Sanju@
Well-Known Member
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सही कहा है kamdev भाई आपनेआप कितनी योग्य हैं ये आप नहीं दूसरे जांचते हैं...
पाठकों को आपकी योग्यता का विश्वास है... इसीलिए आपकी कहानी पढ़ने आये हैं....
......और, अपडेट का इन्तजार कर रहे हैं
सही कहा है kamdev भाई आपनेआप कितनी योग्य हैं ये आप नहीं दूसरे जांचते हैं...
पाठकों को आपकी योग्यता का विश्वास है... इसीलिए आपकी कहानी पढ़ने आये हैं....
......और, अपडेट का इन्तजार कर रहे हैं
धन्यवाद, इतने सटीक विश्लेषण और तारीफ के लिएप्रौढ़ उम्र की रेखा की खुबसूरती का वर्णन काफी बेहतरीन था। एक एक अंगो की शान मे जो कसीद किए गए, उसी से आप के लेवल का पता चलता है। लाजवाब प्रस्तुतिकरण था।
कहानी वर्तमान के सस्पेंस से अचानक फ्लैशबैक की ओर रूख कर गई।
हरियाण के मीडिल क्लास से विलोंग्स करती हुई रेखा के फर्स्ट क्रश का अपडेट भी काफी शानदार था।
लड़कों को लघुशंका के बहाने अपना लिंग प्रदर्शन करना हंड्रेड पर्सेंट रियलिस्टिक है। लेकिन ये वही लड़के करते हैं जो चौबीस घंटे सेक्स के बारे मे सोचते हैं और एक नम्बर के ठरकी होते हैं। या कुछ वो जिन्हे अपने लिंग पर अभिमान होता है।
पर जो भी हो , होता बहुत कामुक ही है। इस बहाने यह जरूर इशारा हो जाता है कि हम प्रेम वगैरह मे नही बल्कि सिर्फ सेक्स की भावना एवं मनसा रखते हैं।
बहुत जबरदस्त लिख रही है आप रेखा जी।
Outstanding & Amazing & brilliant.
Thread ke pahle post par likhi is ibaarat se hi samajh aata hai ki hamari writer saahiba kitni jaheen aur classified hain. Apni story par maine aapke khubsurat reviews padhe hain is liye pahle se hi is baat ko samajhta hu ki aapke andar ek high lever ka writer maujood hai. Well behad khushi huyi ki aapne apne andar ke writer ko baahar nikaala aur ham sabke saamne ek anokhi kahani pesh karne ka socha. Hazaaro shubhkamnao ke sath yahi kahuga ki ab bas chha jaaiye yaha par....कुछ रिश्ते जन्म के साथ ही मिलते हैं उन रिश्तो में एक अलग आत्मीयता होती है और कुछ रिश्ते सामाजिक मजबूरियों की वजह से थोप दिए जाते हैं पर कामुकता से उत्पन्न हुआ प्रेम इन थोपे गए रिश्तो को नजरअंदाज कर देता है. "शक और सच" इन्हीं थोपे गए रिश्तो के बीच पनपते प्रेम का चित्रण है.
भारतवर्ष में 80 और 90 के दशकों में लड़कियों के कौमार्य की बहुत अहमियत थी. विवाह पूर्व और विवाहेत्तर सेक्स समाज में था तो अवश्य पर आम नहीं था. पर आजकल ऐसे सम्बधो का होना एक फेशन है। ये कथा ऐसे सगे सम्बधो पर आधारित है जो आज के दौर में इस समाज को कतयी मंजूर नही है। इस प्रेम कथा के पात्रों ने इन्हीं परिस्थितियों में अपने आपसी सामंजस्य से अपनी सारी उचित या अनुचित कामुक कल्पनाओं को खूबसूरती से जीया है.
हर इंसान के जीवन में अनचाहे रिश्तों हों यह जरूरी नहीं. मेरे जीवन में इनकी प्रमुख भूमिका रही है. आज उम्र के इस पड़ाव पर आकर पीछे देखने पर यह महसूस होता है कि कैसे कुछ अनचाहे रिश्ते प्यार और काम वासना के बीच झूलते रह जाते हैं.
कहानी सत्य घटनाओ पर आधारित है,
कथा के पात्र काल्पनिक नही हैं वर्तमान में जीवित है पर अब उनके बीच कोई संबंध नहीं है. कथा में वर्णित दृश्यों से यदि किसी पाठक की भावनाएं आहत हुयीं हो तो कथाकार क्षमा प्रार्थी है.
Aapka laptop kab sahi hoga bhai sahabआप भी लिखने लगीं
धन्यवादdear for starting a new story thread.
Thread ke pahle post par likhi is ibaarat se hi samajh aata hai ki hamari writer saahiba kitni jaheen aur classified hain. Apni story par maine aapke khubsurat reviews padhe hain is liye pahle se hi is baat ko samajhta hu ki aapke andar ek high lever ka writer maujood hai. Well behad khushi huyi ki aapne apne andar ke writer ko baahar nikaala aur ham sabke saamne ek anokhi kahani pesh karne ka socha. Hazaaro shubhkamnao ke sath yahi kahuga ki ab bas chha jaaiye yaha par....
प्रौढ़ उम्र की रेखा की खुबसूरती का वर्णन काफी बेहतरीन था। एक एक अंगो की शान मे जो कसीद किए गए, उसी से आप के लेवल का पता चलता है। लाजवाब प्रस्तुतिकरण था।
Outstanding & Amazing & brilliant.
अनुभव झलक रहा है sir जी हाहाहा हाहाहाप्रौढ़ उम्र की रेखा की खुबसूरती का वर्णन काफी बेहतरीन था। एक एक अंगो की शान मे जो कसीद किए गए, उसी से आप के लेवल का पता चलता है। लाजवाब प्रस्तुतिकरण था।
कहानी वर्तमान के सस्पेंस से अचानक फ्लैशबैक की ओर रूख कर गई।
हरियाण के मीडिल क्लास से विलोंग्स करती हुई रेखा के फर्स्ट क्रश का अपडेट भी काफी शानदार था।
लड़कों को लघुशंका के बहाने अपना लिंग प्रदर्शन करना हंड्रेड पर्सेंट रियलिस्टिक है। लेकिन ये वही लड़के करते हैं जो चौबीस घंटे सेक्स के बारे मे सोचते हैं और एक नम्बर के ठरकी होते हैं। या कुछ वो जिन्हे अपने लिंग पर अभिमान होता है।
पर जो भी हो , होता बहुत कामुक ही है। इस बहाने यह जरूर इशारा हो जाता है कि हम प्रेम वगैरह मे नही बल्कि सिर्फ सेक्स की भावना एवं मनसा रखते हैं।
बहुत जबरदस्त लिख रही है आप रेखा जी।
Outstanding & Amazing & brilliant.