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Incest शक या अधूरा सच( incest+adultery)

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शब्दो का क्या ही गजब का इस्तेमाल करती है आप। बहुत ही बेहतरीन लिखा आपने।
रेखा गणित के साथ रेखा का लाजवाब सामंजस्य बैठाया आपने।
यह भी बिल्कुल सही कहा , पड़ोस से बढ़कर दूसरा सी. सी. टी. वी. कैमरा नही।
पड़ोस मे रहने के कारण लड़के और लड़कियां प्रायः नैन मटक्का कर ही बैठते है और उसके बाद फिर उनकी लव स्टोरी शुरू हो जाती है। लेकिन अधिकांशतः यह प्रेम कहानी मझधार मे ही दम तोड़ देती है और फिर यही लड़के उस लड़की की शादी के वक्त भाई का फर्ज निभाते हुए दुल्हे पक्ष की सेवा करते नजर आते है।
अब पड़ोसी है तो लड़की की शादी मे काम धाम तो करने ही पड़ेगे न !
बहुत हास्यास्पद स्थिति बन जाती है उन बेचारे लड़कों के साथ।

अरूण के पिताजी काफी शक्की मिजाज के है और इसलिए अपनी पत्नी को जब तब प्रताड़ित करते रहते है।
सबसे खराब लक्षण ही होता है अपनी बीवी के साथ मारपीट करना । वो कोई नशा वैगेरह नही करते है जो कि काफी अच्छी बात है लेकिन इस का मतलब यह नही हुआ कि शक के बुनियाद पर अपनी पत्नि पर हाथ उठाए !
बहुत लोग है जो नशे के लत के बावजूद भी अपनी उतरदायित्व सही तरह से निभाते है।
अरूण के फादर संकीर्ण और ओछी मानसिकता के इंसान लगे मुझे। और क्रूर भी।
अरूण ने एक्सिडेंटली अपनी मां के प्राइवेट पार्ट को न सिर्फ देखा बल्कि महसूस भी किया और वो भी उसकी मां के जानकारी मे आए हुए।
अब पता नही , यहां से उनके लाइफ मे क्या परिवर्तन आता है ! या तो मेडिकल सम्बन्धि चीजे समझदार इग्नोर कर देंगे या वो एक दूसरे को एक जवान मर्द एवं स्त्री समझदार देखना शुरू कर देंगे।

बहुत ही शानदार और जबरदस्त अपडेट था यह।
फोरम एडल्ट का है और कहानी भी एडल्ट एवं इन्सेस्ट पर आधारित है इसलिए बिना संकोच किए अपनी पटकथा के अनुसार कहानी लिखती जाएं रेखा जी !

Outstanding & Amazing & brilliant.
 
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Rekha rani

Well-Known Member
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शब्दो का क्या ही गजब का इस्तेमाल करती है आप। बहुत ही बेहतरीन लिखा आपने।
रेखा गणित के साथ रेखा का लाजवाब सामंजस्य बैठाया आपने।
यह भी बिल्कुल सही कहा , पड़ोस से बढ़कर दूसरा सी. सी. टी. वी. कैमरा नही।
पड़ोस मे रहने के कारण लड़के और लड़कियां प्रायः नैन मटक्का कर ही बैठते है और उसके बाद फिर उनकी लव स्टोरी शुरू हो जाती है। लेकिन अधिकांशतः यह प्रेम कहानी मझधार मे ही दम तोड़ देती है और फिर यही लड़के उस लड़की की शादी के वक्त भाई का फर्ज निभाते हुए दुल्हे पक्ष की सेवा करते नजर आते है।
अब पड़ोसी है तो लड़की की शादी मे काम धाम तो करने ही पड़ेगे न !
बहुत हास्यास्पद स्थिति बन जाती है उन बेचारे लड़कों के साथ।

अरूण के पिताजी काफी शक्की मिजाज के है और इसलिए अपनी पत्नी को जब तब प्रताड़ित करते रहते है।
सबसे खराब लक्षण ही होता है अपनी बीवी के साथ मारपीट करना । वो कोई नशा वैगेरह नही करते है जो कि काफी अच्छी बात है लेकिन इस का मतलब यह नही हुआ कि शक के बुनियाद पर अपनी पत्नि पर हाथ उठाए !
बहुत लोग है जो नशे के लत के बावजूद भी अपनी उतरदायित्व सही तरह से निभाते है।
अरूण के फादर संकीर्ण और ओछी मानसिकता के इंसान लगे मुझे। और क्रूर भी।
अरूण ने एक्सिडेंटली अपनी मां के प्राइवेट पार्ट को न सिर्फ देखा बल्कि महसूस भी किया और वो भी उसकी मां के जानकारी मे आए हुए।
अब पता नही , यहां से उनके लाइफ मे क्या परिवर्तन आता है ! या तो मेडिकल सम्बन्धि चीजे समझदार इग्नोर कर देंगे या वो एक दूसरे को एक जवान मर्द एवं स्त्री समझदार देखना शुरू कर देंगे।

बहुत ही शानदार और जबरदस्त अपडेट था यह।
फोरम एडल्ट का है और कहानी भी एडल्ट एवं इन्सेस्ट पर आधारित है इसलिए बिना संकोच किए अपनी पटकथा के अनुसार कहानी लिखती जाएं रेखा जी !

Outstanding & Amazing & brilliant.
धन्यवाद, सटीक विश्लेषण के लिए
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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117,118
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धन्यवाद, आपके ये शब्द मेरा हौसला बढ़ाते है, और अच्छा करने के लिए प्रेरीत, मैं जानती हूं मैं लिखना नही जानती लेकिन आप जैसे लेखक के कुछ हौसले वाले लाइन्स मेरे लिए बहुत अहम साबित हो रही है।
Are dear aap to aisa likhti hain ki apan logo ko aapse sikhne ki zarurat hai...aur ye koi byang ya mazaak ki baat nahi hai balki real me kah raha hu main... :declare:
 

Rekha rani

Well-Known Member
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Are dear aap to aisa likhti hain ki apan logo ko aapse sikhne ki zarurat hai...aur ye koi byang ya mazaak ki baat nahi hai balki real me kah raha hu main... :declare:
Aapka comment ne us samay mere liye sanjivani ka kam kiya tha kyoki ek readers ne ek comment me update ki dhajjiya uda di thi,
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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Aapka comment ne us samay mere liye sanjivani ka kam kiya tha kyoki ek readers ne ek comment me update ki dhajjiya uda di thi,
Kisi ek reader ke negative comment ki vajah se khud ko hatotsaahit mat kijiye aur na hi niraash hoiye. Yaha har tarah ke log aate hain. Sabka apna apna nazariya hota hai kahani ke sambandh me. Aap har kisi ko khush nahi rakh sakte. Aap jaisa likh rahi hain likhte rahiye....aapki story me aur aapki writing me koi kami nahi hai. kamdev99008 bhaiya, SANJU ( V. R. ) Bhaiya aur yaha tak ki HalfbludPrince aka fauji bhai jaise legendary writer ne bhi aapki saraahna ki hai is liye ab aapko kuch aur sochne ki zarurat hi nahi hai. Bas yu hi likhte rahiye aur hamara manoranjan karte rahiye.... :good:
 

Rekha rani

Well-Known Member
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Kisi ek reader ke negative comment ki vajah se khud ko hatotsaahit mat kijiye aur na hi niraash hoiye. Yaha har tarah ke log aate hain. Sabka apna apna nazariya hota hai kahani ke sambandh me. Aap har kisi ko khush nahi rakh sakte. Aap jaisa likh rahi hain likhte rahiye....aapki story me aur aapki writing me koi kami nahi hai. kamdev99008 bhaiya, SANJU ( V. R. ) Bhaiya aur yaha tak ki HalfbludPrince aka fauji bhai jaise legendary writer ne bhi aapki saraahna ki hai is liye ab aapko kuch aur sochne ki zarurat hi nahi hai. Bas yu hi likhte rahiye aur hamara manoranjan karte rahiye.... :good:
THanks
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Are dear aap to aisa likhti hain ki apan logo ko aapse sikhne ki zarurat hai...aur ye koi byang ya mazaak ki baat nahi hai balki real me kah raha hu main... :declare:
अच्छा अधिवक्ता साथ में अच्छा श्रोता और लेखक भी होता है।

बस कई बार संदूक के बाहर सोचने का सामर्थ नही कर पाता।

रेखा जी ने कर दिया।
 
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आप का रिव्यू पढ़कर ही लगा था कि आप कुशाग्र बुद्धि की महिला है । लेकिन यह नही जानता था कि आप शब्दों की बाजीगरी भी जानती है।
एक परफेक्ट राइटर की यही तो पहचान होती है कि अपने लफ्जों से कहानी मे जान डाल दे। कहानी कमोवेश वही होती है....अंतर होता है अपनी लेखनी से रीडर्स के मस्तिष्क पर प्रभाव डालना।
चाहे थ्रिलर हो...सस्पेंस हो....रोमांटिक हो...फैमिली सागा हो...साइंस पर आधारित स्टोरी हो....या चाहे एडल्ट कहानी हो।
बहुत बहुत बढ़िया लिख रही है आप। मुझे तो लगता है यह कहानी फोरम की एक यादगार कहानी बनने वाली है।
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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धन्यवाद, आपके ये शब्द मेरा हौसला बढ़ाते है, और अच्छा करने के लिए प्रेरीत, मैं जानती हूं मैं लिखना नही जानती लेकिन आप जैसे लेखक के कुछ हौसले वाले लाइन्स मेरे लिए बहुत अहम साबित हो रही है।
रेखा जी ............. लेखन में सबसे बड़ी योग्यता अपडेट लिखने मे नहीं............. बल्कि अपने जो लिखा है उसे उचित साबित करने में है............ इसलिए जो लिखो पूरा सोच-समझकर और आत्मविश्वास के साथ लिखो.........................और जब आपको पता है कि अपने वही लिखा है जो आप लिखना चाहती थीं........... तो फिर पीछे मत हटो......... किसी के कहने से दोबारा मत सोचो कि आपको क्या लिखना है और क्या नहीं............ बस इतना बताओ कि अपने जो लिखा है व क्यों लिखा है.......................और वो भी कमेंट या रिप्लाइ में नहीं................. अपडेट में

आप एक अच्छी आलोचक हैं आपकी समीक्षाएं और कमेंट मेंने कई कानियों पर पढे हैं............ इसलिए लगा था कि आप उन पाठक को उचित समाधान कर देंगी...या नज़रअंदाज कर देंगी......वैसे भी ये कोई बड़ा मुद्दा नहीं था, ऐसे सवाल पाठक करते ही रहते हैं.............. इसीलिए मेंने कहानी में इस समस्या के समाधान का इंतज़ार किया

फौजी भाई और डॉक्टर साहब की कहानियों में तो हर कमेंट और रिव्यू उनके अपडेट के खिलाफ ही होता है................... मैं, नैना, संजू भाई, फ़ायरफ़ॉक्स तो हमेशा अपडेट की धज्जियां उड़ाने को ही तैयार रहते हैं .................. :D फिर भी वो अपने मन का ही लिखते हैं :banghead:
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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मैंने अपने हिसाब से बहुत सही लिखा है अगर आपको कमी लग रही है तो कुछ तो बताये एडिट करके क्या होना चाहिए था ताकि मैं आगे सुधार करके लिख सकू,
कृपया करके update में सुधार करके मेरे पास मेसेज कीजिये ताकि मैं समझ सकू कहा आपको कमी लग रही है क्योकी ये एक सेक्स साइट है और हम सेक्स स्टोरी लिख रहे है तो कोनसे वर्ड यूज़ करे उनको परिभाषित कीजिये,
ye sahi jawab hai...........................

एक पुरानी कहानी है......................
एक पेंटर ने पेंटिंग बनाकर चौराहे पर रख दी साथ में लिख दिया की इसमें गलतियाँ बताएं, निशान लगाकर.......... शाम तक पेंटिंग की बजाय सिर्फ निशान ही बाकी रह गए......... इतनी गलतियाँ बतायीं लोगों ने
दूसरे दिन उसने फिर से पेंटिंग बनाकर रख दी और लिख दिया की अगर कोई गलती दिखे तो सुधार कर दें,........... एक हफ्ते बाद भी पेंटिंग ज्यों की त्यों रखी मिली............

दूसरे के किए में गलतियाँ हर कोई निकाल लेता है......... उसके लिए काबिलियत नहीं चाहिए
लेकिन......... खुद किसी की गलती का सुधार करना मुश्किल काम होता है......... उसके लिए उससे भी ज्यादा काबिलियत चाहिए...........
 
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