Riky007
उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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No one is getting you wrong.Don't get me wrong, I respect your feelings, and your comments is just not a comments for me,
Aapke comments padh kar hi mujhe pata chalta hai ki iss kahani ke chahne wale kitne hai,
Aapke comments par reply karne pe mujhe Galt way me na le, maine fi aapki tarah hi apne vichaar vyakt kiye hai , that's it brother
कहानी खुद खींचती है पाठकों को, फिर भी हर पाठक उसमे अपने हिसाब से कुछ बदलाव चाहता है, अब ये लेखक पर निर्भर करता है कि वो उसे माने या न माने। पर मूल आधार से कहानी को न भटकाए।