Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
संध्या का किरदार कुछ रहस्मयी सा है जब बेटा था तब दुर्व्यवहार करती रही अब नहीं है तो यादगार के जश्न मनाती रहती है
इस साजिश के पीछे रमन सिंह होगा हरामी साला संध्या की रसभरी चूत भी मार गया और बेटे से भी दूरियां बनवा दी पर चलो मुनीम की गांड पर तो लात पड़ गयी
मालती का किरदार भी मस्त है वो भी संध्या को आज तक अभय को भूलने नहीं दी है और लगातार संध्या की गांड पर पश्चाताप के कोड़े बरसाती रहती है
अब अभय की दमदार एंट्री का इंतज़ार रहेगा और उसका अपनी माँ के प्रति क्या रवैया रहता है ये देखना भी बेहद दिलचस्प रहेगा और अभय यहाँ आकर किस किस को अपनी असलियत बताता है
अपने दोस्तों को ? रानी को ? या फिर मालती को भी ? या फिर किसी को भी नहीं ? या फिर किसी को भी नहीं ?
Very very Amazing update bro
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Bdi ajib aurat hai ye Sandhya bete ka janamdin or gyab wala din jo same hai
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Ab tyarri ho rhe hai Abhay ka janamdin manane ki tbi haweli ko sajaya Jaa rha hai
or yha Malti hath me teer kaman lye tyaar rhti hai ki kb Sandhya ko nicha dikhane ke lye jo koi glt bi ni hai
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Shyad Malti ko pta ni hai Raman or Sandhya ke najayaz rishte ke bare me
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Idhar Raman or Munim ki baato se pakka hai ye dono he ka kia dhara hai jiske karan Maa bete me daraar aagy hai haweli me kam kr rhe logo ki baate sunkar Sandhya gussa jroor aaya but bech me Malti ne bilkul shi khe bat ki jroor kuch to dekha hoga tbi to bolte hai log bura lga hai Sandhya ko sun kr or sath me Munim ne iska proof dedia ki Sandhya ke kehne pr Abhay ko Amrood ke ped se band dia tha
Or ab roone me lgi hai
Wah re dhanya ho esi Maa ka apna randi Rona roti ja rhe hai bs bevkoof ko ab smj aarha hai Malti use aaina dikha rhe hai waise glat ni hai ye bilkil shi to kr rhe hai Malti
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Ab ye aurat kon hai jo Sandhya ko galliya de rhe hai or is aurat ke bete ko marvaya hai Sandhya ne pr Q kia or kb kia esa Sandhya ne lekin is aurat ne bilkul shi bn bola Sandhya ke bete ke lye jane kb sudhregi Sandhya shyad ni bi sudhre
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Ab Sandhya ne Munim ko hatane ki bat to bol di hai Raman se shyad isme hero ko fayda milskta hai gaoo aane par
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Idhar station me Rekha or uska pati Abhay ko station me chorne aay hai or sath he teeno me emotional attachment bi dekhne ko mila jb Abhay Rekha ke gle se lga or sath me dono ke pair choove sath train ke chlne samay dono tarf se aasoo behna acha attachment dikhaya hai
Sbse mjedar sawal ye hai Sandhya or Abhay ki mulakat kaise hogi
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Khe usse pehle Raman ko pta chla Abhay ke lye to ky Milne dega wo
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Or agar Abhay bina rukawat ke mila bi Sandhya se to ky reaction hoga Abhay ka
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Ky sach me Sandhya ko ek mauka dega Abhay jaisa ki Rekha ne kha tha
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KY SBI MEMBERS KO LGTA HAI #SANDHYA SUDHR GY HAI KY USE MAUKA MILNA CHAHEYE
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mere se to bilkul Mt pochna mere to dil se gaalii niklti hai is randi ke lye
Jaise jaise story bdti Jaa rhe excitement bi bdta Jaa rha hai bs har update ke bad next update ka wait he hota hai yr ky kre bro dil hai ki Manta ni
Keep it up bro
और अबरेखा --"मां ऐसी ही होती है, बस अपनी मां को एक बार समझने की कोशिश करना। हो सके तो अपनी मां को एक मौका जरूर देना।"
लेखक जबर्दस्ती इस कहानी को टी वी सिरियल की तरह रोना-धोना-गलती-माफी-पछतावा और इमोश्नल अत्याचार भरा ड्रामा बनाने पर आमादा हैसंध्या --"मेरी तो क़िस्मत ही खराब है ललिता। क्या करूं कुछ समझ में ही नही आ रहा है। ये मलती हमेशा मुझे नीचा दिखाती रहती है, मैं भी कितनी पागल हूं, वो मुझे नीचा क्यूं दिखाएगी, वो तो मुझे सिर्फ आइना दिखाती है, मैं ही उस आईने में खुद को देख कर अपनी नजरों में गीर जाती हूं। भला कौन सी मां ऐसा करती है? जब तक वो मेरे पास था, हमेशा बेवजह मरती रही उसे, दुत्कर्त रही। और आज जब वो छोड़ कर चला गया तो मेरा सारा प्यार सबको दिखावा लग रहा है। लगना भी चाहिए, मैं इसी लायक हूं। जी तो चाहता है की मैं भी कही जा कर मर जाऊं।"
संध्या --"हरमजादा... बोल रहा है की, मैं अपने अभय को भरी दोपहरी में अमरूद के पेड़ो में बांध कर रखी थीं। इसकी हिम्मत कैसे हुई ऐसी घिनौनी इल्जाम लगाने की मुझ पर। औकात में रह कमिने।"
मलती --"भला उस बेचारे को ऐसी बकवास बातें करके क्या मिलेगा? जरूर उसने कुछ देखा होगा, तो ही तो बोल रहा था।"
ये सुनकर संध्या एक नजर मालती की तरफ़ घूर कर देखती है, क्यूंकि संध्या समझ गई थीं कि, मलती का निशाना उसकी तरफ़ ही है, और जब तक संध्या कुछ बोल पाती मालती वहां से चली गई थीं।
संध्या भी हवेली के अंदर जाने के लिऐ कदम बढ़ाई ही थी कि...
संध्या --"एक मिनट, मुझे याद है वो दीन। उस दिन मै अभय को स्कूल ना जाने की वजह के लिऐ उस अमरूद के बाग में मैंने उसे मारा था, और मुनीम मैने तुमसे कहा था कि, उसे स्कूल छोड़ कर आ जाओ। तो क्या उस दीन तुमने उसे स्कूल छोड़ था?"
संध्या की बात सुनकर, मुनीम रमन की तरफ एक नजर देखा और बोला...
मुनीम --"वो...आपने ही तो कहा था ना ठाकुराइन, की इसे स्कूल ले जाओ और अगर नही गया तो, इसी कड़कती धूप में पेड़ से बांध दो फिर दिमाग ठिकाने पर आएगा।"
अब संध्या के पैरों तले ज़मीन और सर से आसमान दोनो खिसक गए। वो मुनीम के मुंह से ये बात सुनकर हंसने लगी... मानो कोई पागल हो। कुछ देर तक हंसी फिर बोली।
संध्या --"वो तो मैं गुस्से में बोली थीं। और तूने मुनीम, तूने मेरे बेटे को कड़कती धूप में पेड़ में बांध दिया। तेरी हिम्मत कैसे हुई मुनीम...
धीरे धीरे उस औरत की आवाज संध्या के कानो से ओझल हो गई। संध्या किसी चोर की तरह अपनी नज़रे झुकाई, बेबस, लाचार वहीं खड़ी रही। तभी वहां ललिता आ कर संध्या को हवेली के अंदर ले जाती है। संध्या की आंखो से लगातार अश्रु की बूंदे टपक रही थीं। वो हवेली के अंदर जाते हुए एक बार रुकी और पीछे मुड़ते हुए रमन की तरफ देख कर बोली...
संध्या --"कल से मुझे, ये मुनीम इस हवेली के आस -पास भी नजर नहीं आना चाहिए।"
ये दुविधा तो लेखक महोदय पहले अपडेट से बनाये हुए है,भाई मुझे संध्या से ज्यादा रायटर की नियत में खोट नज़र आ रहा है...................
ये पहले रेखा के द्वारा
और अब
लेखक जबर्दस्ती इस कहानी को टी वी सिरियल की तरह रोना-धोना-गलती-माफी-पछतावा और इमोश्नल अत्याचार भरा ड्रामा बनाने पर आमादा है
साथ ही संध्या को बेकसूर भी साबित करने की साजिश हो रही है
कल को लेखक महोदय लिख देंगे की रमन से चुदवाती भी नहीं थी संध्या और ना ही उस दिन संध्या ने अभय को मारा था जिसके बाद वो घर से भाग गया, ना ही संध्या ने अभय की ज़िंदगी नर्क बनके उसके बदले अपना प्यार, दुलार, ममता अमन पर लुटाई थी
Hemantstar111 भाई कहानी में मोड भी लाओ और इमोशन भी लेकिन कुतर्क मत डालो संध्या के लिए सहानुभूति पैदा करने के लिए क्योंकि संध्या गलत है और अब वो कितना भी पछता ले, गलत ही रहेगी, क्योंकि उसने जो गुनाह किए हैं, अपने बच्चे के साथ, और जो रमन और अमन के लिए किया है............ ये माफी के लायक नहीं
ये आप उस ओर ले जा रहे हैं जिसे अङ्ग्रेज़ी में RAAC (Reconciliation At Any Cost) कहते हैं............ यानि जबर्दस्ती का समझौता
अगर ऐसा हुआ तो कहानी बेजान हो जाएगी........... इस कहानी की जान ही अभय द्वारा संध्या, रमन और अमन को उनके कर्मों के लिए दिया प्रतिदण्ड है.... जो उन्होने किया उसका परिणाम
भाई मुझे संध्या से ज्यादा रायटर की नियत में खोट नज़र आ रहा है...................
ये पहले रेखा के द्वारा
और अब
लेखक जबर्दस्ती इस कहानी को टी वी सिरियल की तरह रोना-धोना-गलती-माफी-पछतावा और इमोश्नल अत्याचार भरा ड्रामा बनाने पर आमादा है
साथ ही संध्या को बेकसूर भी साबित करने की साजिश हो रही है
कल को लेखक महोदय लिख देंगे की रमन से चुदवाती भी नहीं थी संध्या और ना ही उस दिन संध्या ने अभय को मारा था जिसके बाद वो घर से भाग गया, ना ही संध्या ने अभय की ज़िंदगी नर्क बनके उसके बदले अपना प्यार, दुलार, ममता अमन पर लुटाई थी
Hemantstar111 भाई कहानी में मोड भी लाओ और इमोशन भी लेकिन कुतर्क मत डालो संध्या के लिए सहानुभूति पैदा करने के लिए क्योंकि संध्या गलत है और अब वो कितना भी पछता ले, गलत ही रहेगी, क्योंकि उसने जो गुनाह किए हैं, अपने बच्चे के साथ, और जो रमन और अमन के लिए किया है............ ये माफी के लायक नहीं
ये आप उस ओर ले जा रहे हैं जिसे अङ्ग्रेज़ी में RAAC (Reconciliation At Any Cost) कहते हैं............ यानि जबर्दस्ती का समझौता
अगर ऐसा हुआ तो कहानी बेजान हो जाएगी........... इस कहानी की जान ही अभय द्वारा संध्या, रमन और अमन को उनके कर्मों के लिए दिया प्रतिदण्ड है.... जो उन्होने किया उसका परिणाम