राधिका बिस्तर पर पड़ी हुई लंबी लंबी सांसे ले रही थी क्योंकि अभी वो जब्बार के साथ एक दमदार चुदाई करके हटी थी! जब्बार भी उसके पास ही लेटा हुआ था और बोला:"
" राधिका सलमा का क्या हुआ? तुम्हे तो काम दिया कुछ आगे। बढ़ा क्या ?
राधिका उसकी तरफ सरकी और उसकी छाती चूमती हुई बोली:"
" सलमा को मैने अपने शीशे में उतारना शुरू कर दिया हैं! सच में कमाल का जिस्म हैं उसका! लेकिन पिछले दो दिन से कुछ दुखी और परेशान सी लग रही है वो! कुछ न कुछ बात तो हुई हैं!
जब्बार उसकी बात सुनकर बोला:" पता लगाने की कोशिश करो कि क्या हुआ है?
राधिका:" मुझे सलमा ज्यादा भाव नहीं देती क्योंकि उसकी सीमा से ज्यादा बनती हैं और दोनो आपस में ही गुपचुप बाते करती है!
जब्बार के होंठो पर मुस्कान आ गई और बोला:" फिर एक काम करता हु कि सीमा को भी उसके पास से हटा देता हूं और कल से सिर्फ तुम सलमा के सब काम करोगे तो फिर वो मजबूरी में तुझे ही अपना राजदार बनाएगी!
राधिका:" हान ये भी ठीक लेकिन सीमा को कैसे उससे अलग करोगे क्योंकि सलमा उसे अपने पास से जाने नही देगी!
जब्बार:" उसकी चिंता मत करो, वो मेरा काम हैं! तुम बस सलमा पर नजर बनाए रखो!
राधिका:" ठीक हैं लेकिन बताओ तो सीमा का क्या करोगे?
जब्बार:" ध्यान से मेरी बात समझने की कोशिश करना, सीमा के सिर चोरी का इल्जाम लगाकर थोड़े दिन के लिए उसे जेल में डाल देंगे और फिर बाद में जब सब राज्य मेरे हाथ में आ जाएगा तो सीमा को बाहर कर देंगे!
राधिका उसकी बात सुनकर थोड़ी परेशान होती हुई बोली:"
" नही ये तरीका ठीक नहीं है, कोई दूसरा बताओ, सीमा कभी चोरी कर ही नहीं सकती और फिर इससे मेरे मां बाप को बेहद दुख होगा! कोई दूसरा तरीका सोचो!
जब्बार:" राधिका तुम चिंता मत करो और मुझ पर भरोसा रखो! कुछ ही दिन की बात हैं फिर सब ठीक हो जाएगा और आप देखना कैसे सब लोग आपके सिर झुकाकर सलाम करेंगे!
राधिका उसकी बात सुनकर थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गई और बोली:" लेकिन मेरी बहन को बाद में कोई दिक्कत तो नही होगी ना?
जब्बार:" मेरे होते हुए चिंता मत करो, मैं उसे कोई दिक्कत नही होने दूंगा!
राधिका जब्बार से लिपट गई और बोली:" ठीक हैं लेकिन अपना वादा याद रखना! वो मेरी सगी बहन हैं!
जब्बार ने उसे एक बार चोदना शुरु कर दिया और राधिका भी उछल उछल कर चुदने लगी!!
अगले दिन सुबह सलमा उठी तो उसने देखा कि सिर्फ राधिका ही आई है और सीमा नही दिख रही है तो बोली:"
" राधिका ये सीमा क्यों नहीं आई आज ?
राधिका का चेहरा उदास हो गया और बोली:" शहजादी बेहद बुरी खबर है कि सीमा को जेल में भेज दिया गया है चोरी के इल्जाम में!
सलमा उसकी बात सुनकर चिल्ला उठी:" ये क्या बकवास कर रही हो तुम? सीमा कभी चोरी कर ही नहीं सकती,किसकी हिम्मत हुई उसे जेल भेजने की?
राधिका सलमा का गुस्सा देखकर एक पल के लिए कांप उठी और बोली:" वो उसके पास से शाही गहने मिले हैं! जब्बार ने उसको अभी जेल भेज दिया है जिस पर सुनवाई होगी आज!
सलमा उसकी बात चिढ़ गई और बोली:" सीमा को जेल भेजने वाला जब्बार होता कौन है? जाओ और सीमा को आजाद करो ये सलमा का शाही फरमान हैं राधिका!
राधिका:" माफ कीजिए शहजादी, सीमा मेरी भी बहन हैं लेकिन जब तक वो राज सभा में निर्दोष साबित नहीं होती तब तक मैं कुछ नहीं कर सकती!
उसकी बात सुनकर सलमा गुस्से से पैर पटकती हुई रजिया के कक्ष में आ गई और उसे सारी बात बताई और बोली:"
" हमे किसी भी कीमत पर सीमा बाहर चाहिए अम्मी! जब्बार का कुछ सोचिए वो अपनी मन मर्जी ज्यादा कर रहा हैं आजकल!
रजिया:" तुम फिक्र मत करो, मैं सीमा को छुड़ाने की कोशिश करूंगी!
उसके बाद करीब आधे घंटे बाद सभा लगी हुई थी और सीमा बेड़ियों में बंधी खड़ी हुई थी जिसका मुंह लाल हो गया था और आंखो से आंसू निकल रहे थे! उसकी हालत सलमा का दिल भर आया लेकिन चुप ही रही!
राज सभा पूरी भर चुकी थी और सभी लोग सुनवाई का इंतजार कर रहे थे क्योंकि सीमा का परिवार राज परिवार का सबसे वफादार रहा है! रजिया सभा में आई तो सभी ने झुककर सलाम किया और रजिया अपने सिंहासन पर बैठ गई और बोली:"
" आज की कार्यवाही शुरू की जाए!
दरबान:" महारानी शहजादी सलमा के साथ रहने वाली सीमा पर आरोप हैं कि उसने राज परिवार के शाही गहने चुराए हैं और कल्लू सुनार की दुकान पर बेचने के लिए गई तो राज परिवार के वफादार और ईमानदार कल्लू ने वो बात सेनापति जब्बार को बताई !
रजिया:" सीमा क्या कहना चाहती हो आप ?
सीमा:" रानी साहिबा ये सब कुछ हैं मैने कोई गहने नही चुराए हैं! मेरे खिलाफ जरूरी कोई साजिश हुई हैं!
राजमाता;" कल्लू सुनार आप क्या कहना चाहेंगे? कल ये सच बोल रही है?
कल्लू:" ये लड़की ही मेरे पास गहने लेकर आई थी और मुझे बेचना चाह रही थी!
सीमा बुरी तरह से फंस गई थी क्योंकि सारे सुबूत और उसके गवाह उसके खिलाफ थे! शाही गहने सुबूत के तौर पर सभा में पेश हुए और रजिया चाहते हुए भी सीमा को नही बचा सकती थी तो और बोली:"
" सीमा अगर तुम सच बोल दोगी तो हम तुम्हारी सजा कम कर सकते हैं!
सीमा की आंखो से आंसू छलक पड़े और बोली:" मेरा यकीन कीजिए राजमाता! मैने चोरी नही करी है! में बेकसूर हु!
सलमा समझ गई थी कि सीना बुरी तरह से फंस गई और अगर एक बार भी वो जेल गई तो जिन्दगी भर बाहर नही आयेगी और जेल में उसकी जिंदगी जहन्नुम बन जाएगी क्योंकि जेल पूरी तरह से जब्बार के इशारों पर चलती थी! रजिया कुछ बोलती उससे पहले ही सलमा बोल पड़ी:"
" सीमा ने कोई चोरी नही करी हैं बल्कि जो कुछ हुआ है उसके जिम्मेदार हम हैं! हमे खबर मिली थी कि कल्लू सुनार चोरी के गहने खरीदता हैं तो हम उसे उसकी सच्चाई जानने के लिए गहने देकर सीमा की उसके पास भेजा था! सीमा की कोई गलती नही है बल्कि असली गुनाहगार हम हैं क्योंकि हमने कल्लू पर शक किया लेकिन वो ईमानदार निकला! उसकी ईमानदारी के इनाम के तौर ये शाही गहने कल्लू के दे दिए जाए और आप हमे हो चाहे सजा दे सकती हैं!
राजसभा में पूरा सन्नाटा छाया रहा! जब्बार और राधिका की नजरे मिली तो दोनो को समझ नही आया कि क्या करे और वही कल्लू समझ गया था कि उसे इनाम तो जरूर मिलने वाला हैं लेकिन अब उसकी शामत आने वाली है क्योंकि सलमा उसे छोड़ने वाली नही थी!
रजिया:" शहजादी सलमा आप आगे से ध्यान रखना कि बिना हमे बताए ऐसा कोई कदम न उठाए नही तो आपके खिलाफ कार्यवाही होगी और कल्लू को ये सब गहने इनाम में दिए जाए!
कल्लू के तो वारे न्यारे हो गए क्योंकि पहले से जब्बार उसे झूठ बोलने के लिए काफी मोटा माल दे चुका और अब शाही गहने मिलने से तो उसकी किस्मत ही बदल जानी तय थी!
कल्लू गहने लेकर अपने घर आ गया और सीमा सलमा के साथ आ गई और उससे लिपट कर रोने लगी और बोली:"
" हमे माफ कर दीजिए शहजादी कि हमारी वजह से आपको नीचा देखना पड़ा लेकिन मेरा यकीन कीजिए मैने कोई चोरी नही की है
सलमा:" हमे तुम पर पूरा विश्वास है सीमा तभी तो तुम्हे बचाया है! आपके खिलाफ ये साजिश जरूरी कोई बहुत बड़ी चाल का हिस्सा हो सकता हैं!
सीमा:" मैं आपका ये उपकार कभी नहीं भूल सकती! लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि गहने मेरे पास कैसे पहुंचे?
सलमा:" तुम ज्यादा मत सोचिए मैं खुद पता लगा लूंगी! कुछ खाओ और अपना ध्यान रखो!
सलमा के लिए एक के बाद एक समस्या खड़ी हो रही थी! पहले तो विक्रम ने उसे धोखा दिया और अब सीमा के खिलाफ साजिश जरूर उसके लिए खतरे का संकेत था जिसे वो भली भांति समझ रही थी! धीरे धीरे रात होने लगी और सलमा को विक्रम ki याद आ रही थी लेकिन एक बार प्यार नही बल्कि गुस्सा था!
रात के करीब 11 बजे सलमा अपने कक्ष में बेचैनी से टहल रही थी और तभी उसे किसी के कदमों की आहत हुई तो उसने चौंक कर देखा तो सामने विक्रम खड़ा हुआ था और सलमा को अपनी आंखो पर यकीन नही हुआ तो उसने फिर से ध्यान से देखा तो विक्रम ही था जो उसकी तरफ आ रहा था और उसे देखते ही सलमा की आंखे गुस्से से लाल हो गई और बोली:"
" तुम्हारी हिम्मत कैसी हुई राजमहल के अंदर कदम रखने की विक्रम?
विक्रम उसके करीब आ गया और बोला:" सलमा मेरी बात समझने की कोशिश करो,ध्यान से मेरी बात सुनो!
सलमा:" विक्रम अगर अपनी जिंदगी से प्यार हैं तो वापिस चले जाओ नही तो जिंदा नही बच पाओगे!
विक्रम ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला:" सलमा पहले मेरी बात तो सुन लीजिए आप! इतना बेइज्जत होने के बाद भी आपके पास इसलिए आया हु कि क्योंकि मैं आपसे प्यार करता हूं और आपको खोना नही चाहता!
सलमा ने गुस्से से उसका हाथ झटक दिया और बोली:" खबरदार जो मुझे छुआ तो मुझसे बुरा कोई नही होगा! मैं आखिरी बार कह रही हु कि वापिस चले जाओ नही तो मुझे सैनिकों को बुलाना पड़ेगा!
विक्रम:" मैं जानता हूं कि आप ऐसा नही कर सकती क्योंकि आप मुझे प्यार करती हो!
सलमा ने उसे गुस्से से देखा और बोली:" प्यार करती थी विक्रम लेकिन अब सिर्फ नफरत करती हू! मैं आखिरी बार कह रही हु खुदा के लिए चले जाओ नही है मुझे मजबूरी में सैनिकों को बुलाना ही पड़ेगा!
विक्रम उसके बेड पर बैठ गया और हल्की सी मुस्कान देते हुए बोला:" सलमा आप ऐसा नही कर सकती क्योंकि आप मुझसे प्यार करती है!
सलमा ने तभी गुस्से से वही पड़े हथौड़े को जोर से सायरन पर मारा और एक तेज आवाज पूरे महल में गूंज उठी और देखते ही देखते चारो तरफ भाग दौड़ मच गई! विक्रम यकीन नहीं कर पा रहा था कि सलमा सच मे ऐसा कर सकती हूं और उसका भरम भी टूट गया कि सलमा उससे प्यार करती है! विक्रम ने जान बूझकर अपनी तलवार को सलमा के कदमों में रख दिया और बोला:"
" अगर मेरी मौत से ही आपको खुशी मिलेगी तो हमें खुशी खुशी ये मौत भी कुबूल है!
देखते ही देखते सैनिकों ने कक्ष को चारो ओर से घेर लिया और विक्रम ने पूरी तरह से हाथ खड़े कर दिए और उसे बंदी बना लिया गया! विक्रम जंजीरों में बंधा हुआ था और सैनिक उसे घसीटते हुए जेल में ले गए और अंदर बंद कर दिया!!