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Bahut hi badhiya update he Riky007 Bhai,
Ab scene kuch samajh me aaya............
Sara khel jo chal raha he..............iske peeche ek hi motive he..........
Government ka GOLD..............
Kyonki security ka incharge manish he.........aur vo jab chahe vault me ghus sakta he
Neha ya to ek mohra matr he ya fir usi gang ki ek shatir member
Agle update ki pratiksha rahegi Bhai
Bahut hi shaandar update diya hai Riky007 bhai....
Nice and lovely update....
Kidnaper bhi kamal ka hai aur manish usse bhi badkar dono aise kar rahe hai jaise neha ka kidnaped koi bada issue nhi , usne dhamkaya aur manish shant baith gya , apna koi jab kidnaped hua hota hai koi kaise itne din wait krega, samar to vaise bhi jigri hai usse help lene me kya burai najar aa rahi hai manish ko,
Pahle photo ab movie aa gayi neha aur manish ki nude,
In sab se kya ye doubt nhi ja rha ki neha ki involvement ho sakti hai in sab me
साहब कहानी में ज्यादा रुचि लेकर लिख रहे है भड़काने से भटकेगे नही
Esa lagta hai jo koi bhi ye sab kar raha hai kafi tej or chalak hai wo shaksh
Isileye Samar ke Car tak aane se pehle he lash gayab kar wa di usne or ek bar fir call per Manish ko moo band rakhne ki dhamki de di sath he kuch dian intjaar karne ke leye
.
Jabki is tarf gold ki ek consitment aagye hai jiske bar eme Manish ke elava kisi ko nahi pata hai
.
Jabki kuch din bad Manish ko fir se door bell sunai dii jaha use sivay pendrive ke kuch nahi mila pendrive me usne dekha uski or Neha ko nude photo sath me us rat ki video hai or ab ek bar fir call aaya is shaksh ka shayad
.
Jane ab kya hone wala hai Manish ke sath
Kafi Romanchkari Suspense Full episode tha ye wala Riky007 bhai
Check!
Or maybe not kyuki abhi to Raja fasta sa hi dikh Raha hai aur uski Rani hi use fasane ke chakkar me hai
Let's see what happens next
Nice update....
Waah! Bole to tabiyat se laude lagaye ja rahe hain manish ke
Well, kidnapper jo bhi hai manish ki har activity par nazar rakhe huye hai. Phone par baat karne ke baad jab manish ne diggi khola to lash thi. Dar kar wo makaan ke andar aaya aur Samar ko call kar ke bulaya. Itni der me laash gayab ho gai. Matlab kidnapper ko pahle se pata tha ki manish aisa kar sakta hai is liye usne laash gayab kar diya. Ab sawaal ye hai ki Aisa usne akele to kiya nahi hoga. Jitna fast usne laash gayab kiya usse yahi saabit hota hai ki usne ye kaam apne kisi chamcho dwara karwaya aur khud call dwara Manish ke touch me raha...
One more thing....agar manish apne policiye dost Samar ko itna kuch bata sakta hai to usne apni baat saabit karne ke liye use envelope me rakhi photos kyo nahi dikhaya. Beshak laash gayab hone se Samar ne us par bharosa nahi kiya lekin photo dekh kar to uske man shak paida hota aur wo is bare me uski koi help karta. Dusri baat kidnapper Neha ko baar baar maarne ki dhamki de kar manish se apna kaam karwa lena chahta hai. Isse ye bhi zaahir hota hai ki wo asal me Neha ko nuksaan nahi pahuchana chahta ya ye kahe wo Neha ko marega hi nahi..(waise apan to chahta hi hai ki wo us laudi ko tapka de).
Ek baar fir Shak ko sui ghoom fir kar Neha ke character ki taraf hi ja rahi hai. Sawaal hai jab manish ne Sanjeev par gun taan rakhi thi to baad me wahi kyo mara gaya...Neha kyo nahi??? Matlab Sanjeev ke marne se hi Neha ko faayda tha....ek to Sanjeev jaise khatarnaak aadmi se uski jaan chhooti, dusre talaak me use paise dene ka bhi jhanjhat nahi raha ab. Yaani agar ye Neha ka hi khel hai to Sanjeev ka marna to confirm hi tha...well ye sab kayaas hi hai, baaki dekhte hain kya hota hai...
Bahut badhiya ja reli hai story. Isi tarah chempte rahne ka riky bruuu
लम्बे अरसे तक मनीष साहब को इस बात का गिला रहेगा कि अपना हमसफर चुनने के मामले मे वह चूक गए । बल्कि नेहा पर विश्वास जताकर एक गुनाहगार को अपनी बिसात चलाने का मौका दे दिया ।
अब तक की सारी घटनाएं चीख चीखकर इशारे कर रही है कि नेहा दुश्मन खेमे की शतरंज का एक मोहरा है ।
रिवाल्वर की सूचना वगैर नेहा के लिक नही हो सकती । मनीष के साथ उसके अंतरंग संबंध की तस्वीर और विडिओ क्लिप रिकॉर्ड करना उसकी मदद के वगैर संभव नही । संजीव की हत्या का सबसे अधिक फायदा नेहा मैडम को । मनीष के पल पल की खबर दुश्मन को उपलब्ध होना , यह भी नेहा के वगैर संभव नही ।
इसके पहले नेहा का बार-बार टुकड़ों मे परिचय आना , पके आम की तरह मनीष के गोद मे उसका आ गिरना , अपने मोबाइल फोन के गुम होने की बहानेबाजी करना , अपने पैतृक आवास पर मनीष को न ले जाना ; यह सारी चीजें उसे अत्यंत ही संदिग्ध बनाती है ।
मनीष साहब को कम से कम अपनी और ब्लैकमेलर की मोबाइल पर हुई बात तो रिकार्ड करनी चाहिए थी । अपने पुलिस आफिसर दोस्त समर साहब पर तो यकीन करना चाहिए था ।
एक झूठ आप को हजार झूठ बोलने के लिए विवश करता है । खासकर कत्ल और ब्लैकमेलिंग के मामले मे पुलिस से झूठ बोलना तो बिल्कुल ही आत्मघाती कदम होता है ।
खैर मनीष साहब के सर पर से जब तलक इश्क की खुमारी नही उतरती तब तक उनका बेड़ा गर्क होना ही है ।
खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
Kidnaper to dhamkayega hi, agar kisi or ko bata diya to Per manish bhi koi pesevar to hai nahi, isliye ghabrahat hona laajmi hai, abhi security me charges kiye hai, uska koi fayd milega ya nuksan?
Rahi baat us lifafe ki to nude photo,to theek hai, per kahi dhakka peli wala video to nahi tha?
Khair kul mila kar badhiya update
मनीष कोई ऐसी हस्ती नहीं है कि कोई उसको काटने की कोशिश करे। लिहाज़ा, वो एक मोहरा मात्र ही लग रहा है -- शायद रजत मित्तल की लेने के लिए किसी ने यह चाल चली है। सबसे अधिक लाभ किसको मिलेगा मनीष के जाने का? रजत की बेटी प्रिया को! लेकिन रजत मित्तल के नाम के मिटने का सबसे बड़ा लाभ मिलेगा महेश मित्तल और श्रेयन मित्तल को।
या फिर ऐसा भी हो सकता है कि कोई मित्तल ग्रुप (LN Group) का ही दुश्मन हो? क्योंकि अगर बैंक वॉल्ट वाला प्रोजेक्ट चौपट होता है - जो कि यहाँ दिख रहा है कि पूरी साज़िश वही है, तो किसी बाहरी दुश्मन को ही लाभ मिलेगा। LN Group तो यह सदमा झेल ही नहीं सकेगा।
अब आते हैं कहानी पर -- मनीष का व्यवहार ऐसा है जैसे की वो कोई किशोरवय व्यक्ति हो। पहले तो नाड़े का ढीला व्यवहार दिखाया नेहा वर्मा को ले कर, और अब पूरी तरह से बचकाना व्यवहार दिखा रहा है। जब पुलिस में मित्र हों, तो उनका लाभ लेना चाहिए - अन्यथा मित्रों का क्या औचित्य? किस बात की असुरक्षा भावना है उसमें? अगर सभी उसको चाहते हैं, तो उसकी बात की सच्चाई पर भी यकीन करेंगे ही। यह सब छुपा कर वो केवल मुसीबतों को बढ़ा ही रहा है।
अब तक की सभी बातें देखें, तो नेहा का किरदार संदिग्ध तो है। मित्तल साहब के मित्र की बेटी है वो - लेकिन वो मित्र LN Group के शत्रुओं के मित्र भी हो सकते हैं; वो स्वयं भी हो सकती है। ध्यान रहे, मनीष को उसके साथ होने में कोई ख़ास मशक्क़त नहीं करनी पड़ी। पुनः, कार में पिस्तौल है - यह जानकारी केवल नेहा ही संजीव एंड को. को दे सकती थी। उन दोनों की अंतरंग तस्वीरें कोई और नहीं रिकॉर्ड कर सकता। नेहा की हर बात झूठ है। हर बात बहाना है।
संजीव मरा भी है या ये सब उसको चूतिया बनाने के लिए स्वाँग रचा गया है? मनीष हर बार यह दिखा चुका है कि वो बेहद औसत व्यावहारिक बुद्धि वाला आदमी है। उसको चूतिया बनाना आसान है।
शतरंज की चाल है
सोच समझकर चली जाती है
ये कोई क्रिकेट नहीं जो बैट घुमाया और दौड़कर रन बना लिए
चाल सोच लेने दो Riky007 भाई को
Kul mila kar sakar ka Sona churana hai hero ke trugh heroine ke pyar me pagal hero kuch bhi karega kahi na kahi mujhe mittal par hi doubt hai
अपडेट पोस्टेडMast thrill ban raha hai, waiting for next
मनीष को की तरह आवाज परध्यान लगाना चाहिएवाकई ये तो बेसिक और कॉमन चीजें थी। वो आवाज जो इस बार थी फोन पर कुछ अलग थी, जैसे कोई और बात कर रहा है इस समय, और वो मुझे बहुत जानी पहचानी सी लग रही थी। मगर घरघराहट की वजह से समझ नहीं आ रहा था किसकी है।
अब मनीष भी कामदेव का मारा है तो क्या कर लेंगेमनीष को की तरह आवाज परध्यान लगाना चाहिए
ना कि kamdev99008 की तरह नेहा पर
Awesome update#अपडेट २०
अब तक आपने पढ़ा -
मैने पेनड्राइव को अपने टीवी से लगा कर चलाया और उसमें मेरी और नेहा की न्यूड फोटो थी और एक छोटा सा वीडियो, उसी रात की जिस रात वो घटना हुई थी। ये देख कर मैं सोच में पड़ गया कि आखिर नेहा उस घर में क्यों गई थी। तभी मेरा फोन बजा, उसी प्राइवेट नंबर से....
अब आगे -
"ह हैलो।"
"मनीष, जो ये कह रहे हैं वो कुछ मत करना मनीष। भले ही ये मुझे मात दें। बिल्कुल वैसा मत करना।" नेहा की रोटी हुई आवाज मेरे कानो आई।
"नेहा, नेहा कैसी हो तुम, कहां हो...." इससे पहले नेहा कुछ और बोलती एक घरघराती आवाज मेरे कानो में पड़ी।
"पेनड्राइव देख लिया मैनेजर साहब?"
"देखो तुमको जो चाहिए वो लेलो, लेकिन नेहा को छोड़ दो।"
"छोड़ तो देंगे ही, मगर वो पिक्चर वायरल करने के बाद। सोचो लोग क्या समझेंगे नेहा को, एक प्रॉस्टीट्यूट। पैसे ले कर किसी के साथ भी सोने वाली... हाहाहा।" भयानक सी हंसी मेरे कानों में गूंजी।
"क्या चाहिए तुमको, कितना पैसा चाहिए, बोलो?" मैं गुस्से से भरा बोला उसे।
"पैसा, हाहाहा। पैसे छोड़ो, हमें जो चाहिए वो तुमको अभी पता चल जाएगा।"
"क्या चाहिए?"
"पहले दरवाजा खोलो और देखो।"
मैने दरवाजा खोल कर बाहर देखा, वहां एक और एनवेलप पड़ा था।
"हेलो, यहां एक और एनवेलप है।"
"उठाओ उसे और अंदर आ कर खोलो उसको।"
मैने अंदर आ कर उसे खोला। उसमें एक और पेन ड्राइव था।
"ये एक पेन ड्राइव है।"
"हां उसमें एक आदमी की डिटेल है, उसके लिए पास चाहिए हमें वाल्ट का।"
"मगर किस काम के लिए? क्योंकि इसका तो वाल्ट है नहीं।"
"काम... इलेक्ट्रिक के काम के लिए, और साथ में 5 आदमी और जायेंगे।"
"मगर इसके फिंगर प्रिंट कहां से आएंगे?"
"तुम पेन ड्राइव तो खोलो, उसमें सब कुछ मिल जाएगा तुमको।"
मैने पेन ड्राइव अपने लैपटॉप में लगाई। उसमें सारी डिटेल थी, साथ ही साथ फिंगर प्रिंट भी उस फॉर्मेट में था जिसे हमारा सिस्टम चाहता था। खैर वो फॉर्मेट तो सभी फिंगरप्रिंट वाली मशीन बनती है तो इतना भी रॉकेट साइनस नहीं था इसमें। और किसी भी वाल्ट को खोलने के लिए उसका पासवर्ड चाहिए, जो सबके पर्सनल थे या सिस्टम में स्टोर थे, जिसकी जानकारी बस ऑफिस के सर्वर में ही थी। उनका एक्सेस में लिमिटेड लोग को था। जिसमें मैं, मित्तल सर, महेश अंकल, प्रिया, करण और श्रेयन को ही था। अब इनमें से तो कोई नहीं करेगा ये काम। वरना कंपनी की बहुत बदनामी हो जाती।
"इसमें तो सब है, तुमको कैसे पता कि यही सब चाहिए पास के लिए?"
" बहुत कॉमन चीजें है मैनेजर साहब, अब इतना तो आपको समझना चाहिए।"
वाकई ये तो बेसिक और कॉमन चीजें थी। वो आवाज जो इस बार थी फोन पर कुछ अलग थी, जैसे कोई और बात कर रहा है इस समय, और वो मुझे बहुत जानी पहचानी सी लग रही थी। मगर घरघराहट की वजह से समझ नहीं आ रहा था किसकी है।
"कब देना है इसे, और लोगे कैसे?"
" एक से दो दिन में बन जाना चाहिए, और कैसे लेना है वो हम ही बताएंगे। अब परसों शाम में बात होगी।" ये बोलते ही फोन कट गया।
"हेलो , हेलो..."
अब मेरी समझ में ये नहीं आ रहा था कि मैं इसे करूं या नहीं। क्योंकि एक तरफ तो ये भी था कि अगर जो ये बात खुली तो कंपनी की बदनामी होगी, मगर अगर जो नहीं किया तो नेहा की बदनामी करने की धमकी दे रहा था वो। कंपनी की बदनामी तब होगी जब ये बात खुले कि गलत लोग घुसे हैं वाल्ट में, मगर फिर भी मुझे अपने सिक्योरिटी सिस्टम पर भरोसा था कि घुस भले जाएं, मगर बाहर निकलना नामुमकिन होगा। वैसे भी अंदर हथियार ले नहीं जा सकते, हां कुछ औजार जो मरम्मत के काम में लगेगा उसकी इजाजत थी, मगर हथियार की नहीं, और वहां हर समय एक छोटी फौज 8 10 लोग की रहती ही थी सिक्योरिटी के लिए। साथ में इसीलिए उनका बच कर जाना नामुमकिन है।
में ये सब सोच ही रहा था कि मेरे फोन में एक mms का नोटिफिकेशन आया, और उसमें नेहा की फोटो थी, जिसमें उसके सर पर रि
वॉल्वर लगी हुई थी। साथ में लिखा था, "पास या नेहा की मौत?"....
Nice, neha ki maut ki talwar sir per taang kar walt me kuch to gadbad karne wale hai ye log? Per kya inko sona chahiye ya or kuch? Jo jankaari inke pas hai, wo kevel us bank se jude hue logon ko hi ho sakti hai, awesome update#अपडेट २०
अब तक आपने पढ़ा -
मैने पेनड्राइव को अपने टीवी से लगा कर चलाया और उसमें मेरी और नेहा की न्यूड फोटो थी और एक छोटा सा वीडियो, उसी रात की जिस रात वो घटना हुई थी। ये देख कर मैं सोच में पड़ गया कि आखिर नेहा उस घर में क्यों गई थी। तभी मेरा फोन बजा, उसी प्राइवेट नंबर से....
अब आगे -
"ह हैलो।"
"मनीष, जो ये कह रहे हैं वो कुछ मत करना मनीष। भले ही ये मुझे मात दें। बिल्कुल वैसा मत करना।" नेहा की रोटी हुई आवाज मेरे कानो आई।
"नेहा, नेहा कैसी हो तुम, कहां हो...." इससे पहले नेहा कुछ और बोलती एक घरघराती आवाज मेरे कानो में पड़ी।
"पेनड्राइव देख लिया मैनेजर साहब?"
"देखो तुमको जो चाहिए वो लेलो, लेकिन नेहा को छोड़ दो।"
"छोड़ तो देंगे ही, मगर वो पिक्चर वायरल करने के बाद। सोचो लोग क्या समझेंगे नेहा को, एक प्रॉस्टीट्यूट। पैसे ले कर किसी के साथ भी सोने वाली... हाहाहा।" भयानक सी हंसी मेरे कानों में गूंजी।
"क्या चाहिए तुमको, कितना पैसा चाहिए, बोलो?" मैं गुस्से से भरा बोला उसे।
"पैसा, हाहाहा। पैसे छोड़ो, हमें जो चाहिए वो तुमको अभी पता चल जाएगा।"
"क्या चाहिए?"
"पहले दरवाजा खोलो और देखो।"
मैने दरवाजा खोल कर बाहर देखा, वहां एक और एनवेलप पड़ा था।
"हेलो, यहां एक और एनवेलप है।"
"उठाओ उसे और अंदर आ कर खोलो उसको।"
मैने अंदर आ कर उसे खोला। उसमें एक और पेन ड्राइव था।
"ये एक पेन ड्राइव है।"
"हां उसमें एक आदमी की डिटेल है, उसके लिए पास चाहिए हमें वाल्ट का।"
"मगर किस काम के लिए? क्योंकि इसका तो वाल्ट है नहीं।"
"काम... इलेक्ट्रिक के काम के लिए, और साथ में 5 आदमी और जायेंगे।"
"मगर इसके फिंगर प्रिंट कहां से आएंगे?"
"तुम पेन ड्राइव तो खोलो, उसमें सब कुछ मिल जाएगा तुमको।"
मैने पेन ड्राइव अपने लैपटॉप में लगाई। उसमें सारी डिटेल थी, साथ ही साथ फिंगर प्रिंट भी उस फॉर्मेट में था जिसे हमारा सिस्टम चाहता था। खैर वो फॉर्मेट तो सभी फिंगरप्रिंट वाली मशीन बनती है तो इतना भी रॉकेट साइनस नहीं था इसमें। और किसी भी वाल्ट को खोलने के लिए उसका पासवर्ड चाहिए, जो सबके पर्सनल थे या सिस्टम में स्टोर थे, जिसकी जानकारी बस ऑफिस के सर्वर में ही थी। उनका एक्सेस में लिमिटेड लोग को था। जिसमें मैं, मित्तल सर, महेश अंकल, प्रिया, करण और श्रेयन को ही था। अब इनमें से तो कोई नहीं करेगा ये काम। वरना कंपनी की बहुत बदनामी हो जाती।
"इसमें तो सब है, तुमको कैसे पता कि यही सब चाहिए पास के लिए?"
" बहुत कॉमन चीजें है मैनेजर साहब, अब इतना तो आपको समझना चाहिए।"
वाकई ये तो बेसिक और कॉमन चीजें थी। वो आवाज जो इस बार थी फोन पर कुछ अलग थी, जैसे कोई और बात कर रहा है इस समय, और वो मुझे बहुत जानी पहचानी सी लग रही थी। मगर घरघराहट की वजह से समझ नहीं आ रहा था किसकी है।
"कब देना है इसे, और लोगे कैसे?"
" एक से दो दिन में बन जाना चाहिए, और कैसे लेना है वो हम ही बताएंगे। अब परसों शाम में बात होगी।" ये बोलते ही फोन कट गया।
"हेलो , हेलो..."
अब मेरी समझ में ये नहीं आ रहा था कि मैं इसे करूं या नहीं। क्योंकि एक तरफ तो ये भी था कि अगर जो ये बात खुली तो कंपनी की बदनामी होगी, मगर अगर जो नहीं किया तो नेहा की बदनामी करने की धमकी दे रहा था वो। कंपनी की बदनामी तब होगी जब ये बात खुले कि गलत लोग घुसे हैं वाल्ट में, मगर फिर भी मुझे अपने सिक्योरिटी सिस्टम पर भरोसा था कि घुस भले जाएं, मगर बाहर निकलना नामुमकिन होगा। वैसे भी अंदर हथियार ले नहीं जा सकते, हां कुछ औजार जो मरम्मत के काम में लगेगा उसकी इजाजत थी, मगर हथियार की नहीं, और वहां हर समय एक छोटी फौज 8 10 लोग की रहती ही थी सिक्योरिटी के लिए। साथ में इसीलिए उनका बच कर जाना नामुमकिन है।
में ये सब सोच ही रहा था कि मेरे फोन में एक mms का नोटिफिकेशन आया, और उसमें नेहा की फोटो थी, जिसमें उसके सर पर रि
वॉल्वर लगी हुई थी। साथ में लिखा था, "पास या नेहा की मौत?"....
Nice update....#अपडेट २०
अब तक आपने पढ़ा -
मैने पेनड्राइव को अपने टीवी से लगा कर चलाया और उसमें मेरी और नेहा की न्यूड फोटो थी और एक छोटा सा वीडियो, उसी रात की जिस रात वो घटना हुई थी। ये देख कर मैं सोच में पड़ गया कि आखिर नेहा उस घर में क्यों गई थी। तभी मेरा फोन बजा, उसी प्राइवेट नंबर से....
अब आगे -
"ह हैलो।"
"मनीष, जो ये कह रहे हैं वो कुछ मत करना मनीष। भले ही ये मुझे मात दें। बिल्कुल वैसा मत करना।" नेहा की रोटी हुई आवाज मेरे कानो आई।
"नेहा, नेहा कैसी हो तुम, कहां हो...." इससे पहले नेहा कुछ और बोलती एक घरघराती आवाज मेरे कानो में पड़ी।
"पेनड्राइव देख लिया मैनेजर साहब?"
"देखो तुमको जो चाहिए वो लेलो, लेकिन नेहा को छोड़ दो।"
"छोड़ तो देंगे ही, मगर वो पिक्चर वायरल करने के बाद। सोचो लोग क्या समझेंगे नेहा को, एक प्रॉस्टीट्यूट। पैसे ले कर किसी के साथ भी सोने वाली... हाहाहा।" भयानक सी हंसी मेरे कानों में गूंजी।
"क्या चाहिए तुमको, कितना पैसा चाहिए, बोलो?" मैं गुस्से से भरा बोला उसे।
"पैसा, हाहाहा। पैसे छोड़ो, हमें जो चाहिए वो तुमको अभी पता चल जाएगा।"
"क्या चाहिए?"
"पहले दरवाजा खोलो और देखो।"
मैने दरवाजा खोल कर बाहर देखा, वहां एक और एनवेलप पड़ा था।
"हेलो, यहां एक और एनवेलप है।"
"उठाओ उसे और अंदर आ कर खोलो उसको।"
मैने अंदर आ कर उसे खोला। उसमें एक और पेन ड्राइव था।
"ये एक पेन ड्राइव है।"
"हां उसमें एक आदमी की डिटेल है, उसके लिए पास चाहिए हमें वाल्ट का।"
"मगर किस काम के लिए? क्योंकि इसका तो वाल्ट है नहीं।"
"काम... इलेक्ट्रिक के काम के लिए, और साथ में 5 आदमी और जायेंगे।"
"मगर इसके फिंगर प्रिंट कहां से आएंगे?"
"तुम पेन ड्राइव तो खोलो, उसमें सब कुछ मिल जाएगा तुमको।"
मैने पेन ड्राइव अपने लैपटॉप में लगाई। उसमें सारी डिटेल थी, साथ ही साथ फिंगर प्रिंट भी उस फॉर्मेट में था जिसे हमारा सिस्टम चाहता था। खैर वो फॉर्मेट तो सभी फिंगरप्रिंट वाली मशीन बनती है तो इतना भी रॉकेट साइनस नहीं था इसमें। और किसी भी वाल्ट को खोलने के लिए उसका पासवर्ड चाहिए, जो सबके पर्सनल थे या सिस्टम में स्टोर थे, जिसकी जानकारी बस ऑफिस के सर्वर में ही थी। उनका एक्सेस में लिमिटेड लोग को था। जिसमें मैं, मित्तल सर, महेश अंकल, प्रिया, करण और श्रेयन को ही था। अब इनमें से तो कोई नहीं करेगा ये काम। वरना कंपनी की बहुत बदनामी हो जाती।
"इसमें तो सब है, तुमको कैसे पता कि यही सब चाहिए पास के लिए?"
" बहुत कॉमन चीजें है मैनेजर साहब, अब इतना तो आपको समझना चाहिए।"
वाकई ये तो बेसिक और कॉमन चीजें थी। वो आवाज जो इस बार थी फोन पर कुछ अलग थी, जैसे कोई और बात कर रहा है इस समय, और वो मुझे बहुत जानी पहचानी सी लग रही थी। मगर घरघराहट की वजह से समझ नहीं आ रहा था किसकी है।
"कब देना है इसे, और लोगे कैसे?"
" एक से दो दिन में बन जाना चाहिए, और कैसे लेना है वो हम ही बताएंगे। अब परसों शाम में बात होगी।" ये बोलते ही फोन कट गया।
"हेलो , हेलो..."
अब मेरी समझ में ये नहीं आ रहा था कि मैं इसे करूं या नहीं। क्योंकि एक तरफ तो ये भी था कि अगर जो ये बात खुली तो कंपनी की बदनामी होगी, मगर अगर जो नहीं किया तो नेहा की बदनामी करने की धमकी दे रहा था वो। कंपनी की बदनामी तब होगी जब ये बात खुले कि गलत लोग घुसे हैं वाल्ट में, मगर फिर भी मुझे अपने सिक्योरिटी सिस्टम पर भरोसा था कि घुस भले जाएं, मगर बाहर निकलना नामुमकिन होगा। वैसे भी अंदर हथियार ले नहीं जा सकते, हां कुछ औजार जो मरम्मत के काम में लगेगा उसकी इजाजत थी, मगर हथियार की नहीं, और वहां हर समय एक छोटी फौज 8 10 लोग की रहती ही थी सिक्योरिटी के लिए। साथ में इसीलिए उनका बच कर जाना नामुमकिन है।
में ये सब सोच ही रहा था कि मेरे फोन में एक mms का नोटिफिकेशन आया, और उसमें नेहा की फोटो थी, जिसमें उसके सर पर रि
वॉल्वर लगी हुई थी। साथ में लिखा था, "पास या नेहा की मौत?"....
I agreedमुझसे ज्यादा सच कोई नहीं बोलता यहां
Bahut hi shaandar update diya hai Riky007 bhai....#अपडेट २०
अब तक आपने पढ़ा -
मैने पेनड्राइव को अपने टीवी से लगा कर चलाया और उसमें मेरी और नेहा की न्यूड फोटो थी और एक छोटा सा वीडियो, उसी रात की जिस रात वो घटना हुई थी। ये देख कर मैं सोच में पड़ गया कि आखिर नेहा उस घर में क्यों गई थी। तभी मेरा फोन बजा, उसी प्राइवेट नंबर से....
अब आगे -
"ह हैलो।"
"मनीष, जो ये कह रहे हैं वो कुछ मत करना मनीष। भले ही ये मुझे मात दें। बिल्कुल वैसा मत करना।" नेहा की रोटी हुई आवाज मेरे कानो आई।
"नेहा, नेहा कैसी हो तुम, कहां हो...." इससे पहले नेहा कुछ और बोलती एक घरघराती आवाज मेरे कानो में पड़ी।
"पेनड्राइव देख लिया मैनेजर साहब?"
"देखो तुमको जो चाहिए वो लेलो, लेकिन नेहा को छोड़ दो।"
"छोड़ तो देंगे ही, मगर वो पिक्चर वायरल करने के बाद। सोचो लोग क्या समझेंगे नेहा को, एक प्रॉस्टीट्यूट। पैसे ले कर किसी के साथ भी सोने वाली... हाहाहा।" भयानक सी हंसी मेरे कानों में गूंजी।
"क्या चाहिए तुमको, कितना पैसा चाहिए, बोलो?" मैं गुस्से से भरा बोला उसे।
"पैसा, हाहाहा। पैसे छोड़ो, हमें जो चाहिए वो तुमको अभी पता चल जाएगा।"
"क्या चाहिए?"
"पहले दरवाजा खोलो और देखो।"
मैने दरवाजा खोल कर बाहर देखा, वहां एक और एनवेलप पड़ा था।
"हेलो, यहां एक और एनवेलप है।"
"उठाओ उसे और अंदर आ कर खोलो उसको।"
मैने अंदर आ कर उसे खोला। उसमें एक और पेन ड्राइव था।
"ये एक पेन ड्राइव है।"
"हां उसमें एक आदमी की डिटेल है, उसके लिए पास चाहिए हमें वाल्ट का।"
"मगर किस काम के लिए? क्योंकि इसका तो वाल्ट है नहीं।"
"काम... इलेक्ट्रिक के काम के लिए, और साथ में 5 आदमी और जायेंगे।"
"मगर इसके फिंगर प्रिंट कहां से आएंगे?"
"तुम पेन ड्राइव तो खोलो, उसमें सब कुछ मिल जाएगा तुमको।"
मैने पेन ड्राइव अपने लैपटॉप में लगाई। उसमें सारी डिटेल थी, साथ ही साथ फिंगर प्रिंट भी उस फॉर्मेट में था जिसे हमारा सिस्टम चाहता था। खैर वो फॉर्मेट तो सभी फिंगरप्रिंट वाली मशीन बनती है तो इतना भी रॉकेट साइनस नहीं था इसमें। और किसी भी वाल्ट को खोलने के लिए उसका पासवर्ड चाहिए, जो सबके पर्सनल थे या सिस्टम में स्टोर थे, जिसकी जानकारी बस ऑफिस के सर्वर में ही थी। उनका एक्सेस में लिमिटेड लोग को था। जिसमें मैं, मित्तल सर, महेश अंकल, प्रिया, करण और श्रेयन को ही था। अब इनमें से तो कोई नहीं करेगा ये काम। वरना कंपनी की बहुत बदनामी हो जाती।
"इसमें तो सब है, तुमको कैसे पता कि यही सब चाहिए पास के लिए?"
" बहुत कॉमन चीजें है मैनेजर साहब, अब इतना तो आपको समझना चाहिए।"
वाकई ये तो बेसिक और कॉमन चीजें थी। वो आवाज जो इस बार थी फोन पर कुछ अलग थी, जैसे कोई और बात कर रहा है इस समय, और वो मुझे बहुत जानी पहचानी सी लग रही थी। मगर घरघराहट की वजह से समझ नहीं आ रहा था किसकी है।
"कब देना है इसे, और लोगे कैसे?"
" एक से दो दिन में बन जाना चाहिए, और कैसे लेना है वो हम ही बताएंगे। अब परसों शाम में बात होगी।" ये बोलते ही फोन कट गया।
"हेलो , हेलो..."
अब मेरी समझ में ये नहीं आ रहा था कि मैं इसे करूं या नहीं। क्योंकि एक तरफ तो ये भी था कि अगर जो ये बात खुली तो कंपनी की बदनामी होगी, मगर अगर जो नहीं किया तो नेहा की बदनामी करने की धमकी दे रहा था वो। कंपनी की बदनामी तब होगी जब ये बात खुले कि गलत लोग घुसे हैं वाल्ट में, मगर फिर भी मुझे अपने सिक्योरिटी सिस्टम पर भरोसा था कि घुस भले जाएं, मगर बाहर निकलना नामुमकिन होगा। वैसे भी अंदर हथियार ले नहीं जा सकते, हां कुछ औजार जो मरम्मत के काम में लगेगा उसकी इजाजत थी, मगर हथियार की नहीं, और वहां हर समय एक छोटी फौज 8 10 लोग की रहती ही थी सिक्योरिटी के लिए। साथ में इसीलिए उनका बच कर जाना नामुमकिन है।
में ये सब सोच ही रहा था कि मेरे फोन में एक mms का नोटिफिकेशन आया, और उसमें नेहा की फोटो थी, जिसमें उसके सर पर रि
वॉल्वर लगी हुई थी। साथ में लिखा था, "पास या नेहा की मौत?"....