उधर शमशेर बदले की आग में जल रहा था... एक इंजेक्शन की वजह से वो नामर्द हो चुका था.. वो हर हाल में सावित्री और निरूपा से बदला लेना चाहता था... ठीक उसी तरह उसकी माँ श्यामला के आंखों में भी खून सवार थी....
श्यामला- सिर्फ बेठ के मच्छर मारता रहेगा या उस हरामी नटराज को बांध के मेरे सामने लाएगा... उससे जब तक बदला ना लूं तब तके मुझे चैन नहीं आएगी....
शमशेर- थोड़ा सब्र रख मेरी मम्मी... उस कमीने को तेरे पास जिंदा लाऊंगा....
श्यामला उस दिन की घटना को भुला नहीं पा रही थी, जब नटराज ने उसे सबके सामने बेरहमी से चोदा था...
श्यामला- उस मादरचोद को बताऊंगी की औरत चुत भी दे सकती है और गाँड़ भी मार सकती है....
श्यामला को जबसे नटराज बलात्कार किया था, उसी दिन से श्यामला कुछ ज्यादा ही बेशर्म हो गयी थी और शमशेर के सामने भी गन्दी गन्दी बातें बोलने लगी थी...
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निरूपा और नटराज कार में वापिस रघुनाथपुर लौट रहे थे... तभी निरूपा के अंदर बैठी हुई थी तभी फोन की घण्टी बजने लगी...
फोन वही अनजान आदमी का ही था....
निरूपा- हाँ बोलो
नटराज उसे ध्यान से देख रहा था...
निरूपा- मजे करो....
नटराज समझ नही पा रहा था कि आखिर ये शख्श है कौन ?
निरूपा मादक हंसी हंसती हुई बोली- तुम ना बड़े नटखट हो... तुम अगर मेरे बच्चों का खयाल नहीं रखिगे तो कौन रखेगा ?
नटराज मन ही मन बोला- ये किस्से बात कर रही है बहनचोद... कल रात से लगी हुई है माँ की चुत.....
निरूपा- अच्छा बाबा, वक़्त मिले तो तुमसे मिलने जाउंगी.... लेकिन में तुम्हारे साथ नहीं रह सकती....
नटराज का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था.....
फिर निरूपा हँसती हुई बोली- देखो जानती हूं कि तुमने मुझे हर सुख दिया है.... पर तुम भी मेरी बात को समझो.....
नटराज मन ही मन- मादरचोद साली रांड.....
निरूपा- ठीक है मुझे और एक बार पटा लो... और हाँ मजे करो... भरपूर चुदाई का मजा लो...
निरूपा के फोन रखते ही नटराज खुद को संभाल नहीं पाया और बोला- सामने पति होके किससे चुदाई की बात कर रही थी....
निरूपा- तुम तो ऐसे बात कर रहे हो जैसे कि तुम दूध के धुले हो....
नटराज- मेने क्या किया ?
निरूपा- मेरे रहते हुए उस रात सावित्री को बालकनी पर क्यों चोद रहे थे ?
नटराज खामोश हो गया....
निरूपा नटराज को बाहों से पकड़ते हुए बोली- जवानी का मजा लो नटराज... में भी जानती हूं कि तुम कई रंडियां चोदते रहते हो... मुझे इससे कोई ऐतराज नहीं... और हाँ तुम्हे भी मुझसे कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए...
नटराज मन ही मन बोला- तेरी माँ की चुत.... शमशेर गुरु ठीक ही बोल रहे थे... ये बहुत बड़ी रण्डी है....
तब नटराज बोला- पर मेरे सामने तुम्हे कोई और चोदे, ये मुझे पसंद नहीं है...
निरूपा- तुम जब मेरी बहन सावित्री को मेरे सामने चोद रहे थे, तब मैंने तो तुम्हे कुछ नहीं कहा.... तो मुझ पर शिकायत क्यों ?
नटराज- इसका मतलब ये तो नहीं कि तुम दुनिया भर के लन्ड से चुदती रहोगी...
निरूपा- देखो नटराज तुम कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ रहे हो...
नटराज मन ही मन बोला- चल आज घर चल, तेरी ऐसी ठुकाई करूँगा की दूसरे लन्ड को देखना भी पसन्द नहीं करेगी मादरचोद रांड.....
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उधर ऊटी में वो बुड्डा घनश्याम की बीवी चम्पा को जोरदार चुदाई कर रहा था... होटल की पूरा कमरा चम्पा की रोने की आवाज से गूंज रही थी.... चम्पा की चुत लाल लाल हो गए थे.... बुड्डा उसे कभी doggy बना कर चोद रहा तो कभी खड़े खड़े.... चम्पा की गाँड़ को चांटा मार मार के लाल कर चुका था....
बुड्डा उसे चोदते हुए बोल रहा था- अभी तो पहला दिन है चम्पा, और चार दिन तेरी चुत को चोदना है....
ये बात सुनके चम्पा की गाँड़ फट गई और वो बोली- नहीं मुझे छोड़ दो... में मर जाउंगी...
बुड्डा- क्यों मर जाएगी बहनचोद... ज्यादा चुदेगि तो तेरी चुत भी ज्यादा खुलेगी.... मादरचोद इतनी टाइट चुत पकड कर बैठी है.....
बुड्डा दनादन चोद रहा था....
चुदाई का एक राउंड खत्म करके वो चम्पा के पति घनश्याम को फोन लगाया- हेलो घनश्याम, तेरी बीवी कुछ ज्यादा ही नखरे कर रही है बहनचोद... पर तु फिक्र मत कर इसको चोद चोद के इसके सारे गड्ढा को खोदूँगा....
घनश्याम- हाँ साहब..
बुड्डा- और बता, सावित्री के चूची के दर्शन हो रहे हैं या नहीं ?
घनश्याम- मेरी ऐसी किस्मत कहां ? आप की जैसी किसन्त कहाँ ?
बुड्डा- वो सावित्री बहुत बड़ी रांड है मादरचोद.... उसको भी मेने कई बार चोदा है.... उसकी गाँड़ भी मार चुका हूं.....
घनश्याम- क्या बात है साहब ? पास में पैसे हो तो बड़ी से बड़ी रण्डी भी चोदना आसान है.....
बुड्डा- में सावित्री को फ्री में ठोक चुका हूँ... वो मुझे देखते ही चुत दे देती है....
घनश्याम- और निरूपा मेडम ?
बुड्डा- तुझे तो मैने सब बता दिया है फिर भी पूछ रहा है ?
घनश्याम हंसते हुए बोला- आपकी मजे है साहब, एक से बढ़ कर एक चुत का मजा ले चुके हैं....
बुड्डा- चल अभी चम्पा की और चुदाई करना है... फोन रख...
फोन रखते ही घनश्याम बोला- साला बुड्डा हो गया फिर भी चुत का रस चूसता ही जा रहा है... वो भी सावित्री और निरूपा जैसी कड़क माल का भी...
उधर फोन रखते ही बुड्डा चम्पा की चूची को चूसना सुरु किया तो चम्पा बोली- अभी और नहीं साहब, बहुत दर्द कर रही है....
बुड्डा चूची से मुंह निकाल के बोला- जब तक मेरा लन्ड सो नही जाता तब तक तेरी चुत भी नही सोना चाहिए... चुपचाप अपनी दोनो टांगे फैला कर रख....
चम्पा चुप हो गयी और अपनी दोनो टांगे फैला के लेटी थी... उसकी टांगे ज्यादा दर्द कर रही थी.... वो बुड्डा से पहले कभी भी इतना बड़ा लन्ड से नहीं चुदी थी...
बुड्डा उसकी दोनो चुची को चूसता जा रहा था....
फिर कुछ देर बाद चम्पा की मादक और दर्द से भरा सिसकारी पूरे कमरे में गूंज गयी....
बुड्डा चोदते हुए बोल रहा था- मादरचोद घनश्याम इसे ठीक से चोदता भी नहीं है... चुत कितनी टाइट है बहनचोद....
बुड्ढे का बड़ा लन्ड घुसते ही चम्पा की गाँड़ फट रही थी... दर्द से छटपटा रही थी लेकिन बुड्डा उसे जकड़ कर रखा था और दनादन पेल रहा था....
बुड्डा- में औरतों के ऊपर ज्यादा रहम नहीं दिखाता... धीरे से चोदना मुझे पसंद नहीं है...
ये कहते हुए बुड्डा चम्पा के गाँड़ पकड़ कर बड़े ही तेजी से चोदने लगा.....
चम्पा- माँ......... मर गयी.... मर जाउंगी छोड़ो.......
बुड्डा और जोर से चोद रहा था....
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नटराज बहुत ही गुस्से में था और उस रात निरूपा की जबरदस्त चुदाई का प्लान था....
निरूपा बालकनी पर खड़ी थी, तो नटराज पीछे से गया और उसे बाहों में उठा लिया....
निरूपा- अरे क्या कर रहे हो छोड़ो.....
नटराज- क्यों छोड़ू ? तुम मेरी बीवी हो यार...
निरूपा- हूँ ये बात है...
नटराज- चलो आज मेरा बहुत मूड है...
निरूपा- लेकिन आज मेरा मूड नहीं है...
नटराज- ऐसे कैसे यार ? मेरा लन्ड नाराज हो जाएगा...
निरूपा- समझाओ उसे की बस आज की रात रुक जाए, ज्यादा शोर मत करे (सेक्सी स्माइल करते हुए)
नटराज- तुम्हारी सेक्सी होंठ को देख कर ये और भी ज्यादा खड़ा हो रहा है.... और ये तुम्हारे होंठ से चुसवाने के लिए पागल हो रहा है....
निरूपा- सॉरी लन्ड महाराज (हंसती हुई)
नटराज- में कुछ सुनना नहीं चाहता (निरूपा को अंदर ले जाती हुई)
निरूपा- अरे छोड़ो ना....
नटराज उसे अंदर ले गया और बेड के ऊपर पटक दिया...
बेड पर गिरते ही निरूपा बोली- मेरे कमर तोड़ोगे क्या ?
नटराज- तुम्हारी जिस्म को तोड़ना है (निरूपा के नाइटी की डोर को खींचते हुए)
निरूपा- नटराज रुको ना....
नटराज पूरी नाइटी को उतार चुका था... निरूपा पूरी तरह नंगी हो चुकी थी....
नटराज- आज तुम्हारी जिस्म की हर एक अंग को तोड़ना है मुझे (चूची को मसलते हुए)
निरूपा- ओह नटराज... (नटराज के सर के बाल पर हाथ फेरती हुई)
नटराज अपना मुंह से एक चूची को चुसने लगा...
निरूपा अपनी आंखें बंद करके बोली- बस एक बार करना... आज मेरी बदन दुख रही है...
नटराज चूची से मुंह को बाहर निकाला और उसकी होंठ को चूसते हुए बोला- अभी तेल से तुम्हारी बदन को मसाज करता हूँ....
नटराज उठ के Olive Oil की डिब्बी ले के आया और हाथ में तेल डाल कर निरूपा के चुचियों पर मसाज करने लगा... चुचियों पर तेल लगा कर दोनो हाथों से पूरे ताकत से चुचियों को दबाने लगा.... निरूपा की चुचियां इतने बड़े थे कि एक चूची को दोनो हाथ से पकड़ना पड़ रहा था...
निरूपा की मुंह से मादक आवाज़ें आने लगा थी- आआआहहहहह..... ओहहहहहहहह......
नटराज चूची मसाज करते करते उसकी नाभि पर आ गया और तेल डाल के मसाज करने लगा...
निरूपा को मजा आने लगी थी...
नटराज का हाथ अब निरूपा की चुत पर थी... चुत की दोनो तरफ हाथ में तेल डाल कर मसाज करने लगा..
निरूपा- आआआहहहहह ओहहहहहहहह.....
नटराज की दो उंगलियां अब निरूपा के चुत के अंदर घुस चुका था..
चुत ज्यादा ढीली होने की वजह से उसकी उंगलियां आसानी से चुत में घुस गए थे....
नटराज मन ही मन बोला- साली रांड की चुत कितनी ढीली हो चुकी है... फिर भी इसकी लन्ड लेने की आदत नहीं गयी... बो भी बाहर के मर्दों की लन्ड... इसको सिर्फ बड़ा लन्ड बाले मर्द ही खुश कर सकते हैं.... चुत जो इतनी ढीली है....
फिर नटराज पूरे बदन को तेल लगा कर मसाज करने लगा....
तब तक निरूपा पूरी तरह गरम हो चुकी थी और उसकी चुत पूरी तरह गीली हो चुकी थी....
निरूपा- अब और ज्यादा देर मत करो नटराज.... चोदना सुरु करो...
नटराज- इतना जल्दी चोदूगा नहीं...
निरूपा- तो फिर ?
नटराज अब उसे मुंह के बल लिटा दिया... अब निरूपा की पीठ और गाँड़ ऊपर की तरफ थी.... उसकी दो भारी गाँड़ ऐसी दिख रही थी मानो कोई पहाड़ हो... जिसे देख कर ही नटराज का खड़ा लन्ड झटके खाने लगा....
नटराज तेल की कुछ बूंदे उसकी गाँड़ पर गिराया और मसाज सुरु करने लगा. . दोनो हाथ से दोनो गाँड़ को मसाज कर रहा था...
नटराज का हाथ गाँड़ के ऊपर से हो कर गाँड़ की छेद पर घुस गया....
निरूपा- उइमा.... नटराज आज गाँड़ मारोगे क्या ?
नटराज- दोनो मारूंगा....
निरूपा- तो फिर जल्दी मार लो...
नटराज- क्यों रहा नहीं जा रहा है ?
निरूपा- हाँ
नटराज मन ही मन बोला- आज viagra दबाई खाया हूँ, आज गाँड़ और चुत को कस कस के ठोकुंगा.... थोड़ी देर रुक जा रांड.....
कुछ देर ऐसे ही गाँड़ और पीठ का मसाज करने के बाद नटराज जो कि बहुत पहले से नंगा हो चुका था, अपना लन्ड निरूपा के गाँड़ के छेद पर रखते हुए एक जोरदार शॉट उसकी गाँड़ पर मारा....
निरूपा- उइमा....
नटराज- रांड की गाँड़ भी ढीली हो चुकी है.... लगता है मुझसे पहले और किसीने इसकी गाँड़ मार मार के गाँड़ की छेद को ढीली कर दिया है....
नटराज पीछे से गाँड़ को तेजी से चोदने लगा....
निरूपा के मुंह से मादक आंहे निकल रही थी....
नटराज चोदने में लगा हुआ था तो निरूपा बोली- जोर से चोदो नटराज... मजा नहीं आ रही है....
नटराज मन ही मन- और कितना जोर से चोदु रांड.....
नटराज उस रात निरूपा को आधी रात तक चोदा फिर भी निरूपा के आगे नटराज हार गया.... निरूपा तो थकी नहीं उल्टा नटराज थक के बेड के ऊपर लेट गया....
नटराज मन ही मन बोल रहा था- सच में ये बहुत बड़ी रांड है, चुदक्कड़ साली.... बाहर के लन्ड से ज्यादा चुद के रांड बन गयी है....साला में खुद थक गया इसे चोदते चोदते.....
तभी निरूपा बोली- नटराज तुम्हारे लन्ड पे रोज जापानी तेल लगाया करो, लन्ड थोड़ा बड़ा करो, तभी और मजा आएगी...
फिर निरूपा नटराज के तरफ अपनी गाँड़ दिखा कर सो गई..
नटराज मन ही मन बोला- मादरचोद रांड.... पता नहीं इसे और कितना बड़ा लन्ड चाहिए ?
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दूसरी सुबह सावित्री उठ के बालकनी पर खड़ी हो के बगीचे की तरफ देख रही थी.... तभी पीछे से निरूपा चाय पीते हुए आयी....
निरूपा- क्या सोच रही है मेरी बहन ?
सावित्री- यही की ये जनार्दन कभी नहीं सुधरेगा...
निरूपा- क्यों, क्या हुआ ? फिर क्या किया उसने ?
सावित्री- वही जो अक्सर किया करता है ?
निरूपा- क्या ?
सावित्री- कल खेत के फार्महाउस पर गांव की एक औरत को जो वहां पे मजदूरी करती है, उसे चोद रहा था.... तभी उस औरत का पति वहां पहुंच गया... अब उसका पति हंगामा कर रहा है....
निरूपा- ये मर्दों का कोई भरोसा नहीं होता.... खुद की बीवी को छोड़ के दूसरे की बीवी को ज्यादा ठोकते हैं... मुझे देख पति के ऐसी हरकतों की वजह से मैने खुद को बदला... वो लोग बाहर मुंह मार सकते हैं तो हम क्यों नहीं ? बल्कि हम तो ज्यादा मुंह मार सकते हैं....
सावित्री- तूने ठीक कहा दीदी...
निरूपा- अब मुझे देख ले, में एक इशारा कर दूंगी तो मर्दों की लाइन लग जायेगी मेरे पास....
सावित्री हंसती हुई बोली- दीदी ये मर्दों को तड़पा कर बहुत मजा आती है सचमुच....
निरूपा- अब ये साला नटराज भी कुछ ज्यादा ही नखरा कर रहा है...... ज्यादा होगा तो छोड़ दूंगी उसे...
सावित्री एक हाथ से निरूपा के कमर पे हाथ से सहलाती हुई बोली- क्यों दीदी रात को ठोकता नहीं है क्या (हंसती हुई)
निरूपा- नहीं रे... मुझे बोलती रहती है, ये करो वो करो... बहनचोद तू अपना काम देख ना... आ जाता है ज्ञान पेलने....
सावित्री हंसती हुई- सही बात है... उसे तुझे पेलने के लिए रखा गया है पर वो तुझे ज्ञान पेल रहा है बहनचोद....
फिर निरूपा भी हंसने लगी...
तभी निरूपा और सावित्री की नजर Main Gate के पास के झाड़ी पर पड़ा जहां पर कोई आदमी खड़ा था और अपने लन्ड पे हाथ आगे पीछे करके मुठ मार रहा था....
सावित्री और निरूपा की नजर उसके काले लन्ड पर पड़ी जो कि बहुत बड़ा था..
फिर निरूपा और सावित्री एक दूसरे को देख के हंसने लगे...
सावित्री- दीदी में जो देख रही हूं, क्या तू भी वही देख रही है ?
निरूपा- हाँ... लेकिन कौन है ये बहनचोद ?
साबित्री- पता नहीं...
निरूपा- साले को कोई जगह नहीं मिला क्या, जो उधर लन्ड हिला रहा है....
साबित्री- पर दीदी उसका लन्ड देख कितना बड़ा है (अपनी चूची को दबाते हुए)
निरूपा- हाँ वो तो है ही.... साले ने सुबह सुबह चुत गीली कर दी... ऊपर से ये नटराज भी कहीं बाहर गया हुआ है....
सावित्री- हाँ और जनार्दन तो ठीक से चोद भी नहीं पाता बहनचोद....
निरूपा और साबित्री अपनी अपनी चूची दबाते हुए उसके लन्ड को देख रहे थे लेकिन उसका चेहरा उन्हें नहीं दिख रहा था क्योंकि पौधों की वजह से...
वो आदमी जोर जोर से मुठ मार रहा था.... उसका काला मोटा और लंबा लन्ड को देख कर दोनों बहनें अपने निचले होंठ पर दांत दबाते हुए अपनी चुचियाँ दबा रहे थे....
निरूपा- पर ये कौन है बहनचोद ?
सावित्री- दीदी एक काम करते हैं, आखरी तक देखते हैं, वो बाहर तो आएगा ना झड़ने के बाद..
निरूपा- सही बोली....
फिर कुछ देर मुठ मारने के बाद वो आदमी के लन्ड से वीर्य निकलने लगा....
निरूपा और सावित्री ये देख कर चौंक गए कि वी आदमी अपने लन्ड से निकला सारा वीर्य को एक लाल रंग की ब्रा के ऊपर डाल दिया जो कि वो हाथ में पकड़ा हुआ था...
निरूपा- ये तो मेरी ब्रा है, जिसे में कल रात से ढूंढ रही हूं....
सावित्री- क्या (चूची को दबाते हुए)
निरूपा- हाँ... पर वो आदमी मेरी ब्रा कैसे ले गया ?
सावित्री- पर पता तो चले कि ये बहनचोद है कौन ?
निरूपा- बहनचोद मेरी ब्रा चुराके उसको गन्दा कर रहा है.....
सावित्री- दीदी अब वो बाहर निकलेगा...
कुछ देर बाद जब वो उस झाड़ी से बाहर निकला तो उसे देख कर निरूपा और सावित्री चौंक गए...
वो आदमी और कोई नहीं main gate के वॉचमैन घनश्याम था...
निरूपा- ये तो बहनचोद घनश्याम है....
सावित्री- इसकी हिम्मत कैसे हुई तेरी ब्रा चुराने की ?
निरूपा- ब्रा को छोड़ उसका लन्ड देखा कितना बड़ा है.... चुत गीली कर दिया बहनचोद (चूची दबाते हुए)
सावित्री- क्यों ना उसको हम अभी ऊपर बुला लें ?
निरूपा- नहीं अभी नहीं... एक काम कर उसे आज रात को बुला ले.... वैसे भी नटराज और जनार्दन दोनो नहीं रहेंगे... अपना भी मूड फ्रेश हो जाएगी....
सावित्री हंसती हुई- दीदी सही बात है...
निरूपा- उसको फोन लगा...
सावित्री मोबाइल से MAIN GATE पर कॉल किया तो घनश्याम ने फोन उठाया- हेलो..
सावित्री- घनश्याम एक काम कर तू अभी छुट्टी कर ले और आज रात को duty करने के लिए आजा....
घनश्याम- क्यों मेडम ?
सावित्री- जितना बोल रही हूं उतना कर...
घनश्याम- ठीक है मेडम....
फोन रखते ही साबित्री बोली- दीदी उसको तो रात को बुलाएंगे पर अभी क्या करें ? हमारी चुत तो गीली हो चुकी है....
निरूपा- चल आजा बेड पर... तुझे चोदना सिखाती हूँ (हंसते हुए बैडरूम की तरफ जाते हुए)
सावित्री भी हंसते हुए बैडरूम के अंदर गयी)
बैडरूम में जाके निरूपा अपना नाइटी उतार दी और पूरी तरह नंगी हो गयी.... सावित्री भी जल्द ही नंगी हो गयी...
सावित्री- वाह दीदी, तेरे जिस्म देख के नहीं लगता कि तू 50 साल की है और तेरे 3 बच्चे हैं (निरूपा के चुचियां और कमर को देख कर)
निरूपा- तुझे भी कोई बोल ही नहीं सकता कि तेरी उम्र 48 साल है और तेरे 2 बच्चे हैं.....
फिर निरूपा आगे बढ़ के सावित्री के पीछे जा के उसके दोनो चुचियों को पीछे से दबाने लगी....
सावित्री हंसती हुई बोली- बहुत मजा आ रही है दीदी...
निरूपा- मजा आ रही है ना (चूची को दबाते हुए)
सावित्री- हाँ दीदी...
निरूपा कुछ देर सावित्री की चूची दबाने के बाद बोली- चल अब मेरी चूची दबा....
सावित्री अब निरूपा की चूची को मसलने लगी....
सावित्री पीछे से दोनो चूची को दबा रही थी... तभी निरूपा बोली- बहनचोद ने चुत गीली कर दिया...
निरूपा पीछे मुड़ गयी और सावित्री की चुचियों को चूसने लगी....
साबित्री- ओह दीदी, तू बहुत अच्छी चूची चूस रही है....
निरूपा- चल अब तू भी चूस ले...
फिर साबित्री भी निरूपा के दोनो चुचियों को चुसने लगी....
फिर सावित्री किचन में गयी और एक बड़ा सा काला बैंगन ले के आयी...
साबित्री- ये साइज ठीक है ना दीदी....
निरूपा- इससे और बड़ा है तो ले के आ... क्या है ना मुझे बड़ा लन्ड बहुत पसंद है... इसलिए बड़ा बैंगन....
साबित्री फिर किचन गई और एक और भी बड़ा लम्बा बैंगन ले के आयी...
निरूपा- ये ठीक है बिल्कुल घनश्याम के लन्ड के जैसा...
साबित्री- पहले मेरी चुत मारो दीदी...
निरूपा- चल लेट जा....
साबित्री लेट गयी तो निरूपा बैंगन ले के उसकी दोनो टांगों को फैला के उस बैंगन को उसकी चुत में घुसा दिया...
सावित्री- उइमा.....
निरूपा जोर जोर से बैंगन को चुत के अंदर बाहर कर रह थी....
सावित्री- ओह दीदी, मजा आ रही है.... और जोर से....
निरूपा जोर जोर से अंदर बाहर करने लगी...
कुछ देर के बाद साबित्री झड़ गयी..
निरूपा- चल अब मेरी बारी...
निरूपा नीचे लेट गयी तो साबित्री उसकी चुत में वो बड़ा बैंगन डाल के चुत मारने लगी....
निरूपा- और जोर से मार...
साबित्री जोर जोर से बैंगन से निरूपा की चुत चोद रही थी...
निरूपा भी कुछ देर के बाद झड़ गयी...
फिर निरूपा बोली- तू जो भी बोल जो मजा लन्ड देगा वो कोई नहीं दे सकती....
सावित्री- हाँ... और वो मजा पाने के लिए हमें रात तक रुकना पड़ेगा..
निरूपा- वो भी ताजा लन्ड (हंसती हुई)
फिर निरूपा और सावित्री दोनो हंसने लगे....
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शमशेर-वो दोनो रण्डी निरूपा और साबित्री को 5 आदमियों से ना चुदवाया तब तक मुझे चेन नहीं मिलेगा.....
श्यामला- वो दोनो को वही सज़ा देना जिससे दोनो की ज़िंदगी बर्बाद हो जाये, उन्हें मारना मत....
शमशेर- उसी दिन का तो इंतजार है मम्मी...
श्यामला- खास कर वो रांड निरूपा को.... उसे और एक बार तेरा रखैल बनाना....
शमशेर- उसको वो सजा दूंगा की दूसरे लोग सोच कर कांप जाएंगे....
श्यामला- थोड़ा जल्दी कर जो भी करना है....
फिर श्यामला वहां से जाने लगी... कमरे के बाहर शमशेर का खास आदमी कालू खड़ा था... श्यामला कालू के पास जा के बोली- कालू मेरे बैडरूम के अंदर आजा...
कालू मोटा सा काला सा आदमी था, जो कि शमशेर का पालतू गुंडा था...
आगे आगे श्यामला जा रही थी और पीछे पीछे कालू जा रहा था...
बैडरूम में घुसते ही श्यामला बोली- दरवाजा बंद कर दे...
कालू हैरान हो कर दरवाजा बंद किया....
श्यामला झट से अपनी साड़ी और ब्लाउज उतार दी.... कालू ये देख के घबरा गया....
श्यामला- डर मत, हर औरत को सेक्स चाहिए, मुझे भी चाहिए... और मुझे भी पता है तुझे भी चाहिए..
कालू- मालकिन वो बाहर...
श्यामला अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी....
श्यामला- पता है बाहर शमशेर है... तू चिंता मत कर... में सम्भाल लुंगी...
कालू का नजर श्यामला के बड़े बड़े चुचियों पर टिका था जो कि एक छोटी सी ब्रा के अंदर कैद थी...
श्यामला अपनी पैंटी भी उतार दिया, तब तक कालू भी पूरी तरह नंगा हो चुका था...
श्यामला की झांटों से भरी चुत देख कर कालू का लन्ड और भी खड़ा होने लगा...
श्यामला कालू के पैर के नीचे बैठ गयी और उसके लन्ड को पकड़ के अपने मुंह में डाल के चूसने लगी....
कालू को मानो जन्नत का सुख मिल गया हो... वो सपने में भी नहीं सोचा था कि श्यामला जैसी गोरी चिट्ठी औरत उसका लन्ड चुसेगी.... वो आंखे बंद करके मजा ले रहा था....
तभी बाहर से शमशेर का आवाज आया- मम्मी क्या आपने कालू को देखा ?
श्यामला लन्ड से अपनी मुंह बाहर निकालते हुए बोली- नहीं, देख ले ठीक से, कहीं बाहर गया होगा (कालू को हंस हंस के देखते हुए)
शमशेर- कहाँ गया मादरचोद ? फोन भी नहीं उठा रहा है ?
कालू- मेडम मुझे जाने दो... वरना....
श्यामला फिर से लन्ड चूसने लगी...
कालू का लन्ड अब पूरे तन के खड़ा था.... श्यामला लन्ड चूसने की वजह से कालू अब पूरे जोश में आ चुका था... अब वो हर हाल में श्यामला को चोदना चाहता था....
कालू का लन्ड बहुत ही मोटा और काला था, जो कि श्यामला की मुंह में टाइट हो के घुसा हुआ था....
श्यामला कुछ देर लन्ड चुसने के बाद खड़ी हो गयी और drawer से एक कंडोम के पैकेट निकाली और कालू को देते हुए बोली- ये कंडोम लगा के जल्दी बेड के ऊपर आजा....
श्यामला बेड के ऊपर चढ़ गई और कुतिया पोज देते हुए बोली- जल्दी ऊपर आजा...
कालू बिना देर किए लन्ड पर कंडोम लगाया और बेड के ऊपर चढ़ गया... श्यामला doggy पोज़ पर थी, कालू अपना लन्ड को श्यामला की झांटों से भरी चुत पर सेट किया और धीरे से लन्ड को घुसाने लगा....
लन्ड आधा घुसते ही श्यामला की मुंह से आवाज आई- ओहहहहह...
कालू श्यामला की कमर को पकड़ कर लन्ड को थोड़ा सा बाहर निकाल कर फिर से एक जोरदार शॉट मारा जिससे पूरा का पूरा लन्ड चुत के अंदर घुस गया....
श्यामला- उइमाया.......
कालू धीरे धीरे अपना स्पीड बढ़ाने लगा था...
श्यामला- जरा जोर से चोद ना...
कालू को बहुत जोश आने लगा और वो अब पूरे जोर से चोदने लगा....
श्यामला- हाँ हाँ इस तरह चोद....
कालू बेड के ऊपर doggy पोज़ में श्यामला की जबरदस्त चुदाई कर रहा था.... श्यामला की दोनो गाँड़ हर शॉट पर फुटबॉल की तरह हिल रहे थे....
कालू अब एक हाथ से श्यामला की ब्रा को खींचते हुए दनादन पेल रहा था....
श्यामला- हाँ मजा आ रहा है कालू...... ऐसी ही चोदता जा....
कालू उस दिन पहली बार श्यामला जैसी खूबसूरत औरत की चुत का स्वाद चखा था...
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रात में घनश्याम जब बंगले पर ड्यूटी के लिए आया तो वो सीधा सावित्री के कमरे में गया...
साबित्री के कमरे के अंदर घुसते ही साबित्री बोली- आओ घनश्याम, आओ...
घनश्याम- आपने मुझे बुलाया मेडम ?
सावित्री- हाँ तुझसे एक काम था..
घनश्याम- हाँ बोलिये मेम साहब...
सावित्री- वो आम तुझे दीदी बताएंगी (घनश्याम के पैंट के ऊपर देखते हुए)
फिर बाहर से निरूपा कमरे के अंदर आती हुई दरवाजे को बंद कर दी....
घनश्याम चौंक गया...
निरूपा को देख कर घनश्याम का लन्ड खड़ा हो के शोर करने लगा... निरूपा उस वक़्त लाल रंग की साड़ी और टाइट ब्लाउज में थी, जिसमें से उसकी बड़ी बड़ी चूची की उभार साफ नजर आ रही थी...
घनश्याम की नजर निरूपा के चुचियों पर टिक गया था...
निरूपा- घनश्याम एक काम करेगा ?
घनश्याम- क्या मेडम ? (मादक होंठ और चूचीयों को घूरते हुए)
निरूपा- मेरी लाल रंग की ब्रा कहीं खो गयी है, क्या तूने देखा है ?
घनश्याम की गाँड़ फट गया ये बात सुनके...
निरूपा- क्या है कि यहां पर कुछ लोग ऐसे हैं कि ब्रा भी चुराने लगे हैं (घनश्याम के लन्ड को पैंट के ऊपर से घूरते हुए)
घनश्याम मन ही मन सोचा- कहीं मेडम को पता तो नहीं चल गया ना कि मैने ही उनकी ब्रा चुराया है... मर गया में तो...
निरूपा- क्या सोच रहा है घनश्याम ?
घनश्याम हड़बड़ाते हुए- नहीं कुछ तो नहीं मेडम ?
निरूपा बड़े ही मादकता से अपनी बड़ी बडी गाँड़ मटकाते हुए चलती हुई गयी और कुर्सी पर टांगों के टांगे रख कर बेठ गयी...
घनश्याम निरूपा की बड़ी बड़ी गाँड़ को बड़े ही जोश से देख रहा था...
निरूपा घनश्याम को देखती हुई बोली- तेरा शादी हो गया घनश्याम ?
घनश्याम- हाँ मेडम (तिरछी नजर से निरूपा की चुचियों को घूरते हुए)
निरूपा- तो फिर मुठ क्यों मार रहा है बहनचोद ?
सावित्री ये सुनके जोर जोर से हंसने लगी और घनश्याम को मानो करंट लग गया हो..
निरूपा- बीवी घर पर होते हुए तू मुठ मार रहा है, क्यों तेरी बीवी तुझे चुत नहीं देती है क्या ?
घनश्याम डर से कांप रहा था...
निरूपा- वो भी ड्यूटी के टाइम में मुठ मार रहा है...
घनश्याम मन ही मन- ये बात इसको कैसे पता चली ?
निरूपा- मुझे सब पता है.. मेरी ब्रा तूने ही चुराया है...
घनश्याम अब ज्यादा कांपने लगा था...
निरूपा- आज में तुझे बताऊंगी की मुठ कैसे मारा जाता है ?
घनश्याम का लन्ड पूरी तरह खड़ा हो चुका था, पैंट फूल गया था जिसे निरूपा ने देख लिया था...
निरूपा- चल अपना पैंट खोल...
सावित्री हंसती हुई- नंगा हो जा जल्दी...
घनश्याम कांपते हुए नंगा हो गया...
नंगा होते ही उसका बड़ा लन्ड तन के खड़ा था, जिसे देख कर निरूपा और साबित्री के होश उड़ गए...
सावित्री- दीदी देख इन मादरचोद के कितना बड़ा लन्ड है (कान में बोलती हुई)
निरूपा औए सावित्री एक साथ खड़ी हो गए और अपने सारे कपडे उतारने लगे... जैसे जैसे निरूपा और सावित्री के जिस्म से एक एक कपड़े उतर रहे थे वैसे बेस घनश्याम का लन्ड और भी उत्तेजित हो रहा था, ,खास कर निरूपा के मादक नंगी बड़ी बड़ी चूची देख कर....
फिर निरूपा और सावित्री एक साथ घनश्याम के पैर के पास घुटनों के बल बेठ गए और एक साथ दोनो लन्ड को हाथ से पकड़ने लगे...
ऐसा करने से घनश्याम आउट ऑफ कंट्रोल हो गया और झुक के निरूपा और सावित्री के एक एक चूची को हाथ से पकड़ लिया और दबाने लगा...
निरूपा हँसती हुई बोली- जरा सब्र रख घनश्याम... सब करने का मौका मिलेगा...
फिर घनश्याम हाथ हटा कर सीधा खड़ा हो गया..
फिर निरूपा पहले लन्ड को मुंह में ले के चुसने लगी... घनश्याम के पूरे बदन में करेंट लग गया था.... उसको निरूपा की कोमल होंठ का एहसास उसके लन्ड पे हो रहा था... लन्ड उत्तेजित हो के पागल हो गया था... घनश्याम का बड़ा लन्ड निरूपा के मुंह में अंदर बाहर हो रहा था....दोनो बहनें बारी बारी से घनश्याम का लन्ड चूसने लगे... घनश्याम बड़े मुश्किल से खुद को संभाल कर खड़ा था. .
फिर निरूपा और सावित्री एक साथ खड़ी हो गए और घनश्याम के सर के बाल को पकड़ कर अपनी एक एक चूची पर मुंह को डालते हुए बोले- चल थोड़ा दूध पी ले....
घनश्याम इतना बड़ा चूची पहली बार इतने करीब से देख रहा था.. वो भी चार चार चुचियाँ.... निरूपा के चूची के निप्पल्स ब्राउन कॉलोर के थे और सावित्री के लाल रंग, जिसे देख कर घनश्याम और भी पागल होने लगा...
घनश्याम कभी निरूपा की चूची चूस रहा था तो कभी सावित्री की चूची चूस रहा था... दोनो बहनें घनश्याम के सर के बाल पकड़े हुए थे और घनश्याम मजे से चार चुचियों को चूस रहा था...
फिर निरूपा अपनी चूची को उसके मुहं से निकालती हुई बोली- घनश्याम चल अब बेड के ऊपर सीधा लेट जा.......
घनश्याम बेड के उपर सीधा लेट गया जिसके वजह से उसका खड़ा लन्ड सीधा तन के घर के छत को सलामी दे रहा था....
सावित्री ये देख के बोली- दीदी पहले में बेठ जाऊं ? ( हँसती हुई)
निरूपा- बेठ जा...
साबित्री बेड के ऊपर चढ़ गई और घनश्याम के लन्ड के उपर बेठ गयी... लन्ड पूरा का पूरा सावित्री की चुत में घुस गया... सावित्री की मुंह से हल्का सा सिसकि निकल गयी... घनश्याम का मजे का ठिकाना नहीं रहा... अब सावित्री लन्ड के ऊपर बेठ कर ऊपर नीचे हो कर चुदने लगी... बेड भी हिलने लगे थे... साबित्री की मुंह से मादक सिसकियां निकलने लगी "आहहहहहह ओहहहहहहह....
घनश्याम को बहुत मजा आ रहा था, उसका नजर सावित्री की बड़ी बड़ी चुचियों पर था जो कि सावित्री के ऊपर नीचे होते ही जोर जोर से हिलने लगे थे...
तभी निरूपा बेड के ऊपर चढ़ गई और घनश्याम के मुंह के ऊपर बेठ गयी... निरूपा की चुत घनश्याम के मुंह पे थी....
निरूपा- चल चुत चाट...
घनश्याम चुत चाटते हुए सोच रहा था- क्या किस्मत है दो खूबसूरत औरत आज मुझे मजा दे रहे हैं... किसी ने सच कहा है भगवान जब भी देता है छप्पर फाड़ के देता है...
सावित्री उसके लन्ड पे बेठ के ऊपर नीचे उछल रही थी और निरूपा उसके मुंह पे चुत लगा के बैठी थी... घनश्याम को डबल मजा आ रहा था... चुत भी चोद रहा था और चुत भी चाट रहा था..
घनश्याम निरूपा के चुत को चाटे जा रहा था और निरूपा की मुंह से मॉदक सिसकियां निकल रही थी..... कमरे में दोनो बहनें की मादक सिसकारी गूंज रही थी...
कुछ देर के बाद निरूपा उठ गई और सावित्री भी लन्ड के ऊपर से उठ गई... अब निरूपा लन्ड के ऊपर बेठ गयी और सावित्री अपनी चुत डाल के घनश्याम के मुंह के ऊपर बेठ गयी....
निरूपा उसके लन्ड पर बैठते ही घनश्याम को एक अद्भुत सुख का अनुभव हुआ, वो बहुत दिनों से निरूपा को चोदना चाहता था, लेकिन आज खुद निरूपा उसके लन्ड से चुदवा रही थी...
कुछ समय बाद निरूपा उठी और बोली- चल अब doggy में चोद... और निरूपा कुतिया बन के नीचे बैठ गयी....
घनश्याम नीचे उतर गया और निरूपा के पीछे उसकी चुत पे लन्ड लगा कर एक जोरदार धक्का मारा जिससे पूरा चुत के अंदर लन्ड घुस गया....
एक जोरदार आवाज आई "फ़चककककककक.......
निरूपा- उफ़्फ़फ़फ़... बहुत बड़ा लन्ड है रे तेरा....
घनश्याम धीरे धीरे लन्ड को अंदर बाहर करता हुआ बोला- ये आपके लिए ही तो है....
निरूपा- आआहहहहह.... मतलब तेरे बीवी के लिए नहीं है..
घनश्याम- उसको चोद के मजा नहीं आता, साली में जोश ही नहीं है....
निरूपा- आआआहहहहहहहहहहहह.... ओहहहहहहहहहहहहहह..... मतलब तू कहना क्या चाहता है, तेरा ये लन्ड मेरे लिए है....
घनश्याम पूरे जोश से चोदता हुआ बोला- हां मालकिन, में आपको बहुत दिनों से चोदना चाहता था... पर....
निरूपा आहे भरती हुई बोली- पर क्या ?
घनश्याम- पर डरता था कहीं आप गुस्सा हो गए तो ?
तभी सावित्री आके घनश्याम के मुंह पे अपनी चूची चूसाते हुए बोली- अपनी माँ की उम्र की औरतों पर लाइन मारते हुए शर्म नहीं आ रही है बहनचोद....
घनश्याम साबित्री की चूची चूसते हुए जोर जोर से निरूपा को चोदते हुए बोला- आप दोनों मेरे माँ की उम्र की हो पर आप दोनो की चुत चोदने में बहुत मजा आ रहा है.... रसीली चुत है....
निरूपा- और जोर से चोद बहनचोद.....
घनश्याम अपना स्पीड बढ़ाया... कमरे में "पच पच पच पच पच पच पच पच पच" की आवाज़ें तेज होने लगा....
घनश्याम का लन्ड निरूपा के चुत में घुसते ही "पच" की आवाज़ें आ रही थी... निरूपा के बड़ी गाँड़ को पकड़ कर घनश्याम शॉट पे शॉट मारने लगा... इतने बड़े लन्ड से चुद के निरूपा के मुंह लाल लाल हो चुके थे.... उसकी दोनो चुचियां तेजी से हिल रहे थे....
घनश्याम दोनो हाथ नीचे ले जाकर निरूपा के दोनो चूची को पकड़ कर दनादन चोदने लगा...
वो मुश्किल से दोनो चुचियों को पकड़ा हुआ था, क्योंकि चुचियाँ बहुत बड़ी थी..
घनश्याम- आपकी चुचियाँ तो बहुत बड़ी बड़ी है मेडम....
निरूपा- मादरचोद चुप चाप चोद, ज्यादा बातें मत कर....
ये सुनके घनश्याम और जोर जोर से चोदने लगा....
घनश्याम- मेडम में झड़ने वाला हूँ..
निरूपा- चुत के अंदर मत डाल तेरा पानी.....
घनश्याम- तो फिर कहाँ डालू मेडम ?
निरूपा- तेरी माँ की चुत मादरचोद, बाहर डाल...
घनश्याम अपना लन्ड बाहर निकाला और जोर जोर से लन्ड को आगे पीछे करते हुए झड़ गया और ढेर सारा वीर्य नीचे गिरा दिया....
निरूपा उसके वीर्य को देख के बोली- तेरा वीर्य तो बहुत गाढ़ा है रे....
घनश्याम हांफता हुआ बोला- आप इसे पीना चाहेंगे मेडम ?
निरूपा कस के एक थप्पड़ घनश्याम के मुंह पे मारती हुई बोली- मादरचोद तूने मुझे अपना रण्डी समझ रखा है.....
घनश्याम मन ही मन बोला- तुझमें और रण्डी में क्या फर्क है रांड.... जी तो कर रहा है और एक बार तेरी ठुकाई करूँ वो भी गाँड़ की छेद में....
निरूपा- मादरचोद तुझे जितना मिला उतना तेरे लिए ज्यादा है (ब्रा और पैंटी पहनते हुए)
सावित्री- चल अभी मुझे चोदना सुरु कर...
निरूपा पूरे कपड़े पहन कर बोली- में जा रही हूँ सावित्री....
फिर निरूपा वहां से जाने लगी तो घनश्याम निरूपा के गाँड़ को घर रहा था..
सावित्री- ऐसे क्यों घूर रहा है बहनचोद ? चल अभी मुझे चोद...
फिर घनश्याम सावित्री की ठुकाई करने लगा, पर इसके मन में एक ही बात चल रहा था- "सावित्री की गाँड़ मारने की"
घनश्याम चोदते हुए सोच रहा था- निरूपा की चुत का स्वाद तो ले लिया, बस एक बार उसकी गाँड़ चोदने का मौका मिल जाये बस... जन्नत का सुख मिल जाएगा....
ये सोचते हुए वो सावित्री की जोरदार ठुकाई कर रहा था....
निरूपा अपने बेडरूम में जा कर मन ही मन बोल रही थी- मादरचोद का लन्ड नटराज से भी बड़ा है, ये अगर मुझे और 5 बार चोदेगा तो मेरी चुत भोसड़ा बन जाएगी...
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