Rekha rani
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Awesome update
Neha kidnaped ho gayi hai
Aur manish ke hath sirf ek note laga hai aur wo usi par amal kar raha hai kisi ko neha ki kidnaped hone ki bat nhi batata
Kya usne samar ki help nhi lekar sahi kiya
Wait karne ke bad ek envelope mila usme bhi uski hi pics hai gun ke sath Sanjeev par tane huye
Kya Sanjeev mara gaya hai
Jaisa lag rha tha Sanjeev ki lash mili manish ki car se , aur manish ko uske qatal ke liye blackmail kiya ja raha hai
Is bar manish ne akalmandi se kam liya aur samar ko bulakar bataya
Ab Sanjeev ki lash gayab hai
Koi khel khel rha hai manish ke sath
Neha kidnaped ho gayi hai
Aur manish ke hath sirf ek note laga hai aur wo usi par amal kar raha hai kisi ko neha ki kidnaped hone ki bat nhi batata
Kya usne samar ki help nhi lekar sahi kiya
Wait karne ke bad ek envelope mila usme bhi uski hi pics hai gun ke sath Sanjeev par tane huye
Kya Sanjeev mara gaya hai
Awesome update
#अपडेट १९
अब तक आपने पढ़ा -
शाम को मैं फिर से उसी जगह होते हुए फ्लैट पर पहुंचा, और फ्रेश हो कर खाने का ऑर्डर दे दिया। 5 - 10 मिनिट बाद ही दरवाजे की घंटी बजी। अभी कौन हो सकता है, क्योंकि खाना आने में कम से कम आधा घंटा लगता है। मैने दरवाजा खोला, कोई नहीं था। लेकिन दरवाजा बंद करते समय मेरी नजर नीचे पड़े हुए एक भूरे एनवेलप पर गई।
मैने उसे उठा कर वो लिफाफा खोला, और उसमें मेरी और संजीव की फोटो थी, जिसमें मैं उस पर रिवॉल्वर ताने खड़ा था। इसी के साथ मेरा फोन भी बजा, ये किसी प्राइवेट नंबर से कॉल था.....
अब आगे -
कांपते हाथों से मैने फोन उठाया। "ह ह हैलो?"
"मनीष, फोटो तो तुमने देख ही ली होगी, अब जरा अपनी कार की डिक्की भी एक बार देख लो।" एक घरघराती सी आवाज आई उधर से।
"हेलो कौन बोल रहा है, और क्या है ये सब?"
"पहले डिक्की चेक करो, फिर आगे बात करेंगे।" ये बोल कर फोन काट गया।
मैं सोच में पड़ गया कि क्या करूं, फिर थोड़ी देर बाद हिम्मत करके नीचे उतर कर कार की तरफ चल दिया। मेरी कार बिल्डिंग के पीछे की ओर पार्क होती थी, साथ में बस एक और गाड़ी ही लगती थी उधर। मैं धड़कते दिल से कार की ओर गया, पूरी पार्किंग में सन्नाटा था।
मैने कार की डिक्की खोली, और घबरा कर पीछे लगभग गिर ही पड़ा। डिक्की में संजीव की लाश थी, जिसके आँखें खुली थी, और सीने पर गोली लगने का निशान था। कुछ देर मैं दिवाल का सहारा लिए उस लाश को निहारता ही रहा, मेरे विचार शून्य हो चुके थे उस समय।
कुछ देर बाद जैसे ही होश आया, मैने कार की डिक्की बंद की और भागते हुए अपने फ्लैट में आ गया। और दरवाजे के सारे लॉक लगा दिए। रस्ते भर मुझे यही अहसास होता रहा जैसे संजीव की लाश मेरे पीछे पीछे चली आ रही है। हल्की ठंड के बावजूद मेरा पूरा शरीर पसीने से नहाया हुआ था।
घर आ कर जैसे ही मैं कुछ संयत हुआ। वैसे ही मेरा फोन फिर से बजा। फिर से उसी प्राइवेट नंबर से फोन था।
"क्या है ये सब?" मैने लगभग चिल्लाते हुए फोन पर कहा।
"आराम से जीएम साहब, वरना अभी जो भी अपने देखा उसके बारे।में और कोई भी सुन लेगा और आप बिना खून किए उसके इल्जाम में फंस जाओगे। और तुम्हारी फोटो भी है संजीव पर पिस्तौल तानते हुए। और खून भी तुम्हारी ही रिवॉल्वर से हुआ है।"
"तुम.. तुम क्या चाहते हो आखिर?"
"पहले तो तुम उस लाश को ठिकान लगाओ।"
"क्या?"
"हां, पहले उसे ठिकाने लगाओ, बाकी का बाद में बताता हूं।"
"बाद में क्या? जो कहना है अभी कहो।"
"जी एम साहब, आप मैनेजर होंगे अपने ऑफिस में, अभी फिलहाल अपनी और नेहा की जान की सलामती चाहते हो तो जो बोला वो करो।"
नेहा की बात सुन कर मैं थोड़ा शांत हुआ।
"अब जल्दी से वो काम करो।" ये बोल कर फोन काट गया।
मैं बहुत देर सोच में बैठा रहा, इसी बीच खाना भी आ गया था, जिसे मैने ऐसे ही टेबल पर रख दिया था।
काफी देर सोच कर मैने फिर समर को फोन लगा दिया।
"हेलो समर।"
"हां मनीष, क्या हुआ है?"
"भाई अभी मिलने आ सकता है क्या?"
"हां आता हूं, बस ड्यूटी खत्म करके घर ही जा रहा था। बस 10 मिनिट में पहुंच रहा हूं।"
दस मिनट के बाद वो मेरे घर पर था, ड्यूटी से वापस आ रहा था तो उसने अपनी वर्दी ही पहन रखी थी।
अंदर आते ही, "क्या हुआ है मनीष, तुम आवाज से कुछ परेशान लग रहे हो?" उसने पूछा।
"भाई, मेरी गाड़ी में एक लाश है।"
"क्या?" उसने आश्चर्यचकित होते हुए पूछा। "सच में बोल रहे हो या कोई भ्रम हुआ है तुमको?"
"यार आज जब ऑफिस से वापस आया तो कुछ देर बाद याद आया कि ऑफिस का एक बैग डिक्की में ही रखा है, तो वही लेने चला गया, डिक्की खोली तो एक लाश पड़ी थी उसमें।" मैने बहाना बनाते हुए कहा।
"किसी जान पहचान वाले की है?"
"नहीं।" मैने सपाट लहजे में झूठ बोला।
"चलो, पहले देखते हैं उसको।" ये बोल कर वो चल दिया। मैं भी मरे कदमों से उसके पीछे चला गया। पार्किंग में पहुंच कर समर ने ही डिक्की खोली।
"आज कल ज्यादा पीने लगे ही या नींद कम ले रहे हो भाई?" समर ने पूछा।
Jaisa lag rha tha Sanjeev ki lash mili manish ki car se , aur manish ko uske qatal ke liye blackmail kiya ja raha hai
Is bar manish ne akalmandi se kam liya aur samar ko bulakar bataya
Ab Sanjeev ki lash gayab hai
Koi khel khel rha hai manish ke sath