कहानी के अंदर हरियाणवी बोली का प्रयोग गजब का किया गया है। और साथ मे शेरो शायरी ने तो कहानी का मजा और भी डबल कर दिया है। बहुत खूब रेखा जी !
अरूण के फादर का अपने पत्नि के प्रति असुरक्षा की भावना पालना ज्यादातर लोगों की राम कहानी है। वो लोग जो शकल सुरत मे साधारण है...जिनकी आय संतोषजनक न हो....जो बिस्तर पर पत्नि को अच्छी तरह से संतुष्ट न कर पाते हो....और सबसे इम्पोरटेंट जिसकी पत्नि बहुत ज्यादा खुबसूरत हो , ऐसे लोग अपनी कमी छुपाने के लिए पत्नि से बुरा व्यवहार कर ही डालते है।
मुझे लगता है ऐसे लोगो को मनोचिकित्सक की बहुत जरूरत होती है। लेकिन अफसोस, हमारे देश मे मनोचिकित्सक से इलाज कराने का अर्थ पागलपन से निकाल लिया जाता है।
एकांत पाकर दोनो प्रेमी कुछ ज्यादा ही एक दूसरे से खुल गए। चुम्बन से शुरू होते किसिंग फिर स्मूचिंग और फिर एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को महसूस करते हुए ब्लोजोब तक जा पहुंचे।
लेकिन बड़ी बहन ने रंग मे भंग डाल दिया वरना शायद उसी क्षण वो अभिसार सुख भी प्राप्त कर लेते।
वैसे बड़ी बहन से उन्हे रुसवाई होने का खतरा लग नही रहा है। शायद वो अरूण से रिश्वत की उम्मीद पाले बैठे होगी।
बहुत ही जबरदस्त अपडेट रेखा जी।
Outstanding & too hot update