yes sir...... add karo ...to aur bhi maza aayega.............बहुत रोमांटिक और लड़ाई सीन हो चूके है। थोड़ा सेक्स सीन भी ऐड कर लिए जाए।
आप लोगो को राय जरूरी है।
सभी भाइयों को तह दिल से शुक्रिया आप लोग मेरी कहानी को खूब पसंद कर रहे है। आप लोगो से गुजारिश है कि कृपया इसे शेयर भी करते रहे।ताकि मेरा मन लिखने में बढ़ता रहे।
Awesome updateअपडेट-27
रात को देर से सोने के कारण
दूसरे दिन 1 बजे मम्मी जब उठाने आई तब मेरी नींद खुली।
मम्मी- अब तबीयत कैसी है।
मैं- हां मम्मी ठीक है आराम है कल से,
मम्मी- अगर आराम ना हो तो ऐसा कर भैया के साथ डॉक्टर के पास जांच करा करके दवा ले आ।
मैं- नहीं मम्मी अब सही है बस थोड़ी बहुत थकन लग रही है।
मम्मी- चल ऐसे कर नहा ले जा के थोड़ा शरीर हल्का हो जाएगा गा तब तुझे अच्छा भी लगेगा। थकन मिट जाएगी।
मैं- ठीक है मम्मी
इतना कहना ही हुआ तभी मेरा फोन बजा।
देखा सूरज का फ़ोन आ रहा था।
मम्मी- किसका फोन आ रहा है बहुत देर से मोबाइल पर रिंग हो रही है।
मैं- सूरज का कॉल होगा क्योंकि हम लोगों को सर के यहां जाना था प्रोजेक्ट के सिलसिले में बात करने के लिए।
मम्मी- चल ठीक है जल्दी नीचे आ
मैं- ठीक है मम्मी
सूरज का कॉल कट गया।मैंने फोन उठा कर देखा कि 10 बजे से सूरज के लग्भाग 30 बजे कॉल आ चुके थे।
और पलक को एक कॉल नहीं आई और नही कोई मैसेज का रिप्लाई आया।
यार मुझे सोचने लगा इतना बुरा भी मैंने नहीं किया था जो इतनी बड़ी सजा मिल रही है।
सूरज को कॉल लगाया,
सूरज- हां भाई मिल गई तुझे फुर्सत तब कॉल कर के याद किया
मैं- नहीं भाई ऐसी बात नहीं बिल्कुल अभी तो उठा तुझे बताया था कि रात को दवा खाई उसी का असर है।
सूरज- तो फिर घूमने चलेगा या नहीं।
मैं- भाई ऐसे करते हैं शाम को चलते हैं।
अभी मुझे एक घंटा तो ऐसा ही लग जाएगा।
सूरज- चल कोई नही ऐसे कर 5 बजे तू तो फ्री हो गा ना तभी चलते है।
मैं- ठीक है भाई,
सूरज- और तबीयत कैसी है अब आराम है ना.
मैं- हां भाई तभी तो आने को बोल रहा हूं मेरा मन भी बहल जाएगा।
सूरज- चल ठीक बाय शाम को मिलता है
मैं- ठीक है बाय
सूरज को कॉल कट होने के बाद पलक को फोन लगाया। पहले तो कॉल करने के लिए जा रही थी थोड़ी देर बाद नंबर बिजी हो गया।
ज्यादा प्रयास करना उचित नहीं समझा।
बाथरूम में जाकर मौसी के घर जाने का प्लान सोचने लगा कि कोई बहाना हो जाएगा। मेरे पास पालक की असाइनमेंट फाइल पड़ी थी। बस इसी बहाने से मैं जा सकता था।
मन ही मन बहुत खुश हो गया चलो अब तो पलक से मिलकर ही रहूंगा।
नहा धोकर नीचे गया. नीचे मम्मी और भैया पंडित जी कुछ बात कर रहे थे।
मम्मी ने मुझे नास्ता दिया. और बोलने लगी थोड़ी देर बाद खाना खा लेना। क्यू तुझे दवा भी खानी है। अब आराम है तबियत में।
मैं - मम्मी यह पंडित जी क्यों आए हुए है।
मम्मी- वो बेटा तुझे बताया था कि भैया की शादी के लिए डेट फिक्स करा रही है, तो सबसे पहले लड़के का रोका होता है। फ़िर उसके बाद रिंग सेरेमनी.
मैं- मतलब लड़के का रोका कुछ समझा नहीं.
मम्मी - अरे मतलब की लड़की वाले आये तेरे भैया की रुकाई। फिर उसकी बाद रिंग सेरेमनी होगी। जिसमें तेरे भैया और भाभी एक दूसरे को अंगुठी पहनेंगे।
मैं- अच्छा कब आ रहा भाभी की साइड वाले.
मम्मी- देखो पंडित जी को इसी के लिए बुलाया है। तारीख निकल कर बता दे कौन सी तारीख सही रहेगी। उसके दिन वो लोग यहां आके रुकाई कर देंगे।
तभी भैया ने मम्मी को आवाज दी।
मम्मी- हां आती हूं।
मैं खाना पीना कर के ऊपर कमरा में आ गया।
मम्मी, भैया और पंडित जी लोग आपस में कुछ बात करते रहे।
मैं अपने कमरे में गम शम बैठा था तभी भैया ने आवाज दी।
मैं भाग कर नीचे गया।
मम्मी- सुन ऐसे कर भैया के साथ चला जा 2-3 जगह जाना है.
मैं- क्यु
मम्मी- पंडित जी अगले हफ्ते का दिन बुधवार और 6 तारीख बताई है।
मैं- अच्छा तो चलाना क्यों है।
मम्मी- ज्यादा सवाल मत कर भैया के साथ चला जा जा वो जा रह है।
मैं- ठीक है।
बाइक निकल कर हम चल पड़े।
पहले भैया मिठाई की दुकान गई वाहा कुछ मिठाई ऑर्डर दी।
टेंट हाउस गए वहां एक खाना बनाने वाले से बात की.6 तारीख के लिए बुक कर लीजिए.
भैया अपने 1-2 दोस्तों को निमंत्रण देने लगे।
फिर भैया ने कहा मौसी के घर और चलो वहां भी काहे दे। नहीं मौसी बुरा मन जाएगी. की में तुम लोगो के हमेशा साथ रही और तुम लोगो ने पूछा तक नहीं।
मन ही मन बहुत खुश हो गया। क्योंकि मौसी के घर जाने का प्लान वैसे भी बना लिया था। लेकिन यहां तो बिना प्लान के जाना पड़ रहा था।
तुरंट बाइक मौसी घर की तरफ मोड़ दी.और थोड़ी देर बाद मौसी के घर पहुंच गया
मेरी फूटी किस्मत कहो या तुम मेरी किस्मत को गाली दो।
मौसी के घर के अंदर गये। मौसी ने हम लोगो का स्वागत किया।
लगता है मौसी शायद अकेली होगी।
मौसी ने भैया को बधाई दी और साथ की उनके गले मिलने लगी।
फिर दोनो लोग मिल कर आपस में बात करने लगे।
मैं- मौसी मौसा नहीं दिखीं पढ़ रही हैं क्या बात है।
मौसी- वो पलक के पापा का टूर लगा हुआ था. इसलीये 2-3 दिन बाद ही आये गे।
मैं- मौसी आप तीनों लोगों को आना है याद रखना आप, नहीं तो आप बोलो कि जब आप घर नहीं आतीं तो आप भी नहीं आएंगी।
मौसी- अरे बेटा हमें दिन तो मज़ाक में काहे दिया था. अच्छा हम नहीं आएंगे तो कौन आएगा. तू ऐसा करना हम लोगो रिसीव कर लेना आके। सही रहेगा ना और तेरे मौसा दिन के दिन आएंगे। उनके कपड़े ले चलूंगी।
भैया- अरे क्यू नहीं मौसी बिल्कुल ये घर पे बेला ही पड़ा रहता है कुछ तो काम करेगा।
मैं- हां मौसी बिल्कुल आप का काम नहीं आऊंगा तो किस के काम आऊंगा।
मौसी- अरे मेरा प्यारा बच्चा बहुत ख्याल रखता है मौसी का।
मैं- मौसी पलक नहीं दिखाई दे रही है काहा गई।
मौसी- तुम आये होगे और पलक का जाना हुआ होगा।
पलक से मैंने बोला रुक जा भाभी की फोटो देखते हुए जाना।
तभी पलक ने बोला कि उसे कहीं स्कूल के प्रोजेक्ट के काम से किरण के घर जाना है इसलिए वो दोनों लोग चले गए।
मैंने ज्यादा रोका नहीं कि छोटू को घूमना भी था।
मैं- मौसी ये छोटू कौन है।
मौसी- वो बताया तो था मेरे भाई का लड़का,
मेरा मुहु उतर गया था क्यू की मे जनता था पलक जन्भुज कर यहाँ से गयी होगी।
शायद मौसी से मालूम पड़ गया होगा कि मैं आ रहा हूँ।
मैं- अच्छा मौसी कब तक पलक आयेगी कुछ मालूम है।
मौसी- नहीं बता के तो नहीं गई।
मैं- अच्छा कोई नहीं,
भैया अभी आप कितनी देर रुकेंगे।
भैया- यार मैं थक गया हूँ सुबह से भाग दौड़ के. ऐसे शाम को चलते हैं 4 बजे तरफ घर। तुझे अगर कहीं जाना हो तो जा नहीं तो आराम कर ले ऊपर जाके।
मैं- हा मुझे थोडा काम है,ठीक है मैं फ्रेश हूं लू फिर चला जाता हूं आप कॉल कर देना मैं आ जाऊंगा।
भैया- चल ठीक है ऐसे शी रहेगा।
मौसी का घर छोटा था तो जहां सब लोग थे उसके पास ही बाथरूम था
मैं बाथरूम में गया लेकिन जब बाहर आ रहा था।
मेरी पैर की ज़मीन खिसक गई। मेरी रूह कांप गई, मैंने सोचा नहीं था दोनों के बीच ये सब होगा।
मैंने खड़े होकर भैया और मौसी की बाते सुनाने लगे।
मौसी- क्या कर रहा है रुक जा थोड़ी देर अभी को तो जाने दे.फिर तो वैसे भी 4 बजे तक हम लोग अकेले हैं।
भैया- जानू प्लीज़ मुझे ये दूध पीने दो अब मुझे इंतज़ार नहीं होता कितने दिन से डर लग रहा है तुमसे।
मौसी- अभी पिछले हफ्ते तो तुम्हारे घर में थी मैं दिन भर तुमने मुझे चोदा है।
और अब तुम 10 मिनट तक नहीं रुक सकते।
भैया- तुम ऐसे माल ही हो तुम्हें देख कर मेरा लंड तो यही कहता है पूरे दिन तुम्हारी गुलाबी चूत में पड़ा रहे।
मौसी हसती हुई,
इतनी अच्छी लगती हूँ।
भैया- हां और नहीं तो क्या मेरा बस चले मैं तुम्हें अपनी बीवी बना लूं.
मौसी- हां मालूम है कितनी अच्छी लगती हूं अभी 4 दिन अपनी बीवी के पल्लू में बंधे घूमो गी तब नहीं तुम्हें मेरी याद आएगी।
भैया- नहीं मेरी जानू आप मेरे गुरु हो और गुरु की प्राथमिकता पहले मैं आप की जिंदगी भर गुलाम हूं।आप का हुकम पहले बीवी की बाद में।
मौसी- अरे मेरा बाबू इतना प्यार करता है मुझे।
भैया- इससे भी ज्यादा.और भैया और मौसी दोनों लोग किस करने लगे।
मेरे मन में पलक का दुख काम हो गया था क्योंकि अब मुझे जो इतना बड़ा राज़ पता चल गया था।
तभी मे सोचु कि माई स्कूल जडली आउ चाहे देर से भैया मुझे घर में ही मिले थे। शायद भैया मुझे मौसी को घर में खूब चोदा होगा।
एक दम से मेरे बहार आने की आहट हुई तो दोनो लोग नॉर्मल हो गए।
मौसी किचन में जाने लगी.भैया वही सोफे पर बैठ गए.
अब मेरे मन में दोनों की चुदाई देखने का था पर अब क्या कर सकता है।
बैठ कर कुछ दिमाग लगया जा रहा था.
भैया- क्यू जाना नहीं है क्या?
मैं- हां जाना है.
मैंने मोबाइल पर एयरप्लेन मोड लगा लिया और स्विच ऑफ कर दिया।
मैं- ऐसे करता हूं मोबाइल यहीं चार्जिंग लगा देता हूं स्विच ऑफ हो गया है।
भैया- ला जरा इधर देखू,
भैया ने 1-2 बार कोशिश की लेकिन कुछ नातिजा नहीं निकला।
भैया- फिर तू मुझे लेने कैसे आएगा
मैं- मैं ठीक 4 बजे आ जाऊंगा।
भैया- चल ठीक है ऐसे कर मोबाइल फिर यहीं लगा दे।
मैं- ठीक है मौसी का कमरा, मैं लगा देता हूं वहां सेफ भी रहेगा।
मैं मौसी के कमरे में गया और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट पर लगा मोबाइल का कैमरा ऑन करके वही रख दिया क्यों कि अब जो कुछ भी रिकॉर्ड हो गया वो मुझे देख लूंगा।
मोबाइल लगा के घर से निकल गया।
अब लगता अपना हीरो का लाइफ यहां से चेंज होगा !अपडेट-27
रात को देर से सोने के कारण
दूसरे दिन 1 बजे मम्मी जब उठाने आई तब मेरी नींद खुली।
मम्मी- अब तबीयत कैसी है।
मैं- हां मम्मी ठीक है आराम है कल से,
मम्मी- अगर आराम ना हो तो ऐसा कर भैया के साथ डॉक्टर के पास जांच करा करके दवा ले आ।
मैं- नहीं मम्मी अब सही है बस थोड़ी बहुत थकन लग रही है।
मम्मी- चल ऐसे कर नहा ले जा के थोड़ा शरीर हल्का हो जाएगा गा तब तुझे अच्छा भी लगेगा। थकन मिट जाएगी।
मैं- ठीक है मम्मी
इतना कहना ही हुआ तभी मेरा फोन बजा।
देखा सूरज का फ़ोन आ रहा था।
मम्मी- किसका फोन आ रहा है बहुत देर से मोबाइल पर रिंग हो रही है।
मैं- सूरज का कॉल होगा क्योंकि हम लोगों को सर के यहां जाना था प्रोजेक्ट के सिलसिले में बात करने के लिए।
मम्मी- चल ठीक है जल्दी नीचे आ
मैं- ठीक है मम्मी
सूरज का कॉल कट गया।मैंने फोन उठा कर देखा कि 10 बजे से सूरज के लग्भाग 30 बजे कॉल आ चुके थे।
और पलक को एक कॉल नहीं आई और नही कोई मैसेज का रिप्लाई आया।
यार मुझे सोचने लगा इतना बुरा भी मैंने नहीं किया था जो इतनी बड़ी सजा मिल रही है।
सूरज को कॉल लगाया,
सूरज- हां भाई मिल गई तुझे फुर्सत तब कॉल कर के याद किया
मैं- नहीं भाई ऐसी बात नहीं बिल्कुल अभी तो उठा तुझे बताया था कि रात को दवा खाई उसी का असर है।
सूरज- तो फिर घूमने चलेगा या नहीं।
मैं- भाई ऐसे करते हैं शाम को चलते हैं।
अभी मुझे एक घंटा तो ऐसा ही लग जाएगा।
सूरज- चल कोई नही ऐसे कर 5 बजे तू तो फ्री हो गा ना तभी चलते है।
मैं- ठीक है भाई,
सूरज- और तबीयत कैसी है अब आराम है ना.
मैं- हां भाई तभी तो आने को बोल रहा हूं मेरा मन भी बहल जाएगा।
सूरज- चल ठीक बाय शाम को मिलता है
मैं- ठीक है बाय
सूरज को कॉल कट होने के बाद पलक को फोन लगाया। पहले तो कॉल करने के लिए जा रही थी थोड़ी देर बाद नंबर बिजी हो गया।
ज्यादा प्रयास करना उचित नहीं समझा।
बाथरूम में जाकर मौसी के घर जाने का प्लान सोचने लगा कि कोई बहाना हो जाएगा। मेरे पास पालक की असाइनमेंट फाइल पड़ी थी। बस इसी बहाने से मैं जा सकता था।
मन ही मन बहुत खुश हो गया चलो अब तो पलक से मिलकर ही रहूंगा।
नहा धोकर नीचे गया. नीचे मम्मी और भैया पंडित जी कुछ बात कर रहे थे।
मम्मी ने मुझे नास्ता दिया. और बोलने लगी थोड़ी देर बाद खाना खा लेना। क्यू तुझे दवा भी खानी है। अब आराम है तबियत में।
मैं - मम्मी यह पंडित जी क्यों आए हुए है।
मम्मी- वो बेटा तुझे बताया था कि भैया की शादी के लिए डेट फिक्स करा रही है, तो सबसे पहले लड़के का रोका होता है। फ़िर उसके बाद रिंग सेरेमनी.
मैं- मतलब लड़के का रोका कुछ समझा नहीं.
मम्मी - अरे मतलब की लड़की वाले आये तेरे भैया की रुकाई। फिर उसकी बाद रिंग सेरेमनी होगी। जिसमें तेरे भैया और भाभी एक दूसरे को अंगुठी पहनेंगे।
मैं- अच्छा कब आ रहा भाभी की साइड वाले.
मम्मी- देखो पंडित जी को इसी के लिए बुलाया है। तारीख निकल कर बता दे कौन सी तारीख सही रहेगी। उसके दिन वो लोग यहां आके रुकाई कर देंगे।
तभी भैया ने मम्मी को आवाज दी।
मम्मी- हां आती हूं।
मैं खाना पीना कर के ऊपर कमरा में आ गया।
मम्मी, भैया और पंडित जी लोग आपस में कुछ बात करते रहे।
मैं अपने कमरे में गम शम बैठा था तभी भैया ने आवाज दी।
मैं भाग कर नीचे गया।
मम्मी- सुन ऐसे कर भैया के साथ चला जा 2-3 जगह जाना है.
मैं- क्यु
मम्मी- पंडित जी अगले हफ्ते का दिन बुधवार और 6 तारीख बताई है।
मैं- अच्छा तो चलाना क्यों है।
मम्मी- ज्यादा सवाल मत कर भैया के साथ चला जा जा वो जा रह है।
मैं- ठीक है।
बाइक निकल कर हम चल पड़े।
पहले भैया मिठाई की दुकान गई वाहा कुछ मिठाई ऑर्डर दी।
टेंट हाउस गए वहां एक खाना बनाने वाले से बात की.6 तारीख के लिए बुक कर लीजिए.
भैया अपने 1-2 दोस्तों को निमंत्रण देने लगे।
फिर भैया ने कहा मौसी के घर और चलो वहां भी काहे दे। नहीं मौसी बुरा मन जाएगी. की में तुम लोगो के हमेशा साथ रही और तुम लोगो ने पूछा तक नहीं।
मन ही मन बहुत खुश हो गया। क्योंकि मौसी के घर जाने का प्लान वैसे भी बना लिया था। लेकिन यहां तो बिना प्लान के जाना पड़ रहा था।
तुरंट बाइक मौसी घर की तरफ मोड़ दी.और थोड़ी देर बाद मौसी के घर पहुंच गया
मेरी फूटी किस्मत कहो या तुम मेरी किस्मत को गाली दो।
मौसी के घर के अंदर गये। मौसी ने हम लोगो का स्वागत किया।
लगता है मौसी शायद अकेली होगी।
मौसी ने भैया को बधाई दी और साथ की उनके गले मिलने लगी।
फिर दोनो लोग मिल कर आपस में बात करने लगे।
मैं- मौसी मौसा नहीं दिखीं पढ़ रही हैं क्या बात है।
मौसी- वो पलक के पापा का टूर लगा हुआ था. इसलीये 2-3 दिन बाद ही आये गे।
मैं- मौसी आप तीनों लोगों को आना है याद रखना आप, नहीं तो आप बोलो कि जब आप घर नहीं आतीं तो आप भी नहीं आएंगी।
मौसी- अरे बेटा हमें दिन तो मज़ाक में काहे दिया था. अच्छा हम नहीं आएंगे तो कौन आएगा. तू ऐसा करना हम लोगो रिसीव कर लेना आके। सही रहेगा ना और तेरे मौसा दिन के दिन आएंगे। उनके कपड़े ले चलूंगी।
भैया- अरे क्यू नहीं मौसी बिल्कुल ये घर पे बेला ही पड़ा रहता है कुछ तो काम करेगा।
मैं- हां मौसी बिल्कुल आप का काम नहीं आऊंगा तो किस के काम आऊंगा।
मौसी- अरे मेरा प्यारा बच्चा बहुत ख्याल रखता है मौसी का।
मैं- मौसी पलक नहीं दिखाई दे रही है काहा गई।
मौसी- तुम आये होगे और पलक का जाना हुआ होगा।
पलक से मैंने बोला रुक जा भाभी की फोटो देखते हुए जाना।
तभी पलक ने बोला कि उसे कहीं स्कूल के प्रोजेक्ट के काम से किरण के घर जाना है इसलिए वो दोनों लोग चले गए।
मैंने ज्यादा रोका नहीं कि छोटू को घूमना भी था।
मैं- मौसी ये छोटू कौन है।
मौसी- वो बताया तो था मेरे भाई का लड़का,
मेरा मुहु उतर गया था क्यू की मे जनता था पलक जन्भुज कर यहाँ से गयी होगी।
शायद मौसी से मालूम पड़ गया होगा कि मैं आ रहा हूँ।
मैं- अच्छा मौसी कब तक पलक आयेगी कुछ मालूम है।
मौसी- नहीं बता के तो नहीं गई।
मैं- अच्छा कोई नहीं,
भैया अभी आप कितनी देर रुकेंगे।
भैया- यार मैं थक गया हूँ सुबह से भाग दौड़ के. ऐसे शाम को चलते हैं 4 बजे तरफ घर। तुझे अगर कहीं जाना हो तो जा नहीं तो आराम कर ले ऊपर जाके।
मैं- हा मुझे थोडा काम है,ठीक है मैं फ्रेश हूं लू फिर चला जाता हूं आप कॉल कर देना मैं आ जाऊंगा।
भैया- चल ठीक है ऐसे शी रहेगा।
मौसी का घर छोटा था तो जहां सब लोग थे उसके पास ही बाथरूम था
मैं बाथरूम में गया लेकिन जब बाहर आ रहा था।
मेरी पैर की ज़मीन खिसक गई। मेरी रूह कांप गई, मैंने सोचा नहीं था दोनों के बीच ये सब होगा।
मैंने खड़े होकर भैया और मौसी की बाते सुनाने लगे।
मौसी- क्या कर रहा है रुक जा थोड़ी देर अभी को तो जाने दे.फिर तो वैसे भी 4 बजे तक हम लोग अकेले हैं।
भैया- जानू प्लीज़ मुझे ये दूध पीने दो अब मुझे इंतज़ार नहीं होता कितने दिन से डर लग रहा है तुमसे।
मौसी- अभी पिछले हफ्ते तो तुम्हारे घर में थी मैं दिन भर तुमने मुझे चोदा है।
और अब तुम 10 मिनट तक नहीं रुक सकते।
भैया- तुम ऐसे माल ही हो तुम्हें देख कर मेरा लंड तो यही कहता है पूरे दिन तुम्हारी गुलाबी चूत में पड़ा रहे।
मौसी हसती हुई,
इतनी अच्छी लगती हूँ।
भैया- हां और नहीं तो क्या मेरा बस चले मैं तुम्हें अपनी बीवी बना लूं.
मौसी- हां मालूम है कितनी अच्छी लगती हूं अभी 4 दिन अपनी बीवी के पल्लू में बंधे घूमो गी तब नहीं तुम्हें मेरी याद आएगी।
भैया- नहीं मेरी जानू आप मेरे गुरु हो और गुरु की प्राथमिकता पहले मैं आप की जिंदगी भर गुलाम हूं।आप का हुकम पहले बीवी की बाद में।
मौसी- अरे मेरा बाबू इतना प्यार करता है मुझे।
भैया- इससे भी ज्यादा.और भैया और मौसी दोनों लोग किस करने लगे।
मेरे मन में पलक का दुख काम हो गया था क्योंकि अब मुझे जो इतना बड़ा राज़ पता चल गया था।
तभी मे सोचु कि माई स्कूल जडली आउ चाहे देर से भैया मुझे घर में ही मिले थे। शायद भैया मुझे मौसी को घर में खूब चोदा होगा।
एक दम से मेरे बहार आने की आहट हुई तो दोनो लोग नॉर्मल हो गए।
मौसी किचन में जाने लगी.भैया वही सोफे पर बैठ गए.
अब मेरे मन में दोनों की चुदाई देखने का था पर अब क्या कर सकता है।
बैठ कर कुछ दिमाग लगया जा रहा था.
भैया- क्यू जाना नहीं है क्या?
मैं- हां जाना है.
मैंने मोबाइल पर एयरप्लेन मोड लगा लिया और स्विच ऑफ कर दिया।
मैं- ऐसे करता हूं मोबाइल यहीं चार्जिंग लगा देता हूं स्विच ऑफ हो गया है।
भैया- ला जरा इधर देखू,
भैया ने 1-2 बार कोशिश की लेकिन कुछ नातिजा नहीं निकला।
भैया- फिर तू मुझे लेने कैसे आएगा
मैं- मैं ठीक 4 बजे आ जाऊंगा।
भैया- चल ठीक है ऐसे कर मोबाइल फिर यहीं लगा दे।
मैं- ठीक है मौसी का कमरा, मैं लगा देता हूं वहां सेफ भी रहेगा।
मैं मौसी के कमरे में गया और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट पर लगा मोबाइल का कैमरा ऑन करके वही रख दिया क्यों कि अब जो कुछ भी रिकॉर्ड हो गया वो मुझे देख लूंगा।
मोबाइल लगा के घर से निकल गया।