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owwww great update.मदहोश अंगड़ाई लेकर रेणुका कुर्सी से खड़ी हुई.. और अपने कूल्हे मटकाते हुए बाहर निकलकर दरवाजे की तरफ आई
दरवाजा खोलते ही देखा तो सामने रसिक खड़ा था..
रसिक: "शीला भाभी ने फोन कर मुझे बुलाया है.. कहाँ है भाभी?"
रसिक के कसे हुए मजबूत शरीर को पल भर के लिए रेणुका देखती ही रह गई.. !! काफी कोशिशों के बावजूद वह अपनी नजर को रसिक के लंड पर जाते हुए रोक नहीं पाई.. !!
रेणुका: "शीला तो घर पर नहीं है.. बाहर गई है"
तभी रसिक के पीछे से रूखी ने कहा "पर मदन भैया तो होंगे ना घर पर?"
मदन के सिखाए अनुसार रेणुका ने कहा "वो भी बाहर गए है.. शीला के साथ"
बेडरूम में बैठे बैठे अपने लंड को मसल रहे मदन ने जैसे ही रूखी की आवाज सुनी, वो दौड़कर बाहर ड्रॉइंग रूम में आ गया..
मदन: "अरे रसिक तुम?? आओ आओ.. और तुम बाहर क्यों खड़ी हो रूखी? अंदर आ जाओ.. "
रूखी अपने आँदामान निकोबार के केंद्रशासित प्रदेश जैसे बड़े बड़े स्तनों को पतली सी चुन्नी से ढँक कर घर के अंदर घुसी.. रसिक अभी भी बरामदे में खड़ा था..
"अब अंदर आ भी जाओ.. तुम्हें अलग से न्योता दे क्या??" कतराते हुए रूखी ने रसिक से कहा
रसिक भी अंदर आ गया.. मदन की नजर अब रेणुका से हटकर रूखी पर चिपक गई थी.. तभी रेणुका की जांघों के बीच.. रसिक का राक्षस जैसा तगड़ा शरीर देखकर.. चुनचुनी होने लगी.. मन ही मन वो रसिक के गधे जैसे लंड की कल्पना करने लगी थी.. वो अब कैसे भी करके रसिक का रस लेना चाहती थी.. शीला ने रसिक की तारीफ के इतने पूल बाँधें थे.. रेणुका किसी भी तरह आज मिला चांस छोड़ना नहीं चाहती थी
मदन को कंधे से खींचकर किचन में ले जाकर रेणुका ने कहा "मदन.. इस रसिक के साथ... न जाने कितनी रातें रंगीन की है शीला ने.. आज मुझे मौका मिला है.. हाथ जोड़कर विनती करती हूँ.. एक बार मुझे रसिक के साथ कर लेने दो.. फिर तुम जैसे चाहो वैसे मुझे रगड़ लेना.. !!"
रेणुका के दोनों स्तनों को अपने हाथों से मसलकर.. उसके होंठों की एक पप्पी लेकर मदन ने कहा "रेणु मेरी जान.. मैं भी रूखी के बदन का शहद चखने के लिए बेकरार हूँ.. एक काम करते है.. तू रूखी को मेरे लिए पटा.. मैं रसिक को तेरे लिए तैयार करता हूँ"
दोनों बाहर निकले.. रेणुका ने बाहर आते ही रसिक का हाथ पकड़ लिया और उसे खींचकर शीला-मदन के बेडरूम में ले गई.. रूखी तो स्तब्ध होकर उसे देखती ही रही..
रेणुका ने बेडरूम का दरवाजा बंद किया और रसिक से लिपट पड़ी.. और पाजामे के ऊपर से रसिक का लंड पकड़ लिया.. मोटी लौकी जैसा लंड हाथ में आते ही रेणुका पानी पानी हो गई
रेणुका: "रसिक, तुझे शीला ने मेरे लिए ही यहाँ बुलाया है.. आज मुझे रगड़ दे.. तेरे मूसल जैसे लंड से चोदकर मेरे परखच्चे उड़ा दे.. ओह रसिक.. आज मुझे ऐसे खुश कर दे की एक महीने तक मैं चुदवाने के काबिल न रहूँ"
रसिक पहले तो झिझकता रहा.. पर जब खाना खुद चलकर सामने आया हो तो खाने वाले को क्या हर्ज होगा भला.. !! उसने रेणुका की पीठ पर अपना हाथ सहलाना शुरू कर दिया
"लेकिन रूखी.... !! उसे क्या कहूँगा मैं?"
तब तक तो रेणुका ने रसिक के पाजामे का नाड़ा खोलकर उसका पलंग-तोड़ लंड बाहर निकाल लिया था.. आहाहा.. देखकर रेणुका को धरती पर ही स्वर्ग नजर आ गया.. जैसा शीला ने वर्णन किया था बिल्कुल वैसा ही था.. बड़े टमाटर जैसा सुपाड़ा.. कलाई से भी मोटा.. और इतना लंबा.. उपर लगी काली काली नसें.. और टेनिस की गेंद जैसे दो अंडकोश.. !! मन ही मन वो शीला का आभार प्रकट करने लगी
"रूखी अभी मदन भैया को दूध पीला रही होगी.. तू उसकी चिंता छोड़.. और ले.. मेरे बॉल दबा.. " कहते हुए रेणुका ने फटाफ़ट अपने ब्लाउज के सारे हुक खोलकर.. एक पल में ब्रा उतार दी.. दोनों मांसल स्तनों को हतप्रभ होकर देख रहे रसिक का चेहरा पकड़कर.. उसके स्तनों पर दबा दिया रेणुका ने.. छोटे बच्चे की तरह.. पच-पच आवाज़ें करते हुए रसिक उसकी निप्पल चूसने लगा.. !!
शीला के घर में रेणुका और मदन..अलग अलग कमरों में.. भरी दोपहर में.. ३१ दिसंबर का आनंद ले रहे थे.. और वो भी अपने पसंदीदा पात्रों के साथ.. संयोग से ऐसा जबरदस्त सेटिंग हुआ था.. या फिर यूं कहिए की शीला ने सेटिंग किया था..
अभी एक घंटे पहले.. घर पर अकेले बैठे बैठे बोर हो रहे मदन ने.. रूखी को पूरी नंगी कर दिया था और बेड पर सुला दिया था.. पाँच-पाँच लीटर दूध भरे स्तनों की मालकिन रूखी.. लेटे लेटे मुस्कुरा रही थी.. उसके दोनों भारी स्तन दोनों तरफ ढल गए थे..
मदन बस टूट पड़ा रूखी के दूध भरे मटके जैसे स्तनों पर.. !! उसे याद आ गया अमरीका में गुजारा वो वक्त.. जब वो मेरी के स्तनों को ऐसे ही चूसकर दूध पीता था.. !! तब से लेकर आज तक.. वैसा मौका नसीब ही नहीं हुआ था..
रूखी के मदमस्त स्तनों को दोनों हाथों में.. जितना हो सकें भरकर मसलने की कोशिश कर रहा था... रूखी के तड़बुच जैसे स्तनों के सामने मदन ऐसे देख रहा था जैसे छोटा सा बच्चा हाथी को देखकर आश्चर्य चकित खड़ा हो.. !!
"रूखी, इतने बड़े बड़े बबलों का वज़न नहीं लगता तुझे?" निप्पल को चूसते हुए मदन ने रूखी से पूछा
सुनकर रूखी हंस पड़ी.. मदन के लंड को पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ते हुए बोली "अपने ही शरीर का थोड़े ही वज़न लगता है कभी..?? कभी गधे को अपने लंड का वज़न लगता है क्या.. !!! आह्ह... जरा धीरे धीरे मसलिए साहब.. और थोड़ा नीचे भी रगड़िए मुझे.. बहुत दिन हो गए.. वो जीवा भी आजकल नजर नहीं आता"
मदन: "कौन जीवा?"
रूखी: "हैं एक दोस्त मेरा.. "
मदन: "तो क्या तुम उससे चुदवाती हो??"
मदन ने थोड़ा सा नीचे जाकर रूखी की चूत को चाटते ही.. रूखी ने अपने चूतड़ उठा लिए और बोली "अब आप जानकर क्या करेंगे साहब..आप जो कर रहे है वो करते रहिए.. !!"
मदन समझ गया.. रूखी जरूर कुछ छुपा रही थी.. इसलिए रूखी का मुंह खुलवाने के लिए उसने शीला के हथियार का इस्तेमाल किया
"मुझे सब पता है.. रघु और जीवा ने मेरे घर पर क्या क्या गुल खिलाए है.. सब जानता हूँ मैं.. तुझे न बताना हो तो मत बता"
रूखी: "ओह.. मतलब आप सबकुछ जानते हो साहब.. !! मैंने और शीला भाभी ने इस घर में बड़े मजे किए है.. शीला भाभी तो जीवा के लंड को छोड़ ही नहीं रही थी.. !! कमीने का लंड है ही ऐसा.. एक बार जो उसका स्वाद चख ले.. ज़िंदगी भर नहीं भूल सकता.. कितनी बार ठुकवाया भाभी ने.. फिर भी उनका तो मन ही नहीं भर रहा था.. !!"
"वैसे शीला ने मेरी गैर-मौजूदगी मैं कितनों के लंड लिए है??" हँसते हँसते मदन ने पूछा.. और फिर से रूखी की चूत के होंठों को उंगलियों से फैलाकर चाटने लगा
रूखी: "मेमसाब को कम मत समझना.. हाथ हिलाकर अपना घाघरा झटकाएगी तो अंदर से पचास लोडे निकलेंगे.. साहब.. अब आप वो सब बातें छोड़िए.. और मेरी भोस चाटिए.. जीवा की तरह.. चौड़ी कर के चाटिए.. आह्ह.. !!"
मदन को पता चल गया.. जब वो विदेश था तब उसने केवल मेरी के साथ ही संबंध बनाए थे.. पर यहाँ शीला ने तो लंडों के अंबार लगा दीये थे.. !! जीवा, रघु और रसिक के बारे में तो वो जान चुका था.. और भी न जाने कितने नाम होंगे.. !! अभी भी वो किसी पुराने आशिक से मिलने ही गई है.. बाप रे.. गुलछर्रे उड़ाने में शीला मर्दों से भी आगे निकल चुकी है.. !! पर उसका वो पुराना आशिक कौन होगा??
रूखी की चूत चाटते हुए.. मदन का दिमाग यह हिसाब लगा रहा था की आखिर शीला के भोसड़े को कितने लंडों ने पावन किया होगा.. !! उसने चाटते चाटते अपने हाथों से रूखी की निप्पलों को दबा दिया.. और दबाते ही दोनों निप्पलों से दूध की सफेद धार निकलकर रूखी के गदराए जिस्म को भिगोने लगी.. हथेली में थोड़ा सा दूध लेकर उसने रूखी की चूत पर लगाया.. और फिर चाटने लगा
"आह्ह आह्ह.. बस बस साहब.. बहुत हुआ.. अब मेरे ऊपर आ जाइए.. आज तो चटवाकर मज़ा आ गया.. कितने दिनों से रसिक को चाटने के लिए कह कहकर थक गई.. पर वो साला चाटता ही नहीं है.. " रूखी ने मदन को खींचकर अपने ऊपर ले लिया.. और मदन का लंड पकड़कर अपने गरम सुराख पर सेट करने के बाद.. नीचे से अपनी गांड उठाकर.. लंड की सौगात को अपनी गुफा के अंदर प्रवेश करा दिया.. !!
लंड पतला हो या मोटा.. चूत को उस जीवंत अवयव का स्पर्श होते ही मज़ा आने लगता है.. चूत के अंदर की गर्माहट का एहसास होते ही मदन का लंड भी ताव में आ गया.. और वो रूखी के जिस्म को रौंदने लगा.. रूखी को अपनी चूत मैं मदन के लंड के घर्षण से बेहद मज़ा आ रहा था..
और तभी अचानक.. !!!
उनके बेडरूम का दरवाजा खुला.. और बिस्तर के पास.. रेणुका और रसिक.. मादरजात नग्न अवस्था में आकर खड़े हो गए.. !! अपने चेहरे के बिल्कुल सामने मदन को रेणुका का पूर्ण नग्न जिस्म और रसिक का गधे जैसा लंड नजर आ रहा था.. !! फटी आँखों से मदन रेणुका के जबरदस्त सेक्सी बदन के नग्न अंगों को ताड़ता रहा.. रूखी की जांघें फैलाकर धनाधन शॉट मारते हुए वो रेणुका को झुककर रसिक का लंड चूसते हुए देखता ही रहा.. !!
और रसिक का लंड.. !!! बाप रे.. !! मदन ने इतना तगड़ा और लंबा लंड आज तक नीली फिल्मों में भी नहीं देखा था.. !!! रेणुका का पूरा मुंह भर जाता फिर भी आधे से ज्यादा लंड बाहर ही था.. रेणुका के मुख से लंड को अंदर बाहर होता देख.. मदन और उत्तेजित होकर रूखी को चोदने लगा.. रसिक के लंड को मोटाई और लंबाई को देखकर नापते हुए मदन सोच रहा था की शीला ने इस रसिक के साथ पूरे पूरे मजे कीये होंगे.. !! भेनचोद लंड है या पत्थर तोड़ने का हथोड़ा.. !! रेणुका बार बार रसिक के टमाटर जीतने बड़े सुपाड़े को बाहर निकालकर चाट रही थी और फिर मुंह में अंदर डाल रही थी..
मदन का मन कर रहा था की वो रेणुका के करीब जाकर उसे चूम ले.. पर फिलहाल.. उसका कनेक्शन.. नीचे रूखी की चूत के साथ हो चुका था और वो अब इस स्थिति में आगे बढ़कर रेणुका को चूम सके ऐसी संभावना नही थी.. वैसे भी.. रेणुका तो रसिक के लंड में खो चुकी थी.. !!
रसिक ने रेणुका से कहा "भाभी.. अगर एक और बार नीचे चूत में लेने का मन हो तो अभी ले लीजिए.. मेरा अब निकलने को है.. !!"
रेणुका: "नहीं रसिक, मुझे थोड़ी देर चूस लेने दे.. दूसरी बार नीचे लेने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही.. पहली बार डलवाया उसकी जलन अब तक हो रही है.. एक बार में ही फाड़ दी तूने तो.. दर्द हो रहा है मुझे"
रेणुका का अनुभव सुनकर मदन समझ गया की रसिक शीला का भी ऐसा ही हाल करता होगा.. !!
मदन: "रसिक, तेरा लंड तो वाकई जबरदस्त है.. देखकर ही मैं समझ गया की मेरी शीला की चूत का भोसड़ा कैसे बन गया.. !!"
रूखी: "अरे ये क्या भोसड़ा बनाएगा.. !! शीला भाभी के छेद की गुफा तो रघु और जीवा ने ही बनाई है.. जीवा का लंड तो इससे भी मोटा और लंबा है.. !!
रेणुका ने चूसते हुए कहा "क्या सच में?? इससे भी मोटा और बड़ा?? देखना पड़ेगा एक बार.. !!" रेणुका ने फिर से रसिक के सुपाड़े को मुंह में लेने की कोशिश की और तभी रसिक के लंड ने जोरदार पिचकारी मार कर रेणुका के शरीर, चेहरे और बालों पर सफेद रंगोली बना दी..
इस तरफ मदन ने भी रूखी की तपतपाती चूत से लंड बाहर निकालकर उसके विशाल स्तनों पर वीर्य छोड़ दिया.. !! रूखी के दूध से भरे बबले वीर्य से सन गए.. और उसी के साथ चारों शांत हो गए..
रसिक ने घड़ी के सामने देखकर कहा "अरे बाप रे.. !!! साढ़े तीन बज गए.. !! मुझे चार बजे खेत पर पहुंचना था.. !!" उसने फटाफट कपड़े पहने और रूखी को लेकर निकल गया..
अब बेडरूम में.. मदन और रेणुका ही बचे थे.. दोनों नंगे.. !! रेणुका मदन के बगल में बिस्तर पर लेट गई.. और उसके लंड से खेलते हुए बोली "अब इसे फिर से तैयार होने में कितना वक्त लगेगा?"
मदन: "वो तो थोड़ी देर में तैयार हो जाएगा.. पर मुझे तुमसे एक बात जाननी थी.. "
रेणुका: "यही ना.. की शीला अपने किस पुराने आशिक के साथ है.. !! वो तो मुझे भी नहीं पता.. जानना हो तो वहाँ जाकर ही देखना पड़ेगा"
मदन: "तो चलते है ना.. !! वहाँ जाकर सब साथ में इन्जॉय करेंगे"
रेणुका: "मुझे कोई प्रॉब्लेम नहीं है अगर तुम राजी हो तो"
दोनों फटाफट तैयार होकर साढ़े चार बजे निकाल गए.. दो घंटे के सुपर-फास्ट ड्राइविंग के बाद दोनों शीला की बताई हुई जगह पर पहुँच गए
अगला अपडेट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
Super sexy foursome going on between Madan Renuka, Tammana and Amit.दोनों फटाफट तैयार होकर साढ़े चार बजे निकाल गए.. दो घंटे के सुपर-फास्ट ड्राइविंग के बाद दोनों शीला की बताई हुई जगह पर पहुँच गए
एक बड़ा सा रिसॉर्ट था.. शीला ने रेणुका को कॉटेज का नंबर बताया था.. इसलिए मदन ने उस कॉटेज के बिल्कुल सामने वाला कॉटेज बुक कर लिया.. रिसॉर्ट के रजिस्टर में दोनों ने अपनी पहचान पति-पत्नी के तौर पर ही दी थी..
रात ढल रही थी और चारों तरफ अंधकार छाने लगा था.. रिसॉर्ट में चारों ओर लाइट चालू कर दी गई थी.. रिसॉर्ट का पूरा एरिया जंगल के बीच एकांत में था.. रिसॉर्ट में ज्यादा लोग नहीं थे.. ज्यादातर कॉटेज खाली ही थे.. पूरे रिसॉर्ट में गाँव का माहोल बनाया गया था.. कॉटेज भी दिखने में झोंपड़ी जैसी बनाई गई थी.. अंदर एक टेबल और खटिया लगाई हुई थी ताकि गाँव जैसी फीलिंग आए..
रेणुका ने कपड़े बदलकर पतली पारदर्शक नाइटी पहनकर वातावरण में रंगीन उत्तेजना के बीज बोना शुरू कर दिया.. तो मदन ने भी सिर्फ बरमूडा पहन रखा था.. और ऊपर कुछ नहीं पहना था.. !!
थोड़ी देर में एक लड़का आया और मदन को क्लासिक माइल्डस सिगरेट का पैकेट और लाइटर देकर गया.. साथ में बियर की चार बोतल और थोड़ा नाश्ता भी रख गया..
रेणुका ने बियर की एक बोतल खोली और घूंट लगाकर मदन से कहा "हैप्पी न्यू यर.. मदन.. !!"
जवाब में मदन ने रेणुका के हाथों से ही बियर का एक घूंट लेकर कहा "हैप्पी न्यू यर टू यू टू, रेणु डार्लिंग"
रेणुका: "मदन, अब एक दिन के लिए हम दोनों पति-पत्नी है.. ठीक है.. !!! तो आज तुम्हें अपना पति-धर्म निभाते हुए मुझे खुश करना होगा.. मुझे इतना चोद.. इतना चोद की ज़िंदगी भर याद रहे मुझे..!!" कहते हुए रेणुका मदन की गोद में बैठ गई और मदन के हाथ से बियर की बोतल लेकर उसमें से घूंट भरा.. बियर निगलने के बजाए.. उसने मदन के होंठों पर होंठ रख दीये.. और अपने मुंह से सारी बियर मदन के मुंह में उँड़ेलकर उसके होंठ चूस लिए..
"आह्ह... तेरा तो तैयार होने लगा.. नीचे चुभ रहा है मुझे.. "
मदन: "रेणुका, चल बाहर जाकर बैठते है.. यहाँ हमें कोई पहचानता तो है नहीं.. जो काम करने आए है वो भी कर ले.. शीला पर नजर रख पाएंगे और साथ साथ मजे भी करेंगे"
रेणुका: "चलो चलते है.. !!"
हर कॉटेज के बाहर.. एक पुरुष और महिला परिचारिका खड़े रहते थे, ग्राहकों की सहूलियत के लिए.. थोड़ी बहोत टिप देकर... जैसी चाहिए वैसे सर्विस भी देते थे
बरमूडा में उठे हुए लंड का उभार देखकर मुसकुराते हुए उस लड़की ने कहा "मे आई हेल्प यु सर?"
मदन: "हाँ, जरा दो कुर्सियाँ बाहर रखवा दीजिए.. हम बाहर बैठकर इन्जॉय करना चाहते है"
लड़की: "स्योर सर.. " उसके इशारा करते ही वो लड़का दो कुर्सियाँ ले आया.. और कॉटेज के अंदर का टेबल भी बाहर रख दिया..
सिगरेट का धुआँ उड़ाते हुए दोनों सामने शीला वाली कॉटेज पर नजर रखने लगे.. पर वहाँ कोई खास हलचल होती नजर नहीं आ रही थी
रात के नौ बज गए थे.. बियर का नशा अपना सुरूर दिखाने लगा था.. रेणुका ने अब तक बियर की तीन बोतल खाली कर दी थी.. और कुर्सी पर बैठे हुए मदन का लंड बरमूडा से बाहर निकालकर.. नीचे जमीन पर बैठकर उसे सहला रही थी..
सहलाकर उसने धीरे से मदन के फूले हुए सुपाड़े को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.. पास खड़े उस लड़के और लड़की की मौजूदगी में ही.. !! वो लड़की और लड़का.. दोनों के इस खेल को देख रहे थे.. और छुप छुपकर हंस भी रहे थे
रेणुका की चुसाई का आनंद लेते हुए मदन की नजर अब भी शीला की कॉटेज पर चिपकी हुई थी
उस परिचारिका लड़की ने लड़के के कानों में कुछ कहा.. और वह लड़का वहाँ से चला गया.. उसके जाते ही वो लड़की धीरे से रेणुका के पास आई और बोली "मैडम, मुझे भी एक बार चूसने दीजिए ना, प्लीज!!"
रेणुका ने हंसकर उस लड़की के हाथ में मदन का लंड थमा दिया.. और वो लड़की मदन के लंड से थोड़ी देर खेलने के बाद.. झुककर चूसने लगी..
लड़की: "मैडम, आप प्लीज जरा नजर रखिएगा.. कहीं वो लड़का आ न जाए.. उसने देख लिया और शिकायत कर दी तो मेरी नौकरी जाएगी"
रेणुका ने उस पतली सी लड़की के छोटे छोटे नींबुओं को पकड़कर दबाते हुए कहा "अरे, तू ऐसे डर डरकर करती है ना इसीलिए तेरे इतने छोटे है.. मेरे देख.. कितने बड़े बड़े है.. क्यों... क्योंकि मैं बिंदास करती हूँ.. वो अगर आ भी गया तो उसे मैं अपनी चूत चाटने बीठा दूँगी.. फिर घंटा करेगा तेरी शिकायत.. !! तू आराम से चूस.. पहले कभी चूसा है लंड??"
लड़की ने शरमाकर कहा "हाँ दो बार.. !! पर मैडम.. वो लड़का आए तो मुझे बता देना"
रेणुका नशे में मदहोश होकर बोली "तू मजे लेकर चूस.. वो आएगा तो मैं तुझे इशारा कर दूँगी"
दोनों की बातें सुनते हुए मदन बियर पीते पीते सिगरेट का धुआँ उड़ा रहा था.. बहोत मज़ा आ रहा था.. !! ध्यान अब भी उसका शीला की कॉटेज की तरफ ही था.. उस कॉटेज में अब भी अंधेरा था
वो लड़की अपने नौसिखिये अंदाज में थोड़ी देर तक लंड चूसती रही की तभी.. रेणुका ने उस लड़के के आने का इशारा कर दिया.. लड़की ने मदन का लंड मुंह से बाहर निकाला.. और चुपचाप साइड में खड़ी हो गई.. !! रेणुका फिर से मदन के लंड के साथ खेलने लगी
तभी शीला की कॉटेज में लाइट जली.. !!
मदन: "देख रेणुका.. कॉटेज में लाइट हुई.. शायद अब दोनों के बीच प्रोग्राम की शुरुआत होगी"
रेणुका: "हम बाहर बैठकर प्रोग्राम कर रहे है.. तो वो अंदर तो कर ही रहे होंगे.. एक काम करते है.. हम अपने कॉटेज की सारी लाइट बंद कर देते है.. ताकि वो हमें देख ना पाएं"
मदन: "हाँ ठीक कहा"
रेणुका ने लाइट बंद करने के लिए खड़ी हुई.. स्विचबोर्ड के बगल में ही वो लड़का खड़ा था जो रेणुका के उछलते स्तनों को भूखी नज़रों से देख रहा था.. उसके सामने देखकर रेणुका ने अपनी शैतानी मुस्कान बिखेर दी और इशारा करते हुए उसे पूछा "दबाने है?"
उस लड़के ने आसपास एक नजर डालकर हाँ कहा.. रेणुका ने तुरंत अपना पतला टॉप ऊपर कर अपने बबले दिखा दीये और कहा "अगर तुझे ये दबाने हो तो उस लड़की को बोल की वो अपने बूब्स मेरे मर्द को दबाने दे"
रेणुका के शानदार स्तनों को देखकर अपना लंड खुजाते हुए उस लड़के ने कहा "मैडम, यहाँ पर ये सब करना एलाऊड नहीं है.. उसे मत बोलना वरना मेरी नौकरी चली जाएगी.. " डरते डरते उस लड़के ने रेणुका के स्तन पर हाथ रखा
रेणुका ने उस जवान लड़के के लंड पर हाथ फेरकर कहा "तो तुम दोनों समझौता क्यों नहीं कर लेते.. !! वो तेरे बारे में कुछ नहीं बताएगी और तू उसके बारे में सीक्रेट रखना"
लड़का: "मैडम, मुझे तो कोई प्रॉब्लेम नहीं है.. पर वो भी तो माननी चाहिए ना.. !!"
रेणुका ने हंसकर कहा "उसकी चिंता तू मत कर.. रुक, मैं अभी आती हूँ"
रेणुका उस लड़की के पास अपनी कमर मटकाते गई.. और उसका हाथ पकड़कर लड़के के पास खींच लाई.. लड़के के पतलून मे हाथ डालकर उसका लोडा बाहर निकालकर.. लड़की के हाथ में थमाकर बोली "ले इसके लंड से खेल.. तब तक मैं अपने यार के लोड़े को खुश करती हूँ"
रेणुका की इस हरकत से वो लड़की शर्म से लाल हो गई.. पर उसने लड़के का लंड हाथ से छोड़ा नहीं.. लड़के का लंड तपकर लोहे के सरिये जैसा सख्त हो गया.. लड़की ने तुरंत उसका लंड छोड़ दिया और अपनी जगह जाकर खड़ी हो गई
कुर्सी पर बैठे मदन की गोद मे बैठकर उसको अपना बबला चुसाते हुए रेणुका ने यह देखा और बोली "अरे, क्या हुआ?? शरमाकर भाग क्यों गई?"
लड़का: "क्या मालूम मैडम.. दरअसल बात ऐसी है की हम पड़ोस मे रहते है और वो मुझे भैया कहती है.. उसे नौकरी की सख्त जरूरत थी तो मैंने शेठ से बात करके उसे लगवा दिया.. !!" लड़के का लंड नरम होकर लटक गया था और छोटी सी मूंगफली जैसा दिख रहा था
रेणुका ने इशारा करते हुए उसे अपने करीब बुलाया.. जब वो नजदीक आया तो उसकी छोटी सी नून्नी को चूमकर पूछा "क्या नाम है उस छोरी का?"
रेणुका के चूमने से थरथर कांपते हुए उस लड़के ने कहा "जी मैडम.. उसका नाम तमन्ना है"
रेणुका: "और तेरा नाम?"
लड़का: "जी, मेरा नाम अमित है"
रेणुका ने वहीं बैठे बैठे कहा "तमन्ना.. यहाँ आओ"
आँखें झुकाए हुए वो लड़की रेणुका और मदन के पास आई.. मदन रेणुका का टॉप उठाकर उसकी निप्पल को चूसते हुए स्तनों के मांस को दबा रहा था.. बरमूडा के बाहर मदन का सख्त लोडा झूल रहा था और तमन्ना की नजर बार बार वहीं जा रही थी.. जब की अमित रेणुका के गुलाबी निप्पल वाले स्तनों को देखकर लार टपका रहा था
मदन रेणुका का एक स्तन चूस रहा था तो दूसरा स्तन रेणुका ने उस लड़के अमित के मुंह मे दे रखा था.. अपनी छाती पर उस लड़के का मुंह रगड़ते हुए रेणुका ने इशारा कर तमन्ना को मदन का लंड पकड़ने को कहा.. तमन्ना ने बड़ी ही शर्म के साथ मदन का लंड पकड़कर धीरे धीरे हिलाना शुरू किया.. बड़े ही अचरज से वो मदन के फूले हुए लंड को देख रही थी
रेणुका समझ गई.. पड़ोसी होने के नाते.. लड़का और लड़की एक दूसरे का थोड़ा सा लिहाज कर रहे थे और इसलिए शरमा रहे थे.. लड़के की मौजूदगी के कारण झिझक रही तमन्ना.. मदन का लंड चूसना चाहती थी पर बस सुपाड़े पर अपने होंठ लगाकर बैठी रही.. रेणुका ने अमित का हाथ पकड़कर तमन्ना के सिर पर रखकर दबा दिया.. और उसी के साथ तमन्ना ने मदन के सुपाड़े को निगल लिया
इस नादान जवान कली के नौसिखिये अंदाज की चुसाई में मदन को बहोत मज़ा आ रहा था.. उसने रेणुका से कहा "जानु, तुम तो अपना दूध इस लड़के को पीला रही हो.. मुझे इस लड़की का दूध नहीं पिलाओगी??"
रेणुका: "तमन्ना बेटा.. अंकल को अपने बूब्स चूसने दो जरा.. !!"
तमन्ना ने अमित के सामने देखा और अपनी आँखें झुका ली
रेणुका: "अरे यार.. तुम दोनों कब तक शरमाते रहोगे?? चल अमित.. तू खुद तमन्ना के बूब्स खोलकर अंकल को चूसने के लिए दे.. और तमन्ना, तुम्हें अंकल का लंड चूसने मे तो कोई शर्म नहीं आ रही.. तो फिर अपने बूब्स खोलने मे भला कैसी शर्म?? "
तमन्ना: "ऐसी बात नहीं है मैडम.. दरअसल मेरे बूब्स आप से कितने छोटे है.. इसलिए बाहर निकालने मे शर्म आ रही है मुझे"
मदन: "तमन्ना, तुम्हारे पास अभी जो है वो तो इस आंटी के पास भी नहीं है.. तुम्हारी यह नादानी और कुँवारापन.. जब तुम भी इस बेशरम आंटी की तरह लंड के लिए भटकने लगोगी ना.. तब तक तुम्हारे बॉल और चूत दोनों बड़े हो चुके होंगे.. शरमाओ मत.. निकालो बाहर.. और चूसने दो मुझे.. इन्हें बड़ा करने मे तुम्हारी हेल्प करता हूँ"
मदन का एक एक शब्द सुनकर.. तमन्ना के शरीर में अजीब सी सुरसुरी हो रही थी.. वो भारी भारी साँसे ले रही थी.. वो और अमित अब एक दूसरे के सामने खड़े थे.. पर नजरें मिला नहीं पा रहे थे..
रेणुका: "चल अमित.. तमन्ना के कपड़े उतार" पर अमित बेचारा नीचे देखता रहा.. उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी अपनी दीदी समान पड़ोसी लड़की के कपड़े उतारने की.. इसलिए रेणुका ने कहा "तमन्ना.. तुम अमित से खुद कहो.. की तुम्हें नंगा करें.. "
रेणुका की इस अंदाज पर मदन फिदा हो गया.. उन तीनों को अपने हाल पर छोड़.. वो शीला के कॉटेज पर नजरें जमाकर बैठ गया.. कॉटेज में लाइट तो चालू हो गई थी पर कोई खास हलचल नजर नहीं आ रही थी.. मदन सोचने लगा.. भेनचोद क्या कर रही होगी अंदर.. !! इतने देर हो गई.. अब तक चुदाई खतम नहीं हुई.. !!
रेणुका अब अमित और तमन्ना को अपना मार्गदर्शन दे रही थी.. तमन्ना की शर्म तोड़ने के इरादे से वो गालियों और गंदे गंदे शब्दों का प्रयोग कर रही थी.. पर उससे तो वो नादान लड़की और शरमा रही थी.. उसे अमित के सामने कुछ भी करने में बड़ी झिझक हो रही थी
रेणुका: "तमन्ना.. अब शर्म छोड़.. जब तक हम यहाँ है.. तुम्हें जो करना हो कर ले.. ऐसा मौका बार बार नहीं मिलता"
तमन्ना ने बड़ी ही धीमी आवाज में.. नजरें झुकाकर अमित से कहा.. "भ.. भ.. भैया.. कपड़े उतारो"
अमित ने तीरछी नजर से तमन्ना की ओर देखा पर कुछ किया नहीं
रेणुका को गुस्सा आया "अबे बेहरा है क्या?? सुनता नहीं है तमन्ना ने क्या कहा? चल उसके कपड़े उतार जल्दी?"
बेचारे अमित ने शरमाते हुए तमन्ना के शर्ट के बटन खोलना शुरू किया पर फिर भी वो उससे नजरें नहीं मिला पा रहा था..
रेणुका: "बबले खोल और दबा दे.. पड़ोस में रहती है और भले ही तू उसे बहन कहता होगा.. पर बहन मानता तो नहीं है ना.. !! मुझे पक्का यकीन है की कभी न कभी तो तूने तमन्ना को याद कर मूठ मारी ही होगी"
अमित ने तमन्ना की शर्ट के तमाम बटन खोल दीये और अब ब्रा निकालने की बारी थी
तमन्ना ने एक बार अमित की तरफ देखा और फिर नीचे देखने लगी
मदन: "तुझ से नहीं होगा.. ला मैं ब्रा खोल देता हूँ तेरी.. रेणु डार्लिंग.. तब तक तुम अमित को अपने मस्त खिलौनों से खेलने दो.. बेचारा कब से तुम्हारे बबलों को दबाने के लिए बेताब हो रहा है" कहते हुए मदन ने रेणुका को अपनी गोद से खड़ा किया और अमित को अपनी बगल मे बीठा दिया..
अब दोनों मर्द बड़ी कुर्सी पर बैठे थे.. रेणुका उनके सामने खड़ी थी और तमन्ना उनके बगल मे..
Har update kamal ka likha ja raha hai. Yu hi kamukta se bhare update dete rahiyeदोनों फटाफट तैयार होकर साढ़े चार बजे निकाल गए.. दो घंटे के सुपर-फास्ट ड्राइविंग के बाद दोनों शीला की बताई हुई जगह पर पहुँच गए
एक बड़ा सा रिसॉर्ट था.. शीला ने रेणुका को कॉटेज का नंबर बताया था.. इसलिए मदन ने उस कॉटेज के बिल्कुल सामने वाला कॉटेज बुक कर लिया.. रिसॉर्ट के रजिस्टर में दोनों ने अपनी पहचान पति-पत्नी के तौर पर ही दी थी..
रात ढल रही थी और चारों तरफ अंधकार छाने लगा था.. रिसॉर्ट में चारों ओर लाइट चालू कर दी गई थी.. रिसॉर्ट का पूरा एरिया जंगल के बीच एकांत में था.. रिसॉर्ट में ज्यादा लोग नहीं थे.. ज्यादातर कॉटेज खाली ही थे.. पूरे रिसॉर्ट में गाँव का माहोल बनाया गया था.. कॉटेज भी दिखने में झोंपड़ी जैसी बनाई गई थी.. अंदर एक टेबल और खटिया लगाई हुई थी ताकि गाँव जैसी फीलिंग आए..
रेणुका ने कपड़े बदलकर पतली पारदर्शक नाइटी पहनकर वातावरण में रंगीन उत्तेजना के बीज बोना शुरू कर दिया.. तो मदन ने भी सिर्फ बरमूडा पहन रखा था.. और ऊपर कुछ नहीं पहना था.. !!
थोड़ी देर में एक लड़का आया और मदन को क्लासिक माइल्डस सिगरेट का पैकेट और लाइटर देकर गया.. साथ में बियर की चार बोतल और थोड़ा नाश्ता भी रख गया..
रेणुका ने बियर की एक बोतल खोली और घूंट लगाकर मदन से कहा "हैप्पी न्यू यर.. मदन.. !!"
जवाब में मदन ने रेणुका के हाथों से ही बियर का एक घूंट लेकर कहा "हैप्पी न्यू यर टू यू टू, रेणु डार्लिंग"
रेणुका: "मदन, अब एक दिन के लिए हम दोनों पति-पत्नी है.. ठीक है.. !!! तो आज तुम्हें अपना पति-धर्म निभाते हुए मुझे खुश करना होगा.. मुझे इतना चोद.. इतना चोद की ज़िंदगी भर याद रहे मुझे..!!" कहते हुए रेणुका मदन की गोद में बैठ गई और मदन के हाथ से बियर की बोतल लेकर उसमें से घूंट भरा.. बियर निगलने के बजाए.. उसने मदन के होंठों पर होंठ रख दीये.. और अपने मुंह से सारी बियर मदन के मुंह में उँड़ेलकर उसके होंठ चूस लिए..
"आह्ह... तेरा तो तैयार होने लगा.. नीचे चुभ रहा है मुझे.. "
मदन: "रेणुका, चल बाहर जाकर बैठते है.. यहाँ हमें कोई पहचानता तो है नहीं.. जो काम करने आए है वो भी कर ले.. शीला पर नजर रख पाएंगे और साथ साथ मजे भी करेंगे"
रेणुका: "चलो चलते है.. !!"
हर कॉटेज के बाहर.. एक पुरुष और महिला परिचारिका खड़े रहते थे, ग्राहकों की सहूलियत के लिए.. थोड़ी बहोत टिप देकर... जैसी चाहिए वैसे सर्विस भी देते थे
बरमूडा में उठे हुए लंड का उभार देखकर मुसकुराते हुए उस लड़की ने कहा "मे आई हेल्प यु सर?"
मदन: "हाँ, जरा दो कुर्सियाँ बाहर रखवा दीजिए.. हम बाहर बैठकर इन्जॉय करना चाहते है"
लड़की: "स्योर सर.. " उसके इशारा करते ही वो लड़का दो कुर्सियाँ ले आया.. और कॉटेज के अंदर का टेबल भी बाहर रख दिया..
सिगरेट का धुआँ उड़ाते हुए दोनों सामने शीला वाली कॉटेज पर नजर रखने लगे.. पर वहाँ कोई खास हलचल होती नजर नहीं आ रही थी
रात के नौ बज गए थे.. बियर का नशा अपना सुरूर दिखाने लगा था.. रेणुका ने अब तक बियर की तीन बोतल खाली कर दी थी.. और कुर्सी पर बैठे हुए मदन का लंड बरमूडा से बाहर निकालकर.. नीचे जमीन पर बैठकर उसे सहला रही थी..
सहलाकर उसने धीरे से मदन के फूले हुए सुपाड़े को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.. पास खड़े उस लड़के और लड़की की मौजूदगी में ही.. !! वो लड़की और लड़का.. दोनों के इस खेल को देख रहे थे.. और छुप छुपकर हंस भी रहे थे
रेणुका की चुसाई का आनंद लेते हुए मदन की नजर अब भी शीला की कॉटेज पर चिपकी हुई थी
उस परिचारिका लड़की ने लड़के के कानों में कुछ कहा.. और वह लड़का वहाँ से चला गया.. उसके जाते ही वो लड़की धीरे से रेणुका के पास आई और बोली "मैडम, मुझे भी एक बार चूसने दीजिए ना, प्लीज!!"
रेणुका ने हंसकर उस लड़की के हाथ में मदन का लंड थमा दिया.. और वो लड़की मदन के लंड से थोड़ी देर खेलने के बाद.. झुककर चूसने लगी..
लड़की: "मैडम, आप प्लीज जरा नजर रखिएगा.. कहीं वो लड़का आ न जाए.. उसने देख लिया और शिकायत कर दी तो मेरी नौकरी जाएगी"
रेणुका ने उस पतली सी लड़की के छोटे छोटे नींबुओं को पकड़कर दबाते हुए कहा "अरे, तू ऐसे डर डरकर करती है ना इसीलिए तेरे इतने छोटे है.. मेरे देख.. कितने बड़े बड़े है.. क्यों... क्योंकि मैं बिंदास करती हूँ.. वो अगर आ भी गया तो उसे मैं अपनी चूत चाटने बीठा दूँगी.. फिर घंटा करेगा तेरी शिकायत.. !! तू आराम से चूस.. पहले कभी चूसा है लंड??"
लड़की ने शरमाकर कहा "हाँ दो बार.. !! पर मैडम.. वो लड़का आए तो मुझे बता देना"
रेणुका नशे में मदहोश होकर बोली "तू मजे लेकर चूस.. वो आएगा तो मैं तुझे इशारा कर दूँगी"
दोनों की बातें सुनते हुए मदन बियर पीते पीते सिगरेट का धुआँ उड़ा रहा था.. बहोत मज़ा आ रहा था.. !! ध्यान अब भी उसका शीला की कॉटेज की तरफ ही था.. उस कॉटेज में अब भी अंधेरा था
वो लड़की अपने नौसिखिये अंदाज में थोड़ी देर तक लंड चूसती रही की तभी.. रेणुका ने उस लड़के के आने का इशारा कर दिया.. लड़की ने मदन का लंड मुंह से बाहर निकाला.. और चुपचाप साइड में खड़ी हो गई.. !! रेणुका फिर से मदन के लंड के साथ खेलने लगी
तभी शीला की कॉटेज में लाइट जली.. !!
मदन: "देख रेणुका.. कॉटेज में लाइट हुई.. शायद अब दोनों के बीच प्रोग्राम की शुरुआत होगी"
रेणुका: "हम बाहर बैठकर प्रोग्राम कर रहे है.. तो वो अंदर तो कर ही रहे होंगे.. एक काम करते है.. हम अपने कॉटेज की सारी लाइट बंद कर देते है.. ताकि वो हमें देख ना पाएं"
मदन: "हाँ ठीक कहा"
रेणुका ने लाइट बंद करने के लिए खड़ी हुई.. स्विचबोर्ड के बगल में ही वो लड़का खड़ा था जो रेणुका के उछलते स्तनों को भूखी नज़रों से देख रहा था.. उसके सामने देखकर रेणुका ने अपनी शैतानी मुस्कान बिखेर दी और इशारा करते हुए उसे पूछा "दबाने है?"
उस लड़के ने आसपास एक नजर डालकर हाँ कहा.. रेणुका ने तुरंत अपना पतला टॉप ऊपर कर अपने बबले दिखा दीये और कहा "अगर तुझे ये दबाने हो तो उस लड़की को बोल की वो अपने बूब्स मेरे मर्द को दबाने दे"
रेणुका के शानदार स्तनों को देखकर अपना लंड खुजाते हुए उस लड़के ने कहा "मैडम, यहाँ पर ये सब करना एलाऊड नहीं है.. उसे मत बोलना वरना मेरी नौकरी चली जाएगी.. " डरते डरते उस लड़के ने रेणुका के स्तन पर हाथ रखा
रेणुका ने उस जवान लड़के के लंड पर हाथ फेरकर कहा "तो तुम दोनों समझौता क्यों नहीं कर लेते.. !! वो तेरे बारे में कुछ नहीं बताएगी और तू उसके बारे में सीक्रेट रखना"
लड़का: "मैडम, मुझे तो कोई प्रॉब्लेम नहीं है.. पर वो भी तो माननी चाहिए ना.. !!"
रेणुका ने हंसकर कहा "उसकी चिंता तू मत कर.. रुक, मैं अभी आती हूँ"
रेणुका उस लड़की के पास अपनी कमर मटकाते गई.. और उसका हाथ पकड़कर लड़के के पास खींच लाई.. लड़के के पतलून मे हाथ डालकर उसका लोडा बाहर निकालकर.. लड़की के हाथ में थमाकर बोली "ले इसके लंड से खेल.. तब तक मैं अपने यार के लोड़े को खुश करती हूँ"
रेणुका की इस हरकत से वो लड़की शर्म से लाल हो गई.. पर उसने लड़के का लंड हाथ से छोड़ा नहीं.. लड़के का लंड तपकर लोहे के सरिये जैसा सख्त हो गया.. लड़की ने तुरंत उसका लंड छोड़ दिया और अपनी जगह जाकर खड़ी हो गई
कुर्सी पर बैठे मदन की गोद मे बैठकर उसको अपना बबला चुसाते हुए रेणुका ने यह देखा और बोली "अरे, क्या हुआ?? शरमाकर भाग क्यों गई?"
लड़का: "क्या मालूम मैडम.. दरअसल बात ऐसी है की हम पड़ोस मे रहते है और वो मुझे भैया कहती है.. उसे नौकरी की सख्त जरूरत थी तो मैंने शेठ से बात करके उसे लगवा दिया.. !!" लड़के का लंड नरम होकर लटक गया था और छोटी सी मूंगफली जैसा दिख रहा था
रेणुका ने इशारा करते हुए उसे अपने करीब बुलाया.. जब वो नजदीक आया तो उसकी छोटी सी नून्नी को चूमकर पूछा "क्या नाम है उस छोरी का?"
रेणुका के चूमने से थरथर कांपते हुए उस लड़के ने कहा "जी मैडम.. उसका नाम तमन्ना है"
रेणुका: "और तेरा नाम?"
लड़का: "जी, मेरा नाम अमित है"
रेणुका ने वहीं बैठे बैठे कहा "तमन्ना.. यहाँ आओ"
आँखें झुकाए हुए वो लड़की रेणुका और मदन के पास आई.. मदन रेणुका का टॉप उठाकर उसकी निप्पल को चूसते हुए स्तनों के मांस को दबा रहा था.. बरमूडा के बाहर मदन का सख्त लोडा झूल रहा था और तमन्ना की नजर बार बार वहीं जा रही थी.. जब की अमित रेणुका के गुलाबी निप्पल वाले स्तनों को देखकर लार टपका रहा था
मदन रेणुका का एक स्तन चूस रहा था तो दूसरा स्तन रेणुका ने उस लड़के अमित के मुंह मे दे रखा था.. अपनी छाती पर उस लड़के का मुंह रगड़ते हुए रेणुका ने इशारा कर तमन्ना को मदन का लंड पकड़ने को कहा.. तमन्ना ने बड़ी ही शर्म के साथ मदन का लंड पकड़कर धीरे धीरे हिलाना शुरू किया.. बड़े ही अचरज से वो मदन के फूले हुए लंड को देख रही थी
रेणुका समझ गई.. पड़ोसी होने के नाते.. लड़का और लड़की एक दूसरे का थोड़ा सा लिहाज कर रहे थे और इसलिए शरमा रहे थे.. लड़के की मौजूदगी के कारण झिझक रही तमन्ना.. मदन का लंड चूसना चाहती थी पर बस सुपाड़े पर अपने होंठ लगाकर बैठी रही.. रेणुका ने अमित का हाथ पकड़कर तमन्ना के सिर पर रखकर दबा दिया.. और उसी के साथ तमन्ना ने मदन के सुपाड़े को निगल लिया
इस नादान जवान कली के नौसिखिये अंदाज की चुसाई में मदन को बहोत मज़ा आ रहा था.. उसने रेणुका से कहा "जानु, तुम तो अपना दूध इस लड़के को पीला रही हो.. मुझे इस लड़की का दूध नहीं पिलाओगी??"
रेणुका: "तमन्ना बेटा.. अंकल को अपने बूब्स चूसने दो जरा.. !!"
तमन्ना ने अमित के सामने देखा और अपनी आँखें झुका ली
रेणुका: "अरे यार.. तुम दोनों कब तक शरमाते रहोगे?? चल अमित.. तू खुद तमन्ना के बूब्स खोलकर अंकल को चूसने के लिए दे.. और तमन्ना, तुम्हें अंकल का लंड चूसने मे तो कोई शर्म नहीं आ रही.. तो फिर अपने बूब्स खोलने मे भला कैसी शर्म?? "
तमन्ना: "ऐसी बात नहीं है मैडम.. दरअसल मेरे बूब्स आप से कितने छोटे है.. इसलिए बाहर निकालने मे शर्म आ रही है मुझे"
मदन: "तमन्ना, तुम्हारे पास अभी जो है वो तो इस आंटी के पास भी नहीं है.. तुम्हारी यह नादानी और कुँवारापन.. जब तुम भी इस बेशरम आंटी की तरह लंड के लिए भटकने लगोगी ना.. तब तक तुम्हारे बॉल और चूत दोनों बड़े हो चुके होंगे.. शरमाओ मत.. निकालो बाहर.. और चूसने दो मुझे.. इन्हें बड़ा करने मे तुम्हारी हेल्प करता हूँ"
मदन का एक एक शब्द सुनकर.. तमन्ना के शरीर में अजीब सी सुरसुरी हो रही थी.. वो भारी भारी साँसे ले रही थी.. वो और अमित अब एक दूसरे के सामने खड़े थे.. पर नजरें मिला नहीं पा रहे थे..
रेणुका: "चल अमित.. तमन्ना के कपड़े उतार" पर अमित बेचारा नीचे देखता रहा.. उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी अपनी दीदी समान पड़ोसी लड़की के कपड़े उतारने की.. इसलिए रेणुका ने कहा "तमन्ना.. तुम अमित से खुद कहो.. की तुम्हें नंगा करें.. "
रेणुका की इस अंदाज पर मदन फिदा हो गया.. उन तीनों को अपने हाल पर छोड़.. वो शीला के कॉटेज पर नजरें जमाकर बैठ गया.. कॉटेज में लाइट तो चालू हो गई थी पर कोई खास हलचल नजर नहीं आ रही थी.. मदन सोचने लगा.. भेनचोद क्या कर रही होगी अंदर.. !! इतने देर हो गई.. अब तक चुदाई खतम नहीं हुई.. !!
रेणुका अब अमित और तमन्ना को अपना मार्गदर्शन दे रही थी.. तमन्ना की शर्म तोड़ने के इरादे से वो गालियों और गंदे गंदे शब्दों का प्रयोग कर रही थी.. पर उससे तो वो नादान लड़की और शरमा रही थी.. उसे अमित के सामने कुछ भी करने में बड़ी झिझक हो रही थी
रेणुका: "तमन्ना.. अब शर्म छोड़.. जब तक हम यहाँ है.. तुम्हें जो करना हो कर ले.. ऐसा मौका बार बार नहीं मिलता"
तमन्ना ने बड़ी ही धीमी आवाज में.. नजरें झुकाकर अमित से कहा.. "भ.. भ.. भैया.. कपड़े उतारो"
अमित ने तीरछी नजर से तमन्ना की ओर देखा पर कुछ किया नहीं
रेणुका को गुस्सा आया "अबे बेहरा है क्या?? सुनता नहीं है तमन्ना ने क्या कहा? चल उसके कपड़े उतार जल्दी?"
बेचारे अमित ने शरमाते हुए तमन्ना के शर्ट के बटन खोलना शुरू किया पर फिर भी वो उससे नजरें नहीं मिला पा रहा था..
रेणुका: "बबले खोल और दबा दे.. पड़ोस में रहती है और भले ही तू उसे बहन कहता होगा.. पर बहन मानता तो नहीं है ना.. !! मुझे पक्का यकीन है की कभी न कभी तो तूने तमन्ना को याद कर मूठ मारी ही होगी"
अमित ने तमन्ना की शर्ट के तमाम बटन खोल दीये और अब ब्रा निकालने की बारी थी
तमन्ना ने एक बार अमित की तरफ देखा और फिर नीचे देखने लगी
मदन: "तुझ से नहीं होगा.. ला मैं ब्रा खोल देता हूँ तेरी.. रेणु डार्लिंग.. तब तक तुम अमित को अपने मस्त खिलौनों से खेलने दो.. बेचारा कब से तुम्हारे बबलों को दबाने के लिए बेताब हो रहा है" कहते हुए मदन ने रेणुका को अपनी गोद से खड़ा किया और अमित को अपनी बगल मे बीठा दिया..
अब दोनों मर्द बड़ी कुर्सी पर बैठे थे.. रेणुका उनके सामने खड़ी थी और तमन्ना उनके बगल मे..
दोनों फटाफट तैयार होकर साढ़े चार बजे निकाल गए.. दो घंटे के सुपर-फास्ट ड्राइविंग के बाद दोनों शीला की बताई हुई जगह पर पहुँच गए
एक बड़ा सा रिसॉर्ट था.. शीला ने रेणुका को कॉटेज का नंबर बताया था.. इसलिए मदन ने उस कॉटेज के बिल्कुल सामने वाला कॉटेज बुक कर लिया.. रिसॉर्ट के रजिस्टर में दोनों ने अपनी पहचान पति-पत्नी के तौर पर ही दी थी..
रात ढल रही थी और चारों तरफ अंधकार छाने लगा था.. रिसॉर्ट में चारों ओर लाइट चालू कर दी गई थी.. रिसॉर्ट का पूरा एरिया जंगल के बीच एकांत में था.. रिसॉर्ट में ज्यादा लोग नहीं थे.. ज्यादातर कॉटेज खाली ही थे.. पूरे रिसॉर्ट में गाँव का माहोल बनाया गया था.. कॉटेज भी दिखने में झोंपड़ी जैसी बनाई गई थी.. अंदर एक टेबल और खटिया लगाई हुई थी ताकि गाँव जैसी फीलिंग आए..
रेणुका ने कपड़े बदलकर पतली पारदर्शक नाइटी पहनकर वातावरण में रंगीन उत्तेजना के बीज बोना शुरू कर दिया.. तो मदन ने भी सिर्फ बरमूडा पहन रखा था.. और ऊपर कुछ नहीं पहना था.. !!
थोड़ी देर में एक लड़का आया और मदन को क्लासिक माइल्डस सिगरेट का पैकेट और लाइटर देकर गया.. साथ में बियर की चार बोतल और थोड़ा नाश्ता भी रख गया..
रेणुका ने बियर की एक बोतल खोली और घूंट लगाकर मदन से कहा "हैप्पी न्यू यर.. मदन.. !!"
जवाब में मदन ने रेणुका के हाथों से ही बियर का एक घूंट लेकर कहा "हैप्पी न्यू यर टू यू टू, रेणु डार्लिंग"
रेणुका: "मदन, अब एक दिन के लिए हम दोनों पति-पत्नी है.. ठीक है.. !!! तो आज तुम्हें अपना पति-धर्म निभाते हुए मुझे खुश करना होगा.. मुझे इतना चोद.. इतना चोद की ज़िंदगी भर याद रहे मुझे..!!" कहते हुए रेणुका मदन की गोद में बैठ गई और मदन के हाथ से बियर की बोतल लेकर उसमें से घूंट भरा.. बियर निगलने के बजाए.. उसने मदन के होंठों पर होंठ रख दीये.. और अपने मुंह से सारी बियर मदन के मुंह में उँड़ेलकर उसके होंठ चूस लिए..
"आह्ह... तेरा तो तैयार होने लगा.. नीचे चुभ रहा है मुझे.. "
मदन: "रेणुका, चल बाहर जाकर बैठते है.. यहाँ हमें कोई पहचानता तो है नहीं.. जो काम करने आए है वो भी कर ले.. शीला पर नजर रख पाएंगे और साथ साथ मजे भी करेंगे"
रेणुका: "चलो चलते है.. !!"
हर कॉटेज के बाहर.. एक पुरुष और महिला परिचारिका खड़े रहते थे, ग्राहकों की सहूलियत के लिए.. थोड़ी बहोत टिप देकर... जैसी चाहिए वैसे सर्विस भी देते थे
बरमूडा में उठे हुए लंड का उभार देखकर मुसकुराते हुए उस लड़की ने कहा "मे आई हेल्प यु सर?"
मदन: "हाँ, जरा दो कुर्सियाँ बाहर रखवा दीजिए.. हम बाहर बैठकर इन्जॉय करना चाहते है"
लड़की: "स्योर सर.. " उसके इशारा करते ही वो लड़का दो कुर्सियाँ ले आया.. और कॉटेज के अंदर का टेबल भी बाहर रख दिया..
सिगरेट का धुआँ उड़ाते हुए दोनों सामने शीला वाली कॉटेज पर नजर रखने लगे.. पर वहाँ कोई खास हलचल होती नजर नहीं आ रही थी
रात के नौ बज गए थे.. बियर का नशा अपना सुरूर दिखाने लगा था.. रेणुका ने अब तक बियर की तीन बोतल खाली कर दी थी.. और कुर्सी पर बैठे हुए मदन का लंड बरमूडा से बाहर निकालकर.. नीचे जमीन पर बैठकर उसे सहला रही थी..
सहलाकर उसने धीरे से मदन के फूले हुए सुपाड़े को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.. पास खड़े उस लड़के और लड़की की मौजूदगी में ही.. !! वो लड़की और लड़का.. दोनों के इस खेल को देख रहे थे.. और छुप छुपकर हंस भी रहे थे
रेणुका की चुसाई का आनंद लेते हुए मदन की नजर अब भी शीला की कॉटेज पर चिपकी हुई थी
उस परिचारिका लड़की ने लड़के के कानों में कुछ कहा.. और वह लड़का वहाँ से चला गया.. उसके जाते ही वो लड़की धीरे से रेणुका के पास आई और बोली "मैडम, मुझे भी एक बार चूसने दीजिए ना, प्लीज!!"
रेणुका ने हंसकर उस लड़की के हाथ में मदन का लंड थमा दिया.. और वो लड़की मदन के लंड से थोड़ी देर खेलने के बाद.. झुककर चूसने लगी..
लड़की: "मैडम, आप प्लीज जरा नजर रखिएगा.. कहीं वो लड़का आ न जाए.. उसने देख लिया और शिकायत कर दी तो मेरी नौकरी जाएगी"
रेणुका ने उस पतली सी लड़की के छोटे छोटे नींबुओं को पकड़कर दबाते हुए कहा "अरे, तू ऐसे डर डरकर करती है ना इसीलिए तेरे इतने छोटे है.. मेरे देख.. कितने बड़े बड़े है.. क्यों... क्योंकि मैं बिंदास करती हूँ.. वो अगर आ भी गया तो उसे मैं अपनी चूत चाटने बीठा दूँगी.. फिर घंटा करेगा तेरी शिकायत.. !! तू आराम से चूस.. पहले कभी चूसा है लंड??"
लड़की ने शरमाकर कहा "हाँ दो बार.. !! पर मैडम.. वो लड़का आए तो मुझे बता देना"
रेणुका नशे में मदहोश होकर बोली "तू मजे लेकर चूस.. वो आएगा तो मैं तुझे इशारा कर दूँगी"
दोनों की बातें सुनते हुए मदन बियर पीते पीते सिगरेट का धुआँ उड़ा रहा था.. बहोत मज़ा आ रहा था.. !! ध्यान अब भी उसका शीला की कॉटेज की तरफ ही था.. उस कॉटेज में अब भी अंधेरा था
वो लड़की अपने नौसिखिये अंदाज में थोड़ी देर तक लंड चूसती रही की तभी.. रेणुका ने उस लड़के के आने का इशारा कर दिया.. लड़की ने मदन का लंड मुंह से बाहर निकाला.. और चुपचाप साइड में खड़ी हो गई.. !! रेणुका फिर से मदन के लंड के साथ खेलने लगी
तभी शीला की कॉटेज में लाइट जली.. !!
मदन: "देख रेणुका.. कॉटेज में लाइट हुई.. शायद अब दोनों के बीच प्रोग्राम की शुरुआत होगी"
रेणुका: "हम बाहर बैठकर प्रोग्राम कर रहे है.. तो वो अंदर तो कर ही रहे होंगे.. एक काम करते है.. हम अपने कॉटेज की सारी लाइट बंद कर देते है.. ताकि वो हमें देख ना पाएं"
मदन: "हाँ ठीक कहा"
रेणुका ने लाइट बंद करने के लिए खड़ी हुई.. स्विचबोर्ड के बगल में ही वो लड़का खड़ा था जो रेणुका के उछलते स्तनों को भूखी नज़रों से देख रहा था.. उसके सामने देखकर रेणुका ने अपनी शैतानी मुस्कान बिखेर दी और इशारा करते हुए उसे पूछा "दबाने है?"
उस लड़के ने आसपास एक नजर डालकर हाँ कहा.. रेणुका ने तुरंत अपना पतला टॉप ऊपर कर अपने बबले दिखा दीये और कहा "अगर तुझे ये दबाने हो तो उस लड़की को बोल की वो अपने बूब्स मेरे मर्द को दबाने दे"
रेणुका के शानदार स्तनों को देखकर अपना लंड खुजाते हुए उस लड़के ने कहा "मैडम, यहाँ पर ये सब करना एलाऊड नहीं है.. उसे मत बोलना वरना मेरी नौकरी चली जाएगी.. " डरते डरते उस लड़के ने रेणुका के स्तन पर हाथ रखा
रेणुका ने उस जवान लड़के के लंड पर हाथ फेरकर कहा "तो तुम दोनों समझौता क्यों नहीं कर लेते.. !! वो तेरे बारे में कुछ नहीं बताएगी और तू उसके बारे में सीक्रेट रखना"
लड़का: "मैडम, मुझे तो कोई प्रॉब्लेम नहीं है.. पर वो भी तो माननी चाहिए ना.. !!"
रेणुका ने हंसकर कहा "उसकी चिंता तू मत कर.. रुक, मैं अभी आती हूँ"
रेणुका उस लड़की के पास अपनी कमर मटकाते गई.. और उसका हाथ पकड़कर लड़के के पास खींच लाई.. लड़के के पतलून मे हाथ डालकर उसका लोडा बाहर निकालकर.. लड़की के हाथ में थमाकर बोली "ले इसके लंड से खेल.. तब तक मैं अपने यार के लोड़े को खुश करती हूँ"
रेणुका की इस हरकत से वो लड़की शर्म से लाल हो गई.. पर उसने लड़के का लंड हाथ से छोड़ा नहीं.. लड़के का लंड तपकर लोहे के सरिये जैसा सख्त हो गया.. लड़की ने तुरंत उसका लंड छोड़ दिया और अपनी जगह जाकर खड़ी हो गई
कुर्सी पर बैठे मदन की गोद मे बैठकर उसको अपना बबला चुसाते हुए रेणुका ने यह देखा और बोली "अरे, क्या हुआ?? शरमाकर भाग क्यों गई?"
लड़का: "क्या मालूम मैडम.. दरअसल बात ऐसी है की हम पड़ोस मे रहते है और वो मुझे भैया कहती है.. उसे नौकरी की सख्त जरूरत थी तो मैंने शेठ से बात करके उसे लगवा दिया.. !!" लड़के का लंड नरम होकर लटक गया था और छोटी सी मूंगफली जैसा दिख रहा था
रेणुका ने इशारा करते हुए उसे अपने करीब बुलाया.. जब वो नजदीक आया तो उसकी छोटी सी नून्नी को चूमकर पूछा "क्या नाम है उस छोरी का?"
रेणुका के चूमने से थरथर कांपते हुए उस लड़के ने कहा "जी मैडम.. उसका नाम तमन्ना है"
रेणुका: "और तेरा नाम?"
लड़का: "जी, मेरा नाम अमित है"
रेणुका ने वहीं बैठे बैठे कहा "तमन्ना.. यहाँ आओ"
आँखें झुकाए हुए वो लड़की रेणुका और मदन के पास आई.. मदन रेणुका का टॉप उठाकर उसकी निप्पल को चूसते हुए स्तनों के मांस को दबा रहा था.. बरमूडा के बाहर मदन का सख्त लोडा झूल रहा था और तमन्ना की नजर बार बार वहीं जा रही थी.. जब की अमित रेणुका के गुलाबी निप्पल वाले स्तनों को देखकर लार टपका रहा था
मदन रेणुका का एक स्तन चूस रहा था तो दूसरा स्तन रेणुका ने उस लड़के अमित के मुंह मे दे रखा था.. अपनी छाती पर उस लड़के का मुंह रगड़ते हुए रेणुका ने इशारा कर तमन्ना को मदन का लंड पकड़ने को कहा.. तमन्ना ने बड़ी ही शर्म के साथ मदन का लंड पकड़कर धीरे धीरे हिलाना शुरू किया.. बड़े ही अचरज से वो मदन के फूले हुए लंड को देख रही थी
रेणुका समझ गई.. पड़ोसी होने के नाते.. लड़का और लड़की एक दूसरे का थोड़ा सा लिहाज कर रहे थे और इसलिए शरमा रहे थे.. लड़के की मौजूदगी के कारण झिझक रही तमन्ना.. मदन का लंड चूसना चाहती थी पर बस सुपाड़े पर अपने होंठ लगाकर बैठी रही.. रेणुका ने अमित का हाथ पकड़कर तमन्ना के सिर पर रखकर दबा दिया.. और उसी के साथ तमन्ना ने मदन के सुपाड़े को निगल लिया
इस नादान जवान कली के नौसिखिये अंदाज की चुसाई में मदन को बहोत मज़ा आ रहा था.. उसने रेणुका से कहा "जानु, तुम तो अपना दूध इस लड़के को पीला रही हो.. मुझे इस लड़की का दूध नहीं पिलाओगी??"
रेणुका: "तमन्ना बेटा.. अंकल को अपने बूब्स चूसने दो जरा.. !!"
तमन्ना ने अमित के सामने देखा और अपनी आँखें झुका ली
रेणुका: "अरे यार.. तुम दोनों कब तक शरमाते रहोगे?? चल अमित.. तू खुद तमन्ना के बूब्स खोलकर अंकल को चूसने के लिए दे.. और तमन्ना, तुम्हें अंकल का लंड चूसने मे तो कोई शर्म नहीं आ रही.. तो फिर अपने बूब्स खोलने मे भला कैसी शर्म?? "
तमन्ना: "ऐसी बात नहीं है मैडम.. दरअसल मेरे बूब्स आप से कितने छोटे है.. इसलिए बाहर निकालने मे शर्म आ रही है मुझे"
मदन: "तमन्ना, तुम्हारे पास अभी जो है वो तो इस आंटी के पास भी नहीं है.. तुम्हारी यह नादानी और कुँवारापन.. जब तुम भी इस बेशरम आंटी की तरह लंड के लिए भटकने लगोगी ना.. तब तक तुम्हारे बॉल और चूत दोनों बड़े हो चुके होंगे.. शरमाओ मत.. निकालो बाहर.. और चूसने दो मुझे.. इन्हें बड़ा करने मे तुम्हारी हेल्प करता हूँ"
मदन का एक एक शब्द सुनकर.. तमन्ना के शरीर में अजीब सी सुरसुरी हो रही थी.. वो भारी भारी साँसे ले रही थी.. वो और अमित अब एक दूसरे के सामने खड़े थे.. पर नजरें मिला नहीं पा रहे थे..
रेणुका: "चल अमित.. तमन्ना के कपड़े उतार" पर अमित बेचारा नीचे देखता रहा.. उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी अपनी दीदी समान पड़ोसी लड़की के कपड़े उतारने की.. इसलिए रेणुका ने कहा "तमन्ना.. तुम अमित से खुद कहो.. की तुम्हें नंगा करें.. "
रेणुका की इस अंदाज पर मदन फिदा हो गया.. उन तीनों को अपने हाल पर छोड़.. वो शीला के कॉटेज पर नजरें जमाकर बैठ गया.. कॉटेज में लाइट तो चालू हो गई थी पर कोई खास हलचल नजर नहीं आ रही थी.. मदन सोचने लगा.. भेनचोद क्या कर रही होगी अंदर.. !! इतने देर हो गई.. अब तक चुदाई खतम नहीं हुई.. !!
रेणुका अब अमित और तमन्ना को अपना मार्गदर्शन दे रही थी.. तमन्ना की शर्म तोड़ने के इरादे से वो गालियों और गंदे गंदे शब्दों का प्रयोग कर रही थी.. पर उससे तो वो नादान लड़की और शरमा रही थी.. उसे अमित के सामने कुछ भी करने में बड़ी झिझक हो रही थी
रेणुका: "तमन्ना.. अब शर्म छोड़.. जब तक हम यहाँ है.. तुम्हें जो करना हो कर ले.. ऐसा मौका बार बार नहीं मिलता"
तमन्ना ने बड़ी ही धीमी आवाज में.. नजरें झुकाकर अमित से कहा.. "भ.. भ.. भैया.. कपड़े उतारो"
अमित ने तीरछी नजर से तमन्ना की ओर देखा पर कुछ किया नहीं
रेणुका को गुस्सा आया "अबे बेहरा है क्या?? सुनता नहीं है तमन्ना ने क्या कहा? चल उसके कपड़े उतार जल्दी?"
बेचारे अमित ने शरमाते हुए तमन्ना के शर्ट के बटन खोलना शुरू किया पर फिर भी वो उससे नजरें नहीं मिला पा रहा था..
रेणुका: "बबले खोल और दबा दे.. पड़ोस में रहती है और भले ही तू उसे बहन कहता होगा.. पर बहन मानता तो नहीं है ना.. !! मुझे पक्का यकीन है की कभी न कभी तो तूने तमन्ना को याद कर मूठ मारी ही होगी"
अमित ने तमन्ना की शर्ट के तमाम बटन खोल दीये और अब ब्रा निकालने की बारी थी
तमन्ना ने एक बार अमित की तरफ देखा और फिर नीचे देखने लगी
मदन: "तुझ से नहीं होगा.. ला मैं ब्रा खोल देता हूँ तेरी.. रेणु डार्लिंग.. तब तक तुम अमित को अपने मस्त खिलौनों से खेलने दो.. बेचारा कब से तुम्हारे बबलों को दबाने के लिए बेताब हो रहा है" कहते हुए मदन ने रेणुका को अपनी गोद से खड़ा किया और अमित को अपनी बगल मे बीठा दिया..
अब दोनों मर्द बड़ी कुर्सी पर बैठे थे.. रेणुका उनके सामने खड़ी थी और तमन्ना उनके बगल मे..