नम्रता बहुत दिनों बाद अपनी मायके आयी थी... नम्रता की उम्र 26 साल की होगी.. उसकी 24 साल की उम्र में ही शादी हो गयी थी 25 साल की राजेश के साथ... नम्रता खूबसूरत होने के साथ साथ बड़ी बड़ी बूब्स और पाहाड जैसी गाँड़ की मालकिन थी...
जनार्दन ने भी अपने बेटी और दामाद से मिले और उनका हालचाल पूछा...
हॉल में जनार्दन, सावित्री, नम्रता और राजेश बेठ के बातें कर रहे थे... तभी शांति हाथ चाय की ट्रे ले के हॉल में आयी और सबको चाय देने लगी... राजेश की नजर शांति पर जैसे पड़ा वो हवस की नजर से शांति को देख रहा था... ये सावित्री ने देख लिया था.....
सावित्री- राजेश इधर उधर मत देखो, चाय पियो...
राजेश (हंसते हुए)- यहां पे तो हरियाली ही हरियाली है सासु मां...
सावित्री सेक्सी स्माइल दे रही थी...
राजेश ने सावित्री को आंखों से कुछ इशारा किया, जिसे सावित्री ने समझ लिया....
सावित्री- अच्छा बेटी, तुम और तुम्हारे पापा बातें कर लो, में राजेश को टेरेस पर से हमारे जमीन दिखा दूं....
नम्रता- ठीक है mom....
सावित्री (सेक्सी स्माइल करते हुए)- चलो राजेश...
राजेश और सावित्री टेरेस के ऊपर जाने लगे....
टेरेस पर राजेश सावित्री को अपने बांहों में भर कर पकड़ा हुआ था...
राजेश- वो औरत कौन थी जो चाय लायी थी...
सावित्री- क्यों ? तुम्हे क्या करना है ?
राजेश- ऐसे ही पूंछ रहा हूँ..
सावित्री- और तुम उसे ऐसे क्यों घूर रहे थे... वो हमारी घर की नौकरानी है शांति...
राजेश- ठीक है, अगर तुम कहो तो तुम्हारे बेटी को भी ना घुरुं...
सावित्री- चलो हटो...
राजेश एक हाथ से सावित्री के ब्लाउज के ऊपर से एक चुची को हल्का सा दबा के बोला- लगता है चौधुरी साहब रोज मालिश कर रहे हैं तुम्हारे Boobs की, कितना बड़ा हो गया है....
सावित्री- धत... मेरी ऐसी किस्मत कहां...
राजेश- क्यों क्या हुआ ? पाप जी ठोकते नहीं है क्या रात को...
सावित्री- तुम भी ना राजेश, बहुत दिन बाद आते हो, बहुत दिन हो गया तुमसे चुदाई कर के...
राजेश- तो फिर इतने दिन चुत पे उंगली डाल के मजे ले रहे थे क्या ?
सावित्री- पूछो मत....
राजेश- कोई बात नहीं, अभी में आ गया हूँ.. यहां पे 5 दिन रुकूँगा तो सारी प्यास बुझा दूंगा...
सावित्री- 5 दिन क्यों, यहां पे 1 महीने रुक जाओ... में नम्रता को मना लुंगी...
राजेश- अगर में 1 महीना रुका तो रोज तुम्हारी ठुकाई करूँगा, बोलो मंजूर है !!
सावित्री- मंजूर है....
फिर राजेश एक हाथ से सावित्री के चुचियों को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था...
सावित्री- उफ्फ छोड़ो, यहां पे कोई देख लेगा...
राजेश- देखने दो, अपने सास की चुचीं दबाने में क्या बुराई है...
फिर दोनों हंसने लगे...
राजेश सावित्री को अपने बांहों पे भर के उसकी चुचीं दबा रहा था और सावित्री राजेश की छाती पे मुंह रख के चुचीं दबाने की मजा ले रही थी.....
लेकिन दोनों को पता नहीं था कि कोई तीसरा आदमी उन्हें देख रहा था... वो तीसरा आदमो कोई और नहीं रघु था, जो पीछे से छुप के सब देख रहा था और अपने हाथ से पैंट के ऊपर से लन्ड मसल रहा था...
राजेश चुचीं दबाते दबाते सावित्री की होठ पे किस कर रहा था.. सावित्री भी बड़े ही प्यार से मजे ले रही थी... रघु ये सब देख रहा था और लन्ड मसलते हुए मन ही मन बोल रहा था- साली बहुत बड़ी चुदक्कड़ है रांड...
राजेश अब अपना हाथ पीछे ले जा कर सावित्री की गाँड़ दबा रहा था... रघु की तो ये सब देख कर गाँड़ फट रहा था.... और उसकी लन्ड सलामी दे रहा था...
राजेश जैसे ही सावित्री की पैंटी उतारने की कोशिश की सावित्री बोली- यहां पे नहीं, कोई आ जायेगा...
राजेश- अरे कोई नहीं आएगा... पहले भी तो यहां तुम्हे कई बार चोदा हुँ सासु मां....
सावित्री- ठीक है पर जल्दी करना ...
राजेश ने सावित्री की पैंटी उतार दिया.. रघु ये सब लाइव देख रहा था और लन्ड पैंट के बाहर निकाल कर मुठ मार रहा था... रघु को ये पता चल गया था कि यह पर सावित्री की ठुकाई होने वाली है...
राजेश भी अपना पैंट उतार चुका था.. वो सिर्फ अंडरवियर में था... और ऊपर शर्ट पहना हुआ था..
फिर राजेश ने सावित्री की एक टांग उठा कर उसकी जांघ को पकड़ लिया और खड़े खड़े अपना लन्ड सावित्री की चुत में डाल दिया...
सावित्री- आउच.... ससससससस..
राजेश धीरे धीरे पेलने लगा... सावित्री हल्की हल्की सिसकारी ले रही थी.... और टेरेस की गेट पर छुपा रघु बहुत तेज से मुठ मार रहा था... राजेश कुछ समय धीरे धीरे चोदने के बाद अपनी स्पीड बढ़ा दी और दनादन चोद रहा था खड़े खड़े... सावित्री भी सिसकारी भर रही थी लेकिन धीरे धीरे... रघु ये सब देख के बहुत तेज मुठ मारते हुए धीरे से बोल रहा था- साली रांड, चुदक्कड़, चिनाल, नाम सावित्री है पर एक नंबर की रांड है.. अपनी ही दामाद से खुलेआम चुद रही है... राजेश जैसे जैसे शॉट मार रहा था, रघु वैसे वैसे बोल रहा था- और जोर से ठोक रंडी को, चुत फाड़ कर रख दे साली की...
राजेश खड़े खड़े बड़े तेजी से सावित्री को चोद रहा था... सावित्री की मुंह से सिसकारी गूंज रही थी...
"उहहह.. ऊइमा... आहहहहह..
सावित्री साड़ी पहनी हुई थी, राजेश सिर्फ उसकी चड्डी निकाल के एक टांग को ऊपर उठा कर खड़े खड़े चोद रहा था और सावित्री मजे से चुद रही थी....
रघु ऐसी मादक दृश्य देख देख के जोर जोर से मुठ मार रहा था...
करीब 10 मिनट चोदने के बाद राजेश सावित्री की चुत में सब पानी छोड़ दिया और रघु भी मुठ मारते मारते झड़ गया और सब पानी नीचे डाल दिया....
रघु बड़े तेजी से नीचे की तरफ जा रहा था क्योंकि राजेश और सावित्री नीचे आने वाले थे....
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सावित्री और राजेश टेरेस से सीधा हॉल में आ गए जहां पे नम्रता और जनार्दन बेठे हुए थे....
नम्रता- राजेश मम्मी ने सब दिखा दिया ना ?
राजेश- हां मम्मी ने सब कुछ खुल के दिखा दिया, मजा आ गया सचमुच....
ऐसी डबल मीनिंग बातें सुन के सावित्री राजेश की और देख कर सेक्सी स्माइल कर रही थी...
नम्रता- मम्मी राजेश को सब समझा दिए ना ?
सावित्री- राजेश को समझाने की क्या जरूरत है, ये तो पहले से समझदार हैं....
राजेश और सावित्री एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे.....
सावित्री- तुम सब एक दूसरे से बात कर लो, मैं आती हूं...
ये कहते हुए सावित्री बाहर आ गयी और रघु को आवाज दी, जो कि गाड़ी धो रहा था.... मालकिन की आवाज सुनके रघु फौरन पास आ गया....
सावित्री- रघु पास वाले मेडिकल जा और तेरे जनार्दन साहब के लिए कुछ दवाइयां ले के आ, सब दवाई खत्म हो गयी है..
रघु- जी मालकिन
रघु जा ही रहा था और सावित्री ने फिर से कहा- और हाँ सुन, छुप छुप के किसी को देखना और किसी की बात सुनना अच्छी बात नहीं है, अपने काम पे ध्यान दे...
रघु ये सुनके घबरा गया और पसीना पसीना हो गया...
सावित्री- क्या हुआ, हां या ना...
रघु- जी मालकिन...
सावित्री- अब जा...
रघु वहां से मेडिकल के लिए बंगले से बाहर निकल रहा था... रास्ते भर ये सोच रहा था कि आखिर सावित्री को कैसे पता चल गया कि में छुप छुप के उन्हें देख रहा था... कहीं उसने मुझे देख तो नहीं लिया... नहीं अगर देखा तो वो मुझे डांटति, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया सिर्फ समझाई....
रघु के मन में कुछ सवाल घूम रहे थे.. वो ये सोच रहा था- सावित्री ने पहले मुझे और निर्मला को झाड़ी के पास देखा, फिर भी वो कुछ नहीं बोली, सिर्फ सवाल पूछी.. मेने उसकी ब्रा और पैंटी चुराई, उसे कैसे पता चली, कुछ समझ में नहीं आ रहा है... उसे ये भी पता था कि मैने ब्रा पैंटी चुराए हैं फिर भी वो कुछ नहीं बोली... और अब कहीं उसने मुझे टेरेस पे तो नहीं देख लिया ?
रघु ये सोचते सोचते मेडिकल के पास पहुंच गया.....
रघु ने सैंपल के लिए दवाई की कुछ पत्ती लाया था जिसे मेडिकल वाले को दिखा दिया...
मेडिकल वाला- भाइ साहब ये दवाई अपने बीवी के लिए ले जा रहे हो ना ?
रघु- क्या ? नहीं ये तो !
ये कहते हुए रघु सोच में पड़ गया और मेडिकल वाले से पूछा- भाइ साहब ये बताइए ये कौनसी दावाई है ?
मेडिकल वाला- ये औरतों की दावाई है, इससे प्रेगनेंसी रोका जाता है...
रघु चौंक गया और पूछा- मतलब ?
मेडिकल वाला- मतलब औरत को जितना भी सेक्स करो वो प्रेग्नेंट या गर्वबती नही होगी...
रघु अब सब समझ गया कि सावित्री ने उसे झूट क्यों बोला कि ये दवाई जनार्दन सहाब की हैं, लेकिन असल में ये दावाई खुद के लिए है जिसे खा कर अपने दामाद राजेश से जी भर के ठुकाई करनी है ताकि वो प्रेग्नेंट ना हो.. बड़ी ही चालाक और रंडी औरत है ये....
मेडिकल वाला- किस सोच में पड़ गए भाइ ? लगता है किसी की जोरदार ठुकाई करने वाले हैं आप, तभी तो ये दवाई ले रहे हैं...
रघु- अभी तो नहीं लेकिन एक दिन तो पक्का जोरदार ठुकाई करूँगा किसीकी (सावित्री को सोच कर)
रघु वहां से दवाई ले कर सीधा सावित्री मेडम के पास आया और दवाई दे दिया...
सावित्री दवाई लेते वक्त हल्की सी मुस्कुरा रही थी.....
ये देख कर रघु मन ही मन बोला- साली रांड चिनाल चुदक्कड़ औरत... एक दिन ये दवाई खिला कर इसकी जोरदार ठुकाई करूँगा ...
रघु वहां से फिर गाड़ी धोने के लिए आ गया....
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