड़े हुए थे वह उठ कर विश्व पर हमला कर देते हैं l विश्व उनके लिए तैयार था पहले वाले को एक स्पिन किक, दुसरे के चेहरे पर घुटने से और उसके बाद तीसरे को अपनी मुट्ठी के सारे मुड़े उँगलियों को सीधा कर एक ताकतवर पंच नाभि के ऊपर पेट पर जड़ देता है l उस तीसरे आदमी के मुहं से थोड़ा खुन निकालता है और वह पेट के बल गिर कर छटपटाने लगता है l फ़िर अपनी मुक्के की मध्यमा उंगली को मोड़ कर पहले वाले के बाएं रिबस पर मारता है फिर तर्जनी उंगली से दुसरे आदमी पीठ पर कंधे की जोड़ पर मारता है वह आदमी एक तरफ झुक कर किक मारने की कोशिश करता है तो उसके पैर पकड़ कर उसी मुड़ी हुई तर्जनी से घुटने के ऊपर जांघ पर एक घुसा मारता है l वे दोनों नीचे गिर जाते हैं और उनके हलक से गँ गँ कि आवाज़ निकलने लगती है I अपने चार साथियों का हश्र वह भी सिर्फ़ पांच सेकेंड से भी कम समय के भीतर देख कर रंगा के पैर कांपने लगते हैं l विश्व अब रंगा के तरफ बढ़ने लगता है और रंगा पीछे हटने लगता है और भागने की कोशिश करता है l पर चूँकि चारों तरफ कैदी घेरे हुए हैं इसलिए वह भाग नहीं पाता और तब तक विश्व रंगा तक पहुँच जाता है l रंगा डर के मारे घुटनों पर बैठ कर विश्व के आगे हाथ जोड़ देता है l विश्व उसके सामने आलती पालती मार कर बैठ जाता है l

विश्व - क्यूँ फट गई तेरी...
रंगा - (चुप रहता है)
विश्व - कितनी गालियाँ दी तुने मुझे... गिना नहीं होगा तुने....
रंगा - (चुप रहता है)
विश्व - जुबान है... तो कैसे कैसे चलाए तुने... कलेजा छलनी कर रख दिया तुने...
रंगा - म.. म.. मुझे.. मा.. माफ कर दो...
विश्व - एक शर्त पर...
रंगा - ब ब.. बोलिए विश्वा भाई...
विश्व - अब तु मुझे कभी नहीं दिखेगा... अगर कभी दिखा तो उसी दिन वहीँ पर जिंदा गाड़ दूँगा... कसम से... तेरी हर गाली का बदला उस दिन मैं लूँगा....

फ्लैशबैक से बाहर आता है रंगा l

रंगा - सर.... कुछ भी हो जाए... मैं तो जीते जी... विश्व के सामने नहीं आऊंगा... यह वह विश्व नहीं है... जो दो साल पहले आया था... जिससे मैं बदला लेना चाहता था.... यह तो कोई और है... ना चेहरे पर गुस्सा ना डर ना ही कोई भाव... एक दम सपाट... जब भी बात करता है... उसके हर शब्द में लगता है... जैसे मौत... हाँ मौत की सर्द महसूस होता है.... नहीं नहीं.. यह वह विश्व नहीं है... यह तो कोई और है.... या फिर यह कोई भूत है.... हाँ हाँ भूत ही तो हो सकता है... और नहीं तो... वह कहीं पर भी लड़ते हुए.... अकेला नहीं लगता था... ऐसा लगा जैसे एक नहीं... दो दो विश्व लड़ रहे हैं... या फिर उसके दो नहीं चार चार हाथ थे... इतना फुर्ती.... इतना फुर्ती किसी इंसान में... नहीं नहीं... यह भूत है... सेनापति सर भूत है वह... वह विश्व नहीं है...

तभी उस कमरे में डॉक्टर विजय आता है l विजय के देख कर

तापस - कहिए डॉक्टर... इन सबकी हालत कैसी है अब....

डॉक्टर - यार... यह तुम्हारा रंगा... इसको बहुत ही जबर्दस्त शॉक लगा है... कुछ ऐसा देखा है जिससे उसके मन में गहरा डर बैठ गया है... और बाकी चारों की हालत थोड़ी खराब है...
तापस - मतलब कितना खराब है....
डॉक्टर विजय - इन चारों को जहां जहां मार पड़ी है... उन जगहों पर लीगमेंटस हिल गए हैं... इसलिए उनको पारसीअल पैरालीसीस हुआ है... मतलब आंशिक लकवा...
तापस - (हैरान हो कर) व्हाट...
Nice and beautiful update....
 
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