उधर नम्रता एक कुर्शी पर बंधी हुई थी, उसकी आंखों पे पट्टी बंधी हुई थी साथ साथ हाथ पैर कुर्शी के साथ बंधे हुए थे.....
अचानक कमरे में कोई दाखिल हुआ, जिसका एहसास नम्रता को हुई....
नम्रता- कौन है ? और मुझे यहां पर क्यों लाये हो ?
सामने वही अनजान आदमी था जो सावित्री को फोन करके धमकाता था....
अनजान आदमी- घबरा मत, में हूँ तेरी माँ की आशिक....
नम्रता चौंक गई और बोली- मम्मी के आशिक ?
अनजान आदमी हंसा और बोला- अरे मजाक कर रहा हूँ... वैसे तेरी माँ है बड़ी खूबसूरत... क्या piece है सिंगल पीस माल, जिसको भगवान ने बड़े ही फुर्सत से बनाया है.... और तू भी उससे कम नहीं है.... तू भी बहुत खूबसूरत है... बिल्कुल अपने माँ पे गयी है.....
ये कहते हुए वो अनजान शख्श नम्रता की एक चूची को ब्लाउज के ऊपर से पकड़ लिया...
नम्रता- हाथ हटा कमीने....
अनजान आदमी- अभी तो तेरी चूची पकड़ा हूँ, आगे बहुत कुछ पकड़ना है और रौंदना भी है, तब क्या करेगी ?
नम्रता- प्लीज मुझे छोड़ दो.... में तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हुँ...
अनजान आदमी- यहां हाथ जोड़ने से कुछ नहीं मिलता... और बोल तेरी मम्मी केसी है ? (चूची को दबाते हुए)
नम्रता- आआहहहहहहहह..... मम्मी को तेरे आदमियों ने कार में....
अनजान आदमी- हाँ बोल बोल कार में क्या ? तेरी मम्मी को क्या किया ?
नम्रता- कार में सब मिल कर Rape किया......
अनजान आदमी- अरे इन गधों को मैंने बोला था कि सिर्फ तुझे छूना है.... वैसे तुझे एक बात बताऊं तेरी मम्मी को कुछ फर्क नहीं पड़ती क्यों कि वो रोज 8, 10 लन्ड लेती है अपनी चुत में...
अपनी मम्मी के बारे में ऐसी बातें सुनकर नम्रता गुस्सा हो रही थी लेकिन करे तो क्या ?
अनजान आदमी- चल तेरे मम्मी से थोड़ा बात किया जाए...
और वो नंबर डायल करने लगा...
उधर साबित्री ने फोन रिसीव करते ही अनजान आदमी ने बोला- केसी हो सावित्री डार्लिंग ?
सावित्री- मेरी बेटी केसी है बता ?
अनजान आदमी- वो अभी मेरे पास है, सब कार्यक्रम करके उसे छोड़ दूंगा....
सावित्री- आज शाम को ही छोड़ देना ....
अनजान आदमी- अरे ठीक से उसकी रस तो चूसने दे... एक ही दिन में क्या होगा ?
सावित्री- मतलब ?
अनजान आदमी- जी भर कर पलँग तोड़ ठोकना है मुझे तेरी बेटी को....
सावित्री- प्लीज उसे ज्यादा मत करना, वो ऐसे मामले में कच्ची है...
अनजान आदमी- और मुझे कच्ची आम पसन्द है....
सावित्री- नहीं प्लीज ...
अनजान आदमी- सुना है तुझे मेरे आदमियों ने Rape किया ?
सावित्री- क्या तूने तेरे आदमियों को ये नहीं समझाया था कि किसको क्या करना है ?
अनजान आदमी- अरे सब समझाया था पर क्या करूँ, साले लोग की नीयत तुझे देख कर बदल गया... सोचा इतना रसीला चीज़ पास में हो के कैसे जानें दे.... क्या है ना वो सब जवान लौंडे हैं, सामने तेरी जैसी रांड देख कर अपने लन्ड को कंट्रोल नहीं कर पाए....
सावित्री चुपचाप सुन रही थी...
सावित्री- मेरी बेटी और राजेश को जल्दी छोड़ देना प्लीज....
अनजान शख्श- चल अभी फ़ोन रख, तेरी बेटी को भोग भी लगाना है मुझे....
फिर वो शख्श फ़ोन काट के नम्रता की रस्सी निकाल दिया और नम्रता को बांहों में उठा के बेडरूम पे ले गया.....
फिर सुरु हो गया हवस का गंदा खेल... उस शख्श ने नम्रता की जिस्म को नोच नोच कर ठोक रहा था... कमरे में सिर्फ नम्रता की रोने की आवाज आ रही थी...
कमरे के बाहर बैठे उस आदमी के गुंडे नम्रता की सिसकारी के मजे ले रहे थे....
उनमें से एक ने बोला- इसकी मां को चोद के मजा आ गया... क्या माल है यार.... क्या चूची थी ? मेने तो चूस चूस के चोदा..
तो फिर और एक ने बोला- हट बे, साली की चुत ढीली हो चुकी है... मुझे मजा नहीं आया... एक तो वो मेरी माँ की उम्र की है, दूसरी उसकी ढीली चुत को चोद चोद के में थक गया था....
तो और एक ने कहा- अबे साले तेरा लन्ड छोटा है, इसलिए उसकी चुत के अंदर तेरा लन्ड ढीला जा रहा था... तेल लगाना सुरु तेरे लन्ड पर बहनचोद.... पर जो भी कहो साली इतनी उमर की औरत हो कर बहुत चुदककड़ है... में तो बॉस से request करूँगा की उस रांड को फिर एक बार किडनेप करके Rape कर लूं, तब जाके मेरे लन्ड को शांति मिलेगा.....
इस बात पर सब हंसने लगे...
अंदर नम्रता जोर जोर से चिल्ला रही थी... उस शख्श नम्रता को कुतिया बना कर चोद रहा था... नम्रता पुरी तरह नंगी थी... वो शख्श भी पूरी तरह नंगा था और पीछे से जोरदार धक्का मार रहा था.... हर धक्के के साथ नम्रता की बड़ी बड़ी चूची जोर जोर से हिल रहे थे... नम्रता की आंख पे पट्टी बंधी हुई थी और वो रोये जा रही थी.....
नम्रता- आआआहमहहहहहहहह.. प्लीज मुझे छोड़ दो.... में मर जाउंगी, प्लीज इसको बाहर निकालो...
अनजान आदमी- इसमें सब तेरी मम्मी की गलती है... साली की एक गलती के लिए तू आज मेरी रंडी बनके चुद रही है.. तेरी तब तक चुदाई करूँगा जब तेरे मम्मी से बदला ना लूं...
नम्रता- नहीं मुझे छोड़ दो... मेरी क्या गलती है ?
अनजान शख्श- तेरी कोई गलती नहीं है... वो तो भगवान की गलती है जो तुझे इतना रसीली बनाया है... साली तुझे देख के ही लन्ड खड़ा हो रहा है....
उस अनजान शख्श ने नम्रता को लगातार 5 बार Rape किया... नम्रता की जिस्म अधमरी हो कर बेड पर गिरी थी....
फिर वो अनजान शख्श कमरे से बाहर आया और उसके आदमियों को बोला- खबरदार कोई भी इसको छूना भी मत, ये मेरा रांड है इसको में ही ठोकूँगा.....
सब आदमी एक साथ बोले- Yess Boss......
उनमें से एक आदमी ने कहा- बॉस इस लड़की की माँ बहुत बड़ी रांड है, आप इजाजत दें तो उसे और एक बार किडनेप कर लें और इस बार उसे यहां लाएंगे...
अनजान शख्श- क्यों बे तुझे बहुत मन कर रहा है उसे चोदने की ?
वो वोला- हां बॉस... साली की चूची बहुत याद आ रहा है.... मस्त माल है बॉस.....
अनजान शख्श- थोड़ा सा सब्र कर कालू .. टाइम आने पर उसको भी यहां लाएंगे, और उसके घर में और एक रंडी है उसकी बहु, उसकी चुत का taste भी तुम लोगों को ही करना है, तुम लोगों से पहले में थोड़ा चख लूंगा... क्या है ना "चुत" मेरी कमजोरी है.....
सब आदमी खुश होने लगे....
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रात हो चुकी थी और इधर जनार्दन परेशान था कि उसकी बेटी नम्रता कहाँ गयी ? वो बाहर जा कर रघु को पूछा- क्या तुने नम्रता को देखा ?
रघु- जी वो और मालकिन तो आज सुबह गाड़ी से बाहर जा रहे थे....
जनार्दन- क्यों तु उन लोगों के साथ नही जा सकता था क्या ? तुझे पता है ना राजेश का कल किडनेप हो चुका है....
रघु- जी मालिक, मुझे पता है... लेकिन मालकिन मुझे मना किया उनके साथ जाने के लिए...
जनार्दन- क्यों ?
रघु- जी में वो नहीं जानता....
जनार्दन गुस्से में दिख रहा था, फिर बोला- अच्छा ध्यान से सुन, कल पास वाले सहर से पुलिस इंस्पेक्टर आने वाले हैं inquiry के लिए, सच सच बता देना जो तुझे पता है...
रघु- ठीक है मालिक....
फिर जनार्दन वापस बंगले के अंदर आ ही रहा था कि बालकनी के ऊपर खड़ी सुलक्षणा ने आवाज लगाई- चौधुरी साहब क्या हुआ मूड ठीक नहीं है क्या ?
जनार्दन वहीं रुक गया और बोला- हाँ थोड़ा टेंशन है.....
सुलक्षणा- ऊपर आइये, मूड फ्रेश कर देती हूं (एक आंख मार के)
जनार्दन- नहीं आज नहीं... कल देखता हूँ...
फिर जनार्दन सीधा सावित्री की रूम पे चला गया...
सुलक्षणा ने फिर नीचे खड़े रघु को देख के बोली- अब तुम ही आ जाओ, प्यास तो बुझानी ही पड़ेगी... हाय साली कमसिन जवानी (एक आंख मारके सेक्सी स्माइल करने लगी)
रघु ऐसी मौका छोड़ना नहीं चाहता था, वो सीधा सुलक्षणा की कमरे में चला गया....
जनार्दन सीधा सावित्री की कमरे में जा कर चिल्लाने लगा- साबित्री कहां है तू ?
सावित्री बेड पर नाइटी पहनी हुई लेटी थी....
जनार्दन- तेरी बेटी कहां खो गयी है और साली तुझे नींद आ रही है बहन की लोड़ी.....
सावित्री- तो ?
जनार्दन- तो क्या बहनचोद ? रघु बोल रहा है कि आज सुबह नम्रता तेरे साथ बहार गयी थी, तो फिर वो वापस क्यों नहीं आयी ?
सावित्री- मुझे नहीं पता...
जनार्दन को बहुत गुस्सा आ गया .. और वो सावित्री की गाल पे कस के एक थप्पड़ मारा और बोला- बहनचोद तुझे पता नहीं है वो तेरे साथ गयी थी ना ...
सावित्री जोर से चिल्लाई- माआआआआआ.... मर गयी...
जनार्दन- बोल तेरे साथ गयी थी तो वो कहाँ गयी ?
सावित्री की गाल लाल हो गयी थी, लेकिन वो बता नही पा रही थी, अगर वो बता देगी तो सब राज खुल जाएंगे....
जनार्दन ने कस के और एक थप्पड़ जड़ दिया... साबित्री दर्द के मारे तड़पने लगी....
सावित्री- क्यों मुझे मार रहे हो ?
जनार्दन- मादरचोद रांड... मेरी बेटी को किधर छोड़ दिया और बोल रही है क्यों मारू, तेरी मां की चुत मादरचोद....
जनार्दन साबित्री की बाल खिंच खिंच पीटने लगा....
सावित्री दर्द के मारे रो रही थी...
सावित्री फिर भी कुछ नहीं बोल रही थी...
जनार्दन ने कहा- तू ऐसे नहीं मानेगा रण्डी,रुक.....
जनार्दन ने एक डंडा ले के आ गया, सावित्री डंडे देख कर डर गई और बोली- देखो मुझे मत मारो...
जनार्दन- तो फिर बता मेरी बेटी कहाँ है ?
सावित्री चुप थी....
जनार्दन ने डंडे उठा कर एक डंडा साबित्री की जांघ पे मारा...
सावित्री- माआआआ मर गयी....
जनार्दन- बोल बहनचोद, वैसे भी कल पुलिस आएगी, तुझे बताना तो पड़ेगी ही... चल अब बता...
सावित्री चाह कर भी कुछ बोल नहीं पा रही थी...
सावित्री उठ कर कमरे के बाहर भागने की कोसिस करने लगी, तभी जनार्दन ने उसे पकड़ लिया और डंडे से कस के एक डंडा सावित्री की गांड पे मारा...
सावित्री की गांड इतनी बड़ी थी कि डंडा बजने पर भी गद्दी जैसी डंडा उछल गयी....
जनार्दन- कहाँ भाग रही है बहनचोद ? आज तेरी गांड को मार मार के लाल करूँगा...
फिर साबित्री को बेड पर उल्टा लिटा दिया, ताकि उसकी गांड ऊपर हो...
फिर जनार्दन लगातार सावित्री की गांड पर डंडा से पीटने लगा...
बड़ा सा डंडा सावित्री की गांड पर बज रहे थे और सावित्री हर डंडे के साथ रो रही थी....
उस रात जनार्दन ने पिट पिट कर सावित्री की गांड को लाल कर दिया....
जनार्दन के जाने के बाद कुछ समय बाद सुलक्षणा सावित्री के कमरे में नारियल तेल ले कर आ गयी....
सुलक्षणा कुछ समय पहले रघु से चुद रही थी.. लेकिन सावित्री की रोने की आवाज आने के बाद दोनों ने चुदाई जल्दी जल्दी खत्म कर दिए...
सुलक्षणा सावित्री के कमरे में आके बोली- सावित्री जी, मुझे पता है आपको बहुत दर्द हो रहा है, देखिए में एक नर्स हुँ... में आपकी दर्द दूर कर सकती हूं...
सावित्री रोते हुए बोली- तुम क्या कर लोगे सुलक्षणा ?
सुलक्षणा- में आपकी दर्द समझ रही हूं...
सावित्री- तुम क्या करोगे बोलो ?
सुलक्षणा- मुझे बताइये कहाँ पे दर्द हो रही है, में मालिश कर दूंगी, ठीक हो जाएगी....
सावित्री ने अपनी नाइटी को ऊपर उठा कर अपनी गांड को दिखाते हुये बोली- देख लो....
सावित्री की गांड लाल लाल हो कर ऊपर की चमड़ी निकल गयी थी, थोड़ी थोड़ी खून बाहर निकली हुई थी...
सुलक्षणा- ऊइमा इतनी बेरहमी दे मारा है क्या ?
सावित्री- मादरचोद भड़वा बहन के लौड़े (जनार्दन को गाली देते हुए)
फिर सुलक्षणा ने कहा- ठीक है अपनी नाइटी पूरा उतार दो...
सावित्री नाइटी पुरी उतार के मुंह के बल बेड पर लेट गयी... सावित्री सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी...
सुलक्षणा ने सावित्री की panty उतार दी... और गांड के ऊपर नारियल तेल लगा कर मालिश करने लगी.... सुलक्षणा धीरे धीरे गांड के ऊपर मालिश कर रही थी.... सावित्री को अच्छी लग रही थी... सुलक्षणा की हाथ उसको अछि लग रही थी.... कुछ देर साबित्री की गांड को मालिश करने के बाद सुलक्षणा बोली- अब सीधी लेट जाओ...
सावित्री सीधी लेट गयी.... सुलक्षणा के सामने साबित्री की बड़ी बड़ी 38 की चूची ब्रा में कैद थी....
सुलक्षणा- आपकी चूची की मालिश कर दूं, बहुत मजा आएगी आपको...
सावित्री सुलक्षणा को देख के हंस दी और बोली- अब तुमसे क्या छुपाना... तुम एक औरत ही तो हो....
फिर सुलक्षणा ने सावित्री की ब्रा को उतार दिए, ब्रा उतर ते ही बड़ी बड़ी चूचीयां तन के खड़ी थी..
सुलक्षणा चुचियाँ देख कर बोली- अरे वाह !! चौधुरी साहब ने तो कमाल कर दिए हैं (हंसते हुए)
सावित्री हंस रही थी...
सुलक्षणा- ये बताईय मेडम, इसमें चौधुरी साहब के अलावा कितने मर्दों के हाथ लग चुके हैं (हंसते हुए)
सावित्री- अब तुमसे क्या छुपाना ? बहुत सारे मर्दों के हाथ लगे हैं, नाम नहीं ले सकती....
सुलक्षणा- चलिए हाथ तो लगते रहेंगे....
सुलक्षणा दोनो चूची पर नारियल तेल की कुछ बूंदें डालने लगी और धीरे धीरे दोनो चूची पर हाथ से मसाज करने लगी...
सुलक्षणा के Boobs मसाज से सावित्री धीरे धीरे उत्तेजित हो रही थी....
सुलक्षणा बीच बीच में Nipples को खींच रही थी....
सावित्री- ऊईमा .....
सुलक्षणा हंसते हुए चूची को मसाज कर रही थी....
सावित्री की चेहरा धीरे धीरे कामुक हो रही थी....
सावित्री- ओह !!
सुलक्षणा- क्यों मजा आ रही है ना !!!
सावित्री- हाँ
सुलक्षणा दोनो हाथों से हल्के हल्के दोनो चूची को दबा रही थी...
सावित्री- आहहह उहहह आहहह उहहह...
सुलक्षणा भी बड़े मजे से सावित्री की दोनो चूची को दबा रही थी...
सुलक्षणा की हाथ चूची दबाते दबाते सावित्री की नाभि पर आ गयी... और नाभि की मसाज करने लगी...
सावित्री अब पूरी तरह कामुक हो चुकी थी.. उसके मुंह से मादक भरी सिसकियां निकल रही थी "आहहहहहहह उहहहहहह ममममममम ससससससस....
सुलक्षणा सेक्सी हंसी हंसते हुए सावित्री की नाभि की मसाज कर रही थी....
सुलक्षणा नाभि की मसाज करते करते उसकी हाथ को सावित्री की जांघ पर ले गयी और जांघ पर थोड़ी सी तेल डाल कर जांघ को सहलाने लगी.... साबित्री अब पूरी तरह कामुक हो गयी थी और अपनी निचली होंठ को दांतों से दबा रही थी.... उसे सुलक्षणा की हाथों की स्पर्श मजा दे रही थी...
सुलक्षणा सावित्री की दोनों जांघों को तेल लगा कर मसाज कर रही थी.....
सावित्री- ओह आहह ओह आहह सुलक्षणा रहने दो... में खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रही हूं....
सुलक्षणा- मसाज की पूरा मजा लीजिये ना , मजा आ जायेगी...
सावित्री- ओह में खुद को रोक नही पा रही हूं और अभी किससे अपनी प्यास बुझाऊँ ?
सुलक्षणा- में हूँ ना.....
सावित्री- तुम ? (चौंकते हुए)
सुलक्षणा- क्यों हमेशा मर्द ही औरत की प्यास बुझा सकता है क्या, औरतें भी औरत की प्यास बुझा सकती है अपने तरीके से....
सावित्री (हंसते हुए)- ठीक है, आजमा लो....
सुलक्षणा- ये हुई ना औरतों वाली बात !!!
सुलक्षणा उसके बाद सावित्री की पैंटी उतार दी.... अब सुलक्षणा के सामने सावित्री की झांटो से भरी चुत थी.... चुत के आसपास इतने झांट थे कि चुत मुश्किल से नजर आ रही थी....
उसने सावित्री के चुत के ऊपर थोड़ा सा तेल डाल दिये और अपने हाथों से हल्की हल्की मसाज करने लगी...
साबित्री- उफ्फ !!ओहहह सुलक्षणा....
सुलक्षणा धीरे धीरे चुत की मसाज कर रही थी...
सावित्री की चेहरे पे कामुकता साफ नजर आ रही थी, चेहरे लाल पड़ गए थे, चुचियाँ कामुकता की वजह से कठोर हो गए थे... सुलक्षणा चुत मसाज करते करते एक उंगली को चुत के अंदर डाल दी....
सावित्री- आउच... ओहह मममम
सुलक्षणा हंसते हंसते एक उंगली को चुत के अंदर बाहर कर रही थी....
सावित्री अब पूरी तरह मदहोश हो चुकी थी .......
सुलक्षणा धीरे धीरे और एक उंगली को चुत में डाल दी और चुत के अंदर बाहर करने लगी....
सावित्री- ओहहह आहहहह
सुलक्षणा अब धीरे धीरे उंगली की स्पीड बढा रही थी.... जैसे ही उंगली मारने की स्पीड बढ़ रही थी वैसे ही सावित्री की सिसकियां लेने को स्पीड बढ़ रही थी....
सुलक्षणा अब जोर जोर से सावित्री की चुत उंगली से मार रही थी...
सावित्री कामुक हो कर सिसकियां ले रही थी " आहहहहहह उहहहह सुलक्षणा.... मजा आ रही है... जोर से चोदो.....
सुलक्षणा जोर जोर से चुत पे उंगली मार रही थी....
सावित्री- सुलक्षणा मुझे लन्ड चाहिए.... उंगली से अच्छी नहीं लग रही है...
सुलक्षणा हंसते हुए- पार आप अभी किससे चुदेगी.. आपके पति के साथ तो आपकी झगड़ा हो गयी... रही बात आपकी आशिक राजेश की वो तो किडनैप हुआ है ... फिर तुम अपने बेटे रंजीत से तो चुद नहीं सकती... दोनो नौकर रघु और परमेस्वर घर चले गए हैं... अब बचा है तो सिर्फ Watchman... क्या उसको बुला लू ?
सावित्री- रहने दो सुलक्षणा...
सुलक्षणा हंस रही थी....
सावित्री- तुम बस एक काम करो, किचन जाओ और वहां से बड़े बड़े बैंगन ले कर आओ, वहीं से मेरी प्यास बुझेगी...
सुलक्षणा- ठीक है
सुलक्षणा ने चुत से अपनी उंगली निकाल ली, चुत के अंदर उंगली होने की वजह से उंगली में कुछ चिपचिपा पदार्थ लगे हुए थे...
सुलक्षणा एक बड़े से बैंगन ले कर आई और सावित्री की चुत में डाल दी.... बेंगन पूरी तरह चुत के अन्दर घुस गई.... जिससे एक आवाज आई "फ़चकककककक....
सावित्री- उईमा...... हां अब चोदो ...
सुलक्षणा वही बड़े बेंगन से सावित्री की चुत मारने लगी.... सावित्री आहे भर रही थी...
सुलक्षणा- मुझे पता है तुम्हे इससे भी मजा नहीं आ रही है, क्योंकि औरत की चुत को एक मर्द की लन्ड ही मजा दे सकता है... लेकिन अफसोस कोई मर्द अभी नहीं है यहां.....
सावित्री- हां सुलक्षणा, अभी राजेश पास होता तो खूब मजे देता....
सुलक्षणा- तुम राजेश को बहुत प्यार करते हो ना !!!
सावित्री- हां सुलक्षणा ...
सुलक्षणा- लेकिन वो तो तुम्हारी दामाद है...
सावित्री- लन्ड और चुत कोई रिश्ता नहीं देखते... बस उन्हें मजा चाहिए....
सुलक्षणा- राजेश का कुछ पता चला ?
सावित्री- हां है कोई अनजान शख्श जो मुझे फोन करके डराता है ये उसी का काम है, उसने ही मेरी बेटी नम्रता को किडनेप किया है...
सुलक्षणा अब बड़े ही तेजी से बैंगन से चुत मार रही थी.... कुछ समय के बाद सावित्री झड़ गयी, पूरे बैंगन मैं सावित्री की चुत रस लगी हुई थी....
सुलक्षणा- लो हो गयी काम...
सावित्री अब बेड से उठ के बेठ गयी और सुलक्षणा को देख के बोली- Thank You मेरी मसाज करने के लिए...
सुलक्षणा- अब पिछवाड़े में दर्द केसी है ?
सावित्री- अभी ठीक है....
सुलक्षणा- अच्छा चलो में जाति हुँ, में भी काफी गरम हो चुकी हूं..
सावित्री (हंसते हुए)- रंजीत को अपने कमरे में बुला के अपनी प्यास बुझा लो...
सुलक्षणा- वो तो बुला ही लुंगी... चलो में जाति हूं...
सावित्री- अच्छा सुनो और एक आखरी बात...
सुलक्षणा- हैं बोलो...
सावित्री- कल जो यहां पे एक पुलिस इंस्पेक्टर आएगा inquiry के लिए राजेश और नम्रता के खोने की जांच करने के लिए, वो Inspector किस टाइप का आदमी है, कुछ पता है तुम्हे ?
सुलक्षणा- हां मुझे पता है, वो मेरे शहर की ही रहने वाला है तो मुझे ठीक से पता है... वो एक नम्बर की हरामी है, बहुत ही हरामी, औरतों की थोड़ी सी भी इज्जत नहीं करता, हवसी दरिंदा है वो, जहां औरत देखी वहां सुरु हो जाता है, बहुत बड़ा चोदू है साला....
सावित्री कुछ सोच में पड़ गयी...
सावित्री- अच्छा बता ये FIR किसने दिया ?
सुलक्षणा- तुम्हारे पति ने और कौन ?
सावित्री- अब तुम जाओ...
सुलक्षणा वहां से सीधा अपने कमरे में आई और फ़ोन लगाने लगी...
सुलक्षणा- हेलो जनार्दन जी...
जनार्दन- हां बोलो...
सुलक्षणा- अभी मेरी चुत में आग लगी है, आप आओगे या आपके बेटा रंजीत को बुलाऊँ ?
जनार्दन- एक काम करो, तुम मेरे कमरे में आ जाओ....
सुलक्षणा- नहीं, आप मेरे कमरे में आ जाओ, नहीं तो में रंजीत को बुला लेती हूं...
जनार्दन- अरे में जा रहा हूँ रुको...
जनार्दन मन ही मन बोल रहा था- ये साली रांड की भी बहुत नखरे हैं....
जनार्दन सुलक्षणा के कमरे में गया और दोनों चुदाई करने लगे...
उधर सावित्री बस यही सोच रही थी कि- कल जो इंसेक्टर आएगा वो उससे कैसे सामना करेगी ? उसे सच बताना ही पड़ेगी....
ये सोचते सोचते उसकी आंख लग गयी....
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उसी रात की बात है, रघुनाथपुर के पास वाले सहर बिनका के एक पुलिस स्टेशन की दृश्य है.....
जहां पे पुलिस स्टेशन के बाहर कुछ सिपाही बैठे हुए थे.... लेकिन अंदर से एक औरत की सिसकियां लेने की आवाज आ रही थी..…
अंदर एक टेबल के ऊपर वो औरत को एक हट्टा कट्टा मर्द पकड़ के चोद रहा था... वो औरत पुलिस की बर्दी में थी, लेकिन सिर्फ शर्ट पुलिस की थी लेकिन नीचे पूरी तरह नंगी.... और वो आदमी ऊपर बनियान पहना था और नीचे बिल्कुल नंगा....
वो आदमी उस औरत को बहुत ही तेजी से चोद रहा था... उस औरत की सिसकारी पूरे पुलिस स्टेशन में गूंज रही थी और उसके बड़े बड़े चूची पुलिस की बर्दी के अंदर ही हिल रहे थे... वो आदमी उस औरत को टेबल पर लिटा के खुद खड़ा हुआ था और उस औरत की दोनो टांगों को अपने कंधे पर रख कर शॉट पे शॉट मार रहा था.....
आदमी- मुझे पहले से बोल देती की तेरा पति नामर्द है तो तेरे अब तक 3,4 बच्चे होते....
औरत- हां Sir.... आपसे पहली बार चुद रही हूं.... में माँ बनूँगी ना !!!
आदमी- 100% माँ बनेगी... जिस औरत की चुत में इंस्पेक्टर ओमपाल सिंह का वीर्य गिरता है ना उसको माँ बनने से कोई नहीं रोक सकता..... बस लगातार 10 साल मुझसे चुदती रह, तेरे 5,6 बच्चे पैदा कर दूंगा....
औरत- हाँ sir.... अब से ये कांस्टेबल वंदना आपकी है....
वो आदमी इंस्पेक्टर ओमपाल सिंह था जो कि बहुत ही खूंखार, रिस्वतखोर और हवसी पुलिस अफसर था... रंडीबाजी करने में उसे महारत हासिल थी... बड़े बड़े अमीरों और नेताओं की बीवियों को चोद चुका था.....
और उस औरत उस पुलिस स्टेशन की कांस्टेबल "वंदना" थी... उमर लगभग 38 साल की होगी, पति नामर्द होने की वजह से इंस्पेक्टर ओमपाल सिंह से चुदवा रही थी... बड़ी बड़ी चूची और गांड पे पुलिस स्टेशन के सारे मर्द उसपे फिदा थे पर ओमपाल सिंह ने सबको धमकाया था कि उसको सिर्फ वो ही पेलेगा....
ओमपाल सिंह तेज रफ्तार से वंदना को चोद रहा था.... कुछ देर चोदने के बाद वो झड़ गया और सारा पानी वन्दना की चुत में डाल दिया....
चुदाई खत्म होने के बाद वन्दना बोली- Sir मेरे बच्चे होने के बाद बताऊंगी की आप उसके बाप हो...
ओमपाल सिंह (हंसते हुए)- जरूर बताना.....
ओमपाल और वन्दना अपने कपड़े पहन कर पुलिस स्टेशन के बाहर आ गए जहां पे बाकी पुलिस कर्मी बैठे हुए थे....
ओमपाल सिंह- चलो में घर चलता हूँ, कल सुबह रघुनाथपुर जाना है चौधुरी के बंगले में inquiry के लिए.... वन्दना चल तुझे तेरे घर में छोड़ देता हूँ....
वन्दना- ठीक है sir...
फिर दोनों जीप में बैठ कर पुलिस स्टेशन से बाहर निकल गए...
दोनो के जाने के बाद एक हवलदार ने बोला- अब ये कांस्टेबल वन्दना हमारे ओमपाल sir की रांड बन गयी और हर रोज ओमपाल sir की लन्ड चुसेगी...
फिर सब हंसने लगे........
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