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Adultery शीला की लीला (५५ साल की शीला की जवानी)

Eternallover012

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मैंने देखा है कि स्वैपिंग अवधारणा मेट्रो शहरों में लोकप्रिय हो रही है और लोग इसे एक नई जीवन शैली के रूप में अपना रहे हैं. मर्द अपनी बीवी को दोस्त के घोड़े पर चढ़ा हुआ देखना चाहता है और औरत अपनी सहेली को अपने मर्द के घोड़े पर बैठा देखना चाहती है शायद जमाना बदल रहा है सोच बदल रही है आनंद लेने का नया तरीका खोज रहे हैं लोग अब बस मजा लो कोई भी किसी से भी कह सकता है बिना डरे बिना किसी झिझक के.
मेरा मनाना है की शौक पूरा करने की कोई उमर नहीं होती कोई भी दुनिया में काम करना चाहते हो मत सोचो कि दुनिया क्या सोचेगी.बुरा कुछ नहीं है।बस अनैतिक नहीं होना चाहिए
आप ने बिल्कुल सही कहा पर इस में अनैतिक क्या है?
 
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Rajizexy

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मैंने देखा है कि स्वैपिंग अवधारणा मेट्रो शहरों में लोकप्रिय हो रही है और लोग इसे एक नई जीवन शैली के रूप में अपना रहेn हैं. मर्द अपनी बीवी को दोस्त के घोड़े पर चढ़ा हुआ देखना चाहता है और औरत अपनी सहेली को अपने मर्द के घोड़े पर बैठा देखना चाहती है शायद जमाना बदल रहा है सोच बदल रही है आनंद लेने का नया तरीका खोज रहे हैं लोग अब बस मजा लो कोई भी किसी से भी कह सकता है बिना डरे बिना किसी झिझक के.
मेरा मनाना है की शौक पूरा करने की कोई उमर नहीं होती कोई भी दुनिया में काम करना चाहते हो मत सोचो कि दुनिया क्या सोचेगी.बुरा कुछ नहीं है।बस अनैतिक नहीं होना चाहिए
Bilkul Sahi hai arushi sis ❤️
 

Ek number

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जैसे ही हेमंत उस आदमी के पास जाने लगा.. तभी रोमा ने माइक पर कहा "लेडिज एंड जेन्टलमेन.. अब टाइम आ गया है हम जोड़ियाँ बना ले.. आज तक हम जिस रूल से जोड़ी बनाते आए है.. उस रूल में हमने इसबार थोड़ी सी तबदीली की है.. जैसा की आप सब जानते है.. इस काउंटर पर सभी मर्दों की चाबियाँ है.. सभी लेडिज यहाँ आकर एक के बाद एक चूज़ करती थी और पार्टनर का चयन हो जाता था.. लेकिन हमारे पास कई नए नए सुझाव आए है... जिन में से ज्यादातर लेडिज के थे.. जिनका कहना है की इस तरह उन्हें पसंद करने का योग्य अवसर नहीं मिलता.. और किस्मत से मिलें लंड से.. मतलब की अपने पति से... तो वो पहले ही घर पर चुदवा ही रही है.. तो ऐसा करने से रोमांच कम हो जाता है.. इसलिए हम ने यह फैसला किया है की आज सब से पहले हम आप को पार्टनर चुनने का मौका देंगे.. सब से पहले हर मर्द अपनी पसंदीदा औरतों के पास जाकर खड़ा हो जाएँ.. !!"

पचास में से लगभग पैंतीस पुरुष शीला की बगल में खड़े हो गए..

रोमा: "वाऊ.. व्हॉट ए सरप्राइज़ .. !! मुझे यह जानना है की बाकी पंद्रह मर्दों ने इस सेक्स बॉम्ब को क्यों नहीं चुना?? यह एक पेचीदा सवाल है.. मुझे भी इसका जवाब जानने में दिलचस्पी है.. !! उन लोगों से मैं गुजारिश करूंगी.. की आप के बाद एक आकर.. मेरे कान में इसका कारण बताएं.. ताकि मैं डिक्लेर कर सकूँ.. और सारी बातें सीक्रेट भी रहेगी"

सभी मर्द एक के बाद एक.. रोमा के कानों में कहकर गए.. रोमा को इतनी हंसी आई की वो अपना पेट पकड़कर लेट गई.. अब सब को यह जानना था की आखिर ऐसे कौन से कारण थे.. !!

अपने आप को संभालकर रोमा ने माइक पर कहा "मेरे प्यारे चुदक्कड़ों.. सभी पंद्रह मर्दों ने जो कारण दीये उसका निष्कर्ष यही निकलता है.. उनका मानना है की इतनी हॉट गदराई माल को बेड पर ले जाकर सेक्स करने से पहले ही उनका डिस्चार्ज हो जाएगा.. और फिर वो बिस्तर पर इस लेडी को अपना मुंह दिखाने के काबिल नहीं बचेंगे.. इसी कारणवश उन्हों ने सिलेक्ट नहीं किया.. शाबाश सुनंदा.. !! जलवा है आपका तो.. !!"

तमाम लोगों ने शीला के जोरदार तालियाँ बजाई.. शीला की नजर उस मर्द पर थी.. जिसे वो मदन समझ रही थी.. वह व्यक्ति निरुत्साह होकर खड़ा था.. देखकर शीला को बड़ा ताज्जुब हुआ

रोमा: "चलिए.. बाकी की जोड़ियाँ तो बन गई मगर प्रॉब्लेम यह है की अब इन पैंतीस लोगों के बीच.. सुनंदा का बंटवारा कैसे करें??" थोड़ी देर खामोश रहने के बाद रोमा ने बड़े ही नटखट अंदाज में कहा "एक काम करते है.. हम सुनंदा की बोली लगाते है.. देखते है की कौन सब से ज्यादा पैसे लुटाने के लिए तैयार है इसके बबलों पर.. !! जिसकी जेब में ज्यादा गर्मी होगी.. उसी का लंड लेगी सुनंदा.. आर यू रेडी, सुनंदा??"

शीला ने अपने दोनों हाथों से शर्ट को फाड़कर.. मदमस्त विशाल चूचियों का प्रदर्शन करते हुए सब का अभिवादन किया.. और फिर शर्ट से उन्हें ढँक दिया..

sr2

पूरे हॉल में खलबली मच गई..!! सब के सब पागल हुए जा रहे थे.. सब की आँखों के सामने ही.. शीला ने अपनी चूत खुजाई.. और चुटकी में अपनी निप्पल दबाकर खींचते हुए.. सब के सामने देखकर.. मदहोश अंगड़ाई लेते हुए आँख मारी.. !! उसकी इन कामुक हरकतों को देखकर.. सारे लंड उसे सलामी देने लगे.. और सब लोड़ो ने शीला को स्टैन्डींग ओवेशन दिया.. !!

रोमा भी अपने नंगे स्तनों को झुलाते हुए उत्साह में आ गई क्यों की शीला ने आज की पार्टी को चार चाँद लगा दीये थे.. मर्दों को बावरा बना दिया था

रोमा: "सुनंदा के साथ रात गुजारने का मतलब है.. ज़िंदगी की सब से यादगार रात.. !! एक के बाद एक लोग इसके जिस्म की बोली लगाएंगे.. जो ज्यादा पैसे लुटाएगा.. सुनंदा आज रात के लिए उसकी हो जाएगी.. चलिए लगाइए बोली.. शुरुआत होगी एक लाख रुपये से.. !!"

एक के बाद एक बोली लगती गई.. और रकम साढ़े चार लाख पर पहुँच गई.. !!

"पाँच लाख.. !!" कोने में से आवाज आई तब सब चोंक गए.. क्योंकि वह आवाज किसी महिला की थी.. !!

रोमा: "बाप रे.. !! सुनंदा ने तो सिर्फ मर्दों को ही नहीं.. औरतों को भी पागल कर रखा है.. !! मुझे यह जानने में बड़ी दिलचस्पी है की एक औरत हो कर उसने सुनंदा के लिए इतनी बड़ी बोली आखिर क्यों लगाई.. !! जब की सुनंदा के पास.. उसे ठंडा करने के लिए जरूरी औज़ार भी नहीं है.. !!"

बोली लगाने वाली औरत.. बड़े ही आत्मविश्वास के साथ चलते चलते रोमा के पास आई.. रोमा की चुची को दबाकर उसके हाथ से माइक ले लिया और फिर बोली "हाई.. मेरा नाम केटरीना है.. मैं एक लेस्बियन हूँ.. मुझे लोडे की भूख नहीं है.. लोडा तो मैं घर से लेकर आई हूँ.. ये देखिए.. " कहते हुए उसने अपने हाथ में पकड़े सफेद रंग का डिल्डो दिखाया.. "मैं तो सुनंदा के बदन की कायल हो चुकी हूँ.. आज रात को, मैं सुनंदा के गदराए बदन का मज़ा लूटना चाहती हूँ.. उन्हें ये डिल्डो पहनाकर पूरी रात चुदना चाहती हूँ.. अगर उन्हें मंजूर हो तो.. !!"

शीला और रेणुका को तो ये बाद में पता चला की फकिंग क्लब में एंट्री पाने के लिए जोड़ी होना आवश्यक था.. पर जरूरी नहीं था की जोड़ी मर्द और महिला की ही हो.. दो महिला भी जोड़ी बनाकर दाखिल हो सकती थी.. अगर ये पहले पता होता.. तो उन्हें बेकार में ये सारे जुगाड़ न करने पड़ते..

शीला अब असमंजस में थी.. इतने सारे असली लंड छोड़कर.. वो अपनी कमर पर नकली लॅंड बांधकर.. इस औरत को चोदना तो नहीं चाहती थी.. पर पाँच लाख रुपये.. बहोत बड़ी रकम होती है.. शीला को समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करें.. तभी हेमंत उसके पास आया

हेमंत: "मैडम.. ये बड़ी ही बेरहम औरत है.. और बहोत विकृत भी है.. उसके साथ एक रात बिताने वाली लड़की दोबारा उससे नहीं मिलती.. आप उसकी ओफर को ठुकरा दीजिए.. "

अचंभित होकर शीला हेमंत की बात सुनती रही.. अब उसे वाकई उस स्त्री में दिलचस्पी जाग उठी.. पर फिलहाल वो ऐसा जोखिम उठाना नहीं चाहती थी..

शीला ने हेमंत से कहा "मैंने तुझे वो आदमी दिखाया ना.. !! मैं उसी के साथ सोऊँगी.. मुझे और कोई नहीं चाहिए.. !! जाओ उसे तैयार करके मेरे पास ले आओ.. !!"

जाने से पहले हेमंत एक बार फिर शीला के बदन से अजगर की तरह लिपट गया.. और बोला "आप के लिए तो मै कुछ भी करने को राजी हूँ.. !!"

शीला ने हेमंत के लंड को हथेली से सहलाया.. और उसके लाल सुपाड़े को झुककर चूम लिया.. हेमंत ने उत्तेजित होकर.. शीला के भोसड़े में तीन उँगलियाँ डालकर अंदर बाहर करते हुए.. उसकी निप्पल को चूस लिया..



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रोमा: "मुझे लगता है की सुनंदा जी खुद तय करेगी की उन्हें किसके साथ सोना है.. प्लीज सुनंदा.. यहाँ आओ.. और मुझे बताओ.. की आज रात के लिए तुम कीसे अपना यार बनाना चाहती हो.. !!"

अपने विराट कूल्हों को मटकाते हुए शीला चलकर स्टेज पर आई.. सब से पहले तो उसने रोमा के साथ थोड़ा रोमांस किया.. उसके होंठों को चूमकर.. उसकी चूचियों को दबाया.. और उसका हाथ लेकर अपनी चूत पर दबा दिया.. देखकर ही सारे मर्दों की आह्ह निकल गई..

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शीला ने रोमा को चैर पर बिठाया.. और उसके हाथ में माइक थमा दिया.. फिर खुद नीचे बैठकर.. रोमा की टांगें फैलाकर उसकी चूत चाटने लगी.. !! माइक पर रोमा की मादाक सिसकियाँ सुनाई देने लगी.. जैसे जैसे शीला की जीभ चूत के अंदरूनी हिस्सों को कुरेदने लगी.. वैसे वैसे ही रोमा के सर पर पागलपन सवार हो गया.. और वो कुछ भी बड़बड़ाने लगी..

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शीला की चूत चटाई.. और रोमा की सिसकियों ने सब का भरपूर मनोरंजन किया.. थोड़ी ही देर में रोमा एक पतली चीख के साथ झड़ गई.. और कुर्सी पर झुककर हांफने लगी.. शीला अब उठकर रोमा के गालों को और कानों को चाट रही थी.. बड़ी ही मुश्किल से रोमा ने अपने आप को संभाला.. और कुर्सी पर ठीक से बैठी.. शीला ने दूर से उंगली का इशारा करते हुए मदन को दिखाया और रोमा से बोली "मुझे उसके साथ सोना है"

रोमा ने चोंककर कहा "सुनंदा मिस्टर मेक के साथ सोना चाहती है.. यार.. आज रात के लिए मैंने भी उसे ही चुना था.. !!"

तो नाम पता चल गया.. मदन का नाम मिस्टर मेक था.. रोमा ने तुरंत उसके नाम की घोषणा माइक पर कर दी

अपना नाम सुनकर मदन चोंक गया.. खुश होकर उसने दूर से ही रोमा को अंगूठा दिखाया.. उसके शरीर के हाव भाव देखकर शीला को पूरी तसल्ली हो गई की वह मदन ही था.. शीला रोमांचित हो उठी.. शीला को यह अफसोस नहीं था की इतना दूर.. इतना जोखिम उठाने के बाद भी वो नया लंड नहीं ले पाई.. बल्कि इस बात की खुशी थी की उससे झूठ बोलकर.. इतने दूर आने के बाद भी मदन को पराई चूत नसीब नहीं होने दी.. इसे कहते है किस्मत का खेल.. !!

शीला और मदन.. दोनों धीरे धीरे करीब आने लगे.. शीला अब स्टेज से उतरकर राजेश उर्फ रॉकी के पास जाकर खड़ी हो गई और उसके लंड से खेलने लगी.. रोमांचित होकर मदन चलते चलते शीला और राजेश के पास आया.. और धीरे से बोला "मुझे सिलेक्ट करने के लिए आपका शुक्रिया.. अगर आप चाहों तो मैं आपका लाइफ पार्टनर भी बनने के लिए तैयार हूँ.. इतनी खूबसूरत हो आप.. !! आप जैसी बीवी मिल जाएँ.. तो ऐसी क्लब जॉइन करने की कोई जरूरत ही नहीं रहेगी.. !!"

सुनकर शीला मन ही मन गुस्से से लाल हो गई.. भोसड़ीवाले.. भड़वे.. मादरचोद.. अभी मेरा मास्क उतारूँगी.. तो एक ही पल में तेरी सारी आशिकी उतर जाएगी.. बड़ा आया रोमांस करने वाला..!! अबे घोंचू, ऐसी पटाखा बीवी घर पर होने की बावजूद यहाँ ऐयाशी करने आया है और अब मुझ ही से यह कह रहा है.. !!

शीला के भारी भरकम खुले बबलों को दोनों हाथों में पकड़कर वज़न चेक करते हुए.. बड़े ही अहोभाव और अचरज से देखते हुए मदन के होश उड़ रहे थे.. मदन को शीला की याद आ गई.. सैम टू सैम शीला जैसे ही बबले है इसके भी.. !!

पति परमेश्वर नहीं.. पत्नी ही परमेश्वर होती है.. अत्र तत्र सर्वत्र व्याप्त होती है ये भार्या.. रांड के भोसड़े में लंड डालकर उछलते वक्त भी बीवी याद आ जाती है... और आठ पेग पीने के बाद नशे में धूत होने के बाद भी..!! जैसे, सूखा हो या बाढ़.. पानी की याद आती है.. बिलकूल वैसे ही.. !!

शीला कुछ नहीं बोली.. अगर वो बोलती तो उसकी आवाज से मदन पहचान लेता.. और सारा खेल अभी समाप्त हो जाता.. मदन को जवाब न देना पड़े इसलिए उसने आँखें बंद कर ली.. और ऐसे सिहरने का नाटक करने लगी जैसे मदन के स्पर्श ने उसे पागल कर दिया हो.. !! जैसे उसका रोम रोम मदन को देखकर खिल उठा हो.. मदन ने शीला की गर्दन पर अपनी जीभ फेर दी.. शीला के जिस्म में एक ठंडी सुरसुरी दौड़ गई.. ये वही स्पर्श था जो पिछले ३२ सालों से उसके बदन को उत्तेजित और ठंडा करता आया था.. अगर वो चाहती तो बड़ी ही आसानी से किसी अन्य पुरुष के साथ जोड़ी बना सकती थी.. और नए लंड के मजे पूरी रात लूट सकती थी.. पर ऐसा करती तो मदन को भी कोई नई रांड मिल जाती.. और ऐसा वो होने देना नहीं चाहती थी.. !!

रेणुका भी अब शीला, राजेश और मदन के पास आकर खड़ी हो गई.. मदन और राजेश को अब भी कोई अंदाजा नहीं था की वह दोनों अपनी पत्नियों के सामने ही खड़े थे.. अपने पति का लंड शीला के हाथ में देखकर रेणुका बेहद गरम हो गई.. बिना समय गँवाएं.. उसने मदन का लोडा पकड़ लिया.. दोनों ने आपस में ही पति बदल लिए थे फिलहाल..!!

अब दोनों घुटनों के बल बैठ गई.. और एक दूसरे के पतियों के लिंग चूसने लगी.. राजेश और मदन दोनों एक दूसरे के सामने देखकर.. मुसकुराते हुए इस अनोखे मुख-मैथुन का आनंद ले रहे थे..

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राजेश: "मज़ा आ रहा है ना तुझे, मेक??"

मदन : "अरे पूछ मत यार.. कुछ भी कहों.. अपनी बीवियों के साथ ऐसा मज़ा कभी नहीं आ सकता.. देख तो सही.. क्या बढ़िया चूस रही है.. !! आह्ह.. आह्ह.. चूसो और अंदर तक लेकर.. !!"

मदन: "साली ये सुनंदा ने सिलेक्ट मुझे किया.. और लोडा तेरा चूस रही है.. "

राजेश: "कसम से यार.. एक रात के लिए अगर इसे चकले पर खड़ा कर दिया जाए.. तो पैसों के ढेर लग जाए.. इतना कमाल का चूसती है यह.. इसकी चुसाई ही इतनी जबरदस्त है की लगता है शायद चुदाई की जरूरत ही न पड़ें.. !!"

मदन: "अरे यार.. उसे मेरे पास भी भेज.. सुनंदा.. बेबी.. मेरा भी चूस दो प्लीज" सिगरेट का कश लेकर धुआँ शीला के नंगे बदन पर छोड़ते हुए मदन ने कहा

मदहोश अंगड़ाई लेते हुए बड़े ही कामुक अंदाज में.. राजेश के लँड को एक आखिरी बार चूसकर बाहर निकाल दिया शीला ने.. उसकी लार से सने हुए राजेश के लंड को अपने हाथ से मुठियाते हुए शीला मदन के लंड के करीब पहुँच गई.. रेणुका तब मदन के आँड़ों को चाट रही थी.. रेणुका और शीला ने पहले तो मदन को छेडना शुरू किया.. उसका लंड मुंह में लिया है नहीं.. और बारी बारी सिर्फ राजेश का लंड चूसते रहे.. शीला के उन्नत स्तन रेणुका के बबलों से टकराकर दब गए.. उस द्रश्य को देखकर रोमा ने तुरंत कमेन्ट किया इस बारे में..

रोमा की कमेन्ट सुनते ही.. वो लेस्बियन औरत.. जिसने शीला के लिए पाँच लाख की बोली लगाई थी.. वो अपनी कमर पर सफेद डिल्डो बांधकर आ गई.. उसके दोनों पैरों के बीच असली लंड से भी बड़ा लंड झूल रहा था.. सामान्य लंड से दोगुना बड़ा और तीन गुना मोटा था.. वो शीला के करीब लंड झुलाते हुए खड़ी हो गई.. और शीला के बबलों पर उसे रबड़ के लंड से चपेटें मारने लगी.. रेणुका ने राजेश और मदन का लंड शीला के हवाले छोड़.. उस डिल्डो के टोपे को चूम लिया.. दोनों हाथों से पकड़ने के बावजूद वह उस पूरे लंड को पकड़ न पाई.. आँखें बंद कर उस विकराल लंड को रेणुका चाटने लगी.. उसे चाटता देख ऐसा लग रहा था मानों किसी घोड़े का लंड चूस रही हो..

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वो लेस्बियन औरत अब मदन और राजेश के बीच खड़ी हो गई.. और अपने बेढंग पिचके हुए स्तन को जबरदस्ती मदन को चूसने देने लगी.. फिर मदन के लंड को पकड़कर बोली "इतना छोटा?? मेरा देख.. कितना बड़ा है.. !!" कहते हुए हंसने लगी.. मदन ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया.. और वो चली गई

शीला बड़ी ही मस्ती से राजेश के गोटों को चाट रही थी.. उसका पति मदन वहीं खड़ा था और इसी कारण उसे चूसने में और मज़ा आ रहा था.. थोड़ी देर के बाद शीला खड़ी हुई और मदन को अपनी बाहों में दबा दिया.. हर बार जब शीला मदन के करीब आती थी तब मदन को कुछ जाना पहचाना एहसास होता और वो सहम जाता.. और फिर वो पार्टी के रंग में फिर से विलीन हो जाता.. अपनी हर हरकत के बाद शीला ये चेक करती की मदन को शक हो रहा है या नहीं.. पर उसके आश्चर्य के बीच.. उसकी पत्नी ने बाहों में भर लिया फिर भी उस बेवकूफ को पता नहीं चला..!!!

शीला के स्तनों का उसकी छाती से घर्षण होने पर इतनी उत्तेजक अवस्था हो गई थी की मदन मदहोश होकर किसी अलौकिक दुनिया में खो सा गया था..

मदन: "रॉकी.. यार दिल करता ही की इस रंडी को अपने साथ घर ले चलूँ.. एकदम घरेलू माल है.. दोनों साथ मिलकर इसे जमकर चोदेंगे..!!"

राजेश: "हाँ यार.. घर पर रेणुका न होती तो जरूर मैं इसे साथ ले जाता.. !!"

मदन: "तो रेणुका को इसके हसबंड के पास भेज दे..!! क्या मज़ा आ जाएगा.. रेणुका को भी नया लंड मिल जाएगा.. यार तेरी बीवी वैसे है बड़ी ही मस्त.. सच में.. मैंने उसे वैसे नजर से पहले कभी देखा नहीं है.. लेकिन एक रात उसका विचार दिमाग में आ गया था.. तब मेरा लोडा इतना टाइट हो गया था की मुझे फिर शीला को दबाकर चोदना पड़ा था.. !!"

राजेश: "साले, अपने दोस्त की बीवी को गंदी नज़रों से देखता है??"

शीला ने रेणुका को कुहना मारकर इशारा किया.. जवाब में रेणुका ने उसे आँख मार दी

राजेश: "तेरा तो केवल टाइट हुआ था.. मेरा तो पानी ही निकाल दिया था तेरी सेक्सी बीवी ने.. !! वैसे तो रेणुका भी काफी मस्त है.. लेकिन तेरी वाइफ में जो सेक्स अपील है उसका कोई जवाब नहीं.. और उसके बॉल तो क्या गजब के बड़े बड़े है.. !!"

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मदन: "रॉकी, तूने गौर से देखा.. ?? यह सुनंदा के बबले भी कुछ कुछ शीला जैसे नहीं लग रहे?"

राजेश: "अबे चूतिये.. तूने मुझे भाभीजी के बबले दिखाए ही कब.. ?? जो मुझे पता चलें.. हा साइज़ और शेप काफी मिलते झूलते है.. मुझे तो हिप्स भी उनके जैसे ही लग रहे है"

मदन: "यार, मैं भी कब से हैरान हूँ.. कितना मिलता झूलता फिगर है सुनंदा और शीला का.. ?? इसीलिए तो मैंने उसे पसंद नहीं किया था.. सब इसके पीछे पागल है पर मैं आज किसी अलग टाइप के फिगर का स्वाद लेना चाहता था.. लेकिन इसी ने मुझे चुन लिया.. चलो.. मुझे कोई नुकसान नहीं है.. यह भी कुछ कम नहीं है... साली गजब की चुदक्कड़ पटाखा है.. !!"

राजेश: "मेक, यार एक बार अगर तू राजी हो तो मैं भाभी जी को नंगी देखना चाहता हूँ"

राजेश का लंड चूस रही शीला ने यह सुनकर अपने दांत लंड पर दबा दीये..

राजेश: "ओह्ह क्या किया तूने हरामजादी.. खा जाएगी क्या मेरे लंड को.. जरा धीरे धीरे कर यार.. !!"

फिर मदन की ओर मुड़कर राजेश ने बात आगे बढ़ाई "बदले में.. मैं भी तुझे रेणुका को नंगी दिखाऊँगा"

मदन: "सिर्फ देखने से ही पेट थोड़े ही भरता है रॉकी.. !! देखने के बाद अगर चखने का मन किया तो??"

राजेश: "तो चख लेंगे.. कौन सी बड़ी बात है.. !! हम दोनों के अलावा यह बात कोई और जानेगा नहीं.. मेरी तो कब से पार्टनर चेंज करने की तमन्ना है.. लेकिन किसके साथ करता..!! उसी चक्कर मे तो यह क्लब जॉइन किया था.. !!"

शीला और रेणुका अपने अपने पतियों की इस तैयारी की बातें सुन रही थी.. और साथ ही साथ उनके लंड भी चूस रही थी

मदन: "हाँ यार.. मेरी और शीला की भी एक अधूरी इच्छा है.. जिसकी बातें अक्सर हम चुदाई करते वक्त करते है"

राजेश: "कौन सी इच्छा?"

मदन: "ग्रुप सेक्स करने की.. एक ही कमरे में.. दो कपल साथ में सेक्स करें.. ऐसी इच्छा.. !!"

राजेश: "ओह.. ये तो कुछ भी नहीं है.. रेणुका तो कपल बदलने की बातें भी करती है कभी कभी.. "

मदन: "तो क्या हम आपस में ऐसा कर सकते है?"

रेणुका ने शीला को मदन का लंड दिखाया.. यह सब बातें करते हुए उसका लंड गन्ने जैसा सख्त हो गया था.. शीला ने भी यह महसूस किया की राजेश का लंड पहले के मुकाबले काफी कडक हो गया था..

राजेश: "तूने तो मेरे मुंह की बात छीन ली यार.. मगर हमारी बीवियों को इस बात के लिए कैसे राजी करेंगे??"

मदन: "हाँ यार.. वो तो एक बड़ा प्रॉब्लेम है.. साली गरम होती है तब तो कुछ भी करने को तैयार हो जाती है.. लेकिन ठंडा होते ही तुरंत सति-सावित्री का रूप धारण कर लेती है.. तू रेणुका को तैयार कर पाएगा?"

राजेश: "कोशिश करता हूँ.. वो भी जब एक्साइट होती है तब ऐसी बातों में दिलचस्पी दिखाती है.. लेकिन उसके बाद कुछ भी नहीं.. पर मैंने एक बात नोट की है.. जब जब में उसे चोदते वक्त उसके साथ किसी तीसरे आदमी का जिक्र करता हूँ तब उसकी उत्तेजना आश्चर्यजनक रूप से बढ़ जाती है.. आई मीन.. आह.. अब तुझे कैसे समझाऊँ यार.. !! अभी परसों हम चुदाई कर रहे थे.. तब मैंने वो पीयूष की बात की तो क्या गजब के झटके खाने लगी.. साली.. मुझे तो शक है की कहीं मुझसे चोरी छुपे उससे चुदवाती न हो.. !! कभी कभी लगता है की वो तैयार है और कभी लगता है की नहीं है"

मदन: "तो फिर क्या करेगा??"

राजेश: "तू ये बता.. तू शीला भाभी को कैसे तैयार करेगा?"

मदन: "वो तो मैं कर लूँगा.. यार मेरा दिल तो हमारी दूध वाली पर आ गया है.. साली क्या माल है यार.. !!"

राजेश: "कौन दूधवाली यार??"

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मदन: "अरे है एक गदराई ग्वालिन.. हमारे घर दूध देने आता है उस आदमी की बीवी.. अभी अभी बच्चा पैदा किया है.. लेकिन तू मानेगा नहीं.. ऐसी जालिम कयामत है की क्या बताऊँ.. तुझे पता है.. एक दिन वो घर पर आई तब तेरी भाभी घर पर नहीं थी.. उस वक्त मैंने उसे पकड़ कर चोद डाला था"

राजेश ने चोंककर पूछा "क्या बात कर रहा है यार.. !!! अपने ही घर पर तूने उसे जबरदस्ती चोद दिया??"

मदन: "अभी तूने उसे देखा ही कहाँ है..!! एक बार तू उसे देख ले.. तो खड़े खड़े पानी निकल जाएगा तेरा.. आहाहाहा बड़े बड़े दूध से भरे उसके मम्मे.. ओह.. और जालिम जवानी.. !! मुझे तो लगा था की मेरे घर वो आई ही थी चुदवाने के लिए शायद.. ऐसी पतली सी चोली पहन रखी थी.. और अंदर ब्रा तो पहनती ही नहीं है.. घर पर आई तब अपना जोबन छुपाने की कोई कोशिश नहीं कर रही थी.. उल्टा सब कुछ उछाल उछालकर मुझे दिखा रही थी.. साली ने मेरा लोडा टाइट कर दिया.. पटक कर वहीं चोद दिया मैंने.. उसने थोड़े बहोत नखरे तो किए.. लेकिन एक बार गरम हो गई उसके बाद.. हुमच हुमचकर चुदवाया साली ने.. एक बार मैंने जबरदस्ती की और दूसरी बार उसने.. !!"

राजेश: "उसने कैसे की?"

मदन: "अरे यार.. तू तो जानता है ना.. एक बार हम लोगों का निकल जाए उसके बाद.. कितनी सुस्ती आ जाती है!! और शीला मार्केट गई थी.. उसके आने का वक्त भी हो गया था तो मैंने कहा की अब वो चली जाएँ.. तो साली मुझ से बोली "बाबूजी..एक बार और कीजिए ना.. एक बार से मन नहीं भरता मेरा.. " मैंने लाख इनकार किया की मादरचोद अभी तेरी माँ यहाँ आ जाएगी तो गांड फाड़ देगी हम दोनों की.. लेकिन वो माने तब ना.. !!"

राजेश: "वेरी इंटरेस्टिंग.. फिर क्या हुआ?"

मदन: "होना क्या था.. वही हुआ जिसका डर था.. तेरी भाभी आ गई और हम दोनों को रंगेहाथों पकड़ लिया.. !!"

राजेश: "अरे बाप रे.. तब तो तेरी गांड फट गई होगी"

मदन: "अरे यार.. बड़ी मुश्किल से समझा पाया उसे.. तुझे पता है ना.. औरतों को समझाना कितना मुश्किल होता है!!

राजेश: "एक बार तेरी इस दूधवाली को देखना पड़ेगा यार.. लेकिन यार.. तू बात को कहाँ से कहाँ ले गया.. !! तू कह रहा था की क इस तरह तू शीला भाभी को राजी करेगा.. !!"

मदन: "यार ट्राय करूंगा.. लेकिन मुझे तो लगता है की शायद तू रेणुका को राजी नहीं कर पाएगा..!!"

राजेश: "यार, मैं भी सिर्फ कोशिश कर सकता हूँ"

मदन: "यार रॉकी.. ये बीवी बदलने की बात सुनकर.. मेरा तो लोडा फटा जा रहा है"

उसी दौरान.. कॉकटेल चलते चलते किसी और औरत को लेकर रेणुका के पास आया और उसकी पहचान कराने लगा.. "ये है मेरी बीवी.. !!" कॉकटेल की अमीरियत देखकर रेणुका पानी पानी हो गई.. कॉकटेल की बीवी ने हंसकर रेणुका को फ्लाइंग किस दी और कहा "हाई.. तुम्हारा साथी जबरदस्त है.. एक काम करो.. तुम मेरा पति ले जाओ और मुझे तुम्हारा पार्टनर दे दो.. !!"

रेणुका सुनकर मुस्कुराने लगी.. और फिर नीचे बैठ गई.. लंड चूसने.. !! कॉकटेल के दोनों हाथों को पकड़कर घुटनों के बल बैठकर उसका लंड चूसते हुए रेणुका ने उसकी घड़ी में समय देखा.. ग्यारह बज रहे थे.. शीला ने तो कॉकटेल की या उसकी बीवी की तरफ देखा तक नहीं.. पर रेणुका ने कॉकटेल की बीवी के कान में कहा "मेरा नाम कामिनी है..!!" जवाब में उसने कहा "नाइस नेम.. आई एम बार्बी.. " देखते ही देखते बार्बी भी रेणुका और शीला के संग जुड़ गई..

राजेश और मदन की रसप्रद चर्चा पर.. कॉकटेल और बार्बी के आने से कोई ब्रेक नहीं लगी.. उन्हों ने अपनी बात जारी रखी

राजेश: "मेक.. एक काम करते है.. आज रात हम एक कमरे में ही सोते है.. चुदाई भी साथ में करेंगे"


मदन खुश हो गया "क्या सच में? मज़ा आएगा.. इसी बहाने रीहर्सल भी हो जाएगा.. शीला और रेणुका के साथ साथ बार्बी भी अब मदन और राजेश के लंड के साथ खेलने लगी..
Fantastic update
 

kamdev99008

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आप ने बिल्कुल सही कहा पर इस में अनैतिक क्या है?
Shayad aapke liye nahi hoga. Maine apne vichar rakhe the yahan.
इसमें अनैतिक केवल एक चीज है :- "मानव/इन्सान/Human के अन्य जानवरों से अलग होने की पहचान नैतिकता (सामाजिक, सामुदायिक, धार्मिक व कानूनी व्यवस्था) का ग़लत इस्तेमाल करना।"

किसी की बेटी, बेटा, मां, पिता, भाई, बहन या अन्य ब्लड रिलेशन प्राकृतिक हैं उन्हें कोई खुद सोच समझकर नहीं चुनता और ना ही खत्म कर सकता। इसलिए उन रिश्तों से जुड़े नियमों को मानने या ना मानने में कोई अनैतिकता नहीं है।

लेकिन पति-पत्नी का संबंध प्राकृतिक नहीं, केवल नैतिकता (सामाजिक, सामुदायिक, धार्मिक या कानूनी व्यवस्था) से ही अपनी मर्जी से बनाया या खत्म किया जा सकता है। इसलिए इस रिश्ते से जुड़े नियमों को मानना नैतिक और ना मानना अनैतिक है। यदि नहीं मानना है तो रिश्ते को समाप्त करने की बजाय नैतिकता का मज़ाक़ उड़ाना अनैतिक ही है।

विकल्प (option for opt-out) होते हुए भी नैतिकता का दुरूपयोग ही अनैतिकता होता है
 
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