विक्रम साहब ने रंगमहल मे सतू की प्रेमिका के साथ जो कुछ किया था उसमे उनकी सहमति नही थी । वह सब परम्परा के नाम पर एक कुरीति थी जिसे भैरव सिंह ने जबरन विक्रम पर थोपा था ।
लेकिन इस बात से इंकार नही किया जा सकता कि भैरव सिंह के बहुत सारे कुकर्मों के वह भी साझेदार थे , हिस्सेदार थे ।
विक्रम ही नही , उनके दिवंगत भाई वीर साहब और गांव वालों के साथ साथ सतू ने भी एक तरह से अत्याचार , बर्बरता , जुल्म पर तटस्थ रूख अपनाया था ।
ऐसे ही लोगों के लिए राष्ट्र कवि दिनकर जी ने लिखा है - " जो तटस्थ है , समय लिखेगा उनके भी अपराध । "
विक्रम साहब के साथ जो कुछ हुआ , वीर साहब के साथ जो हुआ और सतू के साथ जो कुछ हुआ , वह उनके कर्म का फल ही था ।
भैरव सिंह ने आर पार की लड़ाई करने की ठान ही ली है । एक्चुअली यह भैरव सिंह के सेंस आफ एंटाइटलमेंट पर चोट था । यह लोग सोचते हैं कि वो सिर्फ सता पर काबिज होने के लिए ही बने हैं । इनका काम सिर्फ राज करना है । लेकिन विश्वा और वैदेही ने इनके सेंस आफ एंटाइटलमेंट पर आघात पहुंचाई ।
खैर , भैरव सिंह अब सीधा जंग चाहते है लेकिन क्या विश्वा इसके लिए पुरी तरह से तैयार है ?
रूप और विश्व के इश्क के बारे मे क्या ही कहें ! लगता है जैसे गुलशन मे रंग बिरंगे फुल खिल उठे हों ।
इस अपडेट मे आपने मेरी दोनो मांग पर गौर किया । पहला सतू से विक्रम का क्षमा याचना करना और दूसरा रूप और विश्व की शादी विधिवत सेनापति दंपति के मौजदूगी मे सम्पन्न होना ।
सेनापति दंपति ने अपने एकलौते पुत्र को खोकर जो दुख भोगा वह अत्यंत ही असहनीय और दर्दनाक है । इस असहनीय परिस्थिति के बावजूद भी उन्होने जिस तरह से विश्वा का ख्याल रखा और उसकी मदद की वह और भी सराहनीय काम है । यही लोग तो देवदूत कहे जाते हैं ।
फिलहाल एक अबोध बच्ची मल्ली पर भैरव सिंह की वक्र दृष्टि मंडराती हुई नजर आ रही है और उसके साथ एक दिलेर और नेक रिपोर्टर सुप्रिया रथ पर भी बुरे ग्रह का साया दिखाई दे रहा है । यहां बहुत आवश्यक है कि विश्वा के संज्ञान मे इसे लाया जाए । अन्यथा रिजल्ट बहुत बुरा हो सकता है ।
जगमग जगमग अपडेट बुज्जी भाई ।