pussylover1
Milf lover.
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Great updateराजेश सर की इनोवा में, कविता, पिंटू, वैशाली और पीयूष बैठे हुए थे.. पीयूष के दोस्त की कार में मदन, शीला, रेणुका और राजेश थे.. !!
पूरे रास्ते में सब ने बातें करते हुए बहोत मजे किए.. ये ट्रिप, वैशाली के लिए बड़ी ही यादगार थी.. पिंटू से करीबी होते ही वो संजय की कड़वी यादों को भुला रही थी..
मदन और राजेश की बीच भी अच्छी मित्रता हो गई थी.. रात को हाइवे की एक होटल में डिनर के लिए जब दोनों गाड़ियां रुकी.. तब शीला को अपने दामाद संजय और हाफ़िज़ के संग गुजारे हनीमून की याद आ गई.. संजय, हाफ़िज़, जॉन और चार्ली की याद आते ही शीला का भोसड़ा चुनमुनाने लगा..
सब लोग रेस्टोरेंट की तरफ जा रहे थे तब शीला, रेणुका को लेकर टॉइलेट की तरफ गई.. शीला और रेणुका तो पहले से ही बहोत अच्छी सखियाँ थी.. बाथरूम की तरफ जाते हुए, शीला ने अपनी बातों से रेणुका को भी बेहद गरम कर दिया.. उसने गोवा की ट्रिप के बारे में बताया.. पर ये नहीं बताया की वो अपने दामाद के साथ गई थी.. गोवा में कैसे उसने अंग्रेज जॉन का लंड लिया था.. रास्ते में कैसे कार के ड्राइवर ने उसके बबले दबाए थे.. और फिर ऐसी ही एक होटल के बाहर.. अंधेरे में कैसे उसने बाहर चुदवाया था..
मिर्च-मसाला लगाकर उसने सारी बातें रेणुका को बताई.. रेणुका की हालत खराब हो गई, ये सब सुनकर.. !! उसकी दोनों आँखों से हवस टपकने लगी.. !! शीला देखकर ही समझ गई की रेणुका को लंड की भूख सता रही थी.. टॉइलेट में दोनों अलग अलग क्यूबिकल में पेशाब करके बाहर निकली.. वॉशबेज़ीन में रेणुका जब झुककर अपने हाथ धो रही थी.. तब उसके पल्लू के नीचे से.. काँखों की बगल में.. उसके स्तन लटकते हुए नजर आने लगे..
लेडीज टॉइलेट में उन दोनों के अलावा और कोई नहीं था.. शीला भी बहोत उत्तेजित थी.. वो रेणुका के पीछे खड़ी हो गई और अपनी चूत को उसके चूतड़ों पर दबाकर.. दोनों हाथ आगे ले गई.. और उसके दोनों स्तनों को ब्लाउस के अंदर हाथ डालते हुए सख्ती से पकड़ लिए..!! और उसकी निप्पलों को मसलते हुए, मर्द की तरह धक्के लगाने लगी..
अपने हाथ धोकर, रेणुका खड़ी हुई और हाथ पोंछे तब तक शीला उसकी गर्दन पर जीभ फेरते हुए चाटकर उसे उत्तेजित करने लगी थी.. वो शीला की तरफ मुड़ी.. और उसके गदराए जिस्म को बाहों मे भरकर उसके होंठों पर रेणुका ने एक उत्तेजक चुंबन कर दिया... शीला के आवेग भरे आक्रमण के आगे रेणुका ज्यादा देर तक खुद को संभाल नहीं पाई.. और शीला के थूक को चाटते चाटते वो अपनी जीभ को अंदर डाल डालकर चूसने लगी.. दोनों के बड़े बड़े स्तन, एकाकार हो गए थे.. !!
रेणुका: "यार, पहले तो तूने मुझे अपनी बातों से गरम कर दिया.. और अब अपनी इन हरकतों से बेकाबू कर रही है.. !! इरादा क्या है तेरा शीला?? तुझे पता तो है की यहाँ पर कुछ भी ज्यादा कर पाना मुमकिन नहीं है.. !! फिर क्यों उकसा रही है मुझे??"
रेणुका के दोनों बबलों को हाथों से मसलते हुए शीला ने कहा "यार, मुझसे रहा ही नहीं गया.. तू अपने आप पर काबू कर सकती है.. पर मुझे तो एक बार लंड की तलब लग जाएँ फिर मैं कंट्रोल नहीं कर सकती.. मुझे लंड चाहिए ही चाहिए.. !! कैसे भी करके मुझे चुदवाना पड़ेगा.. !! देख तो.. नीचे क्या हालत हो रही है यार.. !!" रेणुका का हाथ पकड़कर अपने घाघरे के नीचे डालते हुए.. पेन्टी के अंदर.. अपनी रस से लसलसित भोसड़े पर दबा दिया..
रेणुका: "हाँ यार.. नीचे तो बवाल मचा हुआ है तेरे.. मेरा भी हाल कुछ ऐसा ही हो रहा है.. पर अब क्या करें?? यहाँ लंड कहाँ से लाएं??"
शीला: "अब तो और क्या हो सकता है.. !! तू तो घर जाकर.. बड़ी मस्ती से... टांगें फैलाकर.. राजेश के लंड से मस्त होकर चुदवा लेगी.. मुझे तो वैशाली के कारण बहोत कंट्रोल में रहना पड़ता है.. अपने आप को रोकते हुए चुदवाना मुझे जरा भी अच्छा नहीं लगता.. अपनी आवाज को रोककर रखना पड़ता है.. कहीं वैशाली सुन न ले.. ऐसे में कहाँ मज़ा आएगा..!! एक काम करते है रेणु.. !!"
शीला के रसद्रवित भोसड़े में तीन तीन उँगलियाँ एक साथ अंदर बाहर करते हुए रेणुका ने कहा "हाँ हाँ .. बोल ना.. !!"
"खाना खाकर.. जब हम वापिस गाड़ी में बैठें.. तब तू पहले से ही राजेश के साथ आगे बैठ जाना.. मैं मदन के साथ पीछे बैठ जाऊँगी.. अंदर तो ले नहीं पाऊँगी.. पर मदन के हाथों मूठ मरवा लूँगी.. !! वो बॉल दबाते दबाते उंगली डालेगा तो मैं जल्दी फ्रेश हो जाऊँगी.. जब पूरी थाली नसीब न हो तब नाश्ते से ही काम चलाना पड़ता है..!!"
रेणुका: "कार में?? राजेश की मौजूदगी में तुझे शर्म नहीं आएगी??"
शीला: "उसका सारा ध्यान तो ड्राइविंग में ही होगा.. तुझे एक और काम करना होगा.. पास बैठे बैठे.. तू राजेश के साथ छेड़खानियाँ करती रहना.. मर्दों को ऐसा सब बहोत पसंद होता है.. तू चुपके से अंधेरे में उसके लंड पर हाथ रखकर सहलाते रहना.. उसका ध्यान फिर कहीं और भटकेगा ही नहीं.. और तुम दोनों की हरकतें देखकर, फिर हम दोनों शुरू हो जाएंगे.. !! जब हमाम में सब नंगे हो फिर भला शर्म कैसी??"
रेणुका: "साली, तू एक नंबर की शातिर है.. !!"
शीला: "और हाँ.. सिर्फ ऊपर ऊपर से ही मत सहलाना.. चैन खोलकर बाहर भी निकालना.. मैं भी तो देखूँ.. किस लंड से तू रोज चुदवाती है.. इसी बहाने राजेश का लंड देखने मिल जाएगा"
रेणुका: "सिर्फ देखने में क्या मज़ा आएगा तुझे.. !! मेरे पति का लंड देखकर तुझे कहाँ संतोष होने वाला है.. !! ये तो ऐसी चीज है जिसे देखकर बेचैनी और बढ़ जाती है.. शीला, अगर सही में मजे करने हो तो.. तू राजेश के साथ बैठ और मैं मदन के साथ बैठती हूँ.. जस्ट फॉर चेंज.. मज़ा आएगा"
हवसखोर शीला, रेणुका की यह बात सुनकर एकदम बेकाबू हो गई
"ओह्ह रेणुका.. ये तूने क्या कह दिया??? मेरा और मदन का बहोत पुराना सपना है.. पार्टनर बदल कर सेक्स करने का.. पर वो आज तक पूरा नहीं हुआ है.." शीला ने सिसकते हुए कहा.. रेणुका के हाथ को अपने भोसड़े पर और सख्ती से दबा दिया उसने
रेणुका: "क्या सच में?? हम दोनों भी ऐसे मौके की तलाश में है.. असल में.. राजेश के कॉन्टेक्ट में एक कपल है.. जो पार्टनर चेंज करने के लिए राजी है.. पर वो लोग बहोत घबरा रहे है.. इसलिए अबतक मिलना नहीं हुआ.. वेबसाइट पर कॉन्टेक्ट हुआ है.. वो लोग रोज मेसेज भेजते है.. राजेश बता रहा था की उस वेबसाइट पर ऐसे पचास से ज्यादा जोड़ों का ग्रुप है.. जो आपस में पार्टनर बदलते रहते है.. यार, मुझे तो सुनकर ही ऐसा मज़ा आ गया था.. पर अब तक कुछ हो नहीं पाया यार.. !!"
शीला: "ओह्ह रेणुका.. तू ऐसी सब बातें मत कर.. आह्ह.. तू एक काम कर.. राजेश को कोने में ले जाकर बता दे.. की वो मेरे साथ ही बैठें.. और वो निःसंकोच होकर मेरे बबले दबाएं.. और उसे जो मर्जी कर्रे मेरे साथ.. मुझे बुरा नहीं लगेगा.. मैं मदन को तैयार करती हूँ.. हम कार में ही पार्टनर बदल लेते है.. मस्त सेटिंग हो जाएगा.. !! अगर राजेश भी मेरे और मदन जैसा खुले विचारों वाला हो तो.. हम एक कमरे में ही ग्रुप सेक्स का सेटिंग कर सकते है.. "
रेणुका: "हाँ यार.. राजेश को वैसे तो कोई प्रॉब्लेम नहीं होना चाहिए.. तभी तो वो उस वेबसाइट पर कपल ढूंढ रहा था.. पर अनजाने लोगों के साथ यह सब करने में बड़ा जोखिम होता है.. इसलिए वो भी थोड़ा सा झिझक रहा था"
शीला: "हाँ, वो तो है.. पर हमारे साथ तो ये प्रॉब्लेम भी नहीं होगा.. किसी को कानोंकान खबर भी नहीं लगेगी.. चल अब चलते है.. कहीं कोई आ गया तो तकलीफ हो जाएगी"
रेणुका: "एक मिनट रुक जा शीला.. मेरे दिमाग में ओर एक आइडिया आ रहा है"
शीला: "अरे यार, जल्दी चल.. सब इंतज़ार कर रहे होंगे हमारा.. जाते जाते बताना तेरा आइडिया.. !!"
रेणुका ने शीला की चूत से उँगलियाँ बाहर निकाली और हाथ धो लिए.. दोनों टॉइलेट से बाहर निकली.. मदन और राजेश बातें कर रहे थे.. वैशाली और कविता भी बातों में उलझी हुई थी.. पीयूष अपने मोबाइल पर लगा हुआ था
चलते चलते शीला ने पूछा "अब बोल, क्या बता रही थी तू?"
रेणुका: "मैं ये सोच रही थी.. हम अभी अपने मर्दों को इस बारे में कुछ नहीं बताएंगे.. हम ऐसे पेश आएंगे जैसे हम खुद ही एक दूसरे के पतिओ को पटा रहे है.. उन्हें बिना कुछ कहें"
शीला: "कार में ये सब कैसे करेंगे?? उससे अच्छा तो बता कर ही करते है"
रेणुका: "मैं जैसे कह रही हूँ वैसा कर.. हम फिलहाल अपने अपने पार्टनर के साथ ही बैठेंगे"
शीला: "ठीक है यार.. जैसा तू कहें.. पर एक दूसरे के पति के साथ बातें तो कर सकते है ना.. !!"
रेणुका: "हाँ कर सकते है.. पर सिर्फ बातें ही करनी है अभी के लिए.. बाकी सब छुप छुपकर करना होगा.. कल से हम फोन पर शुरू करेंगे.. तू राजेश को फोन करना और मैं मदन को फोन करूंगी.. हम दोनों आपस में एक दूसरे को सब बता देंगे.. पर अपने पति को कुछ नहीं बताएंगे.. फिर देखते है.. हमारे मर्द कैसे पेश आते है"
शीला: "यार, गजब का आइडिया सोचा है तूने.. मतलब अब इस उम्र में हमें फ्लर्ट करना होगा.. वो भी एक दूसरे के पति के साथ.. !!"
रेणुका: "अरे यार, फ्लर्ट करने के लिए कोई उम्र थोड़े ही होती है.. !! वो तो कभी भी कर सकते है"
दोनों चलते चलते टेबल के पास आई.. अपने अपने पति के पास बैठ गई.. थोड़ी देर के बाद.. शीला ने कहा "यार यहाँ कोने में मुझे घुटन हो रही है.. रेणुका, तुझे प्रॉब्लेम न हो तो तू यहाँ बैठ जाएगी?" रेणुका तुरंत ही उठ खड़ी हुई और मदन के पास बैठ गई.. मुसकुराते हुए शीला राजेश के पास आकर बैठ गई
पीयूष, कविता, पिंटू और वैशाली एक टेबल पर थोड़े दूर बैठे थे.. उन्हें इन चारों में कोई दिलचस्पी नहीं थी.. कविता को जरा सा भी अंदाजा नहीं था की उसके प्रेमी पिंटू के प्रति, वैशाली आकर्षित हो चुकी थी.. आपस में बातें करते हुए, वैशाली और पिंटू और करीब आते जा रहे थे.. अठारह बीस साल की लड़की, लड़कों के दिखावे से आकर्षित होती थी.. पर तीस की उम्र पार कर चुकी लड़कियां, लड़के के विचार, सद्गुण और सलामती देखकर आकर्षित होती है..
राजेश: "ये तो आप दोनों ने अदला-बदली कर दी.. मेरे साथ शीला जी और मदन के साथ रेणुका.. हा हा हा हा"
रेणुका ने शर्म के मारे आँखें झुका दी..
राजेश: "अरे, मैं तो मज़ाक कर रहा था"
शैतानी मुस्कान के साथ शीला ने कहा "अच्छा मज़ाक था.. !!"
मदन ने चोंककर रेणुका के सामने देखा.. वो कनखियों से मदन को देख रही थी.. उसने अपनी नजरें फेर ली.. और खाना खाने पर ध्यान केंद्रित किया
खाना खाकर सब वापिस अपनी गाड़ियों में बैठ गए.. पीयूष की गाड़ी आगे जाने दी और मदन ड्राइविंग सीट पर बैठ गया..
रेणुका: "अरे राजेश, मदन कब से गाड़ी चला रहा है.. थक गया होगा.. थोड़ी देर तू गाड़ी चला ले"
राजेश" "मैं बस बोलने ही वाला था.. मैं चला लेता हूँ.. !!"
मदन को रेणुका की ये बात बहोत अच्छी लगी "थेंकस रेणुका.. मैं वाकई थक चुका हूँ"
राजेश ड्राइवर सीट पर बैठ गया और रेणुका उसके साथ.. शीला और मदन पीछे की सीट पर बैठ गए
जैसे ही गाड़ी चली.. शीला ने मदन की जांघों पर हाथ रख दिया.. और मदन के सामने देखकर, शैतानी भरी मुस्कान देते हुए आँख मारी.. धीरे से उसके लंड को सहला रही शीला का हाथ पकड़कर मदन ने उसके कान में कहा "यार, क्यों सो रहे सांप को जगा रही है?? ये जाग गया तो फिर शिकार मांगेगा.. "
शीला ने मदन के कान मे कहा "तेरे सांप में अब शिकार करने का दम ही कहाँ है.. !!"
शीला इतनी उत्तेजित थी की उसने मदन की मर्दानगी को ही ललकार दिया.. जब भी उसका भरपूर चुदाई का मन हो तब वो मदन को ऐसा ही कुछ बोलकर उकसाती.. और फिर मदन उसे बेरहमी से चोद देता.. !!
शीला की आँखों से टपकती वासना को देखकर मदन सोच में पड़ गया.. ये साली इस समय गरमाए बैठी हुई है?? यहाँ गाड़ी में, राजेश और रेणुका की मौजूदगी में.. इसे कैसे शांत करूँ.. !!
शीला: "बहोत गर्मी हो रही है यार.. रेणुका, जरा एसी तेज कर दे"
रेणुका ने मुसकुराते हुए कहा "अब तुझे इस उम्र में बड़ी गर्मी चढ़ रही है.. !! देखना.. कहीं घर जाकर मदन को अपनी आग में मत झोंक देना.. तेरी आग के बारे में, मैं अच्छे से जानती हूँ.. एसी की हवा से शांत नहीं होने वाली तू"
शीला: "चुप कर बदमाश.. कुछ भी बोलती रहती है.. वैसे गर्मी तो तेरे अंदर भी कुछ कम नहीं है.. अच्छे अच्छों को पिघलाने का हुनर है तुझ में.. !!"
रेणुका: "अब वो तो महसूस करने वाले को पता.. की मेरे अंदर कितनी गर्मी है.. पर हम भी अपनी गर्मी उन्हीं को दिखाते है जिसमे इस गर्मी को शांत करने की ताकत हो"
रेणुका और शीला, जान बूझकर खुलकर बातें कर रही थी.. उनकी बातें सुनकर मदन और राजेश को भी थोड़ा सा ताज्जुब हुआ.. धीरे धीरे दोनों ज्यादा से ज्यादा खुलने लगी..
ब्लाउस से एक स्तन बाहर निकालकर, ड्राइव कर रहे राजेश का हाथ खींचकर, उसपर रख दिया रेणुका ने.. टाइट ब्लाउस से पूरा स्तन तो बाहर नहीं निकाल पाई.. पर आधे स्तन की उभरी हुई निप्पल पर वो राजेश की हथेली को रगड़ने लगी.. इस हरकत से.. और रेणुका तथा शीला की उत्तेजक बातें सुनकर.. राजेश का लंड पतलून में तंबू बनाकर खड़ा हो गया
रेणुका राजेश का लंड बाहर निकालना चाहती थी.. पर उसके पेंट की चैन खुल ही नहीं रही थी.. शीला की बातें सुनकर राजेश का लंड इतना सख्त होकर अंदर से दबाव बना रहा था की चैन खुलने ही नहीं दे रहा था.. रेणुका ऊपर ऊपर से ही.. उस कचौड़ी जैसे फुले हुए हिस्से को सहलाने लगी.. आखिर राजेश ने ही रेणुका का काम आसान करने के लिए.. अपने पेंट का एक बटन खोल दिया.. बटन खुलते ही.. आधी चैन अपने आप खुल गई.. वी शैप की अन्डरवेर के साइड से सख्त लोडे को बाहर निकालकर, राजेश ने रेणुका के हाथों में सौंप दिया.. जिसे पकड़ते ही रेणुका की आह्ह निकल गई..
रेणुका ने अपना चेहरा राजेश के कान के करीब लाकर.. बिल्कुल धीमे से कहा "माय गॉड.. ये क्या है राजेश!! इतना टाइट तो आज तक कभी नहीं हुआ.. मैं नंगी होकर अपनी चूत फैलाकर तेरे मुंह पर रख देती हूँ तब भी इतना कडक नहीं होता है.. " रेणुका की इन हरकतों को देखकर शीला समझ गई की राजेश का लंड बाहर निकल चुका है.. मदन की मौजूदगी की जरा भी परवाह किए बगैर, शीला ने थोड़ा सा आगे आकर रेणुका के हाथ में जकड़े राजेश के लंड को देखा..
मदन: "क्या देख रही है शीला? शर्म नहीं आती तुझे?"
शीला ने बेधड़क होकर कहा "अच्छा.. अभी तू साइड से.. रेणुका के स्तन को देख रहा था.. तब तुझे शर्म नहीं आई थी?"
शीला ने मदन का लंड बाहर निकाला और झुककर चूसने लगी.. मदन की आँखें बंद हो गई.. शीला के कामुक होंठों ने लंड के इर्दगिर्द ऐसी पकड़ बना ली थी की वो अपने आपे से बाहर हो रहा था.. अपनी जीभ से शीला ऐसा कमाल कर रही थी की मदन से रहा नहीं जा रहा था.. ये तो मदन था जो शीला की इस कामुक चुसाई को बर्दाश्त कर पा रहा था.. और कोई होता तो उसके लंड ने कब का इस्तीफा दे दिया होता.. !!
मदन ने शीला के सर को पकड़े रखा था.. जब वो लंड अंदर लेने के लिए झुकती तब वो अपनी गांड उठाकर उसके मुंह में अंदर तक अपना लंड पेल देता.. शीला के मुंह से विचित्र आवाज़ें निकल रही थी.. शीला जान बूझकर ज्यादा आवाज़ें कर रही थी.. वो चाहती थी की रेणुका और राजेश उसकी आवाजों को सुने.. पर मदन को बहोत शर्म आ रही थी.. शीला और रेणुका एक दूसरे के सामने देखते हुए बार बार हंस रही थी..
राजेश ने पीछे देखते हुए कहा : "अरे क्या हो रहा है पीछे?" राजेश को अंदाजा तो लग गया था पर फिर भी उसने पूछा
मदन ने आगे की सीट पर बैठे राजेश के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा "भाई, कुछ नहीं हो रहा है.. तुम अपना ध्यान ड्राइव करने पर ही रखो..वरना एक्सीडेंट हो जाएगा"
हँसते हुए राजेश ने ड्राइविंग पर ध्यान केंद्रित किया.. पर रेणुका को मदन कैसे रोकता?? वो तो पीछे देखने लगी.. झुकी हुई शीला को..
मदन ने शरमाते हुए कहा "वो जरा शीला सफर के कारण थक गई है इसलिए मेरी गोद में सो रही है.. थोड़ा सा वॉमीट जैसा हो रहा है उसे इसलिए ऐसी आवाज़ें निकाल रही है" वैसे रेणुका को पता ही था की शीला क्या कर रही थी..
रेणुका: "अच्छा.. ?? मुझे तो ऐसी आवाज़ें आई जैसे कोई कुल्फी चूस रहा हो"
राजेश: "कहीं कोई गुड न्यूज़ तो नहीं है ना शीला भाभी..!! मदन, हम सब का मुंह मीठा करवाना पड़ेगा.. इस बार तो पक्का लड़का ही होगा..!!" उसने हँसते हँसते कहा
मदन: "क्या राजेश तू भी?? इस उम्र में अगर तुझे मिठाई खानी हो तो मुझे किसी 20 साल की लड़की से ब्याहना पड़ेगा.. मेरी तलवार में तो अब भी वार करने की ताकत है.. पर तेरी भाभी की म्यान सूख चुकी है.. !!"
अपना सिर ऊपर नीचे करते हुए मदन के लंड को चूस रही शीला को रेणुका देखती ही रही.. मदन शर्म से पानी पानी हो रहा था.. रेणुका ने राजेश के लंड को अपनी मुठ्ठी में दबाकर हिलाते हुए शीला को देखने के लिए पलटी.. तब उसका खुला हुआ गोरा स्तन, मदन की आँखों के बिल्कुल सामने आ गया.. मदन को अपने बबले को तांकते हुए देखकर.. रेणुका ने बिना शरमाये, राजेश के गाल पर किस कर दिया.. और मदन की तरफ देखकर उसे आँख मारी.. और कहा.. "आप दोनों इतना सब कर सकते हो तो हम इतना तो कर ही सकते है ना.. !!" इतनी मादक आवाज में रेणुका ने आमंत्रण भरी आँखों से मदन की ओर देखकर कहा
मदन: "आप को जो करना हो कर सकते हो.. मैंने कब मना किया.. ?? अगर आप को भी वॉमीट होने जैसा हो रहा हो तो आप भी गोद में सो जाइए.. जो करना हो कीजिए.. बस पीछे मत देखिए"
रेणुका : "एक बार शीला का हो जाने दो.. फिर सोचती हूँ"
मदन चोंक गया "मतलब?? मैं मेरी गोद में सुलाने की बात नहीं कर रहा हूँ.. क्या आप भी!!!"
राजेश ड्राइविंग करते करते इन सारी बातों का मज़ा ले रहा था
मदन की गोद में मुंह डालकर चूस रही शीला ने मुंह से लंड निकाला और कहा "मुझे कोई प्रॉब्लेम नहीं है रेणुका.. तू मदन की गोद में मुंह डालेगी तो मैं भी राजेश की गोद में मुंह डाल दूँगी" इतना कहकर शीला फिर से मदन का लंड चूसने में मशरूफ़ हो गई..
रेणुका को महसूस हुआ.. की जब शीला ने राजेश की गोद में जाने की बात खी.. तब राजेश का लंड और कडा हो गया.. वो इस बारे में राजेश के कान में कुछ कहने ही वाली थी.. चेहरा उसके कान के करीब ले जाकर वो कुछ कहती.. उससे पहले ही मदन ने पीछे से रेणुका के गोरे चिकने गाल पर एक हल्की सी पप्पी कर दी.. रेणुका का पूरा शरीर सिहरने लगा.. सिर्फ आधी सेकंड में ये हो गया.. राजेश और शीला को तो इसके बारे में पता तक नहीं चला क्योंकि राजेश आगे बैठा था और शीला का चेहरा नीचे था.. रेणुका के जिस्म में रोमांच और उत्तेजना की एक लहर सी दौड़ गई.. अपने पति की मौजूदगी में किसी गैर मर्द से चूमे जाने का विचार भी रोमांचित कर देता है..
जैसे कुछ न हुआ हो वैसे रेणुका राजेश के लंड से खेलती रही..
पीछे की सीट पर मदन का पूरा शरीर तंग हो गया.. शीला मुंह से लंड निकालकर उठ गई.. और अपनी टांगों के बीच हाथ डालकर उसने पेन्टी उतारकर पर्स में रख दी.. फिर दोनों हाथों से उसने अपना घाघरा उठाया.. और अपनी नंगी चूत को खुद ही सहलाने लगी.. पूरी कार में शीला के भोसड़े की मादक गंध फैल गई.. आगे की सीट पर बैठा राजेश भी समझ गया की पीछे क्या हो रहा था..
राजेश ने रेणुका से कहा : "अरे यार.. ठीक से बबले बाहर निकाल.. इस तरह आधे आधे में कुछ मज़ा नहीं आ रहा.. पीछे देखकर कुछ तो सीख.. !!"
रेणुका ने तुरंत अपने ब्लाउस के तमाम हुक खोल दीये.. और अपने दोनों खरगोशों को खोल दिया.. "पहले से बोलना चाहिए था ना तुझे.. !! बिना कहें मुझे कैसे पता चलता.. ले दबा ले.. जितना मन करें.. !!" रेणुका जान बूझकर थोड़ी ऊंची आवाज में बोली ताकि मदन को भी सुनाई दे..
राजेश ने भी ऊंची आवाज में.. शीला सुन सके उस तरह कहा "तुझे अपने बबलों को कभी ढंकना ही नहीं चाहिए.. कपड़ों के पीछे ये बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते"
"ऊँहहह.. जरा धीरे धीरे दबा यार.. तोड़ देगा क्या??" अंगड़ाई लेते हुए रेणुका ने कहा.. "और इन्हें जरूरत के समय ही खोल सकते है.. तुम्हारा भी हर वक्त खड़ा थोड़े ही रहता है?? जब जरूरत होती है तभी तो उठता है तुम्हारा.. !!"
"आह्ह रेणु... अब तो रहा नहीं जाता" राजेश ने सिसकते हुए कहा
"आज कुछ ज्यादा ही टाइट हो गया है तेरा.. डार्लिंग, परफ़ॉर्मन्स के टाइम तो इतना सख्त नहीं होता तेरा.. !! आज क्या खास हो गया??"
राजेश: "आज का माहोल ही कुछ ऐसा है जानु.. तू भी आज कितनी खिली खिली लग रही है.. इतना तो बेडरूम में कभी नहीं चमकती.. किसी और बेटसमेन का साथ इनिंग खेलना का मन तो नहीं बना लिया.. हा हा हा हा हा.. !!"
मदन: "नई जगह हो.. और नया क्लाइमेट हो तब खेलने में ज्यादा मज़ा आता है.. राजेश तुझे घास वाली पिच ज्यादा पसंद है या बिना घास की?"
राजेश: "मुझे घास से कोई मतलब नहीं.. हाँ अगर पिच नई मिल जाए तो बेटिंग करने का मज़ा आ जाएँ"
मदन और राजेश क्या बात कर रहे थे वो दोनों महिलायें अच्छी तरह समझ रही थी.. और वो भी मजे ले रही थी
कामुक हरकतें और बातें करते करते वो लोग कब शहर पहुँच गए, पता ही नहीं चला.. !!
राजेश ने रेणुका को एक आखिरी किस देकर कहा "चलो अब बाकी सब घर जाके करना.. हम पहुँच रहे है" राजेश ने अपना लंड रेणुका के हाथ से छुड़ाते हुए कहा और बड़ी मुश्किल से उसे पेंट में फिर से कैद किया..
शीला ने अपना घाघरा नीचे कर दिया.. इतना सब करने के बावजूद वो झड़ नहीं पाई थी.. ऐसे वातावरण में सबके सामने उसका झड़ना मुमकिन भी नहीं था.. उसे चाहिए था तड़कता-भड़कता स्खलन.. चीखते चिल्लाते हुए.. आवाज को रोककर झड़ना उसे बिल्कुल पसंद नहीं था..
चारों एकदम नॉर्मल होकर ठीक से बैठ गए.. शहर के अंदर घुसते ही.. एक होटल के पास, पीयूष गाड़ी खड़ी रखकर इन चारों का इंतज़ार कर रहा था.. राजेश और रेणुका गाड़ी से उतरे.. और अपनी गाड़ी में बैठ गए.. पीयूष, कविता और वैशाली उतरकर दूसरी गाड़ी में बैठ गए.. राजेश अपनी गाड़ी में पिंटू को ले गया.. क्योंकि दूसरी गाड़ी में जगह नहीं बची थी..
सब अपने अपने घर पहुँच गए.. मदन अब कोई नया बिजनेस ढूंढ रहा था.. और वैशाली अपना जीवनसाथी.. !!!
Lgta hai ab gangbang hoga