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Incest शक का अंजाम

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aamirhydkhan

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शक का अंजाम - by pratima kavi

यह कहानी हैं एक लड़के प्रशांत की। आप उसी के नज़रिये से यह कहानी पढिये।
दोस्तो ये कहानी मैंने अन्यत्र पढ़ी अच्छी लगी इसीलिए इस कहानी को मैं यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ असली लेखक के बारे में पता नहीं चला .. किसी को पता हो तो जरूर कमेंट कीजियेगा ..

परिचय
प्रशांत २३ साल का नौजवांन माँ बाप का इक्लौता लड़का और गर्ल फ्रेंड बनाने के चक्कर में कभी नहीं पड़ा क्योंकि बहुत शर्मीला है । कॉलेज ख़त्म होते ही पास के बड़े शहर में जॉब लग गयी और माँ बाप का घर छोड़ कर नए शहर में रहने लगा।

नीरू- प्रशांत की पत्नी खूबसूरत फिगर एकदम पेरफ़ेक्ट। चुलबुली, बब्बली सी लड़की अपनी शरारत और नटखटपन नहीं भूली थी

ऋतु नीरू की बड़ी दीदी है। ऋतु दीदी निरु से ७ साल बड़ी हैं और उनकी शादी करीब ६-७ साल पहले नीरज जी से हुयी थी।

नीरज ऋतु दीदी के पति है।


INDEX




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aamirhydkhan

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आप सभी को एवं आपके समस्त परिवार को प्रकाश पर्व दिपावली कि हार्दिक शुभकामनाएं...

diya2
 

masterji1970

मम्मी का दीवाना (पागल)
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UPDATE 01

यह कहानी हैं एक लड़के प्रशांत की। आप उसी के नज़रिये से यह कहानी पढिये।

मेरा नाम प्रशांत हैं और मैं २३ साल का नौजवांन हूं। मेरे माँ बाप का इक्लौता लड़का हूँ और गर्ल फ्रेंड बनाने के चक्कर में कभी पड़ा नहीं क्युकी मैं बहुत शाय रहा हूँ और काम बोलता हूं। कॉलेज ख़त्म होते ही पास के बड़े शहर में मेरी जॉब लग गयी और मैं माँ बाप का घर छोड़ कर नए शहर में रहने लगा। मैं अपने करियर पर कंसन्ट्रेट कर रहा था और घर वालें मेरी शादी करवाना चाहते थे और मैं उनको हमेशा ताल देता।

एक बार जब मैं कुछ दिन की छुट्टियो में घर गया तो घर वालों ने मुझे बोला की उन्होंने एक लड़की देखि हैं और मैं एक बार उस लड़की को देख और मिल लु। शादी चाहे तो मैं बाद मैं कर लु। घर वालों का दिल रखने के लिए मैं तैयार हो गया और मैं अपने पेरेंट्स के साथ लड़की के घर गया। मन में यही था की वापिस घर आकर लड़की को रेजेक्ट कर दूंगा और पीछा छुड़ा लुंगा। लड़की को मेरे सामने लाय गया और मेरी सिट्टी पिट्टी घुम हो गयी। खूबसूरत सी लड़की थी और उसका फिगर एकदम पेरफ़ेक्ट। कभी सोचा नहीं था की ऐसी लड़की से शादी करने का मौका मिलेंगा। उसके साथ अलग से बात करने को भी मिला।

उसका नाम निरु था और मैं उसकी खुबसुरती में इतना खो गया की कुछ पुछा ही नहीं, यह सोच कर की कही वो नाराज न हो जाए। वो जरूर मेरे बारे में जानकार इम्प्रेस हुयी और इंटरेस्ट दिखाया। उसके घर वालों ने बताया की निरु की जॉब उसी शहर में लगी हैं जहा मैं अभी जॉब कर रहा हूं। वो लोग निरु को उस अनजान शहर में अकेले नहीं भेजना चाहते थे और उसी शहर में किसी से शादी करवाना चाहते थे। मुझसे पुछा गया की मैं शादी को तैयार हूँ या नहीं, मैं चाहु तो सोच कर जवाब दे सकता हूं। मैंने तुरंत हां बोल दिया और हम दोनों के घर वाले बहुत खुश हुये। मैं खुश था की मुझे इतनी खूबसूरत बिवी मिलेगी। निरु खुश थी की उसकी जॉब का सपना पूरा होगा और मुझे तो वो, वैसे ही पसंद कर चुकी थी।

अगले महीने ही हमारी शादी हो गयी। एक महीने पहले मैंने सोचा भी नहीं था की मैं शादी कर लूंगा और अब सब कुछ इतना जल्दी हो गया। मगर मुझे अपने डिसिशन पर कोई पछ्तावा नहीं था। मेरा किराए के घर को शेयर करने के लिए एक लाइफ पार्टनर आ चूका था। शादी से पहले के इस एक महीने में भी मेरी बात निरु से होती रही थी। एक चीज जो मुझे पता चली थी वो यह की वो बहुत चुलबुली सी लड़की है। मेरा बिहेवियर उसके बिहेवियर से एकदम उलटा था तो मुझे वो बहुत पसंद आयी। मैं चुपचाप कम बात करता और वो जल्दी ही किसी के साथ घुलमिल जाती और ज्यादा बात करने की बहुत आदत थी। मेरे शांत घर में हमेशा चहल पहल रहने लगी। जिन पड़ोसियो से मैंने कभी बात नहीं की थी, निरु की वजह से उनके नाम भी जानने लगा और वो हमारे घर भी कभी आते थे। मुझे लगा जैसे मेरी लाइफ कम्पलीट हो गयी है। मेरी ज़िन्दगी का अधुरापन दूर हो गया था। शादी के बाद भी वो चुलबुली, बब्बली सी लड़की अपनी शरारत और नटखटपन नहीं भूलि थी। हम दोनों ने करियर को देखते हुए डिसाइड किया था की हम अपना बच्चा अभी प्लान नहीं करेंगे। निरु को बच्चो से बहुत लगाव था। वो अपना बच्चा चाहती थी पर उसे हम दोनों के करियर की भी परवाह थी।

हमारी शादी को एक साल हो चूका था और हमारी ज़िन्दगी बहुत आराम से चल रही थी। पर फिर हमारी ज़िन्दगी में एक तूफ़ान आया। एक दिन निरु मेरे पास आयी और हमेशा की तरह मुझसे बातें करने लगी।

नीरु: "प्रशांत, हम लम्बे टूर पर कभी नहीं गए, क्या हम लोग किसी बीच वाली जगह घुमने जाए, ३-४ दिन के लिये। आगे लॉन्ग वीकेंड भी आने वाला हैं"

प्रशांत: "कोई जगह सोची हैं तुम्हे की कहाँ जाना हैं? मगर अभी टाइम बहुत कम बचा हैं, इतना जल्दी हम सारी बुकिंग करवा नहीं पाएंगे"

नीरु: "उसकी चिंता तुम मत करो। मैं सब सम्भाल लुंग। तुम तैयार हो या नहीं?"

प्रशांत: "अगर सब अच्छे से मैनेज हो जायेगा तो मैं रेडी हूँ, पर तुम अकेले कैसे मैनेज करेगी? पूरा प्लान तो बताओ"

नीरु: "बंदोबश्त हो चूका है। जिजाजी और दीदी यहाँ आ रहे है। फिर हम चारो घुमने जाएंगे। जीजाजी ने ट्रैन के टिकट बुक कर दिए हैं और होटल भी बुक हो गयी हैं"

नीरु चहक रही थी और बहुत एक्ससिटेड लग रही थी और मैं दंग था की उसने सारी तयारी पहले ही कर ली पर मुझसे अब पुछ रही थी।

प्रशांत: "सारा प्लान तो तुमने और नीरज जीजाजी ने बना ही लिया हैं। कब से प्लान चल रहा था? मुझे पहले क्यों नहीं बताया?"

नीरु: "मुझे पता था तुम मना नहीं करोगे। मुझे भी कल जीजाजी ने फ़ोन करके बताया की यह प्लान हैं और हम दोनों को उनके साथ जाना ही पड़ेगा"

नीरु के घर में उसकी पेरेंट्स के अलावा सिर्फ उसकी एक बड़ी बहन ऋतु दीदी है। ऋतु दीदी निरु से ७ साल बड़ी हैं और उनकी शादी करीब ६-७ साल पहले नीरज जी से हुयी थी। जो अब रिश्ते में मेरा साढु भाई हो गए थे। नीरु की दीदी को मैं भी दीदी कह कर ही बुलाता हूँ और वो दोनों मुझे प्रशांत नाम से बुलाते हैं क्यों की मैं उनसे उमरा में ४-५ साल छोटा हूँ।

UPDATE 18


मैने देखा दरवाजा अभी भी थोड़ा खुला ही था, जितना मैं खुला छोड़ कर गया था। शायद जीजाजी निरु को चोदने के बाद दरवाजा खुला ही छोड़ कर चले गए होंगे। मैने रूम के अन्दर गया और दरवाजा बंद किया। निरु अभी भी डॉगी स्टाइल में बैठि हुयी थी और बीच बीच में थोड़ा दाए बाए हील रही थी। उसकी चूत की दरार दिख रही थी पर चढ़ने के कोई निशान नहीं थे। शायद जीजा ने चोद कर निरु की चूत की सफाई कर दी होगी। मेरी आहट सुनकर निरु बोल पडी।

नीरु: “प्रशांत, तुम आ गए!!”
प्रशांत: “हां”
नीरु: “तुम कितनी देर से आये हो? मुझे खोल, मुझे कितना दर्द हो रहा है। तुमने मुझे कॉल किया था क्या? मुझे किसी का कॉल आया था, पर आँख पर पट्टी से कुछ दिखा नहीं रहा और हाथ बँधे हैं तो फ़ोन कैसे उठती”
नीरु इतनी देर इस तरह बैठे मेरा इन्तेजार करते थोड़ी परेशान दीख रही थी।

मुझे समझ नहीं आ रहा था की जीजाजी ने आकर निरु को चोदा होगा या नहीं। मैने निरु की आँखों की पट्टी और हाथ खोल दिए और उसको उसका फ़ोन पकड़ा दिया। मैं निरु के पैर भी खोलने लगा। निरु ने अपने फ़ोन में कुछ देखा और फिर मेरी तरफ मुड़ी।
नीरु: “तुमने मेरा फ़ोन यूज किया था?”
प्रशांत: “नहीं तो!”
नीरु ने फिर कुछ टाइप किया। तब तक मैंने उसके पाँव खोल दिए। वो मुझ पर भड़क रही थी।

नीरु: “सारा मूड ख़राब कर दिया। मैं यहाँ पागलो की तरह तुम्हारा इन्तेजार कर रही थी और तुम इतनी देर से आए, कहाँ रह गए थे?”
तभी निरु के फ़ोन पर मेसैज आया और वो पढने लगी। फिर मेरी तरफ गुस्से से पलटि।
नीरु: “यह क्या हरकत हैं प्रशांत। तुमने मेरे कलीग को मेरे फ़ोन से क्या मैसेज सेंड किया ‘ जीजाजी के फस्ट, आई ऍम वेटिंग फॉर यू’। क्या मतलब हैं इसका?”
प्रशांत: “मैंने तुम्हारे कलीग को कोई मैसेज नहीं सेंड किया!”
नीरु ने अब फ़ोन मेरी तरफ कर मुझे मेरे भेजे गए मैसेज का स्क्रीनशॉट दिखाया जो अभी अभी उसको मिला था।

नीरु: “यह मैसेज तुमने नहीं भेजा तो किसने भेजा? यह उस टाइम पर सेंड किया गया हैं जब हम दोनों इस कमरे में थे और मैं यहाँ बंधी हुयी थी। क्या चल रहा हैं प्रशांत?”
प्रशांत: “यह तो मैंने जीजाजी को भेजा था”
नीरु: “यह जीजाजी को नहीं, तुमने मेरे ऑफिस में काम करने वाले नीरज को भेजा है। और एक बात बताओ तुम यह मैसेज जीजाजी को क्यों भेज रहे थे? हमारा तो चुदाई का प्रोग्राम था। कल भी मैं नंगी हालत में थी और तुमने जीजाजी को फ़ोन कर बुला लिया था। यह सब क्या हैं? सच सच बतओ, तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा हैं?”

नीरु अब गुस्से में लाल थी और उसने अपने कपडे पहनने शुरू कर दिए थे और मुझसे जवाब तलब करती जा रही थी। मैं मूर्ति बने खड़ा था। मुह से कोई जवाब सुझ नहीं रहा था। मैने अच्छा ख़ासा प्लान बनाया था पर निरु की फ़ोन बुक में नीरज नाम का उसका कलीग निकला न की जिजाजी। उसके कलीग ने भी उलटा निरु को फ़ोन कर दिया, वो तो फ़ोन उठा नहीं सकी तो उसने मैसेज कर बता दिया की निरु ने गलती से उसको मैसेज कर दिया हैं। नीरु ने अब अपने कपडे पहन लिये थे और वो मेरी तरफ बढि।

नीरु: “प्रशांत, आखिरी बार पुछ रही हूँ, यह सब क्या चल रहा हैं?”
उसकी आँखें गुस्से में लाल थी। मैं उसकी आँखों में नहीं झाँक पा रहा था। दूसरी तरफ देखते हुए मैंने कहा।
प्रशांत: “मुझे तुम्हारे और जीजाजी के रिलेशन पर शक़ था, इसलिए लॉयल्टी टेस्ट कर रहा था”

नीरु: “व्हाट !!! तुम्हे मुझ पर शक़ था इसलिए तुम मुझे यहाँ नँगा छोड़कर गए और जीजाजी को यहाँ बुलाना चाहते थे? तुम्हे शक़ जीजाजी पर हैं या मुझ पर, या फिर हम दोनों पर?”

प्रशांत: “मुझे जीजाजी पर शक़ हैं”

नीरु: “तुम्हे मुझ पर शक़ होता तो फिर भी बात समझ में आती। तुम भी जब कभी मीटिंग का बोल कर लेट आते हो तो मुझे भी शक़ होता है। मैं भी तुम्हारे कपडे चेक करती हूँ और कभी कभार फ़ोन भी चेक करती हूँ। पर तुमने तो मुझे नँगा कर जीजाजी के सामने परोस ही दिया था”

मै अब नजरे निचे किये उसकी डांट सुन रहा था। मेरा पासा पूरा उलटा पड़ चुका था।
नीरु: “वो तो मेरी किस्मत अच्छी थी की तुमने जीजाजी की जगह किसी और नीरज को मैसेज कर दिया, वार्ना मैं तो जीजाजी के सामने इस तरह पूरी शर्मिंदा हो जाती”
प्रशांत: “मेरा तरीका गलत हैं, पर मैं क्या करता ? मैंने तुम्हे जीजाजी की नीयत के बारे में बताया था पर तुम तो उनके खिलाफ कुछ सुन ने को तैयार ही नहीं थी”
नीरु: “तुम बात ही ऐसी कर रहे थे, कैसे विश्वास करती? मैं तुम्हे एक साल से जानती हूँ पर जीजाजी को ७ साल से जानती हूँ। मैं सिर्फ १४ साल की थी जब उनकी शादी दीदी से हुयी थी। वो मुझे अपनी छोटी बहन मानते आये हैं”

प्रशांत: “तब तुम बच्ची थी निरु, अब तुम जवान हो, तुम्हारा शरीर भर चुका है। तुम्हे देख किसी की भी नीयत ख़राब हो सकती हैं, फिर जीजाजी की नीयत क्यों नहीं बदल सकती”
नीरु: “दीदी की शादी के बाद, मेरी कभी चुनरी भी खिसक जाती थी तो जीजाजी उसको ठीक कर देते थे। मैं मानने को तैयार नहीं की जीजाजी गलत है। मेरा जीजाजी पर विश्वास तुमसे भी ज्यादा है। और तुम भी यह सब फ़ालतू के विचार निकाल दो।”
प्रशांत: “अगर वो मैसेज सच में जीजाजी को मिल गया होता न तो उनकी पोल अब तक खुल चुकी होती”
नीरु: “ऐसा कुछ नहीं होता। जीजाजी मुझे इस हालत में देखते तो पहले मुझे कपडे से ढकते और फिर तुम्हे बुला कर तुम्हारी क्लास लगा देते”

प्रशांत: “अब मैं तुम्हे कैसे विश्वास दिलाऊं? मैं १००% श्योर हूँ की जीजाजी कल वॉशरूम में दीदी को चोदते वक़्त तुम्हारा ही नाम ले रहे थे”
नीरु: “तुम जब भी १००% श्योर होते हो तो सही साबित होते हो, पर इस मामले में मैं मानने को तैयार नहीं। बहुत से लोग अपनी पार्टनर को उनके नाम से नहीं बुला कर बच्चो के नाम से बुलाते है। अब उनके कोई बच्चा तो है नहीं, वो तो मुझे ही उनका बच्चा मानते है। हो सकता हैं वो दीदी को मेरे नाम से बुलाते हो!”
प्रशांत: “मैंने तो कभी सुना नहीं की वो ऋतू दीदी को निरु नाम से बुलाते हो। तुमने सुना कभी?”

नीरु: “कभी ध्यान नहीं दिया, हो सकता हैं जब वो दोनों अकेले होते हैं तब निरु नाम से दीदी को बुलाते होंगे”
प्रशांत: “यह तो मन को बहलाने की बात हुयी। निरु टाइम बदल चुका है। न तो तुम १४ साल की बच्ची हो और ना ही जीजाजी की नीयत पहले जैसी रही है। तुम्हे यह समझना पड़ेगा”
नीरु: “मैं तुम्हारी बात समझ रही हूँ, पर विश्वास नहीं कर पा रही हूँ। इन सब चक्कर में तुमने मेरे साथ जो किया वो ठीक नहीं किया”

प्रशांत: "आई ऍम सोर्री, मैं तुम्हे ऐसी सिचुएशन में नहीं डालना चाह रहा था। पर मुझे पूरा यक़ीन था की तुम्हे नंगी हालत में देख जीजाजी का असली करैक्टर सामने आ ही जायेगा”
नीरु: “अपने शक़ की वजह से तुमने इतना बड़ा रिस्क लेकर मेरी इज्जत ही दांव पर लगा दी ! या तो तुम शक़ के कारण पागल हो चुके हो या फिर तुम्हे पूरा यक़ीन हो गया है। मगर ऐसा नहीं हो सकता प्रशांत। तुम जीजाजी को गलत समझ रहे हो। ”
प्रशांत: “तुम मुझे एक मौका दो, मैं तुम्हे प्रूव कर दूंगा”
नीरु: “क्या करना हैं बोलो?”

प्रशांत: “वोही जो मैंने ट्राई किया था अभी”
नीरु: “पागल हो क्या! मैं जीजाजी के सामने नंगी कैसे हो पाउंगी ? वो मेरे बारे में क्या सोचेंगे?”

प्रशांत: “तुम्हे नँगा देख, वो तो उलटा बहुत खुश होंगे। देखा नहीं कैसे तुम्हे बिकिनी पहनने के लिए बोला था। मेरी गॅरंटी हैं, तुम्हे नँगा देख वो तुम पर टूट पड़ेंगे”
नीरु: “और अगर ऐसा नहीं हुआ तो मेरी क्या इज्जत रह जाएगी? मैं तो फिर कभी जीजाजी को मुँह दिखाने लायक नहीं रहुंगी। और तुम कैसे अपनी बीवी को किसी और के सामने नँगा होने दोगे?”

प्रशांत: “कोई और होता तो नहीं करता, पर वो तुम्हारे जीजाजी है। उनकी शराफत का मुखौटा तो उतारना ही पडेगा। तुम्हारे पास कोई दूसरा उपाय हो तो बताओ”
नीरु: “मुझे नहीं पता, मगर मैं जिजाज के सामने कपडे नहीं उतारूंगी”
प्रशांत: “ठीक हैं, आज दिन भर तुम उनको नोटिस करना। वो कैसे तुम्हे छूते हैं या देखते हैं”

तभी निरु का फ़ोन बजा, उसने मुझे अपने मोबाइल की स्क्रीन बतायी, जहाँ “जीजाजी” लिखा आ रहा था। काश मैंने मैसेज करते वक़्त नीरज की बजाय जीजाजी सर्च किया होता तो अब तक जीजाजी पकडे जाते। जीजजी ने यही पूछने के लिए फ़ोन किया की हम लोग चेक-आउट कर घूमने के लिए निकले या नहीं। निरु ने हां बोल दिया और अब हम लोग अपने बैग लेकर निकल पडे।

मेरे मन में अभी भी निरु के लिए डाउट था। हो सकता हैं वो जीजाजी से मिली हुयी हो। अब वो जीजाजी को अलर्ट भी कर सकती है। मैंने सोच लिया की पूरे दिन में निरु के साथ ही रहूँगा और उसकी जीजाजी से होती हर बात को सुनूंगा। हमने होटल से चेकआउट कर बैग्स लाकर में रखवाये और घूमने के लिए कार से निकले।

मैं निरु को लगातार इशारा कर याद दिला रहा था की वो जीजाजी के बर्ताव पर नजर रखे। वो भी एक नजर मुझे घूर कर देखती और फिर नार्मल तरीके से अपनी मस्ती में लग जाती। मैंने उसके मन में शक़ का बीज बोने की कोशिश की थी पर वो एकदम नार्मल थी। हम लोग अब अपने बैग्स पैक करके स्टेशन पर ट्रैन पकडने आ गए थे। इस बार हमने एक चेयर कार ली थी क्यों की दोपहर और शाम का सफर था तो बैठे बैठे जाना था।

हम लोग रात होते घर पहुचने वाले थे। मै और निरु ट्रैन में पास पास ही बैठे थे और जीजाजी और ऋतू दीदी दूसरी तरफ सीट्स पर थे। मैं और निरु दोनों लगातार फ़ोन पर मैसेज के जरिये बात कर रहे थे। मैं उसको पूछ रहा था की उसको जीजाजी के बर्ताव में कोई फ़र्क़ महसूस हुआ की नहीं और वो मन करती रही।
मैने उसको याद दिलाया की कैसे जीजाजी ने उसके कन्धो और कमर को पकड़ा था, पर उसने कहा की यह सब नार्मल है। मैने उसको याद दिलाया की जीजाजी ने कैसे बिना कारण के ही उसको अपनी गोद में उठा लिया था। पर उसको यह सब हलकी फुलकी मस्ती लगी।

फिर मैंने उसको याद दिलाया की जीजाजी ने निरु को गोद में उठाये रखा था तब उनका हाथ निरु के मम्मो के कितना करीब था और मम्मो के उभार को जीजाजी की ऊँगली छु रही थी। यह पढ़कर निरु का मुँह खुला का खुला रह गया और मेरी तरफ देख शर्म से हँसती रही और फिर मुझे मैसेज किया की उसको पता हैं की जीजाजी की ऊँगली उसके मम्मो को दबा रही थी पर वो सब एक्सीडेंटली हुआ था और जीजाजी ने जल्दी ही अपनी ऊँगली उसके मम्मो से दूर कर दी थी। मैने निरु को पूछा की उसको अज़ीब नहीं लगा जब बीच पर जीजाजी लगातार उसकी छाती पर पानी डाल कर उसके स्वीम टॉप को खिसकाने की कोशिश कर रहे थे या निप्पल देखने की कोशिश कर रहे थे।

नीरु फिर से अपने जीजा के बचाव में तैयार थी। उसके अनुसार उसके शरीर का सिर्फ वोहि हिस्सा पानी के बाहर था। अगर जीजाजी उसके मुँह पर पानी ड़ालते तो निरु को साँस लेने में दिक्कत होति, इसलिए जीजाजी ने ठीक ही किया जो उसकी छाती पर पानी डाला। मैने निरु को यह राज भी बताया की जब जीजाजी ने निरु की गांड को अपने लण्ड से चिपकाये उसको घुमाया था तो उसके बाद जीजाजी का लण्ड उनके शॉर्ट्स में खड़ा हो गया था।

कहानी जारी रहेगी
वाह दोस्त ! क्या खूब लेखनी है आपकी / एकदम से बढ़िया लिखे हो आप /

प्रॉपर पैराग्राफ, शुद्ध हिंदी, कहानी की धाराप्रवाह लयबद्धता ... वाह सही जा रहे हो दोस्त /


शुभ कामनाये ...
 
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masterji1970

मम्मी का दीवाना (पागल)
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आपकी समस्या अलग है, आप कह रहे है कि निरु प्रशांत के साथ कैसा रिश्ता रखेगी,

मै दूसरी बात बता रहा हूँ कि प्रशांत अगर निरु के ही साथ रहता है तो क्या होगा, निरु का बच्चा ऋतु और जीजा के पास है तो हमेशा के लिए तो अपने बच्चे से दूर होगी नही, निरु तो वहाँ आना-जाना करेगी ही,

जीजा जो पहले से ही निरु को चोदना चाहता था और अब एक बार निरु को चोद कर मजा भी ले चुका है वो जीजा क्या दोबारा भी अकेले मे मौका मिलने पर प्यार से / इमोशनल से / जबरदस्ती से निरु को जरूर चोदना चाहेगा, ऐसे मे निरु चुदने के अलावा जीजा का क्या बिगाड लेगी, क्योंकि जीजा तो सुधरेगा नही।

क्या निरु चाहेगी कि जीजा के बारे मे सबको बता कर ऋतु दीदी और जीजा का रिश्ता तोड़े, शायद नही। निरु अपनी ऋतु दीदी से प्यार करती है और वो ऋतु दीदी का घर तोड़ना नही चाहेगी। तो उसके पास चुपचाप सहने के अलावा क्या चारा है।

ऐसे मे प्रशांत को हमेशा चुद चुद कर आने वाली निरु के साथ ही रहना चाहिए, या निरु को छोड़ कर अपना अलग परिवार बसाना चाहिए।

जहाँ तक ऋतु का सवाल है तो वो बाँझ है तो जीजा उसको छोड़ कर दूसरा शादी नही किया, उसके लिए यही बहुत बड़ी बात है,
अब ऋतु कोई जॉब तो करती है नही, हाउस वाइफ ही है, अगर वो अपने पति को छोड़ने का फैसला लेती भी है तो उसको अपने माँ - बाप पर बोझ बनना पड़ेगा, और बिना चुदे भी वो कैसे रहेगी तो ये काफी हद तक जीजा को कभी नही छोड़ पायेगी।

1 बात और निरु के लिए प्रशांत 1 पालतू कुत्ता से ज्यादा कुछ नही था, ये निरु का प्रशांत से किये जाने वाले व्यवहार से पता चलता है, वो प्रशांत के साथ सिर्फ फॉर्मलिटी ही निभाती थी।

उसके लिए प्रशांत से भी ज्यादा अहमियत उसकी दीदी और जीजा ही थे, और आगे भी मन-मुटाव दूर हो जाने पर निरु के लिए उसका बच्चा, दीदी और जीजा ही खास रहेंगे।

आप 1 बार प्रशांत के जगह रह कर फैसला ले कि उसको निरु के साथ ही क्यूँ रहना चहिये, क्या दुनिया मे निरु के अलावा कोई लड़की नही बची।

क्या निरु इस स्थिति मे है कि यदि जीजा उसके साथ जबरदस्ती करता भी है तो वो उसका कड़ाई से विरोध कर सके या जीजा के खिलाफ कानूनी करवाई करवा सके, नही, उसके पास सिर्फ चुदने के और कोई साहस नही है।
Will wait for the next, keep going.....
बहुत खूब समीक्षा की है दोस्त rAJ_sINGH
 
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aamirhydkhan

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वाह दोस्त ! क्या खूब लेखनी है आपकी / एकदम से बढ़िया लिखे हो आप /

प्रॉपर पैराग्राफ, शुद्ध हिंदी, कहानी की धाराप्रवाह लयबद्धता ... वाह सही जा रहे हो दोस्त /


शुभ कामनाये ...

कहानी आपको पसंदा आयी इसके लिए धन्यवाद
भाग 1- 2 अपडेट 36 तक की कहानी "प्रतिमा कवी" जी की है आगे भाग 3 से मेरे प्रयास है
मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास रहा है कहानी को वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने का प्रयास किया है । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मैंने मिलजुल भाग 3. अपडेट 37 से नए मौलिक अपडेट देने कर प्रयास किया है
 

AnkurKumar3456

AKA Mintu the Storyteller
941
1,384
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Wish the story continued.. it was an amazing plot.
 

Siraj Patel

The name is enough
Staff member
Sr. Moderator
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112,979
354
Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

As you all know, in previous week we announced USC and also opened Rules and Queries thread after some time. Before all this, chit-chat thread already opened in Hindi section.

Well, Just want to inform that it is a Short story contest, in this you can post post story under any prefix. with minimum 700 words and maximum 7000 words . That is why, i want to invite you so that you can portray your thoughts using your words into a story which whole xforum would watch. This is a great step for you and for your stories cause USC's stories are read by every reader of Xforum. You are one of the best writers of Xforum, and your story is also going very well. That is why We whole heatedly request you to write a short story For USC. We know that you do not have time to spare but even after that we also know that you are capable of doing everything and bound to no limits.

And the readers who does not want to write they can also participate for the "Best Readers Award" .. You just have to give your reviews on the Posted stories in USC

"Winning Writer's will be awarded with Cash prizes and another awards "and along with that they get a chance to sticky their thread in their section so their thread remains on the top. That is why This is a fantastic chance for you all to make a great image on the mind of all reader and stretch your reach to the mark. This is a golden chance for all of you to portrait your thoughts into words to show us here in USC. So, bring it on and show us all your ideas, show it to the world.

Entry thread will be opened on 7th February, meaning you can start submission of your stories from 7th of feb and that will be opened till 25th of feb. During this you can post your story, so it is better for you to start writing your story in the given time.

And one more thing! Story is to be posted in one post only, cause this is a short story contest that means we can only hope for short stories. So you are not permitted to post your story in many post/parts. If you have any query regarding this, you can contact any staff member.



To chat or ask any doubt on a story, Use this thread — Chit Chat Thread

To Give review on USC's stories, Use this thread — Review Thread

To Chit Chat regarding the contest, Use this thread— Rules & Queries Thread

To post your story, use this thread — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



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