- 4,190
- 23,412
- 159
मनीष कोई ऐसी हस्ती नहीं है कि कोई उसको काटने की कोशिश करे। लिहाज़ा, वो एक मोहरा मात्र ही लग रहा है -- शायद रजत मित्तल की लेने के लिए किसी ने यह चाल चली है। सबसे अधिक लाभ किसको मिलेगा मनीष के जाने का? रजत की बेटी प्रिया को! लेकिन रजत मित्तल के नाम के मिटने का सबसे बड़ा लाभ मिलेगा महेश मित्तल और श्रेयन मित्तल को।
या फिर ऐसा भी हो सकता है कि कोई मित्तल ग्रुप (LN Group) का ही दुश्मन हो? क्योंकि अगर बैंक वॉल्ट वाला प्रोजेक्ट चौपट होता है - जो कि यहाँ दिख रहा है कि पूरी साज़िश वही है, तो किसी बाहरी दुश्मन को ही लाभ मिलेगा। LN Group तो यह सदमा झेल ही नहीं सकेगा।
अब आते हैं कहानी पर -- मनीष का व्यवहार ऐसा है जैसे की वो कोई किशोरवय व्यक्ति हो। पहले तो नाड़े का ढीला व्यवहार दिखाया नेहा वर्मा को ले कर, और अब पूरी तरह से बचकाना व्यवहार दिखा रहा है। जब पुलिस में मित्र हों, तो उनका लाभ लेना चाहिए - अन्यथा मित्रों का क्या औचित्य? किस बात की असुरक्षा भावना है उसमें? अगर सभी उसको चाहते हैं, तो उसकी बात की सच्चाई पर भी यकीन करेंगे ही। यह सब छुपा कर वो केवल मुसीबतों को बढ़ा ही रहा है।
अब तक की सभी बातें देखें, तो नेहा का किरदार संदिग्ध तो है। मित्तल साहब के मित्र की बेटी है वो - लेकिन वो मित्र LN Group के शत्रुओं के मित्र भी हो सकते हैं; वो स्वयं भी हो सकती है। ध्यान रहे, मनीष को उसके साथ होने में कोई ख़ास मशक्क़त नहीं करनी पड़ी। पुनः, कार में पिस्तौल है - यह जानकारी केवल नेहा ही संजीव एंड को. को दे सकती थी। उन दोनों की अंतरंग तस्वीरें कोई और नहीं रिकॉर्ड कर सकता। नेहा की हर बात झूठ है। हर बात बहाना है।
संजीव मरा भी है या ये सब उसको चूतिया बनाने के लिए स्वाँग रचा गया है? मनीष हर बार यह दिखा चुका है कि वो बेहद औसत व्यावहारिक बुद्धि वाला आदमी है। उसको चूतिया बनाना आसान है।
या फिर ऐसा भी हो सकता है कि कोई मित्तल ग्रुप (LN Group) का ही दुश्मन हो? क्योंकि अगर बैंक वॉल्ट वाला प्रोजेक्ट चौपट होता है - जो कि यहाँ दिख रहा है कि पूरी साज़िश वही है, तो किसी बाहरी दुश्मन को ही लाभ मिलेगा। LN Group तो यह सदमा झेल ही नहीं सकेगा।
अब आते हैं कहानी पर -- मनीष का व्यवहार ऐसा है जैसे की वो कोई किशोरवय व्यक्ति हो। पहले तो नाड़े का ढीला व्यवहार दिखाया नेहा वर्मा को ले कर, और अब पूरी तरह से बचकाना व्यवहार दिखा रहा है। जब पुलिस में मित्र हों, तो उनका लाभ लेना चाहिए - अन्यथा मित्रों का क्या औचित्य? किस बात की असुरक्षा भावना है उसमें? अगर सभी उसको चाहते हैं, तो उसकी बात की सच्चाई पर भी यकीन करेंगे ही। यह सब छुपा कर वो केवल मुसीबतों को बढ़ा ही रहा है।
अब तक की सभी बातें देखें, तो नेहा का किरदार संदिग्ध तो है। मित्तल साहब के मित्र की बेटी है वो - लेकिन वो मित्र LN Group के शत्रुओं के मित्र भी हो सकते हैं; वो स्वयं भी हो सकती है। ध्यान रहे, मनीष को उसके साथ होने में कोई ख़ास मशक्क़त नहीं करनी पड़ी। पुनः, कार में पिस्तौल है - यह जानकारी केवल नेहा ही संजीव एंड को. को दे सकती थी। उन दोनों की अंतरंग तस्वीरें कोई और नहीं रिकॉर्ड कर सकता। नेहा की हर बात झूठ है। हर बात बहाना है।
संजीव मरा भी है या ये सब उसको चूतिया बनाने के लिए स्वाँग रचा गया है? मनीष हर बार यह दिखा चुका है कि वो बेहद औसत व्यावहारिक बुद्धि वाला आदमी है। उसको चूतिया बनाना आसान है।