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बेटा बहु की स्वागत करने के लिए बंगले के कंपाउंड में सावित्री, नम्रता, राजेश और जनार्दन खड़े थे.... सावित्री हाथ में एक थाली पकड़ी हुई थी जहां पे फूल के साथ साथ अगरबत्ती लगे हुए थे....
गाड़ी अब बंगले के अंदर एंट्री कर रही थी... सभी की exicitement बढ़ रही थी... रघु गाड़ी से उतरा और पीछे वयली सीट की दरवाजा खोल दिया... पिछेवाली सीट के दरवाजे खुलते ही अंदर से रंजीत बाहर निकला, जिसे देखते ही सावित्री की खुशी की ठिकाना ही नहीं रहा... और अगली दरवाजा खुलते ही अंदर से अपर्णा बाहर निकल रही थी....
अपर्णा को देखते ही जनार्दन और राजेश देखते ही रह गये... मिनी स्कर्ट पे अपर्णा सेक्स बम लग रही थी... बड़ी बड़ी चुचियाँ, बड़ी गाँड़, मिनी स्कर्ट पे ऐसे चिपकी हुई थी कि दोनों मर्दों की नजर उसपे टिक गया था.... जनार्दन की मुंह तो खुला रह गया था.. उसने आजतक कितने रंडियां चोदे हैं पर अपर्णा जैसी पटाखा कभी नही देखा था.... जनार्दन ने खुद को संभाला क्योंकि अपर्णा थी उसकी बहु, तो खुद को कंट्रोल किया....
रंजीत और अपर्णा को सावित्री ने गले लगा लिया... नम्रता ने अपने भाई रंजीत को गले लगा लिया.... सावित्री दोनो की फूल माला के साथ साथ आरती करके स्वागत कर रही थी, वहीं जनार्दन और राजेश की नजर अपर्णा के मादक जिस्म पर था....
सावित्री- आते वक्त कोई तकलीफ तो नही हुई....
रंजीत- नहीं मम्मी...
सावित्री- अरे बहु रानी, तुम पीछे क्यों खड़ी हो, इधर आओ और इनसे मिलो ये हैं तुम्हारे ससुर....
अपर्णा- Hii अंकल...
जनार्दन के साथ साथ सब भौंचका रह गए....
तब रंजीत ने सबको समझा दिया कि दिल्ली की लड़की होने की वजह से ये थोड़ी modern है...
जनार्दन- कोई बात नहीं बहु... और तुम्हारा नाम क्या है ?
अपर्णा- जी अपर्णा....
जनार्दन- बहुत प्यारा नाम है (बड़ी बड़ी चुचियों को घूरते हुए)
सावित्री- और इससे मिलो ये तुम्हारे ननद नम्रता....
अपर्णा- hii sweet heart
नम्रता- Hii darling भाभी...
फिर नम्रता और अपर्णा एक दूसरे के गले लग गए, जिससे कि दोनों की Boobs आपस में टकरा रहे थे... क्योंकि दोनों same हाइट के थे.... ये सब राजेश देख के पागल जैसा हो रहा था....
सावित्री- और इनसे मिलो ये हैं नम्रता के पति राजेश....
अपर्णा- हेलो हैंडसम....
राजेश- हेलो gorgeous (सेक्सी नजर से देखते हुए)
सावित्री को समझते देर नही लगी कि राजेश और जनार्दन की नजर अपर्णा पर पड़ चुका था....
रंजीत- और ये हैं मेरा खूबसूरत मम्मी और तुम्हारी सासु जी (सावित्री को कंधे से पकड़ के)
अपर्णा- hiii आंटी....
ये सुनके राजेश की मुंह से हंसी छूट गया क्योंकि अपर्णा ने सावित्री को आंटी जो बोली... सावित्री ने गुस्से की नजर से राजेश को देखा तो राजेश चुप हो गया....
सावित्री- और वो है हमारा ड्राइवर रघु, और ये दोनो यहां के नौकर हैं.... कोई भी जरूरत हो इन्हें बोल देना...
अपर्णा- ठीक है आंटी....
सावित्री- आंटी मत बोलो, मम्मी बोलो चलेगा...
राजेश सावित्री की तरफ देख कर आंख मार के हंस रहा था....
फिर सब बंगले के अंदर दाखिल हुए....
उनके जाते ही रघु परमेस्वर से बोला" अब लग रहा है रंडीखाना...
परमेस्वर- अबे धीरे बोल, कोई सुन न ले....
रघु- बंगले में हैं 3-3 रंडियां, सब एक से एक चुदक्कड़ औरतें..
परमेस्वर- मेरी नजर तो कब से नम्रता रांड पर टिकी हुई है, काश एक बार मिल जाये तो कस के चोदता....
रघु- तू चिंता मत कर परमेस्वर, एक दिन ये तीनो रंडियां हमारी लन्ड चूसेंगे...
परमेस्वर- क्या सच में ऐसा हो सकता है ?
रघु- तू बस देखता जा....
परमेस्वर- अभी जो मेडम आयी है उसका नाम क्या है ?
रघु- अपर्णा, रंजीत की बीवी...
परमेस्वर- क्या कपड़ा पहनी है भाई, वैसी ड्रेस तो फिल्मों की हीरोइनें पहनती हैं...
रघु- हां बड़े सहर की है ना, सबको गाँड़ और चुचीं दिखा रही है, लेकिन उसे पता नहीं है कि इस बंगले में एक से एक चोदू मर्द हैं, उसे रांड बनाके चोदने में देर नहीं लगेगा...
परमेस्वर- तुझे क्या लगता है, इसकी सुरुआत कौन करेगा ?
रघु- और कौन, हमारे जनार्दन साहब... देखा नहीं किस तरह अपर्णा को ताड़ रहे थे... जनार्दन साहब पक्का उसकी चुत मारेंगे... क्योंकि वो हैं ही चुत के आशिक...
परमेस्वर- हां वो तो है... रघुनाथपुर की ऐसी कोई औरत बची नहीं जिसको जनार्दन साहब ने ना चोदा हो....
रघु- अपर्णा का रंडी बनना तो तय है....
परमेस्वर- हां
रघु- अभी सावित्री को ही ले ले, राजेश की रांड बन चुकी है साली.. लन्ड चुसा चुसा के चोद रहा है साला....इस मादरचोद राजेश को में छोडूंगा नहीं....
परमेस्वर- भाइ मुझे लग रहा है राजेश अपर्णा को भी नहीं छोड़ेगा, पक्का उसके चुत के पीछे पड़ जायेगा....
रघु- चोदने दे... पर सावित्री को ऐसे चोदता है ना साला मुझे बर्दास्त नही होता.... में नहीं चाहता कि सावित्री को कोई और चोदे...
परमेस्वर- तू तो ऐसे बात कर रहा है जैसे सावित्री मालकिन तेरा बीवी हो...
रघु- मादरचोद तू नहुँ समझेगा... उस औरत की चुत जब तक नहीं मार लेता मुझे शांति नही मिलेगा...
परमेस्वर- चल भाई अपना काम करने वरना सपने देखते देखते तेरे लन्ड से पिचकारी निकल जायेगा...
ये कहते हुए दोनों हंसते हुए काम करने चले गए.....
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गाड़ी अब बंगले के अंदर एंट्री कर रही थी... सभी की exicitement बढ़ रही थी... रघु गाड़ी से उतरा और पीछे वयली सीट की दरवाजा खोल दिया... पिछेवाली सीट के दरवाजे खुलते ही अंदर से रंजीत बाहर निकला, जिसे देखते ही सावित्री की खुशी की ठिकाना ही नहीं रहा... और अगली दरवाजा खुलते ही अंदर से अपर्णा बाहर निकल रही थी....
अपर्णा को देखते ही जनार्दन और राजेश देखते ही रह गये... मिनी स्कर्ट पे अपर्णा सेक्स बम लग रही थी... बड़ी बड़ी चुचियाँ, बड़ी गाँड़, मिनी स्कर्ट पे ऐसे चिपकी हुई थी कि दोनों मर्दों की नजर उसपे टिक गया था.... जनार्दन की मुंह तो खुला रह गया था.. उसने आजतक कितने रंडियां चोदे हैं पर अपर्णा जैसी पटाखा कभी नही देखा था.... जनार्दन ने खुद को संभाला क्योंकि अपर्णा थी उसकी बहु, तो खुद को कंट्रोल किया....
रंजीत और अपर्णा को सावित्री ने गले लगा लिया... नम्रता ने अपने भाई रंजीत को गले लगा लिया.... सावित्री दोनो की फूल माला के साथ साथ आरती करके स्वागत कर रही थी, वहीं जनार्दन और राजेश की नजर अपर्णा के मादक जिस्म पर था....
सावित्री- आते वक्त कोई तकलीफ तो नही हुई....
रंजीत- नहीं मम्मी...
सावित्री- अरे बहु रानी, तुम पीछे क्यों खड़ी हो, इधर आओ और इनसे मिलो ये हैं तुम्हारे ससुर....
अपर्णा- Hii अंकल...
जनार्दन के साथ साथ सब भौंचका रह गए....
तब रंजीत ने सबको समझा दिया कि दिल्ली की लड़की होने की वजह से ये थोड़ी modern है...
जनार्दन- कोई बात नहीं बहु... और तुम्हारा नाम क्या है ?
अपर्णा- जी अपर्णा....
जनार्दन- बहुत प्यारा नाम है (बड़ी बड़ी चुचियों को घूरते हुए)
सावित्री- और इससे मिलो ये तुम्हारे ननद नम्रता....
अपर्णा- hii sweet heart
नम्रता- Hii darling भाभी...
फिर नम्रता और अपर्णा एक दूसरे के गले लग गए, जिससे कि दोनों की Boobs आपस में टकरा रहे थे... क्योंकि दोनों same हाइट के थे.... ये सब राजेश देख के पागल जैसा हो रहा था....
सावित्री- और इनसे मिलो ये हैं नम्रता के पति राजेश....
अपर्णा- हेलो हैंडसम....
राजेश- हेलो gorgeous (सेक्सी नजर से देखते हुए)
सावित्री को समझते देर नही लगी कि राजेश और जनार्दन की नजर अपर्णा पर पड़ चुका था....
रंजीत- और ये हैं मेरा खूबसूरत मम्मी और तुम्हारी सासु जी (सावित्री को कंधे से पकड़ के)
अपर्णा- hiii आंटी....
ये सुनके राजेश की मुंह से हंसी छूट गया क्योंकि अपर्णा ने सावित्री को आंटी जो बोली... सावित्री ने गुस्से की नजर से राजेश को देखा तो राजेश चुप हो गया....
सावित्री- और वो है हमारा ड्राइवर रघु, और ये दोनो यहां के नौकर हैं.... कोई भी जरूरत हो इन्हें बोल देना...
अपर्णा- ठीक है आंटी....
सावित्री- आंटी मत बोलो, मम्मी बोलो चलेगा...
राजेश सावित्री की तरफ देख कर आंख मार के हंस रहा था....
फिर सब बंगले के अंदर दाखिल हुए....
उनके जाते ही रघु परमेस्वर से बोला" अब लग रहा है रंडीखाना...
परमेस्वर- अबे धीरे बोल, कोई सुन न ले....
रघु- बंगले में हैं 3-3 रंडियां, सब एक से एक चुदक्कड़ औरतें..
परमेस्वर- मेरी नजर तो कब से नम्रता रांड पर टिकी हुई है, काश एक बार मिल जाये तो कस के चोदता....
रघु- तू चिंता मत कर परमेस्वर, एक दिन ये तीनो रंडियां हमारी लन्ड चूसेंगे...
परमेस्वर- क्या सच में ऐसा हो सकता है ?
रघु- तू बस देखता जा....
परमेस्वर- अभी जो मेडम आयी है उसका नाम क्या है ?
रघु- अपर्णा, रंजीत की बीवी...
परमेस्वर- क्या कपड़ा पहनी है भाई, वैसी ड्रेस तो फिल्मों की हीरोइनें पहनती हैं...
रघु- हां बड़े सहर की है ना, सबको गाँड़ और चुचीं दिखा रही है, लेकिन उसे पता नहीं है कि इस बंगले में एक से एक चोदू मर्द हैं, उसे रांड बनाके चोदने में देर नहीं लगेगा...
परमेस्वर- तुझे क्या लगता है, इसकी सुरुआत कौन करेगा ?
रघु- और कौन, हमारे जनार्दन साहब... देखा नहीं किस तरह अपर्णा को ताड़ रहे थे... जनार्दन साहब पक्का उसकी चुत मारेंगे... क्योंकि वो हैं ही चुत के आशिक...
परमेस्वर- हां वो तो है... रघुनाथपुर की ऐसी कोई औरत बची नहीं जिसको जनार्दन साहब ने ना चोदा हो....
रघु- अपर्णा का रंडी बनना तो तय है....
परमेस्वर- हां
रघु- अभी सावित्री को ही ले ले, राजेश की रांड बन चुकी है साली.. लन्ड चुसा चुसा के चोद रहा है साला....इस मादरचोद राजेश को में छोडूंगा नहीं....
परमेस्वर- भाइ मुझे लग रहा है राजेश अपर्णा को भी नहीं छोड़ेगा, पक्का उसके चुत के पीछे पड़ जायेगा....
रघु- चोदने दे... पर सावित्री को ऐसे चोदता है ना साला मुझे बर्दास्त नही होता.... में नहीं चाहता कि सावित्री को कोई और चोदे...
परमेस्वर- तू तो ऐसे बात कर रहा है जैसे सावित्री मालकिन तेरा बीवी हो...
रघु- मादरचोद तू नहुँ समझेगा... उस औरत की चुत जब तक नहीं मार लेता मुझे शांति नही मिलेगा...
परमेस्वर- चल भाई अपना काम करने वरना सपने देखते देखते तेरे लन्ड से पिचकारी निकल जायेगा...
ये कहते हुए दोनों हंसते हुए काम करने चले गए.....
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