सैनिकों ने विक्रम को बुरी तरह से मारा और देखते ही देखते ये बात आग की तरह फैल गई को कोई चोर राजमहल में घुसने की कोशिश कर रहा था और पकड़ा गया! सीमा तक भी ये बात पहुंची तो वो हैरान हो गई और सलमा से मिलने के लिए रात को ही आ गई और बोली:"
" आप सुरक्षित तो हैं ना? सुना हैं राजमहल में कोई चोर घुस आया था और आपके कक्ष तक पहुंच गया था वो!
सलमा थोड़ी देर चुप रही तो सीमा बोली:" बोलिए न शहजादी? मैं आपसे ही बात कर रही हूं!
सलमा:" वो चोर और कोई नहीं बल्कि युवराज विक्रम हैं जो हमसे मिलने आया था!
सीमा उसकी बात सुनकर हैरानी से उछल पड़ी और बोली:"
" क्या बात कर रही हो आप ? विक्रम आपसे मिलने से लिए अपनी जान हथेली पर रखकर राजमहल तक पहुंच गए!
सलमा: हान वो आ गया था और हमने ही सैनिकों को बुला कर उसे कैद करवा दिया है!
सीमा उसकी बात सुनकर हैरान हो गई और उसे घूरती हुई बोली:"
" ये आपने क्या गजब कर दिया शहजादी? विक्रम को कुछ हो गया तो आप अपने आपको कभी माफ नहीं कर पाएगी क्योंकि ऐसा सच्चा प्यार करने वाले किस्मत से मिलते हैं!
सलमा उसकी बात सुनकर बोली:" मत भूलो सीमा कि उसके बाप ने हमारे अब्बा का खून किया है! हमे नही चाहिए ऐसी मोहब्बत जिसके हाथ खून से रंगे हुए हो!
सीमा:" और आप क्या कर रही है! आप भी तो अपने हाथ खून से ही रंग रही है शहजादी! एक बेगुनाह को सजा दे रही है आप! विक्रम ने तो आपके अब्बा का खून नहीं किया!
सलमा उसकी बातो को सुनकर थोड़ा शांत हुई और बोली:"
"सीमा अपनो को खोने का दर्द आप कभी नहीं समझ सकती!
सीमा उसका हाथ पकड़कर उसे झंझोड़ती हुई बोली: आप फिर से ये दर्द सहन करने के लिए तैयार रहो क्योंकि विक्रम भी आपका अपना ही तो हैं!
सलमा उसकी बात सुनकर कांप उठी और बोली:" उदयगढ़ का कोई भी आदमी कभी मेरा नही हो सकता सीमा!
सीमा:" तो फिर क्या आपने विक्रम से प्यार नही किया था ? मानती हु कि उसने आपसे छिपाया लेकिन आपके पुछने पर तो नही बोला वो!
सलमा:" हान प्यार किया था लेकिन वो सब सच जानता था तो मुझे पहले क्यों नहीं बताया?
सीमा:" क्योंकि वो जानता था कि आप नाराज हो जाएगी और शायद वो आपको खोना नहीं चाहता था! मुझे आपसे ये उम्मीद नहीं थी शहजादी!
सलमा के पास अब कोई जवाब नहीं था और चुप रही तो सीमा बोली:" आपको बता हैं कि दोनो राज्य पहले से ही दुश्मनी की आग में जल रहे हैं और आप देखना कि सुबह जब्बार विक्रम को मार देगा और उसके बाद जो तबाही और बर्बादी होगी उसकी जिम्मेदार सिर्फ आप होगी!
सलमा का चेहरा पूरी तरह से सपाट हो गया था और उसे समझ नही आ रहा था कि क्या करे! सीमा ने उसका हाथ पकड़ा और बोली:" अगर आप इस बर्बादी को रोकना चाहती हैं तो विक्रम को सुरक्षित भेज दीजिए चाहे आप उससे प्यार करे या न करे ये आपकी अपनी मर्जी है लेकिन दोनो राज्यों की भलाई के लिए आपको ये करना ही पड़ेगा!
सलमा:" लेकिन कैसे? विक्रम तो अब जेल में कैद हो चुका है और जेल तो पूरी तरह से जब्बार और उसके साथी रमन के हाथ में है!
सीमा:" कुछ भी करके विक्रम को बचाना ही पड़ेगा! मैं कुछ सोचती हु क्या करना होगा!
सलमा:" एक तरीका है कि किसी तरह विक्रम को जेल से निकालकर पवन तक पहुंचा दिया जाए फिर वो किसी के हाथ नही आयेंगे!
सीमा:" आप चिंता मत करिए! मैं विक्रम को छुड़ाने का इंतजाम करती हू!
वहीं दूसरी तरफ जेल में विक्रम को अलग ही कमरे में डाल दिया गया था और उसका बेहद बेहद दर्द कर रहा था क्योंकि उसके जिस्म पर काफी सारे घाव थे! विक्रम को अब सलमा से नफ़रत हो गई थी क्योंकि उसने साबित कर दिया था कि वो उससे प्यार नही करती है! विक्रम के लिए सबसे बड़ी चुनौती जेल से आजाद होना था और विक्रम ने आस पास देखा तो एहसास हुआ कि पूरी तरह से कमरे में अंधेरा था और बस एक खिड़की से हल्की सी रोशनी आ रही थी! विक्रम हिम्मत करके खिड़की तक पहुंचा और ताकत लगाते हुए उसे उखाड़ दिया और धीरे से खिड़की से बाहर निकलने लगा!
विक्रम एक चौड़े रास्ते पर आ गया जहां काफी रोशनी थी और सामने ही सैनिक पहरा दे रहे थे तो विक्रम वापिस मूड गया और एक तहखाने में घुस गया जहां काफी सारा सामान भरा हुआ था और बदबू फैली हुई थी!
तभी उसे किसी के आने की आहत हुई तो उसे सावधान हो गया और एक तरफ छुप गया! सामने से कुछ सैनिक निकले और जैसे ही दूर गए तो विक्रम दांई तारीफ मुड गया और सावधानी से आगे बढ़ने लगा! विक्रम अब एक हाल में खड़ा हुआ था और जैसे तैसे करके खिड़की के सहारे छत तक पहुंचा और छत की जाली को उखाड़ दिया और छत पर चढ़ गया! पहरा दे रहे एक सैनिक की नजर उस पर पड़ी और विक्रम ने उसे मौत के घाट उतार दिया और आगे बढ़ गया! छत पर काफी सारे सैनिक थे और उधर से निकलना आसान नही था! विक्रम थोड़ी देर ऐसे ही सोच में पडा रहा और तभी उसे लगा कि कोई उसी तरफ आ रहा है तो वो सावधानी से छिप गया और उसने देखा कि कोई दया उसकी तरफ आ रहा हैं है तो विक्रम छुपा रहा और जैसे ही उसके करीब से गुजरा तो विक्रम ने उसके मुंह पर हाथ रखते हुए अपनी तरफ खींच कर और उसकी गर्दन पर तलवार रख दी तो वो साया बोला:"
" विक्रम मैं सीमा हु!
ये सुनकर विक्रम ने उसे छोड़ दिया और सीमा बोली:"
" घबराओ मत! मैं आपको यहां से सुरक्षित स्थान तक पहुंचा दूंगी!
उसके बाद सीमा उसे अपने साथ लेकर चल पड़ी और थोड़ी देर बाद विक्रम जेल से बहुत दूर आ गया था और सीमा से बोला:
" मुझे बचाने के लिए आपका आभार मेरी बहन!
सीमा: भाई की रक्षा बहन नही करेगी तो फिर कौन करेगा! लेकिन आप जानते हैं कि मुझे आपको बचाने के लिए शहजादी ने ही भेजा हैं!
विक्रम सलमा का नाम सुनते ही गुस्से से लाल हो गया और बोला:"
" उस मतलबी और धोखेबाज और मतलबी का नाम मत लो मेरे सामने! मुझे बचाना ही होता तो फांसती क्यों मुझे!
सीमा:" ऐसा न कहो भाई! वो मतलबी नही है बस हालत को ठीक से समझ नही पाई! एक मर्द कभी नहीं समझ सकता कि एक लड़की की जिंदगी में उसके बाप की क्या अहमियत होती है!
विक्रम उसकी बात सुनकर बोला:" लेकिन सलमा सच मे बेहद बुरे दिल की हैं और उससे कहना कि आज के बाद उसे मेरी परछाई भी नहीं दिखेगी!
सीमा उसका हाथ पकड़कर उसे बताया कि किस तरह से वो चोरी में फंस गई थी और सलमा ने उसे बचाया! सीमा उसे समझाते हुए बोली:" भाई सलमा तो बेचारी मासूम हैं और बेहद साफ और अच्छे दिल की हैं! उसके खिलाफ तो पहले ही बहुत सारी साजिश रची गई है और आपको उसका साथ देना चाहिए न कि उससे मुंह मोड़ना चाहिए!
विक्रम:" लेकिन उसने जो मेरे साथ किया क्या वो सही है?
सीमा:" ठीक हैं उसने गलत किया लेकिन उसने सब कुछ ठीक से समझा नही इसलिए उससे गलती हुई है! लेकिन आपको तो सब पता है और फिर आप तो उससे सच्चा प्यार करते हो! उसका साथ मत छोड़ना विक्रम मुझे वचन दो आप!
विक्रम को समझ नही आ रहा था कि क्या करे लेकिन सीमा ने पहली बार उससे कुछ मांगा था तो बोला:"
" ठीक है लेकिन मैं आज के बाद जब तक उससे नही मिलूंगा तब तक वो खुद मुझसे मिलना नही चाहेगी! उसे कोई भी दिक्कत हो तो मुझे संदेश पहुंचा देना मैं आ जाऊंगा!
सीमा ने उसका हाथ चूम लिया और बोली:" पवन आपका इंतजार कर रहा है! उस पर सवार होकर आप सुरक्षित निकल जाइए! अपना ध्यान रखना
विक्रम पवन पर बैठा और देखते ही देखते पवन दौड़ चला और हवा से बातें करते सुल्तानपुर की सीमा से बाहर निकल गया!
सीमा सलमा के पास पहुंच गई जहां सलमा बेचैनी से इधर उधर घूम रही थी और सीमा को देखते ही बोली:
"क्या हुआ सीमा? विक्रम बच गए हैं ना!
सीमा उसका हाथ पकड़ कर बैठ गई और बोली:" आपने ही तो उन्हे फंसाया था तो आपको अब उनकी इतनी चिंता क्यों हो रही है शहजादी?
सलमा की नजरे शर्म से झुक गई और बोली:" वो मेरी गलती थी और मैं बदले की आग से पागल हो गई थी इसलिए ऐसा कर दिया लेकिन जब तुमने समझाया तो मुझे सब कुछ समझ आया! बताओ ना अब मुझे ? ज्यादा मत तड़पाओ नही तो मेरी जान निकल जायेगी !
सीमा:" विक्रम सुरक्षित सुल्तानपुर से बाहर चले गए हैं! लेकिन उनके जिस्म पर कई जगह जख्म के निशान थे!
सलमा ये सुनकर तड़प उठी और बोली: जख्म और विक्रम के जिस्म पर ! नाम बताओ मुझे उसका हाथ तोड़ दूंगी जिसने ये सब किया हैं!
सीमा उसकी बात सुनकर उसकी आंखो में देखती हुई बोली:"
" सब कुछ आपने ही तो किया हैं! फिर किसी को क्यों दोषी ठहरा रही हो आप !
सलमा थोड़ी देर चुप रही और बोली:" मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई सीमा! क्या विक्रम मुझे माफ कर देंगे ?
सीमा:" पता नही ये तो विक्रम ही जाने लेकिन वो आपसे नाराज बहुत ज्यादा है!
सलमा की आंखे उसकी बात सुनकर भर आई और बोली:"
" सीमा मुझे ऐसा नही करना चाहिए था! मैं विक्रम से मिलना चाहती हूं! एक काम करो उदयगढ़ जाने की तैयारी करो!
सीमा उसकी बात सुनकर उछल पड़ी और बोली:" ये क्या बोल रही हो आप ? हम उदयगढ़ नही जा सकते आप ये जानती हैं न!
सलमा बेड से खड़ी हुई और बोली:" हम कहीं भी जा सकते हैं सीमा! अगर विक्रम हमसे मिलने अपनी जान हथेली पर लेकर आ सकता हैं तो हम भी उसकी खातिर उदयगढ़ जाएंगे!
उसके बाद सलमा ने उसे अपना प्लान बताया और सीमा की आंखे हैरानी से खुल गई और उसने शहजादी का साथ देने का फैसला किया!
करीब आधे घंटे के बाद सलमा रजिया से बोली:" अम्मी जान हम मेला देखने के लिए जायेंगे लेकिन सच कहे तो शहजादी होना हमारे लिए अब दिक्कत बन गया है! जिधर भी जाते है सैनिक साथ में चलते हैं! हम ऐसी जिंदगी से तंग आ चुके हैं!
रजिया उसकी बात सुनकर उसके सिर पर हाथ फेरती हुई बोली:"
" बेटी वो सब आपकी सुरक्षा के लिए है! आपकी रक्षा करना उनका फर्ज है!
सलमा:" लेकिन मेले में तो कोई खतरा नहीं होता क्योंकि यहां तो सब लड़ाई भूल जाते हैं!
रजिया:" बात ठीक हैं बेटी लेकिन बिना सुरक्षा के जाना ठीक नहीं होगा!
सलमा:" आप हम पर भरोसा रखिए! हम इतने कमजोर भी नहीं है कि अपनी रक्षा ना कर सके अपने दम पर!
रजिया:" लेकिन बेटी...
सलमा उसकी बात बीच में काटते हुए बोली:" बस अब आप हमे जाने की इजाजत दीजिए! मैं और सीमा दोनो साथ में जायेंगे!
रजिया ने उसका माथा चूम लिया और बोली:" अपना ध्यान रखना और ज्यादा देर तक मत घूमना!
सलमा खुशी से चहक उठी और बोली:" अम्मी हम बता नही सकते आज हम कितने खुश हैं! सच में आप दुनिया की सबसे प्यारी अम्मी हैं!
उसके बाद सलमा और सीमा ने अपना भेष बदला और शाम को करीब चार बजे मेले में जाने के लिए निकल गए! मेले के बहाने दोनो उदयगढ़ की तरफ चल पड़े और चूंकि मेले के कारण राज्य की सीमाएं खुली हुई थी तो उन्हे ज्यादा दिक्कत नहीं हुई और दोनो उदयगढ़ के अंदर घुस गई और देखा कि उदयगढ़ भी संपन्नता में कम नही था! चारो ओर बनी बड़ी बड़ी इमारतें इसकी गवाही दे रही थी! अब सबसे बड़ी समस्या थी कि विक्रम को कैसे ढूंढा जाए तो इसके लिए दोनो ने थोड़ी देर महल के बाहर ही रुकने का इंतजार किया ताकि विक्रम आ जाए और दोनो उससे मिल सके लेकिन निराशा ही हाथ लगी! करीब सात बजे सलमा और सीमा दोनो ने मजल के अंदर घुसने का फैसला किया लेकिन कैसे जाए ये सबसे बड़ी दुविधा थी! फिर सलमा को एक तरीका सूझा और उसने सीमा को कुछ समझाया तो सीमा ने गेट पर मौजूद एक दरबान को सीमा ने इशारे से अपने पास बुलाया और उसे विक्रम की दी हुई माला को दिखाती हुई बोली:"
" मुझे युवराज विक्रम ने अपने पास आने के लिए बोला था कि महल में कुछ काम देंगे! बोला था कि गेट पर मेरी ये माला दिखा देना तो मुझसे मुलाकात हो जायेगी!
दरबान ने माला को पहचान लिया और बोला:" आप अंदर आकर बैठिए, मैं युवराज तक आपका संदेश पहुंचा देता हू!
सीमा और सलमा महल के अंदर बैठ गई और एक दूसरा सैनिक माला लेकर अंदर चला गया और जैसे ही विक्रम ने माला देखी तो समझ गया कि सीमा का कोई संदेश आया होगा और बाहर की तरफ आ गया और जैसे ही उसने सीमा के साथ साथ सलमा को देखा तो उसका दिल खुशी से उछल पड़ा और अगले ही पल खामोश होते हुए बोला:"
" आइए आप मेरे साथ अंदर आइए!
सीमा और सलमा दोनो उसके साथ महल के अंदर जाने लगी और युवराज ने महल के अंदर बने एक आलीशान कक्ष में दोनो को बैठने के लिए कहा और बोला:"
" आप थोड़ी देर यहीं बैठिए! मैं आपके लिए कुछ लेकर आता हूं!
इतना कहकर विक्रम जाने लगा तो सीमा खड़ी होती हुई बोली:"
" युवराज मुझे पहले आप बाथरूम किधर है ये बता दीजिए!
विक्रम उसे अपने साथ ले गया और थोड़ी ही दूरी पर बने बाथरूम के पास छोड़ दिया तो सीमा बोली:"
" युवराज शहजादी आपसे मिलने के आई है! मैने तो मना किया था लेकिन नही मानी! आप उनसे बात कीजिए!
इतना कहकर सीमा बाथरूम के अंदर घुस गई और विक्रम सलमा के कक्ष में आया तो उसे देखते ही सलमा की आंखे भर आई और उसके करीब आई और बोली:"
" युवराज कैसे हैं आप ? सीमा ने बताया कि आप जख्मी हुए हैं!
विक्रम:" मेरे जख्म से आपको क्या फर्क पड़ता है शहजादी? वैसे भी ऐसे जख्म से कोई मरता नही हैं!
सलमा ने आगे बढ़कर उसके होंठो पर उंगली को रख दिया और बोली:" खुदा के लिए ऐसी मनहूस बाते मुंह से न निकालिए युवराज! समझ नही आता कि कैसे और किन शब्दों में आपसे माफी मांगू?
विक्रम:" माफी की जरूरत नहीं है सलमा आपको! मेरी ही गलती थी जो आपके कहने पर समझ नही सका!!
सलमा ने उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी भीगी हुई आंखो से उसकी आंखो में देखती हुई बोली:" मुझे भी समझना चाहिए था युवराज! मैने जो आपके साथ किया वो कोई अपने दुश्मन के साथ भी नही करता जब वो आपके घर आया हुआ हो! मैं आपकी गुनहगार हु विक्रम, मुझे जो चाहे सजा दीजिए!
इतना कहकर सलमा जोर जोर से सिसक उठी और विक्रम का दिल भी उसकी आंखो में आंसू देखकर तार तार हो गया और उसके आंसू साफ करते हुए बोला:"
" रोइए मत शहजादी आप! आपकी खूबसूरत आंखो में आंसू अच्छे नहीं लगते! गलती हम दोनो की ही है मुझे पहले ही दिन आपको बता देना चाहिए था कि मैं उदयगढ़ से हु लेकिन मैं आपको खोना नही चाहता था बस इसलिए नही बोल पाया!
सलमा उसकी बात सुनकर जोर जोर से बिलख उठी और उससे लिपट गई और बोली:"
" लेकिन आपने मेरे पूछने पर सच बताया युवराज! आप चाहते तो झूठ भी बोल सकते थे लेकिन आपने ऐसा नही किया!
विक्रम ने भी उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसके आंसू साफ करते हुए बोला:"
" बस कीजिए शहजादी! आपको मेरी कसम हैं अब आपकी आंखों से आंसू नहीं आना चाहिए!
इतना कहकर विक्रम ने अपना मुंह आगे करके उसका गाल चूम लिया और न चाहते हुए भी सलमा की आंसू से फिर से आंसू टपक पड़े!
विक्रम ने उसके आंसुओं को साफ किया और उसकी कमर थपथपाते हुए उसे तसल्ली देता रहा और धीरे धीरे सलमा की हिचकियां रुक गई तो विक्रम बोला:"
" मुझे सीमा बता रही थी कि आपके खिलाफ राजमहल में कुछ साजिश हो रही हैं! सीमा को चोरी के इल्जाम में आपने बचाया ये तो बहुत अच्छा किया! सीमा आपके लिए अपनी जान दे देगी लेकिन आपको कभी धोखा नही देगी!
सलमा उसकी बांहों में खुद को सुरक्षित महसूस कर रही थी और बोली:" पता नही कौन हैं लेकिन हो ना हो ये सब जब्बार का किया धरा हो सकता हैं! सलीम भाई तो दिन भर नशे में रहते हैं और उन्हें राज्य और कामों से कोई मतलब है नही!
उसके बाद सलमा थोड़ी देर चुप रही और फिर अपने दिल के सभी राज विक्रम के सामने रख दिए कि आज कल सुल्तानपुर में क्या चल रहा हैं तो उसकी बात सुनकर विक्रम बोला:"
" आप चिन्ता मत कीजिए शहजादी! मेरे होते हुए कोई आपका कुछ नही बिगाड़ सकता!
सलमा ने उसका मुंह चूम लिया और बोली:" हम आप पर भरोसा हैं युवराज तभी तो आपको सब कुछ बता दिया हैं!
विक्रम उसे अपनी बांहों में लिए खड़ा रहा और बोला:"
" आपने बड़ी हिम्मत करी जो हमसे मिलने के लिए उदयगढ़ ही चली आई! मानना पड़ेगा आपको शहजादी!
सलमा:" आप मुझसे मिलने आ सकते हो अपनी जान हथेली पर रखकर तो क्या मैं भी नही आ सकती हू आपसे मिलने के लिए! मैं भी आपसे बेहद प्यार करती हू युवराज!
विक्रम:" सच में मैं बेहद किस्मत वाला हु जो आपके जैसी खुबसूरत और दिलवाली महबूबा मिली मुझे!
उसकी बात सुनकर सलमा मुस्करा उठी और बोली:"
" अच्छा ये दिखाओ आपको कहां कहां जख्म आया हैं मेरी वजह से युवराज?
विक्रम:" कहीं भी नही शहजादी! मैं तो बिलकुल ठीक हु!
सलमा समझ गई कि विक्रम ऐसे नही मानने वाला तो सलमा ने उसकी बात सुनकर एक झटके के साथ उसके जिस्म पर पड़ी हुई चादर को खींच दिया और विक्रम की छाती पूरी नंगी हो गई और सलमा ने देखा कि उसकी छाती पर कई जगह घाव हुए थे और लाल लाल निशान पड़ गए थे तो सलमा का दिल दर्द से बैठ गया और फिर सलमा पलटकर उसकी कमर देखने लगी और उसकी कमर पर लगे हुए जख्मों
को हाथ से छूकर देखने लगी!
सलमा का दिल अंदर ही अंदर रो रहा था और फिर वो पलट कर विक्रम के सामने आ गई और बोली:" विक्रम मुझसे सच में बेहद बड़ी गलती हो गई है! मैं तो माफी के भी काबिल नही हु आपकी!
विक्रम ने उसे अपने गले से लगा लिया और उसका माथा चूम कर बोला:" आप कुछ मत सोचिए शहजादी! सब कुछ भूलकर एक नई शुरुआत करते हैं!
सलमा उसकी बात सुनकर खुश हो गई और उससे कसकर लिपट गई! विक्रम ने भी उसे अपनी बाहों मे कस लिया और दोनो ऐसे ही खड़े हुए एक दूसरे के दिल की धड़कन सुनते रहे और फिर सलमा को सीमा की याद आई तो बोली:"
" युवराज सीमा बाथरूम से नही आई अभी तक!
विक्रम उसकी बात सुनकर मुस्कुरा उठा और बोला:"
" कितनी भोली हो आप सलमा, वो तो जान बूझकर हमे अकेला छोड़कर गई हैं ताकि हम आराम से बात कर सके!
सलमा उसकी बात सुनकर शर्म से लाल हो गई और कसमसा कर बोली:"
" हाय अल्लाह वो क्या सोच रही होंगी मेरे बारे में!!
विक्रम ने पहली बार अपने हाथो का दबाव उसकी कमर पर बढ़ा दिया और बोला:"
" यही कि सलमा अपने महबूब की बांहों में होगी!
सलमा उसकी बात सुनकर कांप उठी और उसकी पकड़ से आजाद होती हुईं बोली:"
" जाइए उसे बुला लीजिए आप!
सलमा की बात सुनकर विक्रम कमरे से बाहर निकल गया और सीमा उसे बराबर के कमरे में बैठी हुई मिल गई और बोली:"
" हो गई क्या आपकी सुलह?
विक्रम उसकी बात सुनकर हल्का सा मुस्कुराया और बोला:"
" हान जब आप जैसी बहन हो तो भला क्यों नही होगी! शहजादी आपको बुला रही हैं!
उसके बाद सीमा उसके साथ आ गई और बोली:"
" क्या युवराज आपने अभी तक हमे पानी तक नहीं पिलाया? कैसी मेहमाननवाजी करते हैं आप उदयगढ़ वाले, शहजादी पहली बार अपनी ससुराल आई है और आप हैं कि कोई फिक्र ही नहीं हैं आपको!
उसकी बात सुनकर सलमा शर्मा गई और आंखो को नीचे कर लिया तो विक्रम बोला:"
" बस आप पांच मिनट दीजिए मुझे!
उसके बाद विक्रम गया और सलमा सीमा को डांटती हुई बोली:"
" कुछ भी बोल देती हो, बड़ी बेशर्म हो गई हो सीमा!
सीमा ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली:" हाय रब्बा देखो तो ससुराल के नाम पर कैसे शर्मा गई आप शहजादी!!
सलमा का दिल उसकी बाते सुनकर तेजी से धड़का उठा और उसका पूरा बदन कांप उठा और वो सीमा को डांटते हुए बोली:"
" एक बार महल चलो फिर तुम्हे अच्छे से सबक सिखा दूंगी!
दोनो की बाते चल ही रही थी कि विक्रम आ गया और उसके हाथ में एक ट्रे थी जिसमे खाने के लिए काफी सारे सूखे मेवे और जूस था और उसने बेड पर सब रख दिया और उसके बाद सब मिलकर खाने लगे लेकिन सलमा थोड़ा संकोच कर रही थी तो विक्रम बोला:"
" शहजादी आप पहली बार उदयगढ़ आई हैं तो बिना किसी संकोच के खाइए नही तो बाद में कहेगी कि हमने आपका ध्यान नहीं रखा!
सीमा:" बेचारी पहली बार ससुराल आई हैं तो इसलिए शर्मा रही है युवराज!
उसकी बात सुनकर सलमा का मुंह लाल हो गया और उसने घूरकर सीमा की तरफ देखा तो सीमा बोली:"
" नाराज क्यों होती हैं आप? क्या मैं झूठ बोल रही हूं क्या ?
सलमा:" एक बार तुम सुल्तानपुर चलो फिर जाकर आपको सबक सिखाती हु अच्छे से!
उसकी बात सुनकर सीमा और विक्रम मुस्कुरा दिए! तीनों ने अच्छे से खाया और उसके बाद सीमा बोली:"
"ओहो लगता हैं कि फिर से बाथरूम जाना पड़ेगा आज पेट में कुछ ज्यादा ही दिक्कत हैं!
इतना कहकर उसने सलमा को आंख मार दी और बाहर की तरफ चल पड़ी! उसके जाते हो सलमा की सांसे तेज हो गई क्योंकि अब कमरे में वो और विक्रम दोनो अकेले हो गए थे! विक्रम उसके पास आ गया और उसे अपनी बांहों में भर लिया तो सलमा कसमसा उठी और बोली:"
" आह्ह्ह्ह क्या करते हो युवराज कोई देख लेगा!
विक्रम ने उसका मुंह चूम लिया और बोला:" डरती क्यों हो शहजादी! कोई नही आयेगा यहां!
इतना कहकर उसने शहजादी को अपनी बांहों मे कस लिया तो सलमा भी उससे लिपट गई और विक्रम ने उसका मुंह उपर उठाया तो सलमा की आंखे शर्म से झुक गई और विक्रम ने उसका गाल चूम लिया और बोला:"
" शहजादी आप मुझे मिल गई सब कुछ मिल गया! अब मुझे मौत भी आ जाए तो कोई गम नही होगा!
उसकी बात सुनकर सलमा ने अपनी उंगली को उसके होठों पर रख दिया और विक्रम उसकी उंगली को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा तो सलमा की सांसे तेज हो गई और विक्रम से कसकर किसी अमरबेल की तरह लिपट गई!
विक्रम ने अपने हाथो को उसकी गांड़ के उभार पर रखा और उसके उंगली को जोर जोर से चूसने लगा और तभी सीमा के आने की आहट हुई तो दोनो न चाहते हुए भी अलग हो गए और सीमा अंदर आ गई और बोली:"
" शहजादी हमें अब जाना होगा क्योंकि रात के 11 बज गए हैं और आपको डांट पड़ेगी!
सीमा की बात सुनकर सलमा का ध्यान समय की तरफ गया और बोली:" ठीक हैं हम चलते हैं सीमा! मैं एक मिनट बाद आई मुझे युवराज से कुछ बात करनी हैं जरूरी!
उसकी बात सुनकर सीमा बाहर चली गई और सलमा एक बार फिर से विक्रम से कस कर लिपट गई और उसके होंठ चूसने लगी तो विक्रम भी बेकाबू होकर सलमा के होंठ चूसने लगा और सलमा किस तोड़कर धीरे से उसके कान में बोली:"
" आप मुझसे मिलने के लिए परसो 11 बजे आ जाना! युवराज मैं आपका इंतजार करूंगी !
इतना कहकर उसने जोर से विक्रम के गाल को चूस लिया तो विक्रम ने उसकी गांड़ को कसकर दबा दिया और सलमा के मुंह से आह निकल पड़ी और एक झटके के साथ विक्रम से अलग हुई और कक्ष से बाहर निकल गई! सीमा और सलमा दोनो विक्रम के साथ राजमहल से बाहर आ गई और उसके बाद विक्रम ने उन्हें सुरक्षा के साथ सुल्तानपुर की सीमा में छोड़ दिया और सलमा खुशी खुशी अपने राज्य वापिस लौट पड़ी !!