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Incest वो,जो नही होना था।

Palak aur Abhishek ka Milan

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Ek number

Well-Known Member
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173
अपडेट- 24
मै अपने कमरे में बैठा सोचने लगा कि ये काहे के लिए मैने लड़ाई मोल ले ली कोई बात नहीं ऐसे बस उसने मुझ से ये कहा कि पलक मेरी gf है।
और हम बात पर हम लोग लड़ पड़े।

यार मैं कितनी चुतिया हूं पर मैं मुकर भी नहीं सकती थी।
क्योंकि अब बात औकात की थी जो उसे दिखती ही थी।

10 मिनट बाद पलक ऊपर आई और मेरी तरफ गुस्से में देख कर अपने कमरे के अंदर चली गई।

मै पलक के कमरे में गया।

मैं- क्या हुआ ऐसे गुस्से में देख कर यहां क्यों आ गई।
पलक कुछ नहीं बोल रही थी बस चुप चाप थी।


चेहरा वो बालो से ढके थी और कुछ बोल नहीं रही थी बस हल्की सी सिसकने की आवाज आ रही थी।

मैं- तू क्या फिर रोने लगी।
बोलो यार क्या हुआ है।
मैं- कुछ तो बोलेगी या नहीं ऐसे बीएस सिसकती रहेगी।

पलक एक दम रोते हुए तेरी समस्या क्या है, मैं किसी के साथ राहु के साथ कुछ भी करू तुझे क्या है तू होता कौन है ये सब पूछने वाला तेरी समझ में नहीं आता है क्या ?

मैं- अब क्या तेरी समस्या है अब क्या कर दिया मैंने (मैं भी गुस्से में)
पलक- अभी तूने रोहन से क्या कहा तू उसे मारे गा मुझसे दूर रहने को बोला।

मैं- (झूठ बोलते हुए) नहीं ये कुछ नहीं कहा मैंने बस उसने मेरी मर्दंगी को ललकारा था बस इसलिए मैंने उसको हड़का दिया।

पलक- देख झूठ मत बोल मेरे मोबाइल में रिकॉर्डर सेट है। तेरी एक बात सुन ली है तूने क्या कहा है रोहन से।
और तू प्लीज जब तुझे मुझसे कुछ है ही नहीं तो क्यू करता है ये सब।
और सुन देख में तुझे आज आखिरी बार समझ रही है मेरी जिंदगी टांग मत अड़ाया कर मैं कुछ भी करू समझ तू।

ऐसे ही बहुत बुरा करते हुए पलक रोने लगी।मैं- अच्छा मेरी माँ चुप हो जाओ ठीक है आगे नहीं करुगा।

पलक अभी भी रोये जा रही थी
मैं- देख चुप हो जा नहीं तो मैं,
पलक- नहीं तो क्या तू मुझे मारेगा।
मैं- नहीं मेरा वो मतलब नहीं प्लीज़ यार चुप हो जाओ बस।

पलक अनसुना किए रोये जा रही थी।अब मेरी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था क्या करू कैसे चुप करौ।

मैंने फिल्मों में देखा था कि हीरो हीरोइन को चुप करने के लिए उसके होठों पर जोर से किस करते हैं।(अचीवमेंट कहो या हवस कहो)

""वो, जो नहीं होना था"" वही हुआ मैंने पलक के माथे को पकड़ा और उसके आंसू पूछे और गुलाबी होठों पर होंठ रख दिया। और पलक के होठ चुसने लगा। यह नर्म, गीला रूमानी एहसास पहले फील कभी नहीं हुई थी।

पहले भी 1-2 बार हम लोग मैं किस हुई है पर कभी ऐसा फील नहीं आया।मेरा ऐसे करने से शायद पलक को झटका सा लगा होगा।

और पलक ने पहले तो मुझसे छुड़ाने की कोशिश की.पर पकड़ मेरी मजबूर थी.पलक ने धीरे-धीरे आंखें बंद कर ली थी।
पलक ने नहीं विरोध करना किया। लेकिन अभी भी पलक ने साथ नहीं दिया, लेकिन मैं लगतार होठों को चूस जा रहा था।

पलक धीरे धीरे आंखे बंद कर रही थी और विरोध भी करना कम कर रही थी। और फिर मैंने अपनी जीभ पलक के मुंह में डाल दी।

मेरे ऐसे करने से पलक पर मदहोशी सी छाने लगी थी।पलक ने अपने आप को बाहों में ढीला छोड़ दिया अपने हाथो को मेरे गालों पर रख किस का जवाब देने लगी।
अब पलक भी मेरा साथ देने लगी थी। चूमने में इतना गुम था कि मेरे फोन पर 2-3 बार रिंग हुई, मैंने कोई ध्यान नहीं दिया।(मेरा फोन कमरे में था)

अब पलक भी मस्त चूम रही क्या लग रहा है कि एक दम ऐसा एहसास था जैसी जन्नत में। पलक का फोन आया और हम लोगो का चुमन टूट गया।

हदबड़ी में पलक ने अपना फोन रिसीव किया।

मौसी- बेटा पलक कहां हो तुम,
पलक- मम्मी रूम में हूं बताओ कोई काम

मौसी- बेटा हम लोग रास्ते में अभी 1 घंटा और लगेंगे। और ये बता ये अवि कहा है.क्या घर से बाहर है क्या?

पलक- हा एक मिनट मम्मी अभी देखती हूं।इतना कहे पलक कमरे से बाहर निकल कर मेरे रूम में घुस गई।
मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ये क्या कर रही है।

पलक- क्या मम्मी अवि यहीं पर सो रहा हैं और फोन साइलेंट पर है।
मौसी- अच्छा अवि को उठा देना और हां बता देना कि हम लोग आ रहे हैं।

और परेशान तो नहीं कर रहा ना,

पलक- अरे नहीं मम्मी जब से आया है तब से सोया ही है।
मौसी- अच्छा चल ऐसे कर अवि को उठ दे और हम आते हैं अभी।

इतना काहे कर फोन कट कर दिया। मैं पलक की तारीफ करता हुआ।

सोचती तो तू बहुत आगे का, ऐसे मैं तेरे लिए तो तालियां बनाती हूं। मैं बिस्तर पर बैठी और पलक मेरे सामने खड़ी हुई थी।

मैं- पलक को देख कर कुछ बोलने ही वाला था कि पलक ने अपने होंठ ऊपर रख दिए थे और मैं बिस्तर पर गिर गया था, अब पलक ऊपर मेरे और मेरे नीचे।

इतने मुलायम नशीले ओठ़् ऐसा लग रहा था जैसे गुलाब की पंखुड़ी हो।और हवस का इतना नशा चढ़ा था की में मुहु हटा नहीं पाया।

और हम लोग एक दूसरे से होठ चूमने लगे अब मैं शांत था ओठों को चूमे जा रहा था, पर पलक के अंदर एक अलग ही जोश था। पलक लगातर मेरे होठों को चूमने जा रही थी। और अपनी जीव मेरे मुंह में डाल कर चूसने लगी।
साथ ही साथ हम लोग इतना गरम हो गया थे।
मेरा लंड खड़ा हो रहा था और पलक की जांघों पर फील हो रहा था। ये बात नोटिस नहीं की,

हम्म लोगो का चुम्बन टूट गया।
अब मैं और पलक गहरी सांस ले रहे थे।
पलक ये क्या था
मैं- तुझे बुरा लगा किस करना सॉरी
पलक- नहीं वो नहीं मुझे कुछ चुभ रहा था.क्या था वो
मैं- बात घूमते हुए मौसी का फोन आया था क्या कह रही थी।

पलक- अरे तुझे बताना ही भूल गई मम्मी और मौसी रास्ते में आने में टाइम लगेगा।

मैं- अच्छा, तुझे मेरा किस करना बुरा तो नहीं लगेगा ना
पलक- नहीं अगर बुरा लगा होता तो तुझे तब भी तेरे मुंह हटा नहीं देती।
मैं- हां मालूम है कोशिश तो तूने की थी.पर मेरी पकड़ के आगे तेरी एक ना चली।
पलक- हां मालूम है तेरी पकड़ और तू,

मैं- पर यार एक बात बता हम लोग जो ये कर रहे हैं वो गलत है।
पलक- देख मुझे तो नहीं लगता जो हम लोगों ने किया वो गलत है।
मैं- कैसे ग़लत नहीं यार,
पलक- रुक बताती हूं कैसे,

और इतने कहते ही पलक ने फिर से होठों को चूमना चालू कर दिया, अब की बार पलक मेरे ऊपर थी।

किस करते हमने पोजीशन बदल ली अब मैं ऊपर था और पलक नीचे थी मेरे हाथ धीरे पलक के स्तन तरफ जा रहे थे। मैं पलक कपड़ो के ऊपर से स्तन दबाने लगा और पलक किस करते सिस्कारियां लेने लगी और लगातर हम लोग एक दूसरे को चुम्मे जा रहे थे।

सांस टूटी एक दूसरे से अलग हुई।
हम दोनों लोग कसके सांसे भर रहे थे

मैं- तुझे मेरा ये करना बुरा तो नहीं लगेगा।
पलक- नहीं तेरे होठों ने जो किया वो सही था पर तेरे हाथों ने जो किया वो गलत किया।

मैं- सॉरी यार वो कंट्रोल ही हुआ।तू बुरा मत मनाना मेरी बात का,नहीं तो तू बिना बताए रूठ जाए।

पलक- देख जब तू गुस्सा दिलता है तभी मैं रूठ जाती हूं वैसे भी रूठाने के बाद जब तू इतना प्यार से मानता है वो मुझे बहुत अच्छा लगता है।

मैं- देख जो कुछ भी हुआ अचानक हुआ है. हम दोनों के बीच ठीक नहीं है। हम इस बात को यहीं ख़तम कर देते हैं। हम दोनो की भलाई इसी में है जो हुआ यही ख़तम कर दे।

पलक- बात तो सही है तेरी पर मुझे कोई बुरी नहीं लगती.क्यूं कि मैं तुझे प्यार करती हूं।और मै ये भी जानती हु की तू भी मुझे पसंद करता है।

मैं- देख पागल मत बन तुझे इसमें बुरी नजर क्यों नहीं आ रही. कुछ भी हो, लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि, हम दोनों भाई बहन हैं।

पलक- हां तेरा सही जब तेरा मन करे तो तेरी राखेल और जब मन ना हो तो भाई बहन।

गुस्से में,
मैं- पलक तू ये क्या बोल रही है मेरे कहने का वो मतलब नहीं है मैं कुछ और कहेना चाहता हूं और तू कुछ या मतलब निकल रही है।

पलक- मै तेरी बात को अच्छी तरह समझ आ रही है। मै कोई बची नहीं हूं। तू यही कहना चाहता है ना कि तू मेरा भाई है।इसलिये ये सब मैं तेरे साथ नहीं कर सकती।

मैं- बिल्कुल मेरे कहने का यही मतलब है.

पलक-यादि तुझे ऐसा करने से अप्ती थी तो फिर तूने मुझे किस क्यों किया।

और उस दिन जब मैं तेरे यहां रुकने आई थी तब तू मेरे नाम लेकर गलत काम कर रहा था तब।और मुझे बिना कपडे के ताड़ रहा था और साथ में मेरे कपड़ो को लेकर गलत काम किया।

उन सब कामों तुझे बहन नज़र नहीं आई, आज जब मैं अपने प्यार का इज़हार कर रही हूँ तब तुझे दुनिया के नियम याद आ रहे हैं।

अगर प्यार नहीं है तो वो सब क्या था।

पलक की बाते सुनकर मेरे पैरो के नीचे की ज़मीन ही खिसक गई थी। मैं शर्म से पानी पानी हो गया और शर्म से सर नीचे झुक गया।

मेरी जुबान से एक शब्द भी नहीं निकल रहा था और मैं नहीं जानता था कि मेरा कुछ देर के लिए बहक जाना मुझ पर इतना भारी पड़ेगा।
मेरी एक गलत हरकत ने पलक के अंदर ना जाने कब से दबी हुई भावनाओं की चिंगारी को ज्वालामुखी का रूप दे दिया था। जो अब हर हाल में मुझे अपना अंदर समा लेना चाहती थी।
Behtreen update
 
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Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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((DEVILKING))

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अपडेट- 24
मै अपने कमरे में बैठा सोचने लगा कि ये काहे के लिए मैने लड़ाई मोल ले ली कोई बात नहीं ऐसे बस उसने मुझ से ये कहा कि पलक मेरी gf है।
और हम बात पर हम लोग लड़ पड़े।

यार मैं कितनी चुतिया हूं पर मैं मुकर भी नहीं सकती थी।
क्योंकि अब बात औकात की थी जो उसे दिखती ही थी।

10 मिनट बाद पलक ऊपर आई और मेरी तरफ गुस्से में देख कर अपने कमरे के अंदर चली गई।

मै पलक के कमरे में गया।

मैं- क्या हुआ ऐसे गुस्से में देख कर यहां क्यों आ गई।
पलक कुछ नहीं बोल रही थी बस चुप चाप थी।


चेहरा वो बालो से ढके थी और कुछ बोल नहीं रही थी बस हल्की सी सिसकने की आवाज आ रही थी।

मैं- तू क्या फिर रोने लगी।
बोलो यार क्या हुआ है।
मैं- कुछ तो बोलेगी या नहीं ऐसे बीएस सिसकती रहेगी।

पलक एक दम रोते हुए तेरी समस्या क्या है, मैं किसी के साथ राहु के साथ कुछ भी करू तुझे क्या है तू होता कौन है ये सब पूछने वाला तेरी समझ में नहीं आता है क्या ?

मैं- अब क्या तेरी समस्या है अब क्या कर दिया मैंने (मैं भी गुस्से में)
पलक- अभी तूने रोहन से क्या कहा तू उसे मारे गा मुझसे दूर रहने को बोला।

मैं- (झूठ बोलते हुए) नहीं ये कुछ नहीं कहा मैंने बस उसने मेरी मर्दंगी को ललकारा था बस इसलिए मैंने उसको हड़का दिया।

पलक- देख झूठ मत बोल मेरे मोबाइल में रिकॉर्डर सेट है। तेरी एक बात सुन ली है तूने क्या कहा है रोहन से।
और तू प्लीज जब तुझे मुझसे कुछ है ही नहीं तो क्यू करता है ये सब।
और सुन देख में तुझे आज आखिरी बार समझ रही है मेरी जिंदगी टांग मत अड़ाया कर मैं कुछ भी करू समझ तू।

ऐसे ही बहुत बुरा करते हुए पलक रोने लगी।मैं- अच्छा मेरी माँ चुप हो जाओ ठीक है आगे नहीं करुगा।

पलक अभी भी रोये जा रही थी
मैं- देख चुप हो जा नहीं तो मैं,
पलक- नहीं तो क्या तू मुझे मारेगा।
मैं- नहीं मेरा वो मतलब नहीं प्लीज़ यार चुप हो जाओ बस।

पलक अनसुना किए रोये जा रही थी।अब मेरी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था क्या करू कैसे चुप करौ।

मैंने फिल्मों में देखा था कि हीरो हीरोइन को चुप करने के लिए उसके होठों पर जोर से किस करते हैं।(अचीवमेंट कहो या हवस कहो)

""वो, जो नहीं होना था"" वही हुआ मैंने पलक के माथे को पकड़ा और उसके आंसू पूछे और गुलाबी होठों पर होंठ रख दिया। और पलक के होठ चुसने लगा। यह नर्म, गीला रूमानी एहसास पहले फील कभी नहीं हुई थी।

पहले भी 1-2 बार हम लोग मैं किस हुई है पर कभी ऐसा फील नहीं आया।मेरा ऐसे करने से शायद पलक को झटका सा लगा होगा।

और पलक ने पहले तो मुझसे छुड़ाने की कोशिश की.पर पकड़ मेरी मजबूर थी.पलक ने धीरे-धीरे आंखें बंद कर ली थी।
पलक ने नहीं विरोध करना किया। लेकिन अभी भी पलक ने साथ नहीं दिया, लेकिन मैं लगतार होठों को चूस जा रहा था।

पलक धीरे धीरे आंखे बंद कर रही थी और विरोध भी करना कम कर रही थी। और फिर मैंने अपनी जीभ पलक के मुंह में डाल दी।

मेरे ऐसे करने से पलक पर मदहोशी सी छाने लगी थी।पलक ने अपने आप को बाहों में ढीला छोड़ दिया अपने हाथो को मेरे गालों पर रख किस का जवाब देने लगी।
अब पलक भी मेरा साथ देने लगी थी। चूमने में इतना गुम था कि मेरे फोन पर 2-3 बार रिंग हुई, मैंने कोई ध्यान नहीं दिया।(मेरा फोन कमरे में था)

अब पलक भी मस्त चूम रही क्या लग रहा है कि एक दम ऐसा एहसास था जैसी जन्नत में। पलक का फोन आया और हम लोगो का चुमन टूट गया।

हदबड़ी में पलक ने अपना फोन रिसीव किया।

मौसी- बेटा पलक कहां हो तुम,
पलक- मम्मी रूम में हूं बताओ कोई काम

मौसी- बेटा हम लोग रास्ते में अभी 1 घंटा और लगेंगे। और ये बता ये अवि कहा है.क्या घर से बाहर है क्या?

पलक- हा एक मिनट मम्मी अभी देखती हूं।इतना कहे पलक कमरे से बाहर निकल कर मेरे रूम में घुस गई।
मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ये क्या कर रही है।

पलक- क्या मम्मी अवि यहीं पर सो रहा हैं और फोन साइलेंट पर है।
मौसी- अच्छा अवि को उठा देना और हां बता देना कि हम लोग आ रहे हैं।

और परेशान तो नहीं कर रहा ना,

पलक- अरे नहीं मम्मी जब से आया है तब से सोया ही है।
मौसी- अच्छा चल ऐसे कर अवि को उठ दे और हम आते हैं अभी।

इतना काहे कर फोन कट कर दिया। मैं पलक की तारीफ करता हुआ।

सोचती तो तू बहुत आगे का, ऐसे मैं तेरे लिए तो तालियां बनाती हूं। मैं बिस्तर पर बैठी और पलक मेरे सामने खड़ी हुई थी।

मैं- पलक को देख कर कुछ बोलने ही वाला था कि पलक ने अपने होंठ ऊपर रख दिए थे और मैं बिस्तर पर गिर गया था, अब पलक ऊपर मेरे और मेरे नीचे।

इतने मुलायम नशीले ओठ़् ऐसा लग रहा था जैसे गुलाब की पंखुड़ी हो।और हवस का इतना नशा चढ़ा था की में मुहु हटा नहीं पाया।

और हम लोग एक दूसरे से होठ चूमने लगे अब मैं शांत था ओठों को चूमे जा रहा था, पर पलक के अंदर एक अलग ही जोश था। पलक लगातर मेरे होठों को चूमने जा रही थी। और अपनी जीव मेरे मुंह में डाल कर चूसने लगी।
साथ ही साथ हम लोग इतना गरम हो गया थे।
मेरा लंड खड़ा हो रहा था और पलक की जांघों पर फील हो रहा था। ये बात नोटिस नहीं की,

हम्म लोगो का चुम्बन टूट गया।
अब मैं और पलक गहरी सांस ले रहे थे।
पलक ये क्या था
मैं- तुझे बुरा लगा किस करना सॉरी
पलक- नहीं वो नहीं मुझे कुछ चुभ रहा था.क्या था वो
मैं- बात घूमते हुए मौसी का फोन आया था क्या कह रही थी।

पलक- अरे तुझे बताना ही भूल गई मम्मी और मौसी रास्ते में आने में टाइम लगेगा।

मैं- अच्छा, तुझे मेरा किस करना बुरा तो नहीं लगेगा ना
पलक- नहीं अगर बुरा लगा होता तो तुझे तब भी तेरे मुंह हटा नहीं देती।
मैं- हां मालूम है कोशिश तो तूने की थी.पर मेरी पकड़ के आगे तेरी एक ना चली।
पलक- हां मालूम है तेरी पकड़ और तू,

मैं- पर यार एक बात बता हम लोग जो ये कर रहे हैं वो गलत है।
पलक- देख मुझे तो नहीं लगता जो हम लोगों ने किया वो गलत है।
मैं- कैसे ग़लत नहीं यार,
पलक- रुक बताती हूं कैसे,

और इतने कहते ही पलक ने फिर से होठों को चूमना चालू कर दिया, अब की बार पलक मेरे ऊपर थी।

किस करते हमने पोजीशन बदल ली अब मैं ऊपर था और पलक नीचे थी मेरे हाथ धीरे पलक के स्तन तरफ जा रहे थे। मैं पलक कपड़ो के ऊपर से स्तन दबाने लगा और पलक किस करते सिस्कारियां लेने लगी और लगातर हम लोग एक दूसरे को चुम्मे जा रहे थे।

सांस टूटी एक दूसरे से अलग हुई।
हम दोनों लोग कसके सांसे भर रहे थे

मैं- तुझे मेरा ये करना बुरा तो नहीं लगेगा।
पलक- नहीं तेरे होठों ने जो किया वो सही था पर तेरे हाथों ने जो किया वो गलत किया।

मैं- सॉरी यार वो कंट्रोल ही हुआ।तू बुरा मत मनाना मेरी बात का,नहीं तो तू बिना बताए रूठ जाए।

पलक- देख जब तू गुस्सा दिलता है तभी मैं रूठ जाती हूं वैसे भी रूठाने के बाद जब तू इतना प्यार से मानता है वो मुझे बहुत अच्छा लगता है।

मैं- देख जो कुछ भी हुआ अचानक हुआ है. हम दोनों के बीच ठीक नहीं है। हम इस बात को यहीं ख़तम कर देते हैं। हम दोनो की भलाई इसी में है जो हुआ यही ख़तम कर दे।

पलक- बात तो सही है तेरी पर मुझे कोई बुरी नहीं लगती.क्यूं कि मैं तुझे प्यार करती हूं।और मै ये भी जानती हु की तू भी मुझे पसंद करता है।

मैं- देख पागल मत बन तुझे इसमें बुरी नजर क्यों नहीं आ रही. कुछ भी हो, लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि, हम दोनों भाई बहन हैं।

पलक- हां तेरा सही जब तेरा मन करे तो तेरी राखेल और जब मन ना हो तो भाई बहन।

गुस्से में,
मैं- पलक तू ये क्या बोल रही है मेरे कहने का वो मतलब नहीं है मैं कुछ और कहेना चाहता हूं और तू कुछ या मतलब निकल रही है।

पलक- मै तेरी बात को अच्छी तरह समझ आ रही है। मै कोई बची नहीं हूं। तू यही कहना चाहता है ना कि तू मेरा भाई है।इसलिये ये सब मैं तेरे साथ नहीं कर सकती।

मैं- बिल्कुल मेरे कहने का यही मतलब है.

पलक-यादि तुझे ऐसा करने से अप्ती थी तो फिर तूने मुझे किस क्यों किया।

और उस दिन जब मैं तेरे यहां रुकने आई थी तब तू मेरे नाम लेकर गलत काम कर रहा था तब।और मुझे बिना कपडे के ताड़ रहा था और साथ में मेरे कपड़ो को लेकर गलत काम किया।

उन सब कामों तुझे बहन नज़र नहीं आई, आज जब मैं अपने प्यार का इज़हार कर रही हूँ तब तुझे दुनिया के नियम याद आ रहे हैं।

अगर प्यार नहीं है तो वो सब क्या था।

पलक की बाते सुनकर मेरे पैरो के नीचे की ज़मीन ही खिसक गई थी। मैं शर्म से पानी पानी हो गया और शर्म से सर नीचे झुक गया।

मेरी जुबान से एक शब्द भी नहीं निकल रहा था और मैं नहीं जानता था कि मेरा कुछ देर के लिए बहक जाना मुझ पर इतना भारी पड़ेगा।
मेरी एक गलत हरकत ने पलक के अंदर ना जाने कब से दबी हुई भावनाओं की चिंगारी को ज्वालामुखी का रूप दे दिया था। जो अब हर हाल में मुझे अपना अंदर समा लेना चाहती थी।
Next update ???
 

cartoon18

लिखावट बाय दिहाती लेखक🌚
142
806
94
Lagta h bhai ke pas time nhi h update dene ke liye
Bas online aane ke liye time milta h
Bhai Aaj hi update aayega har haal mai.late is liye ho rha hai ki aaj 2 update dungaa.
Bakki sbse wait kr lijiye.🙏🙏🙏🫡
 
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cartoon18

लिखावट बाय दिहाती लेखक🌚
142
806
94
अपडेट- 25
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि पलक ने मुझे ये सब करते हुए कब देख लिया।

मैं- पलक देख यार वो जो हुआ एक हवस का नशा था उसमें मुझे कुछ समझ नहीं आया और वो सब गलती से हो गया।

पलक- अच्छा अब तुझे हवस का नशा समझ में आ गया है। और मैं तेरे लिए इतने दिनों से प्यार की आश लगाए बैठी वो, उसको क्या कहेगा तू।

मैं- देख ऐसी बात नहीं है मेरे अंदर तेरे लिए फीलिंग है। मैं भी तुझे पसंद करता हूं। पर हम लोगों के लिए ये सब गलत है।

पलक मुझे समझती हुई बोली,
देख मुझे मालूम नहीं है कि तू मुझे पसंद करता है या नहीं अगर तू करता भी होता मेरे इतने संकेत देने के बाद तुझे कुछ समझ नहीं आया।

मैं- यार देख समझने की कोशिश कर दुनिया बाले क्या सोचेगी, मौसा ,मौसी, मम्मी ,पापा, भाई और बहुत से रिश्तेदार क्या सोचेंगे।

पलक- देख दुनिया का काम बोलना ही वो तू जब कुछ अच्छा करेगा तभी भी बोलेगा, जब कुछ बुरा करेगा तभी भी बोलेगा।और मैं सब लोगो के चक्कर में अपना प्यार नहीं खो सकती ना।

मैं- तू बकाई में पागल हो गई है या तेरा दिमाग चल गया है। तेरे मेरे घर बाले क्या सोचेगा कभी तूने सोचा है ये।

पलक- देख मैं और तू राजी तो क्या करेगा काजी बस मैं ये जानती हूं।

मैं- देखो पलक एक बार को मान ले मैं मान गया पर घर बालो को कैसे समझेंगे।

पलक- मैं, तुम भाग कर शादी कर लेंगे कहीं अपनी नई दुनिया बसायेगे। जहां हमें कोई परेशान करने वाला नहीं होगा।कोई टोकने वाला दुनिया डरने वाला नहीं।कोई नही मै और तुम सिर्फ,

मेरी हर बात का पलक एक अलग जवाब दे रही थी। हर बात पर नहेले पर दहला मर रही थी।

मैं- पलक बेवकूफ़ों वाली बाते मत कर बुरा सपना समझ कर भूल जा।और कोई दूसरा लड़का अपने लिए पसंद कर सकता है, मैं तेरा जिंदगी भर बेस्ट फ्रेंड बना रहूँगा तेरे सुख दुख में कभी कोई भी दिक्कत आएगी मैं तेरे साथ खड़ा रहूँगा।

पलक थोड़ा मुस्कुराती हुई,
सही है तेरा में तुझे ज्यादा तो नहीं 1 साल हो छोटी हूं और तू मुझसे कह रहा है कि बाहर मुझे मार लू।एक बात याद रख, कोई भी लड़की अपनी मर्जी के बिना कुछ नहीं करने देती है समझा तू,

मुझे जो मेरे अंडरगारमेंट्स मैंने देखा मेरे कपड़ो के साथ खेलना मैंने तो कभी बुरा नहीं माना और नहीं मैंने मम्मी को बताया और तूने बड़ी आसानी से कहा दिया की में किसी और लड़के को अपना बना लू।

मै जिंदगी भर कुमारी रहें लूंगी।लेकिन एक बार किसी को चाहा लिए उसे नही छोडूंगी।

मैं- तू भी तो मुझे सबके सामने लफंगा और पता नहीं क्या बोलता है तो मुझे बुरा नहीं लगता।

पलक- क्यों कि मैं नहीं किसी को बताना चाहती थी कि तू मेरा भाई है। तू मुझे सयाद बहन की नज़र से देख पर मैंने तुझे उस नजर से नहीं देख है। समझा तू, और किरण तुझे हां बोलने आ रही थी मैंने ही माना किया। किरण और मैं एक दूसरे को बिना बताए कुछ नहीं कर सकते।

आज कल बाहर के किसी लड़के का भरोसा नहीं होता,
पता नहीं कैसे लड़के होते हैं।
मुझे बस तू पसंद है मैं तुझे से ही प्यार करता हूं। तू हां बोले तो ठीक नहीं तो अपना एक तरफा प्यार रहेगा।

पलक की इतनी बात सुनकर गुस्से में लाल हो गया अबकी बार खीच कर पलक के गाल पर तमाचा जड़ दिया।

गुस्से में, कैसे प्यार की बात कर रही है तू चार दिन साथ रह ली चार मीठी बात कर ली तेरे पीछे घूमने लगा इसमें तुझे प्यार नज़र आ गया। किस कर के गलती हो गई मुझे 1 घंटे से 4 बार सॉरी बोल रहा हूं। पर नहीं मैडम को प्यार चाहिए.

पलक हल्के गुस्से में मुस्कराते हुए खाने लगी

""कटी हुई ठेनिया कहा छांव देती है,
हद से ज्यादा उम्मीद हमेशा के लिए घाव देती है..!""

मैंने एक बात आज नोटिस की कि इतने कसके तम्चा मरने के बाद पलक बिल्कुल नहीं रोई और मुस्कुरा रही थी।
और अब कुछ बोल नहीं रही थी.

मै कुछ बोलने को तब भी नीचे गेट पर तिंग टोंग हुआ।
गेट खोलने नीचे जाने लगा।

जाते हुए पलक से कहा,

जो हुआ इस कमरे के अंदर हुआ. इसी कमरे का अंदर ख़तम हो जाना चाहिए और तू वैसे भी मुझसे समझदार है।

नीचे गेट खोला पापा, मम्मी, मौसी और भैया सब लोग।

अंदर आते हुए,
मम्मी चिल्लाते हुए पूरे दिन सोता रहता है।देख कितने कॉल किए हैं फोन पर,
ये नहीं वापस कॉल कर ले बस सोना है जनाब को।बेचारी लड़की ने सब काम किया होगा।कुछ काम का नहीं है बस सोना है तुझको।

सभी लोग अंदर आए।

मौसी ने पलक को आवाज़ दी और मुझसे कहा कि जल्दी चलो बहुत देर हो गई है।

पापा और भैया बारामदे में बैठ कर कुछ बता कर रहे थे।

मेरी और पलक की लड़ाई में पता ही नहीं चला कि 9 बजे गए थे।
मैंने कहा मतलब मौसी आप रुकेंगी नहीं,
मौसी- बेटा वो तेरे मौसा आ रहे हैं और मेरा भाई उनका लड़का भी आया है (मतलब पलक के मामा) तो हम लोगो को जल्दी निकलना होगा।

पलक क्या ऊपर सो रही है।

मैं- देखा नहीं मौसी अभी देखता हूँ।
मौसी- अगर सो रही हो तो उठा देना काहे देना की मम्मी ने जल्दी चलने को बोला है।
मैं- और खाना वगेरा
मम्मी- खाना पीना हम लोगों ने तो होटल कर लिया था तेरे पलक और तेरे मौसा जी के लिए पैक करा लिया।

मम्मी- अरे वाह आज बड़ी चिंता हो रही है मौसी की ,
क्या बात है मौसी से वैसे तू बिल्कुल मतलब नहीं रखता।

मैं- अरे नहीं मम्मी वो मौसी को छोड़ने जाना है ना इसलिए.
मौसी सब लोग बैठ कर आराम से पानी पीने लगे, तब तक भाग कर पलक को बुलाने चला गया।

मैंने पलक को बुलाया की मौसी नीचे बुला रही है।

पलक- हां मैंने सुन लिया आ रही हूं तू चल,
मैं- देख यार गुस्से में तमाचा मार दिया पर किसी को बताना नहीं
पलक- ठीक है कोई नहीं,:angel3:

मै नीचे गया बाइक निकली स्टार्ट कर के रेडी हो गया।
थोड़ी देर मौसी और पलक भी आ गई।

दोनो लोगो को बाइक पर बैठा कर हम लोग निकल गये।
रास्ते में आज पलक मुझसे दूर बैठी थी। (मतलब आज उसके स्तन मेरी पीठ में महसूस नहीं हो रहे थे)

सोचने लगा आज शायद ज़्यादा ही नाराज़ हो गई थी तमाचे को वजह से।

आधे घंटे बाद मौसी के घर पहुँच गया।
मौसी और पलक को उतरने के बाद बाइक मोड़ कर जाने लगा।

पलक झट से अंदर चली गई एक मिनट भी नहीं रुकी।
मौसी - थोड़ी देर रुक कर जाता मौसा से भी मिल लेता। और छोटू से भी मिल लेना।(छोटू, रोहन का घर का नाम)

मैं- नहीं मौसी भूख भी लगी है और 10 बजे भी बज रही है। अगली बार पक्का आउंगा।

मौसी- हां वो मालूम है तू कितना आएगा।

ओके बाय अब मैं नहीं,जब तू आएगा तभी तेरे घर आउंगी। इतना कहेकर मौसी मुस्कुराने लगी.बोली अरे मजाक कर रही हूं।
मौसी को बाय बोल कर घर की या निकल गया।

रास्ते में आज शाम को पलक के साथ किसिंग बहुत याद आ रही थी।
लेकिन एक तरफ़ ये भी मान में आ रहा था कि जिसको अभी ये सब मना किया वही में सोचने लगा।

बहुत से फ़िज़ुली ख्याल सोचते सोचते घर आ गया।

पापा मम्मी और भैया सब लोग हॉल में बैठे थे।
मम्मी- खाना खा ले।

मैं- हां मम्मी लगा दो भूख भी ज़ोरो की लगी है।
मम्मी- हां पूरे दिन पड़ा रहेगा। तो भूख भी लगेगी।

मैं- अरे नहीं मम्मी सुबह आप लोगो को छोड़ने के बाद पहले 2- घंटे पढ़ाई की फिर सोया और फिर पलक को भी स्कूल से पिक करने गया था।

पापा घर में सबसे कम बोलते थे।
जब भी बोलते हैं तो उनकी बात कोई टाल भी नहीं सकता कोई भी क्यों ना हो।
क्यों कि एक बार भैया ने उनकी बात नहीं मानी तो पापा ने भैया को 3 दिन के लिए गांव भेज दिया था।

गांव मतलब नरक मेरे लिए क्योंकि जो शहर में सुविधा है वो गांव में कहा।और गांव जाके खेती देखो और खेतो मे काम कराओ।
पापा- हमेशा पड़ा शुगर के जैसा सोता रहता है कोई काम नहीं है।
सब लोग चुप थे, मैं बैठे हुए पापा की बाते सुन रहा था।
पापा- सुन आज से अगर तू अब से दिन में सोया तेरी खैर नहीं। पापा का लेक्चर ख़त्म हुआ।
भैया- चलो अब घर के सभी काम टाइम पर होंगे।
मम्मी-हा बिलकुल सही कहा,

मैं- मम्मी अच्छी लड़की कैसी है पसंद आएगी या नहीं,
मम्मी- लड़की नहीं भाभी बोल सबको पसंद है।

मैं- मम्मी भाभी की फोटो तो दिखाओ।
 
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