जैसे ही 11 बजने में कुछ मिनट थे तो सलमा अपने बेड से उठ खड़ी हुई और इधर उधर देखती हुई बाहर निकल गई और विक्रम तालाब के पास पहुंचा और महल की छत पर देखा और उसके बाद सावधानी से गुप्त रास्ते में दाखिल हो गया और अंदर की तरफ चल पड़ा! विक्रम जैसे ही गुफा के अंतिम छोर पर पहुंचा तो उसे सामने खड़ी हुई शहजादी सलमा नजर आई और देखते ही दोनो की आंखे टकरा गई और एक साथ दोनो के होंठ मुस्कुरा उठे! सलमा तेजी से अपने कक्ष की तरफ चल पड़ी और विक्रम उसके पीछे पीछे खींचा चला आया! शहजादी अपने कक्ष में आ गई! जैसे ही विक्रम अंदर घुसा तो विक्रम ने कक्ष के दरवाजे को बंद किया और कक्ष पर एक नज़र डाली तो उसे बेहद खुशी हुई क्योंकि आज शहजादी ने कक्ष को अच्छे से गुलाब के फूलों से सजा दिया था और विक्रम आगे बढ़ा और सलमा के करीब पहुंच गया और सलमा की सांसे और तेज होने लगी! विक्रम ने उसका हाथ पकड़ा तो शहजादी से शर्म से अपना मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया और विक्रम ने एक झटके के साथ उसे अपनी तरफ खींचा तो सलमा किसी डोर की मानिंद खींची चली आई और उसके सीने से जा लगी और अपना चेहरा छिपा लिया तो विक्रम ने उसके कंधो को पकड़ा और बोला:"
" आप नही जानते थे कि हम आपको देखने के लिए कितना तड़प रहे थे शहजादी! मेरे इस खूबसूरत चांद को निहारने का हक हमसे मत छीनिये सलमा!
इतना कहकर विक्रम ने उसका चेहरा ऊपर उठा लिया तो कांपती हुई लरजती हुई सलमा की आंखे शर्म से बंद हो गई और विक्रम ने जी भरकर अपने चांद का दीदार किया और फिर बोला:"
" आप सच में बेहद खूबसूरत हैं शहजादी और आज तो आप के रूप सौंदर्य में गजब का आकर्षण है शहजादी! एक बार अपनी आंखो को खोलिए न आप
अपने हुस्न की सुबह से तारीफ सुन रही सलमा को अब अपने महबूब से अपनी तारीफ सुनकर सुकून मिला और उसने अपनी आंखों को खोल दिया और विक्रम ने उसकी आंखो को चूम लिया और बोला:"
" आपकी आंखे बेहद खूबसूरत हैं शहजादी! इनमे डूबकर मर जाने को जी चाहता है!
सलमा उसकी बात सुनकर तड़प उठी और उसके होंठो पर अपनी उंगली को रख दिया तो विक्रम ने सलमा की उंगली को मुंह में भर कर चूस लिया तो सलमा उससे कसकर लिपट गई! विक्रम उसकी उंगली को चूसता रहा और सलमा भी मजे से उसकी लिपटी रही और अपनी उंगली को उसके मुंह में डाले रखा ! विक्रम ने अपने हाथो को पीछे ले जाकर उसकी कमर को थाम लिया और सहलाने लगा तो सलमा एक झटके के साथ उसे अलग हो गई और गहरी गहरी सांसे लेने लगी और सोचने लगी कि क्यों मैं विक्रम से दूर हो गई! विक्रम फिर से आगे बढ़ा और सलमा के पास जाकर बोला:"
" वैसे शहजादी हम आपसे नाराज हैं!
सलमा ने उदास निगाहों से उसकी तरफ देखा और बोली:"
" ऐसा न कहे युवराज! हमारी जान निकल रही हैं ! कहिए तो क्या खता हो गई हमसे ?
विक्रम ने उसका हाथ पकड़ कर फिर से अपनी तरफ खींच लिया और बांहों में समेट कर बोला:"
" आपने वादा किया था कि बुर्का नही पहनोगी सलमा!
सलमा ने उसका गाल चूम लिया और उसकी छाती में सिमट गई और बोली:
" ओहो विक्रम, मेरी तो जान ही निकाल दी थी आपने!
विक्रम ने उसके दोनो कंधो को थामा और उसके बुर्के की चैन को खोल दिया तो सलमा उससे पूरी ताकत से कसकर लिपट गई और विक्रम ने उसे पल भर के लिए अपने से अलग किया और बुर्के को पूरी तरह से खोलकर उसके जिस्म से उतार दिया और सलमा तेज तेज सांसे लेती हुई खुद ही उससे लिपट गई और उसकी छाती चूम कर बोली:"
" आप बहुत शैतान होते जा रहे हो युवराज!
विक्रम ने अब उसे थोड़ा कसकर अपनी बांहों में समेट लिया तो सलमा कसमसा उठी और उसके कान में फुसफुसाकर बोली:"
" अह्ह्ह्हह विक्रम! मार डालना चाहते हो क्या अपनी शहजादी को आज
विक्रम ने अपने हाथो को उसके नितंबों पर ले गया और सहलाते हुए उसकी गर्दन चूमकर बोला:
" अह्ह्ह्ह्ह मेरी शहजादी, बस प्यार करना चाहता हूं!
सलमा अपने नितंबों पर उसका हाथ महसूस करके उत्तेजित हो गई और अपनी तेजी से उछलती हुई छातियों से उसके सीने में वार करती हुई मदहोशी से बोली:
" अअह्ह्ह्ह विक्रम मेरे युवराज उफ्फ ऐसे ताकत से भला कौन प्यार करता है!
विक्रम ने अपनी हथेलियों को पूरा खोलते हुए उसकी गोल गोल गद्देदार गांड़ की गोलाईयों को पूरा भर लिया और थोड़ा कर सहला दिया और बोला:"
" अ हायअह्ह्ह्हह शहजादी! आपको अच्छा नही लग रहा है क्या सलमा!
सलमा दर्द और मजे से कराह उठी और उसके सीने को जोर से चूम लिया और सिसकते हुए बोली:"
" आह्ह्ह्ह्ह अच्छा तो लग रहा है मेरे युवराज! मर जाऊंगी मैं
विक्रम ने अपनी जीभ को बाहर निकाल कर सलमा की चिकनी खूबसूरत गर्दन पर फेर दिया तो सलमा का पूरा बदन कांप उठा और वो एक झटके के साथ आह्ह्ह्ह् करती हुई विक्रम की बांहों से निकल गई और गहरी गहरी सांसे लेती हुई विक्रम को देखने लगी और विक्रम ने आगे बढ़कर फिर से मचलती हुई कांपती हुई सलमा को पकड़ लिया और उसकी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया
विक्रम कभी उसकी गर्दन को चूम रहा था तो कभी उसके गाल को चूम रहा था और विक्रम के होंठ सलमा के पूरे चेहरे पर चुंबनो की बरसात कर रहे थे और सलमा मचलती हुई कांपती हुई उससे लिपट रही थी और विक्रम ने एक हाथ पीछे ले जाकर उसके सूट मे घुसा दिया और उसकी नंगी कमर को सहला कर उसके कान में फुसफुसाया:"
" आह्ह्ह्ह मेरी शहजादी, आपके ये अमृत भरे मधु रस होंठो किसके लिए हैं!
सलमा से अब बर्दाश्त नही हुआ और आंखे बंद करते हुए विक्रम के होंठो से अपने होंठों को चिपका दिया और दोनो मदहोश होकर एक दूसरे के होठों को चूसने लगे! सलमा ने अपने आपको पूरी तरह से उसकी बांहों में ढीला छोड़ दिया और उसके होंठो को चूसने लगी! विक्रम से ज्यादा आज सलमा उसके होंठो को चूस रही थी और सलाम ने अपनी जीभ को उसके मुंह में घुसा दिया तो विक्रम के सब्र का बांध टूट पड़ा और जोर जोर से उसकी जीभ को चूसने लगा, दोनो ही एक दूसरे से ज्यादा जोर से होंठो को चूस रहे थे और सलमा की हालत पूरी तरह से खराब हो गई थी और विक्रम ने जैसे ही हाथ ऊपर ले जाकर उसकी ब्रा की स्ट्रिप को छुआ तो सलमा के मुंह से आह निकल पड़ी और कांपती हुई सलमा एक झटके के साथ फिर से उससे अलग हो गई! सलमा की सांसे इतनी ज्यादा तेज हो गई थी उसकी उछलती हुई भारी भरकम छातियां विक्रम को पागल कर रही थी ! विक्रम आगे बढ़ा और सलमा के पीछे जाकर उसे जोर से अपनी तरफ खींचा और सलमा एक झटके के साथ फिर से उससे आ लगी और सलमा की पीठ अब विक्रम की छाती से मिल गई और विक्रम ने उसकी गर्दन चूमते हुए दोनो हाथों को सीधे उसकी मचलती हुई छातियों पर रख लिया तो सलमा के मुंह से आह निकल पड़ी और सलमा पलटकर उससे कसकर लिपट गई! विक्रम ने अपने हाथो को उसके कंधो पर रखा और उसके सूट को उसके कंधो से सरका दिया तो अपने जलते हुए होठों को उसके नंगे चिकने कंधो पर रख लिया और चुसने लगा तो सलमा के मुंह से मस्ती भरी सीत्कार निकल पड़ी और विक्रम ने बिना देर किए उसके सूट को पीछे से खोल दिया और सलमा की पूरी नंगी चिकनी कमर को अपने हाथों में भर कर उसके कंधो को चूमने लगा तो सलमा बेकाबू होकर उससे लिपट कर और विक्रम ने उसके सूट को उतार कर फेंक दिया और सलमा की गोल गोल गुम्बद जैसी ठोस मदमस्त चूचियां एक सफेद रंग की ब्रा में कसी हुई उसके सामने आ गई और सलमा तड़पते हुए उसके गले लग गई!
विक्रम ने सलमा की नंगी कमर को कसकर अपने हाथो से सहला दिया तो सलमा मस्ती से सिसक उठी और विक्रम के सीने में शर्म के मारे छिप गई और विक्रम उसकी कड़क चुचियों की छुवन अपने सीने में महसूस करके जोश में आ गया और सलमा के नाजुक रसीले होंठो को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा और सलमा भी कांपती हुई उसके होंठो को चूसने लगीं! विक्रम कभी उसके नीचे के होंठ को मुंह में भर कर जोर जोर से चूस रहा था तो कभी नीचे वाले होंठ को अपने दांतों से काटते हुए चूस रहा था और सलमा पूरी ताकत से उससे लिपटी हुई उसके होंठो को चूस रही थी!
सलमा की चूचियां पूरी तरह से अकड़ गई थी और उसकी जांघो के बीच में चिपचिपा रसीला कामरस आ गया था जिससे सलमा पूरी तरह से मदहोश हो गई और उसने अपने दोनो हाथों को विक्रम के गले में डाल दिया और उसकी बांहों में खुल गई क्योंकि उत्तेजना और मस्ती की वजह से उसके पैरो ने जवाब दे दिया और विक्रम ने सलमा को अपनी बांहों में थाम लिया और सलमा का इशारा समझकर उसे बेड की तरफ ले चला! विक्रम ने बेड कक्ष के चारो और फैले खूबसूरत पर्दो को हटा दिया और अंदर घुसा तो फिर से गुलाबी रंग के परदे आ गए और विक्रम ने सलमा का मुंह चूमते हुए उन्हे भी हटा दिया और फिर सलमा को बेड पर लिटा और ज़ोर ज़ोर से सांसे लेती हुई सलमा बेड पर लेट गई और उछल पड़ी क्योंकि बेड बहुत ही ज्यादा गद्देदार था! सलमा बेड पर हल्की हल्की उछलती हुई कामुक नजरो से अपनी ब्रा में कैद उछलती हुई चुचियों के साथ विक्रम को देख रही थी और विक्रम बिना देर किए बेड पर चढ़ गया और कांपती हुई सलमा के उपर चढ़ गया और उसके होंठो को चूसने लगा और सलमा भी उसके होंठो को चूसने लगी और विक्रम ने नीचे आते हुए उसकी ब्रा में कैद चुचियों को हाथ में भर लिया और सहलाने लगा तो सलमा अपनी चुचियों पर उसका कठोर मर्दाना एहसास पाकर मस्ती से सिसक उठी और उसके सिर को अपने हाथो से थाम लिया और अपने सीने पर दबाने लगी तो विक्रम ने अपने होठों को उसके पेट पर लगा दिया और उसकी गोल गोल गहरी नाभि में अपनी जीभ डाल कर चूसने लगा तो सलमा अपने पैरो को पटकते हुए अपने दोनो हाथो से बेडशीट को मसलने लगी और उसकी सांसे इतनी तेजी से चल रही थी मानो उसकी चूचियां उसकी ब्रा फाड़कर बाहर निकल आना चाह रही हो!
विक्रम उसकी नाभि को चूसता हुआ उपर की तरफ बढ़ चला और सलमा अपने जिस्म को जोर जोर से बिस्तर पर पटक रही थी और विक्रम ने अब उसकी ब्रा में कैद चुचियों को चूमना शुरू कर दिया तो शहजादी मस्ती से सिसक उठी और बेकाबू होकर अपने जिस्म को बेड पर पटक पटक रही थी तो विक्रम ने उसके पैरो को अपने पैरों में फंसा लिया और उसकी चुचियों पर अपनी जीभ को फेर दिया तो सलमा मस्ती से सिसक उठी
" अह्ह्ह्हह युवराज! मत करो उफ्फ अम्मी!
विक्रम ने उसके मुंह में अपनी एक उंगली को घुसा दिया और सलमा बेकाबू होकर उसकी उंगली को चूसने लगी और विक्रम उसकी चुचियों को ब्रा से ही अपने मुंह में भर कर चूसने लगा तो सलमा की चूचियां उछलने लगे और विक्रम ने अपने उंगली को उसके मुंह से निकाला और उसके चेहरे पर फिरते हुए उसके होंठो पर आया तो सलमा ने उसकी उंगली को जीभ निकाल कर चूम लिया और विक्रम के हाथ उसकी ब्रा की तनियो पर आए और उन्हे सलमा के कंधो पर से सरका दिया और उसके साथ ही सलमा की चूचियां नंगी होकर एक झटके के साथ उछलती हुई बाहर आ गई
सलमा के मुंह से एक जोरदार मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसने शर्म से अपनी आंखे बंद करके हुए अपनी दोनो चुचियों को अपने हाथों से ढक लिया और अपने जिस्म को किसी जंगली घोड़ी की तरह बेड पर पटकने लगी और विक्रम ने उसके होंठो को चूमते उसके उसके हाथो को अपने हाथों में भर लिया और उसकी उंगलियों के बीच अपनी उंगलियों को घुसा दिया और उसकी चुचियों को मसलने लगा तो उसके मर्दाना सख्त हाथो का एहसास करके ही सलमा ने अपनी जीभ को उसके मुंह में घुसा दिया तो विक्रम ने सलमा के हाथो को जबरदस्ती उसकी चुचियों पर से हटाया और अपने दोनो हाथों में उसकी सख्त तनी हुईं चुचियों को भर लिया और सलमा ने विक्रम के मुंह में अपनी जीभ को पूरी तरह से घुसाते हुए उसकी जीभ से मिला दिया और विक्रम सलमा की जीभ को चूसते हुए उसकी चुचियों को सहलाने लगा और दोनो को बेहद मस्ती आ रही है! सलमा की चूचियां विक्रम के हाथो में उछल उछल पड़ रही थी मानो उसे उकसा रही हो कि आ और दाब हमे! विक्रम ने उसकी चुचियों की चुनौती को स्वीकार किया और जोर से कसकर मसल दिया तो सलमा के मुंह से आह निकल पड़ी और लंबी लंबी सांसे लेती हुई कामुक नजरो से विक्रम की तरफ देखने लगी और विक्रम ने आगे झुककर उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया और सलमा के मुंह से एक जोरदार मस्ती भरी सीत्कार निकल पड़ी
" अअह्ह्ह्हह हायय्य सीईईईईईईईई अअह्ह्ह्ह् क्या कर दिया मुझे मेरे युवराज !
विक्रम ने उसकी चूची को जोर से चूसना शुरु कर दिया और सलमा अब पूरी तरह से बेकाबू होकर अपनी जांघो को पूरा खोलते जीभ निकल कर जोर जोर से सिसकियां लेने लगी और विक्रम ने उसकी एक चूची को हाथ में भरा और दूसरी को मसलना शुरू कर दिया और सलमा ने अपनी जीभ निकालकर उसे दिखाई तो विक्रम उसके ऊपर चढ़ उसके होंठो को चूसने लगा और सलमा बेकबू होकर अपना मुंह खोलते हुए उसके होंठो को चूसने लगीं
विक्रम की छाती पूरी नंगी थी और अब पूरी तरह से सलमा के ऊपर चढ़ा हुआ था और होंठो को चूसते चूसते ही विक्रम ने सलमा की सलवार के नाडे को पकड़ा और सलमा ने उसके हाथ को पकड़ लिया मानो मना कर रही हो लेकिन विक्रम ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए नाडे को खोलना चाहा और शहजादी उसे रोकने की कोशिश कर रही थी और बेचारे नाडा कमजोर पड़ा और टूट गया और नाडे के टूटते ही सलमा ने पागल सी हो गई और अपनी टांगो को उसकी टांगों में फंसा लिया तो विक्रम ने सलमा के दोनो हाथो को ऊपर उठाते हुए उसकी ब्रा को निकाल फेंका तो उसकी चौड़ी छाती सलमा की नंगी चूचियों से मिल गई और सलमा ने जोर से सिसक कर अपने दोनो हाथों को उसकी कमर पर लपेट दिया और विक्रम उसकी चुचियों के कड़क निप्पल को अपनी छाती से मसलते हुए धीरे धीरे उसकी सलवार को सरका दिया और सलमा के जिस्म पर अब सिर्फ पेंटी ही बच गई जो पूरी तरह से भीग गई थी! विक्रम ने अपने हाथ नीचे लाते हुए अपने पायजामें को उतार दिया और सलमा बेडशीट को हाथो से मसलती हुई लंबी लंबी सांसे लेती हुई उत्तेजना से अपने जिस्म को बिस्तर में पटक रही थी जिससे उसकी चूचियां उछल उछल पड़ रही थी!
विक्रम का फौलादी लंड अपने विकराल रूप में आ गया था और एक अंडर वियर में सलमा की पेंटी की को रगड़ रहा था और विक्रम उसकी चूत पर धक्के मारते हुए उसकी चुचियों को मसल रहा था और शहजादी उसे चूमते हुए सिसक रही थी! विक्रम की गति बढ़ती गई और सलमा की सिसकियां तेज होने लगी और हर बार उसका मुंह मस्ती से खुल रहा था और विक्रम के मुंह से भी आह निकल पड़ी! सलमा भी अपने नितंबों को नीचे से उठा उठा कर सहयोग कर रही थी जिससे धक्कों में बहुत तेजी आ गई थी और उसने सलमा को पूरी ताकत से कस लिया और जोर से धक्का लगाया और सलमा के मुंह की चूम लिया विक्रम के साथ साथ सलमा के मुंह से भी एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी इसके साथ ही दोनो एक साथ झड़ते चले गए और विक्रम उसकी गर्दन चूमते हुए उसकी चुचियों पर गिर पडा!
दोनो एक दूसरे को चूमते हुए अपनी सांसे दुरुस्त कर रहे थे और शहजादी सलमा विक्रम के गले में अपनी बांहों का हार डाले हुए उससे लिपटी हुई और थोड़ी देर के बाद दोनो की सांसे थोड़ा संयत हुई तो सलमा को अपनी हालत का एहसास हुआ और शर्म के मारे विक्रम के सीने में अपना मुंह छुपा लिया और विक्रम ने उसकी हालत समझते हुए एक चादर को दोनो के जिस्म पर खींच लिया और बोला:"
" शहजादी आपकों कोई तकलीफ तो नही हुई हैं ना!
सलमा उसकी बात सुनकर मचल उठी और उसके सीने में अपने मुंह को छिपाए हुए इनकार में गर्दन को हिला तो विक्रम ने उसके गाल को चूम लिया और प्यार से उसके बालो को सहलाते हुए बोला:"
" आपको मजा आया ना शहजादी!
सलमा इस बार उसकी बात सुनकर कांप उठी और कसकर उससे लिपट गई और उसका मुंह चूम लिया तो विक्रम ने भी उसकी नंगी कमर में हाथ डालकर उसे अपने बदन से चिपका लिया और कभी उसके बालो को सहलाता तो कभी प्यार से उसका मुंह चूमता! सलमा को बेहद अच्छा लग रहा था क्योंकि विक्रम उसका ध्यान बेहद अच्छे से रख रहा था और सलमा बोली:"
" युवराज आज आपने जिस तरह से सागोला को हराया मैं आपकी कायल हो गई !
विक्रम अपनी उंगलियों को उसकी नंगी कमर पर कामुक अंदाज में फेरते हुए बोला:" अच्छा जी! वैसे सागोला का घमंड तो मुझे तोड़ना ही था! मैं खुद ही उससे लड़ना चाहता था लेकिन मेरे मित्र अजय ने मुझे रोक दिया था लेकिन आपके इशारे पर मैं उससे लड़ा!
सलमा अपनी नंगी कमर में उसकी उंगलियां महसूस करके फिर से अपने बदन में उत्तेजना महसूस कर रही थी और उसकी छाती चूम कर बोली:"
" ओह आपके मित्र आपसे नाराज तो नही हो जायेंगे न!
विक्रम:" नही शहजादी अजय हमसे कभी नाराज हो ही नहीं सकता! जिस तरह से आपकी जिंदगी में सीमा हैं उसी तरह से अजय मेरा दोस्त हैं! लेकिन मैने उसे अपने और आपको रिश्ते के बारे में नही बताया!
सलमा की चूचियां फिर से फूलना शुरू हो गई थी और बदन ने सिरहन सी दौड़ना शुरू हो गई तो वो विक्रम से कसकर लिपट गई और बोली:"
" अच्छा युवराज आपने कभी बताया नही कि आप किस राज्य के युवराज हैं?
विक्रम उसका सवाल सुनकर मन ही मन डर गया क्योंकि वो शहजादी से झूठ नही बोल सकता था और सच कहने की उसकी हिम्मत नहीं थी तो विक्रम शहजादी की आंखो मे देखते हुए बोला:" सलमा मैं आज आपसे सबसे ज्यादा प्यार करता हूं और मेरी बात को समझने की कोशिश करना जो मैं कहने जा रहा हूं!
सलमा की उसकी बात सुनकर हैरानी हुई और उसकी आंखो में देखते हुए बोली:"
" मैं भी आपसे बेहद प्यार करती हूं विक्रम! बोलिए आप!
विक्रम:" शहजादी सच कड़वा हैं और वो ये है कि मैं उदयगढ़ का युवराज हु!
सलमा के सीने में उसकी ये बात जहरीले तीर की तरह चुभी और वो विक्रम को झटका देती हुई उसकी बांहों से ऐसे आजाद हुई मानो ज़हरीले सांप से लिपटी हुई थी और खड़ी होकर अपने जिस्म को ढकने लगी! विक्रम धीरे से खड़ा हुआ और उसका हाथ पकड़ कर बोला:"
" ये सच है कि मैं उदयगढ़ से हु लेकिन शहजादी.....
इससे पहले कि विक्रम आगे कुछ बोलता सलमा ने झन्नाटेदार थप्पड़ उसे जड़ दिया और अपना हाथ छुड़ा कर गुस्से से बोली:"
" दूर हो जाओ मेरी नजरो के सामने से, मैं आपकी सूरत भी नहीं देखना चाहती!
विक्रम का मुंह थप्पड़ से लाल हो गया और सलमा का हाथ पकड़ कर बोला:"
" पहले मेरी बात सुनो शहजादी...
इससे पहले की विक्रम की बात पूरी होती सलमा ने विक्रम के हाथ में अपने दांत गडा दिए तो विक्रम दर्द से कराह उठा और सलमा बोली:"
" विक्रम तुमने मुझे धोखा दिया है, मेरे दिल को दर्द दिया है, बेहतर यही होगा कि आप चले जाओ और कभी अपनी शक्ल मुझे मत दिखाना!
विक्रम दर्द से कराह कर बोला:"
" उदयगढ़ और सुल्तानपुर की दुश्मनी जब से चल रही है तब मैं छोटा बच्चा था शहजादी! इसमें मेरा क्या दोष है मैने तो सच्चे मन से आपसे प्यार किया हैं!
सलमा की आंखे भर आई और उसकी तरफ देखकर बोली:"
" विक्रम मुझे कोई बात नही सुननी, मैं अपने बाबा से बहुत प्यार करती थी और आपके पापा की वजह से वो मारे गए! मुझे घिन आती हैं अपने आपसे कि मैने आपसे प्यार किया!
इतना कहकर सलमा जोर जोर से फफक फफक कर रो पड़ी और विक्रम ने आगे बढ़कर उसका हाथ पकड़ा तो शहजादी ने झटके से उसका हाथ पटक पटक तो विक्रम ने उसका हाथ कर उसे दीवार से अड़ा दिया और बोला:"
" मेरी बात समझ क्यों नही रही हो शहजादी? उसमे मेरी कोई गलती नहीं हैं !
सलमा की आंखो से आंसू निकल पड़े और रोते हुए बोली:"
" विक्रम आज के बाद हम कभी नहीं मिलेंगे! अपना शक्ल मुझे भूल से भी मत दिखाना! शराफत से चलो जाओ इससे पहले कि मैं आपको धक्के देकर निकाल दू!
इतना कहकर सलमा ने अपना हाथ छुड़ा लिया और विक्रम ने गुस्से से उसका हाथ छोड़ दिया! सलमा रो रही थी और उसका पूरा चेहरा आंसुओं से भीग गया
सलमा ने विक्रम का हाथ पकड़ लिया और उसे अपने कक्ष से बाहर निकाल दिया और गुप्त रास्ते के दरवाजे पर लाकर छोड़ दिया और बोली:"
" मैने प्यार में आपको महल के गुप्त रास्ते दिखा दिए हैं! अगर आपने मुझसे थोड़ी भी मोहब्बत करी हैं तो इनका इस्तेमाल कभी मत करना! आज के बाद सुल्तानपुर में दिखाई दिए तो जिंदा वापिस नही जाओगे ये सलमा का वादा हैं युवराज!
इतना कहकर सलमा वापिस चल पड़ी और विक्रम के मुंह से शब्द नही निकल पा रहे थे और वो भरी हुई निगाहों से सलमा को दूर तक जाते हुए देखता रहा और फिर न चाहते हुए भी गुफा के अंदर घुस गया क्योंकि वो जानता कि सलमा अब उसकी कोई बात नही सुनने वाली! विक्रम अपनी आंखो में आंसू लिए रात के करीब एक बजे वापिस उदयगढ़ की तरफ चल पड़ा!!