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Erotica वूमंडली की लौंडिया

naag.champa

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वूमंडली की लौंडिया

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(मलाई- एक रखैल भाग -२)
अनुक्रमणिका

अध्याय १ // अध्याय २ // अध्याय ३ // अध्याय ४ // अध्याय ५
अध्याय ६ // अध्याय ७ // अध्याय ८ // अध्याय ९ // अध्याय १०
अध्याय ११ // अध्याय १२ // अध्याय १३ // अध्याय १४ // अध्याय १५
अध्याय १६ // अध्याय १७ (समाप्ति )
 
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naag.champa

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agle update ki pratiksha hai
आदरणीय पाठक मित्र Delta101 जी,

मुझे उम्मीद है कि मेरी कहानी आपको अच्छी लग रही होगी| आपके दिए हुए मंतव्य के लिए धन्यवाद; अगला अपडेट में बहुत जल्द देने वाली हूं|
 
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naag.champa

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अध्याय ६



"ओहो~ आहा, क्या यही दुकान वाली कमला की लौंडिया मलाई है?" स्वामी जी गुड़धानी खाँ ने एक खोखली नजरों से मेरी तरफ देखने लगी और मुझे नख से शीख तक नापने लगे मुझे ऐसा लग रहा था कि उनकी नज़रें मेरे कपड़ों को भेजती हुई मेरी त्वचा पर भी पड़ रही है।

कमला मौसी के कहे और शैली खाला की उम्मीद के अनुसार मैंने सबसे पहले घुटनों के बल बैठकर अपना माथा जमीन पर टिका कर अपने खुले लंबे बालों को स्वामी जी के सामने फैला दिए। तांत्रिक भूत पिशाच सिद्ध स्वामी जी गुड़धानी खाँ मेरे सिर को सहलाया और मेरे बालों में अपना हाथ फिराया, जैसे कि वह मेरे बालों की गुणवत्ता और श्रेणी को परख रहे हो । मुझे नहीं पता कि मुझे ऐसा क्यों लगता है कि तांत्रिक भूत पिशाच सिद्ध स्वामी जी गुड़धानी खाँ को मेरे बालों की छुअन अच्छी लगी ।उन्होंने मेरे बालों पर पैर रखकर मुझे आशीर्वाद दिया।

फिर मैं ने घुटनों के बाल बैठे-बैठे ही अपने बालों में एक जुड़ा बांध लिया। यह बताने के लिए कि मैं उनके पैरों की धूल को अपने सर पर संजो लिया है।

फिर उन्होंने कहा, " क्या तुम हमारा सारा सामान लेकर आ गई... चलो बताओ कितना हुआ है"

सामानों की सूची और उनके दाम एक कागज में लिखा हुआ था जिसे मैं अपने ब्लाउज में डाल रखा था| मैंने वह निकाल के स्वामी जी को दिया।

उन्होंने कहा, "अरे यह क्या? यह फेहरिस्त तो पसीने से एकदम ठीक कर खराब हो गई है| इसकी स्याही भी बिगड़ गई है इसमें से तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा" फिर स्वामी जी ने मेरे बड़े से जुड़े को प्यार से दबा दबा कर और फिर मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए बोले, " तो एक काम कर तो यहीं बैठ मैं फोन पर तेरी मौसी से बात कर लेता हूं"

यह कहते हुए स्वामी जी उठकर एक दूसरे अंदर वाले कमरे में चले गए जहां उनका मोबाइल फोन रखा हुआ था| उन्होंने कमला मौसी का ही नंबर मिलाया और फिर उनसे बात करने लग गए| पर मैंने यह भी देखा कि उन्होंने मेरे हाथ से नहीं सामानों की सूची, जो मेरे पसीने से बुरी तरीके से भीग गई थी उसको संभाल कर एक जगह रख दिया|

इतने में मैं जिस कमरे में बैठी थी उसे कमरे में एक आदमी आया। जिसके पहनावे से ही लग रहा था कि वह काफी पैसे वाला आदमी है और साथ ही स्वामी जी भी दूसरे कमरे से निकालकर बाहर आए|

उन्होंने मुझसे कहा, "सुन मलाई, तेरी कमला मौसी से मेरी बात हो गई है" फिर वह उसे आदमी की तरफ देखते हुए बोले, "चौधरी जी आप इस लड़की को ₹4000 दे दीजिए.... मलाई? तेरी मौसी से मैं बाकी का हिसाब बाद में कर लूंगा?"

चौधरी बाबू ने अपने जेब से अपना बटुआ निकला उसमें से गिन गिन कर पैसे निकाल कर मेरे हाथों में थमा दिया। फिर अपनी जिज्ञासा उतारू पाते हुए उन्होंने पूछ ही लिया, " स्वामी जी यह लड़की कौन है?"

शैली खाला ने जवाब दिया, "ई कमलाबई के लइकी ह जे हमनी के मोहल्ले माँ दस कर्म भंडार के दोकान चलावेले।"

"बड़ी सुंदर लड़की है यह" चौधरी बाबू ने कहा।

शिष्टाचार अनुसार मैंने शैली खाला को प्रणाम किया और चौधरी बाबू को भी मैं जैसे ही प्रणाम करने गई वह बेचारे शर्मा कर बोले, "अरे अरे रहने दो रहने दो रहने दो"

इसके बाद शैली खाला प्यार से मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बाहर ले जाने लगी और उसने मुझसे कहा, "मलाई एक काम करहल बा? ई पैसा ब्लाउज माँ डालला के जरूरत नाही , एकरा बदले तू साडी के आँचल मा बांध ला... वइसे भी तो ई साड़ी ब्लाउज बहुत बढ़िया से पहिनले बानी...बहुत सुन्दर लागत रहीन तू "

"अब मैं क्या कहूं शैली खाला, कमला मौसी ने मुझे यही साड़ी और ब्लाउज पहनने को कहा था। यह इतना काटा काटा और खुला खुलासा है कि सामने और पीछे पीठ का हिस्सा सब कुछ ही तो दिख रहा है और ऐसा ब्लाउज पहनो तो अंदर ब्रा भी नहीं पहना जा सकता"

"कवनो दिक्कत नहीं, चलत-चलत तोहार बड़का-बड़का माम्मा (स्तन) हिलत बा... एही गर्मी आ घाम में तू बहुत निढाल हो गइल बाड़ू... लेकिन फिर भी तू बहुत सुन्दर लहत रिहिन .. त सुन्दर देखऽ एही से तू कमला मौसी तोहरा से अइसन साड़ी ब्लाउज पहिरे के कहत ... और वइसे भी अगर कवनो सुन्दर लौंडिया अइसन कपडा पहिनेले त ओकरा में का नुकसान बा? तोहार कमला मौसी ना तोका दुफला तो बनाई देत राहिल अगर हमर बस चलित, तो हम तोका कम से कम चार के बिछौना पर सुला देले रहतीं।"

गांव की भाषा में दुफला मतलब होता है एक ऐसी लड़की जो शादीशुदा हो लेकिन किसी दूसरे पुरुष के साथ संबंध बना चुकी हो।

मैं शर्म से लाल हो गई। कुछ भी हो शादी खाला मेरी तारीफ ही कर रही थी कर रही थी और मुझे मुझे पता था कि लोग मुझे ऐसा काटा काटा खुला खुला ब्लाउज पहने हुए देखेंगे और मैं उनकी अवांछित ध्यान आकर्षित करूंगी, इसलिए बात बदलने के लिए मैंने कहा, "इन झुमकों को तो देखो यह कमला मौसी ने मेरे लिए खरीदी हैं..."

कमला मौसी और शैली खाला जब इस तरह की बातें करती है तो न जाने क्यों मुझे बिल्कुल भी अटपटा नहीं लगता। बल्कि अजीब तरह का आनंद मिलता है। मजा आता है उनकी बातों को सुनकर।

बस इहे समझीं कि तोहार समय अब बस आ गइल बा... जल्दिये तू स्वामी जी के नारंगी रंग का सिंदूर अपना मांग में भरेलगी।

वापस जाने के लिए मुझे ज्यादा देर तक खड़ा नहीं रहना पड़ा| जल्दी ही टोटो वाला मिल गया| फोटो फोटो में बैठकर मैंने एक बार दोबारा देखा कि मैं पैसे ठीक से आंचल में बाँध कर रखे हैं कि नहीं फिर मैं बैठकर मैं वापस जाने लगी|

शैली खाला वापस स्वामी जी के पास चली गई, तो स्वामी जी ने उनसे पूछा, "जाते वक्त वह लौंडिया कुछ कह रही थी क्या? जैसे कि उसकी तबीयत खराब होना खासकर पेट में दर्द होना या फिर ऐसा कुछ और?"


क्रमशः
 
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manu@84

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वूमंडली की लौंडिया

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(मलाई- एक रखैल भाग -२)
अनुक्रमणिका

अध्याय १ // अध्याय २ // अध्याय ३ // अध्याय ४ // अध्याय ५
काफी अरसे बाद मुलाकात हो रही है आपसे, आपकी लेखनी से लिखे गए शब्दों का बेसरबी इंतजार था, जल्द ही मिलता हू आपके शब्दों का कोमार्य जाचकर मंतव्य के साथ.... 😁✍🏻
 

naag.champa

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काफी अरसे बाद मुलाकात हो रही है आपसे, आपकी लेखनी से लिखे गए शब्दों का बेसरबी इंतजार था, जल्द ही मिलता हू आपके शब्दों का कोमार्य जाचकर मंतव्य के साथ.... 😁✍🏻
प्रिय पाठक मित्र manu@84 जी,

सबसे पहले मेरी तरफ से आप एक वर्चुअल हग (Virtual Hug) स्वीकार कीजिए| अरे भाई इतने दिनों तक कहां थे आप? खैर आपको मैं जिम्मेदार नहीं ठहराऊंगी, क्योंकि मैं भी इस फोरम में कुचर से बाद ही आई हूं| इस कहानी को प्रकाशित के बाद से ही मैं आपके बारे में सोच रही थी|

आपका मंतव्य पा कर मुझे बड़ी खुशी हुई, कृपया कहानी के साथ बनी रहिएगा।

मुझे आपके मंतव्य और सुझावों का बेसब्री से इंतजार रहेगा|
 
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Delta101

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स्वामी जी ने उनसे पूछा, "जाते वक्त वह लौंडिया कुछ कह रही थी क्या? जैसे कि उसकी तबीयत खराब होना खासकर पेट में दर्द होना या फिर ऐसा कुछ और?"
अगर मलाई की तबीयत खराब नही भी होगी तब भी स्वामी जी उसका इलाज जरूर करेंगे
 

naag.champa

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अगर मलाई की तबीयत खराब नही भी होगी तब भी स्वामी जी उसका इलाज जरूर करेंगे
आदरणीय पाठक मित्र Delta101 जी,

आपने बिल्कुल सही फरमाया, लेकिन शुद्धिकरण के बाद ही मलाई को स्वामी जी का आशीर्वाद मिलेगा|
 

Delta101

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komaalrani

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अध्याय ३



"हां, मैं तभी जाग गई थी जब तू नहाने के लिए बाथरूम में गई थी... मुझे अच्छी तरह पता है कि तेरा पति तुझे बिल्कुल भी संतुष्टि नहीं दे पाता है... इसलिए तू कई कई रात, अपने पति के घर रहते हुए भी; अपने शरीर में भटकती हुई वासना की गर्मी को शांत करने के लिए ठंडे पानी से नहा कर आती है|

आज भी तेरे साथ वैसा ही हुआ। मैं भी कभी तेरी उम्र की हुआ करती थी और मैं भी एक औरत हूं; इसलिए औरत के मन और शरीर को मैं अच्छी तरह समझ सकती हूं। कई बार मैंने सोचा कि जहां तक हो सके मैं खुद तुझे यौन संतुष्टि जाकर दूँ... लेकिन आज तक किसी न किसी वजह से मैं जीजाक्ति रही... तू मेरा यकीन मान अगर मैं मर्द होती तो शायद मैं तेरा अकेलापन और तेरी जिंदगी का यह खोखलापन दूर करने की जरूर कोशिश करती है... अच्छा अब एक अच्छी लड़की की तरह अपनी टांगें फैला दे... शर्मा मत। चल चल चल इतना शर्मा क्यों रही है अपनी टांगों को फैला? भगवान ने तुझे एक योनि दी है, क्या तू इसे सारी जिंदगी सिर्फ पिशाब ही करती रहेगी?"

"कमला मौसी न जाने मुझे कैसा-कैसा लग रहा है" मैंने इसी सकते हुए कहा।

"तुझे कैसा लग रहा है? क्या चल रहा है तेरे दिमाग में तू अपनी कमला मौसी को खुलकर नहीं बताएगी?" यह कहते-कहते कमला मौसी ने मेरे बदन से मेरी नाइटी उतार कर मुझे बिल्कुल नंगी कर दिया|

मैं बोलना शुरू किया, "ठीक है लेकिन क्या बताऊं मौसी? मैं सपना देख रही थी कि मैं एक गांव में अकेली तालाब में सिर्फ एक पेटिकोट पहन कर- जिससे कि मेरी छाती से जंग तक ढकी रहे; नहा रही थी... अचानक कहीं से वहां चार लोग आए और मुझे जबरदस्ती उठा कर ले गए"

कमला मौसी मेरे पूरे बदन को प्यार से सहलाती हुई बोली, "हां हां हां बोलते रह बोलते रह... तूने कहा तुझे उठा कर ले गए? मतलब तुझे अगवा करके ले गए? अगर चार आदमी एक जवान लड़की को अगवा करके ले जाते हैं, फिर क्या हुआ बोलते रह"

मैं बोलना जारी रखा, " उन्होंने मेरे हाथ और पैर बांध दिए थे| मेरे मुंह पर भी पट्टी बंधी हुई थी ताकि मैं चिल्ला ना सकूं और मैं लगभग अधनंगी हो चुकी थी... वह मुझे अपने किसी अड्डे में ले गए"

"उसके बाद क्या हुआ?"

मैं बोलना जारी रखा, "मुझे अभी भी अच्छी तरह याद है, उन लोगों ने जहां मुझे रखा था वह किसी तरह का एक गोदाम घर जैसा था। आसपास पुआल के बंडल बंधे हुए थे। एक कोने में सिर्फ एक स्टॉल रखा हुआ था जिसके ऊपर एक मोटी सी मोमबत्ती चल रही थी। फिर वह चारों जमीन पर बैठकर और मुझे दिखाते हुए शराब पीने लगे। शराब पीते पीते वह मुझे पत्ते पत्ते इशारे कर रहे थे चिढ़ा रहे थे और कह रहे थे कि आज उन्हें एक अच्छा सा शिकार मिल गया है"

कमला मौसी ने पूछा, " अच्छा वह लोग दिखने में कैसे थे?"

मैंने जवाब दिया, "तगड़े तगड़े से काले काले से"

पता नहीं उन लोगों का वर्णन देते देते मेरे दिमाग में बंटी मिस्त्री का चेहरा क्यों उभर कर आ रहा था।

फिर कमला मौसी ने सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनते हुए मुझसे कहा, "अच्छा एक बात बता? तुझे क्या लगता है वह लोग तुझे इस तरह से उठाकर क्यों ले आए थे?"

मुझे लगा कि मेरे मां के अंदर जैसे बांध टूट गया और मैं फूट-फूट कर रोने लगी और मैंने कहा, " वह लोग मुझे भोगने के लिए उठा कर लेकर आए थे कमला मौसी"

कमला मौसी ने हैरानी जताते हुए कहा, "है ? भोगेंगे मतलब ?"

"वह मेरे साथ बलात्कार करेंगे मौसी"

"हैं? वह लोग तेरे साथ बलात्कार करेंगे? मतलब तुझे जबरदस्ती पकड़ कर कर तुझे जमीन पर चित करके लिटा के रखेंगे? उसके बाद कोई तेरे हाथ पकड़ कर रखेगा और कोई तेरी टांगों को फैला कर पकड़ कर रखेगा और फिर उनमें से एक तेरे ऊपर चढ़कर अपना लंड तेरी चुत में जबरदस्ती घुस देगा? उसके बाद वह तब तक हिलाता रहेगा जब तक की उसकी सफेदी यानी की वीर्य तेरी चुत में फूट नहीं पड़ता?"

"हां हां हां कमला मौसी हां"

“अच्छा अच्छा अच्छा, अब रो मत लड़की, रो मत" कमला मौसी ने मुझे दिलासा देने की कोशिश की फिर वह कहने लगी, "देख, वह लोग जब सपने में तेरा बलात्कार करने में उतारु हो रखे हैं, तो ऐसा तो वह तभी कर पाएंगे, जब वह लोग तुझे पूरी तरह नंगी कर दे; देख मैं भी तो तुझे नंगी कर दिया है... अब मैं धीरे-धीरे तेरी चुत में उंगली डालकर हिला रही हूं.... तू अपने सपना के बारे में बताती रह”

फिर उन्होंने पुआल का एक ढेर काटा और उसे बिस्तर की तरह जमीन पर बिछा दिया। फिर उन्होंने मुझे कठपुतली की तरह उठाया और पुआल के बिस्तर पर जबरदस्ती लिटा दिया. उनमें से दो लोगों ने मेरे पैरों फैलाकर पकड़ कर रखे और उनमें से तीसरे ने ने मेरे हाथ मेरे सिर के ऊपर खींच लिए और मेरे हाथों को कस कर जमीन पर दबाये रखा... और फिर उनमें से चौथा, मुझ पर चढ़कर अपना लिंग मेरी योनि जबरदस्ती में डाल दिया।'

कमला मौसी ने मेरी बात सुनी और कहा, "हां, उन्होंने तेरी जैसी अनछुई लड़की जो को उठाया है... वे तेरे जैसी खूबसूरत को लड़की पाकर बहुत खुश हैं... क्योंकि वे जानते हैं कि उनके ऐसे दुर्लभ शिकार में हर किसी का हिस्सा है" ... यह कहते हुए, कमला मौसी ने अपनी दो उंगलियाँ मेरी योनी में डाल दीं। मैं एक मीठे मीठे दर्द से कराह उठी... "आह!"

कमला मौसी धीरे-धीरे अपनी उंगलियां मेरी योनि के अंदर बाहर अंदर बाहर करती हुई मिथुन करने लगी... और मैं चुपचाप ऐसे ही लेटे लेटे इस चीज के मजे लेने लगी।

थोड़ी देर के लिए कमरे के अंदर एक अजीब सी खामोशी छा गई फिर कमला मौसी ने पूछा, " ग्रुप क्यों गई लड़की? बोलना फिर क्या हुआ?"

अब मेरे साथ से गहरी और तेज होने लगी थी इसलिए मैं हल्का-हल्का हाँफते हुए बोलना जारी रखा, "अब क्या बताऊं मौसी ? न जाने क्यों, अचानक यह सब मुझे बहुत अच्छा लगने लगा... मैं सपने में ही यह सोचने लगी कि यह लोग मुझे जबरदस्ती अपना शिकार बनना चाहते हैं... मुझे भोगना चाहते हैं... लेकिन यह लोग इसके साथ यह भी सोच रहे हैं कि मैं इनका जबरदस्त विरोध करूंगी... और मैं जितना इनका विरोध करूंगी; यह लोग मेरे साथ उतनी ही ज्यादा जबरदस्ती करेंगे | उनको और मजा आएगा कि लोग मेरे बदन को मसल मसल के और जोर लगा के मेरा बलात्कार करेंगे... और यकीन मानो कमला मौसी, मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो यह सब मेरे साथ सचमुच का हो रहा हो और जैसा कि मैंने कहा अब तो मुझे भी बहुत मजा आने लगा था... इसलिए मैं जानबूझकर सपने में ही और चीखने चिल्लाने लगी... छटपटाना लगी... और हां मुझे ऐसा लग रहा था... यह चार लोग; जो मुझे यहां जबरदस्ती उठाकर यहां लेकर आए हैं... वह पूरा का पूरा मजा ले रहे थे"

इतना बोलने के बाद मेरे अंदर और इतनी शक्ति नहीं बची थी कि मैं और कुछ बोल सकूं; क्योंकि कमला मौसी ने अपनी उंगलियों से मुझे मैथुन करने की बढ़ा दी थी और मेरा दम फूलने लगा था।

मैं सिर्फ आहें भरती रही , "आआआह! आआआह! उममममह"

मुझे ऐसा लग रहा था कि कमला मौसी शायद मेरी नस-नस से वाकिफ थी| उनको मेरी हालात का अच्छी तरह अंदाजा था... इसलिए उन्होंने मैथुन की गति और बढ़ा दी... कुछ ही देर बाद मेरे अंदर परमानंद और एक महा संतोष का जबरदस्त विस्फोट हुआ...

मैं एकदम निढाल होकर हाँफने और सुस्ताने लगी... कमला मौसी ने मेरी योनि से अपनी उंगलियां निकाल कर थोड़ा सा दम लेने के बाद मुझसे कहा, " मैं तेरी सारी बातें सुनी और समझी| मैं बहुत दिनों से सोच रही थी कि तुझे एक बात बोलूंगी इसलिए आज मैं तुझे कुछ बताने वाली हूं; पर मेरी बातें सुनकर अपनी कमला मौसी को बुरा मत समझना"

मैंने कांपती हुई आवाज में पूछा, " कौन सी बात कमला मौसी ?"

कमला मौसी ने एक गंभीर स्वर में मुझसे कहा, "जैसा कि मैं देख रही हूं, तो काफी दिनों से यौन के स्वाद और और उससे प्राप्त हुई संतुष्टि से वंचित है| इसलिए तेरे शरीर के साथ-साथ तेरा मन भी इतना गरम हो जा रहा है और शायद इसीलिए तो ऐसे ऐसे सपने देख रही है... अब तो मुझे ऐसा लगने लगा है कि तुझे शांत करने के लिए कम से कम चार आदमियों की जरूरत पड़ेगी| चिंता मत कर; तू चिंता मत कर मैं हूं ना तेरी मौसी? बस एक बात का ध्यान रखना, मैं जैसा कहती हूं अगर तू वैसा ही करेगी... मेरी अगर बात मानकर चलेगी, तो यकीन मान तेरा भला ही होगा… तू ऐश करेगी"

यह कहकर कमला मौसी मुझसे लिपटकर मेरे बगल में लेट गई और वह मुझे तब तक पुचकारती , सहलाती और चूमती गई कि जब तकमैं गहरी नींद में सोने गई...

क्रमशः
कथानक और प्रस्तुति दोनों ही बहुत अच्छी है।

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